Hindi Porn Story कहीं वो सब सपना तो नही - Page 18 - SexBaba
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Hindi Porn Story कहीं वो सब सपना तो नही

उस रात खाना खाने के बाद मैने माँ को बोला,,,,,,,,,,,,,,,माँ मुझे आज यहीं सोना है 
कल रात उस घर मे नींद नही आई,,,,मेरे इतना बोलते ही सोनिया फिर से मुझे घूर्ने लगी

माँ--लेकिन बेटा इस घर मे एसी नही है ऑर तुझे एसी के बिना नींद नही आनी,,,,,,,,,

मैं--नही माँ मैं सो जाउन्गा बिने एसी के ,,,,,आप ऐसा करो सोनिया के साथ सो जाओ जाके ऑर मैं मामा
के साथ आपके वाले रूम मे सो जाता हूँ,,,,,,,,वैसे भी यहाँ गर्मी बहुत कम है गाँव मे,,,
फॅन चला कर ही सो जाउन्गा मैं,,,,,सोनिया कंटिन्यू मुझे घूर रही थी,,,,,,,,

माँ--लेकिन बेटा तू समझता क्यूँ नही ,,,माँ ने मुझे मामा की तरफ इशारा करते हुए बोला,,,,

मैं समझ गया कि माँ रात को मामा से चुदवाती होगी तभी इस घर मे सोना चाची थी,,,

मैं--माँ आप जाओ ना प्लज़्ज़्ज़ ,,,,,मैं यही सोना चाहता हूँ,,,,,,,,

माँ ने मेरी बात मान ली ऑर सोनिया के साथ चली गई जबकि मैं माँ के रूम मे मामा के साथ 
सो गया,,,,,,,,,,,,,,,

मामा--अरे क्या किया बेटा तुझे पता है मुझे रात को नींद नही आती जब तक तेरी माँ को नही चोद
लेता एक बार ऑर ना ही उसको नींद आती है लंड लिए बिना,,,,,,सारा काम खराब कर दिया तूने,,

मैने मन ही मन बोला साले कमिने तुझे मेरी माँ की चुदाई की फ़िक्र है ऑर अगर मैं उस
घर मे सोने चला जाता तो मेरी माँ तो वैसे भी चुद जानी थी सोनिया के हाथों से,,,,

मैने कोई जवाब नही दिया ऑर चुप चाप सो गया,,,,वैसे भी ये घर बहुत खुला था ऑर
इसके रूम भी बड़े बड़े थे जिस से गर्मी का बिल्कुल भी एहसास नही हुआ ऑर अच्छी नींद आई
मुझे,,,,,,सुबह 5 बजे आँख खुली तो देखा मामा वहाँ नही था मैं समझ गया कि मामा 
फिर से रेखा की चुदाई करने गया होगा इसलिए मैं भी जल्दी से उठा ऑर उसी जगह चला गया
लेकिन वहाँ कोई नही था ,,,,रेखा तो अंदर थी ऑर भैंसो को चारा डाल रही थी,,,

क्या हुआ सन्नी किसको ढूंड रहा है,,,,,,,रेखा ने मुझसे पूछा,,,,

मैं--मैं मामा को ढूँढ रहा था सोचा कि अब भी वो यहीं होगा ,,,,,

रेखा--नही वो यहाँ नही है नये घर मे है,,,,किसी ऑर के साथ,,,,,आज मेरी चूत मारने को दिल नही किया
उसका इसलिए नये घर मे किसी ऑर की मार राह है,,,,,इतना बोलकर वो हँसने लगी,,

मैने सोचा नये घर मे तो माँ है,,कहीं मामा माँ को तो नही चोद रहा,,,,ऑर इसको कैसे 
पता मामा ऑर माँ के बारे मे मैने उस से कोई बात नही की ऑर जल्दी से नये घर की तरफ
चल पड़ा मैं वापिस पलट कर उसको देख रहा था वो अब भी हंस रही थी,,,,,

मैने गेट खोला ऑर अंदर चला गया ,,जैसे मैं अंदर गया मैने देखा कि माँ ऑर मामा 
छत से नीचे आ रहे थे मुझे देख कर मामा हँसने लगा,,,,,,,तू लेट हो गया भानजे हम
लोगो का काम पूरा हो गया,,,,तभी माँ मेरे पास आई ऑर मुझे गले लगा लिया,,,,रात को तूने
मुझे प्यासे ही सुला दिया इसलिए सुबह सुबह ही तेरे मामा ने मेरी रात की प्यास भुजा दी इतना
बोल कर माँ ने मुझे किस किया ऑर वहाँ से चली गई उसके साथ मामा भी चला गया,,,,,,,

मुझे इस बात की हैरत नही थी कि मामा ऑर मा ने सुबह सुबह चुदाई करली बल्कि हैरत
इस बता की थी कि माँ ऑर मामा के बारे मे रेखा को कैसे पता,,,,,कहीं मामा ने उसको सब 
कुछ बता तो नही दिया है,,,

मैं वापिस रेखा के पास चला गया देखा कि वो दूध निकाल रही थी ,,,,तभी एक आदमी भी
वहाँ आ गया एक ज़ीप लेके उसके पास बहुत सारे दूध वाले कॅन थे,,,,वो भी रेखा की हेल्प
करने लगा दूध को उन कॅन्स मे भरने के लिए,,,,मुझे लगा कि अब बात करने का ठीक टाइम
नही है तो मैं वहाँ से चला गया,,,,,,,,,,,


दोपेहर मे हम लोग बैठे बातें कर रहे थे सभी लोग थे चाचा जी के रूम मे तभी
रेखा वहाँ आ गई,,,,,,,,,,,,

क्या काम है रेखा ,,,चाची ने उसको पूछा,,,,,,,

रेखा-मालकिन ये पैसे वो दूध वाला मनोहर देके गया है ,,,इस महीने का हिसाब है,,,,,,

वो बंदा जो सुबह रेखा के साथ था वो चाचा जी से दूध लेके शहर मे बेचने जाता था
अब सारा दूध घर मे तो नही लग सकता था ,,,,,वो महीने के महीने हिसाब करता था आज
वो हिसाब करके गया था रेखा वही पैसे देने आई थी,,,,,उसने पैसे दिए ऑर वहीं खड़ी रही,,,

कोई ऑर काम भी है क्या रेखा,,,,चाची ने पूछा,,,,,

रेखा--जी मालकिन,,,,,वो चारे वाली मशीन की मोटर खराब हो गई थी,,,मैने सुरिंदर को बोल कर वो
मोटर उतरवा दी थी लेकिन अब ठीक कराने के लिए शहर जाना पड़ेगा ,,,,अगर कोई चलता तो
 
मुझे बड़ा अजीब लगा उसने मामा को सुरिंदर बोला था जबकि माँ को ओर चाची को वो मालकिन
बोलती थी,,,,,,,,,,

तभी मामा बोल पड़ा,,,,,,,,,,,,,हाँ हाँ ये सन्नी है ना इसको ले जाओ ऑर मोटर ठीक करवा लाओ,,
इसके पास कार है तुम लोग जल्दी चले जाओगे तो जल्दी वापिस भी आ जाओगे इसलिए अभी चले जाओ 
सुबह चारा काटने मे मुश्किल होगी,,,,मामा ने तो जैसे अपना फैंसला सुना दिया था,,,,,

तभी चाचा जो बोल पड़े,,,,,,,,जाओ सन्नी बेटा तुम रेखा के साथ जाओ ऑर मोटर ठीक करवा लाओ
वर्ना सुबह मुश्किल होगी,,इसी बहाने थोड़ा घूम फिर भी लेना,,,,

मैने कोई बात नही की ओर रेखा के साथ चल पड़ा,,,,,,,मैने कार स्टार्ट की ऑर वो भाग कर मोटर
लेके आ गई ऑर हम लोग वहाँ से चल पड़े ,,,टाइम कोई 1 या 1:30 बजे का था ऑर गर्मी भी थी 
लेकिन कार मे एसी ऑन था,,,,,

मैं--किस तरफ जाना है मुझे रास्ता बता देना,,,,,,,,

रेखा--रास्ता तो बात दूँगी लेकिन चलना खुद पड़ेगा,,,,,,,उसने हसके मेरी बात का जवाब दिया,,,
लेकिन मैं कुछ समझा नही,,,,,,,,

वो रास्ता बताने लगी ऑर मैं ड्राइव करता रहा,,,गाँव की सड़कें बहुत खराब थी बार बार कोई
ना कोई खड्‍डा आ जाता था ऑर जब भी खड्‍डा आता मेरा ध्यान रेखा की तरफ चला जाता क्यूकी
उसने घाघरा ऑर ब्लाउस पहना हुआ था,,,उसपे ना कोई साड़ी थी ऑर ना ही दुपपत्ता,,,,उसके बड़े
बड़े बूब्स जो कम से कम 40 के थे या उस से भी बड़े,,,वो बार बार खड्‍डा आने से उछल 
रहे थे,,उसने भी मुझे उसको बूब्स की तरफ घूरते देख लिया लेकिन कुछ कहा नही बस
हँसने लगी थी,,,,,

करीब 15-20 मिनट बाद यानी 5 किलोमीटर बाद उसने एक पुराने घर के सामने मुझे
रुकने को बोला,,,,,,,उस घर के पास कोई घर नही था ,,वैसे भी इतने रास्ते मे मैने मुश्किल
से कोई 20 घर ही देखे थे,,,,,ये गाँव बहुत बड़ा था लेकिन लोग बहुत कम थे,,,एक घर से
दूसरा घर करीब 300-400 मीटर दूर था,,,,,,,

रेखा--बस यहीं रोक दो कार सन्नी,,,,,,,,,,

मैने कार रोकी,,,,,,,,,,,,,,लेकिन हमे तो शहर जाना था यहाँक्यू रोका तुमने,,,,,,,,,,,,,,

रेखा--शहर जाने की ज़रूरत नही मोटर ठीक करने वाला यही आएगा कुछ
देर मे,,,,वो हँसने लगी ऑर मोटर को कार मे ही छोड़ कर खुद उतर कर घर मे चली गई ऑर
मैं भी उसके पीछे चला गया फिर उसने घर का दरवाजा बंद कर दिया ऑर मुझे उसके
पीछे चलने का इशारा किया ऑर मैं भी उसके पीछे चल दिया वो आगे चल रही थी जबकि मैं 
पीछे से उसकी मटकती गान्ड को देखते हुए चल रहा था वो अपने घर के पीछे वाले दरवाजे
से बाहर निकली ऑर खेतों की बीच चलने लगी,,,,,,,,

मैं--ये कहाँ लेके जा रही हो मुझे,,,,,

रेखा--जन्नत की तरफ ,,बोलो मत बस मेरे पीछे आते रहो,,,,उसने हसके मुझे देखा ऑर मेरी
बात का जवाब देके फिर से गान्ड को मटकाते हुए आगे चलने लगी,,

कुछ कदम चलके हम खेतो के बीच-ओ- बीच एक पेड़ के नीचे पहुँच गये जो बहुत
बड़ा था,,,,वो जल्दी से पेड़ के नीचे बैठ गई ऑर मुझे भी वहीं आके बैठने को बोला,,,,

यहाँ क्यू लेके आई हो मुझे,,,,,,,,,,मैने फिर से उसको पूछा,,,,

रेखा--तू सवाल बहुत करता है तेरा मामा तो चुप चाप आ जाता है यहाँ ऑर वो भी आता था पहले,,

मैं--वो ,,वो कॉन,,,,,,

रेखा--तेरा भाई विशाल,,,,,,,,,,,यहीं आके मस्त चुदाई करते थे दोनो मिलकर ,,तेरा मामा तेरी माँ की
ऑर विशाल मेरी,,,,,इतना बोलकर वो फिर से हँसने लगी,,,,,ऑर मुझे हाथ पकड़ कर नीचे ज़मीन
पर लेटा दिया,,,,

मैं नीचे लेट तो गया लेकिन हैरान रह गया ,,,,,,तुम ये क्या बोल रही हो ,,मेरे मामा ऑर माँ
के बारे मे ऑर विशाल कब आया था यहाँ,,,,,,,,

रेखा--मैं सब जानती हूँ सन्नी तेरे मामा माँ ऑर विशाल के बारे मे,,,,,तूने लगता है मुझे
पहचाना नही,,,,,,,,,

मैने हैरान होके उसकी तरफ देखा ऑर फिर से पूछा,,क्या बोल रही हो तुम मैं कुछ समझ नही
पा रहा,,,ऑर तुमको पहचान लिया है मैने तुम रेखा हो चाचा जी के घर काम करती हो

