Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम - Page 80 - SexBaba
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Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम

देवा ने मुस्कुराते हुए रश्मि को वही गोद में उठा लिया और उसे अस्तबल की तरफ ले जाने लगा।
अस्तबल में घूसने के बाद देवा ने रश्मि को उतारा और दरवाजा बंद करने चला गया।
जब वह वापिस लौटा तो जो उसने जो नजारा देखा उसे देख कर उसका लंड सलामी देने लगा।
सामने रश्मि केवल ब्रा और पेंटी में अपनी गांड देवा की तरफ किये खड़ी थी।
वह धीरे से पीछे मुडकर देवा को देखके मुस्कुरायी और अपने हाथ पीछे ले जाकर अपनी ब्रा उतारने लगी।
कुछ ही पलो में ब्रा रश्मि के जिस्म से अलग हो गयी,
रश्मी ने बिना मुडे ही अपनी पेंटी भी नीचे सरका दी,
अब रश्मि पूरी नंगी अपनी नंगी गांड के दर्शन देवा को खड़े खड़े दे रही थी।
फिर रश्मि पीछे मूडी और जमीन पर बैठ कर अपनी जुल्फें सही करते हुए देवा को देखकर मुस्कुराने लगी…
रश्मी की अदायें देख देवा ने अपना लौडा अपनी धोती में पकड़ कर मसलना कबका शुरू कर दिया था।
रश्मी… “इसकी क्या जरुरत मेरे चुचे है न यह मसलेँगे तुम्हारा यह दमदार लंड.... को ”
देवा ने झट से अपने सारे कपडे उतार दिए और नंगा हो गया
रश्मी “याद है मेरी शादी की रात की चुदाई, आज तुझे उससे भी ज्यादा चोदना है मुझे…”
रश्मी ने मुस्कुराते हुए देवा से कहा…
देवा: “हाँ साली याद है कैसी रंडी बनकर चूदी थी तू अपनी ही कमरे में मेरी मामी के सामने…”
देवा उसकी तरफ आया और आगे बढ़कर अपने लंड को उसके चुचो के बीच रख दिया।
रश्मी ने देर न करते हुए अपने चुचो को पकड़ कर देवा के लंड को जकडना शुरू कर दिया।
रश्मी ने अपने चुचो को जोर से दबा कर देवा के लंड को बीच में फंसा लिया।
देवा रश्मि के ऊपर बैठा हुआ था और उसने अपने अकड़े हुए लंड को आगे पीछे करते हुए रश्मि के चुचो को चोदना शुरू कर दिया।
देवा लगतार रश्मि के चुचो के बीच में अपना लंड घुसाए राफ्तार पकड़ते जा रहा था।
हर झटके के साथ रश्मि के चुचे हिल रहे थे।
रश्मी लगातार अपने चुचो को पकडे देवा के लंड से उन्हें चुदवा रही थी…
रश्मि; “आह यह एहसास…यह ताकत…नीलम तेरे तो मजे आ गए……”
देवा रश्मि की बात पर मुस्कुराया और देवा ने लगातार रफ्तार बढाते हुए रश्मि के चुचो को चोदते हुए आगे झुकने लगा।
 
