desiaks
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तनु बस मनु के बारे मे ही सोच रही थी..... "एक बार राजीव से बात करती हूँ...
राजीव... हां तनु...
तनु... राजीव, मनु सुबह घर आया था...
राजीव.... क्या मनु, क्या कहा उसने...
तनु.... वही कि सब उस से नफ़रत करते हैं, और उस की तरक्की नही देख सकते.
राजीव.... तो तुमने क्या कहा...
तनु.... मैने बात को इग्नोर कर के उसे दूसरे बातों मे लगा दिया....
राजीव... गुड, पर तुम्हे क्या लगता है, वो क्यों आया होगा.
तनु.... डार्लिंग, आइ थिंक, कि वो खुद को कमजोर मान रहा है, उसे लग रहा है उसका साथ कोई नही दे रहा. उसकी बातों से सॉफ पता चल रहा था की वो यहाँ हमारे भरोसे और साथ के लिए आया था.
राजीव.... तनु, तो उसे भरोसा और विस्वास दो कि हम उसी के साथ है. वैसे उस से ज़रा होशियार भी रहना, क्योंकि शातिर बहुत है.
तनु.... डार्लिंग अकेला चना क्या भार फोड़ लेगा. उस की होशियारी को अंजाम देने के लिए भी तो कोई ना कोई सहारा चाहिए.
और बात ज़रूरत की है. रौनक के खुलासे के बाद, मूलचंदानी को सबक सिखाने के लिए हमे मनु से जुड़ना चाहिए.
राजीव... तो रोका किसने है, जुड़ जाएँगे... बस सब आप संभाल लेना...
तनु कॉल डिसकनेक्ट करती हुई कहने लगी..... "उस के तो होश उड़ा कर संभालूंगी राजीव, तुम बस मेरे गेम का मज़े लो".
,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
मूलचंदानी हाउस.... अमृता, हर्षवर्धन और सुकन्या...
सुकन्या.... हर्ष माना कि हमे अभी दूर से तमाशा देखना है, पर ऐसे सब कुछ उसके हाथों मे तो नही छोड़ सकते ना.... उसे बीच-बीच मे झटका तो देते रहना होगा ना....
अमृता.... सुकन्या, चिंता क्यों करती हो, बस थोड़े दिन और रुक जाओ, उस को ऐसी चोट दूँगी की उसके पैरों तले से ज़मीन
खिसक जाएगी... वो खुद एम.डी की पोस्ट से रिज़ाइन करेगा, लेकिन हम सब उस पर एहसान जताते हुए उसे वहीं रहने देंगे...
सूकन्या.... अमृता तुम्हारा तो दिमाग़ ही नही काम कर रहा... जब वो एम.डी के पोस्ट से रिज़ाइन करेगा तो हम उसे क्यों
कंटिन्यू करने देंगे.... इस से अच्छा मुझे एम.डी बनाओ...
हर्षवर्धन.... हां तुम भी बन जाना एम.डी. तुम अपनी कंपनी का और मैं अपनी कंपनी का. लेकिन एम.डी बन'ने से पहले इस
पूरे ग्रूप को हम दोनो के बीच तो बँट जाने दो...
सूकन्या.... पर ये पूरी कंपनी हम दोनो के बीच बँटेगी कैसे, मनु और पार्ट्नर्स का क्या होगा ?
हर्षवर्धन.... एनफ सुकन्या, हर मीटिंग मे मुझे ये ना समझाना पड़े कि हमारा मोटो पूरी कंपनी हथियाना है. हम पहले भी इस बारे मे बात कर चुके हैं. रही बात पार्ट्नर्स के हटाने की तो ध्यान रहे मनु को एमडी पोस्ट पर सिर्फ़ इसी बात के लिए बनाए रहना है.
सुकन्या.... बच्ची नही हूँ हर्ष, हर बात जानती हूँ. और मुझे ये नही बताओ कि पहले की मीटिंग मे क्या हुआ था. तुम्हारी सारी प्लॅनिंग फैल होती नज़र आ रही है, इसलिए मैने ये मीटिंग बुलवाई.
"क्या कहा था तुमने पहले, मनु के खिलाफ हमारे पार्ट्नर्स आक्षन लेंगे और तब हम अपना खेल शुरू करेंगे. लेकिन ऐसा लगता है जैसे तुम सब ही अपनी ओर से उम्मीद लगाए बैठे थे उन्हे तो शायद इस बात का ख्याल भी ना हो कि मनु को एम.डी के पोस्ट से हटाना भी है.
