Hindi Antarvasna - एक कायर भाई - Page 11 - SexBaba
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Hindi Antarvasna - एक कायर भाई

मेरी रूपाली दीदी उठकर खड़ी हो गई और लड़खड़ाते हुए कदमों के साथ बाथरूम की तरफ जाने लगी... उनकी हिलती हुई कमर और गांड देखकर मेरे मन में तो तूफान उठने लगा पर मेरा लौड़ा दो बार झड़ जाने के कारण मुरझाया हुआ था... मुझे नींद आ रही थी और मेरी दीदी बाथरूम के अंदर समा गई.. मुझे बाथरूम के अंदर का नजारा तो दिखाई नहीं दे रहा था दरवाजा खुला होने के बावजूद भी परंतु दीदी ने शावर ऑन कर दिया था और उसके नीचे नहा रही थी, इस बात का एहसास मुझे हो चुका था...

जुनेद कमरे के अंदर अपने बिस्तर पर बिल्कुल नंगा लेटा हुआ छत की तरफ देख रहा था... उसका मुरझाया हुआ मुसल उसके हाथ में था..... तकरीबन 7 इंच का दिख रहा था झड़ने के बावजूद... वह उठकर खड़ा हुआ और उसने गटागट दो तीन पैक लगा लिया.. फिर उसने किसी को फोन किया और उससे बातें करने लगा.. मुझे कुछ भी सुनाई नहीं दे रहा था..
पता नहीं क्यों मैं खिड़की के पास चुपचाप खड़ा अपनी दीदी को बाथरूम से बाहर निकल देखने के लिए खड़ा था... जुनेद कमरे के अंदर बिल्कुल नंगा होकर टहल रहा था और किसी के साथ फोन पर बात कर रहा था...
थोड़ी देर बाद ही मुन्नी जाग गई और जोर-जोर से रोने लगी...
अचानक मेरी रूपाली दीदी बाथरूम के अंदर से दौड़ते हुए कमरे के अंदर आ गई.. पानी से बिल्कुल भीगी हुई... पैरों में पायल , हाथों में चूड़ी और कंगन, गले में मंगलसूत्र जिस पर मेरे जीजू की फोटो थी, के अलावा मेरी दीदी के बदन पर कोई भी वस्त्र नहीं था... मेरी दीदी अपनी नग्न अवस्था को ढकने का बिल्कुल भी प्रयास नहीं कर रही थी... गोरा चिकना बदन... चुचियों पर दांत के निशान... चिकनी मखमली योनि जो पूरी तरह खुली हुई दिख रही थी, और इस बात की गवाही दे रही थी कि किसी बड़े से लोड़े ने खोल के मेरी दीदी का भोसड़ा बना दिया....
मेरी रुपाली दीदी ने झटपट मुन्नी को उठा कर अपने सीने से चिपका लिया और अपनी एक चूची उसके मुंह में देकर दूध पिलाने लगी.. मुन्नी बड़ी शांति से मेरी दीदी का दूध पीने लगी.. मेरी दीदी उसका पीठ थपथपा रही थी... मेरी दीदी की दूसरी चूची बाहर लटक रही थी, फूल के कुप्पा हो गई लग रहा था दूध के साथ साथ मेरी दीदी की चूची में खून भी उतर आया हो.... दूध से भी सफेद फुटबॉल की तरह.. लाल निप्पल चने के दाने के बराबर.... पानी से भीगा हुआ... दूध से भरा हुआ... अजीब सी बात है ना जुनैद ने अभी-अभी मेरे रुपाली दीदी की टंकियों को खाली किया था चूस चूस... और फिर से उनकी वह दोनों टंकी भर गई थी दूध से... जुनैद की नजर मेरी दीदी पर पड़ी..
भाई अब बस जल्दी से आ जाओ... उसने फोन पर बस इतना ही कहा और फोन काट दिया...
वह तो पहले से ही नंगा था, उसका मुरझाया हुआ 7 इंच का लोड़ा मेरी दीदी को ऐसी हालत में देखकर तन के खड़ा हो गया...
उसका लंड जैसे काला मूसल था … खूब मोटा सा था. लंड की लम्बाई भी तकरीबन 11 इंच की हो गई थी..
वह मेरी रूपाली दीदी के ऊपर टूट पड़ा... उसने मेरी दीदी की दूसरी चूची को अपने मुंह में भर लिया... जुनेद ना काट रहा था, ना चाट रहा था, नाही मसल रहा था, बल्कि वह मेरी दीदी की चूची को मुंह में लेकर दूध पी रहा था...
जब मेरी रूपाली दीदी को एहसास हुआ कि उनकी दोनों चूचियां दूध पिला रही है , एक अपनी बेटी को, दूसरी एक गुंडे को, उनके मुंह से कामुक सिसकियां निकलने लगी...
मेरी रूपाली दीदी: ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह… जुनेद जी ... क्या पाप कर रहे हो आप..
 
पाप नहीं मेरी रानी यह तो प्यार है बोलते हुए जुनैद ने फिर से मेरी रूपाली दीदी को अपने बिस्तर पर पटक दिया... उसने अपना लौड़ा मेरी रूपाली दीदी की चिकनी चमेली के अंदर पूरा घुसा दिया...
एक दो झटकों में ही लंड ने चुत में जगह बना ली थी. उसने मेरी रूपाली दीदी की चुदाई शुरू कर दी.
मुन्नी और जुनैद अभी भी मेरी दीदी की दोनों चूचियां पी रहे थे..
बड़ा ही अजीबोगरीब दृश्य था..