रश्मी समझ गयी और उसने अपनी जीभ बाहर निकाल दिया।
रश्मी को ऐसा करते देख देवा ने भी अपनी जीभ बाहर निकाल लिया और उससे रश्मि की जीभ के साथ मिला लिया और थोड़ी देर बाद उसके चुचे चोदना जारी रखते हुए अपना लंड उसके जीभ तक पहुँचाने लगा…
देवा कुछ पल रश्मि के चुचे चोदता रहा और फिर रश्मि ने उसे नीचे जा कर उसे चोदने को कहा…
रश्मि: “और ना सह पाऊँगी ज़ालिम…अब अंदर डाल दे बस अपनी साली की चुत में……”
देवा “ना आज चुत नहीं……गांड लुँगा तेरी मेरी होने वाली साली बनाने की ख़ुशी में रश्मि ”
रश्मी यह सुनकर डर जाती है, “नहीं देवा गांड में नही बहुत बड़ा है तेरा मर जाऊंगी मैं…वहाँ अंदर डालते ही फट जायेगी मेरी…”
देव, “चुप कर साली, कहा था न की तू मेरी आधि रंडी है तो मेरी मरजी जो मारु…चुपचाप रह…”
रश्मि:, “देवा नहीं मत मर मेरी गांड चुत मार बस……।तरस खा…”
इससे पहले रश्मि कुछ और बोलत्ती देवा ने अपना लण्ड रश्मि की चुत पर रगडा और अपने हाथो से उसे रश्मि की गांड के दरवाजे पर रखकर एक धक्का मारा…
रश्मि: “आह हाय रे ज़ालिम मार डाला…निकाल बाहर इस घोडे के लण्ड को…आह…नीलम बचा………आह”
देवा:“चुप बैठ साली चुप चाप रह नीलम का नाम मत ले…”
और रश्मि चुप हो जाती है…
देवा के कान में कोई चीज गिरने की आवाज पहुँचती है तो वो पीछे मुडकर खिड़की पे देखता है जिसपर पर्दा पड़ा हुआ था।
उसे कुछ नहीं दीखता तो वो दोबारा रश्मि की गांड में एक जोरदार धक्का मारता है और पूरा का पूरा लंड रश्मि की गांड को चीरता फाड़ता हुआ अंदर घुस जाता है…
इस बार रश्मि इतनी तेज चीखती है की उसकी चीख़ देवा के खेत के अन्त तक सुनाइ पड़ती है…
रश्मि:“माँ……………………मरर गयी मैं…फाड़ दी मेरी गांड…मादरचोद देवा ने…………”
देवा हँसता हुआ, “सालिचोद भी हूँ…”
देवा रश्मि की गांड में अपना लंड धुआंधार तरीके से पेलता हुआ उसके चुचे मसल रहा था…
काफी देर तक देवा बिना रुके अपनी रफ्तार बढाता हुआ रश्मि की गांड को चोदता रहा।
अब रश्मि की चीखे बंद हो गयी थी…पर दर्द बहुत हो रहा था…
रश्मि:“हाय रे ज़ालिम धीरे कर दर्द होता है”
देवा फराटेदार रफ्तार से अपनी होने वाली साली को रंडियो की तरह चोदने में कोई कसर नहीं छोडता…
कुछ देर ऐसे ही चोदते हुए रश्मि को भी मजा आने लगा…
 
रश्मि:“आह…असली मरद तो यह है बहनचोद…आह चोद देवा और जोर से मार मेरी गांड……आह्ह……और जोर से देवा और जोर से चोद अपनी साली को आह……देवा मुझसे भी शादी कर ले तू……आह…मेरे पति में कहा तेरे जैसा जोश……आह चोद………अब समझ आया की माँ क्यों उछल उछल कर लेती है तेरा लंड अपनी गांड में…आह मेरी माँ को जैसे चोदता है गांड में मेरी भी उसी तरह से चुदाई कर न देवा……आह…मैं तो तेरी पूरी रंडी बनना चाहती हूँ……बना ले मुझे अपनी रखैल देवा…चोदता रह ऐसी ही दिन रात मेरी चुत और गांड……आह”

देवा “ले साली ले…तेरी माँ भी रंडी है उछल कर ख़ुशी से लौडा लेती है मेरा और अपने बेटे का अपने तीनो छेदो में…साली को जानदार तरीके से चोदता हुँ जैसा मन करता है वैसे ही चोदता हूँ । आज तेरी गांड भी वैसे चोदुँगा आज…ले साली…चुद अपने जीजा से……ले………”
आह्ह्ह्ह अह्ह्ह्हह की आवाज़े पूरे जोर में पूरे खेत में गूंज रही थी देवा तेज रफ्तार बनाये अपनी साली रश्मि की गांड मारता हुआ उसके चुचे मसलता है…
कुछ पलो बाद रश्मि की चुत पानी छोड देती है और देवा भी झड़ने लगता है…
देवा सारा माल रश्मि की गांड में छोड कर वहीँ रश्मि की बगल में लेट जाता है और उसकी आँख लग जाती है।
किसी आवाज से देवा की आँखे खुलती है, जब वो नजर दौडता है तो वो पाता है की वहां उसके अलावा और कोई नहीं है और उसने कच्छा पहने हुआ है सिर्फ,
जबकी वो तो नंगा सोया था।
देवा (मन में), रश्मि पहना कर गयी होगी…
देवा बाहर देखता है तो पाता है दोपहर हो चुकी है,
तो उसे याद आता है की उसे तो आज नीलम से मिलना था नदी कीनारे,
तो देवा उठ कर अपने बाकी कपडे पहनने लगता है…
 