रेखा--हां ये तो ठीक है लेकिन तुमको पता है मैं कॉन हूँ,,,,,,उसने हँसते हुए बोला

मैं परेशान हो गया कि ये बोल क्या रही है,,,,,इस से पहले कि मैं कोई ओर सवाल करता उसने 
मेरे लंड को पयज़ामे से बाहर निकाल लिया ऑर सर झुका कर मेरे लंड को मुँह मे भर लिया

रेखा--अब ज़्यादा परेशान मत हो ,,ऑर मेरे बारे मे अपनी माँ से पूछना,,,,बाप से ,,,या फिर गीता
से,,,,,,,,,,,,,

मैं कुछ नही समझ पा रहा था ऑर उपर से उसने लंड को इतने प्यार से चूसना शुरू कर 
दिया कि मस्ती मे दिमाग़ ने काम करना ही बंद कर दिया,,, ऑर मैं मस्ती मे डूबता चला 
गया ऑर मुझे उन बातों की भी कोई फिकर नही थी जो अभी कुछ देर पहले बोल रही थी वो,,,

आख़िर कॉन थी वो,,,,जो मेरी माँ ऑर मामा के बारे मे सब जानती थी,,,ऑर विशाल भाई के साथ भी
चुदाई कर चुकी थी,,वो भी माँ ऑर मामा के साथ मिलकर,,,,,इन्ही बातों ने मुझे परेशान
कर दिया था,,,,,,लेकिन अब मैं मस्ती मे खो चुका था ऑर लंड चुसाई का मज़ा लेने लगा
था,,,,,,,,,,,
 
मैं पैड के नीचे लेट गया था मेरा पयज़ामा घुटनो तक उतरा हुआ था ऑर रेखा मेरे पास
बैठ कर सर को झुका कर मेरे लंड को मुँह मे लेके चूस रही थी,,,,,

रेखा--तुम साले सब लोगो का लंड इतना बड़ा क्यूँ है,,,,,,,तेरे मामा का भी ऑर विशाल का भी ,,लेकिन
तेरा वाला तो सबसे बड़ा है ऑर मोटा भी,,,,,,उस दिन चूसा था तो मुँह मे भी नही आ रहा
था लेकिन मलाई ख़ाके बड़ा मज़ा आया था मुझे,,,,,तब टाइम नही था लेकिन अब तो टाइम ही 
टाइम है अब निचोड़ूँगी तुझे ऑर लूँगी इस मूसल को चूत ऑर गान्ड मे,,,,तब जाके चैन
मिलना है मुझे ,,,,कल से चूत पानी पानी हो रही है जबसे तेरे लंड को मुँह मे लिया है चैन
नही मुझे ऑर मेरी चूत को,,,,

वो एक हाथ से मेरे लंड को उपर नीचे कर रही थी ऑर साथ ही
अपने सर को भी उपर नीचे कर रही थी ऑर मेरे लंड को मुँह मे पूरा घुसा रही थी मेरे 
लंड की टोपी उसके गले के अंदर तक जा रही थी ऑर उसके मुँह से थूक निकाल कर मेरी बॉल्स पर
गिरने लगा था वो मेरी बॉल्स पर अपने हाथ से थूक मल रही थी ऑर बॉल्स को भी सहला रही थी
मैं तो मस्ती मे लेटा हुआ था ऑर मज़ा ले रहा था लंड चुसाइ का ,,,वो कभी लंड को मुँह 
मे लेके चूसने लग जाती थी कभी दोनो हाथों पर थूक कर लंड को हाथों मे लेके मूठ
मारने लग जाती ऑर कभी मेरी बॉल्स को मुँह मे भर कर चूसने लग जाती,,,वो करीब 15-20 मिनट
से ऐसे कर रही थी,,,,,,,

रेखा--हे राम इतना टाइम लगता है तेरा पानी निकलने मे,,,,मुझे तो सोच सोच
कर ही खुशी होने लगी है कि जब तू चुदाई करेगा तो कितना मज़ा देगा मुझे एक बार बस 
तेरा लंड चूस कर तेरी मलाई खा लूँ फिर तो दूसरी बार चुदाई करते टाइम तेरा पानी निकलने
मे ऑर भी ज़्यादा टाइम लगेगा ऑर चुदाई का पूरा मज़ा आएगा 

वो फिर से पागलो की तरह लंड पर
टूट पड़ी ऑर मेरी टाँगो को खोल कर मेरी टाँगों के बीच मे बैठ गई ऑर लंड को फिर
से मुँह मे भर लिया ऑर अपने दोनो हाथों से मेरी टी शर्ट को उपर करके मेरी निपल्स को अपने
हाथों से सहलाने लगी ओह कितना मज़ा आ रह था मुझे बता नही सकता मैं,,,,वो लंड
पर अपने सर को पूरा नीचे तक करती मेरी बॉल्स उसके लिप्स पर लगने लग जाती थी फिर वो ऐसे ही
कुछ पल लंड को मुँह मे गले से नीचे तक लेके जाती ऑर अपने मुँह को वहीं रोके रखती कुछ
देर के लिए इसी बीच वो मेरी छोटी छोटी नीप्पल की घुंडीयों को उंगलियों मे लेके दबाने लग
जाती ऑर मुँह को पीछे करके मुँह मे जमा थूक को लंड पर उगल देती ऑर फिर से लंड को मुँह
मे भर लेती ,,,,

मेरी सिसकियाँ निकलने लगी थी वो समझ गई कि मेरा पानी निकलने वाला है तो
उसने अपने हाथों को मेरी निपल से उठा लिया ऑर एक हाथ से बॉल्स को सहलाते हुए एक हाथ से तेज़ी
से लंड की मूठ मारने लगी ऑर लंड की टोपी पर अपने लिप्स को गोल गोल घुमाने लगी ऑर ज़ुबान से
भी मेरे लंड की टोपी को चाटने लगी कुछ 2 मिनट ऐसा करने से ही मेरे लंड ने पिचकारी 
मारना शुरू कर दिया ऑर उसने लंड को मुँह मे भर लिया जब तक मेरे लंड ने सारा पानी उसके
मुँह मे नही निकाल दिया ऑर उसने भी सारा पानी नही पी लिया उसने मेरे लंड को मुँह से नही
निकाला ऑर फिर भी लंड को मुँह मे लेके चुस्ती रही फिर अच्छी तरह लंड को चाट कर सॉफ कर
दिया ऑर अपने लिप्स से जो मेरा स्पर्म बाहर निकाला था उसको भी अपनी ज़ुबान से चाट लिया ऑर मेरी
बगल मे लेट गई,,,,,,

रेखा--कैसा लगा सन्नी मज़ा आया या नही,,,,,,,,मैने उसकी तरफ देखा तो उसने मुझे आँख मार दी

मैने भी हंस कर बोला,,,,,,बहुत अच्छा लगा ऑर बहुत मज़ा आया,,,,,,,

क्या तेरी माँ भी इतना मज़े से चुस्ती है,,,,,,,उसने हँसते हुए पूछा,,,,,,

मैने भी जबाव दिया ,,,,,,,,,नही वो इतनी मस्ती से नही चुस्ती जितनी मस्ती से तूने चूसा है
लेकिन एक बात बता तुझे ये सब कैसे पता ,,,,,,ऑर माँ मामा ऑर विशाल तेरे साथ कब्से ये सब

उसने मुझे बीच मे ही चुप करवा दिया,,,,,,,,,,,सन्नी मैं जानती हूँ तेरे मन मे बहुत 
सारे सवाल है जितने जवाब तुझे चाहिए लेकिन मैं सही इंसान नही जो तुझे तेरे सारे सवालो
के जवाब दे सकूँ,,वो सही इंसान तेरी माँ है वही तुझे सब बता सकती है ,,मेरे बारे मे 
ऑर गीता के बारे मे,,,,,हो सके तो अपने बाप के बारे मे भी पूछ लेना,,,,,,

मैं फिर से टेन्षन लेने लगा,,,,,,,

रेखा--तू परेशान मत हो इतना,,ऑर मज़ा कर मेरे साथ,,,,,,,

एक तो मैं उसकी बातों से परेशान था उसपर से वो दोपेहर की रोशनी मे खेतो के बीच मेरे
साथ ऐसे लेटी हुई थी मेरी डर के मारे गान्ड फटी हुई थी कहीं कोई आ जाता तो क्या होता,,,,

रेखा--क्या सोच रहा है सन्नी,,,,,,,,,,,,,

सन्नी--यही सोच रहा हूँ कि तू दिन के टाइम मुझे यहाँ लेके आ गई है कोई आ गया तो क्या होगा,,

रेखा--यहाँ कोई नही आता सन्नी तू चाहे जितनी देर मर्ज़ी ऐसे नंगा लेटा रहे,,,,ये जगह किसी को नही
पता कुछ खास लोगो के अलावा ऑर उन खास लोगो को तू अच्छी तरह जानता है,,,,,,उसका इशारा माँ
ऑर मामा की तरफ था,,,,,,वैसे भी इस गाओं मे बहुत कम लोग है सन्नी कोई यहाँ नही आ 
सकता कभी तू परेशान मत हो ओर मज़ा कर ऑर मुझे भी मज़ा दे,,,,
 
इतना बोलते ही उसने मेरे लिप्स को अपने लिप्स मे जकड लिया ऑर किस करने लगी मैने भी ठीक से उसकी
तरफ करवट ली ऑर किस करने मे उसका साथ देने लगा,,,,हम दोनो खेतो मे घास के उपर एक
दूसरे की तरफ फेस करके लेटे हुए थे ऑर किस कर रहे थे वो भी एक मस्त अंदाज़ से,,मैने
हाथ उसकी गान्ड पर रखा ऑर अपने करीब कर लिया ऑर हाथ को उसकी गान्ड से फेरता हुआ उसकी
मोटी कमर से फेरते हुए उसके पीठ पर ले गया ऑर उसकी पीठ को सहलाने लगा इधर उसने 
मेरे लंड को हाथ मे पकड़ लिया ऑर सहलाना शुरू कर दिया मैने भी हाथ को उसकी पीठ पर
हर तरफ अच्छी तरह घुमाना चालू कर दिया ऑर फिट पीछे से उसके ब्लाउस के बटन खोलने 
शुरू कर दिए ऑर ब्लाउस खुलते ही उसकी नंगी पीठ पर हर तरफ हाथ घुमाता रहा वे मेरे
से एक दम चिपकी हुई थी ऑर उसके बड़े बड़े बूब्स मेरी छाती से दबे हुए थे तभी वो उठ
कर बैठ गई ऑर अपने हाथों से अपने ब्लाउस को उतारकर साइड मे रख दिया उसका ब्लाउस उतरते 
ही मैं उसके बड़े बड़े बूब्स को आँखें फाड़ फाड़ कर देखने लगा वो साले इतने बड़े 
थे कि मेरा सर भी उनके सामने छोटा लग रहा था अब तक तो मैने माँ के ही बड़े बूब
देखे थे लेकिन ये तो माँ से भी कहीं बड़े थे,,,,,,,,,,,

रेखा--ऐसे क्या घूर रहा है मेरे बूब्स को,,,,,,,,शरमा मत ये तेरे है आज से जितना मर्ज़ी मसल
ऑर जितना मर्ज़ी चूस इनको 

उसके इतना बोलने की देर थी कि मैं भी जल्दी से उठकर बैठ गया ऑर
उसके बड़े बड़े बूब्स को अपने हाथों मे ले लिया,,,,,साला एक हाथ मे एक बूब तो दूर की बात
थी मेरे तो दोनो हाथों मे एक बूब पूरा नही आ रहा था,,,,,,,

रेखा--क्यू मस्त है ना मेरे बड़े बड़े बूब्स ,,,,,तेरी माँ के भी इतने बड़े नही है,,,,,ऑर होने भी 
कैसे थे,,तेरा बाप तो मसलता नही था उनको जितना भी मसला सुरिंदर ने ही मसला है वो
बोलके हँसने लगी 

