hotaks444
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ससससससहहहहहहह....राहुल.... बड़ा तगड़ा लंड है रे तेरा... तूने तो मेरी बुर.. को फैला ही दिया... बस बेटा अब तू अपने लंड को युं ही मेरी बुर में अंदर बाहर करके चोद.... चोद मेरे राजा....( विनीत की भाभी की बातें सुनकर राहुल का जोश बढ़ गया ओर जेसा वीनीत की भाभी बोली थी ठीक वैसे ही उसने अपने लंड को बाहर की तरफ खींचा... और फिर से एक जबरदस्त करारा धक्का बुर के अंदर लगाया... ल़ंड फिर से सब कुछ चीरता हुआ वापस वीऩत की भाभी के बच्चेदानी से टकराया... और फिर से इस बार वीनीत की भाभी के मुंह से सिसकारी के साथ उसकी आह निकल गई। विनीत की भाभी की आह सुनकर राहुल को बहुत ज्यादा आनंद प्राप्त हो रहा था। उसे आज पहली बार एहसास हुआ कि बुर क्या चीज होती है. राहुल पसीने पसीने हो गया था बुर की गरमी लंड से होते हुए उसके पूरे बदन को तपा रही थी। राहुल अपने आप को संभाल नहीं पा रहा था उसे ऐसा लगने लगा था कि बुर की गर्मी में कहीं उसका लंड तपकर गल ना जाए.. उसे नहीं मालूम था कि वाकई मे बुर इतनी गर्म होती है। .....( दोबारा अपनी बुर में करारा धक्का खाकर वीनीत की भाभी बोली।)
बस बेटा इसी तरह से चोद मुझे फाड़ दे मेरी बुर को समा जा मेरी बुर में ...जैसे तेरा मन करता है वैसे मुझे चोद़ ...मेरी प्यास बुझा दे खुजली मिटा दे मेरी बुर की...( वीनीत की भाभी चुदवासी हो कर जो मन में आ रहा था वह बड़बड़ाए जा रही थी। और विनीत की भाभी के मुंह से इतनी गंदी बातें सुनकर राहुल के बदन में नशा सा होने लगा था उसका जोश दुगना हो चला था। और उसने फिर से अपने लंड को बाहर की तरफ खींचा और वापस अंदर की तरफ ठुंस दिया... अब राहुल का लंड वीनीत की भाभी की बुर
अब राहुल का लंड वीनीत की भाभी की बुर में अंदर बाहर होने लगा था वह अपने लंड को अंदर बाहर करते हुए वीनीत की भाभी को जबरजस्त धक्कों के साथ चोद रहा था। कुछ ही देर में राहुल की सिसकारी छूटने लगी' अब राहुल को एहसास हो रहा था कि चुदाई करने में कितना मजा आता है।
विनीत की भाभी कुछ ज्यादा ही प्रसन्न नजर आ रही थी जबरदस्त चुदाई के कारण उसका चेहरा तमतमा गया था। पहली बार वीनीत की भाभी को चुदाई का असली मजा मिल रहा था। राहुल का लंड सटा सट बुर के अंदर बाहर हो रहा था। राहुल को तो अभी भी यकीन नहीं हो रहा था कि वह किसी औरत को चोद रहा है। इतनी जल्दी उसे ये शुभ अवसर मिलेगा यह सच में उसके लिए यकीन के बाहर था।
कुछ ही देर मे बुर से फच्च फच्च की आवाज आने लगी। लेकिन यह आवाज पुरे कमरे एक मधुर संगीत की तरह बजने लगी। कमरे का पूरा वातावरण संगीतमय हो गया था।
राहुल का हर धक्का जबरदस्त पड़ रहा था, हर धक्के के साथ पूरा पलंग हचमचा जा रहा था वाकई मे राहुल के लंड का प्रहार वीनीत की भाभी की बुर मे ईतना तेज हो रहा था की खुद वीनीत की भाभी भी आगे की तरफ सरक जा रही थी। तभी चोदते हुए राहुल की नजर उस की बड़ी-बड़ी खरबूजे जैसी चुचियों पर पड़ी' और उससे रहा नहीं गया उसने अपनी दोनों हथेली को भाभी के दोनों खरबूजों पर रख दिया ' चूचियों पर हथेली पड़ते ही राहुल पूरी तरह से गनगना गया उसके बदन में इतना ज्यादा जोश बढ़ गया कि वह जोर जोर से चूचियों को मसलने लगा। इससे विनीत की भाभी का मजा दुगुना हो गया ।