अपडेट 129 पार्ट 1



अब थोडा शहर की तरफ चलते है जहाँ हिम्मत राव शहर के एक बड़े होटल में छिपा हुआ है।गाँव से भागकर हिम्मत सबसे पहले विक्रांत के अड्डे पर जाता है लेकिन वहाँ पता चलता है की विक्रांत को पुलिस पकड़ कर जेल में डाल चुकी है।

ये खबर सुनकर हिम्मत शहर के एक होटल में अपना नाम बदलकर रूम ले लेता है और छुपकर मौके का इंतज़ार कर रहा है।

हिम्मत राव अंदर लेटा है तभी वेटर परमिसन लेकर अंदर आता है।

वेटर: नमस्कार मालिक आपने एक दिन कहा था की कोई फ्रेश माल मिले तो आपको खबर करूँ।

हिम्मत : दारू का पैग पीते हुए। हाँ क्या कोई फ्रेश माल है क्या तेरी नज़र में।

वेटर: हाँ मालिक। मेरे पड़ोस में एक कामवाली है उसकी एक लड़की है। कामवाली बहुत बीमार है उसकी लड़की मेरे पास आई थी पैसे के लिए।उसकी माँ की इलाज के लिए 10 हज़ार रूपये की सख्त जरुरत है।मैंने तो साफ कह दिया की मेरा सेठ तुम्हे 10 हज़ार दे सकता है लेकिन तुम्हे उसे खुश करना होगा।

वो लड़की मान गई है लेकिन पैसे उसे आज ही चाहिए।

हिम्मत: ठीक है।लेकिन लड़की कुँवारी तो है न।
वेटर: एकदम कच्ची कलि है मालिक अभी उभरती जवानी है । चेहरा आलिया भट्ट जैसा है आप कहिये तो अभी 1 घंटे में लाता हूँ उसे।आप कुछ पैसे एडवांस दीजिये ताकि वो लालच में जल्दी आ जाये।

हिम्मत: ठीक है ये लो।
हिम्मत पाँच हज़ार रूपये लड़की के लिए और दो हज़ार वेटर को कमीशन देता है।वेटर ख़ुशी ख़ुशी चला जाता है।

एक घंटे बाद वेटर एक लड़की के साथ उस कमरे में दाखिल होता है। हिम्मत राव लड़की को हवस भरी नज़रो से देखता है।वेटर ने बताया की लड़की का नाम सरिता है।और इसकी माँ को अच्छे हॉस्पिटल में भर्ती कर दिया है । फिर वेटर लड़की को समझा बुझाकर चला गया।

हिम्मत राव ने सरिता पर ध्यान दिया। वो जवान हो गई थी। उसके छोटे छोटे संतरे उग आए थे। वो स्कर्ट पहन कर आई थी।
 
हिम्मत का सारा ध्यान उसके संतरों और चूत में था। वह सोचने लगा कि इस लड़की की चूत में लंड डालने में कितना मजा आएगा। बस हिम्मत का मन अब उसकी चूत मारने को करने लगा। पर वो चूत देने को पटेगी कैसे, ये हिम्मत की समझ में नहीं आ रहा था।

हिम्मत ने उससे पूछा- तुम्हारा क्या नाम है.
वो बोली- सरिता।
हिम्मत “तुम पढ़ने नहीं जाती हो?”
सरिता “नहीं.”
हिम्मत “क्यों नहीं जाती हो.”
सरिता “माँ जाने ही नहीं देती है.”
हिम्मत “तुम्हें खाने में क्या पसन्द है?”
सरिता बोली- आइसक्रीम.
हिम्मत “तुम्हारे आइसक्रीम के लिए पैसे कौन देता है?”
हिम्मत “कभी कभी माँ दे देती हैं.”
“अच्छा चल मैं भी तुझे आइसक्रीम के पैसे दे दूंगा, पर तू किसी को बताएगी तो नहीं।
सरिता “मैं क्यों किसी को बताने लगी.”

