Hindi Porn Kahani बजाज का सफरनामा - Page 3 - SexBaba
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Hindi Porn Kahani बजाज का सफरनामा

चुत कले



इमरान ने हज्जाम की दुकान खोल ली। ठीक उसके दुकान के ऊपर माले पे एक चाय नाश्ते की दुकान थी। ऊपर से कभी कोई पानी फेंक देता, कभी कुछ, कभी कुछ। दोनों में झगड़े के बाद सुलह हुई। चाय वाला नीचे आ गया, इमरान अपनी हज्जाम की दुकान ऊपर ले गया।



लेकिन नीचे चाय की दुकान पर एक बोर्ड लगा गया- “नीचे का बाल बनाने वाला ऊपर है…”



पहले ही दिन एक सरदार उसकी दुकान में पहुँचा और चेयर पर पैंत उतारकर बैठ गया। इमरान ने पूछा- यह क्या बदतमीजी है?



सरदार बोला- “नीचे बोर्ड लगा है ‘नीचे का बाल बनाने वाला ऊपर है’ अब बनाओ नीचे का बाल…”



इमरान को अपनी गलती का अहसास हुआ लेकिन उसने सोचा की चुपचाप बैठने से अच्छा है कि यह भी करके देखा जाए। दिल ही दिल में सोचने लगा इस काम के लिए पैसे भी अच्छे मिलेंगे। उसने उस्तूरा निकाला और सरदार की झांट साफ कर दिया, और 50 रूपए माँगे, जो सरदार खूशी से दे गया।



रात सरदार ने सरदारनी को अपना साफ सुथरा लण्ड दिखाया तो सरदारनी ने पूछा- इसे कहाँ से साफ करवाया?



सरदार ने उसे अड्रेस बता दिया और बोला- “तुम भी वहाँ से अपना साफ करवा आना…”



दूसरे दिन सरदारनी इमरान की दुकान पर पहुँची। मुश्कुराते हुए सरदार के साफ लण्ड की तारीफ की और बोली- “उन्होंने भेजा है, मेरा भी साफ कर दो…”



इमरान बोला- “हाँ हाँ क्यों नहीं? सलवार उतारिय और बैठिए…”



सरदारनी ने सलवार उतरी और कुरती भी उतारने लगी।



इमरान बोला- उसे उतारने की जरूरत नहीं।



सरदारनी बोली- बगल भी साफ करवाना है।



इमरान कुछ सोचकर बोला- तो ठीक है उतार दीजिए।



अब सरदारनी बिल्कुल नंगी थी। इमरान उसकी इतनी बड़ी गाण्ड इतनी बड़ी-बड़ी चूचियों को देखकर हैरान था। दिल तो कर रहा था कि चोद डाले लेकिन साइज देखकर डर महसूस कर रहा था। फिर भी सरदारनी के सीट पर बैठते ही उसने चूचियों को सहलाने शुरू कर दिया।



सरदारनी बोली- यह क्या कर रहे हो?



इमरान बोला- हज्जाम मैं हूँ या आप?



सरदारनी बोली- वो तो आप हो।



तो फिर मुझे मेरा काम करने दीजिए। आप आराम से लेटी रहिए।



सरदारनी बोली- ठीक है भैया, मुझसे गलती हो गयी आप अपना काम करें।



इमरान ने कुछ देर चूचियों को दबाया फिर निपल में होंठ लगा दिए। सरदारनी भी अब मस्त होने लगी थी। इमरान अब नीचे आया और बुर चूमने लगा।



सरदारनी बोली- “भैया, आप चोदेंगे क्या?



इमरान बोला- “देखिए, यह जो बुर की जगह है ना यह बहुत नाजुक जगह है इसके लिए अभी तक कोई क्रीम तो बाजार में आया नहीं है। इसलिए पहले बुर से ही क्रीम निकालना पड़ेगा फिर उसी क्रीम से झाँट की सफाई होगी। और बुर से बिना चुदाई के क्रीम तो निकलेगी नहीं। यह तो मेरे काम का हिस्सा है…”



सरदारनी बोली- “वो ऐसा है तो फिर अपना लण्ड निकालिए मैं भी जरा उसे चूसकर गीला कर दूं…”



इमरान ने अपने सारे कपड़े उतारकर टांग दिए और मुड़ा तो उसका लण्ड आधा खड़ा हो चुका था। उसे देखकर सरदारनी बोली- “वाह भैया, क्या लण्ड है… सरदार से दोगुना लंबा और दोगुना मोटा। मजा आ जाएगा…”



इमरान- “क्या मजा आ जाएगा… मैं कोई मजे के लिए नहीं चोद रहा…”



सरदारनी बोली- “मैं जानती हूँ फिर भी इतना तगड़ा लण्ड अंदर लेने में मजा तो आएगा ही…”



इमरान- “मुझे नहीं मालूम, आपको मजा लेना है तो लें…”



सरदारनी भूखी कुतिया की तरह लण्ड चूसने लगी। उसने बोला- “जल्दी अंदर डालो… मेरी बुर पिघलती जा रही है…”



इमरान ने जल्दी से पोजीशन लिया और लण्ड सरदारनी की बुर में घुसा दिया। सरदारनी 35-36 साल की तगड़ी औरत थी, आसानी से पूरा लण्ड निगल गयी। फिर तो इमरान किसी मशीन की तरह उसे चोदने लगा। बुर और लण्ड के बीच जंग जारी रही। आखिरकार लण्ड ने हार मान ली। दोनों बुरी तरह हाँफ रहे थे। इमरान ने सीट के नीचे एक कटोरी रख दी थी जिसमें बुर से निकलने वाली मिक्स क्रीम जमा हो रही थी। आधी कटोरी क्रीम भरी हुई थी। इमरान ने उसे उठाया और बोला- “आपकी बुर ने तो जितनी क्रीम दे दी है कि आज दूसरी कोई ग्राहक आ जाती तो इसी से उसका भी काम चल जाता, मुझे इतनी महत क्रीम निकालने में नहीं करनी पड़ती।



सरदारनी बोली- आपको मेरी बुर पसंद आई?



