hotaks444
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सूमी पहले सोचती है कि मिनिबार से मिनियेचरर्स निकाल ले - पर एक दो पेग से बात कहाँ बननी थी - हाउस कीपिंग को रेड वाइन की दो बॉटल्स का ऑर्डर दे देती है. वैसे तो इस वक़्त तक बार बंद हो जाया करता है पर इनहाउस गेस्ट के लिए हाउस कीपिंग अपने पास स्टॉक रखता है - इसलिए दो बॉटल्स फ्रेंच वाइन की डेलिवर हो जाती हैं.
सूमी वाइन के दो ग्लास बनती है और बाहर सुनील के पास चली जाती है जो बाल्कनी में बैठा टिमटिमाते तारों को देख रहा था - पहाड़ों पे बने घरों की लाइट्स जो दूर से बहुत अच्छी लग रही थी एक अलग ही महॉल बना रही थी.
सूमी को देख सुनील को झटका लगता है - लंड महाराज उठना शुरू कर देते हैं.
तभी अंदर पड़ा सूमी का मोबाइल बजने लग गया. रात के इस वक़्त कॉन फोन कर सकता है - कहीं कोई एमर्जेन्सी ना हो गयी हो सोनल के साथ जो बंगलोर गयी हुई थी - ये सोच के वो डर जाती है और सुनील के पास ग्लासस रख अंदर भागती है.
कॉल सोनल का ही था - सूमी फट से कॉल रिसीव करती है
'हेलो बेटी - ठीक तो है ना -- रात के इस वक़्त...'
'ठीक हूँ मोम - बस नींद नही आ रही थी - सोचा आप से बात कर लूँ - डिस्टर्ब तो नही किया -- आप शायद सो चुकी होंगी'
'नही बिटिया मुझे भी नींद नही आ रही थी - ऐसे ही कोई नॉवेल पढ़ने बैठ गयी थी ( अब सोनल से सच तो बोल नही सकती थी)
'मोम....."
'क्या बात है सोनल ... मैं तेरी मोम भी हूँ और दोस्त भी ... क्या बात परेशान कर रही है तुझे'
'मोम ..... सुनील बदल गया है.....'
'मतलब - तेरी इतनी चिंता करता है - सब कुछ तो करता है तेरे लिए - उसने कुछ कहा क्या?'
(अब माँ को कैसे बोलती उसके दिल में क्या है और सुनील का जवाब क्या है)
'मोम - ना फोन करता है ना ढंग से बात करता है - दूरी बना ली है मुझ से .... उसके बिना मैं टूट जाउन्गि मोम'
(ना चाहते हुए भी इनडाइरेक्ट्ली माँ को बोल ही गयी सोनल)
'मैं उससे बात करती हूँ - अब रोज तुझे फोन करेगा ... ऐसी बातों पे दिल छोटा नही करते .... बहुत प्यार करता है तुझ से - अपनी जान तक देदेगा तेरे लिए'
'जानती हूँ मोम ... पर जब वो दूरी बना लेता है - मुझे कुछ होने लगता है'
'पगली ऐसा नही सोचते --- एक ही तो भाई है तेरा .... और सुनील जैसा भाई किस्मत से मिलता है'
सोनल अपने मन में ही बोलती है ' मैं उस से प्यार करने लगी हूँ मों --- कैसे समझाऊ आपको --- वो मेरी परवाह बिल्कुल नही करता ... दुतकार दिया मुझे'
'गुड नाइट मोम '
'गुड नाइट लव - टेक केर'
बाहर बैठा सुनील सब सुन रहा था - बातों से समझ गया था सोनल का फोन है --- उसका दिमाग़ गरम हो जाता है और पास पड़े दोनो ग्लास एक एक सांस में ख़तम कर डालता है 'क्यूँ कर रही हो दी ऐसा --- कितनी बार समझाया --- आइ लव ऐज ब्रदर ओन्ली कॅन'ट थिंक अनदर रिलेशन्षिप विद यू - कैसे समझाऊ - क्यूँ खुद को दुखी कर रही हो और साथ में मुझे भी - सूमी को सब बता भी तो नही सकता - टूट जाएगी -- बड़ी मुश्किल से संभली है'
सूमी बाहर आती है तो देखती है दोनो ग्लास खाली और सुनील किसी गहरी सोच में डूबा हुआ था.
जब से सुनील जवान हुआ था - उसे जब भी ऐसी मुद्रा में देखती थी तो उसे कुछ होने लगता था - और आज तो कुछ ज़यादा ही हो रहा था - एक माँ का दिल और एक बीवी का दिल दोनो ही तड़पने लगे. माँ को साइड कर उसने बीवी का ही रोल अपनाया - एक यही तरीका था उसके पास सुनील के दिल की गहराइयों तक पहुँचने का -- खुद को संभाला और पीछे से जा उसके गले में बाँहें डाल ' क्या बात है डार्लिंग - दोनो ग्लास डकार गये मेरी वेट भी नही करी - और क्या सोच रहे हो '
'सोनल के बारे में सोच रहा था - कुछ उदास सी रहने लगी है - मैं सोच रहा था कि उसके लिए अच्छा लड़का ढूंडना शुरू कर दिया जाए'
'उसकी एमडी तो होने दो'
' अरे वो तो शादी के बाद भी हो जाएगी'
'नही शादी के बाद ससुराल की ज़िमेदारियाँ बढ़ जाती हैं - पति के तरफ ज़िम्मेदारी बढ़ जाती है --- पढ़ाई नही हो सकती ----- बस दो ढाई साल की ही तो बात है - एमडी के बाद लड़का भी अच्छा मिलेगा'
'ह्म्म'
'लव यू'
'मी टू'
सूमी वाइन के दो ग्लास बनती है और बाहर सुनील के पास चली जाती है जो बाल्कनी में बैठा टिमटिमाते तारों को देख रहा था - पहाड़ों पे बने घरों की लाइट्स जो दूर से बहुत अच्छी लग रही थी एक अलग ही महॉल बना रही थी.
