hotaks444
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देवा;बड़ी याद आती है मुझे तेरी।
कोमल; शी शी धीरे बेटा प्रिया जग जाएगी ना।
देवा;अपने हाथों से कोमल की साडी ऊपर चढाने लगता है और उसे कमर के ऊपर तक चढा कर अपना हाथ उसकी पेंटी में डाल देता है।
कोमल;आहह आते ही शुरु हो गया । बड़ा ज़ालिम है तू उहननन।
देवा;तेरी कमर इतनी प्यारी है ना काकी मेरा लंड कब से खड़ा हुआ है तुझे देख कर। बस घर वालों के सोने का इंतज़ार कर रहा था की कब सब सोते है और कब मै तेरी चूत और गाण्ड में लंड अटकाए तुझे चोदता रहूँ।
कोमल;आहह मै भी तो कब से रास्ता आहह देख रही हूँ बेटा तेरा उन्हह।
देख न तेरी काकी इतनी दूर से तेरे लिए आई है। आ
मिटा दे जन्मों की प्यास मेरी आह्ह्ह्ह।
दोनो की आवाज़ सुनकर प्रिया के कान खड़े हो जाते है और जोश के मारे उसकी साँस भी फुलने लगती है।
जिसकी वजह से उसे ठसका लग जाता है।
वो खाँसते हुए उठ कर बैठ जाती है।
कोमल अपने और देवा के ऊपर कंबल खीच लेती है
क्या हुआ बिटिया।
प्रिया; उहहू हु
कुछ नहीं माँ.....
वो फिर से दोनों की तरफ मुँह कर के लेट जाती है।
राजाई के अंदर भी देवा एक मिनट के लिए चैन से नहीं रहता वो अपना लंड पायजामे में से बाहर निकाल लेता है और उसे कोमल के हाथों में थमा देता है।
गरम लोहे के रॉड की तरह तना हुआ देवा का लंड हाथ में तो कोमल के आ जाता है मगर बिटिया न जग जाए ये डर भी सताने लगता है । क्यूंकि जब देवा चोदता था तो औरत कितनी भी बड़ी रंडी क्यों न हो उसकी चीखें निकल ही जाती थी।
कोमल;धीरे से देवा के कान में लंड को सहलाते हुए कहती है।
अभी नही ना प्रिया जग सकती है।
मगर देवा किस की सुनता था वो अपने होठो को कोमल के होठो पर रखकर दोनों हाथों से उसकी चुचियों को मसलने लगता है।
कोमल; शी शी धीरे बेटा प्रिया जग जाएगी ना।
देवा;अपने हाथों से कोमल की साडी ऊपर चढाने लगता है और उसे कमर के ऊपर तक चढा कर अपना हाथ उसकी पेंटी में डाल देता है।
कोमल;आहह आते ही शुरु हो गया । बड़ा ज़ालिम है तू उहननन।
देवा;तेरी कमर इतनी प्यारी है ना काकी मेरा लंड कब से खड़ा हुआ है तुझे देख कर। बस घर वालों के सोने का इंतज़ार कर रहा था की कब सब सोते है और कब मै तेरी चूत और गाण्ड में लंड अटकाए तुझे चोदता रहूँ।
कोमल;आहह मै भी तो कब से रास्ता आहह देख रही हूँ बेटा तेरा उन्हह।
देख न तेरी काकी इतनी दूर से तेरे लिए आई है। आ
मिटा दे जन्मों की प्यास मेरी आह्ह्ह्ह।
दोनो की आवाज़ सुनकर प्रिया के कान खड़े हो जाते है और जोश के मारे उसकी साँस भी फुलने लगती है।
जिसकी वजह से उसे ठसका लग जाता है।
वो खाँसते हुए उठ कर बैठ जाती है।
कोमल अपने और देवा के ऊपर कंबल खीच लेती है
क्या हुआ बिटिया।
प्रिया; उहहू हु
कुछ नहीं माँ.....
वो फिर से दोनों की तरफ मुँह कर के लेट जाती है।
राजाई के अंदर भी देवा एक मिनट के लिए चैन से नहीं रहता वो अपना लंड पायजामे में से बाहर निकाल लेता है और उसे कोमल के हाथों में थमा देता है।
गरम लोहे के रॉड की तरह तना हुआ देवा का लंड हाथ में तो कोमल के आ जाता है मगर बिटिया न जग जाए ये डर भी सताने लगता है । क्यूंकि जब देवा चोदता था तो औरत कितनी भी बड़ी रंडी क्यों न हो उसकी चीखें निकल ही जाती थी।
कोमल;धीरे से देवा के कान में लंड को सहलाते हुए कहती है।
अभी नही ना प्रिया जग सकती है।
मगर देवा किस की सुनता था वो अपने होठो को कोमल के होठो पर रखकर दोनों हाथों से उसकी चुचियों को मसलने लगता है।