Hindi Porn Kahani बजाज का सफरनामा - Page 4 - SexBaba
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Hindi Porn Kahani बजाज का सफरनामा

अब मैंने एक पूरा ज़ोर लगा के लंड को भाभी की चुत में तेल दिया …भाभी की एक जोरदार चीख निकली और मेरा लगभग 70 % लंड अंदर था भाभी तो एक दम उछल पड़ी थी और दर्द उनके चेहरे पर दिख रहा था मैंने भाभी के माम्मो को चूमना चाटना सहलाना चालू कर दिया 3-4 मिनट के बाद भाभी की साँस नॉर्मल हुई तो वो बोली तरुण यार तुमने तो मुझे मर ही डाला था …क्या पूरा ही डाल दिया मैंने कहा नहीं यार ..मैंने फिर भाभी की हथेली लंड पे लगा के उनको दिखाया …वो बोलीं देखो जानूं अब और मत डालना प्लीज़…मैंने कहा ओके..और अब मैं भाभी के मम्मो को गालों कोहोंठो को पूरे बदन को छूने चाटने और प्यार करने लगा भाभी भी मुझे प्यार करने लगी ..मैं भाभी के ऊपर लेता हुवा था और हम दोनों एक दूसरे को प्यार करते रहे मेरे ऊपर लेते रहने से मेरा पापू पिंकी के अंदर 1-1 5 करते हुए अंदर घुसटा रहा और लगभग लगभग पूरा ही अंदर घुस गया था ये मैं भी जानता था और भाभी भी पर हम दोनों चुप थे …फिर भाभी ने पूछा के अब तो तुम राज़ी हो ना मैंने कहा हां ..बहुत ..तब भाभी ने कहा अब तुम उठो मैं थोड़ी देर आराम करूँगी और फिर शाम को तुम्हारे भैया भी आ जाएँगे तो वो भी रात को आपना छोटा पप्पू पिंकी में डालेंगे… मैंने पूछा छोटा पप्पू तो भाभी बोली के हां तुम्हारे पापु के सामने तो वो छोटा पापु ही है…तब मैंने भाभी से कहा के तुमने छोटा पापु क्यों कहा …और फिर कहा के भाभी मैं रात को भैया और तुम्हारी चुदाई देखना चाहता हूँ तब भाभी ने कहा के टेरेस की तरफ की खिड़की मैं रात को खुली रखूँगी और परदा भी एक तरफ से हटा के रखूँगी ..तुम आराम से सब देख सकोगे …मैंने भाभी को प्यार किया और फिर रात की इंतेज़ार करने लगा….

शाम को भैया आए मैं उनसे मिला उन्हूने मेरे हाल चल पूछे और कहा के यार तुम आपनी भाभी का कुच्छ ध्यान भी रखते हो के नहीं ..यार तुम्हारी भाभी अकेली रहती है ना …कभी आपनी भाभी को गले लगा के प्यार किया है ?? मैं बोला ये क्या कह रहे हो भैया..भैया बोला यार तुम मेरी बात नहीं मानते हो …अब कल तो तुम्हारी भाभी जा रही है ……अभी कल तक का टाइम है …भाभी को प्यार किया करो लगता है मुझे ही तुम्हें सीखना पड़ेगा….खाई रात हुई और भैया भाभी आपने रूम में चले गये मैं टेरेस पे बनी खिड़की पे जा खड़ा हुआ भाभी नेकेड हो गयी ..मुझे उस का इंटेरेस्ट नहीं था क्यों के मैं दिन भा से भाभी को नेकेड देख रहा था पर जब भैया नंगे हुए तो मैं हैरान रही न गया सच में भैया का पप्पू छोटा पाप्ुउ ही था मेरे पप्पू से एक तिहाही रहा होगा उस से ज्यादा तो मैं भाभी की चुत में आज दो बार डाल चुका था खाई भैया ने भाभी को थोड़ा चूमा और फिर उन के ऊपर चढ़ गये और बहुत जल्दी डिसचार्ज भी हो गये भाभी अभी भी पूरी नेकेड थी और अतरपत भी..तभी भैया बोले देखो मैं जानता हूँ के मैं तुम्हें सॅटिस्फाइ नहीं कर पता ..इसीलिए तो मैं तुम्हें पिछले तीन महीने से कह रहा हूँ के तुम तरुण से सेट हो जाओ..तरुण भी तो घर का ही लड़का है और फिर उसका शरीर अच्छा है ….उस से तुम्हें संठान होगी तो वो इसी घर का ही वंश होगा ..यदि तुम किसी बाहर के आदमी से सेट हुई तो धोखा भी कहा सकती हो ..
 
तो भाभी बोली के नहीं नहीं मुझे किसी से कुच्छ नहीं चाहिए …आप जैसे है मेरे लिए ठीक है तो भैया बोले के यार तुम दोनों ही मेरी बात नहीं मन रहे हो …अब मुझे ही कुच्छ करना होगा …रुको मैं ही कुच्छ कराता हूँ …ये कहते हुए उन्हूने मुझे आवाज़ दी तो भाभी ने जल्दी से आपना पेटीकोट पहन लिया ..और आपनी सारी उठा के बिना ब्लाउज ब्रा के ही सारी उठा के औड ली….मैं कमरे में आया और फिर बाथरूम से भैया के कमरे में आ गया…तो भैया बोले के तरुण ये क्या सुन रहा हूँ मैं तुम आपनी भाभी ही का बिलकुल ध्यान नहीं रखते..तुमने कभी आपनी भाभी को गले लगाया है …चलो जल्दी से भाभी क्आयला के तरुण को गले लगाओ…जल्दी करो हमने एक दूसरे को गले लगाया तो भैया बोले ज़ोर से और एक दूसरे के बदन के साथ आपने बदन को घिस्सो घ….भाभी और मेरे घिर गालों पर फिर तो हम दोनों दीवानों की तरह से एक दूसरे को चूम रहे थे.. इसने से भाभी की सारी खुल सी गयी थी और उनके बूब्स नंगे हो गये थे पर हमें पता नहीं चला …फिर भैया ने पूछा क्या तुमने कभी एक दूसरे को चूमा है …

