hotaks444
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सुबह मैं बहुत लेट उठा क्यूकी पूरी रात सोया जो नही था,,माँ की चुदाई ही करता रहा था ,,जब
उठा तो माँ वहाँ नही थी ऑर मेरे बदन पर मेरा बर्म्यूडा ऑर टी-शर्ट थी,,लेकिन मैं तो जब
सोया था नंगा ही था,,,शायद माँ ने मुझे कपड़े पहना दिए थे ताकि कोई मुझे नंगा ना
देख ले यहाँ पर,,,,,,,मैं उठकर बाहर गया ,,बाहर कोई नही था बहुत तेज धूप जो थी,,,सब
लोग शायद चाचा जी के पास होंगे इसलिए मैं भी वहाँ चला गया,,,,वहाँ सब लोग बैठे
बातें कर रहे थे,,,,,तभी माँ मेरे पास आ गई अपनी चेयर से उठकर,,,,,
माँ--उठ गया मेरा बेटा,,,,,,,लगता है रात को नींद ठीक से नही आई तुझे इसलिए इतना लेट उठा है तू,,
तभी मामा एक शहरती मुस्कान के साथ हँसते हुए बोला,,,,,,,,,,,,,,,,,हाँ बेहन मुझे भी ऐसा
ही लगता है शायद रूम मे गर्मी कुछ ज़्यादा ही होगी रात को,,,,इसलिए सन्नी सो नही पाया होगा
रात भर,,,,,,,,,,,,
तभी चाची बोल पड़ी,,,,,,,,,,,मैं तो पहले ही कहती थी लड़का शहर से आया है इसको गाओं मे
रहने की आदत नही,,,बिना एसी के कहाँ नींद आती है शहर वालो को,,,,,आज तो बेटा तू वही सोना
सोनिया के साथ नये वाले घर मे एसी चला कर,,,,,वैसे भी मेरा तो सारी रात सर दर्द होता रहा
एसी की वजह से,,,,,,,सोचा कि एसी बंद कर दूं लेकिन एसी बंद करती तो सोनिया को नींद नही आती,,,,
इसलिए आज तू वहाँ सोना उसी घर मे,,,,,,,,,तभी नींद पूरी होगी तेरी,,,,,,,,,,ऑर मैं यहाँ सोउन्गी
तभी मेरी नींद पूरी होगी,,,,,,
माँ--हां चाची जी आज से ये दूसरे घर मे ही सोएगा एसी लगा कर,,,,,यहाँ नही सोने दूँगी इसको,,,ना
खुद सोता है ऑर ना मुझे सोने देता है,,रात भर करवटें बदल बदल कर मुझे भी नही
सोने देता ,,बहुत परेशान करता है,,माँ ने हंस कर मेरी तरफ देखा ऑर मेरे फॉरहेड पर एक किस
करके बोला,,,,,,,,,,,,जाओ अब फ्रेश हो जाओ मैं कुछ खाने को बना देती हूँ वैसे भी अब तो
तेरे लंच का टाइम हो गया है ,,इतना लेट जो उठा है,,,,,मैने क्लॉक की तरफ देखा तो दंग रह
गया टाइम तो दोपेहर 3 बजे का हो रहा था,,,,
मैं वहाँ से दूसरे घर मे चला गया ,,,,वहाँ देखा तो सोनिया बेड पर लेट कर टीवी देख रही
,,मैने उस से कोई बात नही की सीधा बाथरूम मे चला गया ऑर जल्दी से फ्रेश होके चेंज
करके वहाँ से चला गया,,,
खाना खा ही रहा था तभी एक आदमी अंदर आ गया,,,,वो वही आदमी था जो रेखा के साथ उस दिन
दूध निकाल रहा था ,,,,,,
वो आते ही चाची जी को बोला,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,मालकिन आज रेखा की तबीयत ठीक नही है इसलिए वो सुबह
नही आई ऑर शाम को भी नही आएगी,,,,इसलिए मैं अकेला आया हूँ दूध लेके चला जाउन्गा ऑर
शायद रेखा कल भी नही आए तो कल भी मैं अकेला ही आउन्गा,,,,,इतना बोल कर वो आदमी वहाँ से
चला गया,,,,उसके जाते ही मामा मेरी तरफ देखने लगा ऑर हल्का गुस्सा करने लगा,,,,,
लगता है उसकी तबीयत ज़्यादा ही खराब है,,,,चाची ने माँ को बोला,,,,,
हां चाची जी मुझे भी ऐसा ही लगता है,,,,,माँ ने जवाब दिया,,,,