सूमी को देख सुनील को झटका लगता है - लंड महाराज उठना शुरू कर देते हैं.
तभी अंदर पड़ा सूमी का मोबाइल बजने लग गया. रात के इस वक़्त कॉन फोन कर सकता है - कहीं कोई एमर्जेन्सी ना हो गयी हो सोनल के साथ जो बंगलोर गयी हुई थी - ये सोच के वो डर जाती है और सुनील के पास ग्लासस रख अंदर भागती है.
कॉल सोनल का ही था - सूमी फट से कॉल रिसीव करती है
'हेलो बेटी - ठीक तो है ना -- रात के इस वक़्त...'
'ठीक हूँ मोम - बस नींद नही आ रही थी - सोचा आप से बात कर लूँ - डिस्टर्ब तो नही किया -- आप शायद सो चुकी होंगी'
'नही बिटिया मुझे भी नींद नही आ रही थी - ऐसे ही कोई नॉवेल पढ़ने बैठ गयी थी ( अब सोनल से सच तो बोल नही सकती थी)
'मोम....."
'क्या बात है सोनल ... मैं तेरी मोम भी हूँ और दोस्त भी ... क्या बात परेशान कर रही है तुझे'
'मोम ..... सुनील बदल गया है.....'
'मतलब - तेरी इतनी चिंता करता है - सब कुछ तो करता है तेरे लिए - उसने कुछ कहा क्या?'
(अब माँ को कैसे बोलती उसके दिल में क्या है और सुनील का जवाब क्या है)
'मोम - ना फोन करता है ना ढंग से बात करता है - दूरी बना ली है मुझ से .... उसके बिना मैं टूट जाउन्गि मोम'
(ना चाहते हुए भी इनडाइरेक्ट्ली माँ को बोल ही गयी सोनल)
'मैं उससे बात करती हूँ - अब रोज तुझे फोन करेगा ... ऐसी बातों पे दिल छोटा नही करते .... बहुत प्यार करता है तुझ से - अपनी जान तक देदेगा तेरे लिए'
'जानती हूँ मोम ... पर जब वो दूरी बना लेता है - मुझे कुछ होने लगता है'
'पगली ऐसा नही सोचते --- एक ही तो भाई है तेरा .... और सुनील जैसा भाई किस्मत से मिलता है'
सोनल अपने मन में ही बोलती है ' मैं उस से प्यार करने लगी हूँ मों --- कैसे समझाऊ आपको --- वो मेरी परवाह बिल्कुल नही करता ... दुतकार दिया मुझे'
'गुड नाइट मोम '
'गुड नाइट लव - टेक केर'
बाहर बैठा सुनील सब सुन रहा था - बातों से समझ गया था सोनल का फोन है --- उसका दिमाग़ गरम हो जाता है और पास पड़े दोनो ग्लास एक एक सांस में ख़तम कर डालता है 'क्यूँ कर रही हो दी ऐसा --- कितनी बार समझाया --- आइ लव ऐज ब्रदर ओन्ली कॅन'ट थिंक अनदर रिलेशन्षिप विद यू - कैसे समझाऊ - क्यूँ खुद को दुखी कर रही हो और साथ में मुझे भी - सूमी को सब बता भी तो नही सकता - टूट जाएगी -- बड़ी मुश्किल से संभली है'
सूमी बाहर आती है तो देखती है दोनो ग्लास खाली और सुनील किसी गहरी सोच में डूबा हुआ था.
जब से सुनील जवान हुआ था - उसे जब भी ऐसी मुद्रा में देखती थी तो उसे कुछ होने लगता था - और आज तो कुछ ज़यादा ही हो रहा था - एक माँ का दिल और एक बीवी का दिल दोनो ही तड़पने लगे. माँ को साइड कर उसने बीवी का ही रोल अपनाया - एक यही तरीका था उसके पास सुनील के दिल की गहराइयों तक पहुँचने का -- खुद को संभाला और पीछे से जा उसके गले में बाँहें डाल ' क्या बात है डार्लिंग - दोनो ग्लास डकार गये मेरी वेट भी नही करी - और क्या सोच रहे हो '
'सोनल के बारे में सोच रहा था - कुछ उदास सी रहने लगी है - मैं सोच रहा था कि उसके लिए अच्छा लड़का ढूंडना शुरू कर दिया जाए'
'उसकी एमडी तो होने दो'
' अरे वो तो शादी के बाद भी हो जाएगी'
'नही शादी के बाद ससुराल की ज़िमेदारियाँ बढ़ जाती हैं - पति के तरफ ज़िम्मेदारी बढ़ जाती है --- पढ़ाई नही हो सकती ----- बस दो ढाई साल की ही तो बात है - एमडी के बाद लड़का भी अच्छा मिलेगा'
'ह्म्म'
'लव यू'
'मी टू'