hotaks444
New member
- Joined
- Nov 15, 2016
- Messages
- 54,521
सूरज भाई बाइ बोल कर एक बॅग लेके बाहर चले गये ऑर साथ मे भाभी भी चली गई,,फिर कविता ने भी
मुझे बाइ बोला ऑर बाहर चली गई जबकि सोनिया चुप चाप ही गई थी,,,उसने मुझे बाइ नही बोला,,,
मैं अंदर ही खड़ा रहा तभी एक बॅग जो ज़मीन पर पड़ा हुआ था मेरी नज़र उसपे गई तो मैं बॅग
उठा कर बाहर जाने लगा तभी कविता अंदर आ गई,,,,,
ओह्ह सॉरी मैं ये बॅग भूल ही गई थी,,,
इट्स ओके नोकरानी जी ,,,,हम है ना काम करने के लिए ,,अब नोकरों को तो आदत हो गई है काम नही करने
की,,,,इतना बोलकर मैं हँसने लगा तो कविता एक दम से आगे बढ़ कर आ गई ऑर मेरे हाथ से गुस्से से बॅग
खींचने लगी,,,,
ला दे बॅग मैं खुद ले जाती हूँ,,,आंड मुझे नोकरानी मत बोल,,,वर्ना अच्छा नही होगा,,,
बोलूँगा,,तू क्या कर लेगी ,,,
बोला ना मत बोल,,,वर्ना मैं गुस्सा हो जाउन्गी,,,,,
अच्छा बाबा सॉरी गुस्सा मत होना,,,वैसे भी खूबसूरत लड़कियाँ गुस्से मे अच्छी नही लगती,,खुद की
तारीफ सुनकर कविता थोड़ा इतराने लगी,,,,,
क्या मैं तुझे खूबसूरत लगती हूँ,,,ठीक है तो मैं नही करती गुस्सा,,,,वो नखरे से इतराने लगी,,
अरे मैं खूबसूरत लड़कियों के बारे मे बोला है,,,,तेरे बारे मे नही,,तू जितना मर्ज़ी गुस्सा कर
सकती है,,,,इतना सुनकर वो फिर गुस्से से मूह फुलाने लगी,,,,
अच्छा अच्छा बाबा सॉरी ,,,,मज़ाक कर रहा था मैं,,तुम तो बहुत खूबसूरत हो,,,आंड गुस्सा करके अपने
इस खूबसूरत फेस को खराब मत कर,,,,
वो खुश हो गई,,,,थॅंक्स्क्स्क्स झूठी तारीफ के लिए ब्लककी,,,,चल अब बॅग छोड़ मुझे जाना है,,,,
ऐसे कैसे जाना है पहले बाइ तो बोल मुझे,,,
पहले बोला तो था बाइ जाते टाइम,,,अब क्यू बोलू,,,,
नही बोलेगी तो मैं बॅग नही देने वाला,,,,
अच्छा बाइ ब्लककी,,,अब तो बॅग दे मुझे जाना है भाई वेट कर रहा है बाहर,,,,
ऐसे नही प्यार से बोल बयी,,,,
प्यार से ही बोला मैने कॉंका बाइ को पत्थर के साथ बाँध कर तेरे सर मे मारा है,,,,वो फिर
से हँसने लगी,,,,,
ऐसे नही ना प्यार से बोल फिर जाने दूँगा तुझे,,,,,
प्यार से कैसे,,मुझे नही आता प्यार से बाइ बोलना,,,,
मैं सिखा देता हूँ,,,इतना बोलकर मैने उसका हाथ पकड़ा जो बॅग पर था ऑर जल्दी से उनको अपने करीब
खींच लिया,,मैं इतनी तेज़ी से खींचा था उसको कि वो मेरी चेस्ट मे ज़ोर से लगी आके,,,ऑर मेरे
करीब आते ही मैं बॅग को अपने हाथ से अलग कर दिया ऑर बॅग नीचे गिर गया ,,उसके हाथ से भी बॅग
