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गांड की फटफटी ऐसी चल रही थी की क्या बताये.....
फ़ोन हाथ में बजे जा रहा था और मैं स्क्रीन पर आये पिया के नाम को देखे जा रहा था.
पापा चिल्लाये, " अरे भाई फ़ोन उठाओ......की फ़ोन करने वाला फ़ोन में बहार आ जायेगा फिर बात करोगे..?"
मैंने ग्रीन बटन दबा ही दिया....
"ह..ह...हेलो......"
? ? ? ?
"ह....ह....ह....हेलो......हेल्लो.........."
? ? ? ?
मुझे फ़ोन पर सिर्फ साँसें लेने की आवाज़ आ रही थी.....मैं बहार निकल आया...
मैंने फिर कहा, " ह...ह...हेल्लो.....प.....प.....पिया....?? "
"मुझे.....तुमसे......बात.......नहीं.......करनी.....", पिया फ़ोन पर फुफ्फुसाई.
अब बताओ......बात नहीं करनी तो फ़ोन क्यों लगाया.....सब सही कहते है लड़कियों के दिमाग का कोई ठिकाना नहीं.....अरे जब फ़ोन लगाया खुद ही है तो बात करने के लिए ही लगाया होगा.....मैं यहाँ चूतिये जैसे हेलो हेलो करे जा रहा हूँ......वैसे ही अपनी ग...ग....ग....गाड़ी......झटके ले ले कर चलती है....पर चलो ठीक है.........मैंने अपनी आवाज़ को थोड़ा सॉफ्ट बना कर कहा...
"प...प....पिया.....आ.....आई ..एम ....सॉरी....."
इतने में तो फ़ोन में चैन रिएक्शन शुरू हो गई , " हाह.........सॉरी......वाह वाह..पहले कुछ भी कर दो और फिर सॉरी बोल दो....ये बढ़िया है.....और तुम तो दूध के धुले हो.....मैं तुम्हे सीधा और अच्छा लड़का समझती थी पर तुम तो .....माय गॉड......आई स्टिल कांट बिलीव......आई मीन.......जाने दो....तुम्हे क्या फर्क पढता है....तुम क्यों परवाह करने लगे......ये सही है......पहले स्टुपिड सी बात की और उसके बाद........नो सॉरी.....नो नथिंग.......अरे.....यु नेवर कॉल्ड मी........मैं ही पागल हूँ.........जो कॉल किया.....अगर तुम सॉरी फील करते तो कॉल करते न.......नो....यु आर नोट सॉरी......आई ऍम सॉरी."
भेन्चोद......यह बुलेट ट्रैन कब रुकेगी......? ऐसा लग रहा है की दिल्ली से आगरा का सफर इसको 10 मिनट में पूरा करना है......मैंने हिम्मत जुटाई..
"प....प.....पिया.......प ....प.....प्लीज़ मेरी बात सुनो"
"क्या सुनु शील....? जो तुमने कल कहा था वो ? माय गॉड....मैं तो तुम्हे इतना सीधा समझती थी.....यु नो....आई थॉट की....यु नो.......छोड़ो यार..."
भेन्चोद.....क्या बोलू अब......मैं भी चुप होके रह गया...
"हैल्लो.....अरे.....आर यु देयर....?", पिया फिर भड़की....
"हाँ.....अब...म.म..मैं क्या कहु....पिया.....आय ऍम रियली सॉरी....प...प....प्लीज़.....नवजोत से मत कहना..", मैं टर्राया.
"क्या....ओह.....हा..हा...हा...हा...हा",
पिया की खनखनाती हंसी से मेरे सूखे मन में बहार आ गयी. अब जान में जान आई....उसकी हंसी सुनकर जाने क्यों दिल में गिटार बज गयी.....और अपुन फॉर्म में आ गए.
"हाँ....यार....तुम्हारे भाई से मुझे बहुत डर लगता है....."
पिया फिर हंसी, " हा हा हा.....अरे तुम तो बहुत ही डरपोक हो यार.....ही इस कूल...."