इमरान बोला- बड़ी भूखी बुर लगती है।



सरदारनी बोली- “हाँ यार, सरदार बड़ा सुस्त है चोदने में…” फिर सचमुच इमरान ने क्रीम उसकी बुर पर लगाया और उस्तूरा से उसकी बुर की बाल साफ कर दिए। फिर बगल के बाल साफ किए। तब तक उसका लण्ड फिर खड़ा हो गया था। उसने फिर पोजीशन लिया।



तो सरदारनी बोली- अब क्यों?


[size=small]इमरान बोला- “चेक कर रहा हूँ कि साफ करने के बाद चोदने में मजा आता है या नहीं? मुझे मजा आएगा तभी तो आपके खसम को मजा आएगा? उनको मजा नहीं आया तो वो आपको भेजेगे नहीं…” इमरान ने फिर से सरदारनी को जाम के चोदा। जब झड़ गया तो हाँफते हुए बोला- “200 रूपए दो[/size]
 
सरदारनी ने उसके होंठ चूमे, दो सौ रूपीए दिए और जाते-जाते पूछा- कितने दिन में साफ करवाना है?

इमरान बोला- हफ्ते में या महीने में एक बार जरूर करवा लें…”

रात में सरदार ने चिकनी बुर देखा तो बड़ा खुश हुआ, पूछा- “कितना लिया तुमसे?”

सरदारनी ने बोला- “200 रूपये…”

सरदार आग-बबूला हो गया। बोला- “साले को मैं कल देखता हूँ…” दूसरे दिन सरदार इमरान के यहाँ गुस्से में पहुँचा। गरजकर बोला- “तुमने सरदारनी से 200 रूपए क्यों लिए?”

इमरान उससे भी ज्यादा तेज आवाज में बोला- “हज्जाम मैं हूँ या तुम? तुम्हें पता है… तुम्हारा डंडा है पकड़ा और साफ कर दिया। उनका ना डंडा है ना कुछ पकड़ने का, काम करेगा कैसे? अपना डंडा लगाना पड़ा तब कहीं जाकर काम हुआ। दो घंटे लगे मालूम?”

सरदार झेंप गया धीरे से बोला- “फिर भी 200 रूपए बहुत ज्यादा हैं…”

इमरान भी नरम लहजे में बोला- “ठीक है, ऐसा बोलोगे तो हम भी आफर देते हैं। माँ के साथ बेटी का फ्री का आफर चल रहा है। बेटी को भेज दीजियेगा फ्री कर देंगे…”

सरदार खुश हो गया बोला- “मेरी तो दो जुड़वा बेटियां हैं। मैं कल भेजता हूँ…”

इमरान बोला- “एक के तो पैसे लगेंगे। क्यों गरीब के पेट लात मारते हो…”
 
बजाज का सफर

दोस्तों ये कहानी नाहु मेरा सच्चा और हॉट अनुभव है में आशा करता हूँ कि आप लोगों को मेरी यह स्टोरी भी पसंद आयेगी। अब मेरी कहानी शुरू होती है।

मेरा नाम संजय है, मेरे लंड का साईज़ 7 इंच है।

मेरी अजमेर में गिफ्ट शॉप है तो उसी सिलसिले में कुछ सामान खरीदने अजमेर स्व मुंबई जा रहा था। मेरी टिकट एक लग्जरी स्लीपर बस में करवा दी थी, क्योंकि में ट्रेन से जाने के मूड में नहीं था। मैंने शाम को 5 बजे बस पकड़ी, बस में ज़्यादा लोग नहीं बैठे थे, उसमे आगे कुछ कपल बैठे थे और उनके पेरेंट्स थे और बीच में मैं और आख़री सीट में एक छोटी सी फेमिली थी। थोड़ी देर में अगला स्टेशन आया तो कुछ लोग चढ़ने लगे और एक कपल जिसमें एक आदमी, उसकी पत्नी और 2 बच्चे थे, एक लड़का जो 4 साल का था और बहुत ही खूबसूरत था और उसकी एक 3 साल की लड़की थी। उन लोगों की सीट मेरे बाज़ू में थी।

फिर बस स्टार्ट हुई और वो औरत झुककर अपने बैग को सीट के नीचे रख रही थी। उसका आदमी आराम से बैठ गया था और उसके दोनों बच्चे पीछे की सीट पर बैठे थे। फिर अचानक से मेरी नज़र उस पर पड़ी, उसका पल्लू नीचे गिरा था और उसके बूब्स मेरी आँखों में समा गये थे। मैंने एक पल के लिए भी उनसे अपनी निगाह नहीं हटाई, उसने मुझे नोटीस किया और एडजस्ट करते ही बैठ गयी। उसने काले कलर की साड़ी पहनी थी और क़यामत ढा रही थी, उसका फिगर 36-28-36 होगा, स्लिम बॉडी और बहुत गोरी थी और साड़ी भी उसने नाभी के नीचे बांध रखी थी। फिर हम सब बैठे हुए थे और में अपना मोबाईल निकाल कर गाने सुन रहा था। फिर धीरे-धीरे रात होने लगी और फिर रात के 10 बजे बस एक मस्त से ढाबे पर रुकी, में उतरकर वॉशरूम गया और फिर मैंने टाईम पास के लिए कुछ स्नेक्स और कोल्ड ड्रिंक्स ले ली और वो औरत भी अपने बच्चो को लेकर वॉशरूम गयी और उसने कुछ स्नेक्स नहीं लिया, क्योंकि उसका पति बहुत गहरी नींद में सोया हुआ था तो वो ढाबे पर नहीं उतरा था।