नहीं ना चलो एक दूसरे को किस करो हम चूमने लगे फिर होठों पर फिर गालों पर चूमने चाटने लगे तभी भैया ने कहा के बस अब तुम दोनों अलग हो जाओ अलग होते ही भाभी की सारी नीचे गिर गयी और भाभी के मम्मे नंगे हो गये भाभी सारी उठा के उन्हें ढकने को बड़ी तो भैया ने उसे रोक दिया और मुझसे पूछा के तुम्हें भाभी के मम्मे कैससे लगते है..मैंने कहा बहुत अच्छे तो भैया ने कहा तो इन्हें छुओ चूसो और दबाओ…मैं वैसे ही करने लगा …बरमूडे में मेरा लिंग तनने लगा था…भैया ने कहा भाभी का निप्पल भी चूसो और उंगलियों में मसलों …फिर भाभी से कहा के तुम इसे क्या खड़ी हो चलो तरुण का बरमूडा नीचे उतरो…..जल्दी करो …

भाभी ने मेरा बरमूडा खींच के उतार दिया तो मेरा तननाया हुआ लिंग सामने आ गया …भैया ने लिंग देख के कहा वो !! कितना सुंदर है … फिर भाभी को देखते हुए बोले मौमीता कितना सुंदर है…….तुहे पसंद है ना ..भाभी बोली हां बहुत..तो चल इसे हाथ में ले ले..देखो तरुण कैससे प्यार से तुम्हारे मम्मे चूस रहा है तुम क्यों नहि टरुन का लिंग चुस्ती ..मैं जानता हूँ उसे भी अच्छा लगेगा…अब मुझे और भाभी को शर्म आने लगी थी…..पर भैया ने ज़ोर दिया तो भाभी ने मेरा लिंग चूसना चालू कर दिया..मैं इससे ही खड़ा था तो भैया ने भाभी को रोक दिया उसे खड़ा किया और तरुण से भाभी का पेटोक्ॉआट उतरने को कहा अब भाभी नंगी थी …भैया ने हमें 69 की पोज़िशन में कर दिया ..और मैं मौमोइटा की पुसी और मौमीता मेरा लिंग चूस रही थी 2 मिनट बाद भैया ने फिर मुझे रोका और भाभी को पलंग पे लेटने और मुझे उसकी टांगों के बीच में बिठा दिया …एक तकिया लेकर भाभी के चूटरो के नीचे लगा के मेरा लिंग लेकर भाभी की चुत पे रखा और मुझे ज़ोर लगाने को कहा
 
…दिन भर से तड़प रहा था मैंने एक ज़ोर लगा के मैंने आधा लिंग भाभी की चुत में डाल दिया भाभी ज़ोर से चीखी …लेकिन मैं रुका नहीं और अगले तीन झटकोन में पूरा लंड भाभी की चुत में डाल दिया..भाभी चीखती रही मचलती रही पर मैं दाना दान भाभी को चोदता रहा आधे घंटे में भाभी दो बार डिसचार्ज हो गयी थी पर मैं अभी ज़ोर लगा रहा था …..आधे घंटे तक ताबड़तोड़ चुदाई के बाद मैं डिसचार्ज होने वाला था तो मैंने भाई से पूछा के मैं डिसचार्ज होने वाला हूँ कहा हूँ …तो भैया बोले अंदर ही हो जा …मैं अंदर ही डिसचार्ज हो गया और फिर दस मिनट तक हम इससे ही पड़े रहे भाभी बहुत खुश थी और मुझे चूमे जा रही थी..फिर हम उठे और भैया को थेन्क्स कहा..भाभी ने भैया को चूमा और थॅंक्स कहा मैंने भी भैया को थॅंक्स कहा…भैया ने कहा के अब तुम दोनों इससे ही प्यार करोगे और साल भर में मुझे बाप का दर्जा दिलाओगे …अब तुम यहां रुको और मैं तुम्हारे कमरे में जा रहा हूँ..पर भाभी ने उन्हें रोक दिया और बोली के नहीं आप यही रुकिया मुझे आप के सामने ही चुदना है….अब मैं भाभी ही को लिटा के दाना दान चोदने लगा और भाभी भी उछल उछल के चुदाया रही थी

अबकी बार चुदा 45 मिनट तक चली और मजा भी खूब आया हम दोनों 10 मिनट तक इससे ही लिपटे हुए पड़े रहे ..बाद में हमने भैया से पूछा कैसी लगी आपको ये चुदाई भैया बोले यार मजा आ गया और अब तो मेरी भी चोदने क्की इच्छा हो रही है पर सोचता हूँ के मौमीता तुम पिछले दो धाइई घंटे से चुद रही हो तक गयी होगी….इस पर भाभी बोली नहीं जी आप के लिए कैसी थकान …जिंदगी में आज ही तो मुझे इसे भरपूर चुदा मिली है तो

मैंने सोच लिया है के अब आप दोनों को ही मैं कभी चुदा के लिए मना नहीं करूँगी और आज रात तो मुझे रात भर चुदना है आईए ,,आप…मैंने भी कहा हां हां देव भैया आप भी चोदिए ..भाभी को लेकर देव भैया पलंग पर चढ़ गये अब की बार तो देव भैया भी काफी देर टीके भाभी को भी अच्छा लगा ..देव भैया ने भी अच्छा महसूस किया जैसे ही भाभी नीचे उतरी मैंने उन्हें घोड़ी बना ईया और उन्हें घोड़ी बना के चोदने लगा ..इसी आसान में तो मैंने भाभी की चुत में पहली बार लंड डाला था 10 मिनट चोद के मैं रुक गया और सोफे पे बीत गया और भाभी को मेरे लंड पे बिठा के उन्हें चूमने और उनके मम्मे चूसने लगा दस मिनट बाद मैंने भाभी को पालन पे लिटाया और उनकी टाँगे कंधों पे ले के चोदने लगा इस से भाभी की चुत सिकुर गयी और भाभी को दर्द सा महसूस होने लगा तो उन्हूने मुझे रुकने को कहा और पलंग पर टाँगे फैला के लेट गयी