वीनीत की भाभी दोनों जाँघों को फैलाकर राहुल के लंड को बड़ी तेजी से अपनी बुर के अंदर बाहर ले रही थी।
वीनीत की भाभी दुसरे पॉजीशन मे चुदवाना चाहती थी लेकीन राहुल ईतना मस्त चुदाई कर रहा था की वह एक पल भी बिना लंड के गंवाना नही चाहती थी। ईसलिए वह ईसी पॉजीशन मे चुदवाने का मजा लेती रही।
करीब ३५ मिनट की चुदाई के बाद वीनीत की भाभी की सिसकारीयों की आवाज बढ़ने लगी .. वीनीत की भाभी अब चरमसीमा की तरफ बढ़ने लगी थी। पुरे कमरे मे उसकी सिसकारीयां गुंजने लगी।
आहहहहहह...राहुल.... ओर जोर से...ऊममममममम...।ओह मेरे राजा...चोद मुझे....आहहहहह.....
( ओर थोड़ी ही देर मे वीनीत की भाभी ने राहुल को अपनी बांहो मे कस के भींच ली.... ओर सिसकारी भरते हुए अपना मदन रस की पिचकारी छोड़ दी.. राहुल भी कुछ ही देर मे अपने लंड की पिचकारी वीनीत की भाभी की बुर मे छोड़ दीया ओर भाभी के ऊपर ही ढह गया।
राहुल अपने गर्म पानी का बौछार विनीत की भाभी की बुर में करके निढाल होकर उसके ऊपर पड़ा था। दोनों हांफ रहे थे, विनीत की बात भी तो अभी भी राहुल को अपनी बाहों में कसी हुई थी मेरा मुन्ना राम और बड़ी बड़ी चूचियां राहुल के छातियों से दबी हुई थी जिसकी निकोली निप्पले सुई की तरह चुभ रही थी।
आज बरसों के बाद विनीत की भाभी सावन का बादल बनके राहुल के ऊपर बर्सी थी। राहुल का लंड अभी भी वीऩत की भाभी की बुर में समाया हुआ था जिस में से दोनों का मिला जुला काम रस बुर से होता हुआ उसकी गांड की किनारी पकड़ कर बिस्तर को भिगो रहा था। वासना का तूफान थम चुका था लेकिन दोनों की सांसे अभी भी गहरी चल रही थी। राहुल आंख मुंदे उसकी छातियों पर पड़ा था। चुचियों की गर्माहट उसे बहुत ही शांति पहुंचा रही थी । चुचियों का स्पर्श उसे बहुत ही अच्छा लग रहा था।
विनीत की भाभी को राहुल पर बहुत ज्यादा प्यार उमड़ रहा था वह अपनी उंगलीयो से उसके बालों को सहला रही थी। और प्यार उमड़े भी क्यों ना उसने जो आज चुदाई का असीम सुख उसे दिया था वह आज तक किसी मर्द ने उसे नहीं दे पाया था। इसलिए तो वह इतनी गर्म सिसकीरीयां ले लेकर उस से चुदवा रही थी कि राहुल का तो दिमाग ही ठनठना गया था।
औरत एैसी अजीब-अजीब चुदवाते समय जोश से भरी हुई आवाजे निकालती है इसका ज्ञात राहुल को इसी समय चला था। राहुल को सिसकारियों की आवाज इतनी ज्यादा सुमधुर लगी थी कि उसकी कानों में अभी भी वो आवाजे ही गुंज रही थी। राहुल के बालों को सहलाते हुए विनीत की भाभी बोली।
राहुल आज मैं बहुत खुश हूं आज तुमने ईस प्यासन को अपना गरम जल पिलाकर.. तृप्त कर दिया है।आज मेरी बुर ने जानी है की असली लंड क्या होता है.( राहुल उसकी चूचियों पर ही लेटा रहा) राहुल पहली बार की ही चुदाई में तूने मुझे दो बार झाड़ दिया.
