Hindi Porn Story कहीं वो सब सपना तो नही - Page 33 - SexBaba
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Hindi Porn Story कहीं वो सब सपना तो नही

सूरज भाई बाइ बोल कर एक बॅग लेके बाहर चले गये ऑर साथ मे भाभी भी चली गई,,फिर कविता ने भी
मुझे बाइ बोला ऑर बाहर चली गई जबकि सोनिया चुप चाप ही गई थी,,,उसने मुझे बाइ नही बोला,,,

मैं अंदर ही खड़ा रहा तभी एक बॅग जो ज़मीन पर पड़ा हुआ था मेरी नज़र उसपे गई तो मैं बॅग
उठा कर बाहर जाने लगा तभी कविता अंदर आ गई,,,,,

ओह्ह सॉरी मैं ये बॅग भूल ही गई थी,,,

इट्स ओके नोकरानी जी ,,,,हम है ना काम करने के लिए ,,अब नोकरों को तो आदत हो गई है काम नही करने
की,,,,इतना बोलकर मैं हँसने लगा तो कविता एक दम से आगे बढ़ कर आ गई ऑर मेरे हाथ से गुस्से से बॅग
खींचने लगी,,,,

ला दे बॅग मैं खुद ले जाती हूँ,,,आंड मुझे नोकरानी मत बोल,,,वर्ना अच्छा नही होगा,,,

बोलूँगा,,तू क्या कर लेगी ,,,

बोला ना मत बोल,,,वर्ना मैं गुस्सा हो जाउन्गी,,,,,

अच्छा बाबा सॉरी गुस्सा मत होना,,,वैसे भी खूबसूरत लड़कियाँ गुस्से मे अच्छी नही लगती,,खुद की
तारीफ सुनकर कविता थोड़ा इतराने लगी,,,,,

क्या मैं तुझे खूबसूरत लगती हूँ,,,ठीक है तो मैं नही करती गुस्सा,,,,वो नखरे से इतराने लगी,,

अरे मैं खूबसूरत लड़कियों के बारे मे बोला है,,,,तेरे बारे मे नही,,तू जितना मर्ज़ी गुस्सा कर
सकती है,,,,इतना सुनकर वो फिर गुस्से से मूह फुलाने लगी,,,,

अच्छा अच्छा बाबा सॉरी ,,,,मज़ाक कर रहा था मैं,,तुम तो बहुत खूबसूरत हो,,,आंड गुस्सा करके अपने
इस खूबसूरत फेस को खराब मत कर,,,,

वो खुश हो गई,,,,थॅंक्स्क्स्क्स झूठी तारीफ के लिए ब्लककी,,,,चल अब बॅग छोड़ मुझे जाना है,,,,

ऐसे कैसे जाना है पहले बाइ तो बोल मुझे,,,

पहले बोला तो था बाइ जाते टाइम,,,अब क्यू बोलू,,,,

नही बोलेगी तो मैं बॅग नही देने वाला,,,,

अच्छा बाइ ब्लककी,,,अब तो बॅग दे मुझे जाना है भाई वेट कर रहा है बाहर,,,,

ऐसे नही प्यार से बोल बयी,,,,

प्यार से ही बोला मैने कॉंका बाइ को पत्थर के साथ बाँध कर तेरे सर मे मारा है,,,,वो फिर
से हँसने लगी,,,,,

ऐसे नही ना प्यार से बोल फिर जाने दूँगा तुझे,,,,,

प्यार से कैसे,,मुझे नही आता प्यार से बाइ बोलना,,,,

मैं सिखा देता हूँ,,,इतना बोलकर मैने उसका हाथ पकड़ा जो बॅग पर था ऑर जल्दी से उनको अपने करीब
खींच लिया,,मैं इतनी तेज़ी से खींचा था उसको कि वो मेरी चेस्ट मे ज़ोर से लगी आके,,,ऑर मेरे
करीब आते ही मैं बॅग को अपने हाथ से अलग कर दिया ऑर बॅग नीचे गिर गया ,,उसके हाथ से भी बॅग
छूट गया था,,,मैने जल्दी से उसको बाहों मे भर लिया ऑर उसके कुछ सोचने या बोलने से पहले ही एक
हाथ से उसको उसकी पीठ से पकड़ा ऑर एक हाथ को उसके सर पर ले गया ऑर अपनी उंगलियों को खोल कर उसके
बालों मे घुसा दिया जिस से मेरे हाथ की पकड़ काफ़ी मजबूत हो गई एक ही पल मे उसके सर पर ,,ऐसे
करके उसका फेस मेरे फेस के करीब हो गया,,,एक ही पल लगा मुझे गर्म होने मे ऑर उतने ही टाइम मे
उसकी साँसे भी आग उगलने लगी थी,,,हार्टबीट तो पूछो मत,,,,

