hotaks444
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स्वामी जी का "लन्ड"
शहर से करीब २५/३० किलोमीटर दूर एक छोटा सा आश्रम उसमे रहते थे स्वामी लंडेस्वर महाराज । लंडेश्वर का प्रवचन बहुत मशहूर था । उनको सुनंने के लिए दूर दूर से लोग आते थे । स्वामी लंडेश्वर सफ़ेद धोती पहनते थे और ऊपर से सफ़ेद गमछा ओढ़ लेते थे । उनका बदन सार्वजनिक रूप से दिखाई नहीं पड़ता था । बाल एकदम सफ़ेद हो चुके थे । लेकिन वे दाढ़ी और मूछ नहीं रखते थे । गोरा गठीला बदन, कसरती बदन था उनका जो की बड़ा ही मन मोहक और आकर्षक था । उनकी उम्र केवल ४५ साल की थी । उनकी ओजश्वयी वाणी सबका मन मोह लेती थी । भाषा सार गर्भित एवं तर्क पूर्ण होती थी । वे किसी भी सवाल का जबाब देने में समर्थ थे । धीरे धीरे उनकी ख्याति बढती गयी । लोग उन्हें सुनने के लिए और उनके दर्शन करने के लिए आने लगे । भीड़ बढती ही जा रही थी । मैंने देखा की भीड़ में महिलाएं ज्यादा थी । लड़कियां ज्यादा होती थी या फिर शादी शुदा औरतें । उनकी संख्या दिन पर दिन बढती जा रही थी । तब मैंने इसके रहस्य का पता लगाना शुरू किया ।
मुझे विशिष्ट सूत्रों से पता चला की लड़कियों की या शादी शुदा महिलायों की भीड़ का कारण क्या है ?
पहला कारण :- लड़कियों के बीच में यह धारणा बन चुकी है की जो लड़की स्वामी जी का "महा प्रसाद"एक बार चख लेती है उसकी शादी एक साल के अन्दर हो जाती है ।
दूसरा कारण :- जो शादी शुदा औरत स्वामी जी का "महा प्रसाद" एक बार चख लेती है उसकी संतान एक साल के अन्दर हो जाती है ।
बस, स्वामी जी का महा प्रसाद पाने के लिए लड़कियों की और शादीशुदा औरतों की भीड़ बढती जा रही है । अब सवाल इस बात का था की स्वामी जी के महा प्रसाद को कैसे प्राप्त की जाये ? मुझे पता चला की उनके नजदीक दो खास लड़कियां है । एक तो पूजा और दूसरी माला । इन दो लड़कियों के द्वारा ही महा प्रसाद मिल सकता है । मुझे यह भी मालूम हुआ की स्वामी जी के कुछ खास चेले भी है । कुछ चेले उनके साथ स्वामी के भेष में रहते है और कुछ छुपे हुए रहते है । मगर दोनों जगह के चेले बहुत ही स्मार्ट है । खूबसूरत है । लड़कियों के शौक़ीन है । और लड़कियां भी उनकी और आकर्षित होती है । वे किसी के साथ कोई जोर जबर दस्ती नहीं करते है । बहुत मीठा बोलते है । मीठा व्यवहार करते है । जहाँ तक हो सकता है सबकी सहायता करते है । किसी का किसी भी तरह नुकसान नहीं करते । उन दो लड़कियों के अलावा कुछ चेलियाँ भी है । बड़ी बिंदास चेलियाँ, निहायत खूबसूरत चेलियाँ, मीठा बोलने वाली चेलियाँ और सब कुछ करने को तैयार चेलियाँ ।
मैं किसी तरह माला से मिला और फिर माला की सहायता से पूजा से भी मिला । मैंने धीरे धीरे उनके नजदीक जाने का प्रयास किया और सफल भी हुआ । मैं धीरे धीरे सब कुछ जान लेना चाहता था । एक दिन मैं माला के साथ बैठा था । शाम का समय था । उस दिन माला को आश्रम में नहीं जाना था । मैं जब उसके नजदीक गया तो मालूम नहा की माला नशे में थी ।
मैंने माला से पूंछा :- आप मुझे एक बात बताईये की स्वामी जी के " महा प्रसाद" में क्या है ? कौन सा ऐसा प्रसाद है जो केवल लड़कियों को या फिर औरतों को ही मिल सकता है ? मर्दों को नहीं ?
