hotaks444
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रत्ना के आँसू थे की रुकने का नाम नहीं ले रहे थे।
उसे बार बार यही सोच आ रही थी की कही उसका एकलौता बेटा देवा भी अपने बापू की तरह तो हमेशा हमेशा के लिए नहीं चला गया।
अगर ऐसा हुआ तो वो किसके लिए ज़िंदा रहेंगी उसके खानदान का एकलौता चिराग कही वक़्त की आंधी उसे भी तो अपने साथ उड़ा के नहीं ले गई।
वो खुद को ही कोसने लगती है की आखिर उसने देवा को इतनी बुरी तरह क्यों मारा और आखिरी वक़्त में उसे घर वापस न आने के लिए क्यों कहा।
पप्पू;भी रत्ना को दिलासा दे रहा था। शालु भी पास में बैठी रत्ना के ऑसू पोंछ रही थी मगर घर में जैसे मातम सा छ गया था।
पुरा गांव सकते में था की आखिर देवा अचानक से कहाँ चला गया।
सभी ये जानना चाहते थे की आखिर वो क्या बात हुई की सबसे हँसके बोलने वाला देवा ख़ामोशी से कही चला गया।
रत्ना के घर के बाहर गांव के कुछ लोगों में खुसुर फुसुर शुरू हो गई थी।
कोई कहता की उसका बाप भी ऐसे ही चला गया था और फिर कभी नहीं आया।
कोई ये बोल रहा था की किसी दूसरे गांव वाली लड़की के चक्कर में घर से भाग गया। अपनी माँ और बहन की ज़रा भी चिंता नहीं है।
पदमा;को जब देवा के ग़ायब होने की बात पता चली तो वो भागते हुए रत्ना के पास आ पहुंची उससे जानने के लिए की बात क्या है।
मगर रत्न और ममता कुछ भी बताने के स्थिति में नहीं थी।
देवा के ग़ायब होने की बात आग के चिंगारी की तरह पूरे गांव में पता चल चुकी थी। भला हवेली तक ये चिंगारी कैसे नहीं पहुंचती।
हिम्मत राव के एक नौकर ने हिम्मत को देवा के ग़ायब होने के बारे में जब बताता है तो हिम्मत के चेहरे पर एक चमक सी आ जाती है और वो ज़ोर ज़ोर से हँसने लगता है।
वो दिल ही दिल में सोचने लगता है की उसके रास्ते का कांटा हमेशा हमेशा के लिए चला गया।
हिम्मत की बुरी नज़र न सिर्फ रत्ना पर थी बल्कि देवा के वो बाग वाली ज़मीन पर भी।
हिम्मत राव की गन्दी नज़र थी। पूरे गांव में एक हिम्मत के पास और देवा के पास सब से उपजाऊँ ज़मीन थी।
और हिम्मत राव हमेशा से चाहता था की वो ज़मीन भी उसे मिल जाए।
और अब देवा के चले जाने की बात सुन कर उसे अपना वो खवाब पूरा होते हुए नज़र आ रहा था।[/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size]
रत्ना के आँसू थे की रुकने का नाम नहीं ले रहे थे।
उसे बार बार यही सोच आ रही थी की कही उसका एकलौता बेटा देवा भी अपने बापू की तरह तो हमेशा हमेशा के लिए नहीं चला गया।
अगर ऐसा हुआ तो वो किसके लिए ज़िंदा रहेंगी उसके खानदान का एकलौता चिराग कही वक़्त की आंधी उसे भी तो अपने साथ उड़ा के नहीं ले गई।
वो खुद को ही कोसने लगती है की आखिर उसने देवा को इतनी बुरी तरह क्यों मारा और आखिरी वक़्त में उसे घर वापस न आने के लिए क्यों कहा।
पप्पू;भी रत्ना को दिलासा दे रहा था। शालु भी पास में बैठी रत्ना के ऑसू पोंछ रही थी मगर घर में जैसे मातम सा छ गया था।
पुरा गांव सकते में था की आखिर देवा अचानक से कहाँ चला गया।
सभी ये जानना चाहते थे की आखिर वो क्या बात हुई की सबसे हँसके बोलने वाला देवा ख़ामोशी से कही चला गया।
रत्ना के घर के बाहर गांव के कुछ लोगों में खुसुर फुसुर शुरू हो गई थी।
कोई कहता की उसका बाप भी ऐसे ही चला गया था और फिर कभी नहीं आया।
कोई ये बोल रहा था की किसी दूसरे गांव वाली लड़की के चक्कर में घर से भाग गया। अपनी माँ और बहन की ज़रा भी चिंता नहीं है।
पदमा;को जब देवा के ग़ायब होने की बात पता चली तो वो भागते हुए रत्ना के पास आ पहुंची उससे जानने के लिए की बात क्या है।
मगर रत्न और ममता कुछ भी बताने के स्थिति में नहीं थी।
देवा के ग़ायब होने की बात आग के चिंगारी की तरह पूरे गांव में पता चल चुकी थी। भला हवेली तक ये चिंगारी कैसे नहीं पहुंचती।
हिम्मत राव के एक नौकर ने हिम्मत को देवा के ग़ायब होने के बारे में जब बताता है तो हिम्मत के चेहरे पर एक चमक सी आ जाती है और वो ज़ोर ज़ोर से हँसने लगता है।
वो दिल ही दिल में सोचने लगता है की उसके रास्ते का कांटा हमेशा हमेशा के लिए चला गया।
हिम्मत की बुरी नज़र न सिर्फ रत्ना पर थी बल्कि देवा के वो बाग वाली ज़मीन पर भी।
हिम्मत राव की गन्दी नज़र थी। पूरे गांव में एक हिम्मत के पास और देवा के पास सब से उपजाऊँ ज़मीन थी।
और हिम्मत राव हमेशा से चाहता था की वो ज़मीन भी उसे मिल जाए।
और अब देवा के चले जाने की बात सुन कर उसे अपना वो खवाब पूरा होते हुए नज़र आ रहा था।[/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size]