………………….मैं रेस्ट करने रुक गया ……………….तभी मेरी हेरानगी के देव भैया फिर से तैयार थे और वो भाभी को चोदने लग गये अब भाभी मजे से और आसानी से चुदाया रही थी ….अब मैं ऊपर चढ़ के भाभी की बगल में लेट गया और चुदा खत्म कर के भाभी हम तीनों के लिए दूध लेने चली गयी उस से पहले उन्हूने हाथ मुँह धोया मम्मे धोए चुत ढोई और फिर हमारे लिए दूध बना के आ गयी ….हम तीनों ने दूध पिया और तीनों ही डबल बेड पर पास पास में इससे ही नंगे लेट गये …अब मैंने भैया से पूछा भैया आप ने मुझे इतना सुख दिया है आज ..पर आपनी पत्नी को आपने छोटे भाई से चुदवाना…इस पर भैया बोले मैं तेरी भाभी को पूरा सुख नहीं दे पता हूँ और ये कही बाहर कही बिगड़ जाए इस से तो घर मिस्टर तुझसे सेट हो जाए यही मौ चाहता था .हलकी तू सगा नहीं फिर भी तूने मेरी इच्छा पूरी की..अब मैं चाहता हूँ के तुम दोनों रात दिन चुदा करो और एक साल में मुझे पिता बना दो …आज इस बात से हम तीनों खुश है तुम तुम्हारी भाभी और मैं ..अब मौमीता भाभी उठी और सिंदूर की डिबिया लेकर आई और मुझे खड़ा कर के सिंदूर लगाने को कहा और फिर मेरे पैर छू कर बोली आज से आप दोनों मेरे पाती है दुनिया के सामने देव मेरे पाती है पर अंदर आप दोनों ई मेरे पाती है..मेरे शरीर पर आप दोनों का हक है… अब भाभी मेरे कुंड पर चढ़ गयी और दे दाना दान मेरे लंड पर कूद कूद कर चुदाई करने लगी….इससे ही हम रात भर चुदाई करते रहे और भाभी का मायके जाने का प्रोग्राम कॅन्सल हो गया और भैया भी अगले तीन दिन तक वही रुके रहे ….भैया के जाते वक्त भाभी ने भैया से कहा के तुम जा रहे हो पर तरुण से बोल के जाओ के तुम्हारे जाने के बाद भी वो मुझे रोज़ चोदेगा …और पूरे दम खम से चोदेगा..भैया ने मुझसे वही रिपीट किया …

अगले तीन महीनों तक मैंने और मौमीता भाभी ने खूब चुदा की और तीन महीने के बाद जब देव भहाया घर आए तो बहुत खुश हुए ..क्यों के भाभी अब तीन महीने के पेट से थी ….अब मौमीता भाभी मेरा और भी ज्यादा ख्याल रखती है .
 
मासी

अपनी स्टोरी लिख रहा हूँ और मुझे आशा हे की आप को मेरी यह स्टोरी जरुर पसंद आयेगी तो अब स्टोरी पर आते हे तो दोस्तो मेरा नाम संजय है, में अजमेर मे एक कम्पनी मे जॉब करता हु , पर ये बात तब की है जब में स्कूल मे था ओर अपने
घर पर था , मेरे होमटाउन मे ही मेरी मौसी भी रहती थी ओर तब उनकी शादी नही हुई थी में आपको बता दूँ मौसी बहुत खूबसूरत है में तो उनका ज़माने से दीवाना था बस मोके नही मिल रहे थे, मौसी बी.एड कर रही थी ओर दिन मे उनका कॉलेज रहता था ओर दोपहर को वापस घर आती थी, मौसी के साथ माँ, नाना, नानी भी रहते है, पर वो तीनो जॉब करते है तो सब अपने ऑफीस निकल जाते है सुबह ओर दोपहर मे ही मौसी अकेली रहती है.


में अक्सर उनके यहा किसी भी टाइम चला जाता था, पर 12वी मे मैने कोचिंग उनके घर के पास ही लगा ली, वैसे मौसी के साथ मेरा रिश्ता शुरू से ही दोस्त जैसा है क्योकि उनकी ओर मेरी उम्र मे सिर्फ़ 3 साल का ही अन्तर था, हम दोनो काफ़ी मज़ाक मस्ती, डांस भी करते थे, ओर कभी वो मस्ती मे मुझे गालो पर किस भी कर दिया करती थी, में जब उनके यहा पढाई करता था तो हमेशा मौसी के साथ ही सोता था, ओर जब रात को सब सो जाते थे तो मौसी मेरे से चिपक जाया करती थी, क्या बताऊँ दोस्तो मेरा तो लंड खड़ा हो जाया करता था।

कभी वो मेरे पेरो पर अपने पेर रख लेती ओर कभी लंड पर हाथ ओर मे अंदर ही जल पड़ता था, पर डर से कुछ करता नही था, क्योकी मुझे लगता था की वो नींद मे है एक दिन सर का कॉल आया की कल कोचिंग दोपहर मे 3 से 5 रहेगी क्योकि शाम को उन्हे कुछ काम है, मैने ओके बोल कर फोन काट दिया अगले दिन में कोचिंग के लिये लेट हो गया तो सर ने मुझे डाटा ओर सर थोड़े सनकी है तो उन्होने मुझे क्लास से भगा दिया, मैने भी सोचा अच्छा है वैसे भी मन नही था दोपहर मे पढ़ने का, तो लौटते टाइम मे मौसी के घर चला गया.


मौसी घर मे अकेली थी मैने बेल बजाई तो मौसी ने डोर खोला ओर मुझे देख कर काफ़ी खुश हो गई में अंदर गया ओर पानी पी कर आराम से मौसी के साथ सोफे पर बैठ गया, मौसी मुझसे बाते करने लगी इधर उधर की क्या चल रहा, कैसे हो, ओर ये सब बस, पर उनके दिमाग़ मे कुछ चल रहा था जिससे मे अंजान था बात करते करते अचानक मौसी उठी ओर बेडरूम मे जाकर लेट गई, तो

मैने उनसे पुछा की क्या हुआ, थक गई हो, नींद आ रही है क्या तो 

मासी बोली नही बस थोड़ा पेरो में दर्द है तो आराम करना चाहती हूँ. 

मैने कहा ठीक है आप आराम करो में जा कर टी.वी देखता हूँ शाम को जब नाना नानी आ जायेगे तो उनसे मिल कर चला जाऊंगा इतना कह कर में वहा से जाने लगा इतने मे

मौसी ने आवाज़ दी ओर कहा की संजय सुनो तो 

मैने कहा हाँ मौसी बोलो तो वो कहने लगी की अगर बुरा ना मानो तो मेरे पेर थोड़ी देर दबा दो मैने कहा ठीक है ओर मैं उनके पेर दबाने लगा मौसी ने बिना दुप्पटे के सलवार-कुर्ता पहना हुआ था.
 