माला बोली :- देखो ये बात गोपनीय है मैं नहीं बता सकती ?
तब तक पूजा भी वहां आ गयी । मैंने उसे भी नशे में पाया । खैर मैंने वही सवाल पूजा से किया तो
पूजा बोली :- जबाब है लेकिन मैं दे नहीं सकती ? आपको बता नहीं सकती ?
मैंने कहा :- अच्छा ये बताओ की क्या कोई उपाय है की मैं इसे जान सकूं ?
पूजा बोली :- हां है । एक उपाय है । आप हमारे सदस्य बन जाईये ।
मैंने कहा :- ठीक है मैं बन जाता हूँ। आप बताईये मुझे क्या करना होगा ?
पूजा बोली :- तो तुम पहले अपना "लन्ड" दिखाओ ? फिर बताऊंगी ।
फिर माला बोली :- हां मैं पहले तुम्हारा "लन्ड" पकड़ कर देखूँगी । उसकी जांच करूंगी । उसकी परीक्षा लूंगी और अगर पास हो गया तुम्हारा "लन्ड" तो मैं तुमको अपना सदस्य बना लूंगी । जब तुम सदस्य बन जाओगे तब मैं तुमको रहस्य बताऊंगी ।
मैंने पूंछा :- कौन सा इम्तहान पास करना होगा मेरे लन्ड को ?
माला बोली :- मैं पहले देखूँगी की तुम्हारा लौडा कितना लम्बा है ? कितना मोटा है ? सुपाडा कितना बड़ा है ? खड़ा कैसे होता है ? खड़ा होने पर लन्ड किस तरह का दिखता है ? लन्ड की झांटे है की नहीं ? है तो कैसी लगती है झांटे ? वैसे घनी घनी झांट वाले लन्ड चल जाते है ।
पूजा बोली :- फिर यह भी देखूँगी की लन्ड चाटने में कैसा लगता है ? चूसने में इसका स्वाद कैसा है ? चोदने में कितना मजबूत है ? कितना सख्त है ? क्या क्या चोद लेता है ? आगे से चोदने में कैसा है और पीछे से चोदने में कैसा है ? गाँड मार लेता है की नहीं । कितनी देर तक चोदता है ? झड़ने पर लन्ड की मलाई कैसे निकलती है ? कितनी मात्र में निकलती है ? उसका स्वाद कैसा होता है ?
माला बोली :- फिर यह भी देखूँगी की तुम चूंचियां कैसे पकड़ते हो ? चूंचियों को कैसे मस्त करते हो ? कैसे चूमते हो ? चूसते हो ? चूत कैसे चाटते हो ? चूत कैसे सहलाते हो ? चूतडों पर हाथ कैसे फेरते हो ?
मैंने कहा :- अरे बाप रे बाप ? इतना बड़ा इम्तहान ? मेरा बिचारा एक लन्ड कैसे ये सब कर पायेगा ?
माला बोली :- ये तो मैं लन्ड पकड़ कर बता दूँगी की तेरा लन्ड कर पायेगा की नहीं ?
मैंने कहा :- ठीक है । मैं तैयार हूँ । लेकिन पहले मुझे ये बताओ की मेम्बर होने के लिए लन्ड की क्या जरुरत है ? माला बोली :- अरे य़ार, इस आश्रम में लन्ड का ही तो सब काम है । जिसका लन्ड अच्छा होता है वही चेला बन सकता है । वही लड़कियों / औरतों को खुश कर सकता है । यहाँ पर जितनी चेलियाँ है वे सब लन्ड की शौक़ीन है । लन्ड के लिए यहाँ भी रहती है और बाहर भी जाती है । चेले आश्रम में लड़कियां चोदते है । औरतें चोदते है । वे जब संतुष्ट हो जाती है तो बार बार आती है और अपनी सहेलियों को भी लाती है । अब स्वामी जी को लीजिये ? अपने लन्ड की बदौलत ही वे हम सब के स्वामी बने है । उनके लन्ड के बराबर किसी का लन्ड नहीं है ।
मैंने पूंछा :- अच्छा ये बड़ा प्रसाद क्या है ?