लेकिन मुझे कोई परवाह नही थी अब उसकी बातों की मेरा तो पूरा ध्यान अब
उसके बड़े बड़े बूब्स की तरफ था तभी उसने मेरा सर पकड़ा ऑर अपने बूब की तरफ खींच
लिया ऑर एक ही पल मे उसका एक बूब मेरे मुँह मे था ,,,,बूब क्या बस उसके बूब की घुंडी ही
मेरे मुँह मे थी वो भी काले रंग की इतनी बड़ी थी कि उसकी डुँड़ी का मुक़ाबला मैं सोनिया के अभी
छाती से निकले बूब्स से कर सकता था,,,,जितने सोनिया के बूब्स थे उतनी तो इसके बूब्स की घुंडिया
थी ,,,,मैं पागलो की तरह उसके बूब को चूसने ऑर काटने लगा ऑर दूसरे को अपने हाथ मे लेके
मसल्ने लगा लेकिन वो कहाँ आ रहा था मेरे हाथ मे फिर भी मैं पूरा हाथ खोलकर
अपनी फिंगर्स को भी पूरा खोल कर हाथ को फेला कर उसके ज़्यादा से ज़्यादा बूब को हाथ मे लेने
की कोशिश कर रहा था,,,,,,तभी उसने मेरी पीठ पर हाथ रखे ऑर मेरी टी-शर्ट को उपर उठाने
लगी लेकिन मैं उसके बूब्स से दूर नही हो रहा था तो उसने एक पल के लिए मुझे दूर करने
की कोशिश की ताकि वो मेरी टी-शर्ट उतार सके मैं बूब्स के लिए इतना पागल हो गया था कि खुद ही
जल्दी से पीछे होके एक ही पल मे अपने हाथों से अपनी टी-शर्ट निकाल दी ऑर वापिस उसके बूब्स पर
टूट पड़ा,,,,,,,,,,

रेखा--क्या रे तू तो मेरे से भी ज़्यादा जल्दी मे लग रहा है ,,,लगता है कुछ ज़्यादा ही
अच्छी लगने लगी हूँ मैं तेरे को,,,,,वो हँसने लगी ऑर मेरी पीठ पर हाथ फेरने लगी ऑर कुछ
ही पलों मे वो वापिस लौटने लगी ऑर मेरी पीठ पर हाथ रखके मुझे भी अपने उपर खींचती 
हुई घास पर लेट गई ऑर मैं उसके उपर चढ़ गया ऑर वैसे ही पागलपन भरे अंदाज़ से
उसके बूब्स को चूसने ऑर काटने लगा साथ ही पूरे हाथ को खोल कर ज़्यादा से ज़्यादा बूब को 
हाथ मे लेके ज़ोर ज़ोर से मसल्ने लगा वो भी पूरे जोश मे मेरी पीठ पर हाथ घुमा रही 
थी,,,,तभी मैने उसके बूब से अपना हाथ उठा लिया ऑर उसके पेट से नीचे हाथ फेरता हुआ
उसकी चूत तक ले गया जैसे ही मेरा हाथ उसके बूब से हटा उसने खुद अपने एक हाथ को मेरी
पीठ से हटा लिया ऑर अपने हाथ से अपने बूब को ज़ोर से मसल्ने लगी ,,मेरे से भी कहीं ज़्यादा 
ज़ोर से ऑर दूसरे हाथ से मेरे सर को कस्के अपने बूब पर दबाने लगी,,,,,,मैने भी उसके लहंगे
नुमा पेटिकोट को अपने हाथों से पकड़ कर उपर उठाना शुरू कर दिया इतने मे उसने अपनी 
दोनो टाँगो को घुटनो से मोड़ कर उपर उठा लिया जिस से पेटिकोट सीधा उसकी चूत के पास 
आके इकट्ठा हो गया ,,,,,उसको साली को मेरे से भी ज़्यादा आग लगी हुई थी तभी तो मेरे से पहले
ही खुद उसने पेटिकोट को उपर उठा दिया था ,,लेकिन मुझे क्या था मैं तो खुद बावला हो गया
था उसकी इस हरकत से ऑर जल्दी ही उसके पेटिकोट के उपर होते ही मेरा हाथ उसकी चूत पर चला गया
था उसने नीचे कुछ नही पहना हुआ था ऑर मेरा हाथ पल भर मे उसकी नंगी चूत पर था
 
जो काफ़ी पानी बहा चुकी थी ,,,मैने हाथ से उसकी चूत को सहलाना शुरू किया ऑर उंगलियों को
उसकी चूत की लाइन पर उपर नीचे करने लगा लेकिन तभी मेरी उंगलियाँ फिसल कर उसकी चूत के
अंदर घुस गई ऑर मैने भी उंगलियों को एक ही पल मे तेज़ी से चूत मे पेलना शुरू कर दिया
उसकी चूत बहुत खुली थी पता नही कितने लंड निगल चुकी होगी अब तक,,,,

चूत मे उंगली करने से वो मस्त हो गई लेकिन उसको कुछ ऑर ही मंजूर था उसने मेरे चेहरे
को बूब से हटा दिया ऑर मेरे सर को पकड़ कर अपनी चूत की तरफ नीचे धकेल दिया मैं भी
उसका इशारा समझ गया ऑर जल्दी से उसकी टाँगों के बीच जाके बैठ गया ,,,मैने उसकी चूत को
देखा जो डार्क ब्राउन थी लेकिन उसके बड़े बड़े लिप्स जो चूत का चमड़ा होता है वो बिल्कुल काले
थे ऑर बहुत ज़्यादा लटके हुए थे उसकी चूत नही भोसड़ा था जो किसी बड़ी भेंस के भोस्डे 
जितनी खुली हुई थी ,,लेकिन फिर भी मैं पागल हो गया था उसकी चूत देख कर ऑर जैसे ही मैने
उसकी चूत एक चमड़े को हाथ से दोनो तरफ करके चूत को खोला तो अंदर वाला गुलाबी हिस्सा
देख कर ऑर भी ज़्यादा पागल हो गया ऑर कोई देर किए बिना ही अपने मुँह को उसकी चूत पर रख
दिया ऑर एक ही पल मे उसकी चूत ऑर चूत के दोनो लिप्स को मुँह मे भर लिया उसकी चूत काफ़ी पानी
छोड़ चुकी थी जिसको मैने मुँह मे लेके पीना ऑर अपनी ज़ुबान से चाटना शुरू कर दिया उसने
भी अपने दोनो हाथों से मेरे सर को चूत पर दबा दिया ,,,,,,,,,,,आआहह तततुउुउउ
त्त्तूऊ ब्बाददाअ त्तीएज्ज्ज्ज हहाइईइ ररीई त्त्ीररीइ माआ न्नईए त्तहिईििकक हहिईीई ब्बूल्ला
तहाअ कच्छूत्टीीई उउम्माररर म्मी प्पाक्का क्क्िल्लाददीई ब्बांन गग्यया हहाइईइ ऊओरर
आपपन्ंनईए म्माम्मा ऊरर ब्बाप्प्प सससी ब्बाद्दा हहत्तहिीियय्यारर ल्ल्लीक्क्क्क्ीई
ग्घहूऊंम र्राहहाअ हहाइईइ,,,,,आज्ज्जज्ज त्तूओ प्प्प्ूउर्रा ंमाज्जा ल्लुउन्नगगीइइ त्तीररीए
ससी ऊओररर प्प्प्ूउर्रा ंमाज़्ज़जा द्दुउन्नगगीइ त्तीररी ककूऊ,,,,,,,,,,,,ब्बाअस्स्स एस्स्सीयी हहिि
म्मास्स्त्तिईइ म्मईए म्मीरीइ प्प्पुउर्रीइ कच्छूत्त क्कूव म्मूउउहह म्मईए बभ्ाअररक्की
कच्छुउस्स्टता ररीएहह आअहह उूुउऊहह हमम्म्मममम
उसकी सिसकियों से मस्ती ज़्यादा हुई तो मैने भी ऑर ज्याद पागलपन से चूत को चूसना शुरू कर
दिया ऑर वो सिसकियाँ लेती हुई मेरे सर को दोनो हाथों से अपनी चूत पर दबाने लगी लेकिन उसकी
सिसकियाँ ज़्यादा देर नही चली ऑर कुछ ही पल मे उसकी चूत ने भी पानी छोड़ दिया जिसको मैं
सारा का सारा पी गया,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,हहययईए र्राांम क्कीिट्त्न्नाअ त्तीज्ज्ज हहाइईइ त्तूओ ईकककक
ब्बूओंनदडड़ बभिि ज्जायया न्नाहहीी हहूननी दडिईइ ,,,मान ग्ग्य्यी त्तीररी कककूऊ
ब्बाअस्स 5 ममिंनुउठती म्मी हहिि चूवस्स क्कार्र प्पान्नीईिइ ननीककाल्ल ददिईयया म्मेररा
ईट्त्न्ना ज्जाल्लददिई त्तूओ ससूउर्रणनीयददीर्रर बभीी न्नाहहीी पान्नीी नीककाल स्साकका मीरीईई
चूऊऊत कककाा,,,,,,ततुउउ त्तूओ ससूउर्रीन्न्ड्दी र्र सससी बहिि 10 कड्दांम आग्गी हहाई


उसकी साँसे तेज थी ऑर वो उनपे क़ाबू पाने की कोशिश करती हुई साइड मे पड़े अपने ब्लाउस से 
अपने माथे से पसीना पोछने लगी लेकिन मैने उसकी चूत से मुँह नही हटाया ऑर ऐसे ही 
चूस्ता रहा 

,,,,ऊरर क्कीितता च्छुउस्सीग्गा एब्ब तूओ म्मूस्साल्ल ग्घुउस्सा डदीए ऊऊरर
न्ना त्टाद्डप्पा म्मीररी ककूऊ,,,,,,,,,,

,मैने भी उसकी बात सुनी ऑर खड़ा होके पयज़ामा 
निकाल दिया ऑर इतने मे उसने भी पेटिकोट निकाल कर साइड पे रख दिया ऑर वापिस लेट गई ऑर मैं 
भी जल्दी से उसके उपर चढ़ गया ऑर लंड को हाथ मे लेके उसकी चूत पर रखा ऑर एक ही झटके 
मे पूरा लंड घुसा दिया उसकी चूत मे तभी वो एक दम से उछल पड़ी ऑर चीखने लगी
लेकिन खुद ही अपनी चीख को रोकने के लिए उसने अपने ब्लाउस को अपने मुँह मे भर लिया ऑर
दबी दबी चीखे मारते हुए सिसकियाँ लेने लगी,,,,,,साला इतनी खुली चूत फिर भी चिल्ला रही
है रंडी साली,,,,,आज तू मुझे क्या निचोड़ेगी मैं निचोड़ूँगा तुझे चूत का भोसड़ा बना
दूँगा ऑर गान्ड का भी अच्छी तरह बाजा बजा दूँगा ,,,,,


लंड चूत मे एक ही झटके मे पूरा घुसा घुसा कर मैने तेज़ी से उसकी चूत को चोदना शुरू
कर दिया ऑर सर को नीचे करके एक बूब को मुँह मे भरके चूसने लगा ऑर दूसरे को हाथ मे
लेके मसल्ने लगा,,,,,

तभी कुछ देर बाद उसने मुँह से ब्लाउस निकाला ऑर सिसकियाँ लेते हुए मेरे
सर को हाथों से सहलाने लगी साथ ही हाथों को पीठ पर घुमाते हुए मेरी गान्ड को कस्के
पकड़ कर मुझे ऑर ज़्यादा तेज़ी से चोदने का इशारा करने लगी,,मैने भी स्पीड तेज करदी ऑर
उसकी भी सिसकियाँ तेज होने लगी,,,,,,,,,क्कामिन्नी ईककक बबारर म्मी क्क्ययउउू द्दाल्ला त्ता
प्पूउर्रा द्ढ़हररी द्ढहीररी न्नाहहीी डाल्ल स्साककत्ता त्तहाअ इट्त्न्नीी बभीी क्क्क्यय्याअ
ज्ज्जाल्लदीी त्तिईीई ज्जू म्मीरीइ कच्छूत्त म्मी ग्घहूओद्दी कक्का ल्लुउउन्न्ड्ड़ इट्त्न्नीी ज्जयड्डा
ब्बीररीहममि ससी ग्घुउऊस्साअ ददिईयया ,,,,,ल्लीककीईईईन्न ईकक बात्त हहाइी ददार्र्र्दद्द
क्की स्साटतह ईककक ममित्तहा ंमाज़्जा बहिि आय्या म्मूउज़्झहही ,,,एब्ब ब्बास्स एआसे
हहीी टीज्जिि ससी छूद्द्त्ते ररीह म्मूउज़्झहही ऊओरर जज़ूर ससी द्ड़हाक्का ल्लागगगाआ
ऊरर र्रांन्दडीई ब्बांन्ना क्कार्र छ्छूड्द म्मूउज़्झहहीए आआहह उऊहह
ज़्जब्ब त्टाकक दडील्ल क्काररी कच्छूड्दद म्मूउज़्ज्झहही म्मै ईन्न्न न्नाहहीी ररूक्कनईए
व्वाल्लीइी आज्ज तुऊुज्झहहीए ज़्जब्ब त्टाक ददडील्ल्ल्ल्ल क्काररी चछूड्द म्मूऊऊुज्झहीईई
आअहह उुउऊहह हहययइईई ,,,,,,,,,,,,,,,,,
 