फिर बस चलने के लिए तैयार थी और फिर सब आकर बैठ गये, उसका पति खिड़की वाली सीट पर था और वो उसके बाज़ू में और उसके बच्चे पीछे वाली सीट पर थे। फिर अचानक उसकी बच्ची रोने लगी कि उसको विंडो सीट पर बैठना है, लेकिन वो बच्चा नहीं मान रहा था और उसका पति विंडो सीट पर सो गया था, तो मैंने उन्हें कहा कि आप अपनी बच्ची को मेरी विंडो सीट पर बैठा दो, तो उसने पहले मना किया कि आप क्यों हट रहे हो। फिर मैंने उसे समझाया कि बच्चो का दिल नहीं तोड़ते है और में बाज़ू की सीट पर बैठ गया और उसकी बच्ची को विंडो सीट पर बैठा दिया। फिर मैंने उसकी बच्ची को बहुत खुश किया मेरा मतलब स्नेक्स खिलाया, मोबाईल दिया और मुझसे उसकी माँ भी खुश हो गयी। फिर उसने मुझसे पूछा कि आप कहाँ जा रहे हो, तो मैंने कहा मुम्बई तो उसने भी कहा कि वो लोग भी वहीं जा रहे है। फिर मैंने उससे फ्लर्ट करने की सोची और फिर मैंने उससे उसका नाम पूछा तो उसने उसका नाम बिट्टू बताया फिर हमारी बातें शुरू हुई।

बिट्टू : मुम्बईमें कहाँ जा रहे हो?

में : दुकान के सिलसिले में जा रहा हूँ।

बिट्टू: ओह्ह्ह, तो आप क्या करते हो?

में : (मज़ाक से कहा की) खुश करता हूँ।

बिट्टू: उसने मुझे देखते हुए कहा कि कैसे खुश करते हो।

में : अरे, वो तो मैंने आपसे ऐसे ही कहा, मेरी शॉप अजमेर में है, में वो चलाता हूँ।

बिट्टू : अच्छा हुआ कि आपकी कंपनी मिल गयी वरना में तो अकेले बैठे-बैठे बोर हो रही थी, मेरे पति भी सो गये है।

में : हाँ इतना काम, मेहनत जो करते होगे बेचारे।

फिर उसने सेक्सी सी स्माइल दी, शायद वो मेरी बात समझ गयी हो। उतने में उसकी बेटी भी सो गयी थी। फिर मैंने उससे कहा कि आपकी बेटी भी सो चुकी है तो उसने देखा और कहा कि लाओं में उसे पीछे वाली सीट पर सुला देती हूँ। जब में उसे उसकी बेटी दे रहा था, तब मेरा हाथ उसके बूब्स से चिपक गया और मुझे बहुत गर्म-गर्म महसूस हुआ, जैसे वो एकदम गर्म हो चुकी है। फिर उसने भी मेरा हाथ नोटिस किया और बच्ची को लेकर पीछे वाली सीट पर सुला दिया। अब रात बहुत हो चुकी थी और बस की लाईट भी बंद थी और सब सोए हुए थे, तो में अपने मोबाईल में गाने सुनने लगा तो उसने रिक्वेस्ट की कि वो भी गाने सुनना चाहती है, क्योंकि उसे नींद नहीं आ रही थी।

फिर मैंने उसे लेफ्ट साईड का इयरफोन उसको दे दिया, हम लोग थोड़ा दूर-दूर बैठे हुए थे तो इयरफोन बार बार उसके कान से निकल रहा था, तो मैंने उसे अपने बाज़ू वाली सीट पर बैठने को बोला तो उसने हाँ कहा और अपने पति को चेक किया कि वो सो रहा है या नहीं? फिर मेरे बाज़ू में आकर बैठ गयी
 
