hotaks444
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Contd....बड़े मियां तो बड़े मियां, छोटे मियां भी……
रात का खाना हम सबने साथ ही खाया, इस दौरान मेरी नजर जब निक्कू से मिलती तो वो हल्के से मुस्कुरा देता, मैं समझ गई कि आज मेरा काम बन गया।
रात को सर्दी की वजह से हम जल्दी सोने चले गये। सन्जू तो जाते ही सो गया और थोड़ी देर बाद मुझे नीन्द भी आने लगी, रात को जब मेरी नींद खुली तो मुझे महसूस हुआ कि मेरे चूतड़ों पर कुछ कड़क चीज चुभ रही है, मैंने धीरे से हाथ लगा कर देखा तो निक्कू का लण्ड था, मुझे उसके लण्ड का स्पर्श बहुत ही अच्छा लगा, मैंने भी अपनी गाण्ड को उसके लण्ड से सटा दिया। फ़िर मुझे लगा कि निक्कू अपना हाथ मेरे पेट पर फ़िरा रहा है, मैं अभी भी अपनी पीठ दूसरी तरफ़ करके सोने का नाटक कर रही थी, धीरे धीरे निक्कू का हाथ मेरे चूचियों की तरफ़ बढ़ने लगा। मेरी धड़कन तेज होती जा रही थी, अब उसका हाथ मेरी चूची पर था, जैसे ही उसने मेरी चूची दबाई, मेरे मुँह से एक मादक सिसकी निकल गई।
उसने हल्के हाथों से मेरी चूचियों की मालिश करनी शुरु कर दी। मुझे बहुत मजा आ रहा था। अब धीरे धीरे उसका हाथ नीचे सरकने लगा, मै भी अब झिझक छोडकर निक्कू का सहयोग करने लगी और सीधी लेट गई और अपने एक हाथ से उसके लण्ड को पैन्ट के ऊपर से ही दबाना शुरु किया। उसने अपने एक हाथ से मेरे नाइट-सूट का नाडा खोल दिया। मैंने भी उसके लण्ड को पैन्ट से आजाद कर दिया और उसका 6 इन्च लम्बा और 3 इन्च चौडा लण्ड हाथ में लेकर हिलाने लगी और मन ही मन सोचने लगी कि कहाँ तो मैं साढ़े चार इन्च लम्बा लण्ड लेने की सोच रही थी और कहाँ ये तगड़ा तना हुआ 6 इन्च लम्बा और 3 इन्च चौडा लण्ड मिल गया !
लेकिन कमरे में अन्धेरा था इसलिए देख नहीं पाई।
अब निक्कू मेरी पेन्टी के अन्दर हाथ डालकर मेरी चूत को सहलाने लगा। मेरे मुँह से आहहहह ! आहहहह ! स स सी सी !! आऊऊऊ !! की आवाजें आनी शुरु हो गई। मैंने करवट बदलकर निक्कू के होंठों पर चूमना चालू कर दिया, उसने मुझे नीचे गिरा दिया और खुद मेरे ऊपर आ गया और जमकर मेरे होंठों को चूसा।
अब वो धीरे-धीरे नीचे की तरफ़ बढ़ने लगा और मेरी चूचियों को अपने मुँह में भरकर चूसने लगा। मेरे से अब अपने पर काबू नहीं हो रहा था और मैं आहहह ! आहहाह्ह्ह्ह ! करने लगी। अब निक्कू ने मेरा पजामा उतारा और पैंटी के ऊपर से ही मेरी चूत चूमने लगा। उसने एक झटके से मेरी पैंटी उतार दी और मेरी चूत का दाना अपने मुँह में लेकर चूसने लगा, मेरे मुँह से आआ आआअहहहहह ऊ ऊऊ उहह्ह्ह्हह्ह की आवाज निकलने लगी, जो पूरे कमरे में फ़ैलने लगी।
अचानक, कमरे की बत्ती जली, रोशनी होते ही हम दोनों हड़बड़ा गए, देखा तो सामने सन्जू खड़ा है और हमें आँखें फ़ाड फ़ाड कर देख रहा है,"अरे बाप रे! तुम दोनों नन्गे होकर क्या कर रहे हो? ठहरो! मैं अभी जाकर पापा को कहता हूँ।"
हम दोनों घबरा गए, मै झट से कपड़े ठीक करके उसकी तरफ़ लपकी और उससे विनती करने लगी,"सन्जू रुक ! हम तो ऐसे ही खेल रहे थे, प्लीज, पापा से कुछ मत कहना, तू जो कहेगा, जो माँगेगा वो तुझे दूँगी, प्लीज रुक जा।"
निक्कू भी उससे विनती करने लगा।
सन्जू,"एक शर्त पर मैं किसी से कुछ नहीं कहूँगा।"
हम दोनों एक साथ बोले,"हमें तेरी हर शर्त मन्जूर है।"
सन्जू-"तुम दोनों मेरा हर काम करोगे और जो खेल तुम अभी खेल रहे थे, मुझे भी खेलाओगे, मन्जूर है?"