"मुझे तू पहले हुई मीटिंग की याद दिलाता है... पहली मीटिंग मे क्या कहा था तुमने, मनु को एम.डी की पोस्ट से हटाना है... नही हुआ. दूसरी मीटिंग मे ये तय हुआ उसे पूरा पवर दे दो, और जब वो एम.डी की पोस्ट से हटेगा तब हम उस से उसके
शेयर माँग लेंगे जैसे हमने उसे अपना दिया था, और वो राज़ी हो जाएगा..... ये भी नही हुआ".
"आज की मीटिंग मैने तुम्हारी बातों को याद दिलाने बुलाई तो आज फिर से मीटिंग का मोटो चेंज हो गया. अब जब पार्ट्नर्स नही मनु को हटा रहे तो तुम्हारे पास आक्षन प्लान है. लेकिन मनु को हटाएँगे नही बल्कि उस पर एहसान जताएंगे और एम.डी की पोस्ट पर बने रहने देंगे"....
"जा कर तुम दोनो मियाँ बीवी इलाज़ करवाओ अपने दिमाग़ का. खुद को तो पता नही कि क्या चाहिए, और घर मे बैठ कर बस प्लॅनिंग करते रहते हो.... रोज तुम्हारे लिए कंडीशन और प्राइयारिटीस दोनो ही चेंज होते हैं. जब तुम्हे खुद नही पता कि तुम्हे चाहिए क्या, तो खाक तुम टोटल कंट्रोल पा सकोगे. होता तो कुछ नही है तुम से और चाहत पूरा जहाँ पाने की है"....
अमृता.... सॉरी बाबा, वी आर एक्सट्रीमली सॉरी. हर्ष सुकन्या से मँफी माग़ो. तुम्हे ओवर रिक्ट नही करना चाहिए था...
हर्षवर्धन.... सूकन्या, अब गुस्सा छोड़ो और एक बार मेरी बात तो सुन लो....
सुकन्या..... हां पर सारी बातें क्लियर और जस्टिफाइ होनी चाहिए.
हर्षवर्धन..... सुनो तुमने ठीक कहा हर मीटिंग के बाद प्राइयारिटीस चेंज सी हो जाती है. लेकिन जैसे-जैसे कडिशन्स सामने आते हैं प्राइयारिटीस चेंज करना पड़ता है. अब इस बात से इनकार तो नही कर सकती कि नफ़रत इंसान से हर मुस्किल काम भी करवा देता है. बस वही करना है अब मनु के साथ. उसके एमोशन्स के साथ खेल कर उसे पार्ट्नर्स के खिलाफ भड़का देंगे. मनु
उस नफ़रत मे अपना आक्षन लेगा, और जैसे ही उसने सारे पार्ट्नर्स को बाहर का रास्ता दिखाया, हम मनु को भी बाहर का रास्ता दिखा देंगे.
सूकन्या.... और वो होगा कैसे. काव्या (मनु'स मदर) की कहानी बाहर लाओगे क्या ? देखो काव्या का मॅटर ज़्यादा उछ्ला तो हमारे लिए नुकसान भी कर सकता है.
हर्षवर्धन..... हां काव्या का भी मॅटर उठेगा, और क्या होगा यदि हमे थोड़ा नुकसान उठा कर पूरे का फ़ायदा हो. लेकिन वो आख़िरी दौर होगा, जिसके बिसात पर हम मनु को बाहर का रास्ता दिखाएँगे. पर जो अभी उसके साथ घटना होगी, उस के बाद हम मनु को एम.डी पोस्ट पर बनाए रखेंगे, और उस घटना का सारा इल्ज़ाम जाएगा.... राजीव, वंश और रौनक के उपर... बस उसके बाद तमाशा देखते जाना...
सुकन्या.... खाली तमाशा देखो, तमाशा देखो कहने से कोई तमाशा नही होगा.... कोई तमाशा भी तो करो.
अमृता.... चलो ठीक है फिर तुम्हारी ये इच्छा भी पूरी कर दी जाए.... तुम सब हॉलिडे प्लान करो, पूरी फॅमिली जाएगी मनु के
रिश्ते की बात करने, और उसी दिन शुरू होगा सारा खेल....
सुकन्या.... हां तो सूभ काम मे देरी कैसी... प्लान करो सनडे का फिर....
अमृता.... हां तो ठीक है, इसी सनडे का प्लान फाइनल हुआ, मनु से हर्ष बात कर लेंगे....