( राहुल उसकी बातें सुनकर मन ही मन खुश हो रहा था और मन ही मन विनीत की भाभी को धन्यवाद भी कर रहा था उसने जो उसे आज दी थी उसे से राहुल की पूरी दुनिया ही बदल गई थी।
कुंवारे लंड का मालिक राहुल अब कुंवारा नहीं रह गया था अब एक लड़के से मर्द बनने का सफर उसका शुरू हो चुका था। राहुल के कानों में तो बार-बार विनीत की भाभी की सू मधूर सिसकारियां गूंज रही थी। वह मन ही मन में सोच रहा था कि कैसे वीनीत की भाभी चुदवाते समय गरम गरम सिसकारियां और आहे भर रही थी।
विनीत की भाभी के बदन के ऊपर से राहुल का उठने का मन ही नहीं कर रहा था वीनीत की भाभी का गुदाज बदन उसे डनलप का गद्दा लग रहा था।
अच्छा तो विनीत की भाभी को भी लग रहा था वह दोनो नग्न अवस्था में एक दूसरे से चिपके बिस्तर पर लेटे हुए थे भला एक कामुक औरत के लिए इससे अच्छा पल और कौन सा हो सकता है। लेकिन फिर भी बिस्तर पर पीठ के बल लेटे लेटे राहुल के धक्को को सहन करते करते उसकी पीठ दर्द करने लगी थी' इसलिए ना चाहते हुए भी उसने राहुल को अपने ऊपर से उठाते हुए खुद उठने लगी, आखिरकार राहुल भी कब तक उसके ऊपर लेटे रहता वह भी उठने लगा लेकिन राहुल का लंड अभी वीनीत की भाभी की बुर में फंसा हुआ था। जिस पर दोनों की नजर आकर टीक गई, दिनेश की भाभी बड़ी उत्सुकता से अपनी बुर की तरफ देख रही थी जिसमें कि राहुल का लंड घुसा हुआ था अभी भी उसे अपनी बुर में राहुल के लंड़ के कड़कपन का एहसास हो रहा था। अपने लंड को वीनीत की भाभी की बुर में घुसा हुआ देखकर एकबार फीर से राहुल का मन डोलने लगा। एकबार फीर चुदाई के इस अद्भुत खेल को खेलने की उसकी इच्छा प्रबल हो गई। राहुल अपने लंड कों वीनीत की भाभी की बुर से निकालना नहीं चाहता था' विनीत की भाभी को उसके कड़कपन का अहसास अपनीे बुर में बराबर हो रहा था वह एकदम से हैरान हो रही थी कि पानी निकलने के बाद भी उसका लंड तनिक भी ढिला नहीं पड़ा था। फिर भी राहुल बेमन से अपने लंड को बुर के अंदर से बाहर की तरफ खींचा, लंड बुर की दीवारों में रगड़ खाता हुआ गप्प की आवाज करता हुआ बुर के बाहर निकल गया। लंड को देखकर वीनीत की भाभी का भी मन फीर से डोल गया। लेकिन दिन आपकी भाभी को जोरों से पेशाब लगी थी इसलिए वह राहुल को बोली।