मैं भी पूरी स्पीड
से ऑर जोरदार धक्के से चुदाई करने लगा उसकी साथ साथ उसके बूब्स को भी चूस्ता ऑर
काटता रहा,,,,कुछ देर बाद उसने मुझे उपर से हटने को बोला लेकिन मैं हटने को तैयार नही
था ऑर ऐसे ही तेज़ी से धक्के लगाता रहा मैं करीब 20 मिनट से ऐसे ही धक्के लगा रहा
था इसी बीच उसने मुझे 2-3 बार उपर से उठने को बोला था लेकिन मैं नही उठा था लेकिन
तभी उसने मुझे ज़ोर से धक्का लगा कर उपर से हटाने की कोशिश की ऑर मुझे उसकी चूत से
तेज़ी से बहता हुआ पानी महसूस हुआ शायद चुदाई करते टाइम ही उसका पेशाब निकल गया था
उसको पेशाब ही आया होगा तभी वो मुझे उपर से हटने को बोल रही थी लेकिन मैं मस्ती मे
पागल हो गया था ऑर हटने का नाम नही ले रहा था उसका पेशाब निकल गया तब भी मैं 
उसकी चुदाई करने मे लगा हुआ था वो अब ज़ोर लगा कर मुझे नीचे उतारने की कोशिश करने
लगी लेकिन मैने उसके दोनो हाथों को कस्के ज़मीन पर लगा दिया ऑर खुद के बदन को
उपर उठा कर उसके दोनो हाथों पर अपने हाथों का ज़ोर डाल दिया ताकि वो ज़रा भी नही हिल
सके ऑर उपर उठने से मुझे भी स्पीड तेज करने का मोका मिल गया ऑर मैने भी मौका हाथ से 
नही जाने दिया ऑर ज़्यादा तेज़ी से उसकी चुदाई करने लगा,,,,,,,

ब्बास्स क्काररर क्काममिन्नीई
हहात्तजजा त्तहूड्दीई द्दीर्ररर बभ्हुत्त् त्तीम्मी हहाइी आप्प्पंनी पपाससस ब्बाद्द्ड़ अमम
क्कार्र ल्लीननाअ आब्ब्ब्भहिी ऊरर बबार्रददाश्हत्त न्नाहहीी हू र्राहहा आहह
हहययइईई ब्बाआस्स क्काररर हहाररामम्मिईिइ ररूउककजाआ ज्जाआअ,,,,,वो मुझे हटाने
की पूरी कोशिश कर रही थी ऑर खुद तड़पति हुई अपने सर को इधर उधर झटक रही थी लेकिन
वो मेरे पूरे क़ाबू मे थी मैं उसको ज़रा सा भी ज़ोर लगाने नही दे रहा था लेकिन तभी मैं
उसके उपर से हट गया ऑर साइड हो गया उसने भी राहत की सांस ली ऑर बड़े प्यार से मेरी तरफ देखा 
जैसे मुझे शुक्रिया अदा कर रही हो लेकिन मेरा इरादा कुछ ऑर ही था ,,,,,,,,,,


मैं जल्दी से नीचे तो उतर गया लेकिन फिर जल्दी से उसकी गान्ड से पकड़ कर उल्टा घुमा दिया
उसने कुछ ज़ोर लगाया ऑर मुझे मना भी किया लेकिन मैं नही रुका ऑर जल्दी से उसको उल्टा करके
पैट के बल लेटा दिया ऑर उसकी बड़ी मोटी गान्ड को उपर कर लिया ऑर इससे से पहले वो वापिस पलट
सकती मैं उसके उपर चढ़ गया ऑर एक ही पल मे उसकी टाँगो को खोलकर अपने लंड को उसकी
गान्ड पर रखा ओर तेज़ी से धक्का लगा कर गान्ड मे उतार दिया उसकी एक तेज चीख निकल गई जो
खेतो से बाहर भी किसी को सुनाई दे सकती थी लेकिन मुझे इसकी कोई परवाह नही थी अब क्यूकी
उसके जिस्म ऑर बड़े बड़े बूब्स मस्त गान्ड ने मुझे पागल कर दिया था जिस वजह से मुझे
अब कोई टेन्षन नही थी कोई डर नही था मैं तो मस्ती मे था ऑर इतनी ज़्यादा मस्ती मे था
शायद इसी वजह से मेरा पानी भी नही निकल रहा था,,,,,,,,,,,,


,मैने जल्दी से लंड को उसकी गान्ड
मे घुसा दिया लंड पहले से चूत के पानी से चिकना हो गया था जो बिना किसी रुकावट के एक ही
बार मे फिसल कर पूरा गान्ड की जड़ तक उतर गया था ऑर उसकी चीख निकल गई थी तभी उसने
अपने हाथों को पीछे मोड़ कर मुझे उतारने की कोशिश की ऑर मैने भी जल्दी से उसके दोनो 
हाथों को पकड़ कर उसकी पीठ पर लगा दिया ऑर एक ही हाथ से उसके दोनो हाथों को पकड़ 
लिया ऑर एक हाथ से उसके शोल्डर को पकड़ कर तेज़ी से उसकी गान्ड को चोदने लगा,,,,,,

हईईएररीईए हहार्राआंमि ब्बाअस्स्स क्कारररर क्क्क्यययउउूउ जानन्न ल्लीन्नी म्मी ल्लाग्गा
हहुउऊआअ हहाइईइ ,,,हहयइीई गगाल्लत्टीी हहू गगयइ मीररी ससीए ज्जूऊ त्तीररीए ल्लुउन्न्द
क्कूव ननीईच्छूड्दननी क्क्कीी बात्त्त ब्बूल्ल्लीइी ऊओरर त्तीरररी लूवंड्ड क्का प्पान्न्ीी ईककक
ब्बास्स च्छुउस्सायईीी क्कार्रक्की ननीककाल्ल्ल ददिईयय्य्ाआ उउस्स ससी बभीी ब्बादीई गगल्लत्टीीई
हहूओ गगययईी ज्जूओ त्तीररी ससी कचहुूद्ड़ञनी क्कू त्त्य्य्ाआररर हहू गयइिीई म्मीरीई
म्मात्ट मार्रीई गगयइ त्तहिि ज्जू टहीकक म्मूत्तूरर क्कू बभीी क्क्हार्राब हहूननी'
क्का द्द्रराम्मा क्कार्रक्की ससूउर्रििन्न्ड्दीचर्रर क्कीी म्माद्दा ससी तुउज़्ज्झहही ब्बाहनने
ससी य्याहहानं ल्लीक्क्की आयईीी,,,उससणनी म्मानना बहिी क्कीिय्या त्तहा क्कीी अक्कील्लीए
म्मात्त्ट ज्जा म्मायन्न हहीी प्पागगाल्ल त्तहिि ज्जू उउस्स्ककीिई बात्त नाहहीी माननीईिइ हईए
ब्बाआस्स क्काररर ककूउत्ती चहूरर द्दी म्मूउज़्ज्झहही म्मार्र द्दल्लीगगा क्क्कय्य्ाआअ
ऊओररर क्कीिट्टन्न्ना त्तीम्मी एआईसी ब्बीर्रेहममिईिइ ससीए छ्छूड्डीग्गा म्मूुझहहीए
आअहह उुउऊहह हहययइईईईईईईई वो मुझे गालियाँ देने लगी लेकिन
इस टाइम उसकी गालियाँ भी मुझे शहद की तरह मीठी लग रही थी,,,साली ने झूठ बोल कर मामा
की मदद से मुझे यहाँ बुलाया था अब तो साली रंडी की ऐसे चुदाई करूँगा की याद रखेगी
ये मुझे,,,,,,,,,,,,,मैं ऐसे ही तेज़ी से उसकी गान्ड मारता रहा कुछ ही देर मे उसकी गालियाँ बंद
हो गई ऑर मस्ती भरी सिसकियाँ शुरू हो गई,,,,,,,,आहह ऊओरर त्तीज्ज्ज क्काअरर आब्ब्ब ककुउती
ऊरर बभिि ज्जय्याद्दा ज्जूऊओरर ससी द्ड़हाक्का ल्लागगगा म्मीरीइ गाणन्दड़ म्मी पूरा
म्मूओस्साल्ल्ल घहूस्सा आपपन्ना आहह ऊरर त्तीज्ज कारर आब्ब्ब्ब क्कममिन्नी ऊर्रर्ररर
त्तीज्ज्ज मैं समझ गया कि इसको मज़ा आने लगा है वैसे भी कोई ही औरत होगी मोटी ऑर मस्त गान्ड
वाली जिसको मेरे मूसल से मज़ा नही आता ,,,मैं भी तेज़ी से झटके मारने लगा अब मैने उसके
हाथों को भी आज़ाद कर दिया ऑर अपने एक हाथ को उसके पेट के नीचे से खिसका कर उसकी चूत
पर ले गया ऑर तेज़ी से चूत को सहलाने लगा उसने मेरे हाथ को हाटने की कोशिश की क्यूकी वो
मेरा इरादा समझ गई थी मैं उसकी चूत को तेज़ी से सहला कर उसका पानी निकालना चाहता था ताकि
वो जल्दी झड जाए ऑर मैं फिर से उसको तडपा तडपा कर चोद सकूँ उसने मेरे हाथ को हटाने
की कोशिश की लेकिन मैने पूरा ज़ोर लगा कर उसकी चूत को सहलाना शुरू कर दिया ऑर मेरा प्लान
काम कर गया ऑर 2 मिनट मे उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया लेकिन मैं नही रुका ऑर तेज़ी से
उसकी गान्ड मारता रहा,,,उसने पानी निकल जाने के बाद अपने सर को ज़मीन पर रख दिया ऑर
मेरे सामने हथियार डाल दिए लेकिन मैं फिर भी उसकी गान्ड को तेज़ी से चोदता रहा ऑर साथ 
ही चूत मे भी उंगली करता रहा ,,,,,कुछ देर मे उसने फिर से तड़पना शुरू कर दिया ऑर
खुद की पीठ को हिला कर मुझे उतारने की कोशिश करने लगी लेकिन मेरी पकड़ उसके शोल्डर
पर पूरी मजबूती से थी ऑर मैं उसको हिलने से रोकने लगा ऑर साथ ही चूत मे उंगली करता हुआ
गान्ड की जबरदस्त चुदाई करता रहा,,,उसने फिर से चिल्लाना ऑर मुझे गालियाँ देना शुरू कर
दिया लेकिन मुझपे कोई फ़र्क नही पड़ा उसकी गालयों का मैं तो मस्ती मे उसकी चुदाई करता रहा
लेकिन अब मेरा भी होने वाला था तो मैने स्पीड ऑर तेज करदी,,,मैं पिछले 40-45 मिनट से
उसको ऐसे ही चोद रहा था पहले प्यार से फिर बेरेहमी से,,,,,


बाअस्स्स क्कार्र हहारराम्मी गगाणन्दड़ ब्भ्ही पफाड्द डाल्लीगगा क्क्य्या अब्ब ज्जाससी
चूत क्कूव पफाड्दा हहाऐईइ गगल्लत्टीईइ हहूओ गययईीी ज्जू त्तीररी क्कूव य्याहहन्न
ल्लीक्की आयईीी व्वहहिन्न ग्घररर म्मी चछूड्द्व्वात्ती त्तूओ म्मीरीई च्चेखही ससूउन
क्कार्र क्कू ट्टू ब्बाक्चानने आ हहीी जत्ता मीररी क्कू ल्लेकककीईईईन्न य्यहन्न्न तटूऊ
क्कूवई बभीी न्नहिी आन्नी व्वाल्लाअ,,,,,,,,हहयईी ररीए ब्बास्स क्काररर आब्ब्ब ऊर्रररर
न्नाहहिि हूता आब्ब्ब म्मीररीए ससीई ,मैं झड़ने वाला था इसलिए स्पीड ऑर ज़्यादा
तेज करदी थी मैने लेकिन उसकी गालियाँ भी तेज होने लगी थी,,,2 मिनट मे मैने अपने लंड के
पानी से उसकी गान्ड को भर दिया ऑर उतर कर साइड मे गिर गया ,,,,,,
 
मैं तेज तेज साँसे लेने लगा ऑर वो भी खुद की साँसों पर क़ाबू पाने लगी थी लेकिन मेरी
तरफ बड़े गुस्से से देख रही थी,,,,,