राजीव... हां तनु...
तनु... राजीव, मनु सुबह घर आया था...
राजीव.... क्या मनु, क्या कहा उसने...
तनु.... वही कि सब उस से नफ़रत करते हैं, और उस की तरक्की नही देख सकते.
राजीव.... तो तुमने क्या कहा...
तनु.... मैने बात को इग्नोर कर के उसे दूसरे बातों मे लगा दिया....
राजीव... गुड, पर तुम्हे क्या लगता है, वो क्यों आया होगा.
तनु.... डार्लिंग, आइ थिंक, कि वो खुद को कमजोर मान रहा है, उसे लग रहा है उसका साथ कोई नही दे रहा. उसकी बातों से सॉफ पता चल रहा था की वो यहाँ हमारे भरोसे और साथ के लिए आया था.
राजीव.... तनु, तो उसे भरोसा और विस्वास दो कि हम उसी के साथ है. वैसे उस से ज़रा होशियार भी रहना, क्योंकि शातिर बहुत है.
तनु.... डार्लिंग अकेला चना क्या भार फोड़ लेगा. उस की होशियारी को अंजाम देने के लिए भी तो कोई ना कोई सहारा चाहिए.
और बात ज़रूरत की है. रौनक के खुलासे के बाद, मूलचंदानी को सबक सिखाने के लिए हमे मनु से जुड़ना चाहिए.
राजीव... तो रोका किसने है, जुड़ जाएँगे... बस सब आप संभाल लेना...
तनु कॉल डिसकनेक्ट करती हुई कहने लगी..... "उस के तो होश उड़ा कर संभालूंगी राजीव, तुम बस मेरे गेम का मज़े लो".
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मूलचंदानी हाउस.... अमृता, हर्षवर्धन और सुकन्या...
सुकन्या.... हर्ष माना कि हमे अभी दूर से तमाशा देखना है, पर ऐसे सब कुछ उसके हाथों मे तो नही छोड़ सकते ना.... उसे बीच-बीच मे झटका तो देते रहना होगा ना....
अमृता.... सुकन्या, चिंता क्यों करती हो, बस थोड़े दिन और रुक जाओ, उस को ऐसी चोट दूँगी की उसके पैरों तले से ज़मीन
खिसक जाएगी... वो खुद एम.डी की पोस्ट से रिज़ाइन करेगा, लेकिन हम सब उस पर एहसान जताते हुए उसे वहीं रहने देंगे...
सूकन्या.... अमृता तुम्हारा तो दिमाग़ ही नही काम कर रहा... जब वो एम.डी के पोस्ट से रिज़ाइन करेगा तो हम उसे क्यों
कंटिन्यू करने देंगे.... इस से अच्छा मुझे एम.डी बनाओ...
हर्षवर्धन.... हां तुम भी बन जाना एम.डी. तुम अपनी कंपनी का और मैं अपनी कंपनी का. लेकिन एम.डी बन'ने से पहले इस
पूरे ग्रूप को हम दोनो के बीच तो बँट जाने दो...
सूकन्या.... पर ये पूरी कंपनी हम दोनो के बीच बँटेगी कैसे, मनु और पार्ट्नर्स का क्या होगा ?
हर्षवर्धन.... एनफ सुकन्या, हर मीटिंग मे मुझे ये ना समझाना पड़े कि हमारा मोटो पूरी कंपनी हथियाना है. हम पहले भी इस बारे मे बात कर चुके हैं. रही बात पार्ट्नर्स के हटाने की तो ध्यान रहे मनु को एमडी पोस्ट पर सिर्फ़ इसी बात के लिए बनाए रहना है.
सुकन्या.... बच्ची नही हूँ हर्ष, हर बात जानती हूँ. और मुझे ये नही बताओ कि पहले की मीटिंग मे क्या हुआ था. तुम्हारी सारी प्लॅनिंग फैल होती नज़र आ रही है, इसलिए मैने ये मीटिंग बुलवाई.
"क्या कहा था तुमने पहले, मनु के खिलाफ हमारे पार्ट्नर्स आक्षन लेंगे और तब हम अपना खेल शुरू करेंगे. लेकिन ऐसा लगता है जैसे तुम सब ही अपनी ओर से उम्मीद लगाए बैठे थे उन्हे तो शायद इस बात का ख्याल भी ना हो कि मनु को एम.डी के पोस्ट से हटाना भी है.