तुझे प्ययारर से बयी बूल्लनना न्ह्ही आत्ता ना,,तैन्शन मत ले आज मैईन्न सीकखहा
द्दीतता हहूँ ,,इतना बोलकर मैं अपने लिप्स उसके लिप्स पर रख दिए ऑर पिछली बार की तरह उसने एक
ही पल मे मेरे लिप्स को अपने लिप्स से टच होते ही मुझे किस का रेस्पॉन्स देना शुरू कर दिया,,इस से
पहले मैं कुछ करता उसकी ज़ुबान मेरे मूह मे घुस गई ऑर मूह के हर कोने के मुआयना करने
लगी,,उसके हाथ जो अभी तक नीचे हवा मे लटक रहे थे वो एक ही पल मे मेरी पीठ पर चले
गये ऑर मेरी पीठ को प्यार से सहलाने लगे,,,अभी मेरा हाथ उसके पेट पर ऐसे ही पड़ा हुआ था मैं
अपने हाथ को ज़रा भी नही हिला रहा था,,,एक हाथ उसके सर पर टिका हुआ था,,,मैं जब भी इसके
करीब जाता तो गर्म हो जाता ऑर उसको गर्म करने की कोशिश करता लेकिन वो तो मेरे से भी कहीं
ज़्यादा जल्दी गर्म हो जाती थी,,,

उसको तो मस्ती चढ़ चुकी थी वो भी पूरे जोश के साथ ओर उसके जोश ने मेरे जोश को भी भड़का दिया
था,,मेरा हाथ भी उसकी पीठ पर चलने लगा था ऑर उसके बलों को सहलाने लगा था,,तभी बाहर से
सूरज की आवाज़ आई,,,,

जल्दी करो कविता हमे रात होने से पहले पहुँचना है,,,,,

सूरज भाई की आवाज़ सुनके कविता एक दम से मेरे से दूर हो गई ऑर मुझे भी धक्का देके पीछे
कर दिया,,,मैं पीछे हटके उसकी तरफ देखा तो उसकी हालत बहुत खराब हो गई थी,,,उसकी तेज़ी से
चलती हुई साँसे ,,,दिल की तेज धड़कन,,आँखों मे एक अजीब कशिस एक मस्ती भरा नशा ,,इस वक़्त अगर
कोई अंदर आ जाता तो सॉफ समझ जाता कि कविता को क्या हुआ है,,,,वो जैसे तैसे खुद पर क़ाबू करते
हुए खुद को संभालने लगी ऑर मेरे से नज़रे चुराती हुई ज़मीन पर पड़े बॅग को उठाने लगी लेकिन
मस्ती की वजह से एक लहर जो उसके जिस्म मे अभी भी दौड़ रही थी उस लहर ने कविता का खड़ा होना
भी मुश्किल कर दिया था,,,,वो बॅग को उठाने की कोशिश मे झुकी तो ज़मीन पर लड़खड़ा कर गिरने
लगी थी,,,मैं उसकी हालत को पहले से समझ गया था इसीलिए जल्दी से आगे बढ़ कर उसको सहारा देने लगा,,

लेकिन उसने जल्दी से मुझे पीछे धक्का दे दिया ऑर बॅग उठा कर बाहर की तरफ भाग गई ऑर जाते जाते
मुझे थोड़ा गुस्से से देख कर गई,,उसकी आँखें थोड़ी नम हो गई थी,,,वो अपने दुपपत्टे से अपनी
आँखों को सॉफ करती हुई बाहर की तरफ चली गई,,,