किसी को उसकी खबर लेने जाना चाहिए,,,चाची ने माँ को बोला,,,
तभी माँ बोली ठीक है चाची जी मैं चली जाती हूँ ऑर उसको अगर कोई चीज़ की ज़रूरत हुई तो
वो भी ला दूँगी उसको,,,,
चाचा चाची के घर कोई कार या मोटर साइकल नही थी
चाची--तू कैसे जाएगी इतनी दूर ,,,,ऐसा कर सन्नी को अपने साथ ले जाओ ,,
तभी माँ के होश उड़ गये,,,,नही नही चाची जी मैं चली जाउन्गी सन्नी को तकलीफ़ क्यू देनी
इतनी सी बात पर,,,,वैसे भी ये रात को ठीक से नही सोया है अब आराम करने देते है इसको,,,,
तभी मामा बोल पड़ा ,,,,,हाँ सरिता इसको आराम करने दो तुमको मैं ले जाता हूँ,,,,मुझे
बड़ा गुस्सा आया मामा पर,,,साला थर्कि जाके मज़ा लेगा अब 2-2 चूत का,,,,,
चाची--ठीक है तुम दोनो चले जाओ,,,,ऑर सन्नी तुम आराम करो जाके बेटा,,,,,,
मैं चाची के सामने कुछ नही बोल पाया ऑर उठके वहाँ से चला गया,,,,,मामा ऑर माँ के
फेस पर हल्की राहत भरी मुस्कान थी,,,,,मैं समझ गया कि साले ये दोनो मुझे वहाँ नही
लेके जाना चाहते थे,,,लेकिन मैं भी इनका बाप हूँ,,,मैं जल्दी से घर गया और जाके कार की
वाइर्स निकाल दी,जिस से कार स्टार्ट होती थी,,,,,,मामा को कार चलानी तो कुछ हद तक आती थी लेकिन
उसके बारे मे कुछ ज़्यादा पता नही था मामा को,,,,,
उस दिन वो लोग नही जा सके क्यूकी कार स्टार्ट नही हुई ,,,लेकिन उन लोगो ने मुझे कार स्टार्ट करने को
या उनके साथ जाने को भी नही बोला,,,,,
साला ये लोग कमिने थे तो मैं भी कामीनेपन मे इनका बाप हूँ,,,,मेरे बिना नही जा सकते
ये लोग रेखा के पास,,,,पता नही ऐसी क्या बात है जो मेरे को बताने से डर रहे है ये लोग,,इसलिए
तो कार जब स्टार्ट नही हुई तो मामा ने एक बार भी मुझे नही बोला कार स्टार्ट करने को,,,,
उस दिन कुछ खास नही हुआ दिन भर भी मैं आराम करता रहा ऑर फिर जब रात हुई तो आराम हराम हो
गया मेरा,,,, रात को खाना ख़ाके मैं सोनिया के साथ वापिस नये वाले घर मे तो आ गया लेकिन सोना पड़ा
मुझे उपर वाले हॉल मे वो भी सोफे पर ,,,,,,इतनी ज़्यादा गर्मी मे बिना एसी के,,,,
अगली सुबह डॉक्टर चाचा जी के चेकप को आया तो उसने बताया कि चाचा जी अब काफ़ी हद तक ठीक है
ऑर उनको वेंट्लेटर की ज़रूरत नही है फिर भी कुछ दिनो तक इस मशीन को यही रहने देते
है क्यूकी तबीयत बिगड़ने मे भी देर नही लगती,,,,
चाची जी ऑर हम लोग भी डॉक्टर की बात से सहमत थे,,,
जब डॉक्टर जाने लगा तो चाची जी उनसे बोली,,,,,,,,,,,,,,डॉक्टर साहिब हमारे घर मे काम करने
वाली एक औरत भी बीमार है,,,,ज़रा आप उसको भी देख लोगे क्या,,,,
जी पुष्पा देवी जी क्यू नही,,,,कॉन है वो औरता,,,, डॉक्टर ने पूछा,,,
वो यहाँ नही है यहाँ से थोड़ा दूर रहती है,,,,,, चाची ने बताया
ठीक है कोई मुझे वहाँ ले चले तो मैं उसको भी देख लूँगा,,,,,, डॉक्टर बोला
तभी चाची ने माँ को बोला कि वो डॉक्टर के साथ उनकी कार मे चली जाए ऑर डॉक्टर को भी उसके
पास ले जाए ऑर खुद भी हाल चाल पता कर आए उसका,,,
माँ के साथ मामा भी तैयार हो गया जाने को ऑर वो दोनो डॉक्टर के साथ चले गये,,,