तकरीबन 5 मिनट तक वह मेरी दीदी को इसी पोजीशन में जोर जोर से धक्के मारता रहा जब तक उसने मेरी दीदी की एक चूची को चूस चूस के बिल्कुल सुखा दिया... मुन्नी अब सो चुकी थी... जुनैद ने मेरी रूपाली दीदी के सीने से मुन्नी को उठाकर बिस्तर पर बगल में लिटा दिया... फिर उसने मेरी दीदी को उठाया और उनको घोड़ी बना दिया... एक हाथ से उसने मेरी दीदी के बाल पकड़ ली और दूसरे हाथ से उसने अपना लौड़ा पकड़ मेरी दीदी की गांड के छेद में सेट किया...

जुनैद: - अंह चुद साली चुद … मेरी रानी... आज तुम मेरी दुल्हन बनेगी ...
जुनैद ने अपना पूरा का पूरा लौड़ा मेरी रूपाली दीदी की गांड के छेद में घुसा दिया..
मेरी रूपाली दीदी: आहह आह आह जुनेद जी..आहह आह आह..
मैं तो आपकी रंडी ..आहह फिर दुल्हन ...आहह आह...
जुनैद: आहह साली रांड.. आज तुझे और तेरी छोटी बहन प्रियंका को दुल्हन बनाकर हम लोग इसी बिस्तर में बजाएंगे...आहह आह.. रंडी तेरे पति को मैंने फोन करके बता दिया है... वह थोड़ी देर बाद प्रियंका को लेके यहां आने वाला है..
जुनैद की बात सुनकर मेरी गाड़ी फट गई... मैं शर्म और डर के मारे थर थर कांपने लगा...
…. आह , उई ई ओह्ह फट गई , मर गई ओह , मेरी रूपाली दीदी की चीखें निकल कर पूरे फार्म हाउस में गूंज रही थी... बाहर काम करने वाले मजदूर भी सुन रहे होंगे..
जुनैद: साली आज रात को तुम दोनों बहनों को दुल्हन की तरह सजना है.. मैं और असलम भाई तुम दोनों के साथ सुहागरात मनाएंगे.. तेरा गांडू पति भी रहेगा साथ में...
रूपाली दीदी: ओह गॉड आहह याह आह … मुझे उम्मीद ही नहीं थी कि मेरे नसीब में इतना मोटा लंड भी लिखा होगा. आह … जरा धीरे चोदो.. मेरी प्रियंका बहुत भोली है और कुंवारी भी... उसकी शादी होने वाली है... प्लीज जुनैद जी आप मेरे साथ जो भी करना चाहते हो कर लो... पर मेरी छोटी बहन को तो बख्श दो...
आप दोनों जानवरों को मेरी भोली भाली बहन झेल नहीं पाएगी.
 
जुनैद: तभी तो मजा आएगा साली बहन की लोड़ी.. प्रियंका की सील भी पैक होगी... असलम भाई तोडेंगे आज तेरी छोटी बहना की सील... मैं तो बस तेरी लूंगा... तु मुझे बहुत पसंद है..
कमरे के अंदर एक तूफान आया हुआ था... और मैं बाहर खिड़की पर खड़ा अपने मुरझाए हुए लोड़े को हाथ में लेकर सोच रहा था कि यह दोनों जानवर मेरी प्रियंका दीदी का क्या हाल बनाएंगे...
जुनैद: - आहह ओह बहनचोद … अभी तो मेरा लौड़ा तेरी गांड में माल भरने वाला है... सुन मेरी रानी..- आहह ओह ...
बोलते हुए जुनैद ने मेरी रूपाली दीदी की गांड के अंदर अपना माल भर दिया और दीदी की चूची पकड़ के उनकी पीठ पर लेट गया..

कुछ देर बाद जुनैद ने अपना लौड़ा मेरी रुपाली दीदी की गांड के छेद से खींचकर बाहर निकाला और उठ कर खड़ा हो गया.. उसने मेरी दीदी की ब्रा से अपने लोड़े को साफ किया... मुरझाया हुआ काला लोड़ा चमक रहा था... फिर उसने अपने कपड़े पहने... मेरी रूपाली दीदी अभी भी बिस्तर पर पेट के बल लेटी हुई थी... उनकी गांड के छेद से सफेद सफेद टपक रहा था जो जुनेद से निकला था...
कपड़े पहनने के बाद जुनैद मेरी रूपाली दीदी को उठा दीया हाथ पकड़ ...
सुन मेरी रानी... मैं बाहर जा रहा हूं कुछ काम से.. रात को 8:00 बजे वापस आऊंगा... मेरे साथ असलम भाई भी होंगे..

