hotaks444
New member
- Joined
- Nov 15, 2016
- Messages
- 54,521
अहह!!!! आराम से भाई.
रूबी ज़ोर से चीखी जब रमण ने अपना लंड एक ही बार में उसकी चूत में पेल दिया.
‘क्या करूँ यार तू है ही इतनी मस्त रहा नही जाता’
‘उफफफ्फ़ जान निकलोगे क्या मेरी’
‘नही मेरी जान तुझे मस्ती की उन उँचाइयों तक ले जाउन्गा जो कभी सोची भी ना होगी’ रमण अपने लंड को हरकत में डालता हुआ बोलता है.
हाई हाईईईईईईईईईईईई उम्म्म धीरे धीरे
रमण झुक के रूबी के होंठ चूसने लगता है और रूबी मस्त होती चली जाती है – रूबी के होंठ उसकी कमज़ोरी थे, रमण जब भी उन्हें चूस्ता रूबी के जिस्म में आग फैलने लगती और उसकी चूत रस छोड़ना शुरू कर देती.
जैसे जैसे रमण उसके होंठ चूस्ता गया वैसे वैसे रूबी की कमर लचकने लगी, इतना इशारा रमण के लिए काफ़ी था.
उसने अपने झटके तेज कर दिए.
रूबी ने अपने होंठ रमण से छुड़वाए और बोली -जल्दी कर लो माँ आती होगी.
‘यार जल्दी में मज़ा नही आता’
‘रात को आराम से चोद लेना पर अब तो जल्दी पेलो – हाई मेरी चूत बहुत खुज़ला रही है’
रमण तेज़ी से उसे चोदने लगा अब बिल्कुल मशीन की तरहा उसका लंड रूबी की चूत में घुसता और बाहर निकलता.
सिसकियाँ लेती हुई रूबी भी उसका साथ दे रही थी अपनी गान्ड उछाल उछाल कर.
दोनो तेज़ी से अपने चर्म की तरफ बढ़ रहे थे कि-
अहह श्श्श्श्शूऊऊऊओन्न्न्न्न्न्न्न्नाआआआआल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल चीखता हुआ रमण उसकी चूत में झड़ने लगा और उसी वक़्त रूबी भी झड़ने लगी. वो एक जोंक की तरहा रमण से चिपक गयी.
जब दोनो की साँसे थोड़ी ठीक हुई तो रूबी ने पूछ ही लिया –
‘आज तुम्हारे मुँह से सोनल का नाम क्यूँ निकला’
रमण कुछ देर तो चुप रहा.
रूबी ने फिर पूछा – उसके चेहरे पे नाराज़गी सॉफ जाहिर हो रही थी.
रमण : यार जब से सोनल की रीसेंट फोटो देखी हैं तब से दिमाग़ खराब हो गया है उसके लिए. कई बार तो तुम्हें चोदते हुए सोचता हूँ कि सोनल को चोद रहा हूँ.
रूबी : ओह तो अब मुझ से तुम्हारा मन भर गया जो मौसी की बेटी पे भी नज़र गढ़ाए बैठे हो.
रमण : नही यार ग़लत मत समझ – पता नही क्या हो गया है मुझ को.
रूबी नाराज़ हो कर उठ के बाथरूम में चली गयी.
दो साल से रमण उसे चोद रहा था – पर आज उसके मुँह से सोनल का नाम सुन रूबी के सीने में आग लग गयी – उसे इसमे अपना अपमान लगा और गुस्सा इतना चढ़ा कि दिल कर रहा था कि अभी रमण के चेहरे को अपने थप्पड़ो से लाल कर दे.
रूबी ज़ोर से चीखी जब रमण ने अपना लंड एक ही बार में उसकी चूत में पेल दिया.
‘क्या करूँ यार तू है ही इतनी मस्त रहा नही जाता’
‘उफफफ्फ़ जान निकलोगे क्या मेरी’
‘नही मेरी जान तुझे मस्ती की उन उँचाइयों तक ले जाउन्गा जो कभी सोची भी ना होगी’ रमण अपने लंड को हरकत में डालता हुआ बोलता है.
हाई हाईईईईईईईईईईईई उम्म्म धीरे धीरे
रमण झुक के रूबी के होंठ चूसने लगता है और रूबी मस्त होती चली जाती है – रूबी के होंठ उसकी कमज़ोरी थे, रमण जब भी उन्हें चूस्ता रूबी के जिस्म में आग फैलने लगती और उसकी चूत रस छोड़ना शुरू कर देती.
जैसे जैसे रमण उसके होंठ चूस्ता गया वैसे वैसे रूबी की कमर लचकने लगी, इतना इशारा रमण के लिए काफ़ी था.
उसने अपने झटके तेज कर दिए.
रूबी ने अपने होंठ रमण से छुड़वाए और बोली -जल्दी कर लो माँ आती होगी.
‘यार जल्दी में मज़ा नही आता’
‘रात को आराम से चोद लेना पर अब तो जल्दी पेलो – हाई मेरी चूत बहुत खुज़ला रही है’
रमण तेज़ी से उसे चोदने लगा अब बिल्कुल मशीन की तरहा उसका लंड रूबी की चूत में घुसता और बाहर निकलता.
सिसकियाँ लेती हुई रूबी भी उसका साथ दे रही थी अपनी गान्ड उछाल उछाल कर.
दोनो तेज़ी से अपने चर्म की तरफ बढ़ रहे थे कि-
अहह श्श्श्श्शूऊऊऊओन्न्न्न्न्न्न्न्नाआआआआल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल चीखता हुआ रमण उसकी चूत में झड़ने लगा और उसी वक़्त रूबी भी झड़ने लगी. वो एक जोंक की तरहा रमण से चिपक गयी.
जब दोनो की साँसे थोड़ी ठीक हुई तो रूबी ने पूछ ही लिया –
‘आज तुम्हारे मुँह से सोनल का नाम क्यूँ निकला’
रमण कुछ देर तो चुप रहा.
रूबी ने फिर पूछा – उसके चेहरे पे नाराज़गी सॉफ जाहिर हो रही थी.
रमण : यार जब से सोनल की रीसेंट फोटो देखी हैं तब से दिमाग़ खराब हो गया है उसके लिए. कई बार तो तुम्हें चोदते हुए सोचता हूँ कि सोनल को चोद रहा हूँ.
रूबी : ओह तो अब मुझ से तुम्हारा मन भर गया जो मौसी की बेटी पे भी नज़र गढ़ाए बैठे हो.
रमण : नही यार ग़लत मत समझ – पता नही क्या हो गया है मुझ को.
रूबी नाराज़ हो कर उठ के बाथरूम में चली गयी.
दो साल से रमण उसे चोद रहा था – पर आज उसके मुँह से सोनल का नाम सुन रूबी के सीने में आग लग गयी – उसे इसमे अपना अपमान लगा और गुस्सा इतना चढ़ा कि दिल कर रहा था कि अभी रमण के चेहरे को अपने थप्पड़ो से लाल कर दे.