में बहुत रोमांटिक वीडियो गाने प्ले कर रहा था, जिससे वो और मस्त हो रही थी। फिर मैंने आहिस्ते-आहिस्ते हाथ उसके हाथ पर टच किया, उसने कुछ रिएक्ट नहीं किया, तो मैंने और फ्री होना स्टार्ट किया, मैंने झटके से उसकी जांघ पर हाथ रख दिया, जिससे उसने एतराज़ जताया और एक स्माइल देकर बैठ गयी। फिर थोड़ी देर के बाद वो उठ रही थी तो वैसे ही मैंने उसे पकड़ लिया और प्यार से उसके बूब्स दबाने लगा। उसने मना किया कि प्लीज यहाँ मत करो कोई देख लेगा, प्रोब्लम हो जायेगी। तो मैंने कहा कि यहाँ कोई नहीं देखेगा अंधेरा है और सब सो रहे है तो उसने बस में देखा और हलकी मुसकरा कर मेरे बाजु में मेरे से चिपक के बैठ गयी मेरा हौसला खुल गया । और अब बिना किसी डर से उसके पैरों को मसलने लगा और थोड़ी देर में वो गर्म हो गयी अब मैंने आगे बढ़कर फिर मैंने उसकी साड़ी का पल्लू हटाया और ब्लाउज के ऊपर से ही बूब्स दबाने लगा, तो वो मौन करने लगी। फिर मैंने उसको लिप किस किया। फिर वो भी मेरा साथ देने लगी। तो उसने कहा कि जो करना है जल्दी-जल्दी करो वरना उसका पति उठ जायेगा। फिर मैंने उसे सीट पर बैठाया और उसकी साड़ी ऊपर की और पेंटी को नीचे किया तो देखा कि उसकी चूत तो बिल्कुल गीली हो चुकी थी और चूत पर थोड़े-थोड़े बाल भी थे, तो मैंने सकिंग करना स्टार्ट किया। तो वो मेरे बाल नोचने लगी और मेरा मुँह दबाने लगी, जैसे वो चाह रही हो कि में उसकी चूत को पूरा खा जाऊं, उसने फिर से पानी छोड़ा और मैंने पूरा चाट लिया।

फिर मैंने उससे लंड चूसने को कहा तो उसने मना कर दिया और कहा कि उसको उल्टी आ जायेगी, इसलिए मैंने उसे ज्यादा फोर्स नहीं किया, क्योंकि फोर्स करने से सेक्स करने का मज़ा नहीं आता और कपल उसे इन्जॉय नहीं कर पाता और सेक्स तो नेचुरल ही इन्जॉय करो और फील करो। फिर मैंने उसे नीचे लेटाया और मेरा लंड उसकी चूत पर रगड़ने लगा, जिससे वो पागल सी हो गयी और उसने मुझसे कहा कि प्लीज शिफान अब मत तड़पाओ। फिर मैंने चूत के दरवाजे पर अपना लंड रखा और एक झटका मारा तो चूत गीली होने की वजह से आधा लंड आसानी से अन्दर चला गया और में धक्के लगाने लगा। उसे बहुत मज़ा आ रहा था और मुझे भी बहुत मजा आ रहा था। फिर बिना रुके 15 मिनट चुदाई करने के बाद मैंने उसकी चूत में ही पानी छोड़ दिया और वो तब तक 2 बार झड़ चुकी थी। फिर उसने मुझे स्मूच किया और अपने कपड़े ठीक करके अपनी सीट पर जाकर बैठ गयी और फिर हमने अपने मोबाईल नंबर एक्सचेंज किए। वो बहुत खुश हुई, उसने मुझसे वादा किया है कि हम फिर से मिलेंगे, वैसे तो में उससे अब भी फोन सेक्स करता हूँ ।।और मुम्बई जब भी जाता हूं उसके साथ मिलके फूल मस्ती करता हु ।
 
भाभी 
दोस्तों में संजय आपके लिए एक कहानी लेके आया हु। यह कहानी मेरे दोस्त की कहानी उसके ही जुबानी
मेरा नाम तरुण है और मेरी एज 24 साल है ……मैं एक फार्मसेटिकल कंपनी में मेडिकल रेप्रेज़ेंटेटिव का काम कराता हूँ…मेरा शरीर बहुत गठीला और रंग गोरा है मेरी हाइट 6 लीज़ है और मेरा बदन कसराती है…किल मिला के मैं एक खूबसूरात गबरू जवान हूँ,,,हम लोग पश्चिम बंगाल, कलकत्ता के पास एक छोटे शाहर में रहते है….मैं अंकल आंटी के साथ उनके घर पे रहता हूँ……. मेरे अलावा मेरे बड़े भैया देव (अंकल आंटी का बेटा) जिनकी एज अभी 32 साल की है और जो टीचर है और सिलिगुड़ी के पास एक शहर में उनकी पोस्टिंग है जहां से वो महीने या डेढ़ महीने में एक बार दो या तीन दिन के लिए घर आ पाते है……..मेरी शादी नहीं हुई है जब के भैया की शादी अभी दो साल पहले ही हुई है …..भाभी का नाम मौमीता है और उनकी एज 23 साल ही है इस तरह से भैया 32 के और भाभी मुझसे भी छोटी बोले तो ..23 साल की ही है….उनका रंग गोरा है …बारे बड़े मम्मे खूबसूरात होंठ और पीछे की और निकले मोटे चूतड़ हाइट 5‚4″ है.भाभी के गाल छीने और होंठ लाल है.. कुल मिला मिला के वो सेक्स बॉम्ब जैसी है….भाभी मुझे बहुत अच्छे लगती है….
हमारे घर में कुल चार बेड रूम , एक द्रावािंग रूम एक किचन और दो कंबाइंड व्सी बात है ….हमारा घर दो फ्लोर में बना है…ग्राउंड फ्लोर पर किचन के साथ दो बेड रूम और एक ड्रॉयिंग रूम है जब के फर्स्ट फ्लोर पर दो रूम्स है और एक छोटा ओपन टेरेस है ….आंटी अंकल की एज काफी है और उन के घुटनों के दर्द की वजह से वो फर्स्ट फ्लोर पर नहीं आते है इसलिए वो नीचे ही रहते है जब के फर्स्ट फ्लोर पर एक मेरा रूम और एक भैया का रूम है और दोनों रूम्स के बीच में एक कंबाइंड व्सी बात है और उसके दरवाजे दोनों रूम्स में खुलता है…मेरे रूम्स से होकर ही ओपन टेरेस पर भी जा जा सकता है….क्यों के मैं छोटा था इसलिए सब मुझे बहुत प्यार करते थे और भैया बाहर ही रहते थे और अक्सर महीने दो महीने में ही घर आते थे घर का ऊपर वाला टीवी मेरे रूम में ही रहता था भैया की शादी के बाद व्सी बात का मेरे साइड वाला दरवाजा मैं लॉक नहीं कराता था ..भैया[जो कभी कभी ही होते थे]या भाभी[ वो ही अक्सर बाथरूम यूज कराती थी]जब बात उसे कराती थी तो मेरे साइड वाला दरवाजा लोक कर के उसे कराती थी और टेरेस पे जाने के लिए भी वो बात से हो कर मेरे रूम से ही टेरेस पे जाती थी…
 