कुछ मजदूर आएंगे और इस कमरे की सजावट करेंगे.. एक पार्लर वाली भी आएगी जो तुम दोनों बहनों को दुल्हन बना और सारे कपड़े पहन आएगी... रंडी तुझे तो पता ही होगा सुहागरात कैसे मनाते हैं..
मेरी रूपाली दीदी: जी.. मुझे तो पता है कि दुल्हन कैसे बनते हैं सुहागरात कैसे मनाते हैं... पर मेरी प्रियंका कैसे कर पाएगी वह सब..
जुनेद: रंडी वो तेरी जिम्मेदारी है बहन की लोड़ी... असलम भाई ने साफ-साफ कहा है कि वह प्रियंका की लेना चाहते हैं दुल्हन की ड्रेस में... तू सोच कि तू कैसे अपनी छोटी बहन को तैयार करेगी..
तेरा गांडू पति थोड़ी देर में ही उसे लेकर आने वाला है..

मेरी प्रियंका दीदी जुनैद और असलम के बिस्तर पर होगी.. यह बात सोच सोच कर ही मेरी हालत खराब हुई जा रही थी..
जुनैद ने मेरी रूपाली दीदी को एक चुम्मा लिया.. और एक हाथ से उनकी गांड भी मसल के बोला: साली याद रखना.. मैं अब जा रहा हूं... इसी बिस्तर पर तुम दोनों बहने दुल्हन बनकर बैठे मिलना मुझे..
वरना तुम तो जानती हो भाई को... वह तो तुम दोनों की गांड में सरिया डाल पूरे शहर में नंगा घुमाएंगे.. और तेरे गांडू भाई की गॉड भी मारेंगे... बहन चोद...
मेरी रूपाली दीदी: मैं पूरी कोशिश करूंगी जी... आप भरोसा रखो मुझ पर... प्लीज मेरे भाई को कुछ भी मत करना..
जुनेद मुस्कुराता हुआ कमरे से बाहर निकला.. मैं पहले से ही बाहर जाकर सोफे पर लेट गया था.. और सोने की एक्टिंग कर रहा था.
 
जुनेद मेरे पास आया और उसने मेरे गाल पर एक जोरदार थप्पड़ मारा..... बहन के लोड़े मुझे अच्छी तरह पता है तू सोया नहीं... जब मैं तेरी दीदी की ले रहा था तब तू साले खिड़की पर खड़ा होकर हिला रहा था... बहन चोद मैंने सब देख लिया..
मैं उठ कर खड़ा हो गया और शर्मिंदा होकर जुनैद को देखने लगा..
अपनी गांड बचानी है बहन चोद तो अपनी दोनों बहनों को दुल्हन बना कर बिस्तर में बिठा के रखना जब मैं और असलम भाई आएंगे..
चल अब मैं निकलता हूं साले... रात को 8:00 बजे मिलूंगा..
जुनेद बाहर निकल गया अपनी कार स्टार्ट करके... जब मुझे तसल्ली हो गई कि बाहर निकल गया जुनैद तो मैंने अपनी रूपाली दी थी कि कमरे की तरफ रुख किया... मेरी दीदी ढूंढ ढूंढ के कमरे के चारों तरफ से अपने कपड़े उठा कर पहनने की कोशिश कर रही थी.. उनकी चूची अभी भी बाहर थी... मैं वापस आकर सोफे पर लेट गया...
थोड़ी देर के बाद मेरी रूपाली दीदी खुद ही आकर मेरे पास बैठ गई.. मेरी दीदी रो रही थी... मुझे पता था मेरी दीदी क्यों रो रही है.. मैं चुपचाप उठ के बैठ गया और उनको गले लगा कर उनकी पीठ सहलाने लगा..
मेरी रूपाली दीदी मेरे कांधे पे सर रख कर रो रही थी और मेरा लौड़ा दर्द हो रहा था फिर भी खड़ा हो रहा था... हम दोनों इसी अवस्था में काफी देर तक बैठे रहे.. हमारे बीच कोई बातचीत नहीं हुई ..
थोड़ी देर बाद एक कार की आवाज हमें सुनाई दी और कुछ ही देर बाद घर की बेल बजने लगी... मैंने दरवाजा खोला और सामने मेरी प्रियंका दीदी के साथ मेरे जीजू खड़े थे.. वह दोनों अंदर आ गए और मैंने दरवाजा बंद कर दिया क्योंकि सामने मजदूरों की फौज खड़ी थी.. मेरी प्रियंका दीदी के पीछे... मैंने झटपट दरवाजा बंद कर दिया...

अब हम लोग चारों सोफे पर बैठे हुए थे... हम लोग को समझा रहे थे मेरे जीजू.... देखो प्रियंका ऐसा तो करना ही पड़ेगा... हमारे पास और कोई रास्ता नहीं है.. रूपाली दीदी भी प्रियंका दीदी को समझा रही थी...
अगर वीडियो रिलीज हो गया तो फिर मैं किसी को मुंह दिखाने लायक नहीं रहूंगी प्रियंका... समझो मेरी बात को... वह दोनों इतने बुरे भी नहीं है... मेरे रूपाली दीदी बोली..

मेरी प्रियंका दीदी कुछ बोलती इसके पहले ही दरवाजे पर बेल बजने लगी... मेरे जीजू खड़े हुए और उन्होंने दरवाजा खोल दिया..
पहले तो एक औरत अंदर आई जिसकी उम्र तकरीबन 50 साल थी उसके बाद ढेर सार मजदूर कमरे के अंदर घुस गय...