पूजा :- स्वामी जी के लन्ड का वीर्य है महा प्रसाद । वास्तव में स्वामी जी को चूत चोदने से ज्यादा मज़ा सड़का लगवाने में आता है । लड़कियों से / औरतों से मुठ्ठ मरवाने आता है । उन्हें नंगी लड़कियां बहुत अच्छी लगती है । इसीलिए वो नंगी लड़कियों से ही सड़का लगवाते है ।अधिक से अधिक लड़कियां स्वामी जी का लन्ड पकडे और मुठ्ठ मारे इसलिए यह कहा गया की जो लड़की स्वामी का महा प्रसाद लेगी उसकी एक साल के अन्दर शादी हो जाएगी या फिर संतान हो जाएगी । अब आप देखिये की लड़कियों की कितनी लम्बी लाईन है ? हां जब कभी किसी को चोदने मन होता है तो चोद लेते है स्वामी जी ।
अब मेरे मन की सारी शंकाएं दूर हो गयी ।
मैंने कहा :- अच्छा पूजा और माला आप दोनों नंगी हो जाईये पहले फिर मुझे नंगा कर दीजिये । मेरा लन्ड पकड़ लीजिये और फिर जी भर लन्ड का इम्तहान लीजिये । दोनों शराब के नशे चूर थी । दोनों बड़ी बेशर्मी से नंगी हो गयी । उनकी बड़ी बड़ी चूंचियां और चूतड देख कर मेरा लौडा टन्ना कर खड़ा हो गया । दोनों ने जसे ही मुझे नंगा किया, मेरा लौडा टन्ना कर खड़ा हो गया । दोनों ने लन्ड एकसाथ पकड़ा और बड़ी देर तक देखती रही ।
पूजा बोली :- हाय रे माला, लगता है की इसका लन्ड स्वामी जी के लन्ड के बराबर है ?
माला ने जबाब दिया :- हां, स्वामी के लन्ड की लम्बाई ९" है और चौड़ाई ५" है । और इसके लन्ड की लम्बाई चौड़ाई इससे कम नहीं होगी ।
पूजा :- तो आज मिला है स्वामी के लन्ड को टक्कर देने वाला लन्ड ? मैं ज़रा इसे चूस लूं चाट लूं फिर बताती हूँ। मुझे तो उस लन्ड से यह लन्ड ज्यादा पसंद आ रहा है ।
माला :- चलो आज हम दोनों खूब चुदवायेंगी पहले फिर स्वामी जी को इस लन्ड के बारे में बताऊंगी । उस दिन मैंने जम कर दोनों को मजे से चोदा ।
चोदने के बाद मैं रात में वहीँ रुक गया । सवेरे जब मेरी नींद खुली तो मेरा लन्ड खड़ा था । सवेरे का लन्ड बड़ा मस्त होता है । मेरे खड़े लन्ड को पूजा ने देख लिया । उसने लपक कर लन्ड पकड़ लिया । अब मेरा लौडा और मस्ता गया । हिनहिनाने लगा जोश में । इतने में नंगी नंगी माला भी आ गयी । उसने भी लौडा सहलाया । अब तो लन्ड टन्ना कर कुतुबमीनार हो गया । माला ने मेरा लन्ड पकड़ा और सीधे स्वामी लंडेश्वर के पास ले गयी । उधर स्वामी का भी लौडा खड़ा था । पूजा ने स्वामी का लन्ड पकड़ लिया और बोली अरे दोनों लन्ड बहन चोद एक जैसे ही दिख रहे है । दोनों की लम्बाई और चौड़ाई एक जैसी लग रही है
माला :- स्वामी जी तेरे लन्ड के बराबर एक लन्ड मिल गया है । देखो तो कितना मस्त है इसका लौडा ?