भाभी का स्वभाव अलग अलग समय पर अलग अलग सा रहता था..नीचे आंटी अंकल के सामने वो घूँघट में और शांत रहती थी जब के भैया के सामने वो गंभीर और शांत रहती थी …जब के भैया की गैर हाज़िरी में और मेरे कमरे में वो बहुत चुलबुली और चंचल तथा शैठान टाइप का बिहेव कराती थी….भाभी को टीवी देखने मेरे रूम में ही आना पड़ता था और रिमोट की लिए अक्सर हम हीना झपटी करते रहते थे इसी दौरान में हम एक दूसरे के बदन को छेड़ते झींझोड़ते थे इस में मुझे तो बहुत मजा आता था और मैं भाभी की कमर चूतड़ और मम्मो को खूब सहलाया और दबाया कराता था ..पर पता नहीं क्यों भाभी ने इसे कभी सिरस्यसली नोट नहीं किया था भाभी जब भी तैयार हो के कही घूमेंे जाती थी तो मुझसे आ के पूछती तिके वो कैसी लग रही थी..हम टीवी पर आपने पसंद के प्रोगार्र्मेस पालन पर साथ साथ लेट कर देखते थे..कभी कभी कोई सेक्सी सीन आने पर हें ..का के वो मुझे आपने से छिपता लेती थी

……भाभी हमेशा मुझसे कहती थी के हम दुनिया वालो के लिए भाभी देवर है पर रियल में हम दोनों फ्रेंड्स है इंटिमेट फ्रेंड्स ..और कभी कभी तो कही थी के मैं उन्हें बहुत अच्छा लगता हूँ और शी लव्स में ..मैंने भी कहा ..ई टू लव यू ..वो बोलती थी के हम दोनों फ्रेंड्स से भी बढ़कर है

एक दिन मैं आपने रूम में अकेला भी केरम बोर्ड पर लाल गोट [क्वीन} को स्ट्राइक कर के अलग अलग पॉकेट्स में डालने की प्रेक्टिस कर रहा था के भाभी ने आ के मेरी क्वीन ले ली ..मैंने भाभी से वो क्वीन लेने की कोशिश की तो वो क्वीन लेकर आपने रूम में भाग गयी और पलंग पर लेट गयी और आपने हाथ और पाइए मोड़ कर लेट गयी मैं क्वीन लेने की कोशिश में पलंग पर चढ़ गया और उनके पैरों को आपने पैरों से दबा के उन के ऊपर सवार सा हो गया इस हालत में मेरा लिंग उनकी गान्ड की दरार से टच हो रहा था ..पर मेरा ध्यान क्वीन पाने में था तो मैंने उन को दबा के हाथ उनके पेट की और ले गया पर भाभी के हिलने डोलने से हर बार उन के मामे ही मेरे हाथ में आ रहे थे तो अबकी मैंने लेफ्ट हॅंड से उन के मामे दबा के आपना राइट हॅंड उन के हठिॉ की और बढ़ाया तो भाभी ने आपने शरीर को फैलाया तो मेरा लिंग उन की गान्ड से रगड़ा रगड़ा के तनने लगा था तो मैंने भी क्वीन की जगह आपना सारा ध्यान भाभी के मम्मो को दबाने सहलाने में लगा दिया और दोनों हाथों से उनके मम्मे सहलाते आपना मुँह नीचे की और ले गया तो भाभी के गालों से मेरे लिप्स टच होने लगे ….अब मेरा लिंग और ज़ोर पकने लगा था …तभी मैंने ज़ोर लगा के भाभी के दोनों हाथ पकड़ के उनको एक पलटी दे दी तो मैं अब उन के ऊपर था और उन के दोनों हाथ मेरे हाथों में थे तभी भाभी ने क्वीन आपने ब्लाउज के अंदर आपने दोनों मम्मो के बीच में डाल दी ……मैं रुक गया ..भाभी भी खड़ी हो गयी ..और विजयी मुद्रा में मेरी और देखने लगी……
 