मेरे जीजू के साथ हम सब घबरा गए थे...

सारे मजदूरों के हाथ मे सजावट की चीजें देख रहा था मैं... ढेर सारे मजदूर दीदी के उस कमरे में घुस जिस कमरे के अंदर मेरी दीदी का कांड हुआ था, उसे फिर से सजाने लगे..

मेरी रूपाली दीदी और मेरे प्रियंका दीदी का हाथ पकड़ कर एक दूसरे कमरे में ले जाने लगी अधेड़ उम्र की औरत.... एक मजदूर भी उसके साथ था... उसके हाथ में ढेर सारे कपड़े थे.. सब नए... मेरी दोनों दीदी को उस औरत ने कमरे के अंदर धक्का दिया मजदूर भी साथ-साथ अंदर घुस गया और उस औरत ने दरवाजा अंदर से बंद कर लिया... बाकी के सारे मजदूर मेरी रूपाली दीदी और प्रियंका दीदी की होने वाली सुहागरात के कमरे में उनके बिस्तर को सजा रहे थे और लाइटिंग भी लगा रहे थे..
 
मैं और मेरी जीजू एक दूसरे के साथ नजर नहीं मिला पा रहे थे.. हम दोनों को अच्छी तरह पता था कि आप यहां क्या कांड होने वाला है..
जीजू क्या आपने मेरी मम्मी को भी बता दिया... मैंने पूछा.
नहीं मैंने तुम्हारी प्रियंका दीदी के अलावा घर में किसी को यह बात नहीं बताइ... देखो अब जो होना है वह तो होगा ही.. मैंने घर पर बता दिया है कि प्रियंका और रूपाली आज रात मेरे साथ रहेगी..
वह बात तो ठीक है.. जीजु... पर क्या आपको पता है कि असलम और जुनैद उन दोनों का बहुत बड़ा है.. और बहुत बुरी तरह लेते हैं
.. मेरी रूपाली दीदी की तो ले चुके.. आपको तो पता ही है.. पर प्रियंका दीदी तो कमसिन है अभी भी....
जीजु: जब मैं तेरी रूपाली दीदी के ऊपर चढ़ा था तब भी वह कमसिन और कुंवारी थी... तुम्हारी दीदी बहुत चिल्लाई थी पर फिर भी मरे झटके बर्दाश्त कर गई...
मैं: पर रूपाली दीदी की बात कुछ और है जीजू.. रूपाली दीदी तो कुछ दूसरे टाइप की है... पर प्रियंका दीदी... वह तो बड़ी मासूम है..
जीजु: कोई भी लड़की तभी तक मासूम होती है जब तक उसके छेद में एक मोटा औजार नहीं घुस जाता... तू देखना तेरी प्रियंका दीदी भी उसी तरह मजा लेगी हम जैसे असलम और जुनैद के लोड़े पर तेरी रूपाली ने मजा लिया था...
मुझे समझ नहीं आ रहा था कि क्या बात करूं अपने जीजू के साथ.. मैं चुप हो गया और घड़ी की तरफ देखने लगा.. 7:30 हो चुके थे.. सारे मजदूर कमरे से बाहर निकलने लगे , शायद उनका काम पूरा हो चुका था...
एक मजदूर के हाथ में मेरी रूपाली दीदी की पेंटी थी... वह मेरे पास आया और बिल्कुल मेरे सामने खड़ा हो गया...
उसने अपना लौड़ा बाहर निकाला और मेरी मुंह के सामने लहरा दिया.. मेरे जीजू भी देख रहे थे... उसने अपने लोड़े पर मेरे ऊपर दीदी की पेंटी रख ली...
यह तेरी बहन की र्है ना बहन चोद.. जिसे मेरे मालिक ने अभी अभी .. वह मजदूर बोलते बोलते अपने लोड़े पर मेरे रूपाली दीदी की पेंटी को हिलाने लगा मेरे मुंह के ठीक सामने...
दूसरा मजदूर एक ब्रा को अपने लोड़े पर , जो मेरी दीदी की ही ब्रा थी , लपेट कर मेरे जीजू का मुंह में अपना घुसा दिया.. बड़ी हैरानी की बात थी कि मेरे जीजू उसका चूसने भी लगे...
 
कुछ देर तक हम दोनों जीजा साले को परेशान करने के बाद सारे मजदूर घर से बाहर निकल गय..