मैं थोड़ा फ़ैल गया, " अरे क्या कूल यार.....कॉलेज में सब को कितना डरा रखा है....तुम्हे तो पता है मेरी कैसी क्लास ली थी उसने......"
"हाँ तो...? उसमे क्या हुआ....तुमसे गाना गाने को ही तो कहा था.....और हल्लो मेरा भाई किसी को डरता वराता नहीं है ...ओके ?"
मैं पूरा फ़ैल गया, "अरे क्या नहीं डराता ?.....सब डरते है उस से .....एक तो सीनियर.....उस पर से सांड जैसा तो दीखता है...."
"शीेे ई ई ई ल .......क्या तुमने अभी मेरे भाई को सांड कहा ?", पिया भड़की.
फट फट फट .....हाँ दोस्तों यह मेरी फटफटी ही है.....शुरू हो गयी.
"आ...आए.....एम....स.स..स....सॉरी.....पिया.....म...म...मेरा म...म...मतलब है न.न.नहीं था....."
पिया की हंसी से मानो फ़ोन झनझना गया.....वो हँसे ही जा रही थी.....और मुझे लंड नहीं समझ आ रहा था की इस गेलचोदी को हुआ क्या है .....??
"ओओओओह्ह्ह्ह.....माय.....गॉड........हाहाहाहा.......शील .......यु आर सो क्यूट......"
भेन्चोद साली मज़ाक उड़ा रही है.....इसकी तो मैं.
"आय ऍम सॉरी शील.....हेहेहे......तुम बहुत क्यूट हो.......ओह....गॉड.....सही है.....मेरा भाई तो सांड ही है.....हाहाहाहा......."
अबे....लंड ये चल क्या रहा है.
उसने मानो बड़ी मुश्किल से अपनी हंसी पर ब्रेक मारा, "अच्छा.....सुनो.....अरे मेरे अकॉउंट की टूशन का क्या हुआ यार.....मुझे तो कुछ भी नहीं आ रहा है....वो जो चैप्टर तुमने बताया था वो तो बहुत ही टफ है यार...."
मैंने कहा, " अरे....टफ....काहे का टफ.....वो तो एकाउंट्स का इंट्रोडक्शन है यार....."
पिया थोड़ा झेंप गयी, " हा....वही....थोड़ा....कंफ्यूज थी यार.....तुम आ सकते हो क्या अभी पढ़ाने ? "
मैं फिर टर्राया, " अभी...? यार आठ बज रहे है....अब इतनी लेट शाम को क्या आऊंगा...."
पिया बोली, " अरे तुम आ जाओ यार.....मेरे यहाँ तो सब लेट तक जागते है....."
"हाँ पर....अब....माँ मना करेगी....इतनी रात को...."
पिया ने मुझे धमकाया, "अरे तुम आ रहे हो या मैं बोलू भाई से....की तुमने उन्हें....क्या बोले थे तुम अभी मेरे भाई को....?"
अरे.....मादरचोद......ई ब्यबस्था ??
"म...म...मैंने क्या कहा...? क...क....कुछ भी न..न....नहीं...."
"बोला था.....तुमने अभी मेरे भाई को क्या कहा था.....हाँ याद आया....सांड......बोलू भाई को....की शील ने तुम्हे सांड बुलाया....?"
फट फट फट....फटफटी चल पड़ी......
"अरे...म....म...मैं....आ रहा हूँ....... 10 मिनट्स मे"
पिया मानो फोन पर ही मुस्कुरा दी...." आ ही जाना.....नहीं तो.....ओके बाय "
मैंने फ़ोन रखा....और सोचने लगा की कपडे चेंज करू या नहीं....इतने में
अनीता चाची की आवाज़ आई, "अरे....लल्ला......लल्ला.....रे......कहा ........ओओ.....लल्ला......"
"हाँ चाची......"
चाची किचेन में से बाहर निकली, साड़ी से अपने हाथ पोछती......पसीने में भीगी....आकर फैन के निचे खड़ी हो गयी और अपने आँचल से अपने चेहरा और अपने गला पोंछने लगी.....
आँचल......ब्लाउस से तो हट गया था....मेरी नज़र सीधे तीर जैसे चाची की ब्लाउस पर अटक गयी....