hotaks444
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सभी लड़कियों को चूत का पाठ पढ़ाया
आज मैं आपको अपनी आत्मकथा के बारे में बताने जा रहा हूँ जिसमें मैं आपको बड़ी दिलचस्प चुदाई के बारे में आप खूब उत्तेजित हो उठेगे | दोस्तों मैं काफी समय से लड़कियों के मौहोल में पला – बड़ा हूँ इसिलए मुझसे बेहतर लड़कियों को और उनकी चूत चुदाई के आभास कोई नहीं समझ सकता | मैं जब अपने कॉलेज में कदम रखा तो मैं कई लड़कियों से दोस्ती कर ली थी जिसके कारण अब उन लौंडियों के साथ कुछ ज्यादा ही उठना – बैठना शुर हो गया था | एक दिन हम अपने घर पर ही कुछ काम के सिलसिले में आये हुए थे जिसमें मेरी एक खास सहेली और कुछ लकड़ी सहेलियां भी थी | मैं उनके बीच अकेला ही था और खूब मज़े भी ले रहा था |
हमने पहले तो खूब काम करते हुए मजाक मस्ती और उसके बाद मैंने सब बीच कामुक विषय छेड दिए जिसपर सब शान्ति से चुदाई के आलम को लड़कों के लिंग के बारे में मेरी ज़बानी सुन रही थी | मैंने उन्हें काफी बातें बताते हुए अपने लिंग की ओर इशारा किया जिसपर मेरी खास सहेली मेरे लंड को उभार को देख उसे अपने हाथ से छू रही थी | मैंने उन् सब को उत्तेजना का पाठ पढ़ाते हुए अपनी खास सहेली को उसे चूमता हुआ उसुके होंठों को चूसता हुआ उसकी चुचियाँ भींच रहा था | जिसपर सभी मनोरंजन की भावना से हमें देख रही तभी मैंने सबको कार्य का असली मुकाम दिखाते हुए अपने आप को नंगा कर दिया और उसे भी नंगी कर दिया | मैं उसके उप्पर लेटकर मस्त में उसके होठों को चूसते हुए उसके उसके चूत को निकाल कर रगड़ने लगा |
वो भी इतनी बुरी तरह से गरमा चुकी थी मुझसे कसकर लिपट गयी जिसपर मैंने सांवली चूत में अपनी उँगलियाँ देना चालू कर दिया जिससे अब उसकी चूत गीली हो गयी तभी मैंने अपने तने हुए लंड को उसकी चूत में टिकाते हुए हलके – हलके धक्कों से अंदर घुसाने लगा जिसपर उसकी दर्द भरी सिकारियां निकलने लगीं और मैं उसकी चूत पर काबू करने के लिए उसे चोदे जा रहा था | जब मैं १५ मिनट तक उसकी चूत को चोदते हुए चला गया तो अब उसकी चींखें भी कम होती जा रही थी | मैं उसकी चूत को मसलते हुए और लड़कियों को मेरे पास आने के लिए कहने लगा जिसपर इतना बढ़िया कारनामा देखे उनमें से कोई भी नंगी होने से ना चुकी |
अब उनमें से एक ने मेरी गाडं को पकड़ लिया और जब मैं पहली वाली को चोद रहा था तो पीछे से उसने मेरी गांड पर थूक लगाते हुए मेरी गांड को चाटना शुर कर दिया | अब कुछ नंगी लड़कियां मेरे सामने आकर अपने चुचों को मेरे मुंह में भर देती जिससे मैं उनके चूचकों के सतह खिलवाड़ करता रह था कोई अपने होंठों को मेरे मुंह से लगा देती और मैं उसे भी उत्तेजित करते हुए उसके होंठों अपने दाँतों से मिस्मिसाने लगता | इसी तरह मैंने अकेले ही सभी लड़कियों को गरमा करते हुए धीरे – धीरे और बारी बारी उनकी चूत से रस निकलकर चाटा और अलग – अलग मुद्रा में उनकी चूत को भी चोदा |
