Hindi Porn Stories कंचन -बेटी बहन से बहू तक का सफ़र - Page 8 - SexBaba
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Hindi Porn Stories कंचन -बेटी बहन से बहू तक का सफ़र

गतान्क से आगे ......

“आआऐईईइ.....इसस्स्स्सस्स....ऊऊऊई माआआ..... मर गयी. आअहह...इससस्स...आ.” पापा के मोटे लॉड ने मेरी चूत के छेद को इतना ज़्यादा चौड़ा कर दिया था, ऐसा लगता था कि मेरी चूत फॅट ही जाएगी.

“क्या हुआ बेटी?” पापा ने लंड थोड़ा सा और अंडर सरकाते हुए पूचछा.

“पापा, ईीीइसस्स....बहुत...एयेए... बहुत मोटा है आआपका. आप तो हमारी चूत फाड़ डालेंगे.”

“हम अपनी प्यारी बिटिया की चूत कैसे फाड़ सकते हैं?” पापा मेरे होंठों का रसपान करते हुए बोले.

पापा ने मेरी दोनो टाँगें मोड़ के मेरे घुटने मेरी चुचिओ से चिपका दिए थे. अब तो मैं बिल्कुल लाचार थी और मेरी चूत पापा के मोटे काले लॉड की दया पे थी. हलाकी अब तक तो पति, देवर, ससुरजी और छ्होटे भाई के लंबे तगड़े लंड मुझे चोद चुके थे, लेकिन आज पापा का लंड झेलना भारी पड़ रहा था. मैं ये सोच कर काँप उठी कि अगर 16 साल की उमर में ही पापा ने मुझे चोद दिया होता तो मेरी चूत का क्या हाल हो जाता. इतने में पापा ने अपना लंड थोड़ा सा मेरी चूत के बाहर खींचा और फिर एक ज़ोर का धक्का लगा दिया. आधे से ज़्यादा लॉडा मेरी चूत में समा गया.

“आाआऐययईईईईईई....ऊऊऊीीईईईई माआआआ........आहह धीरे....अया...धीरे..ईीीइससस्स....”

इससे पहले कि मैं कुच्छ संभलती पापा ने फिर से अपना लंड सुपरे तक बाहर खींचा और इस बार एक और भी भयंकर धक्का मार के पूरा लंड मेरी चूत में उतार दिया.

“आआअहह...आाऐययइ.....मार डाला.. फाड़ डालिए. ...... आपको क्या? इससस्स.. बेटी की चाहे फॅट जाए.” पापा का मोटा लॉडा आख़िर जड़ तक मेरी चूत में घुस गया था और उनके मोटे मोटे बॉल्स मेरी गांद के छेद पे दस्तक दे रहे थे. मेरा बदन पसीने में नहा गया था. पापा थोरी देर बिना हिले मेरे ऊपेर पड़े रहे और मेरी चूचिओ और होंठों का रास्पान करते रहे. मेरी चूत का दर्द भी अब कम होने लगा था.

“बेटी थोड़ा दर्द कम हुआ?” पापा मेरी चूचिओ को दबाते हुए बोले.

“हाँ पापा, अब जी भर के चोद लीजिए अपनी प्यारी बिटिया को.” मैं उनके कान में फुसफुसाते हुए बोली. अब पापा ने पूरा लंड बाहर निकाल के मेरी चूत में पेलना शुरू कर दिया. सच! ज़िंदगी में किसी मरद से चुदवाने में इतना मज़ा कभी नहीं आया था. अब मुझे एहसास हुआ कि क्यूँ मम्मी रोज़ चुदवाने के लिए उतावली रहती है. मेरी चूत बहुत गीली हो गयी थी उसमें से फ़च...फ़च...फ़च का मादक संगीत निकल रहा था. कुच्छ देर तक चोदने के बाद उन्होने अपना लंड मेरी चूत से बाहर खींचा और मेरे मुँह में डाल दिया. पापा का पूरा लंड और बॉल्स मेरी चूत के रस में सने हुए थे. मैने पापा का लंड और बॉल्स चाट चाट कर साफ कर दिए. अब पापा बोले,

“कंचन मेरी जान, अब थोड़ा कुतिया बुन जाओ. अपने इन जान लेवा नितुंबों के दर्शन भी तो करा दो.”

“आपको मम्मी के नितूंब बहुत आछे लगते हैं ना?” मैं पापा के बॉल्स सहलाते हुए बोली.

“हां बेटी बहुत ही सेक्सी नितूंब हैं तुम्हारी मम्मी के.”

“ और हमारे ? हमारे नितूंब नहीं अच्छे लगे आपको?”