"थैंक्यू ! सन्जू !" मैंने खुशी के मारे उसे गले लगा लिया और उसके गालों को चूम लिया। मुझे मेरी किस्मत पर यकीन नहीं हो रहा था कि आज एक के बजाय दो-दो लण्ड मिलने वाले हैं।
मैंने सन्जू के होंठों को चूमना शुरु किया और निक्कू मेरे पीछे से मेरी गाण्ड को सहलाने लगा। अब मैं सन्जू के कपड़े उतारने लगी और उसकी पैन्ट उतार कर उसका प्यारा सा लण्ड अपने मुँह में ले लिया।
इधर पीछे से निक्कू मेरी गाण्ड पर अपनी जुबान फ़ेरने लगा।
आहहहहाह!
अब सन्जू ने मेरे चूचे दबाने शुरु कर दिए।
मैंने सन्जू से कहा,"क्या ऊपर से ही मजा लेगा, चल अपनी बहन को नन्गी कर दे !"
सन्जू ने मेरा टॉप उतार दिया और मेरे स्तनों को अपने मुँह मे लेकर चूसने लगा।
वाह !! सन्जू !! आहहहाहह ! और जोर से चूस !!! मेरे मुँह से मादक सिसकारियाँ निकलने लगी।
निक्कू ने अपने कपड़े खुद ही उतार दिए और मेरी रसीली चूत चाटने लगा।
आहहहहाह ! आहहहह ! स स सी सी !! आऊऊऊ !! निक्कू की गरम जबान मेरी चूत में जाते ही मैं तो जैसे सातवें आसमान पर पहुँच गई। उसके मुँह से निकलने वाली गर्म-गर्म सांसों से मेरे चूत में जैसे आग लग गई। आज मुझे लगा कि मेरे घर में ही चुदाई स्पेशलिस्ट मौजूद है और मैं कहाँ इधर-उधर ताक रही थी। कभी सन्जू तो कभी निक्कू बारी बारी से मेरी चूत और गाण्ड चाटते, तो मैं कभी सन्जू का तो कभी निक्कू का लण्ड चूसती।
करीब एक घन्टे तक मस्ती करने के बाद मैं एकदम गर्म हो चुकी थी, मेरे मुँह से सित्कार की आवाजें आ रही थी- आहहहहाह ! निक्कू !! सन्जू !! अब मुझसे कण्ट्रोल नहीं हो रहा है, प्लीज!! मेरी चूत चोदो ! आहहहहाहहहह !
निक्कू ने मुझे नीचे लिटाया और मेरी टांगों को फ़ैलाकर मेरी चूत में अपनी अँगुली डाल दी। मेरे मुँह से फ़िर से मादक सित्कार निकल उठी- आआअहहहहाह !! स स्सी!!!!!!!!आऊ!!!!! निक्कू प्लीज, मेरी चूत चोदो!!!! आआ आआअहहहहह ऊ ऊऊ उहह्हह्ह !
अब निक्कू अपने लण्ड का सुपारा मेरी चूत पर रखकर रगड़ने लगा, मेरी चूत से गर्म तरल बाहर आने लगा, निक्कू ने जैसे ही अपना लंड मेरी चूत में डालने की कोशिश की मेरे मुँह से दर्द के मारे चीख निकल गई- उई मम्मी !!! मर गई !!! निक्कू मत करो !! मेरी चूत फ़ट जाएगी !!
सन्जू ने मुझे प्यार से पुचकारते हुए कहा,"दीदी! थोड़ी सी देर दर्द होगा, फ़िर मजा आयेगा।"
इतने में निक्कू ने एक झटका और दिया।
"उई मम्मी !!!!! मर गई !!!!! मेरे मुँह से फ़िर से चीख निकल पडी,"निक्कू !! तेरा लण्ड बहुत बडा है, ये मेरी चूत में शायद नहीं जाएगा!"