5 मिनट बाद जब दोनो की हालत ठीक हुई तो मैने उस से पूछा,,,,,,,,,,

सन्नी--कैसा लगा ,,,मज़ा आया या नही मुझे निचोड़ने मे,,,,,,,ऑर मैं हँसने लगा

रेखा--साले कमिने हरामी,,,,इतना बुरा कोई रंडी को भी नही चोदता जितना बुरा तूने मुझे चोदा
है ,,,,ग़लती मेरी है अब तुझे क्या बोलू मैं,,,,,,,,,,

सन्नी--लेकिन तूने तो मामा ऑर विशाल का लंड भी लिया है फिर कैसे मेरे लंड को झेल नही पाई तेरी
चूत और गान्ड,,,,,,,,,,,,,

रेखा--उनका लंड इंसानो वाला लंड है तेरी तरह घोड़े का लंड नही उनके पास,,,जान निकाल दी मेरी
तूने,,,,इतना दर्द कभी नही हुआ ,,,,लेकिन एक बात है इतना मज़ा भी कभी नही आया आज तक,,,
ना ही तेरे मामा से ऑर ना ही विशाल से चुदाई मे दर्द हुआ ऑर तेरे बाप से तो कभी भी दर्द
नही हुआ था मुझे,,,,,,,,

मैं फिर से हैरान ,,ये साली तो मेरे बाप से भी चुदवा चुकी है,,,,,कोई पहुँची हुई चीज़
लगती है ये तो,,,,,,,,,

रेखा--अच्छा एक बात बता तुझे कितना मज़ा आया मेरे साथ,,,,,,,,,उसने हँसते हुए पूछा,,,,


बहुत मज़ा आया ,,,,मैने भी उसको जवाब दिया,,,,

रेखा--कितना मज़ा,,,,,,,,माँ जितना या उस से भी ज़्यादा,,,,या फिर गीता जितना मज़ा आया,,,,,,इतना बोलकर
वो फिर से हँसने लगी,,,,,,,,,,,

मैं तो साल हैरान पे हैरान हो रहा था बार बार,,,,,,,,,,तुझे कैसे पता कि मैं गीता भुआ 
को भी चोद चुका हूँ,,,,,,,,

रेखा--मुझे सब पता है तू माँ गीता ऑर शोभा को भी चोद चुका है,,,,,ऑर मैं भी सबके साथ
चुदाई कर चुकी हूँ,,,,,,,,,जब भी तेरा बाप गीता के साथ गाओं आता है तो मेरे पास ही रुकता
है 2-3 दिन के लिए,,,,,,,


सन्नी--लेकिन डॅड तो कभी गाओं नही आते,,,,,,,,मैने हैरान होते हुए पूछा,,,,,,

रेखा--तुझे अभी कुछ नही पता बेटा,,,,,तेरी माँ भी जब सुरिंदर के साथ आती है तो हम मिलकर मस्ती
करते है,,,,,,ऑर तेरा बाप भी जब गीता के साथ आता है तब भी हम ऐसे ही इसी जगह मस्ती
करते है,,,बस फ़र्क इतना है तेरी माँ ऑर सुरिंदर तेरे चाचा के घर रुकते है जबकि गीता ऑर तेरा
बाप मेरे यहाँ रुकते है,,,,,,,,,,,विशाल तो यहाँ आ चुका है लेकिन शोभा नही आई अभी तक
उसके लेके आना था लेकिन वो मानती ही नही तेरे बाप के साथ आने के लिए,,उसको अब तेरे मूसल से 
प्यार हो गया है,,,,,सील तो बाप से तुडवा चुकी है लेकिन असली मज़ा तेरे साथ करती है,,,,,,वो 
हँसती जा रही थी ऑर बोलती जा रही थी,,,,


सन्नी--तुमको इतना सब कैसे पता है हमारे घर के बारे मे,,,,,,,,,,,,,,,

रेखा--मुझे ही नही तेरे घर वालो को भी पता है कि घर मे क्या चल रहा है बस कुछ ही लोग
अंजान है घर मे होनी वाली बातों से लेकिन अब तो वो भी जान गये है उसने मेरी तरफ इशारा 
करते हुए बोला,,,,,,,,,,,,,,

सन्नी--क्या मतलब ,,,मैं कुछ समझा नही,,,,,,,,

रेखा--तुझे सब पता है तभी तो तू मामा ऑर विशाल के साथ मिलकर माँ की चुदाई करता है ऑर अब तो
तू भुआ ऑर शोबा को भी चोदता है उनके वो बुटीक पर जाके,,,ऑर भी 2 लड़कियाँ है ना वहाँ
जिनको तू चोदता है,,,,,लेकिन किस्मत खराब है तेरी उनकी चूत की सील भी तेरे बाप ने तोड़ी थी
जैसे शोंभा की तोड़ी थी तुझे तो झूठा ही खाने को मिला है अब तक असली चीज़ नही 
मिली,,,,,,वो हर बात के साथ हँसती जा रही थी ऑर मेरी बेचैनी बढ़ती जा रही थी,,,,,

सन्नी--तुझे किसने बोला कि शोभा की सील डॅड ने तोड़ी है ऑर उन लड़कियों की भी,,,,,,,,

रेखा--मुझे सब पता है क्यूकी मैं भी तेरे परिवार के साथ शामिल होती हूँ चुदाई समारोह मे
,,,,,,तेरे बाप ने शोभा को नही चोदना था लेकिन जब उसने तेरे भाई विशाल को अपनी ही माँ को
चोदते देखा था तेरे बाप ने तो उसने गीता के माड्ड से उसको फसा लिया ऑर गीता ने भी
उसकी मदद की ऑर शोभा को तैयार किया अपने ही बाप से चुदाई करने को,,,,,लेकिन आज कल शोभा 
तेरे मूसल की दीवानी है वो तो गीता ऑर तेरी माँ भी दीवानी है तेरे मूसल की लेकिन गीता को
तेरे बाप से चुदवाना ही पड़ता है ऑर तेरी माँ को भी सुरिंदर का सहारा लेना ही पड़ता है 
क्यूकी हर टाइम तो तू उनके लिए हाजिर नही रहता ना,,,,,

मैं तो चक्कर मे पड़ गया था ये साली मेरे ही परिवार के बारे मे मेरे से भी कहीं ज़्यादा
जानती थी,,,इस से सब कुछ उगलवाना होगा तभी पता चलना है कि आख़िर मसला क्या है सारा,,

सन्नी--तू इतना सब जानती है तो ज़रा खुल के बता कि सारी बात क्या है ,,,,,,,,,,,,,

रेखा--नही सन्नी मैं तुझे जो बता सकती थी बता दिया है अब इस से आगे कुछ भी जानना है तो अपनी
माँ से पूछ लेना या अपने बाप से,,,,,,सुरिंदर से भी पूछ सकता है लेकिन वो भी तेरे को
कुछ नही बताएगा तेरे को तेरे माँ बाप से ही पूछना होगा सब कुछ,,,,,,,,मैं सही इंसान
नही जो सब कुछ बता सके तेरे को,,,,,,,,,,

मैने सोचा ये तो साली मान ही नही रही कुछ बताने को इसलिए माँ से ही पूछना पड़ेगा क्यूकी
डॅड से तो मैं डरता ही बहुत था उनसे पूछने की हिम्मत नही थी मेरे अंदर,,,,,,लेकिन मुझे
इस बात की हैरत थी कि डॅड मामा ऑर माँ के बारे मे सब जानते है लेकिन फिर भी चुप क्यूँ है
उन्होने विशाल को भी माँ की चुदाई करते देखा था तभी शोभा की चुदाई का ख्याल आया था
उनके मन मे लेकिन माँ ऑर मामा तो शायद इस बात से भी अंजान थे कि डॅड ओर भुआ को भी
सब पता है उनके बारे मे जैसे माँ ऑर मामा को सब पता है डॅड ऑर भुआ के बारे मे,,,,मुझे
कुछ समझ नही आ रहा था मैं पूरी तरह परेशान हो गया था ऑर तड़प रहा था अपने दिल
मे घूम रहे सवालो के जवाब जानने के लिए लेकिन ये रंडी साली कुछ भी नही बता रही थी,,
कोई बात नही जैसे ये तडपा रही है मुझे अब मैं भी तड़पता हूँ इस रंडी को,,,,

सन्नी--चल छोड़ इन बातों को दफ़ा कर जो होता है होने दे ,,हम लोग क्यू टाइम खराब करे जब
इतनी मुश्किल से टाइम मिला है हमे,,,,इतना बोलते ही मैं उसकी तरफ बढ़ा ऑर उसके लिप्स को अपने
लिप्स से किस करने लगा लेकिन उसने मुझे साइड कर दिया ऑर खुद भी दूर हो गई,,,,

रेखा--ना बाबा ना अब ऑर नही करना मुझे,,,,तूने पहले ही जान निकाल दी है मेरी अब ऑर ज़्यादा
करूँगी तेरे साथ तो पक्का मार ही डालेगा तू मुझे,,,,,,,,वो अपने कपड़े उठाने लगी 

मैने जल्दी से आगे बढ़के उसके हाथों से कपड़े छीन लिए ,,,,,,,,अच्छा बाबा मत कर कुछ 
तूने चुदाई नही करनी तो मत कर लेकिन मेरे लंड का तो कुछ कर्दे ये देख फिर से तेरी मस्त
चूत ऑर मोटी गान्ड मारने के लिए कैसे औकात मे आ चुका है,,,,इसका तो कुछ कर्दे,,,,,

उसने आँखें फाड़के मेरे लंड को देखा,,,,,,,,हयी राम अभी इतनी बेरेहमी से इतनी लंबी
चुदाई करने के बाद इतनी जल्दी फिर से तैयार हो गया ये ,,,,सच मे किसी इंसान का नही घोड़े
का लंड है ये,,,,,

सन्नी--चल बातें बंद कर ऑर कुछ कर इसका वेर्ना मैने फिर से शुरू हो जाना है,,मैने हल्का सा
आगे बढ़ते हुए बोला,,,,,,

रेखा--ना बाबा ना तू आगे मत बढ़ मैं कुछ करती हूँ इसका,,,वैसे भी मुझे चुदाई नही करनी
ऑर तेरे साथ,,,लेकिन तेरे मूसल का पानी निकाल देती हूँ अगर ज़्यादा ही आग लगी हुई है तेरे
अंदर,,इतना बोलते ही उसने मेरे लंड को हाथ मे पकड़ा ऑर मूठ मारने लगी ऑर मुँह को लंड
के उपर करके ढेर सारा थूक उगल दिया लंड पर फिर हाथों पर भी थूक लगा कर अच्छी
तारह से चिकना करके मेरे लंड को सहलाने लगी,,,मैं आराम से लेट गया ऑर वो मेरे लंड को
मूठ मारने लगी,,,उसके हाथ मेरे लंड की पूरी लंबाई जितने उपर नीचे होने लगे थे ऑर 
उसके हाथों की स्पीड भी तेज थी तभी मैने उसकी तरफ देखा ऑर उसको लंड मुँह मे लेने को
बोला तो उसने भी झुक कर लंड को मुँह मे ले लिया ऑर दोनो हाथों से लंड को सहलाते हुए जितना
लंड बाकी बचा था उसको मुँह मे लेके चूसने लगी लेकिन मैने उसके हाथों को पकड़ा ऑर अपने
लंड से हटा दिया ऑर उसके सर को पकड़ कर अपने लंड पर नीचे दबा दिया जिस से मेरा लंड 
उसके गले से नीचे तक चला गया उसने उपर होने की कोशिश की लेकिन मैने उसके सर को कुछ 
देर ऐसे ही पकड़े रखा उसकी आँखें बाहर निकल आई थी ऑर पूरी ज़ुबान भी मेरा लंड पूरा
उसके मुँह मे था उसके लिप्स मेरी बॉल्स को टच कर रहे थे,,,,तभी उसने हल्के से खांसना 
शुरू कर दिया तो मैने भी उसने सर को अपने हाथों से छोड़ दिया ऑर उसने जल्दी से अपने सर
को उपर उठा लिया,,,,,,,