"मुझे तू पहले हुई मीटिंग की याद दिलाता है... पहली मीटिंग मे क्या कहा था तुमने, मनु को एम.डी की पोस्ट से हटाना है... नही हुआ. दूसरी मीटिंग मे ये तय हुआ उसे पूरा पवर दे दो, और जब वो एम.डी की पोस्ट से हटेगा तब हम उस से उसके
शेयर माँग लेंगे जैसे हमने उसे अपना दिया था, और वो राज़ी हो जाएगा..... ये भी नही हुआ".
"आज की मीटिंग मैने तुम्हारी बातों को याद दिलाने बुलाई तो आज फिर से मीटिंग का मोटो चेंज हो गया. अब जब पार्ट्नर्स नही मनु को हटा रहे तो तुम्हारे पास आक्षन प्लान है. लेकिन मनु को हटाएँगे नही बल्कि उस पर एहसान जताएंगे और एम.डी की पोस्ट पर बने रहने देंगे"....
"जा कर तुम दोनो मियाँ बीवी इलाज़ करवाओ अपने दिमाग़ का. खुद को तो पता नही कि क्या चाहिए, और घर मे बैठ कर बस प्लॅनिंग करते रहते हो.... रोज तुम्हारे लिए कंडीशन और प्राइयारिटीस दोनो ही चेंज होते हैं. जब तुम्हे खुद नही पता कि तुम्हे चाहिए क्या, तो खाक तुम टोटल कंट्रोल पा सकोगे. होता तो कुछ नही है तुम से और चाहत पूरा जहाँ पाने की है"....
अमृता.... सॉरी बाबा, वी आर एक्सट्रीमली सॉरी. हर्ष सुकन्या से मँफी माग़ो. तुम्हे ओवर रिक्ट नही करना चाहिए था...
हर्षवर्धन.... सूकन्या, अब गुस्सा छोड़ो और एक बार मेरी बात तो सुन लो....
सुकन्या..... हां पर सारी बातें क्लियर और जस्टिफाइ होनी चाहिए.
हर्षवर्धन..... सुनो तुमने ठीक कहा हर मीटिंग के बाद प्राइयारिटीस चेंज सी हो जाती है. लेकिन जैसे-जैसे कडिशन्स सामने आते हैं प्राइयारिटीस चेंज करना पड़ता है. अब इस बात से इनकार तो नही कर सकती कि नफ़रत इंसान से हर मुस्किल काम भी करवा देता है. बस वही करना है अब मनु के साथ. उसके एमोशन्स के साथ खेल कर उसे पार्ट्नर्स के खिलाफ भड़का देंगे. मनु
उस नफ़रत मे अपना आक्षन लेगा, और जैसे ही उसने सारे पार्ट्नर्स को बाहर का रास्ता दिखाया, हम मनु को भी बाहर का रास्ता दिखा देंगे.
सूकन्या.... और वो होगा कैसे. काव्या (मनु'स मदर) की कहानी बाहर लाओगे क्या ? देखो काव्या का मॅटर ज़्यादा उछ्ला तो हमारे लिए नुकसान भी कर सकता है.
हर्षवर्धन..... हां काव्या का भी मॅटर उठेगा, और क्या होगा यदि हमे थोड़ा नुकसान उठा कर पूरे का फ़ायदा हो. लेकिन वो आख़िरी दौर होगा, जिसके बिसात पर हम मनु को बाहर का रास्ता दिखाएँगे. पर जो अभी उसके साथ घटना होगी, उस के बाद हम मनु को एम.डी पोस्ट पर बनाए रखेंगे, और उस घटना का सारा इल्ज़ाम जाएगा.... राजीव, वंश और रौनक के उपर... बस उसके बाद तमाशा देखते जाना...
सुकन्या.... खाली तमाशा देखो, तमाशा देखो कहने से कोई तमाशा नही होगा.... कोई तमाशा भी तो करो.
अमृता.... चलो ठीक है फिर तुम्हारी ये इच्छा भी पूरी कर दी जाए.... तुम सब हॉलिडे प्लान करो, पूरी फॅमिली जाएगी मनु के
रिश्ते की बात करने, और उसी दिन शुरू होगा सारा खेल....
सुकन्या.... हां तो सूभ काम मे देरी कैसी... प्लान करो सनडे का फिर....
अमृता.... हां तो ठीक है, इसी सनडे का प्लान फाइनल हुआ, मनु से हर्ष बात कर लेंगे....