निक्कू ने सन्जू से कहा,"सन्जू ! पहले तू दीदी को चोद ले, तेरा लण्ड छोटा है, इससे दीदी को दर्द कम होगा।"
रात का खाना हम सबने साथ ही खाया, इस दौरान मेरी नजर जब निक्कू से मिलती तो वो हल्के से मुस्कुरा देता, मैं समझ गई कि आज मेरा काम बन गया।
रात को सर्दी की वजह से हम जल्दी सोने चले गये। सन्जू तो जाते ही सो गया और थोड़ी देर बाद मुझे नीन्द भी आने लगी, रात को जब मेरी नींद खुली तो मुझे महसूस हुआ कि मेरे चूतड़ों पर कुछ कड़क चीज चुभ रही है, मैंने धीरे से हाथ लगा कर देखा तो निक्कू का लण्ड था, मुझे उसके लण्ड का स्पर्श बहुत ही अच्छा लगा, मैंने भी अपनी गाण्ड को उसके लण्ड से सटा दिया। फ़िर मुझे लगा कि निक्कू अपना हाथ मेरे पेट पर फ़िरा रहा है, मैं अभी भी अपनी पीठ दूसरी तरफ़ करके सोने का नाटक कर रही थी, धीरे धीरे निक्कू का हाथ मेरे चूचियों की तरफ़ बढ़ने लगा। मेरी धड़कन तेज होती जा रही थी, अब उसका हाथ मेरी चूची पर था, जैसे ही उसने मेरी चूची दबाई, मेरे मुँह से एक मादक सिसकी निकल गई।
उसने हल्के हाथों से मेरी चूचियों की मालिश करनी शुरु कर दी। मुझे बहुत मजा आ रहा था। अब धीरे धीरे उसका हाथ नीचे सरकने लगा, मै भी अब झिझक छोडकर निक्कू का सहयोग करने लगी और सीधी लेट गई और अपने एक हाथ से उसके लण्ड को पैन्ट के ऊपर से ही दबाना शुरु किया। उसने अपने एक हाथ से मेरे नाइट-सूट का नाडा खोल दिया। मैंने भी उसके लण्ड को पैन्ट से आजाद कर दिया और उसका 6 इन्च लम्बा और 3 इन्च चौडा लण्ड हाथ में लेकर हिलाने लगी और मन ही मन सोचने लगी कि कहाँ तो मैं साढ़े चार इन्च लम्बा लण्ड लेने की सोच रही थी और कहाँ ये तगड़ा तना हुआ 6 इन्च लम्बा और 3 इन्च चौडा लण्ड मिल गया !
लेकिन कमरे में अन्धेरा था इसलिए देख नहीं पाई।
अब निक्कू मेरी पेन्टी के अन्दर हाथ डालकर मेरी चूत को सहलाने लगा। मेरे मुँह से आहहहह ! आहहहह ! स स सी सी !! आऊऊऊ !! की आवाजें आनी शुरु हो गई। मैंने करवट बदलकर निक्कू के होंठों पर चूमना चालू कर दिया, उसने मुझे नीचे गिरा दिया और खुद मेरे ऊपर आ गया और जमकर मेरे होंठों को चूसा।
अब वो धीरे-धीरे नीचे की तरफ़ बढ़ने लगा और मेरी चूचियों को अपने मुँह में भरकर चूसने लगा। मेरे से अब अपने पर काबू नहीं हो रहा था और मैं आहहह ! आहहाह्ह्ह्ह ! करने लगी। अब निक्कू ने मेरा पजामा उतारा और पैंटी के ऊपर से ही मेरी चूत चूमने लगा। उसने एक झटके से मेरी पैंटी उतार दी और मेरी चूत का दाना अपने मुँह में लेकर चूसने लगा, मेरे मुँह से आआ आआअहहहहह ऊ ऊऊ उहह्ह्ह्हह्ह की आवाज निकलने लगी, जो पूरे कमरे में फ़ैलने लगी।
अचानक, कमरे की बत्ती जली, रोशनी होते ही हम दोनों हड़बड़ा गए, देखा तो सामने सन्जू खड़ा है और हमें आँखें फ़ाड फ़ाड कर देख रहा है,"अरे बाप रे! तुम दोनों नन्गे होकर क्या कर रहे हो? ठहरो! मैं अभी जाकर पापा को कहता हूँ।"
हम दोनों घबरा गए, मै झट से कपड़े ठीक करके उसकी तरफ़ लपकी और उससे विनती करने लगी,"सन्जू रुक ! हम तो ऐसे ही खेल रहे थे, प्लीज, पापा से कुछ मत कहना, तू जो कहेगा, जो माँगेगा वो तुझे दूँगी, प्लीज रुक जा।"
निक्कू भी उससे विनती करने लगा।
सन्जू,"एक शर्त पर मैं किसी से कुछ नहीं कहूँगा।"
हम दोनों एक साथ बोले,"हमें तेरी हर शर्त मन्जूर है।"
सन्जू-"तुम दोनों मेरा हर काम करोगे और जो खेल तुम अभी खेल रहे थे, मुझे भी खेलाओगे, मन्जूर है?"