राहुल तुम ही खड़े रहो मुझे जोरों की पेशाब लगी है मैं पेशाब करके आती हूं।( दिनेश की भाभी की यह बात सुनकर राहुल का लंड एक बार ठुनकि मारा जिस पर वीनीतं की भाभी की नजर पड़ गई वह मन ही मन मुस्कुराते हुए रूम से अटैच बाथरूम की तरफ बढ़ गई।
विनीत की भाभीें संपूर्ण नग्नावस्था में ही चलते हुए बाथरुम की तरफ जा रही थी जिसे पीछे से देखकर राहुल का लंड टनटना के और भी ज्यादा टाइट हो गया- मटकती हुई बड़ी बड़ी गांड देखकर राहुल के मुंह में पानी भर आया .. राहुल वहीं खड़े खड़े वीनीत की भाभी को बाथरूम में जाते हुए देख रहा था। विनीत की भाभी बाथरुम के अंदर जाकर कुछ सेकंड खड़ी ही रही राहुल को लगा कि वह दरवाजा बंद करेगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ विनीत की भाभी एक बार पीछे की तरफ राहुल को देखि जो कि वह उसी को देख रहा था और वीनीत की भाभी बिना किसी शर्म के राहुल की तरफ देखते हुए एक बार फिर मुस्कुराई और एक बार बड़ी ही मादक अदा से अपने भारी भरकम गांड को पीछे की तरफ उभारकर वही राहुल देख सके इस तरह से बैठकर पेशाब करने लगी। वह इतना मादक दृश्य था कि राहुल अपनी नजरें चाह कर भी नहीं हटा पा रहा था।
इस चुदास से भरे नजारे को देखकर राहुल का लंट ठुनकी मारने लगा।
वीनीत की भाभी ने जानबूझकर दरवाजे को बंद नहीं की थी क्योंकि वह भी यही चाहती थी थी कि राहुल उसे पेशाब करता हुआ देखकर उत्तेजित हो' । वीनीत की भाभी भी बार बार पीछे मुड़कर राहुल की तरफ देख ले रही थी और राहुल को भी उसकी तरफ देखता हूआ पाकर उसका मन मयूर नाचने लगता था।
जैसे उसकी बुर ने अपने गुलाबी पत्तियों के बीच से काम रूपी धुन छेंड़ दी हो इस तरह से एक मधुरमय संगीत पूरे कमरे में गूंज रहा था। बुर से आ रही सीईईईई.....सीईीईीईई ...करती सीटी की आवाज की बांसुरी की धुन से कम नही लग रही थी।
कुल मिलाकर बहुत ही कामोत्तेजक और अतुल्य नजारा था। कुछ ही देर मे वह पेशाब करके बड़े ही मादक अदा से गांड मटकाते हुए खड़ी हुई और अपनी बड़ी बड़ी प पइया जैसी चूचियों को हिलाते हुए राहुल की तरफ आने ली, राहुल के पास पहुंचते है उसने राहुल के टनटनाए हुए लंड पर अपना हाथ रख दी। उसकी गर्म हथेली का स्पर्श अपने गरम लंड पर होते ही राहुल एकदम से गनगना गया। और वीनीत की भाभी उसके लंड को पकड़कर मुठीयाते हुए बोली।
ओहहहह....राहुल.... तेरा टनटनाया हुआ लंड देखकर मे हैरान हुं..जानता हे क्यों?