रेखा--कमिने अब गले की भी माँ चोदेगा क्या,,,चूस रही हूँ तो चूसने क्यूँ नही देता तुझे 
पानी निकलवाना है या नही,,,,,मैं चुप रहा ऑर जल्दी से उसके सर को पकड़ कर वापिस अपने
लंड पर झुका दिया ऑर उसने भी मुँह खोल कर लंड को मुँह मे ले लिया ऑर मैने फिर से सर को
उपर नीचे करना शुरू कर दिया लेकिन इस बार ज़्यादा नीचे तक नही किया वो खुद ही अपने मुँह
को खोल कर सर को नीचे तक ले जाती जिस से मेरे लंड की टोपी उसके गले से अंदर चली जाती जब 
उसने खुद ही मस्ती मे चूसना शुरू कर दिया तो मैने उसके सर को छोड़ दिया ऑर आराम से लेट
गया ऑर मज़ा लेने लगा लेकिन कुछ ही पलों मे उसने लंड को मुँह से निकाल दिया मेने उसकी तरफ
देखा तो वो अपने दोनो बूब्स को हाथ मे लेके सर को झुका कर अपने मुँह मे जमा थूक को
बूब्स की लाइन मे थूक रही थी मैं अभी कुछ समझा भी नही था कि उसने झुक कर अपने 
बूब्स की लाइन मे मेरे लंड को पकड़ लिया ऑर फिर से उपर से थूक दिया ऑर अपने दोनो हाथों 
से बूब्स ऑर उपर नीचे करके मेरे लंड की मूठ मारने लगी वो भी अपने बूब्स से ,,बूब्स पर
ऑर लंड पर बहुत सारा थूक लगा हुआ था ऑर लंड फिसल फिसल कर बूब्स की लाइन मे उपर नीचे'
हो रहा था मुझे ऐसे लग रहा तह जैसे मैं किसी टाइट चूत की चुदाई कर रहा हूँ लेकिन
से मज़ा उस से भी कहीं ज़्यादा था,,वो लंड को कस्के अपने बूब्स मे दबा कर तेज़ी से बूब्स को
उपर नीचे कर रही थी ओर जितना लंड बूब्स से बाहर रह जाता था वो उसको मुँह मे लेके चूसने
लग जाती मुझे एक साथ 2 तरह का मज़ा आ रहा था चुदाई का भी ऑर चुसाई का भी,,,,,मेरे लिए
ये नया अनुभव था चुदाई करने का ऑर ये अनुभव बहुत मस्त था जिसने मुझे भी मस्त कर
दिया इतना मस्त कि मैं जल्दी से उठा ऑर उसके कस्के बाहों मे पकड़ा ऑर ज़मीन पर गिरा लिया
ऑर इस से पहले वो कुछ समझती मैने उसके उपर चढ़ कर लंड को उसकी चूत मे घुसा दिया
उसने अपने मुँह को खोला ही था चिल्लाने के लिए तो मैने अपने लिप्स को उसके लिप्स मे जाकड़ दिया
ऑर उसके लिप्स को चूसने लगा ताकि उसकी चीख नही निकल सके ऑर मैं कामयाब हो गया मैं उसके
लिप्स को चूस्ता हुआ उसके हाथों को ज़मीन पर दबा कर लंड को चूत मे डालके तेज़ी से उसकी
चुदाई करने लग गया वो रोने लगी थी उसकी आँखों मे आँसू आ गये थे लेकिन मैने उसकी
कोई परवाह नही की ऑर जबरदस्त तरीके से उसको चोदता रहा,,जैसे पहले चुदाई की थी ,,,,

मैने उसकी चूत भी मारी ऑर गान्ड भी वो बस तड़पति रही ऑर मुझे गालियाँ देती रही लेकिन
मैं फिर भी उसकी चुदाई करता रहा करीब 30 मिनट तक,,,इस दौरान वो 2 बार झड़ी थी,,,

फिर जब मैने उसको छोड़ा तो उसने जल्दी से उठकर तेज़ी से साँसे लेते हुए अपने कपड़े पहनना
शुरू कर दिए ताकि मैं फिर से उसकी चुदाई नही कर सकूँ,,,,ऑर मैं उसको देख कर हँसने लगा
था,,,उसने जल्दी से कपड़े पहने ऑर वहाँ से घर की तरफ चली गई जबकि मैं अभी तक तेज़ी से 
साँसे ले रहा था,,फिर मैने भी कपड़े पहने ऑर उसके घर की तरफ चल पड़ा,,,,पीछे दरवाजे
से अंदर जाके मैने दरवाजा बंद किया ऑर उसको देखने के लिए उसके कमरे मे चला गया,,,घर
तो छोटा सा ही था बस 2 कमरे एक रसोई ऑर साइड मे एक बाथरूम बना हुआ था लेकिन इसका घर
पूरी तरफ़ से कवर था पूरे घर पर छत थी खुला अंगान नही था,,एक रूम को लॉक लगा हुआ
था जबकि एक रूम खुला था मैं उसी रूम मे चला गया ,,,,देखा तो वो बेड पर लेटी हुई थी
उसका रूम भी काफ़ी अच्छा लग रहा था,,काफ़ी सॉफ सुथरा था ,,,वो बेड पर लेटी हुई मेरी तरफ़ गुस्से
से देख रही थी,,,,मैं हँस कर उसकी तरफ देख रहा था,,,,,,,,

रेखा--यहाँ क्यू आया है अब ,,,,,जा यहाँ से ,,,,

गुस्सा क्यू करती है मेरी जान ,,,,,कोई ग़लती हुई क्या मेरे से,,,,,,मैने हंस कर पूछा
 
रेखा--ग़लती,,,,,मेरी चूत ऑर गान्ड का बुरा हाल कर दिया ऐसा चोदा जैसे तेरी रंडी हूँ मैं ऑर
पूछता है मैने ऐसा क्या कर दिया,,,,,,,चल अब मुझे आराम करने दे तू जा यहाँ से,,,,

सन्नी--ठीक है तू आराम कर ,,मैं तो बस ये पूछना आया था कि मोटर को कार से निकाल कर यहीं रख
दूं तेरे घर मे ताकि कल भी मोटर के बहाने तुझे मिलने आ सकूँ,,,,,,

रेखा ने गुस्से से मुझे देखा,,,,,कोई ज़रूरत नही ले जा उस मनहूस मोटर को यहाँ से उसकी वजह
से हुआ है मेरी चूत ऑर गान्ड का ये हाल,,,,,अब ना तेरे हाथ आउन्गी मैं कुछ दिन,,,,,वो गुस्से
से हल्की मुस्कान के साथ मुझे बोलने लगी,,,,

सन्नी-ठीक है तू आराम करले मैं जाता हूँ वैसे भी टाइम काफ़ी हो गया है,,मैने मोबाइल मे टाइम
देखा तो 6 बजे थे जबकि मैं इसके साथ 2 -3 बजे के करीब आया था,,3 घटने मे मस्त चुदाई 
की थी मैने इसकी,,,,,,,,,,,,तभी रूम से जाते टाइम मेरी नज़र बेड के पीछे बनी एक शेल्व पर पड़ी
जिसपे एक तस्वीर रखी हुई थी,,,,वो तस्वीर मुझे जानी पहचानी लगी लेकिन समझ नही आ रहा
था कि ये तस्वीर किसकी है तभी उसने मुझे तस्वीर की तरफ देखते हुए देखा तो जल्दी से उठ कर तस्वीर को
नीचे कर दिया ऑर मेरे से छुपा लिया,,,,,,,मैं उसकी इस हरकत को समझ नही पाया लेकिन मुझे 
कुछ ठीक नही लगा खैर मैं उसको अलविदा बोला ऑर वहाँ से चला गया,,,,लेकिन वो तस्वीर मेरे
दिमाग़ पर हावी हो गई थी,,, मुझे कुछ अजीब लगा वो तस्वीर देख कर,,घर तक आते आते
मैं उसी तस्वीर के बारे मे सोचता रहा,,,,,,

एक तो आज बड़ा खुश था रेखा जैसी मस्त औरत की चुदाई करके लेकिन साथ मे मुझे थोड़ी
टेन्षन भी होने लगी थी यही सोच कर कि रेखा कॉन है ओर इतना सब कुछ कैसे जानती है मेरे
परिवार के बारे मे ऑर मेरे घर वाले भी उसके पास क्यूँ जाते है इतनी चुदाई करने के लिए ऑर
सबसे बड़ी बात कि वो तस्वीर किसकी थी ,,तस्वीर मे 5 लोग थे जिनमे से 2 को मैं बिल्कुल भी नही
पहचान सका लेकिन 3 लोग जाने पहचाने लग रहे थे,,,,उस तस्वीर ने तो दिमाग़ ही खराब
कर दिया था मेरा,,,,,,,

मैं घर पहुँचा ऑर नये घर का गेट खोलके कार घर मे खड़ी की ऑर मोटर लेके जैसे ही
बाहर आने लगा तो देखा कि सोनिया के रूम मे दरवाजा खुला हुआ था ऑर वो बेड पर लेट कर टीवी
देख रही थी तभी उसका ध्यान मेरी तरफ आया ऑर वो उठकर दरवाजे की तरफ आई ऑर मुझे गुस्से
से देखते हुए दरवाजा बंद कर लिया,,,,मैं भी डर गया ऑर मोटर हाथ मे लेके जल्दी से वहाँ
से बाहर चला गया ,,,,मैं चाचा के घर गया मोटर लेके तो मामा बाहर अंगान मे ही
बैठा हुआ था ऑर माँ भी उसके पास बैठी हुई थी,,,,,,,,

मेरे हाथ मे मोटर देख कर मामा बोला,,,,,,,,क्यू भान्जे मोटर ठीक हो गई क्या,,उसने हँसते
हुए शरारती अंदाज़ मे पूछा तभी मैने मामा के साथ साथ माँ की तरफ देखा ऑर बोला
हां मामा एक दम ठीक हो गई है ,,,,खुद पास खड़े रहके ठीक करवाई है अब कुछ
दिनो तक कोई परेसानि नही देगी मोटर,,,,,,मैं भी उसी अंदाज़ से हँसते हुए मामा की बात
का जवाब देने लगा ऑर तभी मैने माँ की तरफ देखा तो माँ उठकर रसोई की तरफ चली
गई,,,,,,

तो कितना टाइम लगा मोटर ठीक होने मे भान्जे,,,,मामा ने फिर हँसते हुआ पूछा,,,,,

सन्नी--मामा मोटर जल्दी ठीक हो गई थी लेकिन मेरा दिल नही भरा जब तक मोटर को अच्छी तरह से
चला कर परख नही लिया,,,,अब तो बिल्कुल ठीक चलेगी,,,,

तभी मामा चारपाई से उठा ऑर मेरे करीब आ गया,,,,,,,मोटर को ज़्यादा नुकसान तो नही
पहुँचाया तूने भान्जे,,,,

सन्नी--नही मामा ज़्यादा नही बस कुछ दिनो तक मेरे पास नही आने वाली आपकी मोटर,,,ऑर हो सकता है
आपको भी कुछ दिन अपने करीब नही आने देगी वो,,,,,मैं अब हँस रहा था ऑर मामा चुप हो
गया था,,,,,,

मामा--क्या भानजे इतना क्यू परखा तूने मोटर को चला चला कर ,,,अब मेरे काम भी नही आई कुछ
दिन तो क्या होगा मेरा,,,,,,

तभी मैने देखा माँ रसोई से पानी का ग्लास लेके हमारी तरफ़ आ रही थी,,,,,,मैने माँ की
तरफ इशारा करते हुए बोला,,,कोई बात नही मामा तेरे पास दूसरी मोटर है ना,,,,,,

मामा ने मेरा इशारा समझा ऑर बोला,,,,,,हाँ ये बात तो ठीक है लेकिन वो मोटर भी अच्छी चलती
है भानजे ,,,,इसी मोटर की तरह काफ़ी तेज है वो मोटर,,,,,

मैने माँ के हाथ से पानी का ग्लास लिया ऑर माँ की तरफ देखते हुए बोला,,,,,नही मामा ये 
मोटर ज़्यादा अच्छी है ,,वो मोटर भला इस मोटर का क्या मुक़ाबला करेगी,,,,मैने देखा कि माँ
थोड़ी शरमा गई ऑर वहाँ से चली गई ,,,ऑर जाते हुए बोल गई कि खाना तैयार करने जा रही है
रसोई मे ,,तभी मामा ने मेरे हाथ से मोटर पकड़ी ऑर बाहर चला गया,,,,,,,तू रुक यही बेटा
मैं अभी मोटर फिट करके आता हूँ,,,,,,,,,,

सन्नी--ठीक है मामा तू अपनी मोटर फिट कर ऑर मैं अपनी
फिट करता हूँ,,,,मैने मामा को रसोई की तरफ इशारा किया ऑर मामा हंस कर वहाँ से चला
गया ऑर मैं रसोई मे ग्लास रखने के बहाने चला गया,,,,

रसोई मे माँ खाना पकाने की त्यारी कर रही थी,,,,,मैने माँ को पीछे से पकड़ लिया ऑर माँ
के गले के नीचे किस करदी,,,,,,,,,