छूट गया था,,,मैने जल्दी से उसको बाहों मे भर लिया ऑर उसके कुछ सोचने या बोलने से पहले ही एक
हाथ से उसको उसकी पीठ से पकड़ा ऑर एक हाथ को उसके सर पर ले गया ऑर अपनी उंगलियों को खोल कर उसके
बालों मे घुसा दिया जिस से मेरे हाथ की पकड़ काफ़ी मजबूत हो गई एक ही पल मे उसके सर पर ,,ऐसे
करके उसका फेस मेरे फेस के करीब हो गया,,,एक ही पल लगा मुझे गर्म होने मे ऑर उतने ही टाइम मे
उसकी साँसे भी आग उगलने लगी थी,,,हार्टबीट तो पूछो मत,,,,
तुझे प्ययारर से बयी बूल्लनना न्ह्ही आत्ता ना,,तैन्शन मत ले आज मैईन्न सीकखहा
द्दीतता हहूँ ,,इतना बोलकर मैं अपने लिप्स उसके लिप्स पर रख दिए ऑर पिछली बार की तरह उसने एक
ही पल मे मेरे लिप्स को अपने लिप्स से टच होते ही मुझे किस का रेस्पॉन्स देना शुरू कर दिया,,इस से
पहले मैं कुछ करता उसकी ज़ुबान मेरे मूह मे घुस गई ऑर मूह के हर कोने के मुआयना करने
लगी,,उसके हाथ जो अभी तक नीचे हवा मे लटक रहे थे वो एक ही पल मे मेरी पीठ पर चले
गये ऑर मेरी पीठ को प्यार से सहलाने लगे,,,अभी मेरा हाथ उसके पेट पर ऐसे ही पड़ा हुआ था मैं
अपने हाथ को ज़रा भी नही हिला रहा था,,,एक हाथ उसके सर पर टिका हुआ था,,,मैं जब भी इसके
करीब जाता तो गर्म हो जाता ऑर उसको गर्म करने की कोशिश करता लेकिन वो तो मेरे से भी कहीं
ज़्यादा जल्दी गर्म हो जाती थी,,,
उसको तो मस्ती चढ़ चुकी थी वो भी पूरे जोश के साथ ओर उसके जोश ने मेरे जोश को भी भड़का दिया
था,,मेरा हाथ भी उसकी पीठ पर चलने लगा था ऑर उसके बलों को सहलाने लगा था,,तभी बाहर से
सूरज की आवाज़ आई,,,,
जल्दी करो कविता हमे रात होने से पहले पहुँचना है,,,,,
सूरज भाई की आवाज़ सुनके कविता एक दम से मेरे से दूर हो गई ऑर मुझे भी धक्का देके पीछे
कर दिया,,,मैं पीछे हटके उसकी तरफ देखा तो उसकी हालत बहुत खराब हो गई थी,,,उसकी तेज़ी से
चलती हुई साँसे ,,,दिल की तेज धड़कन,,आँखों मे एक अजीब कशिस एक मस्ती भरा नशा ,,इस वक़्त अगर
कोई अंदर आ जाता तो सॉफ समझ जाता कि कविता को क्या हुआ है,,,,वो जैसे तैसे खुद पर क़ाबू करते
हुए खुद को संभालने लगी ऑर मेरे से नज़रे चुराती हुई ज़मीन पर पड़े बॅग को उठाने लगी लेकिन
मस्ती की वजह से एक लहर जो उसके जिस्म मे अभी भी दौड़ रही थी उस लहर ने कविता का खड़ा होना
भी मुश्किल कर दिया था,,,,वो बॅग को उठाने की कोशिश मे झुकी तो ज़मीन पर लड़खड़ा कर गिरने
लगी थी,,,मैं उसकी हालत को पहले से समझ गया था इसीलिए जल्दी से आगे बढ़ कर उसको सहारा देने लगा,,