में उनके पेर दबाने लगा तो वो बोली की थोड़ा उपर तक दबाओ बहुत दर्द है साहेब तो मैं घुटने तक उनके पेर दबाने लगा, मुझे उनके पेर दबाने मे मज़ा आ रहा था ओर मे बहुत मसल मसल कर पेर दबा रहा था, फिर वो बोली की थोड़ा ओर उपर जाँघो तक दबाओ, तो में फिर अपने हाथ जाँघो तक ले जाने लगा ओर दबाने की जगह अपना हाथ उनकी जाँघो पर फेरने लगा उनकी आँखे बंद थी ओर वो पूरा मज़ा ले रही थी फिर उन्होने अपना एक हाथ नीचे करके अपने पज़ामे का नाडा खोल दिया में ये देख कर हैरान हो गया की आज मौसी चाहती क्या पर जो भी हो आज मेरी लॉटरी थी शायद अचानक वो मुझ से बोली की मेरे पूरे शरीर मे दर्द हो रहा है तुम एक काम करो मेरे उपर लेट जाओ ओर बस मेरी तो खुशी मे जान निकली जा रही थी।

मैं तुरंत उनके उपर लेट गया जैसे ही मे लेटा तो वो बोली की मेरी जीन्स उन्हे बॉडी मे गड़ रही है में इसे उतार दूँ तो में समझ गया की आज ये चुदना ही चाहती है मैने झट से अपनी जीन्स उतार दी ओर फिर से उनके ऊपर लेट गया मैं बस लेटा ही था की उन्होने मुझे कस कर जकड़ लिया बहुत टाइट हग था तो मेरा लंड अब क़ुतुबमीनार बन गया था ओर मौसी भी ये जान गई थी अब मेरा चेहरा ओर उनका चेहरा आमने सामने था ओर उनकी साँसे मेरी सांसो से टकरा रही थी जिससे एक अजीब सी गर्मी पैदा हो रही थी मै तो पागल हो रहा था हम दोनो एकदम चुप थे एकदम से उन्होने मुझे किस करना शुरू कर दिया. 

अब तो मै भी रह ना पाया ओर उन्हे पागलो की तरह किस करने लगा क्या बताऊँ दोस्तो वो मेरी ज़िंदगी का पहला किस था वो फिलिंग तो मै आज तक नही भूला जब उनकी साँस ओर मेरी साँस एक थी मुझे बस उनकी खूशबु आ रही थी ओर उन्हे मेरी ओर वो सॉफ्ट होठ जब मे चूस रहा था तो क्या बताऊँ जन्नत मेरे पास थी. हमारा किस अच्छा चल रहा था ओर लगभग 20 मिनिट किस करने के बाद उन्होने किस करना छोड़ा ओर मेरे हाथ अपने बूब्स पर रख कर बोली की साहेब इन्हे दबाओ मसल दो इन्हे ओर मैं अपने दोनो हाथो से उनके बूब्स दबाने लगा हाय दोस्तो क्या एकदम सॉफ्ट बूब्स थे मौसी के बयान नही कर सकता क्या सुकून मिल रहा था उन्हे दबाने में ओर फिर उन्होने अपना कुर्ता उतार दिया. 

फिर ब्रा भी ओर बोली मेरे दूध पीओं प्लीज़ मै तो बस एक मासूम बच्चे की तरह उनकी हर बात मान रहा था ओर बिना कहे मैं उनके बूब्स पीने लगा ओर एक हाथ से उनका दूसरा बूब्स दबाने लगा दो मिनिट बाद वो बोली अब दूसरा पीओं ओर 15 मिनिट तक दूध चुसवाने के बाद वो बोली उठो और मेरा लंड पकड़ लिया क्या बताऊँ यार पहली बार किसी ओर ने मेरा लंड पकड़ा था वो भी मेरी सेक्सी मौसी ने बस मै पागल हो गया ओर उन्हे अपनी तरफ खीच लिया ओर वो बोली आराम से जानेमन मै सब सुख दूँगी तुझे ओर वो मेरे लंड को सहलाने लगी उसके बाद उन्होने उसे अपने मुँह मे ले लिया ओर चूसने लगी बाइ गॉड यार इससे अच्छा ज़िंदगी मे नही लगा ओर मैने उनके बाल पकड़ कर अपना लंड उनके मुँह मे झटके के साथ अन्दर किया तो वो उनके गले तक चला गया ओर वो हड़बड़ा गई.

बस उसके बाद मैने उन्हे खड़ा किया ओर उनका पजामा भी निकाल दिया फिर उन्हे बेड पर लिटा कर उनकी चूत से खेलने लगा और ये मेरा पहला सेक्स था पर ब्लू फिल्म देख देख कर यार मै काफ़ी कुछ सीख चुका था ओर मैने अपनी उंगली चूत मे डाली अब वो चूत नही थी बल्कि एक लावा बन चुकी थी उनकी चूत पर छोटे छोटे बाल थे पर मुझे बहुत अच्छे लग रहे थे उंगली करते करते मैने उनसे पूछा की क्या मे इसे चाट लूँ तो उन्होने तुरंत मेरा मुँह अपनी चूत पर रख दिया ओर मै उसे चाटने लगा ओर वो तो अब बिल्कुल बेकाबू होने लगी मरी जा रही थी वो तो बिल्कुल उसकी चूत को चूसाने के लिये करीब 10 मिनिट तक चूसने के बाद उन्होने मुझे उठाया ओर कहा की बस अब ओर इन्तजार नही वरना वो मर जायेगी.
 