“तुम्हारे नितूंब तो बिल्कुल जान लेवा हैं बेटी. जुब नहा के टाइट पेटिकोट में घूमती हो तो ऐसा लगता है जैसे पेटिकोट फाड़ के बाहर निकल आएँगे. तुम्हारे मटकते हुए चूतेर देख के तो हमारा लंड ना जाने कितनी बार खड़ा हो जाता है.”

“हाई पापा इतना तंग करते हैं हमारे नितूंब आपको? ठीक है मैं कुतिया बन जाती हूँ. अब ये नितूंब आपके हवाले. आप जो चाहे कर लीजिए.” ये कह कर मैने जल्दी से पापा के लंड के मोटे सुपरे को चूम लिया और फिर कुतिया बन गयी. अब मेरी चूचियाँ बिस्तेर पे टिकी हुई थी और चूतेर हवा में लहरा रहे थे. मैने चूतेर चुदवाने की मुद्रा में उचका रखे थे. पापा मेरे विशाल चूतरो को देख कर दंग रह गये. उन्होने मेरे दोनो चूतरो को अपने हाथ में दबोचा और अपना मुँह उनके बीच में घुसेड दिया. अब मैं कुतिया बनी हुई थी और पापा मेरे पीछे कुत्ते की तरह मेरे चूतरो के बीच मुँह दिए मेरी चूत चाट रहे थे. फिर उन्होने मेरे चूतरो को पकड़ के चौड़ा किया और मेरी गांद के छेद के चारों ओर जीभ फेरने लगे. मैं तो अब सातवें आसमान पे थी. बहुत ही मज़ा आ रहा था. इतने पापा ने अपनी जीभ मेरी गांद के छेद में घुसेड दी. मैं ये ना सह सकी और एकदम से झाड़ गयी. काफ़ी देर तक इसी मुद्रा में मेरी चूत और गांद चाटने के बाद उन्होने दोनो हाथों से मेरे चूतरो को पकड़ा और अपने मोटे लंड का गरम गरम सुपरा मेरी लार टपकाती चूत पे टिका दिया........
 
मेरा दिल ज़ोर ज़ोर से धड़कने लगा. तभी पापा ने एक ज़बरदस्त धक्का लगा दिया और उनका लंड चूत को चीरता हुआ पूरा अंडर समा गया.

“ आाऐययईईई….आआअहह….आह.” मेरे मुँह से ज़ोर की चीख निकल गयी.

“बेटी ऐसे चिल्लाओगी तो मम्मी जाग जाएगी.”

“आप भी तो हमें कितनी बेरहमी से चोद रहे हैं पापा.” पापा के मोटे मूसल ने मेरी चूत को बुरी तरह से फैला के चौड़ा कर दिया था. मुझे डर था की कहीं मेरी चूत सुचमुच ही ना फॅट जाए. अब पापा ने मेरी कमर पकड़ के धक्के लगाना शुरू कर दिया. आसानी से उनका लंड मेरी चूत में जा सके इसलिए अब मैने टाँगें बिल्कुल चौड़ी कर दी थी. मीठा मीठा दर्द हो रहा था. मैं अपने ही बाप से कुतिया बन के चुदवा रही थी.

“ कंचन बेटी तुम्हारी चूत तो बहुत टाइट है.” फ़च फ़च.. फ़च…..फ़च फ़च….फ़च… की आवाज़ें ज़ोर ज़ोर से आ रही थी. मेरी चूत बुरी तरह से पानी छोड़ रही थी. मैं इतनी उत्तेजित हो गयी थी की अपने चूतेर पीछे की ओर उचका उचका के पापा का लंड अपनी चूत में ले रही थी.

“ कंचन मेरी जान, तुम्हारी मम्मी को चोद कर भी आज तक इतना मज़ा नहीं आया.”

मैं तो वासना में पागल हुई जा रही थी. शायद अपने ही बाप से चुदवाने के एहसास ने मेरी वासना को और भड़का दिया था. पापा मेरे चूतरो को पकड़ के ज़ोर ज़ोर से धक्के मारते हुए बोले,

“कंचन बेटी. सच इन चूतरो ने तो हमारा जीना ही हराम कर रखा था. और तुम्हारा ये गुलाबी छेद!” ये कहते हुए उन्होने एक उंगली मेरी गांद में सरका दी.

“आआआहह…….. ईीइससस्स... ये क्या कर रहे हैं पापा?”

“बेटी तुम्हारे पति ने कभी इस छेद को प्यार किया है?” पापा अब मेरी गांद में उंगली अंडर बाहर कर रहे थे.