मैं यहाँ खड़ा खड़ा बेचैन हो गया था,,,,कविता को क्या हो गया एक ही पल मे,,,अभी तो बहुत
खुश थी अभी रोने लगी ओर गुस्सा भी हो गई,,,क्या मैं कोई ग़लती करदी उसके साथ,,,,लेकिन जब किस
कर रहा था तो वो मेरे से कहीं ज़्यादा उतावली होके मुझे किस का रेस्पॉन्स दे रही थी,,,तो फिर
एक दम से उसको क्या हो गया,,,,वो ऐसा बर्ताव क्यू करने लगी थी,,,ख़ुसनूमा चेहरा पर एक दम से
उदासी क्यूँ आ गई थी गुस्सा क्यूँ आ गया था,,,मदहोश आँखों मे आँसू क्यू आ गये थे,,,,,वो
खुद को संभाल कर बाहर तो चली गई थी लेकिन अंदर खड़े हुए मेरा खुद को संभालना बहुत
मुश्किल हो गया था,,मुझे कुछ समझ नही आ रहा था,,,,,

वो सब लोगो के जाते ही भाभी गेट बंद करके अंदर आ गई ,,,,यहाँ मैं अपने ख्यालों मे खोया
हुआ था ऑर कविता के बारे मे सोच रहा था मुझे कुछ समझ नही आ रहा था,,,,

कहाँ खो गये सन्नी,,,क्या सोच रहे हो,,,,भाभी की आवाज़ से मैं अपनी दुनिया मे वापिस आ गया

कुछ नही भाभी,,बस ऐसे ही ध्यान किसी ऑर तरफ चला गया था,,,,
 
भाभी कुछ अजीब नज़रो से देखने लगी मुझे,,,अब तुम्हारी उमर ही ऐसी है ध्यान तो भटकता ही
रहता है इस उमर मे,,कभी ध्यान इधर तो कभी उधर,,,,

क्या बोला भाभी मैं कुछ समझा नही,,,,,,

कुछ नही मैने तो बोला कि तू आज कल मुझे याद ही नही करता,,तभी तो सुबह आने को कॉल की थी ऑर
अब आया है,,ये तो अच्छा हुआ कि इन लोगो का जाने का टाइम चेंज हो गया ऑर अब गये ये लोग अगर सुबह
ही चले जाते तो मैं अकेली बोर हो जाती,,,

क्या करूँ भाभी थोड़ा काम आन पड़ा था इसलिए नही आ सका,,वैसे इनका जाने का टाइम क्यू चेंज
हो गया भाभी,,,,

कुछ नही सन्नी पहले तो सूरज का माना नही था ऑफीस जाने का उसने सोचा था कि सुबह जल्दी ही चले
जाएँगे ऑर ना ही कविता का मोड़ था कॉलेज जाने का लेकिन सुबह जब सोनिया उठी तो उसने बोला कि
कॉलेज जाना है तो कविता को भी जाना पड़ा ऑर सूरज भी कुछ काम से ऑफीस चले गये,,फिर कविता ऑर
सोनिया तो आ गई जल्दी लेकिन सूरज को टाइम लग गया ऑफीस मे,,,,

पहले क्या बोला अपने ,,सोनिया उठी तो उसने बोला कॉलेज जाने को,,,क्या सोनिया कल रात यहीं सोई थी,,

कल क्या सन्नी वो तो 4 दिन से यहीं थी,,,------देर शाम को वो यहाँ आई थी,,,,

ये तो उस दिन की बात कर रही थी भाभी जिस दिन उसको हल्का बुखार था ऑर जिस दिन सुबह मैं अपना
समान लेके कारण के घर चला गया था,,,,मैं नून टाइम मे गया था जबकि सोनिया कविता के साथ शाम
को यहाँ आ आ गई थी,,,,लेकिन क्यूँ,,,क्या मेरी वजह से,,,क्या उसको मेरा घर से जाना अच्छा नही लगा या अपनी
फ्रेंड के घर मे मन बहल जाता ऑर बीमारी थोड़ी कम फील होती इसलिए सोनिया यहाँ आ गई थी,,,

किस सोच मे पड़ गया सन्नी,,,,,ये उमर सोचने की नही करने की है,,,,

क्या बोला भाभी,,,,सन्नी भाभी की बात सुन नही सका क्यूकी उसका ध्यान कहीं ऑर था,,,


कुछ नही सन्नी,,,,,,,,अच्छा बताओ कुछ खाना पीना है ,,,चाइ या कॉफी,,,,,ओह सॉरी भूल गई थी
तुम तो कॉफी पीक आए हो,,,,कुछ ऑर चाहिए क्या,,,,,