जीजू ने मुझसे कहा कि जाकर देखो तो उस कमरे में क्या हो रहा है जिसके अंदर तुम्हारी दीदी है ... बिना कुछ बोले मैं चुपचाप उठा वहां से और उस कमरे के सामने जाकर खड़ा हो गया जिसके अंदर मेरी रूपाली दीदी और प्रियंका दीदी थी... काफी देर तक मैं दरवाजे के बाहर ही खड़ा रहा तकरीबन 30 मिनट तक... मेरी हिम्मत नहीं हो रही थी कि मैं दरवाजा खोल के अंदर जाऊं... दरवाजे के पास एक खिड़की थी जो खुली हुई थी... मैंने खिड़की से अंदर झांक के देखा... मेरे होश उड़ गए......
मेरी रूपाली दीदी और प्रियंका दीदी ड्रेसिंग टेबल के सामने बैठी हुई थी......... वह अधेड़ उम्र की औरत मेरी प्रियंका दीदी का मेकअप कर रही थी.... रूपाली दीदी अपना मेकअप खुद ही कर रही थी... दोनों ने लगभग एक जैसी ड्रेस पहन रखी थी... लाल रंग की लो कट डीप नेक चोली... जिसमें से आधे चूचियां बाहर निकली हुई थी... हालांकि मेरी रूपाली दीदी और मेरी प्रियंका दीदी की साइज में काफी अंतर था.. मेरी रूपाली दीदी की चूचियां तकरीबन 36 की होंगी जबकि मेरी प्रियंका दीदी की 32 की... इसके बावजूद जुनैद ने जो डिजाइनर चोली भेजी थी मेरी बहनों के लिए वह बिल्कुल फिट हो गई थी दोनों के लिए.... उसे मेरी रूपाली दीदी की चूची का तो पूरी तरह अनुमान था.. परंतु मेरी प्रियंका दीदी की चूची का भी उसने बिल्कुल ठीक अंदाजा लगाया था... मुझे आश्चर्य हुआ इस बात पर.....
उस औरत ने मेरी दोनों दीदी को ड्रेसिंग टेबल के सामने खड़ा किया और आगे पीछे से घूम घूम के उनके बदन का मुआयना करने लगी.. रूपाली दीदी ने एक डिजाइनर लहंगा पहन रखा था... जो उनकी कमर के काफी नीचे बंधा हुआ था... उनकी सपाट पेट और गहरी नाभि मिरर में साफ-साफ देख पा रहा था मैं... अजीब बात मुझे यह लगी कि दीदी का लहंगा सामने की तरफ से खुला हुआ था... मेरा मतलब है एक चीरा था लहंगे में सामने से उनकी दोनों टांगों के बीचो बीच, जो उनकी पेंटी से ठीक पहले खत्म हो रहा था... ऐसा अजीबोगरीब लहंगा मैंने पहली बार देखा था... मेरी दीदी अगर खड़ी रहे तब तो कोई बात नहीं किसी को पता नहीं चलेगा कि चीरा है... पर जैसे ही वह चलने लगेगी तो उनकी गोरी गोरी जांघें नुमाया हो जाएंगी और हो रही थी... मेरा हथियार मेरे पैंट में तंबू बनाने लगा अपनी दीदी का लहंगा देख...

दूसरी तरफ मेरी प्रियंका दीदी का लहंगा काफी परंपरागत था... जैसा एक दुल्हन पहनती है अपनी शादी में..... उनका लहंगा भी उनकी नाभि के नीचे ही बंधा हुआ था जो नीचे जमीन तक आ रहा था...
 
बालों में गजरा... आंखों में कजरा.. होठों पर बेहद गाड़ी लाल लिपस्टिक... चेहरे पर भरपूर मेकअप.. फिर उस औरत ने मेरी प्रियंका दीदी को नाक में एक नथनी पहनाई.... मांग टीका... फिर गले में सोने का बना हुआ हार... कमर में कमर बंद.. हाथों में चूड़ियां और कंगन... मैंने जब गौर से देखा तो मुझे पता चला कि उनके हाथों में मेहंदी भी रची गई है... पैरों में पायल सोने की... स्वर्ग से उतरी हुई अप्सरा लग रही थी मेरी प्रियंका दीदी... मेरी रूपाली दीदी भी कुछ इसी प्रकार से सजी हुई थी.... मेरे लिए आश्चर्य की बात बस इतनी थी कि मेरी रूपाली दीदी की मांग में जो सिंदूर हमेशा दिखता है वह गायब था और उनका मंगलसूत्र जो हमेशा उनकी चूचियों पर लटका हुआ रहता है वह भी नदारद था....
पैंट के ऊपर से ही अपने हथियार को अपने हाथ में पकड़े हुए मैं अपनी दोनों दीदियों को देख रहा था मंत्रमुग्ध होकर....
अंदर जो मजदूर उस औरत की मदद कर रहा था , बार-बार अपने लोड़े पर अपना हाथ फिरा रहा था, और शायद मन ही मन अपनी किस्मत को कोस रहा होगा...
मेरी दोनों दीदी अब बिल्कुल नई नवेली दुल्हन की तरह सज धज के तैयार थी अपने नए दूल्हे के लिए..
बन्नो आज तो बहुत घमासान होगा... पूरी रात तुम्हारी घिसाई होगी.. उस औरत ने कहा...
मेरी प्रियंका दीदी शर्म के मारे लाल हो गई और अपना सर नीचे झुका ली.. उस औरत ने मेरी प्रियंका दीदी के चेहरे को पकड़ के ऊपर किया और उनकी आंखों में आंखें डाल कर बोली..