बस तू तो डाल दे मेरे अंदर बहुत टाइम से प्यासी है तेरी मौसी डाल दे मेरे साहेब ओर मेरे लंड को अपनी चूत पर खुद ही सेट करने लगी मै तो बस उनकी हर बात मान रहा था चूत पर लंड रखते ही वो बोली कब से तेरा लंड नाप रही थी पर तू कभी कुछ समझ ही नही रहा था आज आख़िर तुझे फंसा ही लिया अब मै सब समझ गया था की वो रात मे लंड पर हाथ नींद मे नही बल्कि होश मे रखती थी इस पर मैने उनसे कहा की साफ साफ नही बोल पा रही थी की चुदना है में भी कब से तुम्हे चोदने के लिये परेशान था बस ओर उन्होने मेरा लंड सेट कर दिया ओर गिड़गिडाने लगी की डाल दे अब बस ओर नही ओर मैने एक पूरी ताक़त से झटका लगाया तो वो फिसल गया ओर अंदर नही गया तो मौसी गुस्सा होने लगी ओर बोली की पहलवानी अभी नही डालने के बाद दिखाना अभी आराम से डाल. 

अब एक तो वो टाइट चूत ओर दोनो सेक्स के बारे में अनजान थे तो कुछ समझ ही नही आ रहा था और फिर भी मैने उनकी बात सुनी ओर धीरे से लंड डालने लगा वो चिल्लाने लगी तो मैने किस करके उनकी आवाज़ को रोका ओर पूरा 6 इंच का लंड अंदर डाल दिया अब वो भी मस्त हो गई थी ओर गांड उपर उठा रही थी फुल सपोर्ट मैं हल्के हल्के से पहली बार था तो में 15 मिनिट मे ही आउट हो गया पर मौसी कहा मानने वाली थी उन्होने उसे फिर खड़ा कर दिया ओर बोली की एक ट्रिप ओर मेरी जान बस फिर क्या मैने उनकी इस तड़प को ढंग से समझा ओर इस बार आधे घंटे तक ज़ोर से चोदा वो आवाजे करने लगी धीरे धीरे धहररे…मर गई आआहह आहह धीरे जान फट जायेगी प्लीज जान आआहह हबा अहहा आ धीरे पर मैने तो खेल ज़ारी रखा ओर वो झड़ गई. 
अब मैने इस बार अपना लंड बाहर निकाल कर ब्लू फिल्म स्टाइल की तरह पूरा माल उनके बूब्स ओर मुँह पर डाल दिया और इतने में मामा की गाड़ी की आवाज आई तो हम फटाफट अलग हो गये में जा कर बाहर टी.वी देखने लगा ओर मौसी बेडरूम मे ही लेटी रही ओर मामा को पागल बना कर में वहा से घर निकल आया उस दिन के बाद से तो मौसी को जब भी तड़प उठती मैने हमेशा उसे बुझाया।
 
Wafa ya hawaa
इस कहानी के माध्यम से आप लोगों को जरूर कुछ न कुछ एहसास होगा कि इस दुनिया में औरतें कैसी कैसी होती हैं ! खैर पहले मैं आपको अपने बारे में बताता हूँ ! मेरा नाम नब्बू है, उम्र 28 साल है और मैं आजाद जिन्दगी जीने वाला हूँ, नागपुर में रहता हूँ, मैं एक अर्द्धसहकारी कंपनी में काम करता हूँ, मेरी अपनी जिंदगी कई लड़कियाँ आई और गई मैंने किसी से भी प्यार नहीं किया और ना ही करना चाहता था ! और मुझे इस बात का घमंड भी था ! लेकिन ऐसा हो न सका !

यह वो हकीकत है जिसने मेरी जिंदगी ही बदल दी, मैं आपको इस कहानी के माध्यम से बताना चाहता हूँ, जिसका एक-एक पल आज भी मेरे आँखों के सामने आता है !

चलिये कहानी का मज़ा लेते हैं !

एक बार मैं अपने ऑफिस के काम से दिल्ली गया था, मैं नागपुर से दिल्ली एयरपोर्ट पहुँचा, सुबह के 9:30 बज रहे थे। मैंने एयरपोर्ट से बाहर निकल कर टैक्सी ली, मुझे मीटिंग अटेंड करनी थी जिसके लिए मैं पहले ही लेट हो गया था। मीटिंग ग्यारह बजे की थी और मीटिंग का अजेंडा मेरे पास था। मैं ऑफिस के गेस्ट हाउस पहुँचा, मीटिंग वहीं गेस्ट हाउस में थी। मैं समय पर पहुँच गया था।

मीटिंग में करीब 20 से 25 लोग होंगे। मीटिंग 12:00 बजे शुरू हुई।

मैंने नोट किया कि मीटिंग में एक औरत जिसकी उम्र 30 साल होगी, (नीली साड़ी में गोरी-चिट्टी पतली-दुबली और बड़ी-बड़ी आँखों में काजल लगाए हुए मेरे सामने बैठी थी) वो पेन्सिल को अपने कान के ऊपर बालों में घुमाते हुए अपनी कातिलाना नजरों से मुझे ही देख रही थी, मैं उसे अच्छी तरह से जानता था !

उसका नाम शैलीन था, वो मेरे दोस्त की बीवी थी ! कभी वो एक जानी मानी मॉडल हुआ करती थी, करीब 5 फ़ुट 9 इंच उसका कद होगा ! जिसकी शादी को अभी तीन साल भी नहीं हुए थे, दो महीने पहले मेरे दोस्त की मौत हो गई और उसके बाद उसे हमारी कंपनी ने अनुकम्पा नियुक्ति के आधार पर नौकरी दी थी। वे दोनों एक-दूसरे से बहुत प्यार करते थे, उन्होंने लव-मैरिज की थी।

खैर मैंने उसे अनदेखा कर दिया !

मैं जब मीटिंग में खड़े होकर स्पीच देने के बाद जब मैं अपनी जगह बैठा तो सब लोगों की तरह वो भी जोर-जोर से ताली बजा रही थी। मेरी नजर अचानक उसके ऊपर चली गई। वो मेरी ओर देख कर मुस्कुरा रही थी। तो मैंने भी छोटी सी स्माइल दी ! जैसे तैसे शाम को चार बजे मीटिंग ख़त्म हुई, सब लोग लंच के लिए जाने लगे मुझे भी बड़ी जोर के भूख लगी थी मैंने यान में सिर्फ नाश्ता किया था और सुबह से कुछ नहीं खाया था !

मैं मेज़ पर से अपनी फाइल और पेपर समेटने लगा। शैलीन भी अपने पेपर उठा चुकी थी और उसकी नजरें मेरी ओर ही थी !

मैंने जैसे ही बैग उठाया और चलने लगा कि अचानक शैलीन ने आवाज दी।

शैलीन- नब्बू, यू डोंट नो मी?