स्वामी :- हां मैं इसका लन्ड देख रहा हूँ । मैं आज से ही इसको अपने ग्रुप में सामिल करता हूँ। इसका लन्ड भी स्वामी का लन्ड कहलायेगा । इसके लन्ड का वीर्य भी महा प्रसाद के नाम से जाना जायेगा । अभी यहाँ से लड़कियों को दो बार प्रसाद मिलता था लेकिन आज से चार बार मिलेगा । अब जब हमारे लड़कियां नंगी होकर हम दोनों के लन्ड पकडेगीं और सडका मारेंगी तो बड़ा मज़ा आएगा । उसके बाद माला ने स्वामी से चुदवाया और पूजा ने मुझसे । फिर थोड़ी देर में माला ने मेरा लन्ड अपनी चूत में घुसेड़ा और पूजा ने स्वामी का लन्ड ।
मेरे सामिल होने के बाद तो तहलका मच गया ।
उसके बाद मैंने देखा की ह़र रात को एक से एक खूबसूरत लड़कियां/ औरतें हम दोनों का लन्ड पकड़ने आने लगी । मुठ्ठ मारने लगी । रात में होती थी सामूहिक चुदाई । जो लड़कियां दिन में मुठ्ठ मार कर प्रसाद निकालती थी उनमे से अधिक तर रात में आकर हम लोगों से जम कर चुदवाती थी । जितने साले चेले थे सब लौडिया चोदते थे । जितनी चेलियाँ थी सब लन्ड बदल बदल कर चुदवाती थी । इस तरह की ऐय्यास्सी मैं पहली बार देख रहा था । फिर मुझे यह भी मालूम हुआ की यहाँ से लड़कियां चुदवाने के लिए बाहर भेजी जाती है । और चेले बाहर जाकर लड़कियों को औरतों को चोदते थे । दो तीन बार मुझे भी बाहर जाकर ग्रुप में ऐय्यास औरतों को चोदने का मौका मिला । लोग समझ नहीं पाते थे की स्वामी लंडेश्वर वो है की मैं हूँ ?
शहर से करीब २५/३० किलोमीटर दूर एक छोटा सा आश्रम उसमे रहते थे स्वामी लंडेस्वर महाराज । लंडेश्वर का प्रवचन बहुत मशहूर था । उनको सुनंने के लिए दूर दूर से लोग आते थे । स्वामी लंडेश्वर सफ़ेद धोती पहनते थे और ऊपर से सफ़ेद गमछा ओढ़ लेते थे । उनका बदन सार्वजनिक रूप से दिखाई नहीं पड़ता था । बाल एकदम सफ़ेद हो चुके थे । लेकिन वे दाढ़ी और मूछ नहीं रखते थे । गोरा गठीला बदन, कसरती बदन था उनका जो की बड़ा ही मन मोहक और आकर्षक था । उनकी उम्र केवल ४५ साल की थी । उनकी ओजश्वयी वाणी सबका मन मोह लेती थी । भाषा सार गर्भित एवं तर्क पूर्ण होती थी । वे किसी भी सवाल का जबाब देने में समर्थ थे । धीरे धीरे उनकी ख्याति बढती गयी । लोग उन्हें सुनने के लिए और उनके दर्शन करने के लिए आने लगे । भीड़ बढती ही जा रही थी । मैंने देखा की भीड़ में महिलाएं ज्यादा थी । लड़कियां ज्यादा होती थी या फिर शादी शुदा औरतें । उनकी संख्या दिन पर दिन बढती जा रही थी । तब मैंने इसके रहस्य का पता लगाना शुरू किया ।
मुझे विशिष्ट सूत्रों से पता चला की लड़कियों की या शादी शुदा महिलायों की भीड़ का कारण क्या है ?