माँ--हट बदमाश कोई आ जाएगा,,,,,,,,कुछ तो शरम कर,,,,

सन्नी--कॉन आएगा माँ,,,,,,चाचा ऑर चाची तो अपने रूम मे है,,,ऑर मामा गया मोटर फिट करने,,
ऑर किसने आना है यहाँ,,,,,,

माँ-सोनिया भी तो यहीं है भूल गया,,,,,

सन्नी--वो तो दूसरे घर मे आराम से बैठ कर टीवी देख रही है माँ,,,,तुम टेंशन मत लो तुम्हारा
बेटा सब कुछ देख परख कर ही करता है,,,,,मैं अभी भी मस्ती मे था मैने माँ को अपनी
बाहों मे जकड़ा ऑर हाथ माँ के बूब्स पर रहे ऑर मसल्ने लगा,,,,,

माँ--सबर कर रात तो होने दे इतनी भी क्या आग लगी है,,,थका नही क्या मोटर ठीक करवा कर,,,

सन्नी--नही माँ मैं नही थका लेकिन मोटर कुछ ज़्यादा ही थक गई ठीक होते होते,,अब दूसरी मोटर
की बारी है मैने माँ के बूब्स दबाते हुए बोला,,,,,,,

माँ--अभी नही बेटा रात होने दे फिर जितना
दिल करे इस मोटर को ठीक करता रहना,,,,,

माँ ने मेरी बात का जवाब दिया तो मैं समझ गया कि माँ भी जानती थी कि मैं रेखा के 
साथ कहाँ जाने वाला हूँ,,,,माँ को भी सब पता था,,,,

सन्नी--लेकिन माँ रात को तो तुम सोनिया के साथ सोने वाली हो ओर मैं मामा के साथ फिर कैसे होगा,,

माँ--तू टेन्षन मत ले बेटा मैं रात को मामा को चाचा के पास सुला दूँगी ऑर चाची को भेज दूँगी
सोनिया के पास तू टेन्षन मत ले ऑर रात का इंतजार कर,,,,ऑर अब जा यहाँ से मुझे खाना पकाने
दे,,,वैसे भी टाइम बहुत हो गया है गाओं मे लोग अक्सर खाना जल्दी खा लेते है ऑर जल्दी सो
जाते है तुझे तो अब तक पता चल ही गया होगा,,,,,

सन्नी--हां माँ बहुत कुछ पता चल गया है ,,ऑर अभी बहुत कुछ पता करना बाकी है,,,तभी माँ
मेरी तरफ पलटी ऑर कुछ परेशान हो गई,,,,,,,,मैने माँ के लिप्स को हल्के से किस किया ऑर बोला
जल्दी खाना पका लो माँ फिर मस्ती भी तो करनी है ,,इतना बोलकर मैं वहाँ से चला गया ऑर
माँ परेशानी भरी नज़रो से मुझे देखती रही,,,,
 
मैं इसी घर के बाथरूम मे गया ऑर फ्रेश होके चाचा जी के रूम मे चला गया ऑर उन लोगो
से बातें करने लगा,,,कुछ देर बाद माँ सबको खाने के लिए बुलाने आई चाची तो बाद मे
उठी लेकिन मैं तभी माँ के पीछे पीछे चला गया मैं बाथरूम की तरफ जाने लगा था
ताकि हाथ धो सकूँ लेकिन मैने देखा कि रसोई मे माँ के साथ कोई ऑर भी था तो मैं चुपके
से रसोई की तरफ गया ऑर बाहर से बातें सुनने लगा,,,,

माँ--मुझे लगता है सुरिंदर रेखा ने सन्नी को सब कुछ बता दिया है,,,,मुझे तो टेन्षन होने
लगी है,,,,

मामा--नही सरिता मैं रेखा को जानता हूँ उसने कुछ नही बताया होगा,,,,वैसे उसको इधर उधर की
बातें करने का बहुत शॉंक है लेकिन मेरी बात का यकीन करो उसने कुछ नही बताया होगा 
सन्नी को,,,

माँ--मुझे लगता है कि बातों बातों मे बहुत कुछ बता दिया होगा रेखा ने,,,तभी सन्नी मेरे 
से अजीब तरीके से बात कर रहा था,,उसकी बातों से लग रहा था कि रेखा ने उसको कुछ कुछ
बता दिया है,,,,,,मुझे डर लग रहा है ,,मैं नही चाहती कि बच्चों को कुछ भी पता 
चले,,,ऑर ना ही अशोक चाहता है,,,,,

मामा--तू फ़िक्र मत कर सरिता मुझे पक्का यकीन है उसने कुछ नही बताया होगा सन्नी को,,,ऑर अगर
बता भी दिया तो क्या हो गया,,,विशाल भी तो सब जानता है ऑर एक ना एक दिन बाकी बच्चों को भी
सब सच पता चलना ही है,,,,,लेकिन फिर भी मैं कहता हूँ रेखा ने कुछ नही बताया होगा
उसने यही बोला होगा कि तुम जाके किसी ऑर से पूछ लेना,,,,,अब हो सकता है सन्नी तेरे को या मेरे
को कुछ पूछ सकता है ,,लेकिन अभी इस बात से कोई फ़ायदा नही मैं कल रेखा से पूछ लूँगा
कि उसने कुछ बताया है या नही तू बस आज रात सन्नी को खुश कर ऑर इतना खुश कर कि मस्ती
मे आके वो तेरे से कुछ पूछ ही ना सके,,,,,बाकी हम बाद मे देखते है कि क्या करना है,,,,,

माँ--वैसे सुरिंदर तुमको क्या ज़रूरत थी सन्नी को रेखा के पास भेजने की तुमको पता है कि
रेखा की ज़ुबान कुछ ज़्यादा ही चलती है ऑर वो कुछ ना कुछ बक देगी सन्नी के सामने,,,,

मामा--क्या करूँ बहना तेरी तरह रेखा भी एक नज़र मे ही सन्नी के लंड की दीवानी हो गई बोलने
लगी कि जब तक सन्नी का लंड उसकी चूत मे नही जाएगा तब तक उसको चैन नही मिलना ऑर तो
ऑर उसने मुझे भी मना कर दिया चूत देने से बोलने लगी कि पहले सन्नी का लंड जाएगा
चूत मे उसके बाद मेरे लंड की बारी आएगी वर्ना वो मुझे भी उसको चोदने नही देगी,,अब
भला मैं क्या करता ,,अगर यही बात तू करती मेरे साथ तो क्या मैं तेरी चूत के लिए सन्नी
को तेरे पास नही भेजता,,,,,,

माँ--ठीक है सुरिंदर,,,,,मैं कोशिश करूँगी कि उसको अभी कुछ ना पता चले लेकिन एक टाइम आने पर
तो सब कुछ बताना ही पड़ेगा जैसे विशाल को बताया था,,,,

मामा--हाँ सरिता लेकिन अभी नही,,,,अभी ठीक टाइम नही आया सन्नी को कुछ भी बताने के लिए,,,तू सही
टाइम आने दे फिर उसको सब कुछ बता देंगे हम लोग,,,,लेकिन तू अभी बस मस्ती कर उसके साथ 
ऑर उसको भी खुश कर,,,,,,


माँ--ठीक है मैं आज रात इतना खुश करूँगी उसको कि वो कोई बात नही कर पाएगा मेरे साथ,,,,
लेकिन तू चाची जी को सोनिया के पास सुला देना ऑर खुद चाचा जी के पास रहना ,,तू मत आना रात
को हमारे रूम मे वर्ना कोई पंगा हो जाना है,,,,,

मामा--ठीक है मैं चाचा जी के पास सो जाउन्गा,,,,,ऑर चाची को भी सोनिया के पास भेज दूँगा ऑर
तुम माँ बेटा आज रात आराम से मस्ती करना ,,,,,,,,,,

मैं सोच मे डूब गया कि आख़िर मसला क्या है सारा ऑर ये लोग ऐसे चोरी चोरी बातें क्यूँ कर
रहे हैं ऑर ऐसी क्या बात है जो विशाल भाई को बता दी गई है लेकिन मैं अभी तक उस बात से
अंजान हूँ,,,कुछ तो गेम चल रही है पता लगाना ही होगा,,,

खैर मैं हाथ धोने चला गया ऑर हाथ धोके बाहर चारपाई पर बैठ गया तब तक मामा
ने चारपाई के सामने टेबल लगा दिया था ऑर माँ ने उसपे खाना भी रख दिया था,,,,सोनिया ऑर
चाची जी भी आ चुके थे ,,,,,,हम सब लोग खाना खाने लगे,,,,,लेकिन मैं नीवाला चबाते 
हुए भी गहरी सोच मे डूबा हुआ था लेकिन किसी को इस बात का एहसास नही होने दे रहा था,,

रात को खाना ख़ाके हम लोग वैसे हो सोए थे जैसे माँ ने बोला था,,,,चाची जी सोनिया के
पास चली गई थी ऑर मामा चाचा जी के रूम मे चला गया था ऑर मैं माँ के रूम मे 
चला गया ऑर चद्दर लेके लेट गया,,,,,

मैं बेड पर लेटा हुआ था ऑर माँ रसोई का काम कर रही थी,,,,,करीब 30 मिनट बाद माँ
कमरे मे आई,,उन्होने रूम मे आके दरवाजा बंद किया ऑर जल्दी से अपनी साड़ी निकालने लगी
फिर ब्लाउस ऑर पेटिकोट भी निकाल दिया ऑर नंगी होके मेरे पास बेड पर आ गई ऑर लाइट बंद
करके एक छोटा बल्ब ऑन कर लिया ,,,,

मेरे पास आते ही माँ बोली,,,,,,,,,

अरे तूने अभी तक कपड़े क्यू नही उतारे ,,,,मूड नही है क्या आज माँ को चोदने का,,,

सन्नी--मूड तो बहुत है माँ ऑर इतना मूड है कि सुबह तक चोदता रहूँगा तेरे को तू थक जाएगी
लेकिन मैं नही थकने वाला,,,,,इतना बोलते ही मैने अपने उपर से चद्दर हटा दी ऑर माँ 
मुझे नंगा देख कर खुश हो गई,,,,,मैं पहले से ही नंगा होके चद्दर लेके लेटा हुआ 
था,,,माँ ने मुझे ऐसे देखा ऑर जल्दी से मेरे करीब आ गई ऑर मेरी छाती पर हाथ रखके
हल्के से सहलाने लगी ऑर मैने भी माँ के बूब्स को अपने हाथों मे पकड़ लिया ऑर कस्के
दबाने लगा ऑर जल्दी ही माँ के लिप्स को अपने लिप्स मे जाकड़ कर एक मस्त किस करने लगा मैं आज
रेखा की चुदाई से कुछ ज़्यादा ही मस्त हो गया था ऑर माँ को बड़े प्यार से किस करने लगा
था तभी माँ पीछे हटी,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

माँ--क्या बात है आज बड़ा प्यार आ रहा है माँ पर ,,, पहले तो कभी इतने प्यार से किस नही की 
तूने मुझको,,,,,,,,,,,,,

सन्नी--माँ आज कुछ मत बोलो प्लज़्ज़्ज़ आज मैं बहुत मस्ती करने के मूड मे हूँ ,,,,,,,,,,,,,,,