सरिता बेटी तुझे मालूम है तू यहाँ क्यों आई है।
सरिता: अंकल मुझे काका ने बताया था आप मेरे साथ कुछ भी करोगे मुझे मना नहीं करना है आपकी बात मानना है।तभी मेरी माँ का इलाज होगा।

हिम्मत: देख बेटी वहाँ टीवी में देख क्या चल रहा है वही तुझे करना है।

हिम्मत ने रिमोट से टीवी चालू कर दिया जिसमे एक स्कूल की लड़की को एक टीचर किस कर रहा था। लड़की भी उसका साथ दे रही थी।

कुछ देर बाद हिम्मत ने सीन रोक दिया और सरिता की तरफ देखा।बेटी तुझे भी वैसे ही करना है।यह कहकर हिम्मत लड़की के होठो और गालो को चूमने लगा।


हिम्मत ने उससे कहा- तू भी करेगी मुझे किस?
वो बोली: मुझे नहीं आता।
हिम्मत “तुझे कभी किसी ने किस किया?”
वो बोली: नहीं।
हिम्मत “तो आ न … बहुत अच्छा लगता है किस करने में.”

सरिता हिम्मत के पास आ गयी। हिम्मत ने अपनी जांघ पर उसे बैठा लिया. फिर हिम्मत ने उसके माथे पर किस किया और बोला- अब तुम मुझे करो।
सरिता बोली- कोई देख लेगा।
हिम्मत ने कहा- कोई भी तो नहीं है यहां। चल अब जल्दी किस कर …तभी पुरे पैसे दूंगा।तभी तो तेरी माँ का इलाज होगा।
 
उसने भी हिम्मत के माथे पर किस किया। फिर हिम्मत न उसके गालों पर किस किया, तो उसने भी हिम्मत के गालों पर किस किया।
हिम्मत ने कहा- अब मैं तेरे होंठों पर किस करूंगा और मैं उसे चूसूंगा। फिर तुम भी जैसे मैंने किया है, वैसे ही मेरे होंठ चूसना। ठीक है मजा आएगा।
सरिता ने हां में सिर हिलाया।

हिम्मत ने उसे और करीब खींचा और उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए। पहले एक किस दिया और फिर उसके होंठ चूसने लगा।

पहले तो वो हटने लगी, पर जैसे ही हिम्मत ने उसके हाथ पर नोटों की गड्डी रखा, वो हिम्मत का साथ देने लगी। उसने भी वैसे ही हिम्मत के होंठ चूसे। हिम्मत को उसके छोटे से नर्म होंठ चूसने में बहुत मजा आ रहा था। हिम्मत का एक हाथ उसके सर के पीछे था, दूसरा हाथ अपने आप ही उसकी जांघों में चला गया। हिम्मत होंठ चूसते चूसते उसकी जांघ सहलाने लगा।

हिम्मत को बहुत मजा आ रहा था. उसने जैसे ही हाथ थोड़ा अन्दर डाला, तो उसने पैंटी पहनी थी। हिम्मत ने पैंटी के ऊपर से ही उसकी चूत सहलानी चाही, तो सरिता ने हिम्मत का हाथ पकड़ लिया और बोली- अंकल वहां हाथ क्यों डाल रहे हो।

हिम्मत ने उससे कहा- सरिता अच्छा नहीं लगा क्या।
सरिता “हां..अच्छा तो लगा” बोली।

सरिता बोली- अब बोलो अंकल क्या करना है?
हिम्मत “करना वही है, जैसे मैं करूँ, तुम्हें भी वैसा ही करना है और मना नहीं करना है। ठीक है समझ गयी ना.”
सरिता “हां अंकल समझ गयी आप शुरू करो.”