छमिया बड़ी शर्मीली है रे तू... हमारे असलम भाई को तेरी जैसी छोकरी बहुत पसंद आती है.... बहुत कस कस कर लेंगे तुम्हारी...
तुमको तो पता है ना उनका हथियार इतना बड़ा है.. उस औरत ने अपने हाथ को मोड़ हाथ की लंबाई को दिखाते हुए कहा..
अरे हां तुम्हारी दीदी को तो पता है असलम भाई के हथियार के बारे में.... इसने तो खूब लिया है, आगे से भी और पीछे से भी... तुझे तो ऐसा ठेल देंगे कि तू बिस्तर से उठ भी नहीं पाएगी... उस औरत ने मेरी प्रियंका दीदी की दोनों चुचियों का जायजा लिया... चोली के ऊपर से उसने दो तीन बार दबाया... मेरी रूपाली दीदी चुपचाप उसकी हरकतें देख रही थी और मैं भी खिड़की के बाहर खड़ा ..
मजदूर भी अब सोफे पर जाकर बैठ गया था और बड़ी बेशर्मी से अपने लोड़े को मसल रहा था..
एक बार तो मुझे ऐसा लगा कि मेरे दोनों नए होने वाले जीजू से पहले ही यह मजदूर मेरा जीजा बन जाएगा... लेकिन उसने ऐसा कुछ भी नहीं किया और अपना लौड़ा पकड़कर मेरी दीदियों को देखता रहा.. मन ही मन सुहागरात मनाने के सपने देख रहा था वह मेरी दीदी के साथ...
तेरा नाम क्या है छमिया.. उस औरत ने प्रियंका दीदी से पूछा..
जी प्रियंका... थरथरआते हुए मेरी दीदी ने जवाब दिया..
सुन रे छोकरी.. हमारे असलम भाई बहुत दूसरे टाइप के आदमी है.. उनका मन बस एक छेद से नहीं भरता... आज रात भर तुम्हारी दोनों छेद में भूकंप आएगा... तू समझ तो रही है ना मैं क्या कह रही हूं...
मेरी प्रियंका दीदी रूपाली दीदी की तरफ देखने लगी... पर रूपाली दीदी ने कुछ भी जवाब नहीं दिया...
साली अपनी दीदी की तरफ क्या देख रही है कुत्तिया... यह रंडी तो खेली खाई है... जो मैं बोल रही हूं उसे ध्यान से सुन.... उस औरत ने मेरी प्रियंका दीदी कि चोली के ऊपर से उनके निप्पल को मरोड़ दिया...
सुन छोकरी.. आज तेरी सुहागरात है... और असलम भाई आज तेरी कुंवारी सील तो तोड़ेंगे उसके बाद तेरी गांड भी मारेंगे... जैसे तेरी दीदी की मारते हैं... और हां मर्दों से रहम की उम्मीद मत करना..."जब बिन्नो तेरे गांड के छल्ले को रगड़ता,दरेरता ,फाड़ता घुसेगा न , एकदम आग लग जायेगी गांड में। लेकिन मर्द दबोच के रखता है उस समय , वो पूरा ठेल के ही दम लेगा। जब एक बार सुपाड़ा गांड का छल्ला पार कर गया तो तुम लाख गांड पटको , .... निकलेगा नहीं... पूरी बेशर्मी के साथ वह मेरी प्रियंका दीदी को समझा रही थी..
 
मेरी प्रियंका दीदी की टांगें कांप रही थी उस औरत की बात सुनकर..
गांड मरवाने का असली मजा तो उसी दर्द में है. मारने वाले को भी तभी मजा आता है जब वो पूरी ताकत से छल्ले के पार ठेलता है , और मरवाने वाली को भी.... वह औरत रुकने का नाम नहीं ले रही थी.
मेरी दोनों दीदीया शर्म से पानी पानी हो रही थी उसकी बातें सुनकर और मजदूर अपनी जीप खोल के अपने लोड़े को हिला रहा था जो बिल्कुल टावर की तरह खड़ा हो गया था पता नहीं उसकी बातें सुनकर या फिर मेरी बहनों को देखकर..
मेरा भी खड़ा था... मैं सोचने लगा था कि हिला दूं क्या बाहर निकाल के तभी मुझे दरवाजे पर बेल की आवाज सुनाई दी... 8:00 बज चुके थे और मुझे पता था कि दरवाजे पर कौन लोग आए हैं... मेरे दोनों नए जीजू... मेरा लौड़ा मुरझा गया... मैं भागते हुए जीजु के पास आया जो लेटे हुए छत की तरफ देख रहे थे... मेरी जीजू उठ कर बैठ गय..
जीजू मुझे लगता है वह दोनों आ गए ... मैंने कहा..
हां वह लोग आ चुके हैं दरवाजा खोल जल्दी... जीजू ने कहा..
जब मैंने दरवाजा खोला तो मेरे सामने असलम और जुनैद खड़े थे.. आंखों में सुरमा लगाए हुए पठानी सूट में दोनों जवान मर्द कामदेव की तरह लग रहे थे...
अरे साले साहब वाह वाह.. मजा आ गया.. आपने दरवाजा खुद ही खोला..... जुनैद ने मुझसे कहा और दोनों अंदर आ गए.....
मेरे जीजू दौड़ते हुए आए और उन दोनों के सामने हाथ जोड़कर खड़े हो गए....
माधर्चोद कहां है हमारी दुल्हनिया.. किधर है हमारी सेज... असलम ने मेरे जीजू का कॉलर पकड़ लिया... और उनको उठाकर नीचे जमीन पर पटक दिया...... मैं घबरा गया...
मैं भागते हुए असलम के पास पहुंचा और उसका हाथ पकड़ के बोला.. असलम भाई..... बस इतना ही मेरे मुंह से निकला था कि एक जोरदार तमाचा मेरे गाल पर लगा... मेरी आंखों के सामने तारे घूमने लगे..
रंडी के बच्चे... मैं तेरा भाई नहीं... तेरा जीजा ... भूल गया बहन के लोड़े..
असलम ने गुस्से में कहा...
मेरी तो गांड फटी थी..... मुझे चक्कर आ रहे थे... इसके बावजूद मैंने उठकर असलम के घुटने पकड़ लिय अपने हाथों से और रोते हुए बोलने लगा...
जीजु..... मेरी दोनों दीदीया दुल्हन बनकर बिल्कुल तैयार हो चुकी हैं आप लोगों की सेवा के लिए...
असलम ने मेरे सर पर हाथ फेरा और बोला...
तू मेरा बहुत प्यारा साला है.... चल अब जल्दी से अपने दोनों दीदी को सुहागरात की सेज पर लेकर जा....
 