माँ--क्यू आज ऐसा क्या ख़ास हो गया जो तू मस्ती के मूड मे है,,,,,,,,,

सन्नी--माँ तुम तो सब जानती हो फिर इतनी भोली क्यू बन रही हो,,,,,,

माँ चुप हो गई,,,,,,क्यूकी माँ उस बारे मे कोई बात नही करना चाहती थी ऑर डर रही थी
कहीं बातों ही बातों मे मैं माँ से कुछ पूछना ना शुरू कर्दु इसलिए मैं ऑर कुछ
बोलता माँ ने मुझे वैसे ही प्यार से किस करना शुरू कर दिया जैसे कुछ देर पहले मैं
माँ को किस कर रहा था ऑर माँ ने जल्दी से मुझे ऑर ज़्यादा मस्त करने के लिए मेरे लंड को
भी अपने हाथ मे पकड़ लिया ऑर सहलाने लगी थी जो लंड अभी तक पूरी ओकात मे आ चुका
था माँ के हाथ लगते ही उसमे एक तूफान उठने लगा था एक तेज तूफान जिस वजह से मेरे 
लंड की नसों मे खून डबल स्पीड से दौड़ने लगा था ऑर मेरे लंड मे एक हल्का मीठा
दर्द होने लगा था माँ का हाथ मेरे लंड की पूरी लंबाई जितना उपर नीचे होने लगा ऑर
कभी कभी वो मेरे लंड की टोप्पी पर अपने नखुनो से हल्के से कुरेदने लग जाती ऑर कभी-2
लंड की टोपी को उंगलितों से दबा देती मेरी तो जान ही निकल जाती इतनी ज़्यादा मस्ती मे अब मेरे से
क़ाबू करना मुश्किल हो गया ऑर मैं जल्दी से उठकर बैठ गया ऑर लंड को माँ के मुँह के पास
कर दिया माँ ने भी जल्दी से मुँह खोला ऑर मेरे लंड को मुँह मे घुसने की इजाज़त दे दी ऑर एक
ही बार मे मैने लंड को माँ के गले तक उतार दिया ऑर अपनो हाथों को माँ के उपर से आगे
की तरफ ले गया ऑर बेड पर टिका कर खुद की कमर को उपर उठा लिया ऑर लंड को माँ के मुँह मे 
पेलने लगा माँ ने भी अपने दोनो हाथ मेरी गान्ड पर रखे ऑर मुझे गान्ड से पकड़ कर
उपर नीचे करनी लगी ऑर मेरे लंड को मुँह मे लेने लगी,,,,,,मेरे लंड के हर एक धक्के से
मेरा लंड माँ के गले से नीचे तक उतर रहा था माँ ने भी अपने सर को थोड़ा अड्जस्ट किया
तो मैने देखा कि माँ के गले से नीचे तक जाता लंड मुझे सॉफ नज़र आ रहा था ऑर मुझे
मस्ती चढ़ने लगी थी क्यूकी मुझे ऐसा लग रहा था जैसे मैं माँ के गले को नही माँ की
मस्त गान्ड की चुदाई कर रहा हूँ उधर माँ ने अपने एक हाथ को मेरी गान्ड से उठा लिया
ऑर अपनी चूत पर ले गई ऑर अपनी चूत को तेज़ी से उंगली डालके खुद ही चोदने लगी तभी मैं
थोड़ा हिला ऑर अपने सर को माँ की चूत की तरफ ले गया माँ ने भी मुझे हिलते ही अपने हाथ को
चूत पर से हटा लिया ऑर मेरी कमर को पकड़ कर मुझे पलटने मे मदद की ऑर कुछ ही
पल मे मेरा फेस माँ की चूत पर था ऑर माँ की चूत पूरी गीली हो चुकी थी जिसको मैने मुँह
मे भरके चूसना शुरू कर दिया ऑर अपनी कमर को तेज़ी से हिलाते हुए माँ के मुँह मे अपने लंड
को पेलने लगा मेरा लंड माँ के गले से नीचे उतर रहा था ऑर इधर मेरी ज़ुबान माँ की चूत
से नीचे उतर रही थी,,,मैं माँ की चूत मे अपनी पूरी ज़ुबान डालके अच्छी तरफ से चाटते हुए
माँ की चूत को अपनी ज़ुबान से चोदने लगा था 
 
माँ ने अपनी दोनो टाँगों को घुटनो सेमोड़ लिया ऑर मेरे सर को अपनी टाँगों से जाकड़
कर मुझे चूत पर होने वाली मस्ती का इशारा कर दिया मैं समझ गया कि माँ को
बहुत मज़ा आ रहा है इस बात का फ़ायदा उठाते हुए मैने
अपने दोनो हाथों को माँ की टाँगों के नीचे से घुमा कर माँ की गान्ड पर रख दिए ऑर 
माँ की गान्ड को अपने हाथों से थोडा खोल दिया फिर अपने मुँह को माँ की चूत से उठाकर
थोड़ा थूक अपने हाथ पर थूक दिया ऑर दोनो हाथों की 1-1 उंगली अपने थूक से चिकनी करके
माँ की गान्ड मे घुसा दिया लेकिन माँ की गान्ड खुली थी इसलिए 2 उंगलियों का पता ही नही 
चला कब अंदर चली गई इसलिए मैने दोनो हाथों की 2-2 उंगलिया माँ की गान्ड मे घुसा दी
तो माँ के जिस्म मे झटके लगने शुरू हो गये तभी मेरे दिमाग़ मे पता नही क्या आया मैने 
माँ की गान्ड को अपने दोनो हाथों से अच्छी तरफ खोला ऑर जल्दी से 3-3 उंगलियाँ माँ की गान्ड
मे घुसा दी और गान्ड को थोड़ा और खोल दिया इस से शायद माँ को दर्द हुआ ऑर उनका जिस्म कुछ
तेज़ी से झटके खाने लगा ऑर वो बेड से उछलने लगी लेकिन मैने माँ को नही छोड़ा ऑर ज़्यादा
तेज़ी से 3-3 उंगलियाँ माँ की गान्ड मे घुसाने लगा कुछ ही देर मे माँ को ज़्यादा ही मस्ती आने
लगी ऑर वो मेरी कमर को अपने हाथों से तेज़ी से उपर नीचे करते हुए मेरे लंड को तेज़ी से अपने
मुँह मे लेने लगी मैने भी अपनी कमर को तेज़ी से उछालते हुए माँ के मुँह को अपने लंड से 
चोदने लगा,,


कुछ देर बाद मैं उठा ऑर मुझे रेखा के साथ की चुदाई याद आ गई ऑर मैं जल्दी से माँ के
पेट पर चढ़ गया माँ मेरी तरफ देखने लगी कि मैं क्या कर रहा हूँ लेकिन जल्दी ही माँ भी
समझ गई ऑर उन्होने अपने दोनो बूब्स को अपने हाथों से पकड़ लिया ,,,,माँ ने पहले ऐसा 
कभी नही किया था मेरे साथ ऑर ना ही मैने किया था लेकिन मेरे पेट पर बैठते ही माँ सब
कुछ समझ गई थी ,,जैसे ही माँ ने दोनो हाथों से अपने बूब्स को पकड़ा मैने भी अपने 
लंड को माँ के बूब्स की लाइन पर रख दिया ऑर अपने मुँह से थोड़ा थूक माँ की बूब्स वाली लाइन
पर अपने लंड के उपर गिरा दिया तभी माँ ने अपने बूब्स को दोनो तरफ से मेरे लंड पर
जाकड़ लिया ऑर अपने हाथों को आगे पीछे करते हुए दोनो बूब्स से मेरे लंड की मूठ मारने 
लगी ऑर मैने भी खुद की कमर को आगे पीछे करते हुए लंड को माँ के बूब्स मे चोदने 
लगा मेरा लंड माँ के बूब्स से आगे निकल कर माँ की चिन पर टकराने लगा तभी माँ ने अपने
सर को थोड़ा अड्जस्ट किया ऑर मेरी तरफ देखते हुए अपने मुँह को खोल दिया जिस से मेरे लंड का
का वो हिस्सा जो बूब्स से आगे निकल कर माँ की चिन से टकरा रहा था वो माँ के मुँह मे घुसने 
लगा ऑर माँ भी अपने सर को ठीक उसी टाइम आगे करती जब लंड उनने मुँह के पास जाता ऑर फिर मुँह
मे लंड लेके आगे पीछे करने लग जाती मैं फिर लंड की पीछे करता ऑर बूब्स को अपने हाथों 
से माँ के हाथों के उपर से जाकड़ कर अपने लंड को तेज़ी से आगे पीछे करने लग जाता


मुझे अब 2-2 मज़े एक साथ आ रहे थे,,,एक तो बूब्स के बीच लंड पेलने से टाइट चूत का मज़ा ऑर
साथ ही मुँह मे लंड जाने से गान्ड चुदाई का मज़ा मेरी स्पीड काफ़ी तेज थी ऑर माँ भी अपने
हाथों को ऑर सर को तेज़ी से चला रही थी मेरे लंड पर जिस से मेरा पानी निकलने वाला हो गया 
लेकिन मैं माँ को भी अपने साथ ही झड़ाना चाहता था इसलिए मैने माँ के बूब्स से अपने
हाथ उठा लिए ऑर जल्दी से पीछे हाथ ले जा कर माँ की चूत पर रख दिया ऑर तेज़ी से माँ की चूत
मे उंगली करने लगा माँ की चूत मे मेरी उंगली की स्पीड काफ़ी तेज थी जिस से माँ को मज़ा आने 
लगा ऑर माँ ये भी समझ गई कि मैं झड़ने वाला हूँ इसलिए माँ ने भी अपने हाथों से
अपने बूब्स को तेज़ी से मेरे लंड पर चलाना शुरू कर दिया ,,,करीब 2-3 मिनट बाद ही माँ की
चूत ने पानी छोड़ दिया ऑर मेरा हाथ माँ की चूत के पानी से गीला हो गया मैने जल्दी से उस
हाथ को अपने फेस के पास किया ऑर माँ के देखते देखते अपने हाथ से माँ की चूत के पानी को
अच्छी तरह चाटने लगा माँ ने मुझे ऐसा करते देखा अपने दाँतों से मेरे लंड की टोपी को 
हल्के से काटना शुरू कर दिया मुझे एक ही पल मे इतनी ज़्यादा मस्ती चढ़ गई कि मुझे लगा कि अब
एक ही पल मे मेरा लंड पिचकारी मार देगा लेकिन माँ ने तो मेरे लंड की टोपी को मुँह मे ही
रखा ऑर हाथों से बूब्स को बाकी लंड पर मसल्ति रही साथ ही मेरे लंड की टोपी पर लगातार
हल्के हल्के दाँतों से काटती रही मानो वो मेरे लंड से जल्दी पानी निकालना चाह रही थी ऑर हुआ
भी ऐसा ही माँ के दाँतों के हल्के हल्के काटने से मुझे बहुत ज़्यादा मस्ती चढ़ गई ऑर कुछ
ही पल मे मेरे लंड ने तेज तेज पिचकारियाँ मारना शुरू कर दिया ऑर मेरा स्पर्म माँ के मुँह 
मे निकलने लगा जिसको माँ ने गले से नीचे उतारना शुरू कर दिया,,, मेरे लंड ने करीब 8-10
पिचकारी मारी ऑर माँ ने मेरा सारा स्पर्म पी लिया लेकिन मेरे लंड को अभी तक मुँह से नही
निकाला जब तक कि लंड के पानी की लास्ट ड्रॉप तक नही निकल गई माँ के मुँह मे ऑर फिर मेरे लंड
को अच्छी तरह सॉफ कर दिया ,,,,,,,,,

मैं माँ के उपर से उतर गया ऑर साइड मे माँ के करीब ही लेट गया,,,,,,

माँ--आज तो बड़ी मस्ती मे है मेरा बेटा ,,,क्या बात है,,,,,नये नये तरीके आजमा रहा है अपनी माँ
पर ,,,,,

सन्नी--हाँ माँ आज कुछ ज़्यादा ही मस्ती मे हूँ मैं,,,,जबसे रेखा की चुदाई की है तबसे बुरा हाल
है,,उसी ने ये नया तरीका भी सिखाया है मुझे,,,,,आप भी तो उसके साथ मस्ती करती हो तो फिर
आप को तो सब पता होगा ना माँ,

तभी माँ कुछ देर चुप रही,,,,,,,हां बेटा वो उमर मे मेरे से छोटी है लेकिन चुदाई मे एक
नंबर की रंडी है,,,काफ़ी तेज है मेरे से,,वो तो शुरू से ही ऐसी है मैने सुना है,,,,,तभी माँ
फिर से चुप कर गई,,,

सन्नी--माँ वो है कॉन ,,,,,,मैने सीधा माँ की आँखों मे आँखें डालके पूछ लिया,,,,लेकिन मुझे
जवाब नही मिला लेकिन कुछ ऑर मिल गया,,,,

तभी माँ कुछ बोलने से पहले ही मेरे लिप्स पर टूट पड़ी,,मानो माँ मेरी बात का जवाब नही 
देना चाह रही थी,,,,,माँ ने पागलो की तरह मेरे लिप्स को चूसना शुरू कर दिया ऑर फिर से 
मुझे मस्ती चढ़नी शुरू हो गई,,,,

उस रात मैने माँ को कम से कम 6 या 8 बार चोदा था लेकिन जब भी मैं माँ से रेखा के
बारे मे बात करता तो वो चुप हो जाती ऑर बात का जवाब ना देते हुए मुझे फिर से चुदाई के
लिए शुरू कर देती,,,,,माँ से उस रात कोई ढंग का जवाब नही मिला मुझे बस वो हर बार 
मुझे चुदाई से खुश कर देती,,,,माँ ने रसोई मे भी मामा से यही बात की थी कि वो रात
भर मुझे खुश करेगी ऑर किसी बारे मे ज़्यादा बात नही करेगी ऑर माँ ने ऐसा किया भी,,,
 
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