पहला कारण :- लड़कियों के बीच में यह धारणा बन चुकी है की जो लड़की स्वामी जी का "महा प्रसाद"एक बार चख लेती है उसकी शादी एक साल के अन्दर हो जाती है ।
दूसरा कारण :- जो शादी शुदा औरत स्वामी जी का "महा प्रसाद" एक बार चख लेती है उसकी संतान एक साल के अन्दर हो जाती है ।
बस, स्वामी जी का महा प्रसाद पाने के लिए लड़कियों की और शादीशुदा औरतों की भीड़ बढती जा रही है । अब सवाल इस बात का था की स्वामी जी के महा प्रसाद को कैसे प्राप्त की जाये ? मुझे पता चला की उनके नजदीक दो खास लड़कियां है । एक तो पूजा और दूसरी माला । इन दो लड़कियों के द्वारा ही महा प्रसाद मिल सकता है । मुझे यह भी मालूम हुआ की स्वामी जी के कुछ खास चेले भी है । कुछ चेले उनके साथ स्वामी के भेष में रहते है और कुछ छुपे हुए रहते है । मगर दोनों जगह के चेले बहुत ही स्मार्ट है । खूबसूरत है । लड़कियों के शौक़ीन है । और लड़कियां भी उनकी और आकर्षित होती है । वे किसी के साथ कोई जोर जबर दस्ती नहीं करते है । बहुत मीठा बोलते है । मीठा व्यवहार करते है । जहाँ तक हो सकता है सबकी सहायता करते है । किसी का किसी भी तरह नुकसान नहीं करते । उन दो लड़कियों के अलावा कुछ चेलियाँ भी है । बड़ी बिंदास चेलियाँ, निहायत खूबसूरत चेलियाँ, मीठा बोलने वाली चेलियाँ और सब कुछ करने को तैयार चेलियाँ ।
मैं किसी तरह माला से मिला और फिर माला की सहायता से पूजा से भी मिला । मैंने धीरे धीरे उनके नजदीक जाने का प्रयास किया और सफल भी हुआ । मैं धीरे धीरे सब कुछ जान लेना चाहता था । एक दिन मैं माला के साथ बैठा था । शाम का समय था । उस दिन माला को आश्रम में नहीं जाना था । मैं जब उसके नजदीक गया तो मालूम नहा की माला नशे में थी ।
मैंने माला से पूंछा :- आप मुझे एक बात बताईये की स्वामी जी के " महा प्रसाद" में क्या है ? कौन सा ऐसा प्रसाद है जो केवल लड़कियों को या फिर औरतों को ही मिल सकता है ? मर्दों को नहीं ?
माला बोली :- देखो ये बात गोपनीय है मैं नहीं बता सकती ?
तब तक पूजा भी वहां आ गयी । मैंने उसे भी नशे में पाया । खैर मैंने वही सवाल पूजा से किया तो
पूजा बोली :- जबाब है लेकिन मैं दे नहीं सकती ? आपको बता नहीं सकती ?
मैंने कहा :- अच्छा ये बताओ की क्या कोई उपाय है की मैं इसे जान सकूं ?
पूजा बोली :- हां है । एक उपाय है । आप हमारे सदस्य बन जाईये ।
मैंने कहा :- ठीक है मैं बन जाता हूँ। आप बताईये मुझे क्या करना होगा ?
पूजा बोली :- तो तुम पहले अपना "लन्ड" दिखाओ ? फिर बताऊंगी ।
फिर माला बोली :- हां मैं पहले तुम्हारा "लन्ड" पकड़ कर देखूँगी । उसकी जांच करूंगी । उसकी परीक्षा लूंगी और अगर पास हो गया तुम्हारा "लन्ड" तो मैं तुमको अपना सदस्य बना लूंगी । जब तुम सदस्य बन जाओगे तब मैं तुमको रहस्य बताऊंगी ।
मैंने पूंछा :- कौन सा इम्तहान पास करना होगा मेरे लन्ड को ?