कुछ देर बाद मैं अपनी रूपाली दीदी और प्रियंका दीदी का हाथ पकड़ के उनके कमरे में ले गया... मेरे साथ में जुनैद असलम और मेरे जीजू भी थे.... वह आलीशान कमरा जो फूलों से बिल्कुल सजा हुआ था... डबल साइज का पलंग जिसके ऊपर गुलाब बिखरे हुए थे... और खुशबू मदहोश कर देने वाली थी...

जुनेद न स्टैंड खड़ा किया कमरे के बीचो-बीच और उसके ऊपर एक कैमरा फिट करने लगा... उसका इरादा मेरी दोनों दीदी के साथ ना सिर्फ सुहागरात मनाने का था बल्कि उन अनमोल लम्हों को व कैमरे में भी कैद करना चाहता था...
असलम ने दारू की बोतल खोल ली और पीने लगा... हर घूंट के साथ उसका नशा बढ़ता चला जा रहा था और उसकी हवस अब बिल्कुल काबू में नहीं रही...
जल्दी कर ना यार जुनेद.. कब से तड़प रहा हूं सुहागरात मनाने के लिए... देख मेरी दुल्हनिया भी बिल्कुल तैयार हो गई है... असलम ने मेरी प्रियंका दीदी की तरफ इशारा करते हुए कहा..
बस थोड़ी देर रुक जाओ असलम भाई.. कैमरा सही से फिट नहीं हो रहा है... पूरा सीन अच्छे से शूट करना जो है... जुनैद ने कहा..

अरे कैमरा सेट नहीं हो रहा है तो इस बहन के लोड़े को कैमरा पकड़ा दे... इसे तो बड़ा मजा आता है अपनी बहन की ठुकाई देखने में... असलम ने मेरी तरफ देखते हुए कहा..
आपका आईडिया बुरा नहीं है असलम भाई... आओ मेरे प्यारे साले साहब आओ आज तुम्हें अपनी दोनों बहनों की सुहागरात का दृश्य देखने का मजा मिलेगा... पकड़ साले यह कैमरा... सब कुछ अच्छे से सूट होना चाहिए... बोलते हुए जुनैद ने मुझे कैमरा पकड़ा दिया..
मैंने चुपचाप कैमरा पकड़ लिया मुझे और थप्पड़ नहीं खाने थे...
जुनैद ने भी फटाफट दारू का ग्लास खाली कर दिया... और जीजू से बोला..
सुन बे भड़वे... तू भी यही बैठा रहेगा और हम दोनों के लिए पैक बनाएगा...
मेरे जीजू ने अपना सर झुका लिया उन्हें कुछ बोलते हुए नहीं बन रहा था...
मेरी दोनों दीदी पलंग पर घूंघट ओढ़ के सिमटी हुई बैठी हुई थी..
उनके सामने कैमरा हाथ में लिए हुए खड़ा था मैं... बगल में सोफे पर मेरे जीजू दारु का पेग बना रहे थे असलम और जुनैद के लिए, जिसे वह दोनों एक घूंट में खत्म कर दे रहे थे... नशे के मारे दोनों की आंखें लाल होने लगी थी..
मां के लोड़े जो नशा तेरी बीवी रुपाली में है, दारु में नहीं... पर आज की रात तो मैं प्रियंका की सील खोलूंगा... आज वही मेरी दुल्हनिया है... जुनैद रुपाली कि बजाएगा... नशे में धुत होकर असलम मेरे जीजू को बोल रहा था.
चुपचाप सब कुछ सुन रहे थे मेरे जीजू...
एक बात बोलूं भाई.. रुपाली जैसी औरतों के लिए यह साला बेकार है..... इसका तो लंड भी छोटा होगा... दिखा साले अपना लंड.. जुनेद बोला..
साले तेरी मां का भोसड़ा ..मारुं , ... " निकाल अपनी पैंट. दिखा हमें अपना छोटा सामान... असलम ने गुस्से में कहा...
मेरे जीजू डर गए और चुपचाप खड़े होकर अपनी पेंट उतारने लगे.. पेंट उतारने के बाद जुनैद ने कच्छा भी नीचे सरका दिया... मेरे जीजू का 4 इंच का छोटा सा मुरझाया हुआ लंड हम सबकी आंखों के सामने था...
असलम ने मेरे जीजू का लंड अपने हाथों में पकड़ लिया और मेरी तरफ देख कर बोला..
देख साले तेरे जीजा का लंड कितना छोटा है... इतने छोटे से लंड से तो तेरी रूपाली दीदी को बिल्कुल मजा नहीं आता होगा... तेरी बहन को तो एक असली मर्द की जरूरत है... जो उसके खूब अंदर तक घुसआए... आज से हम दोनों तेरे असली जीजु है... असलम बोल रहा था और दूसरे हाथ से मसल रहा था अपने औजार को...
असलम भाई नशा बहुत हो चुका है... अब समय आ गया है कि हम दोनों अपनी अपनी दुल्हन को अपनी बना ले.. जुनेद बोला.
 
