hotaks444
New member
- Joined
- Nov 15, 2016
- Messages
- 54,521
रात भर फार्म हाउस में
आज मैं आपके लंड को खड़ा का देने वाली और चुत गीली कर देने वाली रीता की कामुक कहानी सुनाने जा रहा हूँ | दोस्तों यह लगभग ५ साल पुरानी है जब मैं अपने माँ – बाप के साथ उनके रिश्ते दारों के घर गया हुआ था | वहीँ ही मेरी मुलाकात सबसे पहले रीता से हुई थी जिसे से मैं पहली नज़र में घायल हो गया | जब वो चलती तो मैं पीछे उसके चूतडों को हिलते देख पागल हो जाता | मुझसे सब पता तो चल गया की चुद चुकी है पर दोस्तों मुझे उसकी वो चर्बी वाली गांड मारने का चस्का चढ़ता चला गया | किस्मत ने भी दोस्तों ऐसा साथ दिया की मुझे उसके साथ एक अँधेरी भरी रात बिताने के लिए फार्म हौउस में पनाह मिल गयी |
इनका फार्म होउस काफी बड़ा था और मेरे रीता के अलावा हमारे साथ कुछ बच्चे ही थे जो जल्द ही अपने कमरों में जाकर सो गए थे | मैंने अब वहीँ मौका पाते ही रीता से बात करनी शुर कर दी और जब हमारी बातों का सिलसिला बढ़ा तो बस वो किसी भी हाल में रुकने को नहीं था | मैंने बातों में उससे अपने बहुत करीबी ले आया था और अब आधी रात भी हो चुकी थी साथ ही और अब तक तो बच्चे भी सो ही चुके थे | अब हम दोनों के दिमाक में एक ही बात चल रही थी मैंने उसके कुछ और करीब सरक कर उसके हाथों पर हाथ रखते हुए एक मुस्कान दी और उसकी पागलों की तरह तारीफें करने लगा जिसपर दोस्तों ज़ाहिर तौर पर उसने मेरा कोई विरोध नहीं किया |
अब कुछ ही देर में मैं अपनी बाहों में भरकर चूमने लगा वो भी बदले में मेरे होठों को चूसने लगा और मैं धीरे – धीरे उसके टॉप के उप्पर से उसके चुचों को मसलने लगा | वो चुदना ही चाहती थी इसीलिए उसने मुन्मुनाते हुए अपने सारे कपड़ों को उतरने लगी और मैंने झात से आखिर में उसकी पैंटी को भी नीह्क खींच दिया | मेरा सामने नंगी पड़ी रीता की चुचियों को भींचता हुआ मैं अब अपनी उँगलियों से उसकी चिकनी चुत पर रगड़ने लगा जिसपर वो वो तडपती हुई अपने पॉंव पटकने लगी | मैंने अपने लंड पर थूक लगाते हुए उसकी चुत के मुहाने में दे मारा और एक बार में झटके देते हुए लंड को उसकी चुत में निवाला दे दिया | अब अपने झटकों की रफ़्तार को हद्द से आगे बढ़ाते हुए लंड को पूरा उसके पर चढ़कर चुत में ठूंस रहा था |
कुछ देर बाद रीता की चुत का पानी भी बह निकला और मैं इस बार अब कुतिया बनाकर उसकी गांड को चाटने लगा और अगले ही पल मैं उसकी चर्बी वाली में अपने ताने हुए लंड को आगे – पीछे करने लगा | इस बार रीता की चींखें निकल रही थी पर इतने बड़े फार्म हाउसस में उन्हें सुनने वाला कोई ना था | मैं करीब जैसे तैसे उसकी गांड थाप्प्प थाप्प्प करते हुए पूरी रात मारी जिससे वो बिलकुल लाल पड़ गयी थी और आखिर में अपने वीर्य की बरसात को भी उसी के उप्पर छोड़ दिया | हमारी पूरा रात चली क्रिया के बाद मैं अपने कपडे पहन दूसरे कमरे में सोने चला गया और अगले दिन वहाँ से वापस भी आ गया और आज तक उन मनमोहक पलों को याद करता हूँ |