हिम्मत ने उसे बेड पर आपने सामने बिठाया और पहले उसके होंठ चूसे। उसने भी वही किया।
फिर हाथों से उसके गाल सहलाये, वो भी वही करती गयी। फिर हिम्मत ने उसकी छाती पर हाथ रख दिया, उसने भी हिम्मत की छाती पर हाथ रख दिए।

हिम्मत ने उसके संतरे सहलाने शुरू किए. उसने भी हिम्मत की छाती पर हाथ फेरा। हिम्मत ने धीरे धीरे उसके संतरे दबाने शुरू किए। उसने भी हिम्मत के निप्पल पर हाथ फिराया, पर मजा नहीं आ रहा था। हिम्मत ने उसकी जांघें सहलाईं, तो उसने भी वही किया।।
 
हिम्मत ने उसकी चूत पर हाथ रखा, तो उसने भी हिम्मत की टांगों के बीच में हाथ डाल दिया। उसका हाथ हिम्मत के खड़े लंड पर चला गया तो हैरानी से बोली- अंकल यहां ये क्या है डंडा जैसा?
हिम्मत “सरिता ये वही है जिससे मर्द सु सु करते है या किसी लड़की को चोदते है।
वो शरमा गयी।

हिम्मत “सरिता ऐसे मजा नहीं आ रहा है ना खेलने में … चल कुछ और करते हैं.”
सरिता “हां अंकल कुछ और करते हैं.”
हिम्मत “चल तू अपनी टॉप उतार दे, मैं भी अपनी टी-शर्ट उतारता हूं.”
सरिता “नहीं मैं ये नहीं करूंगी.”
हिम्मत “अरे तेरे मेरे अलावा और कौन है यहां। मैं भी किसी को कुछ नहीं बताऊँगा … कर ना। तूने कहा भी था तू मना नहीं करेगी.”

यह सुन कर उसने अपनी टॉप उतार दी। अब वो बिना ब्रा के ऊपर से नंगी हो गयी। उसके छोटे छोटे संतरे बहुत टाइट लग रहे थे। उन पर छोटे छोटे निप्पल बहुत हसीन लग रहे थे। हिम्मत ने उन पर हाथ लगा कर हल्के से दबाया औऱ अपनी टी-शर्ट भी उतार डाली।

हिम्मत ने एक चूची हाथ से सहलाते हुए निपल्स दबाना शुरू किया और दूसरे को अपने मुँह में लेकर चूसने लगा. संतरे छोटे छोटे से थे, जो पूरे मुँह में भी नहीं आ रहे थे। हिम्मत ने ऐसे ही चुसना जारी रखा और धीरे धीरे उसे दबाता भी रहा।

उसे अभी अब मजा आ रहा था।
हिम्मत ने उससे पूछा- इस खेल में तो मजा आ रहा है ना।
सरिता “हां अंकल इस में बहुत मजा आ रहा है.”

उसकी नजर हिम्मत के अंडवीयर में बने तम्बू में ही थी। जो बार बार अन्दर से ही बाहर आने को उछाल मार रहा था।
हिम्मत“क्या देख रही हो सरिता बेटी?”
हिम्मत “अंकल वहां और फूल गया है. दिखाओ न क्या है वो … और कितना बड़ा है.”
हिम्मत “ठीक है दिखाता हूं, पर तुझे भी अपनी दिखानी पड़ेगी.”
वो बोली- मैं क्या दिखाऊं … मेरे पास तो कुछ भी नहीं है।
हिम्मत बोला- वो जो तेरी स्कर्ट के नीचे है तेरी सुसु वाली जगह। मैं अपना सुसु करने वाला दिखाऊंगा, तू अपनी दिखा दे।
सरिता “नहीं अंकल मैं नहीं दिखाऊंगी, मुझे बहुत शरम आ रही है.”
हिम्मत “अरे कैसा शरमाना … तू और मैं ही तो हैं। मैं भी तो तुझे अपना दिखा रहा हूँ. चल ऐसा करते हैं, दोनों एक साथ अपने कपड़े उतारते हैं। तू अपनी स्कर्ट उतार, मैं अपना अंडरवियर उतारता हूं.”