मैं भाभी की बात समझ गया था लेकिन अभी मैं कुछ अजीब सा फील कर रहा था,,,भाभी की तरफ
भी ध्यान नही दे रहा था इसलिए मैं भाभी को कुछ खाने को बनाने के लिए बोला,,,,वैसे भी
आज सुबह से अलका आंटी के साथ ऑर फिर माँ ऑर शिखा क साथ मस्ती कर रहा था,,,,एक कप चाइ भी
नही पी थी सुबह से,,,,बहुत भूख लगी हुई थी,,,,,

क्या खाना है सन्नी,,,,,,भाभी शर्मा ती हुई वही मस्ती भरे अंदाज मे बोल रही थी,,,

कुछ भी बना दो भाभी ,,,तब तक मैं ज़रा शवर ले लेता हूँ,,,थोड़ा थका हुआ हूँ,,,

ठीक है तुम फ्रेश हो जाओ मैं सॅंडविच बना देती हूँ,,,,इस से पहले भाभी कुछ ऑर बोलती मैं
भाभी के रूम की तरफ चला गया,,ऑर बाथरूम मे जाके घुस गया,,

जब शवर लेके बाहर निकला तो देखा कि मेरे पास तो कोई कपड़ा ही नही था,,,अब क्या करूँ,,जो
कपड़े मैने पहने हुए थे उन पर तो आयिल लगा हुआ था,,,,अलका आंटी के घर से भी बाथ लेके नही
आया था मैं ओर मेरे कपड़ो वाला बॅग भी मैं घर पे माँ के पास छोड़ आया था,,,,अब क्या
करूँ ,,,यही सोचता हुआ मैं टवल लपेट कर बाहर चला आया,,,मेरे जिस्म पर बस एक टवल ही था,,

बाहर आया तो देखा सोफे पर शोबा भी बैठी हुई थी,,,,उसने मुझे रूम से बाहर आते देखा तो मेरे
जिस्म पर एक टवल देख कर मस्त हो गई ऑर जल्दी से उठकर मेरे पास आ गई,,,,,,,,


वाह जी वाह क्या बात है ,,मेरे आने से पहले ही भाभी ऑर देवर की मस्ती शुरू हो गई थी,,,,इतना बोलकर
शोबा मेरे से चिपक गई,,,,,

मैने भाभी की तरफ देखा तो भाभी शर्मा रही थी,,,


मैने शोबा को पीछे किया,,,,नही दीदी आप ग़लत समझ रही हो,,,मैं तो अभी आके शवर लेके बाहर
निकला हूँ,,,मेरे कपड़े गंदे हो गये थे इसलिए टवल मे बाहर आ गया,,,,इतना बोलकर मैं भाभी
की तरफ देखा ऑर भाभी को कुछ कपड़े देने को बोला,,,,,

भाभी उठी ऑर हम दोनो के करीब से शरमाती हुई गुजर कर अपने रूम मे गई,,,शायद सूरज भाई
के कुछ कपड़े लेने गई होगी,,,तभी शोबा ने मोका देखा ऑर मेरे से चिपकने की कोशिश की तो मैने
दीदी को पीछे कर दिया ,,,,,,

थोड़ा सबर करो दीदी ,,मुझे भूख लगी है अभी,,,,बाद मे मस्ती करते है,,,इतना बोलकर मैं
डाइनिंग टेबल की तरफ बढ़ने लगा,,,जहाँ सॅंडविच पड़े थे,,,,शोबा हल्के गुस्से से पैर पटकती हुई
भाभी के रूम मे चली गई और मैं बाहर बैठ कर सॅंडविच खाने लगा,,,,,अभी मैं सॅंडविच
खा ही रहा था ऑर शोबा को रूम मे गये 10 मिनट हुए थे कि मुझे भाभी के रूम से हल्की
हल्की सिसकियों की आवाज़ आने लगी,,,,जो कुछ देर बाद तेज होने लगी ये आवाज़ भाभी की थी,,,मैं समझ
गया कि मेरे से दूर होके शोबा से सबर नही हुआ इसलिए भाभी को पकड़ लिया है उसने,,,पहले तो
मेरा मूड नही था मस्ती का लेकिन भाभी की सिसकियाँ सुनकर मेरा लंड खड़ा होने लगा,,,,मैने
जल्दी जल्दी सॅंडविच ख़तम किए ऑर जल्दी से भाभी के रूम की तरफ चला गया,,,,,