उनके जाने के 5 मिनट बाद ही मैं भी जल्दी से कार लेके वहाँ से रेखा के घर की तरफ चल
पड़ा,,,,
उठा तो माँ वहाँ नही थी ऑर मेरे बदन पर मेरा बर्म्यूडा ऑर टी-शर्ट थी,,लेकिन मैं तो जब
सोया था नंगा ही था,,,शायद माँ ने मुझे कपड़े पहना दिए थे ताकि कोई मुझे नंगा ना
देख ले यहाँ पर,,,,,,,मैं उठकर बाहर गया ,,बाहर कोई नही था बहुत तेज धूप जो थी,,,सब
लोग शायद चाचा जी के पास होंगे इसलिए मैं भी वहाँ चला गया,,,,वहाँ सब लोग बैठे
बातें कर रहे थे,,,,,तभी माँ मेरे पास आ गई अपनी चेयर से उठकर,,,,,
माँ--उठ गया मेरा बेटा,,,,,,,लगता है रात को नींद ठीक से नही आई तुझे इसलिए इतना लेट उठा है तू,,
तभी मामा एक शहरती मुस्कान के साथ हँसते हुए बोला,,,,,,,,,,,,,,,,,हाँ बेहन मुझे भी ऐसा
ही लगता है शायद रूम मे गर्मी कुछ ज़्यादा ही होगी रात को,,,,इसलिए सन्नी सो नही पाया होगा
रात भर,,,,,,,,,,,,
तभी चाची बोल पड़ी,,,,,,,,,,,मैं तो पहले ही कहती थी लड़का शहर से आया है इसको गाओं मे
रहने की आदत नही,,,बिना एसी के कहाँ नींद आती है शहर वालो को,,,,,आज तो बेटा तू वही सोना
सोनिया के साथ नये वाले घर मे एसी चला कर,,,,,वैसे भी मेरा तो सारी रात सर दर्द होता रहा
एसी की वजह से,,,,,,,सोचा कि एसी बंद कर दूं लेकिन एसी बंद करती तो सोनिया को नींद नही आती,,,,
इसलिए आज तू वहाँ सोना उसी घर मे,,,,,,,,,तभी नींद पूरी होगी तेरी,,,,,,,,,,ऑर मैं यहाँ सोउन्गी
तभी मेरी नींद पूरी होगी,,,,,,
माँ--हां चाची जी आज से ये दूसरे घर मे ही सोएगा एसी लगा कर,,,,,यहाँ नही सोने दूँगी इसको,,,ना
खुद सोता है ऑर ना मुझे सोने देता है,,रात भर करवटें बदल बदल कर मुझे भी नही
सोने देता ,,बहुत परेशान करता है,,माँ ने हंस कर मेरी तरफ देखा ऑर मेरे फॉरहेड पर एक किस
करके बोला,,,,,,,,,,,,जाओ अब फ्रेश हो जाओ मैं कुछ खाने को बना देती हूँ वैसे भी अब तो
तेरे लंच का टाइम हो गया है ,,इतना लेट जो उठा है,,,,,मैने क्लॉक की तरफ देखा तो दंग रह
गया टाइम तो दोपेहर 3 बजे का हो रहा था,,,,
मैं वहाँ से दूसरे घर मे चला गया ,,,,वहाँ देखा तो सोनिया बेड पर लेट कर टीवी देख रही
,,मैने उस से कोई बात नही की सीधा बाथरूम मे चला गया ऑर जल्दी से फ्रेश होके चेंज
करके वहाँ से चला गया,,,
खाना खा ही रहा था तभी एक आदमी अंदर आ गया,,,,वो वही आदमी था जो रेखा के साथ उस दिन
दूध निकाल रहा था ,,,,,,
वो आते ही चाची जी को बोला,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,मालकिन आज रेखा की तबीयत ठीक नही है इसलिए वो सुबह
नही आई ऑर शाम को भी नही आएगी,,,,इसलिए मैं अकेला आया हूँ दूध लेके चला जाउन्गा ऑर
शायद रेखा कल भी नही आए तो कल भी मैं अकेला ही आउन्गा,,,,,इतना बोल कर वो आदमी वहाँ से
चला गया,,,,उसके जाते ही मामा मेरी तरफ देखने लगा ऑर हल्का गुस्सा करने लगा,,,,,
लगता है उसकी तबीयत ज़्यादा ही खराब है,,,,चाची ने माँ को बोला,,,,,
हां चाची जी मुझे भी ऐसा ही लगता है,,,,,माँ ने जवाब दिया,,,,
किसी को उसकी खबर लेने जाना चाहिए,,,चाची ने माँ को बोला,,,