वो मान गयी और दोनों एक साथ नंगे हो गए।
आज एक कुंवारी चूत हिम्मत नाम के दरिंदे की आंखों के सामने थी।
 
हिम्मत ने पहली बार इतनी छोटी चूत इतनी नजदीक से देखी थी। उसकी बुर पर हल्के हल्के सुनहरे बाल आए हुए थे। उसकी बुर देखकर तो हिम्मत का दिल खुश हो गया।
वो हिम्मत का लंड को देखकर बोली- अंकल, ये तो बहुत बड़ा है।
हिम्मत ने उसका हाथ पकड़ कर अपने लंड पर रखा और बोला- अब ले … इसे छू कर भी देख और बता कैसा है ये?
उसने लंड को अपने हाथ में पकड़ा और बोली- अंकल ये तो बहुत गर्म है।
हिम्मत: हां, ऐसे ही तेरी भी तो गर्म है यह देख न।

यह कहकर हिम्मत ने उसकी चूत पर हाथ रख दिया. हिम्मत के हाथ का स्पर्श पाकर वो जरा सिहर सी उठी। लेकिन हिम्मत ने उसकी चूत को सहलाना शुरू कर दिया। उसकी चूत के दाने को रगड़ने लगा। उसकी आह निकलने लगी।
हिम्मत ने उसके हाथ का दबाव अपने लंड पर बनाते हुए कहा: अब ऐसे तुम भी आगे पीछे करो।

वो हिम्मत के लंड की मुठ मारने लगी औऱ हिम्मत उसका दाना सहलाने लगा। धीरे धीरे वो गीली होने लगी। उसकी आंखें लाल होने लगीं।
हिम्मत ने उससे कहा- मजा आ रहा है ना!
सरिता: हां अंकल बहुत मजा आ रहा है … और करो।
हिम्मत: रुक … फिर तुझे और मजा देता हूं … तू बिस्तर पर टांगें फैला कर लेट जा।

सरिता लेट गयी, अब उसकी चिकनी चूत हिम्मत के सामने थी। हिम्मत ने झुक कर अपना चेहरा उसके पास किया तो उसमें से साबुन की खुशबू आ रही थी।
हिम्मत ने उससे पूछा- अभी नहा कर आई हो?
तो उसने कहा- हाँ अंकल, बस नहा कर सीधे आपके पास आई हूँ।

हिम्मत ने उसकी अनछुई चूत पर अपनी जीभ लगा दी और उसे चाटने लगा। वो तो उछलने लगी। उसे और ज्यादा मजा देने के लिए हिम्मत उसके संतरे भी निचोड़ने लगा।
वो सिसकारी लेने लगी- आहह अंकल बहुत मजा आ रहा है … और जोर से चाटिए न. मेरे दूध भी आराम से दबाइए ना … मुझे दर्द हो रहा है … आह हहहह … क्या कर दिया आपने अंकल … बहुत अच्छा लग रहा है।

थोड़ी देर बुर चाटने के बाद ही उसका बुरा हाल था। वो अपनी चूत को बार बार उठाते हुए हिम्मत के मुँह पर दबा रही थी। कुछ ही देर में वो हिम्मत के मुँह में झड़ गयी।
 
उसका थोड़ा सा ही पानी निकला था जिसे हिम्मत पूरा चाट गया। एक कुंवारी चूत का निकला हुआ पहला अमृत चखकर हिम्मत का मन तृप्त हो गया।

वो तो निढाल होकर हिम्मत की बांहों में गिर गई। उसने हिम्मत को जोर से जकड़ रखा था। कुछ देर तक हिम्मत ने उसे वैसे ही रहने दिया उसने भी अपने जीवन का पहले स्खलन का मजा लिया था। फिर हिम्मत ने उसके होंठ चूसे, चूचियां दबाईं तो थोड़ी ही देर में वो शांत हो कर बिस्तर में लेट गई।

हिम्मत ने उससे पूछा- कैसा लगा सरिता बेटी?
सरिता- बहुत ज्यादा मजा आया अंकल।
हिम्मत: चल अब तू भी जैसे मजा तुझे आया वैसा ही मजा मुझे भी दिलवा।
सरिता: कैसे अंकल मैं आपको मजा दिलवाने के लिए क्या करूं।