रूम के दरवाजे के पास पहुँचा तो अंदर का नज़ारा देख कर दिल खुश हो गया,,,भाभी की सिसकियाँ
सुनकर लंड मे जो तूफान उठने लगा था वो तूफान अब लंड से होता हुआ पूरे जिस्म मे खलबली
मचाने लगा था,,,,भाभी बेड पर लेटी हुई थी भाभी की सलवार उतर चुकी थी लेकिन कमीज़ अभी
तक भाभी के जिस्म पर थी ऑर वो भी भाभी की गर्दन तक उठी हुई थी,,,भाभी की ब्रा भी उपर की
तरफ उठी हुई थी ,,,भाभी के दोनो बूब्स नंगे थे ऑर शोबा उनको हाथों मे लेके मसल रही थी
ऑर भाभी की दोनो टाँगे खुली हुई थी ऑर उन खुली टाँगों के बीच मे शोबा अपने सर को भाभी
की चूत पर टिका कर लेटी हुई थी,,,,,शोबा भाभी की चूत को मूह मे भरके चूस रही थी ऑर
दोनो हाथों से भाभी के बूब्स को मसल रही थी,,,भाभी मस्ती मे ज़ोर ज़ोर से सिसकियाँ ले रही थी
लेकिन जैसे ही भाभी की नज़र मुझपर पड़ी तो भाभी की आवाज़ कुछ दब गई ऑर उन्होने शरमाते हुए
अपने मूह पर हाथ रख लिया ,,लेकिन शोबा इतनी मस्ती से भाभी की चूत को चूस रही थी कि भाभी
मूह पर हाथ रख कर भी अपनी सिसकियाँ पर क़ाबू करने मे नाकाम हो रही थी,,,,भाभी की आवाज़
कुछ देर के लिए कम हुई तो शोबा ने सर उठा कर भाभी की तरफ देखा ऑर फिर भाभी की नज़रो का
पीछा करते हुए शोबा का ध्यान भी मेरे उपर पड़ गया तो शोबा ने हाथ का इशारा करके मुझे
अपने पास बुलाया ऑर मैं किसी डोर से बँधा हुआ शोबा ऑर भाभी के पास खिंचा चला गया,,,

बेड के पास जाते ही शोबा ने मेरा टवल एक दम से खींच कर नीचे ज़मीन पर गिरा दिया ऑर मेरे
फुल हार्ड हो चुके लंड को हाथ मे पकड़ लिया ऑर बिना देर किए मेरे लंड को पहली बार मे ही आधा
मूह मे भर लिया ऑर फिर मूह को पीछे करके लंड को मूह से बाहर निकाल दिया ऑर मूह से थोड़ा
थूक लेके मेरे लंड पर लगा दिया ओर अच्छी तरह से हाथ से थूक को मेरे लंड पर मलने लगी ,,,
कुछ देर हाथ मे लंड सहलाने के बाद उसने फिर से लंड को मूह मे भर लिया ऑर एक ही बार मे
पूरा का पूरा लंड मूह मे भरके गले से नीचे तक ले गई,,,,भाभी बेड पर लेटी हुई शोबा की इस
हरकत को आँखे फाड़ फाड़ कर देख रही थी क्यूकी भाभी की कभी इतनी हिम्मत नही हुई थी कि
मेरा पूरा लंड मूह मे ले सके,,,लेकिन शोबा की बात कुछ ऑर थी,,,,उसने लंड को पूरा मूह मे लिया
ऑर फिर मूह को तेज़ी से आगे पीछे करते हुए लंड को चूसने लगी,,,लेकिन वो सिर्फ़ इतने से खुश नही थी
उसने मेरे हाथ पकड़े ओर अपने सर पर रख दिए ऑर मुझे अपनी कमर हिलाने को बोलने लगी मैने
भी उसका इशारा समझा ऑर उसके सर को अपने हाथों से पकड़ कर तेज़ी से उसके मूह मे लंड पेलने लगा
मेरी कमर तेज़ी से आगे पीछे होने लगी लेकिन शोबा का सर उस से भी तेज़ी से आगे पीछे हो रहा था,,,