लेकिन उसने जल्दी से मुझे पीछे धक्का दे दिया ऑर बॅग उठा कर बाहर की तरफ भाग गई ऑर जाते जाते
मुझे थोड़ा गुस्से से देख कर गई,,उसकी आँखें थोड़ी नम हो गई थी,,,वो अपने दुपपत्टे से अपनी
आँखों को सॉफ करती हुई बाहर की तरफ चली गई,,,
मैं यहाँ खड़ा खड़ा बेचैन हो गया था,,,,कविता को क्या हो गया एक ही पल मे,,,अभी तो बहुत
खुश थी अभी रोने लगी ओर गुस्सा भी हो गई,,,क्या मैं कोई ग़लती करदी उसके साथ,,,,लेकिन जब किस
कर रहा था तो वो मेरे से कहीं ज़्यादा उतावली होके मुझे किस का रेस्पॉन्स दे रही थी,,,तो फिर
एक दम से उसको क्या हो गया,,,,वो ऐसा बर्ताव क्यू करने लगी थी,,,ख़ुसनूमा चेहरा पर एक दम से
उदासी क्यूँ आ गई थी गुस्सा क्यूँ आ गया था,,,मदहोश आँखों मे आँसू क्यू आ गये थे,,,,,वो
खुद को संभाल कर बाहर तो चली गई थी लेकिन अंदर खड़े हुए मेरा खुद को संभालना बहुत
मुश्किल हो गया था,,मुझे कुछ समझ नही आ रहा था,,,,,
वो सब लोगो के जाते ही भाभी गेट बंद करके अंदर आ गई ,,,,यहाँ मैं अपने ख्यालों मे खोया
हुआ था ऑर कविता के बारे मे सोच रहा था मुझे कुछ समझ नही आ रहा था,,,,
कहाँ खो गये सन्नी,,,क्या सोच रहे हो,,,,भाभी की आवाज़ से मैं अपनी दुनिया मे वापिस आ गया
कुछ नही भाभी,,बस ऐसे ही ध्यान किसी ऑर तरफ चला गया था,,,,
मुझे बाइ बोला ऑर बाहर चली गई जबकि सोनिया चुप चाप ही गई थी,,,उसने मुझे बाइ नही बोला,,,
मैं अंदर ही खड़ा रहा तभी एक बॅग जो ज़मीन पर पड़ा हुआ था मेरी नज़र उसपे गई तो मैं बॅग
उठा कर बाहर जाने लगा तभी कविता अंदर आ गई,,,,,
ओह्ह सॉरी मैं ये बॅग भूल ही गई थी,,,
इट्स ओके नोकरानी जी ,,,,हम है ना काम करने के लिए ,,अब नोकरों को तो आदत हो गई है काम नही करने
की,,,,इतना बोलकर मैं हँसने लगा तो कविता एक दम से आगे बढ़ कर आ गई ऑर मेरे हाथ से गुस्से से बॅग
खींचने लगी,,,,
ला दे बॅग मैं खुद ले जाती हूँ,,,आंड मुझे नोकरानी मत बोल,,,वर्ना अच्छा नही होगा,,,
बोलूँगा,,तू क्या कर लेगी ,,,
बोला ना मत बोल,,,वर्ना मैं गुस्सा हो जाउन्गी,,,,,
अच्छा बाबा सॉरी गुस्सा मत होना,,,वैसे भी खूबसूरत लड़कियाँ गुस्से मे अच्छी नही लगती,,खुद की
तारीफ सुनकर कविता थोड़ा इतराने लगी,,,,,
क्या मैं तुझे खूबसूरत लगती हूँ,,,ठीक है तो मैं नही करती गुस्सा,,,,वो नखरे से इतराने लगी,,
अरे मैं खूबसूरत लड़कियों के बारे मे बोला है,,,,तेरे बारे मे नही,,तू जितना मर्ज़ी गुस्सा कर
