hotaks444
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गतान्क से आगे ......
“आआऐईईइ.....इसस्स्स्सस्स....ऊऊऊई माआआ..... मर गयी. आअहह...इससस्स...आ.” पापा के मोटे लॉड ने मेरी चूत के छेद को इतना ज़्यादा चौड़ा कर दिया था, ऐसा लगता था कि मेरी चूत फॅट ही जाएगी.
“क्या हुआ बेटी?” पापा ने लंड थोड़ा सा और अंडर सरकाते हुए पूचछा.
“पापा, ईीीइसस्स....बहुत...एयेए... बहुत मोटा है आआपका. आप तो हमारी चूत फाड़ डालेंगे.”
“हम अपनी प्यारी बिटिया की चूत कैसे फाड़ सकते हैं?” पापा मेरे होंठों का रसपान करते हुए बोले.
पापा ने मेरी दोनो टाँगें मोड़ के मेरे घुटने मेरी चुचिओ से चिपका दिए थे. अब तो मैं बिल्कुल लाचार थी और मेरी चूत पापा के मोटे काले लॉड की दया पे थी. हलाकी अब तक तो पति, देवर, ससुरजी और छ्होटे भाई के लंबे तगड़े लंड मुझे चोद चुके थे, लेकिन आज पापा का लंड झेलना भारी पड़ रहा था. मैं ये सोच कर काँप उठी कि अगर 16 साल की उमर में ही पापा ने मुझे चोद दिया होता तो मेरी चूत का क्या हाल हो जाता. इतने में पापा ने अपना लंड थोड़ा सा मेरी चूत के बाहर खींचा और फिर एक ज़ोर का धक्का लगा दिया. आधे से ज़्यादा लॉडा मेरी चूत में समा गया.
“आाआऐययईईईईईई....ऊऊऊीीईईईई माआआआ........आहह धीरे....अया...धीरे..ईीीइससस्स....”
इससे पहले कि मैं कुच्छ संभलती पापा ने फिर से अपना लंड सुपरे तक बाहर खींचा और इस बार एक और भी भयंकर धक्का मार के पूरा लंड मेरी चूत में उतार दिया.
“आआअहह...आाऐययइ.....मार डाला.. फाड़ डालिए. ...... आपको क्या? इससस्स.. बेटी की चाहे फॅट जाए.” पापा का मोटा लॉडा आख़िर जड़ तक मेरी चूत में घुस गया था और उनके मोटे मोटे बॉल्स मेरी गांद के छेद पे दस्तक दे रहे थे. मेरा बदन पसीने में नहा गया था. पापा थोरी देर बिना हिले मेरे ऊपेर पड़े रहे और मेरी चूचिओ और होंठों का रास्पान करते रहे. मेरी चूत का दर्द भी अब कम होने लगा था.
“बेटी थोड़ा दर्द कम हुआ?” पापा मेरी चूचिओ को दबाते हुए बोले.
“हाँ पापा, अब जी भर के चोद लीजिए अपनी प्यारी बिटिया को.” मैं उनके कान में फुसफुसाते हुए बोली. अब पापा ने पूरा लंड बाहर निकाल के मेरी चूत में पेलना शुरू कर दिया. सच! ज़िंदगी में किसी मरद से चुदवाने में इतना मज़ा कभी नहीं आया था. अब मुझे एहसास हुआ कि क्यूँ मम्मी रोज़ चुदवाने के लिए उतावली रहती है. मेरी चूत बहुत गीली हो गयी थी उसमें से फ़च...फ़च...फ़च का मादक संगीत निकल रहा था. कुच्छ देर तक चोदने के बाद उन्होने अपना लंड मेरी चूत से बाहर खींचा और मेरे मुँह में डाल दिया. पापा का पूरा लंड और बॉल्स मेरी चूत के रस में सने हुए थे. मैने पापा का लंड और बॉल्स चाट चाट कर साफ कर दिए. अब पापा बोले,
“कंचन मेरी जान, अब थोड़ा कुतिया बुन जाओ. अपने इन जान लेवा नितुंबों के दर्शन भी तो करा दो.”
“आपको मम्मी के नितूंब बहुत आछे लगते हैं ना?” मैं पापा के बॉल्स सहलाते हुए बोली.
“हां बेटी बहुत ही सेक्सी नितूंब हैं तुम्हारी मम्मी के.”