मैं- ओह, शैलीन भाभी ! सॉरी, आई एम वैरी सॉरी ! वो क्या है न, मुझे बहुत जोर की भूख लगी है ! इसलिए मेरा दिमाग काम नहीं कर रहा है !

शैलीन- अभी भी बहाने काफी अच्छे बना लेते हो !

मैं- नहीं, मैं सच कह रहा हूँ !

शैलीन- चलो आज मेरे हाथ का खाना खाओगे तुम !

मैं- नहीं भाभी !

शैलीन- मुझे कुछ नहीं सुनना है ! अभी वो (शैलीन का पति अर्जुन मेरा लंगोटिया यार) होते तो तुम इन्कार करते क्या?

मैं- भाभी ऐसी बात नहीं है।

शैलीन(रोते हुए)- तुम भी यही समझते हो ना कि मैंने उनकी जान ली है।

मैं- भाभी, रोओ मत ! मैंने ऐसा कभी नहीं सोचा, फिर तुम क्यों अपने आप को कोसती हो?

असलियत क्या थी? यह सिर्फ मैं जानता था कि अर्जुन ने खुदख़ुशी क्यों की थी।

भाभी के बहुत मनाने पर मैं भाभी के साथ घर जाने के लिए राजी हो गया। मैं यह भी जानता था कि भाभी बहुत जिद्दी है, वो मुझे अपने घर ले जा कर ही रहेगी।

मैं भाभी के साथ कार में बैठ गया और भाभी कार चला रही थी क्योंकि उसे साथ ड्राइविंग बहुत पसंद थी, मैं शांत बैठा था !

शैलीन ने बात शुरू की।

शैलीन- नब्बू यह बताओ कि तुम से तो अर्जुन कभी कोई बात नहीं छुपाता था ना?

मैं- नहीं ! हम दोनों में कोई भी बात
 
वफ़ा या हवस-2

शैलीन की आवाज़ से अचानक मेरा ध्यान भंग हुआ।

मुझे देखकर ही पेट भर लोगे या खाना खाओगे? शैलीन ने मुस्कुराते हुए कहा।

मैं बाथरूम में गया और हैण्ड वाश अपने लण्ड पर लगाया और जिंदगी में पहली बार मुठ मारी ! मैंने सोचा बारिश रुके या न रुके, खाना खाने के बाद तुरंत निकल जाऊँगा !

उसके बाद हाथ-मुँह धोकर डाईनिंग टेबल पर पहुँचा तो शैलीन मेरे सामने बैठ गई और खाना परोसने लगी, मैंने जैसे ही उसकी ओर देखा तो उसके दोनों गोरे स्तन साफ-साफ दिख रहे थे।

मैंने अपनी नजरे नीचे की और हम चुपचाप खाना खाने लगे ! मैंने घड़ी की ओर देखा तो रात के आठ बज रहे थे और बारिश लगातार हो ही रही थी।

शैलीन ने बात शुरू की !

शैलीन- नब्बू, यह बताओ कि तुमने अभी तक शादी क्यों नहीं की?

मैं- अभी तक ऐसी लड़की ही नहीं मिली जिससे मैं शादी करूँ !

शैलीन- और गर्लफ्रेंड?

मैं- भाभी मैंने वो सब छोड़ दिया है ! (मैं उसका इशारा समझ रहा था)

शैलीन- तुम्हें कैसी लड़की चाहिए?

मैं- आप जैसी ! (यह मेरे मुँह से क्या निकल गया)

शैलीन- मुझमे ऐसा क्या है?

मैं- भ...भा...भाभी! दूसरी बात करते हैं न? (मैं फंस गया था)

शैलीन- तो यह बताओ कि आज तक कितनी गर्लफ्रेंड फंसाई है? (वो इसी विषय पर बात करना चाहती थी)

मैं- बस एक ही !

शैलीन- सोनी ? (शायद अर्जुन ने इसे मेरे बारे में सब बता दिया होगा)

मैं- हां !(मैं चौंक गया)

शैलीन- उसे भी छोड़ दिया ! कभी उसकी याद नहीं आती?

मैं- मुझे कोई अफ़सोस नहीं ! (क्योंकि मैंने कभी किसी से प्यार किया ही नहीं था)

शैलीन चुप हो गई, मैं पानी पीने लगा, क्योंकि शैलीन के सामने वैसे भी मैं खाना नहीं खा पा रहा था क्योंकि मेरा पूरा ध्यान शैलीन पर था सच में वो बहुत ही खूबसूरत थी !

मेरी हालत खराब हो रही थी, ऊपर से जिन (शराब) का नशा ! ना जाने आज क्या होगा ! काश यह अर्जुन की बीवी न होती तो कब का इसका काम कर दिया होता !

तभी शैलीन ने कहा- और लो न नब्बू !

मैं- नहीं... भाभी बस हो गया !

शैलीन- और नहीं लिया तो मैं तुम्हें खुद अपने हाथों से खिलाऊँगी, तुम सोच लो !

मैं- नहीं भाभी, मैं और नहीं खा सकता !

मेरे इतना ही कहने की देर थी कि शैलीन अपनी कुर्सी से उठी और मेरी प्लेट में खाना जबरदस्ती डाल दिया और वो मेरी गोद में बैठ गई !

मैं चौंक गया !

मेरी जांघ और लण्ड पर उसकी कोमल-कोमल गांड का एहसास हो रहा था और मेरा लण्ड लोहे की छड़ बन चुका था !

इतने में ही शैलीन अपने हाथ से खाना मेरे मुँह के पास लाई और कहा- अब मुँह खोलोगे या नहीं?

मेरे मुँह से तो आवाज ही नहीं निकल रही थी, मैं उसके हाथों से खाना खाने लगा। शैलीन को तो मौक़ा मिल गया था अपनी बात जाहिर करने का, लेकिन मैं क्या करूँ?

मेरे सब्र का बाँध टूट गया था, मैं नशे में अपनी औकात से बाहर हो रहा था।

तभी शैलीन ने अपना असली खेल शुरू किया।

शैलीन(मेरी गोद से उतरते हुए)- यह नीचे क्या चुभ रहा है? दिखाओ मुझे !