"थैंक्यू ! सन्जू !" मैंने खुशी के मारे उसे गले लगा लिया और उसके गालों को चूम लिया। मुझे मेरी किस्मत पर यकीन नहीं हो रहा था कि आज एक के बजाय दो-दो लण्ड मिलने वाले हैं।
मैंने सन्जू के होंठों को चूमना शुरु किया और निक्कू मेरे पीछे से मेरी गाण्ड को सहलाने लगा। अब मैं सन्जू के कपड़े उतारने लगी और उसकी पैन्ट उतार कर उसका प्यारा सा लण्ड अपने मुँह में ले लिया।
इधर पीछे से निक्कू मेरी गाण्ड पर अपनी जुबान फ़ेरने लगा।
आहहहहाह!
अब सन्जू ने मेरे चूचे दबाने शुरु कर दिए।
मैंने सन्जू से कहा,"क्या ऊपर से ही मजा लेगा, चल अपनी बहन को नन्गी कर दे !"
सन्जू ने मेरा टॉप उतार दिया और मेरे स्तनों को अपने मुँह मे लेकर चूसने लगा।
वाह !! सन्जू !! आहहहाहह ! और जोर से चूस !!! मेरे मुँह से मादक सिसकारियाँ निकलने लगी।
निक्कू ने अपने कपड़े खुद ही उतार दिए और मेरी रसीली चूत चाटने लगा।
आहहहहाह ! आहहहह ! स स सी सी !! आऊऊऊ !! निक्कू की गरम जबान मेरी चूत में जाते ही मैं तो जैसे सातवें आसमान पर पहुँच गई। उसके मुँह से निकलने वाली गर्म-गर्म सांसों से मेरे चूत में जैसे आग लग गई। आज मुझे लगा कि मेरे घर में ही चुदाई स्पेशलिस्ट मौजूद है और मैं कहाँ इधर-उधर ताक रही थी। कभी सन्जू तो कभी निक्कू बारी बारी से मेरी चूत और गाण्ड चाटते, तो मैं कभी सन्जू का तो कभी निक्कू का लण्ड चूसती।
करीब एक घन्टे तक मस्ती करने के बाद मैं एकदम गर्म हो चुकी थी, मेरे मुँह से सित्कार की आवाजें आ रही थी- आहहहहाह ! निक्कू !! सन्जू !! अब मुझसे कण्ट्रोल नहीं हो रहा है, प्लीज!! मेरी चूत चोदो ! आहहहहाहहहह !
निक्कू ने मुझे नीचे लिटाया और मेरी टांगों को फ़ैलाकर मेरी चूत में अपनी अँगुली डाल दी। मेरे मुँह से फ़िर से मादक सित्कार निकल उठी- आआअहहहहाह !! स स्सी!!!!!!!!आऊ!!!!! निक्कू प्लीज, मेरी चूत चोदो!!!! आआ आआअहहहहह ऊ ऊऊ उहह्हह्ह !
अब निक्कू अपने लण्ड का सुपारा मेरी चूत पर रखकर रगड़ने लगा, मेरी चूत से गर्म तरल बाहर आने लगा, निक्कू ने जैसे ही अपना लंड मेरी चूत में डालने की कोशिश की मेरे मुँह से दर्द के मारे चीख निकल गई- उई मम्मी !!! मर गई !!! निक्कू मत करो !! मेरी चूत फ़ट जाएगी !!
सन्जू ने मुझे प्यार से पुचकारते हुए कहा,"दीदी! थोड़ी सी देर दर्द होगा, फ़िर मजा आयेगा।"
इतने में निक्कू ने एक झटका और दिया।
"उई मम्मी !!!!! मर गई !!!!! मेरे मुँह से फ़िर से चीख निकल पडी,"निक्कू !! तेरा लण्ड बहुत बडा है, ये मेरी चूत में शायद नहीं जाएगा!"
निक्कू ने सन्जू से कहा,"सन्जू ! पहले तू दीदी को चोद ले, तेरा लण्ड छोटा है, इससे दीदी को दर्द कम होगा।"