मैंने अब रिक्वेसटिंग में भाभी से क्वीन माँगी तो उन्हूने ब्लाउज के अंदर हाथ डाल के क्वीन निकालने की कोशिश की पर वो शायद अंदर गुस गयी थी तब उन्हूने आ गे आ कर मुझे कहा लो तुम खुद ही निकल लो मैंने ब्लाउज के अंदर हाथ डाला एक हाथ दूसरा हाथ पर ब्लाउज टाइट था दोनों हाथ बड़ी बड़ी से भाभी के मम्मो को छू कर सहला कर ही बाहर आ गये ..तब भाभी ने कहा रुको ब्लाउज खोलना पड़ेगा ये कह कर मेरी और पीठ का ली ..मैं दो मिनट खड़ा रहा तो भाभी बोली खोलो ना ब्लाउज के हुक खोलो ..तब मैंने पहली बार भाभी का ब्लाउज खोला हुक खुलते ही ब्लाउज नीचे लटक गया तब भाभी मेरी और घूमी…भाभी के मस्त बूब्स ब्लाउज में कसे हुए आधे बाहर को झांकते …मैं चुप खड़ा भाभी के बूब्स को देखता रहा …दो मिनट बाद भाभी ने कहा ..अब निकालो ना ..मैंने पूछा क्या ब्रा !!?/ भाभी हँसी और बोली नहीं रे तेरी क्वीन..तो मैंने कहा मेरी क्वीन तो अब तुम ही हो …तो भाभी ने कहा तो फिर ठीक हाउ ये कह कर वोआप्ना ब्लाउज वापस पहनने लगी तो मैंने कहा रुको रुको मैं निकलता हूँ क्वीन ये कह कर मैंने आपना एक हाथ ब्रा में डाला तो उनका एक मस्त बूब मेरे हाथ में आ गया मैंने उसे प्यार से सहलाया और फिर हल्के से दबाया और फिर सहलाया इससे ही कराता रहा और भाभी चुप खड़ी रही फिर मैंने उनके निप्पल को हलक़ेंसे दबाया तो वो बोली क्वीन ढूँढ त्तरहे हो या शैठानी कर रहे हो तो मैंने कहा शायद क्वीन दूसरी और है ये जकेह कर मैंने दूसरा हाथ डाल कर दूसरे बूब के साथ भी ऐसा ही किया फिर पहला फिर दूसरा ,,तभी भाभी बोली रुको तुमसे नहीं होगा एेकेः कर भाभी ने खुद हाथ डाल कर क्वीन निकल के मुझे दे दी और फिर ब्लाउज पहन लिया….इसे छोटी मोटी शराराते और छीना झपटी चलती रहती…बाथरूम का मेरी और का दरवाजा खुला रहता था और जब मुझे बाथरूम यूज करना होता था तो मैं दरवाजे को हल्के से धक्का देता ..यदि बाथरूम में कोई नहीं होता तो बाथरूम खुल जाता और मैं उसे कर लेता…..

फिर भाभी को मायके जाने का टाइम आया भाभी दो दिन बाद मायके जाने वाली थी तीन महीने के लिए ……आंटी अंकल मंदिर गये थे सुबह के 9 बज रहे थे उनको 12 बजे के बाद आना था घर में मैं और भाभी ही थे…इतने में मुझे बाथरूम यूज करने की हुई तो मैं उठ कर बाथरूम की और गया दरवाजे को हल्का सा धक्का दिया तो वो खुल गया दरवाजा बंद नहीं था देखा तो भाभी नहा रही थी बिलकुल नंगी…शायद दरवाजा बंद करना भूल गयी थी….मेरी और उनकी पीठ थी और वो फ़वारे के नीचे नहा रही थी पनो की बूंदें उनके शरीर पर गिर रही थी और वो मस्त से नहा रही थी….दरवाजे की हल्की आवाज़ से वो पलटी ..उन्हूने मुझे देखा पर ना तो शरमाई ना झेंपी ना उन्हूने आपना कुच्छ छिपाया वरण वो वैसी ही सीधी खड़ी रही और मैं उनकी पिंकी चिकनी फुददी और मस्त बूब्स को पानी में भीगते देखता रही…
 
.ये पहली बार थी के मैं उन्हें नंगा देखा रहा था ..मैं उन्हें पाँच मिनट्स तक इससे ही देखता रहा …तब वो बोली क्या तौन यार…बस यार हो गया …तो मैंने भी कहा भाभी मैं तो इस लिए खड़ा था के शायद आप की पीठ पर साहबुन लगाना हो तो मैं मदद कर दम…तो भाभी हँसी…और बोली शैठान…यानि भाभी नाराज़ नहीं थी ..फिर मैंने दरवाजा बंद किया और दरवाजा बंद करते करते मेरे कानों में आवाज़ आई ..”फिर कभी‚ और एक हँसी…मेरा हाल बुरा होने लगा था …मैं अभी तक ख़यालो में भाभी को नंगा ही तसवीर कर रहा था..