उधर शोबा भाभी की चूत मे उंगली कर रही थी लेकिन मस्ती मे सिसकियाँ लेने की जगह भाभी बड़ी
हैरत से शोबा के मूह मे जाते हुए मेरे लंड को देख रही थी,मेरा लंड शोबा के मूह मे था जबकि उसका
एक हाथ भाभी की चूत पर था जबकि एक हाथ से उसने बेड पर सहारा लिया हुआ था जिस से वो कुतिया की तरह झुक कर
मेरे लंड को चूस रही थी,,,लेकिन जल्दी ही उसने पीछे हटके लंड को मूह से निकाल दिया ऑर मुझे
बेड पर उपर खींच लिया ,,मेरे बेड पर जाते ही शोबा ने जल्दी से भाभी को भी उठा कर बिठा
दिया ऑर भाभी की कमीज़ ऑर ब्रा को निकाल दिया जिस से भाभी बिल्कुल नंगी हो गई ,,शोबा ऑर मैं तो
पहले से नंगे थे,,,अब मैं बेड पर खड़ा हो गया जबकि शोबा ऑर भाभी घुटनो के बल बेड पर
बैठी हुई थी,,,,शोबा ने मेरे लंड को हाथ मे पकड़ा ऑर भाभी के मूह की तरफ बढ़ा दिया ,,भाभी
ने भी शरमाते हुए अपने मूह को खोल लिया लेकिन लंड को मूह मे लेने से नखरा करने लगी,,,तभी
शोबा ने अपने एक हाथ को भाभी की चूत की तरफ बड़ा दिया ऑर भाभी की चूत मे उंगली घुसा
दी ऑर तेज़ी से भाभी की चूत को उंगली से चोदने लगी,,,,उंगली की मस्ती से भाभी की मस्ती भी बढ़ गई
तो उन्होने मूह खोल कर लंड को मूह मे ले लिया ऑर हल्के हल्के चूसने लगी लेकिन भाभी लंड को
बस 3 इंच तक ही मूह मे ले रही थी ,,तभी शोबा ने भाभी के मूह मे जाते हुए मेरे लंड को अपने
हाथ से पकड़ा ओर भाभी के मूह से निकाल कर अपने मूह मे ले लिया ,,ऑर एक ही बार मे आधे से ज़्यादा
लंड को मूह मे लेके चूसने लगी ओर भाभी की तरफ देखने लगी,,,मानी शोबा भाभी को बोल रही
हो कि ज़्यादा से ज़्यादा लंड मूह मे लेक चूसो तभी चूसने वाले ओर चुसवाने वाले दोनो को मज़ा
आता है,,,,भाभी ने हां मे सर हिला कर अपनी सहमति जता दी ऑर तभी शोबा ने लंड को भाभी के
मूह की तरफ कर दिया ऑर भाभी ने भी लंड को मूह मे ले लिया ऑर हल्के हल्के चूसने लगी लेकिन
अभी भी भाभी 4 इंच तक लंड मूह मे ले रही थी ,,,शोबा ने एक हाथ से लंड को पकड़ा ऑर एक
हाथ को पीछे से भाभी के सर पर रख दिया ओर भाभी एक सर को लंड की तरफ आगे बढ़ा दिया जिस
से भाभी के मूह मे लंड करीब 6 इंच तक अंदर चला गया ऑर जाके उनके गले से टकरा गया,,भाभी
ने जल्दी से लंड को मूह से निकाला ऑर खांसने लगी ऑर कुछ थूक भी उनके मूह मे जमा था वो उनके