“आआी…ईईस्स्स्स… जी उन्होने तो कभी नहीं किया.” मैं समझ गयी थी कि अब पापा मेरी गांद भी मारना चाहते थे.मुझे मालूम था कि पापा को मम्मी की गांद मारने का बहुत शौक है. अपने ही बाप से गांद मरवाने की बात सोच सोच कर मैं बहुत उत्तेजित हो गयी थी और मेरी चूत तो इतनी गीली थी कि रस बह कर मेरी टाँगों पे बह रहा था. आख़िर वही हुआ जिसका मुझे अंदेशा था.

पापा मेरी गांद में उंगली करते हुए बोले,

“ कंचन बेटी हम तुम्हारे इस गुलाबी छेद को भी प्यार करना चाहते हैं.”

“हाई पापा आपको हमारे चूतेर इतने पसंद हैं तो कर लीजिए जी भर के उस छेद से प्यार. आज की रात मैं पूरी तरह से आपकी हूँ.”

“शाबाश मेरी जान , ये हुई ना बात. हमे पता था की हमारी प्यारी बिटिया हमे गांद ज़रूर देगी. अब अपने ये लाजबाब चूतेर थोरे से और ऊपर करो” मैने चूतेर ऊपर की ओर इस तरह उचका दिए कि पापा का लंड आसानी से मेरी गांद में जा सके. पापा ने मेरी गांद से उंगली निकाली और नीचे झुक के अपनी जीभ मेरी गांद के छेद पे टीका दी. मेरी तो वासना इतनी भड़क उठी थी की अब और सहन नहीं हो रहा था. शराब के नशे में वो धीरे धीरे मेरी गांद चाट रहे थे और कभी कभी जीभ गांद के छेद में घुसेड देते. एक हाथ से वो मेरी लंबी लंबी झाँटें सहला रहे थे.

“सच बेटी तुम्हारी गांद बहुत ही ज़्यादा स्वादिष्ट लग रही है. तुम्हारी गांद मैं से बहुत मादक खुश्बू आ रही है.” मुझे आज तक ये बात समझ नहीं आई थी कि मरद लोगों को औरत की गांद चाटने में क्या मज़ा आता है. अब पापा ने मेरी चूत के रस में से सना हुआ लंड मेरी गांद के छेद पे टिका दिया. हाई राम ! मेरे पापा मेरी गांद मारने जा रहे थे. मैं भी कुतिया बनी उस पल का इंतज़ार कर रही थी जब पापा का लंड मेरी गांद में प्रवेश करेगा. पापा ने मेरे चूतरो को पकड़ के चौड़ा किया और साथ ही एक ज़ोर का धक्का लगा दिया.

“ आआईयईई……आआआअहह….इसस्स्स्स्स्स्स्स्सस्स” जैसे ही लंड का मोटा सुपरा मेरी गांद में घुसा मेरे मुँह से चीख निकल ही गयी.

“हाई मेरी जान ! क्या मस्ट गांद है तुम्हारी!” पापा ने मेरे चूतेर पाकर के एक ज़ोर का धक्का लगा के आधे से ज़्यादा लंड मेरी गांद में उतार दिया.

“आआईईईआआआआआ……..ऊऊऊऊऊओ……….ईईस्स्स्स्स्स स.” मेरा दर्द के मारे बुरा हाल था. मुझे पक्का विश्वास था कि आज तो मेरी गांद ज़रूर फटेगी, लेकिन पापा से गांद मरवाने की चाह ने मुझे अँधा कर दिया था.
 
“कंचन बेटी जितना मज़ा तुम्हारी गांद मार के आ रहा है उतना मज़ा तो तुम्हारी मम्मी की गांद मार के कभी नहीं आया.” मुझे सबसे ज़्यादा खुशी इस बात की थी की मुझे चोदने में उन्हें मम्मी से भी ज़्यादा मज़ा आ रहा था. इस बार उन्होने पूरा लंड बाहर खीच कर एक ज़बरदस्त धक्के के साथ पूरा लंड जड़ तक मेरी गांद में पेल दिया.