आज मैं आपको अपनी आत्मकथा के बारे में बताने जा रहा हूँ जिसमें मैं आपको बड़ी दिलचस्प चुदाई के बारे में आप खूब उत्तेजित हो उठेगे | दोस्तों मैं काफी समय से लड़कियों के मौहोल में पला – बड़ा हूँ इसिलए मुझसे बेहतर लड़कियों को और उनकी चूत चुदाई के आभास कोई नहीं समझ सकता | मैं जब अपने कॉलेज में कदम रखा तो मैं कई लड़कियों से दोस्ती कर ली थी जिसके कारण अब उन लौंडियों के साथ कुछ ज्यादा ही उठना – बैठना शुर हो गया था | एक दिन हम अपने घर पर ही कुछ काम के सिलसिले में आये हुए थे जिसमें मेरी एक खास सहेली और कुछ लकड़ी सहेलियां भी थी | मैं उनके बीच अकेला ही था और खूब मज़े भी ले रहा था |
हमने पहले तो खूब काम करते हुए मजाक मस्ती और उसके बाद मैंने सब बीच कामुक विषय छेड दिए जिसपर सब शान्ति से चुदाई के आलम को लड़कों के लिंग के बारे में मेरी ज़बानी सुन रही थी | मैंने उन्हें काफी बातें बताते हुए अपने लिंग की ओर इशारा किया जिसपर मेरी खास सहेली मेरे लंड को उभार को देख उसे अपने हाथ से छू रही थी | मैंने उन् सब को उत्तेजना का पाठ पढ़ाते हुए अपनी खास सहेली को उसे चूमता हुआ उसुके होंठों को चूसता हुआ उसकी चुचियाँ भींच रहा था | जिसपर सभी मनोरंजन की भावना से हमें देख रही तभी मैंने सबको कार्य का असली मुकाम दिखाते हुए अपने आप को नंगा कर दिया और उसे भी नंगी कर दिया | मैं उसके उप्पर लेटकर मस्त में उसके होठों को चूसते हुए उसके उसके चूत को निकाल कर रगड़ने लगा |
वो भी इतनी बुरी तरह से गरमा चुकी थी मुझसे कसकर लिपट गयी जिसपर मैंने सांवली चूत में अपनी उँगलियाँ देना चालू कर दिया जिससे अब उसकी चूत गीली हो गयी तभी मैंने अपने तने हुए लंड को उसकी चूत में टिकाते हुए हलके – हलके धक्कों से अंदर घुसाने लगा जिसपर उसकी दर्द भरी सिकारियां निकलने लगीं और मैं उसकी चूत पर काबू करने के लिए उसे चोदे जा रहा था | जब मैं १५ मिनट तक उसकी चूत को चोदते हुए चला गया तो अब उसकी चींखें भी कम होती जा रही थी | मैं उसकी चूत को मसलते हुए और लड़कियों को मेरे पास आने के लिए कहने लगा जिसपर इतना बढ़िया कारनामा देखे उनमें से कोई भी नंगी होने से ना चुकी |
अब उनमें से एक ने मेरी गाडं को पकड़ लिया और जब मैं पहली वाली को चोद रहा था तो पीछे से उसने मेरी गांड पर थूक लगाते हुए मेरी गांड को चाटना शुर कर दिया | अब कुछ नंगी लड़कियां मेरे सामने आकर अपने चुचों को मेरे मुंह में भर देती जिससे मैं उनके चूचकों के सतह खिलवाड़ करता रह था कोई अपने होंठों को मेरे मुंह से लगा देती और मैं उसे भी उत्तेजित करते हुए उसके होंठों अपने दाँतों से मिस्मिसाने लगता | इसी तरह मैंने अकेले ही सभी लड़कियों को गरमा करते हुए धीरे – धीरे और बारी बारी उनकी चूत से रस निकलकर चाटा और अलग – अलग मुद्रा में उनकी चूत को भी चोदा |