दोनों उठ के खड़े हुए और पलंग के ऊपर आ गए.. असलम मेरी प्रियंका दीदी के पास आकर बैठ गया और जुनैद मेरी रूपाली दीदी के...
साले साहब अच्छे से अच्छे से शूटिंग होनी चाहिए तुम्हारी बहनों की सुहागरात... जुनैद ने मुझे देखते हुए कहा..
मैंने कैमरे का फोकस उस पलंग के ऊपर कर दिया जहां पर एक्शन होने वाला था....
असलम ने मेरी प्रियंका दीदी का घूंघट उठाया... मेरी दीदी की चांद से भी खूबसूरत चेहरे को देखकर असलम के मुंह में पानी आ रहा था.. मेरी दीदी किसी नई नवेली दुल्हन की तरह ही शर्मआ रही थी... असलम ने अपनी पैंट की जेब से एक मंगलसूत्र निकाला और मेरी दीदी के गले में पहना दिया... फिर उसने एक चुटकी सिंदूर से मेरी प्रियंका दीदी की मांग भी भर दी... अब औपचारिक रूप से मेरी दीदी असलम की दुल्हन बन गई थी...
दूसरी तरफ जुनैद ने मेरी रूपाली दीदी को अपनी गोद में बिठा रखा था... सबकी नजरें असलम और मेरी प्रियंका दीदी पर टिकी हुई थी..
असलम ने अपनी नई नवेली दुल्हन को अपने गले लगा लिया...
पहले उसने मेरी प्रियंका दीदी कि नथ उतारी... फिर एक-एक करके धीरे-धीरे उसने मेरी दीदी के बदन से सारे गहने अलग कर दिए.. उसने मेरी दीदी को फूलों से सजे बिस्तर पर नीचे लिटा दिया और खुद उनके ऊपर सवार हो गया... असलम के बोझ के तले नीचे दबी हुई मेरी दीदी कसमसआने लगी..

पहले तो उसने मेरी दीदी के कोमल गानों को चुम्मा... फिर गुलाबी होठों को... असलम ने शुरू में तो अच्छे बच्चो की तरह हलके हलके होंठों को ,गालो को चूमा मेरी प्रियंका दीदी की... पर थोड़ी देर बाद उसके अंदर का जानवर जाग गया...
मेरी प्रियंका दीदी के दोनों रस से भरे गुलाबी होंठों को उसने हलके से अपने होंठों के बीच दबाया ,कुछ देर तक वो बेशरम उन्हें चूसता रहा, चूसता रहा जैसे सारा रस अभी पी लेगा ,और फिर पूरी ताकत से कचकचा के ,इतने जोर से काटा की आँखों में दर्द से आंसू छलक पड़े मेरी दीदी के...फिर होंठों से ही उस जगह दो चार मिनट सहलाया और फिर पहले से भी दुगुने जोर से और खूब देर तक… पक्का दांत के निशान पड़ गए होंगे प्रियंका दीदी के होठों पर..

दूसरी तरफ रूपाली दीदी जुनैद की गोद में बैठी हुई थी और उन्होंने अपनी बाहें गले में डाल रखी थी जुनैद के... दोनों के बीच एक जबरदस्त चुंबन चल रहा था... ऐसा लग रहा था मानो तो एक दूसरे से जुड़ गए हो दोनों के होंठ... फिर कभी अलग नहीं होंगे... मैंने अपनी रूपाली दीदी का एक्शन तो दिन भर देखा ही था इसलिए मैंने अपना फोकस प्रियंका दीदी की तरफ किया....
असलम भी प्रियंका दीदी के होठों को अपने होठों में दबोच के चूसे जा रहा था, लेकिन मेरी दीदी अपने नए दूल्हे को न तो मना कर सकती थी न चीख सकती थी , मेरी प्रियंका दीदी के दोनों होंठ तो उस दुष्ट के होंठों ने ऐसे दबोच रखे थे जैसे कोई बाज किसी गौरेया को दबोचे।
बड़ी मुश्किल से होंठ छूटे तो गाल ,
गाल पर भी उसने पहले तो थोड़ी देर अपने लालची होंठ रगड़े ,और फिर कचकचा के , पहले थोड़ी देर चूस के दो दांत जोर से लगा देता , मेरी दीदी छटपटाती ,चीखती अपने चूतड़ पटकती ,फिर वो वहीँ थोड़ी देर तक होंठों से सहलाने के बाद दुगुनी ताकत से , .... दोनों गालों पर काट रहा था...
 
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