हिम्मत ने उसे उठाकर अपना लंड उसके मुँह के सामने कर दिया।

हिम्मत: अब तू भी इसे चूस और चाट जैसे मैंने तेरी चाटी थी।
सरिता: नहीं मैं नहीं करूंगी, इसमें से सुसु आता है … ये गंदी जगह है।
हिम्मत: अरे मैंने तेरी नहीं चाटी क्या? तुझे मजा नहीं आया क्या? चल अब नखरे मत कर … आजा ले ले मुँह में इसे।

उसने एक बार लंड मुँह में लिया और फिर बाहर निकाल लिया।

सरिता: अंकल अजीब सा लग रहा है … मैं नहीं करूंगी।

हिम्मत ने सोचा कि अब ये ऐसे नहीं मानेगी. उसने एक सौ का नोट और निकाला और उसे दिया और टेबल से शहद लेकर आया और उसे अच्छे से अपने लंड पर चुपड़ लिया. फिर उसके आगे लंड ले जाकर बोला- ले अब चूस अब मीठा लगेगा … जिस तरह तू आइसक्रीम को मजे से चटखारे लेकर चूसती है इसे भी एक आइसक्रीम ही समझ कर चूस।

फिर उसने लंड अपने हाथ में ले लिया। इस बार अब उसे चूसने में परेशानी नहीं हुई। शहद के स्वाद ने हिम्मत का काम आसान कर दिया।

वो धीरे धीरे लंड को अपने मुँह के अन्दर बाहर करने लगी। अब उसे भी लंड चूसना अच्छा लगने लगा। अब वो बड़े मजे से हिम्मत का लंड अन्दर बाहर ले रही थी।
 
हिम्मत का तो बुरा हाल था एक कमसिन लड़की उसका लंड चटकारे ले लेकर चूस रही थी।हिम्मत उसके मुँह की गर्मी सहन नहीं कर पाया। हिम्मत ने उसका सर पकड़ लिया और उसके मुँह के अन्दर जोर जोर से घस्से लगाने लगा। कुछ ही देर में हिम्मत ने अपना माल उसके मुँह में भर दिया।

सरिता हिम्मत का लंड अपने मुँह से बाहर निकालने की कोशिश करने लगी, पर हिम्मत ने भी जब तक उसने हिम्मत का सारा माल नहीं निगल लिया, उसे छोड़ा नहीं।

जब हिम्मत को लगा वो सारा माल पेट के अन्दर ले चुकी है, तभी हिम्मत ने लंड बाहर निकाला।

लंड बाहर निकलते ही सरिता बुरा से मुँह बना कर बोली: अंकल ये आपने क्या कर दिया … आपने तो मेरे मुँह में ही सुसु कर दिया।
हिम्मत: अरे मेरी रानी वो सुसु नहीं था … जब तुझे बहुत मजा आया था, तेरा भी तो नीचे से निकला था, जिसे मैंने चाट लिया था. ऐसे ही ये भी इसका घी था. सुसु थोड़े ही था, इसे पीने से ताकतवर होते हैं। जब तू इसे रोज पीएगी तो तू भी फ़िल्मी हिरोइन जैसी ही मस्त हो जाएगी।
सरिता- लेकिन बड़ा अजीब सा स्वाद था।
हिम्मत: पहली पहली बार जरा अजीब लगता है, आदत पड़ने के बाद तो तू रोज मेरे इस लंड को चूसने और उसके घी को पीने की जिद करेगी।
सरिता- हम्म …
हिम्मत: वैसे बता … मजा तो आ रहा है ना इस नए खेल में।
सरिता: हां अंकल बहुत मजा आ रहा है. अब तो मैं रोज ये खेल खेलूंगी।
हिम्मत: पर एक बात का ध्यान रखना, ये बात किसी को भी पता नहीं लगनी चाहिए ।

हिम्मत ने फिर आगे बढ़ने को सोचा और उसे बोला: चल सरिता अब फिर कुछ नया करते हैं।
सरिता- अंकल और कुछ भी कर सकते हैं क्या?
हिम्मत: अरे अभी तो बहुत कुछ है करने को … अभी तो मुझे बहुत सारे खेल आते हैं। वक्त तो आने दे, मैं तुझे देख कैसे कैसे खेल सिखाता हूं। चल आज का खेल तो सीख ले।

वो झट से राजी हो गई।
 
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