“ और हमारे ? हमारे नितूंब नहीं अच्छे लगे आपको?”
“तुम्हारे नितूंब तो बिल्कुल जान लेवा हैं बेटी. जुब नहा के टाइट पेटिकोट में घूमती हो तो ऐसा लगता है जैसे पेटिकोट फाड़ के बाहर निकल आएँगे. तुम्हारे मटकते हुए चूतेर देख के तो हमारा लंड ना जाने कितनी बार खड़ा हो जाता है.”
“हाई पापा इतना तंग करते हैं हमारे नितूंब आपको? ठीक है मैं कुतिया बन जाती हूँ. अब ये नितूंब आपके हवाले. आप जो चाहे कर लीजिए.” ये कह कर मैने जल्दी से पापा के लंड के मोटे सुपरे को चूम लिया और फिर कुतिया बन गयी. अब मेरी चूचियाँ बिस्तेर पे टिकी हुई थी और चूतेर हवा में लहरा रहे थे. मैने चूतेर चुदवाने की मुद्रा में उचका रखे थे. पापा मेरे विशाल चूतरो को देख कर दंग रह गये. उन्होने मेरे दोनो चूतरो को अपने हाथ में दबोचा और अपना मुँह उनके बीच में घुसेड दिया. अब मैं कुतिया बनी हुई थी और पापा मेरे पीछे कुत्ते की तरह मेरे चूतरो के बीच मुँह दिए मेरी चूत चाट रहे थे. फिर उन्होने मेरे चूतरो को पकड़ के चौड़ा किया और मेरी गांद के छेद के चारों ओर जीभ फेरने लगे. मैं तो अब सातवें आसमान पे थी. बहुत ही मज़ा आ रहा था. इतने पापा ने अपनी जीभ मेरी गांद के छेद में घुसेड दी. मैं ये ना सह सकी और एकदम से झाड़ गयी. काफ़ी देर तक इसी मुद्रा में मेरी चूत और गांद चाटने के बाद उन्होने दोनो हाथों से मेरे चूतरो को पकड़ा और अपने मोटे लंड का गरम गरम सुपरा मेरी लार टपकाती चूत पे टिका दिया........
“आआऐईईइ.....इसस्स्स्सस्स....ऊऊऊई माआआ..... मर गयी. आअहह...इससस्स...आ.” पापा के मोटे लॉड ने मेरी चूत के छेद को इतना ज़्यादा चौड़ा कर दिया था, ऐसा लगता था कि मेरी चूत फॅट ही जाएगी.
“क्या हुआ बेटी?” पापा ने लंड थोड़ा सा और अंडर सरकाते हुए पूचछा.
“पापा, ईीीइसस्स....बहुत...एयेए... बहुत मोटा है आआपका. आप तो हमारी चूत फाड़ डालेंगे.”
“हम अपनी प्यारी बिटिया की चूत कैसे फाड़ सकते हैं?” पापा मेरे होंठों का रसपान करते हुए बोले.
पापा ने मेरी दोनो टाँगें मोड़ के मेरे घुटने मेरी चुचिओ से चिपका दिए थे. अब तो मैं बिल्कुल लाचार थी और मेरी चूत पापा के मोटे काले लॉड की दया पे थी. हलाकी अब तक तो पति, देवर, ससुरजी और छ्होटे भाई के लंबे तगड़े लंड मुझे चोद चुके थे, लेकिन आज पापा का लंड झेलना भारी पड़ रहा था. मैं ये सोच कर काँप उठी कि अगर 16 साल की उमर में ही पापा ने मुझे चोद दिया होता तो मेरी चूत का क्या हाल हो जाता. इतने में पापा ने अपना लंड थोड़ा सा मेरी चूत के बाहर खींचा और फिर एक ज़ोर का धक्का लगा दिया. आधे से ज़्यादा लॉडा मेरी चूत में समा गया.
“आाआऐययईईईईईई....ऊऊऊीीईईईई माआआआ........आहह धीरे....अया...धीरे..ईीीइससस्स....”
इससे पहले कि मैं कुच्छ संभलती पापा ने फिर से अपना लंड सुपरे तक बाहर खींचा और इस बार एक और भी भयंकर धक्का मार के पूरा लंड मेरी चूत में उतार दिया.