तभी माँ बोली ठीक है चाची जी मैं चली जाती हूँ ऑर उसको अगर कोई चीज़ की ज़रूरत हुई तो
वो भी ला दूँगी उसको,,,,
चाचा चाची के घर कोई कार या मोटर साइकल नही थी
चाची--तू कैसे जाएगी इतनी दूर ,,,,ऐसा कर सन्नी को अपने साथ ले जाओ ,,
तभी माँ के होश उड़ गये,,,,नही नही चाची जी मैं चली जाउन्गी सन्नी को तकलीफ़ क्यू देनी
इतनी सी बात पर,,,,वैसे भी ये रात को ठीक से नही सोया है अब आराम करने देते है इसको,,,,
तभी मामा बोल पड़ा ,,,,,हाँ सरिता इसको आराम करने दो तुमको मैं ले जाता हूँ,,,,मुझे
बड़ा गुस्सा आया मामा पर,,,साला थर्कि जाके मज़ा लेगा अब 2-2 चूत का,,,,,
चाची--ठीक है तुम दोनो चले जाओ,,,,ऑर सन्नी तुम आराम करो जाके बेटा,,,,,,
मैं चाची के सामने कुछ नही बोल पाया ऑर उठके वहाँ से चला गया,,,,,मामा ऑर माँ के
फेस पर हल्की राहत भरी मुस्कान थी,,,,,मैं समझ गया कि साले ये दोनो मुझे वहाँ नही
लेके जाना चाहते थे,,,लेकिन मैं भी इनका बाप हूँ,,,मैं जल्दी से घर गया और जाके कार की
वाइर्स निकाल दी,जिस से कार स्टार्ट होती थी,,,,,,मामा को कार चलानी तो कुछ हद तक आती थी लेकिन
उसके बारे मे कुछ ज़्यादा पता नही था मामा को,,,,,
उस दिन वो लोग नही जा सके क्यूकी कार स्टार्ट नही हुई ,,,लेकिन उन लोगो ने मुझे कार स्टार्ट करने को
या उनके साथ जाने को भी नही बोला,,,,,
साला ये लोग कमिने थे तो मैं भी कामीनेपन मे इनका बाप हूँ,,,,मेरे बिना नही जा सकते
ये लोग रेखा के पास,,,,पता नही ऐसी क्या बात है जो मेरे को बताने से डर रहे है ये लोग,,इसलिए
तो कार जब स्टार्ट नही हुई तो मामा ने एक बार भी मुझे नही बोला कार स्टार्ट करने को,,,,
उस दिन कुछ खास नही हुआ दिन भर भी मैं आराम करता रहा ऑर फिर जब रात हुई तो आराम हराम हो
गया मेरा,,,, रात को खाना ख़ाके मैं सोनिया के साथ वापिस नये वाले घर मे तो आ गया लेकिन सोना पड़ा
मुझे उपर वाले हॉल मे वो भी सोफे पर ,,,,,,इतनी ज़्यादा गर्मी मे बिना एसी के,,,,
अगली सुबह डॉक्टर चाचा जी के चेकप को आया तो उसने बताया कि चाचा जी अब काफ़ी हद तक ठीक है
ऑर उनको वेंट्लेटर की ज़रूरत नही है फिर भी कुछ दिनो तक इस मशीन को यही रहने देते
है क्यूकी तबीयत बिगड़ने मे भी देर नही लगती,,,,
चाची जी ऑर हम लोग भी डॉक्टर की बात से सहमत थे,,,
जब डॉक्टर जाने लगा तो चाची जी उनसे बोली,,,,,,,,,,,,,,डॉक्टर साहिब हमारे घर मे काम करने
वाली एक औरत भी बीमार है,,,,ज़रा आप उसको भी देख लोगे क्या,,,,
जी पुष्पा देवी जी क्यू नही,,,,कॉन है वो औरता,,,, डॉक्टर ने पूछा,,,
वो यहाँ नही है यहाँ से थोड़ा दूर रहती है,,,,,, चाची ने बताया
ठीक है कोई मुझे वहाँ ले चले तो मैं उसको भी देख लूँगा,,,,,, डॉक्टर बोला
तभी चाची ने माँ को बोला कि वो डॉक्टर के साथ उनकी कार मे चली जाए ऑर डॉक्टर को भी उसके
पास ले जाए ऑर खुद भी हाल चाल पता कर आए उसका,,,
माँ के साथ मामा भी तैयार हो गया जाने को ऑर वो दोनो डॉक्टर के साथ चले गये,,,
उनके जाने के 5 मिनट बाद ही मैं भी जल्दी से कार लेके वहाँ से रेखा के घर की तरफ चल
पड़ा,,,,