मूह से बाहर निकल आया तभी शोबा ने उस थूक को भाभी के मूह से सॉफ किया ऑर मेरे लंड पर
लगा कर अपने हाथ से अच्छी तरह मल दिया ऑर फिर भाभी के सर को पकड़ा ऑर लंड को उनके मूह मे
घुसा दिया,,भाभी का खांसना अभी तक ख़तम नही हुआ था कि लंड फिर से उनके मूह मे घुस
गया ऑर शोबा ने उनके सर को तेज़ी से आगे किया तो लंड फिर उनके गले से लगा तो भाभी ने फिर से
खांसने के लिए लंड को मूह से निकालने की कोशिश की लेकिन इस बार शोबा ने उनको लंड मूह से
नही निकलने दिया ऑर भाभी ऐसे ही लंड को मूह मे लिए हुए खांसने की कोशिश करने लगी,,,,भाभी
की आँखों मे भी पानी आ गया लेकिन शोबा नही रुकी ,,उसने भाभी के खाँसते हुए ही भाभी के
सर को फिर से आगे किया तो लंड उनके गले से टकराता हुआ गले से नीचे तक उतर गया ,,शोबा ने जल्दी
से अपने हाथ को मेरे लंड से हटा लिया जिस से बाकी का लंड भी भाभी के गले से नीचे तक उतर गया
ओर भाभी को खांसने का मोका भी नही मिला,,,भाभी की आँखें बाहर निकल आई लेकिन शोबा फिर
पर कोई असर नही हुआ ,,उसने भाभी के सर को पकड़ा ऑर थोड़ा पीछे किया फिर जल्दी से आगे कर दिया जिस
से लंड एक बार फिर से उनके मूह मे पूरा अंदर तक घुस गया,,,मेरी बॉल्स भाभी के लिप्स पर टच
हो रही थी मतलब मेरा पूरा लंड उनके मूह मे था,,,शोबा ने अभी तक भाभी के सर को पकड़ा हुआ
था फिर शोबा उठी ऑर भाभी के पीछे जाके बैठ गई लेकिन उसका एक हाथ अभी भी भाभी के सर पर
था ,,उसने भाभी के पीछे जाके भाभी के सर को दोनो हाथों से पकड़ा ऑर हल्के हल्के भाभी के
सर को आगे पीछे करने लगी,,,,मेरा लड 6 इंच तक भाभी के मूह मे था जबकि 3 इंच लंड भाभी
बाहर था जो बार बार अंदर बाहर हो रहा था,,,,शोबा मेरे लंड को भाभी के गले से बाहर
नही निकालने दे रही थी उसको पता था एक बार लंड गले से बाहर आ गया तो भाभी दोबारा से शोबा
को ऐसा नही करने देगी इसलिए वो लंड को ज़्यादा बाहर नही निकालने दे रही थी,,,,भाभी से अब बर्दाश्त
'नही हो रहा था उन्होने अपने हाथों से मेरे लंड को मूह से निकालने की कोशिश की लेकिन शोबा ने
जल्दी से मुझे भाभी के हाथ पकड़ने को बोला तो मैने भी मस्ती मे भाभी के हाथ पकड़ लिए
क्यूकी अभी मैं मस्ती एक सातवे आसमान पर था अगर लंड बाहर निकल जाता तो मैं फिर से ज़मीन
पर आके गिरता,,,,
 