उसने मेरी नाईट पैंट और अंडरवेअर को एक साथ पकड़ के हटा दिया जिससे मेरा खडा लण्ड टन-टनाते हुए उसके सामने आ गया।

अच्छा तो यह है ! अर्जुन का तो इससे आधा था, उसकी गोद में बैठने से चुभता ही नहीं था।

मैं- भाभी अर्जुन के लिए बस करो, वरना तुम्हारी जिंदगी खराब हो जाएगी !

शैलीन- तो अभी क्या है !

गमगीन होते हुए वो मुझसे लिपट गई।

मेरा दिल जोर-जोर से धड़क रहा था, सही-गलत समझ में नहीं आ रहा था। अगर शैलीन को कोई ऐतराज नहीं है, तो मैं क्यों संत बन रहा हूँ? मैं अभी इसकी जरुरत हूँ, यह मेरी ! सो मैंने भी शर्म छोड़ दी और शैलीन को दोनों हाथो से गोद में उठाया, बेडरूम में ले गया, प्यार से बिस्तर पर लिटा दिया और मैं उसके बाजू में करवट ले लेट गया।

तभी शैलीन भी मेरी ओर पलट गई उसने एक हाथ मेरे गाल पर रखा और कहा- नब्बू, आज मुझे औरत होने सुख दो ! मैं बहुत प्यासी हूँ !

इतना कहकर वो मेरे ऊपर आ गई और मुझे चूमने लगी।

मैंने उसे बाहों में लिया और पलट गया। अब वो मेरे नीचे थी और मैं उसके ऊपर !

मैंने अपने होंट उसके नाजुक गुलाबी-गुलाबी होंटों पर रख दिए और चुम्बन करने लगा।

कहानी के कई भाग हैं ! पढ़ते रहिए !
 
वफ़ा या हवस-3

शैलीन भी मेरी ओर पलट गई उसने एक हाथ मेरे गाल पर रखा और कहा- नब्बू, आज मुझे औरत होने सुख दो ! मैं बहुत प्यासी हूँ !

इतना कहकर वो मेरे ऊपर आ गई और मुझे चूमने लगी।

मैंने उसे बाहों में लिया और पलट गया। अब वो मेरे नीचे थी और मैं उसके ऊपर !

मैंने अपने होंट उसके नाजुक गुलाबी-गुलाबी होंटों पर रख दिए और चुम्बन करने लगा। एक हाथ से उसकी चिकनी-चिकनी जांघों को सहलाने लगा।

शैलीन ने दोनों हाथों से मुझे कस के पकड़ लिया! हम दोनों पहले से ही गर्म थे इसलिए हमें ज्यादा समय नहीं लगने वाला था !

मैंने पहले शैलीन की पैंटी उतारी फिर उसकी मैक्सी ! मैंने अपने भी पूरे कपड़े उतार दिए। अब हम दोनों पूरी तरह से नंगे हो चुके थे !

शैलीन और मैं 69 की अवस्था में लेट गए, मैंने अपना लण्ड उसके मुँह में डाल दिया और अन्दर-बाहर करने लगा ! मेरे लण्ड को उसके नाजुक-नाजुक होंटों और जीभ का स्पर्श होने से मेरा नशा और मजा दुगुना हो रहा था ! मैं सातवें आसमान की सैर कर रहा था !

मैंने भी अपनी जीभ उसकी चूत में डाल कर उसे रगड़ने लगा था ! मैं पहली बार किसी की चूत चाट रहा था, उसकी चूत का खारा पानी ! आह..ह..ह क्या मजा आ रहा था !

हम दोनों जरुरत से ज्यादा गर्म और उतावले हो चुके थे।

फिर मैं सीधे शैलीन के ऊपर लेट गया और उसके दोनों चुचूकों को पकड़ कर इकट्ठे चूसने लगा, अचानक मेरा ध्यान नाईट लैम्प के पास रखी शहद की बोतल पर गया। मैंने बोतल उठाई, खोली और थोड़ा शहद अपने लण्ड पर गिराया और थोड़ा शहद उसके दोनों स्तनों और चूत पर गिराया !

शैलीन समझदार थी, वो समझ गई थी कि उसे क्या करना है? वो मेरे लण्ड को मुँह में लेकर शहद चूसने लगी और मैं भी उसके बदन पर लगे शहद को चाटने लगा !

शैलीन बोलने लगी- आहह ! बहुत मजा आ रहा है इसमें !

मैंने भी पहले चूचियाँ फिर चूत को चाट-चाट कर पूरा साफ़ कर दिया।

अब मैंने शैलीन को लिटा दिया और उसके ऊपर आकर दोनों टाँगें फैला दी, मैं उसकी दोनों टांगों के बीच में बैठ गया अपना लण्ड जैसे ही चूत के छेद में रख कर धकेला,

"मम्मी..ई मम्मी.ई..ई....ई.....ई !" कहते हुए वो झट से सरक गई और दोनों हाथों से अपनी चूत पकड़ कर टाँगें सिकोड़ ली और करवट ले कर रोने लगी !

मैंने उसे अपनी तरफ खींचा और कहा- दर्द को भूल जाओ शैलीन ! फिर देखो, कितना मजा आता है !

मैंने शैलीन को सीधा किया और फिर वैसे ही उसकी टांगों के बीच में आ गया ! इस बार मैंने शैलीन को अपनी बाहों में जकड़ लिया और अपना लण्ड उसकी चूत पर रखा और कहा- शैलीन, शुरू करूँ? शैलीन- लेकिन प्लीज़, धीरे करना, तुम तो जानते ही होंगे कि मुझे अर्जुन ने कभी नहीं किया है !

जैसे ही शैलीन ने अपनी बात ख़त्म की, मैंने जोर के धक्का मारा और मेरा लण्ड आधा अन्दर जा चुका था।

शैलीन छटपटाने लगी।

मैंने और कस कर शैलीन को पकड़ लिया और अंधा-धुंध धक्के पर धक्के मारने लगा।

शैलीन छटपटा रही थी, चिल्ला रही थी- मैं मर जाऊँगी ! आराम से ! मम्मी ! नब्बू छोड़ दो ! मेरे बर्दाश्त के बाहर हो रहा है!