“आआअहह...आाऐययइ.....मार डाला.. फाड़ डालिए. ...... आपको क्या? इससस्स.. बेटी की चाहे फॅट जाए.” पापा का मोटा लॉडा आख़िर जड़ तक मेरी चूत में घुस गया था और उनके मोटे मोटे बॉल्स मेरी गांद के छेद पे दस्तक दे रहे थे. मेरा बदन पसीने में नहा गया था. पापा थोरी देर बिना हिले मेरे ऊपेर पड़े रहे और मेरी चूचिओ और होंठों का रास्पान करते रहे. मेरी चूत का दर्द भी अब कम होने लगा था.
“बेटी थोड़ा दर्द कम हुआ?” पापा मेरी चूचिओ को दबाते हुए बोले.
“हाँ पापा, अब जी भर के चोद लीजिए अपनी प्यारी बिटिया को.” मैं उनके कान में फुसफुसाते हुए बोली. अब पापा ने पूरा लंड बाहर निकाल के मेरी चूत में पेलना शुरू कर दिया. सच! ज़िंदगी में किसी मरद से चुदवाने में इतना मज़ा कभी नहीं आया था. अब मुझे एहसास हुआ कि क्यूँ मम्मी रोज़ चुदवाने के लिए उतावली रहती है. मेरी चूत बहुत गीली हो गयी थी उसमें से फ़च...फ़च...फ़च का मादक संगीत निकल रहा था. कुच्छ देर तक चोदने के बाद उन्होने अपना लंड मेरी चूत से बाहर खींचा और मेरे मुँह में डाल दिया. पापा का पूरा लंड और बॉल्स मेरी चूत के रस में सने हुए थे. मैने पापा का लंड और बॉल्स चाट चाट कर साफ कर दिए. अब पापा बोले,
“कंचन मेरी जान, अब थोड़ा कुतिया बुन जाओ. अपने इन जान लेवा नितुंबों के दर्शन भी तो करा दो.”
“आपको मम्मी के नितूंब बहुत आछे लगते हैं ना?” मैं पापा के बॉल्स सहलाते हुए बोली.
“हां बेटी बहुत ही सेक्सी नितूंब हैं तुम्हारी मम्मी के.”
“ और हमारे ? हमारे नितूंब नहीं अच्छे लगे आपको?”
“तुम्हारे नितूंब तो बिल्कुल जान लेवा हैं बेटी. जुब नहा के टाइट पेटिकोट में घूमती हो तो ऐसा लगता है जैसे पेटिकोट फाड़ के बाहर निकल आएँगे. तुम्हारे मटकते हुए चूतेर देख के तो हमारा लंड ना जाने कितनी बार खड़ा हो जाता है.”
“हाई पापा इतना तंग करते हैं हमारे नितूंब आपको? ठीक है मैं कुतिया बन जाती हूँ. अब ये नितूंब आपके हवाले. आप जो चाहे कर लीजिए.” ये कह कर मैने जल्दी से पापा के लंड के मोटे सुपरे को चूम लिया और फिर कुतिया बन गयी. अब मेरी चूचियाँ बिस्तेर पे टिकी हुई थी और चूतेर हवा में लहरा रहे थे. मैने चूतेर चुदवाने की मुद्रा में उचका रखे थे. पापा मेरे विशाल चूतरो को देख कर दंग रह गये. उन्होने मेरे दोनो चूतरो को अपने हाथ में दबोचा और अपना मुँह उनके बीच में घुसेड दिया. अब मैं कुतिया बनी हुई थी और पापा मेरे पीछे कुत्ते की तरह मेरे चूतरो के बीच मुँह दिए मेरी चूत चाट रहे थे. फिर उन्होने मेरे चूतरो को पकड़ के चौड़ा किया और मेरी गांद के छेद के चारों ओर जीभ फेरने लगे. मैं तो अब सातवें आसमान पे थी. बहुत ही मज़ा आ रहा था. इतने पापा ने अपनी जीभ मेरी गांद के छेद में घुसेड दी. मैं ये ना सह सकी और एकदम से झाड़ गयी. काफ़ी देर तक इसी मुद्रा में मेरी चूत और गांद चाटने के बाद उन्होने दोनो हाथों से मेरे चूतरो को पकड़ा और अपने मोटे लंड का गरम गरम सुपरा मेरी लार टपकाती चूत पे टिका दिया........