..इतनी देर में भाभी नहा के मेरे रूम में आ गयी उनके शरीर पर सिर्फ़ एक टावल था और वो हंसते हुए बोली अब मेरी बड़ी है तुम जब नहाओ तो दरवाजा बंद मत करना मैंने भी तुम्हें नहाते हुए देखना है मैं बोला ओके भाभी मैं बस अभी नहाता हूँ..5 मिनट में मैं बाथरूम में था और नहा रहा था बिलकुल न्यूड ..अगले .पाँच मिनट के बाद भाभी की साइड का दरवाजा खुला और भाभी मुझे नंगा नहाते हुए देखने लगी… रे लिंग को पकड़ के साहबुन लगाया और सुपाडे के टोपे को खोल के उस पर भी साहबुन लगाया और फिर उसे अच्छे से धोया मेरे..इससे ही 5 मिनट देखने के बाद भाभी बोली अगर कहो तो मैं तुम्हारे पीठ पर साहबुन माल दम मैं बोला भाभी ..ई विल लव इट ..भाभी तुरंत अंदर आ गयी और मेरे पीठ पर साहबुन मलने ;आ गयी तो मैं बोला भाभी पीठ के साथ साथ कमर के नीचे और टांगों पर भी इनायत कर दो तो मजा आ जाएगा….भाभी ना कहा जरूर और मेरे पीठ और पैरों चूतड़ आधी पर साहबुन लगा के मलने लगी ..फिर उन्हूने मुझे एज झुकने को कहा और अच्छी तरह से मेरे चूतड़ गुदा और अंडकोष और उस के आस पास साहबुन लगा के पानी से हाथों हाथ धोती भी रही ..गांड पे साहबुन लगते और धने के दौरान भाभी ने मेरी गांड में एक उंगली डाल के अच्छे से घुमा दी …..भाभी के स्पर्श से अब मेरा लिंग खड़ा होने लगा था..भाभी सामने की और आ गयी और मेरे लिंग को मलते हुए धोया इस दौरान मेरा लिंग ठाना गया था और कभी कभी उनके मुँह और कभी उनके होठों से टकरा रहा था ….भाभी ने कहा यार तरुण तेरा ये पप्पू तो बड़ा ही मस्त है ..एक दम शानदार और जानदार ओए देख कितना घमांण्दी है कैससे सर टन के खड़ा है…मैंने पूछा भाभी आप को पसंद है …भाभी बोली कुच्छ नहीं बस हां में सर हिला दिया…मुझे लगा शायद वो इसे मुँह में ले ले..लेकिन भाभी मेरी जांघों पैरों और टांगों को धोती रही …..इसी नहाने में भाभी का टावल भी गीला हो गया था और भाभी भी…तब मैंने कहा भाभी लाओ अब मैं तुम्हारी पीठ पर साहबुन माल लेता हूँ ..ये कहते हुए मैंने उनका टावल खोल दिया ..वो बस इनकार कराती ही रही गयी…..अब मैंने भाभी को मेरे एज खड़ा कर दिया और उनकी पीठ पर साहबुन मलना चालू किया इस दौरान मेरे हाथ उनके बूब्स पर भी फिसलते रहे….फ़वारा चालू था तो साहबुन लगाना और ढाना दोनों साथ साथ चल रहे थे …
 
फिर बड़ी थी भाभी के छूटरो की मैंने भाभी को एज झाँकने को कहा आयार प्यार से उनकी गान्ड और फूली हुई चुत पे साहबुन लगाया और उनकी जांघों टांगों पैरों को ढोते हुए मैं सामने की और आ गया और उनके पैरों से जांघों से शुरू करते हुए उनकी चुत को खूब साहबुन लगाया सहलाया और धोया इस दौरान मैंने एक उंगली उनकी चुत में डाल कर उसमें घुमाई भाभी चीख उठी थी मैं अब फिर पीछे की और आया और भाभी को एज झुकने को कहा और मैंने कहा के भाभी आपकी पिंकी बहुत जोरदार है शानदार भी…मेरे पप्पू को आप की पिंकी बहुत पसंद हे और वो इसे छू कर प्यार करना चाहता है…ये कहते हुए मैंने आपना पापू भाभी की पिंकी के मुँह पर टीका दिया …भाभी बोली ..देखो अंदर मत करना तरुण,,मैंने कहा नहीं भाभी बस पप्पू को पिंकी से मिलना है दोस्तों की तरह भाभी बोली ओके तो मैं बोला भाभी आप भी तो थोड़ा एज बाद कर पिंकी को पप्पूसे मिलवओ ना वो बोली ओके लो ये कहते हुए मैंने और भाभी ने एक साथ ज़ोर लगाया तो 30 % लंड चुत के अंदर था तो भाभी बोली यार ये तो तुमने पूरा ही अंदर कर दिया तो मैंने कहा नहीं भाभी पूरा भझर ही है देखो ना ये कहते हुए मैंने भाभी का हाथ लंड पर लगाया और उनसे कहा देखो ना ,,,

भाभी ने लंड पर हाथ फेराते हुए कहा हां यार लगता तो इससे ही है के सारा बाहर है पर महसूस इससे हो रहा है जैसे सारा अंदर हो अब और अंदर मत करना और इसे ही रहना मैंने अब भाभी के मम्मो को सहलाना और दबाना चालू कर दिया भाभी बीच बीच में सिहर उठती थी …भाभी ने कुच्छ देर बाद कहा बस हो गया अब निकल लो मैंने कहा ओके भाभी ..एक बात काहू एक बार पप्पू और पिंकी को ज़ोर से गले मिलने जैस्सा कर ले जैसे दोस्त लोग मिलते है तो आख़िरी बार एक ज़ोर की गले मिलनी करते है आपुन भी इससे करे तो …भाभी बोली ओके पर ज्यादा ज़ोर से नहीं मैंने कहा नहीं पर दिल से और जिंदादिली से ..वो बोली ओके …मैंने कहा 1 2 3 बोलने पर दोनों एक साथ करेंगे ओके …भाभी ओके पर 1 2 3 मैं कहूँगी मैंने कहा ओके अब भाभी ने जिससे ही कहा 1 2 3 मैंने और भाभी ने एक साथ ज़ोर लगाया तो 50 % से ए ज्यादा लंड अंदर था ..भाभी के मुँह से हल्की सी चीख निकली और उन्हूने कहा ये क्या किया तरुण तुमने तो पूरा ही अंदर कर दिया ..