लेकिन मैं कहाँ मानने वाला था, मैं तो चालू ही था ! यों तो मैंने न जाने कितनी ही चुदाई की थी लेकिन इतना मजा पहले कभी नहीं आया था। मैं अपनी पूरी ताकत लगा कर धक्के लगा रहा था, साथ में पूरा बेड भी चिर-चिर की आवाज करते हुए हिल रहा था !

शैलीन पूरा पसीने से भीग गई थी लेकिन मैं था कि रुकने का नाम ही नहीं ले रहा था ! थोड़ी देर के बाद शैलीन का दर्द भी कम होने लगा था, वो भी अपने कूल्हे उठा-उठा कर मेरा साथ देने लगी थी। अब मेरा मजा दुगुना हो गया था, सो मैंने शैलीन को अपनी बाहों से आजाद कर दिया और उसके दोनों चुचूक को एक साथ मुँह में लेकर चूसने लगा।

मेरे सर पे तो शराब और शबाब का तो जैसे जुनून सवार था ! हम दोनों ही अपनी जवानी भरपूर मजा ले रहे थे !

मैं उसे जी भर चोदना चाहता था क्योंकि शैलीन जैसी चीज को मैंने पहले कभी नहीं चोदा था ! मैंने सोचा कि क्यों ना चोदने का कोई नया तरिका अपनाया जाये जो मैंने पहले कभी ना किया हो !

बेडरूम में एक चार फ़ीट की अलमारी थी, मैंने उसे दोनों हाथों से अलमारी पकड़ कर घोड़ी बनने को कहा।

वो झुक कर घोड़ी बन गई और मैं उसके पीछे आ गया, उसकी गोरी-गोरी गाण्ड देखकर तो मुझे और भी नशा आ रहा था ! मैंने उसकी एक टांग उठा कर अपने कंधे पर रख ली, इस तरह से उसकी चूत का मुँह पूरा खुल गया था। अब मैंने उसकी कमर को पकड़ कर अपना लण्ड उसकी चूत में दनदनाते हुए पूरा अन्दर तक डाल दिया और दनादन धक्कमपेल करने लगा।

शैलीन के मुँह से बस "आह..ह धीरे करो आह..ह..ह" की आवाज आ रही थी।

मैं इतनी जोर के धक्के लगा रहा था कि शैलीन के पूरे जिस्म के साथ-साथ वो अलमारी भी हिल रही थी।

इतने में शैलीन ने अपना पानी छोड़ दिया और चूत पूरी गीली हो गई थी और मेरा लण्ड भी ! जिसकी वजह से मेरा मजा किरकिरा हो
 
इतने में शैलीन ने अपना पानी छोड़ दिया और चूत पूरी गीली हो गई थी और मेरा लण्ड भी ! जिसकी वजह से मेरा मजा किरकिरा हो रहा था।

मैंने उसे फिर बाहों में उठाया और बेड पर उल्टा लिटा दिया और उसकी दोनों टांगो को खींच कर बेड के नीचे कर दिया जिससे कि उसकी गांड का '0' जैसा छेद साफ़ दिखाई दे रहा था। मैंने पीछे से उसके दोनों बगल में हाथ डाल के शैलीन को कस कर पकड़ लिया, मेरा लण्ड तो पहले से ही शैलीन के रज से गीला था, मैंने अपना लण्ड शैलीन की गांड पर रखा और उसका मुँह तिरछा करके उसके दोनों नाजुक होंटों को अपने दांतों से पकड़ लिया और एक जोर के झटका लगाया। मेरा आधा लण्ड उसकी गांड में चला गया !

बस फिर क्या था ?

शैलीन तड़पने लगी थी, लेकिन मैंने उसे ऐसा पकड़ा था कि वो छूट ही नहीं सकती थी ! मैंने गति और तेज कर दी और पूरी ताकत और रफ़्तार के साथ धक्के पर धक्के मारने लगा। मैंने आज तक ना तो ऐसी चूत चोदी थी और ना ही ऐसी गांड और ना ही इतना मजा आया था पहले कभी !

मैंने तब तक धक्के मारे जब तक मेरा पानी नहीं निकला। मैंने अपना सारा पानी शैलीन की गाण्ड में ही छोड़ दिया और उसकी बगल आ कर लेट गया।

हम दोनों की सांसें जोर-जोर से चल रही थी और दोनों पसीने से पूरे भीग गए थे। मैंने देखा की शैलीन को जरूरत से ज्यादा ही कमजोरी आ रही थी, उसका पूरा शरीर प्रतिरोध करने से लाल हो गया था।

रात के दो बज रहे थे, मैंने शैलीन को पानी दिया और आराम से सोने के लिए कहा। शैलीन अपने दोनों हाथों से मुझे पकड़ कर उसी बेड पर लेट गई !

हम दोनों नंगे ही थे ! मुझे कब नींद आई पता ही नहीं चला।

दूसरे दिन (दोपहर को तीन बजे जो मुझे पता ही नहीं था) मेरी नींद खुली, मेरा सर जोर से दर्द हो रहा था मानो कि सर फट रहा हो !

मैं अभी भी नंगा ही था और मेरे कपड़े वहाँ से गायब थे ! इतने में शैलीन आई मैंने उसे देखते ही रजाई ओढ़ ली! उसने काले रंग का गाऊन पहना था।

शैलीन (मुस्कुराते हुए)- अब क्यों इतना शरमा रहे हो?

मैं- न.न..नहीं भाभी ! वो मैंने कपड़े नहीं पहने हैं ना !

शैलीन- वो मैंने धो दिए, अभी सूखने हैं! कोई बात नहीं ! मैं अर्जुन के कपड़े ला देती हूँ!

कहते हुए वो चली गई। पांच मिनट के बाद शैलीन वापस आई और उसके हाथ में कपडे थे !

"ये लो" मुझे देते हुए !

मैंने जैसे हाथ आगे बढाया शैलीन अपने हाथ पीछे कर लिए!

मैं- यह क्या भाभी ?

शैलीन- वादा करो कि आज के बाद तुम मुझे सिर्फ शैलीन कहोगे?

मैं- ठीक है !

वैसे भी शैलीन बहुत जिद्दी थी।

शैलीन- जल्दी से फ्रेश हो जाओ !

मैं- क्यों भाभी ?

शैलीन- फिर भाभी?

मैं- सॉरी शैलीन, लेकिन क्यों?

शैलीन- सरप्राईज़ है तुम्हारे लिए !
 
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