माला बोली :- मैं पहले देखूँगी की तुम्हारा लौडा कितना लम्बा है ? कितना मोटा है ? सुपाडा कितना बड़ा है ? खड़ा कैसे होता है ? खड़ा होने पर लन्ड किस तरह का दिखता है ? लन्ड की झांटे है की नहीं ? है तो कैसी लगती है झांटे ? वैसे घनी घनी झांट वाले लन्ड चल जाते है ।
पूजा बोली :- फिर यह भी देखूँगी की लन्ड चाटने में कैसा लगता है ? चूसने में इसका स्वाद कैसा है ? चोदने में कितना मजबूत है ? कितना सख्त है ? क्या क्या चोद लेता है ? आगे से चोदने में कैसा है और पीछे से चोदने में कैसा है ? गाँड मार लेता है की नहीं । कितनी देर तक चोदता है ? झड़ने पर लन्ड की मलाई कैसे निकलती है ? कितनी मात्र में निकलती है ? उसका स्वाद कैसा होता है ?
माला बोली :- फिर यह भी देखूँगी की तुम चूंचियां कैसे पकड़ते हो ? चूंचियों को कैसे मस्त करते हो ? कैसे चूमते हो ? चूसते हो ? चूत कैसे चाटते हो ? चूत कैसे सहलाते हो ? चूतडों पर हाथ कैसे फेरते हो ?
मैंने कहा :- अरे बाप रे बाप ? इतना बड़ा इम्तहान ? मेरा बिचारा एक लन्ड कैसे ये सब कर पायेगा ?
माला बोली :- ये तो मैं लन्ड पकड़ कर बता दूँगी की तेरा लन्ड कर पायेगा की नहीं ?
मैंने कहा :- ठीक है । मैं तैयार हूँ । लेकिन पहले मुझे ये बताओ की मेम्बर होने के लिए लन्ड की क्या जरुरत है ? माला बोली :- अरे य़ार, इस आश्रम में लन्ड का ही तो सब काम है । जिसका लन्ड अच्छा होता है वही चेला बन सकता है । वही लड़कियों / औरतों को खुश कर सकता है । यहाँ पर जितनी चेलियाँ है वे सब लन्ड की शौक़ीन है । लन्ड के लिए यहाँ भी रहती है और बाहर भी जाती है । चेले आश्रम में लड़कियां चोदते है । औरतें चोदते है । वे जब संतुष्ट हो जाती है तो बार बार आती है और अपनी सहेलियों को भी लाती है । अब स्वामी जी को लीजिये ? अपने लन्ड की बदौलत ही वे हम सब के स्वामी बने है । उनके लन्ड के बराबर किसी का लन्ड नहीं है ।
मैंने पूंछा :- अच्छा ये बड़ा प्रसाद क्या है ?
पूजा :- स्वामी जी के लन्ड का वीर्य है महा प्रसाद । वास्तव में स्वामी जी को चूत चोदने से ज्यादा मज़ा सड़का लगवाने में आता है । लड़कियों से / औरतों से मुठ्ठ मरवाने आता है । उन्हें नंगी लड़कियां बहुत अच्छी लगती है । इसीलिए वो नंगी लड़कियों से ही सड़का लगवाते है ।अधिक से अधिक लड़कियां स्वामी जी का लन्ड पकडे और मुठ्ठ मारे इसलिए यह कहा गया की जो लड़की स्वामी का महा प्रसाद लेगी उसकी एक साल के अन्दर शादी हो जाएगी या फिर संतान हो जाएगी । अब आप देखिये की लड़कियों की कितनी लम्बी लाईन है ? हां जब कभी किसी को चोदने मन होता है तो चोद लेते है स्वामी जी ।
अब मेरे मन की सारी शंकाएं दूर हो गयी ।
मैंने कहा :- अच्छा पूजा और माला आप दोनों नंगी हो जाईये पहले फिर मुझे नंगा कर दीजिये । मेरा लन्ड पकड़ लीजिये और फिर जी भर लन्ड का इम्तहान लीजिये । दोनों शराब के नशे चूर थी । दोनों बड़ी बेशर्मी से नंगी हो गयी । उनकी बड़ी बड़ी चूंचियां और चूतड देख कर मेरा लौडा टन्ना कर खड़ा हो गया । दोनों ने जसे ही मुझे नंगा किया, मेरा लौडा टन्ना कर खड़ा हो गया । दोनों ने लन्ड एकसाथ पकड़ा और बड़ी देर तक देखती रही ।
पूजा बोली :- हाय रे माला, लगता है की इसका लन्ड स्वामी जी के लन्ड के बराबर है ?