( राहुल ने ना मे सिर हिला दिया। राहुल का जवाब सुनकर विनीत की भाभी ने अपनी हथेली को लंड पर और ज्यादा कसते हुए।)
राहुल अगर लंड से एक बार पानी निकल जाए तो लंड ढीला पड़ जाता हे ओर ईतने जल्दी खड़ा नही होता हे।
( राहुल के लंड को मुठ़ीया ही रही थी।) लेकीन तुम्हारा लंड ( ईतना कहने के साथ ही गरम सिसकारी लेते हुए) ससससससहहहहहह....राहुल...तेरा लंड तो झड़ने के बाद भी बिना ढीला हुए अभी तक खड़ा है...राहुल तेरी ताकत देखकर मेरी बुर फीर से तुझसे चुदने के लिए पनीया रही है। ( वीनीत की भाभी की ऐसी बातें सुनकर फिर से राहुल का मन मचल उठा. राहुल खुद उसे फिर से चोदना चाहता था लेकिन यह बात कह नहीं पा रहा था. विनीत की भाभी की एसी ही ख्वाहिश सुन कर उसका मन प्रसन्नता से भर गया। राहुल का जवाब सुने बिना ही वीनीत की भाभी पलंग की तरफ बढ़ी और अपना एक घुटना बिस्तर पर रख के आगे की तरफ घोड़ी बन कर झुक गई। राहुल तो कुछ समझ हीें नहीं पाया की यह कर क्या रही है। घोड़ी बने हुए यह पीछे की तरफ नजर घुमाकर राहुल को देख रही थी । लेकिन राहुल था कि वैसे ही लंड टाइट करके खड़ा था। दिनेश की भाभी उसके अनाड़ीपन को समझ गई और राहुल से बोली।
बस बेटा इसी तरह से चोद मुझे फाड़ दे मेरी बुर को समा जा मेरी बुर में ...जैसे तेरा मन करता है वैसे मुझे चोद़ ...मेरी प्यास बुझा दे खुजली मिटा दे मेरी बुर की...( वीनीत की भाभी चुदवासी हो कर जो मन में आ रहा था वह बड़बड़ाए जा रही थी। और विनीत की भाभी के मुंह से इतनी गंदी बातें सुनकर राहुल के बदन में नशा सा होने लगा था उसका जोश दुगना हो चला था। और उसने फिर से अपने लंड को बाहर की तरफ खींचा और वापस अंदर की तरफ ठुंस दिया... अब राहुल का लंड वीनीत की भाभी की बुर
अब राहुल का लंड वीनीत की भाभी की बुर में अंदर बाहर होने लगा था वह अपने लंड को अंदर बाहर करते हुए वीनीत की भाभी को जबरजस्त धक्कों के साथ चोद रहा था। कुछ ही देर में राहुल की सिसकारी छूटने लगी' अब राहुल को एहसास हो रहा था कि चुदाई करने में कितना मजा आता है।
विनीत की भाभी कुछ ज्यादा ही प्रसन्न नजर आ रही थी जबरदस्त चुदाई के कारण उसका चेहरा तमतमा गया था। पहली बार वीनीत की भाभी को चुदाई का असली मजा मिल रहा था। राहुल का लंड सटा सट बुर के अंदर बाहर हो रहा था। राहुल को तो अभी भी यकीन नहीं हो रहा था कि वह किसी औरत को चोद रहा है। इतनी जल्दी उसे ये शुभ अवसर मिलेगा यह सच में उसके लिए यकीन के बाहर था।
कुछ ही देर मे बुर से फच्च फच्च की आवाज आने लगी। लेकिन यह आवाज पुरे कमरे एक मधुर संगीत की तरह बजने लगी। कमरे का पूरा वातावरण संगीतमय हो गया था।
राहुल का हर धक्का जबरदस्त पड़ रहा था, हर धक्के के साथ पूरा पलंग हचमचा जा रहा था वाकई मे राहुल के लंड का प्रहार वीनीत की भाभी की बुर मे ईतना तेज हो रहा था की खुद वीनीत की भाभी भी आगे की तरफ सरक जा रही थी। तभी चोदते हुए राहुल की नजर उस की बड़ी-बड़ी खरबूजे जैसी चुचियों पर पड़ी' और उससे रहा नहीं गया उसने अपनी दोनों हथेली को भाभी के दोनों खरबूजों पर रख दिया ' चूचियों पर हथेली पड़ते ही राहुल पूरी तरह से गनगना गया उसके बदन में इतना ज्यादा जोश बढ़ गया कि वह जोर जोर से चूचियों को मसलने लगा। इससे विनीत की भाभी का मजा दुगुना हो गया ।
वीनीत की भाभी दोनों जाँघों को फैलाकर राहुल के लंड को बड़ी तेजी से अपनी बुर के अंदर बाहर ले रही थी।
वीनीत की भाभी दुसरे पॉजीशन मे चुदवाना चाहती थी लेकीन राहुल ईतना मस्त चुदाई कर रहा था की वह एक पल भी बिना लंड के गंवाना नही चाहती थी। ईसलिए वह ईसी पॉजीशन मे चुदवाने का मजा लेती रही।
करीब ३५ मिनट की चुदाई के बाद वीनीत की भाभी की सिसकारीयों की आवाज बढ़ने लगी .. वीनीत की भाभी अब चरमसीमा की तरफ बढ़ने लगी थी। पुरे कमरे मे उसकी सिसकारीयां गुंजने लगी।
आहहहहहह...राहुल.... ओर जोर से...ऊममममममम...।ओह मेरे राजा...चोद मुझे....आहहहहह.....