“ऊऊऊऊीीईईईईईईईईईईईई………………आआआआआआआआआआ आ……..आआआआआअहह....मर गयी....ईीइससस्स”

अब पापा ने ज़ोर ज़ोर से धक्के मार मार के लंड मेरी गांद के अंडर बाहर करना शुरू कर दिया था. हर धक्के के साथ उनके बॉल्स मेरी चूत पे चिपक जाते. मेरी आखों के सामने कई बरसों पहले देखा हुआ नज़ारा घूमने लगा जब मैने और नीलम ने पापा का मूसल मम्मी की गांद के अंडर बाहर होता देखा था. उस सीन की याद आते ही मैं कंट्रोल ना कर सकी और एक बार फिर झाड़ गयी. पापा के धक्के अब तेज़ होते जा रहे थे और शायद वो झड़ने वाले थे. अचानक मुझे अपनी गांद में गरम गरम पिचकारियाँ सी महसूस हुई. पापा झाड़ गये थे. मेरी गांद लाबा लब उनके वीर्य से भर गयी थी. उन्होने जैसे ही मेरी गांद से अपना लंड बाहर खींचा, वीर्य गांद में से निकल कर मेरी चूत और जांघों पे बहने लगा. मैं पीठ के बल लेट गयी और अपनी गांद से निकला हुआ पापा का लंड अपने मुँह में ले लिया. किसी मरद का लंड चूसने में आज तक इतना मज़ा नहीं आया था जितना पापा का लंड चूसने में आ रहा था. पूरा लंड, बॉल्स और जांघें मेरी चूत के रस और उनके वीर्य के मिश्रण में सनी हुई थी. उनके लंड से मेरी चूत और गांद दोनो की गंध आ रही थी. मैने बारे प्यार से उनके लंड और बॉल्स को चाट चाट के सॉफ किया. पापा भी 2 घंटे से मुझे चोद रहे थे. वो भी तक कर निढाल हो गये थे. इतने में मुझे ख़र्राटों की आवाज़ सुनाई दी. पापा शराब के नशे और थकावट के कारण सो गये थे. मैने जी भर के उनके लंड को सहलाया, चूमा और चाता. थोरी देर मैं बिस्तेर पे पड़ी रही और पापा के लंड और उनके बॉल्स को सहलाती रही.

मैं अब धीरे से बिस्तेर से उठी. मेरी गांद में से पापा का वीर्य निकल के बह रहा था. मैं जल्दी से दूसरे बाथरूम में गयी और अपनी चूत और गांद को सॉफ किया. फिर मैने वापस जा के अपना पेटिकोट और ब्लाउस पहना और अपने ही बेडरूम में मम्मी के पास जा कर सो गयी. सच कहती हूँ चुदाई का ऐसा आनंद आज तक कभी नहीं आया था. मेरी गांद में फिर हल्का हल्का दर्द शुरू हो गया था. शायद फिर से थोड़ी फॅट गयी थी. अगले दिन मैं पापा से आँख नहीं मिला पा रही थी. अच्छा हुआ वो दो महीने के लिए टूर पे चले गये लेकिन मेरी चूत और गांद में मीठा मीठा दर्द छोड़ गये.
 
:@ [font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif] मेरी चूत में से पेशाब निकल ही पड़ा. क्योंकि विकी ने मेरी पूरी चूत अपने मुँह में दबा रखी थी, पेशाब की गरम गरम तेज़ धार जिसमे मेरी चूत का रस और विकी का वीर्य भी मिला हुआ था सीधे विकी के मुँह में घुस गयी :@ [/font]
[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]Ahh Maja aa gaya ye lines padh kar ohh Kya gajab likhe ho ahh Mai bhi chudi hui chut se Lund ka Pani chus Chuka hu aur muh laga kar chut se pesab bhi piya hu mujhe ye bahut pasand hai karna [/font]
 
:@ [font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif] मेरी चूत में से पेशाब निकल ही पड़ा. क्योंकि विकी ने मेरी पूरी चूत अपने मुँह में दबा रखी थी, पेशाब की गरम गरम तेज़ धार जिसमे मेरी चूत का रस और विकी का वीर्य भी मिला हुआ था सीधे विकी के मुँह में घुस गयी :@ [/font]
[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]Ahh Maja aa gaya ye lines padh kar ohh Kya gajab likhe ho ahh Mai bhi chudi hui chut se Lund ka Pani chus Chuka hu aur muh laga kar chut se pesab bhi piya hu mujhe ye bahut pasand hai karna [/font]
 
Burchatu said:
:@ [font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif] मेरी चूत में से पेशाब निकल ही पड़ा. क्योंकि विकी ने मेरी पूरी चूत अपने मुँह में दबा रखी थी, पेशाब की गरम गरम तेज़ धार जिसमे मेरी चूत का रस और विकी का वीर्य भी मिला हुआ था सीधे विकी के मुँह में घुस गयी :@ [/font]
[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]Ahh Maja aa gaya ye lines padh kar ohh Kya gajab likhe ho ahh Mai bhi chudi hui chut se Lund ka Pani chus Chuka hu aur muh laga kar chut se pesab bhi piya hu mujhe ye bahut pasand hai karna [/font]

Chut pr muh lga k pisab pine me bhut mja h
 
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