मैंने भाभी से कहा नहीं यार…चलो तुम नहीं मानती तो देखो मैंने फिर भाभी का हाथ लेकर लंड पे रखा उन्हूने टटोल कर देखा और फिर बोली हां यार लगता तो है ज्यादा हिस्सा बाहर ही है पर फिर मुझे ऐसा क्यों लग रहा है जैसे पिंकी पूरी भर गयी हो,,एक बात तो है तरुण यार तुम्हारा ये पप्पू मोटा भी बहुत है और लंबा भी..तो मैंने कहा मौमीता यार तुम्हारी पिंकी भी बड़ी शानदार है और गहरी भी …अगर इजाज़त हो तो इससे पूरा अंदर डाल के देखू एक बार ..इस पर भाभी ने कहा नहीं तरुण …ये ठीक नहीं है और इससे कह कर एक दम से खड़ी हो गयी और मुझे हटा कर और नहा धो कर आपने रूम में चली गयी…मुझे बुरा लगा मैं उनको रोकता रहा पर उन्हूने रूम में जा के दरवाजा बंद कर दिया……
 
फिर दिन भर भाभी मेरे रूम में नहीं आई ना ही हमारी कोई बात हुई अगले दिन भी भाभी मेरे रूम में नहीं आए ना ही ऊपर ही आए पूरा दिन वो नीचे ही रही …अब आज शाम को भैया आ जाएँगे और कल तो भाभी भी आपने मायके चली जाएगी तीन महीनों के लिए…सुबह के 9 बजे थे…..आज फिर आंटी अंकल मंदिर गये थे और 12 बजे तक आने वाले थे मैं आपने रूम में था और भाभी के बड़े में ही सोच रहा था और आपने पलंग पे लेता हुआ था के भाभी रूम में आई ओए मेरे पास लेट गयी और मुझे गले लगा लिया और कहने लगी “यार तरुण ई लव यू और ंतूम्हारे बिना नहीं रही सकती प्लीज़ मुझसे नाराज़ मत हो यार भाभी और देवर के बीच में ऐसा होना मुझे कुच्छ अच्छा नहीं लगा पर खैर मैं नाराज़ नहीं हूँ पर तुम मुझे छोड़ना मत ..प्लीज़ डोंट लीव में ….ई कॅन नोट लाइव वितऊथ यू…

भाभी कहती भी जा रही थी और मुझे लिपटा भी जा रही थी..अब मेरी बड़ी थी मैंने भाभी को लिपटा के उन के होठों पर एक गहरी किस दी और कहा के भाभी ..ई टू लव यू वेरी मच और उनके बूब्स को सहलाता और दबाता रहा ..फिर मैंने कहा के भाभी मुझे बुरा तो लगा था जब मेरे पापू को आपने मर्जी से अंदर लिया था और फिर आपनी मर्जी से बाहर निकल दिया ..इस पा भाभी बोली तुम्हें बुरा लगा ..मैंने कहा हां बहुत बुरा लगा ..तो भाभी बोली मैं एज से ध्यान रखूँगी ..पर तुम नाराज़ मत होना अब ऐसा करो तुम 10 मिनट के बाद मेरे रूम में आओ ..दस मिनट के बाद ओके ..मैंने कहा ओके और भाभी मुझे एक और किस दे के आपने रूम में चली गयी..मैं सोचता रहा अब भाभी क्या करने वाली थी…

10 मिनट गुजरने के बाद मैं भाभी के रो में गया तो भाभी एक दम नंगी खड़ी थी..और वो बोली के तरुण मैंने जो किया उस के लिए सॉरी अब तुम मेरी पिंकी में आपने पप्पू को दाखिल करा दो पर प्लीज़ पहले जितना था उस से ज्यादा नहीं और इससे ही 15 मिनट तक रहना और फिर निकल लेना ..ये मेरा प्रष्चित समझ लो..ये कहते हुए भाभी घोड़ी बन गयी और उन्हूने मुझे राइड का इशारा किया और बोली आ जाओ तरुण आपने पापू के साथ ..लेकिन मैं खड़ा रहा और भाभी से बोला भाभी अगर आप सही समझे तो क्यों ना सीधे से और सामने से करे अब की बार..आप पलंग पे लेट जाओ और आपनी टाँगे चो दी कर लो और मैं ऊपर आ जाता हूँ ..इस तरीके से आप को ज्यादा आराम मिलेगा और मुझे भी फिर मैं आप के ऊपर लेट जाऊँगा …भाभी ने कहा हां ये ठीक रहेगा और पलंग पे लेट कर उन्हूने आपने टाँगे ऊपर कर के मुझे बुलाया और मैं भी पलंग पर चढ़ गया मैंने एक पिल्लो भाभी के छूटरो के नीचे रखा इस से भाभी की चुत उभर कर ऊपर की और हो गयी…,मैं भाभी की दोनों टांगों के बीच बैठ गया और भाभी की चुत को सहलाने लगा ..भाभी की चुत गीली हो रही थी,,,भाभी ने फिर कहा …चलो आओ ना…मैंने फिर कहा भाभी अरे यू शुरू …फिर तुम नाराज़ तो नहीं होगी ….भाभी ने कहा कहा तो सही यार …मैं नाराज़ नहीं हूँ ..अब तुम करो ना यार…तब मैंने कहा भाभी आप मेरे पापू को आपनी पिंकी पे डालो ना..भाभी ने मेरे लंड को आपने राइट हाथ में लिया और लेफ्ट हॅंड से आपनी चुत के पंखुड़ियां को फैला कर आपनी चुत के मुँह पर लंड को टीक्या और मुझे इशारा किया ..
 
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