( ओर थोड़ी ही देर मे वीनीत की भाभी ने राहुल को अपनी बांहो मे कस के भींच ली.... ओर सिसकारी भरते हुए अपना मदन रस की पिचकारी छोड़ दी.. राहुल भी कुछ ही देर मे अपने लंड की पिचकारी वीनीत की भाभी की बुर मे छोड़ दीया ओर भाभी के ऊपर ही ढह गया।
राहुल अपने गर्म पानी का बौछार विनीत की भाभी की बुर में करके निढाल होकर उसके ऊपर पड़ा था। दोनों हांफ रहे थे, विनीत की बात भी तो अभी भी राहुल को अपनी बाहों में कसी हुई थी मेरा मुन्ना राम और बड़ी बड़ी चूचियां राहुल के छातियों से दबी हुई थी जिसकी निकोली निप्पले सुई की तरह चुभ रही थी।
आज बरसों के बाद विनीत की भाभी सावन का बादल बनके राहुल के ऊपर बर्सी थी। राहुल का लंड अभी भी वीऩत की भाभी की बुर में समाया हुआ था जिस में से दोनों का मिला जुला काम रस बुर से होता हुआ उसकी गांड की किनारी पकड़ कर बिस्तर को भिगो रहा था। वासना का तूफान थम चुका था लेकिन दोनों की सांसे अभी भी गहरी चल रही थी। राहुल आंख मुंदे उसकी छातियों पर पड़ा था। चुचियों की गर्माहट उसे बहुत ही शांति पहुंचा रही थी । चुचियों का स्पर्श उसे बहुत ही अच्छा लग रहा था।
विनीत की भाभी को राहुल पर बहुत ज्यादा प्यार उमड़ रहा था वह अपनी उंगलीयो से उसके बालों को सहला रही थी। और प्यार उमड़े भी क्यों ना उसने जो आज चुदाई का असीम सुख उसे दिया था वह आज तक किसी मर्द ने उसे नहीं दे पाया था। इसलिए तो वह इतनी गर्म सिसकीरीयां ले लेकर उस से चुदवा रही थी कि राहुल का तो दिमाग ही ठनठना गया था।
औरत एैसी अजीब-अजीब चुदवाते समय जोश से भरी हुई आवाजे निकालती है इसका ज्ञात राहुल को इसी समय चला था। राहुल को सिसकारियों की आवाज इतनी ज्यादा सुमधुर लगी थी कि उसकी कानों में अभी भी वो आवाजे ही गुंज रही थी। राहुल के बालों को सहलाते हुए विनीत की भाभी बोली।
राहुल आज मैं बहुत खुश हूं आज तुमने ईस प्यासन को अपना गरम जल पिलाकर.. तृप्त कर दिया है।आज मेरी बुर ने जानी है की असली लंड क्या होता है.( राहुल उसकी चूचियों पर ही लेटा रहा) राहुल पहली बार की ही चुदाई में तूने मुझे दो बार झाड़ दिया.