सकती है,,,,इतना सुनकर वो फिर गुस्से से मूह फुलाने लगी,,,,
अच्छा अच्छा बाबा सॉरी ,,,,मज़ाक कर रहा था मैं,,तुम तो बहुत खूबसूरत हो,,,आंड गुस्सा करके अपने
इस खूबसूरत फेस को खराब मत कर,,,,
वो खुश हो गई,,,,थॅंक्स्क्स्क्स झूठी तारीफ के लिए ब्लककी,,,,चल अब बॅग छोड़ मुझे जाना है,,,,
ऐसे कैसे जाना है पहले बाइ तो बोल मुझे,,,
पहले बोला तो था बाइ जाते टाइम,,,अब क्यू बोलू,,,,
नही बोलेगी तो मैं बॅग नही देने वाला,,,,
अच्छा बाइ ब्लककी,,,अब तो बॅग दे मुझे जाना है भाई वेट कर रहा है बाहर,,,,
ऐसे नही प्यार से बोल बयी,,,,
प्यार से ही बोला मैने कॉंका बाइ को पत्थर के साथ बाँध कर तेरे सर मे मारा है,,,,वो फिर
से हँसने लगी,,,,,
ऐसे नही ना प्यार से बोल फिर जाने दूँगा तुझे,,,,,
प्यार से कैसे,,मुझे नही आता प्यार से बाइ बोलना,,,,
मैं सिखा देता हूँ,,,इतना बोलकर मैने उसका हाथ पकड़ा जो बॅग पर था ऑर जल्दी से उनको अपने करीब
खींच लिया,,मैं इतनी तेज़ी से खींचा था उसको कि वो मेरी चेस्ट मे ज़ोर से लगी आके,,,ऑर मेरे
करीब आते ही मैं बॅग को अपने हाथ से अलग कर दिया ऑर बॅग नीचे गिर गया ,,उसके हाथ से भी बॅग
छूट गया था,,,मैने जल्दी से उसको बाहों मे भर लिया ऑर उसके कुछ सोचने या बोलने से पहले ही एक
हाथ से उसको उसकी पीठ से पकड़ा ऑर एक हाथ को उसके सर पर ले गया ऑर अपनी उंगलियों को खोल कर उसके
बालों मे घुसा दिया जिस से मेरे हाथ की पकड़ काफ़ी मजबूत हो गई एक ही पल मे उसके सर पर ,,ऐसे
करके उसका फेस मेरे फेस के करीब हो गया,,,एक ही पल लगा मुझे गर्म होने मे ऑर उतने ही टाइम मे
उसकी साँसे भी आग उगलने लगी थी,,,हार्टबीट तो पूछो मत,,,,
तुझे प्ययारर से बयी बूल्लनना न्ह्ही आत्ता ना,,तैन्शन मत ले आज मैईन्न सीकखहा
द्दीतता हहूँ ,,इतना बोलकर मैं अपने लिप्स उसके लिप्स पर रख दिए ऑर पिछली बार की तरह उसने एक
ही पल मे मेरे लिप्स को अपने लिप्स से टच होते ही मुझे किस का रेस्पॉन्स देना शुरू कर दिया,,इस से
पहले मैं कुछ करता उसकी ज़ुबान मेरे मूह मे घुस गई ऑर मूह के हर कोने के मुआयना करने
लगी,,उसके हाथ जो अभी तक नीचे हवा मे लटक रहे थे वो एक ही पल मे मेरी पीठ पर चले
गये ऑर मेरी पीठ को प्यार से सहलाने लगे,,,अभी मेरा हाथ उसके पेट पर ऐसे ही पड़ा हुआ था मैं
अपने हाथ को ज़रा भी नही हिला रहा था,,,एक हाथ उसके सर पर टिका हुआ था,,,मैं जब भी इसके
करीब जाता तो गर्म हो जाता ऑर उसको गर्म करने की कोशिश करता लेकिन वो तो मेरे से भी कहीं