आज मैं आपके लंड को खड़ा का देने वाली और चुत गीली कर देने वाली रीता की कामुक कहानी सुनाने जा रहा हूँ | दोस्तों यह लगभग ५ साल पुरानी है जब मैं अपने माँ – बाप के साथ उनके रिश्ते दारों के घर गया हुआ था | वहीँ ही मेरी मुलाकात सबसे पहले रीता से हुई थी जिसे से मैं पहली नज़र में घायल हो गया | जब वो चलती तो मैं पीछे उसके चूतडों को हिलते देख पागल हो जाता | मुझसे सब पता तो चल गया की चुद चुकी है पर दोस्तों मुझे उसकी वो चर्बी वाली गांड मारने का चस्का चढ़ता चला गया | किस्मत ने भी दोस्तों ऐसा साथ दिया की मुझे उसके साथ एक अँधेरी भरी रात बिताने के लिए फार्म हौउस में पनाह मिल गयी |
इनका फार्म होउस काफी बड़ा था और मेरे रीता के अलावा हमारे साथ कुछ बच्चे ही थे जो जल्द ही अपने कमरों में जाकर सो गए थे | मैंने अब वहीँ मौका पाते ही रीता से बात करनी शुर कर दी और जब हमारी बातों का सिलसिला बढ़ा तो बस वो किसी भी हाल में रुकने को नहीं था | मैंने बातों में उससे अपने बहुत करीबी ले आया था और अब आधी रात भी हो चुकी थी साथ ही और अब तक तो बच्चे भी सो ही चुके थे | अब हम दोनों के दिमाक में एक ही बात चल रही थी मैंने उसके कुछ और करीब सरक कर उसके हाथों पर हाथ रखते हुए एक मुस्कान दी और उसकी पागलों की तरह तारीफें करने लगा जिसपर दोस्तों ज़ाहिर तौर पर उसने मेरा कोई विरोध नहीं किया |
अब कुछ ही देर में मैं अपनी बाहों में भरकर चूमने लगा वो भी बदले में मेरे होठों को चूसने लगा और मैं धीरे – धीरे उसके टॉप के उप्पर से उसके चुचों को मसलने लगा | वो चुदना ही चाहती थी इसीलिए उसने मुन्मुनाते हुए अपने सारे कपड़ों को उतरने लगी और मैंने झात से आखिर में उसकी पैंटी को भी नीह्क खींच दिया | मेरा सामने नंगी पड़ी रीता की चुचियों को भींचता हुआ मैं अब अपनी उँगलियों से उसकी चिकनी चुत पर रगड़ने लगा जिसपर वो वो तडपती हुई अपने पॉंव पटकने लगी | मैंने अपने लंड पर थूक लगाते हुए उसकी चुत के मुहाने में दे मारा और एक बार में झटके देते हुए लंड को उसकी चुत में निवाला दे दिया | अब अपने झटकों की रफ़्तार को हद्द से आगे बढ़ाते हुए लंड को पूरा उसके पर चढ़कर चुत में ठूंस रहा था |
कुछ देर बाद रीता की चुत का पानी भी बह निकला और मैं इस बार अब कुतिया बनाकर उसकी गांड को चाटने लगा और अगले ही पल मैं उसकी चर्बी वाली में अपने ताने हुए लंड को आगे – पीछे करने लगा | इस बार रीता की चींखें निकल रही थी पर इतने बड़े फार्म हाउसस में उन्हें सुनने वाला कोई ना था | मैं करीब जैसे तैसे उसकी गांड थाप्प्प थाप्प्प करते हुए पूरी रात मारी जिससे वो बिलकुल लाल पड़ गयी थी और आखिर में अपने वीर्य की बरसात को भी उसी के उप्पर छोड़ दिया | हमारी पूरा रात चली क्रिया के बाद मैं अपने कपडे पहन दूसरे कमरे में सोने चला गया और अगले दिन वहाँ से वापस भी आ गया और आज तक उन मनमोहक पलों को याद करता हूँ |