( राहुल उसकी बातें सुनकर मन ही मन खुश हो रहा था और मन ही मन विनीत की भाभी को धन्यवाद भी कर रहा था उसने जो उसे आज दी थी उसे से राहुल की पूरी दुनिया ही बदल गई थी।
कुंवारे लंड का मालिक राहुल अब कुंवारा नहीं रह गया था अब एक लड़के से मर्द बनने का सफर उसका शुरू हो चुका था। राहुल के कानों में तो बार-बार विनीत की भाभी की सू मधूर सिसकारियां गूंज रही थी। वह मन ही मन में सोच रहा था कि कैसे वीनीत की भाभी चुदवाते समय गरम गरम सिसकारियां और आहे भर रही थी।
विनीत की भाभी के बदन के ऊपर से राहुल का उठने का मन ही नहीं कर रहा था वीनीत की भाभी का गुदाज बदन उसे डनलप का गद्दा लग रहा था।
अच्छा तो विनीत की भाभी को भी लग रहा था वह दोनो नग्न अवस्था में एक दूसरे से चिपके बिस्तर पर लेटे हुए थे भला एक कामुक औरत के लिए इससे अच्छा पल और कौन सा हो सकता है। लेकिन फिर भी बिस्तर पर पीठ के बल लेटे लेटे राहुल के धक्को को सहन करते करते उसकी पीठ दर्द करने लगी थी' इसलिए ना चाहते हुए भी उसने राहुल को अपने ऊपर से उठाते हुए खुद उठने लगी, आखिरकार राहुल भी कब तक उसके ऊपर लेटे रहता वह भी उठने लगा लेकिन राहुल का लंड अभी वीनीत की भाभी की बुर में फंसा हुआ था। जिस पर दोनों की नजर आकर टीक गई, दिनेश की भाभी बड़ी उत्सुकता से अपनी बुर की तरफ देख रही थी जिसमें कि राहुल का लंड घुसा हुआ था अभी भी उसे अपनी बुर में राहुल के लंड़ के कड़कपन का एहसास हो रहा था। अपने लंड को वीनीत की भाभी की बुर में घुसा हुआ देखकर एकबार फीर से राहुल का मन डोलने लगा। एकबार फीर चुदाई के इस अद्भुत खेल को खेलने की उसकी इच्छा प्रबल हो गई। राहुल अपने लंड कों वीनीत की भाभी की बुर से निकालना नहीं चाहता था' विनीत की भाभी को उसके कड़कपन का अहसास अपनीे बुर में बराबर हो रहा था वह एकदम से हैरान हो रही थी कि पानी निकलने के बाद भी उसका लंड तनिक भी ढिला नहीं पड़ा था। फिर भी राहुल बेमन से अपने लंड को बुर के अंदर से बाहर की तरफ खींचा, लंड बुर की दीवारों में रगड़ खाता हुआ गप्प की आवाज करता हुआ बुर के बाहर निकल गया। लंड को देखकर वीनीत की भाभी का भी मन फीर से डोल गया। लेकिन दिन आपकी भाभी को जोरों से पेशाब लगी थी इसलिए वह राहुल को बोली।
राहुल तुम ही खड़े रहो मुझे जोरों की पेशाब लगी है मैं पेशाब करके आती हूं।( दिनेश की भाभी की यह बात सुनकर राहुल का लंड एक बार ठुनकि मारा जिस पर वीनीतं की भाभी की नजर पड़ गई वह मन ही मन मुस्कुराते हुए रूम से अटैच बाथरूम की तरफ बढ़ गई।