माला ने जबाब दिया :- हां, स्वामी के लन्ड की लम्बाई ९" है और चौड़ाई ५" है । और इसके लन्ड की लम्बाई चौड़ाई इससे कम नहीं होगी ।
पूजा :- तो आज मिला है स्वामी के लन्ड को टक्कर देने वाला लन्ड ? मैं ज़रा इसे चूस लूं चाट लूं फिर बताती हूँ। मुझे तो उस लन्ड से यह लन्ड ज्यादा पसंद आ रहा है ।
माला :- चलो आज हम दोनों खूब चुदवायेंगी पहले फिर स्वामी जी को इस लन्ड के बारे में बताऊंगी । उस दिन मैंने जम कर दोनों को मजे से चोदा ।
चोदने के बाद मैं रात में वहीँ रुक गया । सवेरे जब मेरी नींद खुली तो मेरा लन्ड खड़ा था । सवेरे का लन्ड बड़ा मस्त होता है । मेरे खड़े लन्ड को पूजा ने देख लिया । उसने लपक कर लन्ड पकड़ लिया । अब मेरा लौडा और मस्ता गया । हिनहिनाने लगा जोश में । इतने में नंगी नंगी माला भी आ गयी । उसने भी लौडा सहलाया । अब तो लन्ड टन्ना कर कुतुबमीनार हो गया । माला ने मेरा लन्ड पकड़ा और सीधे स्वामी लंडेश्वर के पास ले गयी । उधर स्वामी का भी लौडा खड़ा था । पूजा ने स्वामी का लन्ड पकड़ लिया और बोली अरे दोनों लन्ड बहन चोद एक जैसे ही दिख रहे है । दोनों की लम्बाई और चौड़ाई एक जैसी लग रही है
माला :- स्वामी जी तेरे लन्ड के बराबर एक लन्ड मिल गया है । देखो तो कितना मस्त है इसका लौडा ?
स्वामी :- हां मैं इसका लन्ड देख रहा हूँ । मैं आज से ही इसको अपने ग्रुप में सामिल करता हूँ। इसका लन्ड भी स्वामी का लन्ड कहलायेगा । इसके लन्ड का वीर्य भी महा प्रसाद के नाम से जाना जायेगा । अभी यहाँ से लड़कियों को दो बार प्रसाद मिलता था लेकिन आज से चार बार मिलेगा । अब जब हमारे लड़कियां नंगी होकर हम दोनों के लन्ड पकडेगीं और सडका मारेंगी तो बड़ा मज़ा आएगा । उसके बाद माला ने स्वामी से चुदवाया और पूजा ने मुझसे । फिर थोड़ी देर में माला ने मेरा लन्ड अपनी चूत में घुसेड़ा और पूजा ने स्वामी का लन्ड ।
मेरे सामिल होने के बाद तो तहलका मच गया ।
उसके बाद मैंने देखा की ह़र रात को एक से एक खूबसूरत लड़कियां/ औरतें हम दोनों का लन्ड पकड़ने आने लगी । मुठ्ठ मारने लगी । रात में होती थी सामूहिक चुदाई । जो लड़कियां दिन में मुठ्ठ मार कर प्रसाद निकालती थी उनमे से अधिक तर रात में आकर हम लोगों से जम कर चुदवाती थी । जितने साले चेले थे सब लौडिया चोदते थे । जितनी चेलियाँ थी सब लन्ड बदल बदल कर चुदवाती थी । इस तरह की ऐय्यास्सी मैं पहली बार देख रहा था । फिर मुझे यह भी मालूम हुआ की यहाँ से लड़कियां चुदवाने के लिए बाहर भेजी जाती है । और चेले बाहर जाकर लड़कियों को औरतों को चोदते थे । दो तीन बार मुझे भी बाहर जाकर ग्रुप में ऐय्यास औरतों को चोदने का मौका मिला । लोग समझ नहीं पाते थे की स्वामी लंडेश्वर वो है की मैं हूँ ?