ज़्यादा जल्दी गर्म हो जाती थी,,,
उसको तो मस्ती चढ़ चुकी थी वो भी पूरे जोश के साथ ओर उसके जोश ने मेरे जोश को भी भड़का दिया
था,,मेरा हाथ भी उसकी पीठ पर चलने लगा था ऑर उसके बलों को सहलाने लगा था,,तभी बाहर से
सूरज की आवाज़ आई,,,,
जल्दी करो कविता हमे रात होने से पहले पहुँचना है,,,,,
सूरज भाई की आवाज़ सुनके कविता एक दम से मेरे से दूर हो गई ऑर मुझे भी धक्का देके पीछे
कर दिया,,,मैं पीछे हटके उसकी तरफ देखा तो उसकी हालत बहुत खराब हो गई थी,,,उसकी तेज़ी से
चलती हुई साँसे ,,,दिल की तेज धड़कन,,आँखों मे एक अजीब कशिस एक मस्ती भरा नशा ,,इस वक़्त अगर
कोई अंदर आ जाता तो सॉफ समझ जाता कि कविता को क्या हुआ है,,,,वो जैसे तैसे खुद पर क़ाबू करते
हुए खुद को संभालने लगी ऑर मेरे से नज़रे चुराती हुई ज़मीन पर पड़े बॅग को उठाने लगी लेकिन
मस्ती की वजह से एक लहर जो उसके जिस्म मे अभी भी दौड़ रही थी उस लहर ने कविता का खड़ा होना
भी मुश्किल कर दिया था,,,,वो बॅग को उठाने की कोशिश मे झुकी तो ज़मीन पर लड़खड़ा कर गिरने
लगी थी,,,मैं उसकी हालत को पहले से समझ गया था इसीलिए जल्दी से आगे बढ़ कर उसको सहारा देने लगा,,
लेकिन उसने जल्दी से मुझे पीछे धक्का दे दिया ऑर बॅग उठा कर बाहर की तरफ भाग गई ऑर जाते जाते
मुझे थोड़ा गुस्से से देख कर गई,,उसकी आँखें थोड़ी नम हो गई थी,,,वो अपने दुपपत्टे से अपनी
आँखों को सॉफ करती हुई बाहर की तरफ चली गई,,,
मैं यहाँ खड़ा खड़ा बेचैन हो गया था,,,,कविता को क्या हो गया एक ही पल मे,,,अभी तो बहुत
खुश थी अभी रोने लगी ओर गुस्सा भी हो गई,,,क्या मैं कोई ग़लती करदी उसके साथ,,,,लेकिन जब किस
कर रहा था तो वो मेरे से कहीं ज़्यादा उतावली होके मुझे किस का रेस्पॉन्स दे रही थी,,,तो फिर
एक दम से उसको क्या हो गया,,,,वो ऐसा बर्ताव क्यू करने लगी थी,,,ख़ुसनूमा चेहरा पर एक दम से
उदासी क्यूँ आ गई थी गुस्सा क्यूँ आ गया था,,,मदहोश आँखों मे आँसू क्यू आ गये थे,,,,,वो
खुद को संभाल कर बाहर तो चली गई थी लेकिन अंदर खड़े हुए मेरा खुद को संभालना बहुत
मुश्किल हो गया था,,मुझे कुछ समझ नही आ रहा था,,,,,
वो सब लोगो के जाते ही भाभी गेट बंद करके अंदर आ गई ,,,,यहाँ मैं अपने ख्यालों मे खोया
हुआ था ऑर कविता के बारे मे सोच रहा था मुझे कुछ समझ नही आ रहा था,,,,
कहाँ खो गये सन्नी,,,क्या सोच रहे हो,,,,भाभी की आवाज़ से मैं अपनी दुनिया मे वापिस आ गया
कुछ नही भाभी,,बस ऐसे ही ध्यान किसी ऑर तरफ चला गया था,,,,