विनीत की भाभीें संपूर्ण नग्नावस्था में ही चलते हुए बाथरुम की तरफ जा रही थी जिसे पीछे से देखकर राहुल का लंड टनटना के और भी ज्यादा टाइट हो गया- मटकती हुई बड़ी बड़ी गांड देखकर राहुल के मुंह में पानी भर आया .. राहुल वहीं खड़े खड़े वीनीत की भाभी को बाथरूम में जाते हुए देख रहा था। विनीत की भाभी बाथरुम के अंदर जाकर कुछ सेकंड खड़ी ही रही राहुल को लगा कि वह दरवाजा बंद करेगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ विनीत की भाभी एक बार पीछे की तरफ राहुल को देखि जो कि वह उसी को देख रहा था और वीनीत की भाभी बिना किसी शर्म के राहुल की तरफ देखते हुए एक बार फिर मुस्कुराई और एक बार बड़ी ही मादक अदा से अपने भारी भरकम गांड को पीछे की तरफ उभारकर वही राहुल देख सके इस तरह से बैठकर पेशाब करने लगी। वह इतना मादक दृश्य था कि राहुल अपनी नजरें चाह कर भी नहीं हटा पा रहा था।
इस चुदास से भरे नजारे को देखकर राहुल का लंट ठुनकी मारने लगा।
वीनीत की भाभी ने जानबूझकर दरवाजे को बंद नहीं की थी क्योंकि वह भी यही चाहती थी थी कि राहुल उसे पेशाब करता हुआ देखकर उत्तेजित हो' । वीनीत की भाभी भी बार बार पीछे मुड़कर राहुल की तरफ देख ले रही थी और राहुल को भी उसकी तरफ देखता हूआ पाकर उसका मन मयूर नाचने लगता था।
जैसे उसकी बुर ने अपने गुलाबी पत्तियों के बीच से काम रूपी धुन छेंड़ दी हो इस तरह से एक मधुरमय संगीत पूरे कमरे में गूंज रहा था। बुर से आ रही सीईईईई.....सीईीईीईई ...करती सीटी की आवाज की बांसुरी की धुन से कम नही लग रही थी।
कुल मिलाकर बहुत ही कामोत्तेजक और अतुल्य नजारा था। कुछ ही देर मे वह पेशाब करके बड़े ही मादक अदा से गांड मटकाते हुए खड़ी हुई और अपनी बड़ी बड़ी प पइया जैसी चूचियों को हिलाते हुए राहुल की तरफ आने ली, राहुल के पास पहुंचते है उसने राहुल के टनटनाए हुए लंड पर अपना हाथ रख दी। उसकी गर्म हथेली का स्पर्श अपने गरम लंड पर होते ही राहुल एकदम से गनगना गया। और वीनीत की भाभी उसके लंड को पकड़कर मुठीयाते हुए बोली।
ओहहहह....राहुल.... तेरा टनटनाया हुआ लंड देखकर मे हैरान हुं..जानता हे क्यों?
( राहुल ने ना मे सिर हिला दिया। राहुल का जवाब सुनकर विनीत की भाभी ने अपनी हथेली को लंड पर और ज्यादा कसते हुए।)
राहुल अगर लंड से एक बार पानी निकल जाए तो लंड ढीला पड़ जाता हे ओर ईतने जल्दी खड़ा नही होता हे।
( राहुल के लंड को मुठ़ीया ही रही थी।) लेकीन तुम्हारा लंड ( ईतना कहने के साथ ही गरम सिसकारी लेते हुए) ससससससहहहहहह....राहुल...तेरा लंड तो झड़ने के बाद भी बिना ढीला हुए अभी तक खड़ा है...राहुल तेरी ताकत देखकर मेरी बुर फीर से तुझसे चुदने के लिए पनीया रही है। ( वीनीत की भाभी की ऐसी बातें सुनकर फिर से राहुल का मन मचल उठा. राहुल खुद उसे फिर से चोदना चाहता था लेकिन यह बात कह नहीं पा रहा था. विनीत की भाभी की एसी ही ख्वाहिश सुन कर उसका मन प्रसन्नता से भर गया। राहुल का जवाब सुने बिना ही वीनीत की भाभी पलंग की तरफ बढ़ी और अपना एक घुटना बिस्तर पर रख के आगे की तरफ घोड़ी बन कर झुक गई। राहुल तो कुछ समझ हीें नहीं पाया की यह कर क्या रही है। घोड़ी बने हुए यह पीछे की तरफ नजर घुमाकर राहुल को देख रही थी । लेकिन राहुल था कि वैसे ही लंड टाइट करके खड़ा था। दिनेश की भाभी उसके अनाड़ीपन को समझ गई और राहुल से बोली।