मैं भाभी के हाथ पकड़ लिए ऑर शोबा पीछे से भाभी के सर को मेरे लंड पर आगे पीछे कर
रही थी,,,,मुझे ऐसा लग रहा था जैसे मैं किसी चूत मे लंड पेल रहा हूँ इसलिए मस्ती मे
मेरी कमर आगे पीछे हिलने लगी थी ऑर मैं भी भाभी के गले मे अपने लंड को अंदर तक घुसाने
लगा था,,,कुछ देर बाद भाभी की हालत ठीक हो गई,,,आँखों से निकलने वाला पानी भी रुक गया ,,,,,


लेकिन भाभी के मूह से निकलने वाला पानी उनके मूह से होता हुआ उनके बूब्स पर ऑर फिर उनकी
टाँगों पर गिरता हुआ बेड पर पहुँच गया था,,,तभी शोबा उठी ऑर भाभी के साथ आके बैठ गई
ऑर भाभी के मूह से लंड निकाल लिया ऑर तभी भाभी के मूह से खूब सारा थूक निकला जो भाभी
ने बेड पर उगल दिया,,शोबा भाभी को देख कर हँसने लगी ,,भाभी खांसने लगी ,,फिर शोबा ने
मेरे लंड को पकड़ा ऑर मूह मे भर लिया ऑर भाभी के सर को पकड़ा ओर अपनी तरफ कर लिया वो भाभी
को दिखा रही थी कि लंड कैसे चूसा जाता है,,,शोबा ने लंड को पहली बार मे पूरा मूह मे लिया ऑर
गले से अंदर तक घुसा लिया फिर अपनी ज़ुबान को मूह से बाहर निकाल लिया जिस से उसके मूह मे ज़्यादा
जगह बन गई ऑर लंड को मूह मे घुसने मे आसानी होने लगी,,,शोबा ने लंड को 2-3 मिनट तक
चूसा ऑर फिर मूह से निकाल दिया ऑर भाभी की तरफ बढ़ा दिया भाभी ने भी एक ही पल मे मूह खोला
ऑर लंड को मूह मे भर लिया ओर एक ही बार मे 5-6 इंच लंड मूह मे ले लिया ,,ऑर इतने ही लंड को मूह
मे लेके चूसने लगी ,,,कुछ देर बाद भाभी ने अपनी ज़ुबान बाहर निकाली ऑर शोबा की तरह लंड को
'पूरा मूह मे लेने की कोशिश करने लगी लेकिन भाभी को इस काम मे मुश्किल हो रही थी फिर भी
भाभी ने हार नही मानी ऑर 2-3 बार कोशिश करने के बाद भाभी ने मेरे पूरे लंड को ,मूह
मे घुसा लिया था ,,,लंड गले से टकराता हुआ नीचे तक चला गया ऑर भाभी ने पूरे लंड को मूह
मे लेके चूसना शुरू कर दिया,,,भाभी की इस हरकत से शोबा खुश हो गई ऑर झुक कर भाभी के
बूब्स को चूसने लगी,,,क्यूकी अब भाभी ने खुद लंड को पूरा मूह मे लिया था इसलिए अब उनको भी
मस्ती की ज़रूरत थी इसलिए शोबा उनको खुश करने लगी,,
 
कुछ देर बाद शोबा ने भाभी के मूह से लंड निकाला ऑर भाभी को बेड पर लेटा दिया,,भाभी बेड
पर पीठ के बल लेट गई ऑर भाभी की गर्दन बेड से नीचे लटक रही थी,,,शोबा खुद भाभी की
टाँगों के बीच मे चली गई ऑर मुझे बेड से नीचे जाने को बोला,,,मैं बेड से नीचे उतर कर
भाभी के सर के पास आ गया,,शोबा ने मुझे इशारा किया ऑर मैं अपने लंड को भाभी के मूह
मे घुसा दिया,,भाभी के सर बेड से नीचे की तरफ झुका हुआ था ऑर मैं भी भाभी के उपर
झुक गया जिस से मेरा सर भाभी के पैट पर आ गया लेकिन शोबा ने मेरा सर पकड़ा ऑर मुझे ऑर आगे
तक खींच लिया जिस से मेरा सर भाभी की चूत पर चला गया,,,मेरे दोनो हाथ बेड पर थे ऑर
मैं भाभी पर झुक कर अपने लंड को उनके मूह मे घुसा चुका था ऑर हल्के हल्के लंड को आगे
पीछे करने लगा था,,,,भाभी के मूह मे मेरा लंड अभी आधा ही अंदर बाहर हो रहा था,,,लेकिन
इतने से ही मुझे बहुत मज़ा आ रहा था,,,,तभी शोबा ने भाभी की टाँगों को खोल दिया ऑर मेरे
सर को भाभी की चूत पर रख दिया मैने भी कोई देर किए बिना भाभी की चूत को मूह मे भर
लिया ऑर चूसने लगा,,,,चूत के मेरे मूह मे जाने से भाभी की मस्ती चढ़ने लगी ऑर भाभी ने अपने
दोनो हाथ मेरी कमर पर रख दिए ऑर मुझे तेज़ी से अपने पूरे लंड को उनके मूह मे घुसने का
बोलने लगी,,,मैने भी भाभी का इशारा मिलते ही अपनी कमर को नीचे किया और मेरा पूरा लंड उनके
मूह मे गले से नीचे तक चला गया ऑर मैने हल्के हल्के अपनी कमर को हिलाना शुरू किया ,,मेरा
पूरा लंड अब भाभी के मूह मे घुस गया था ऑर गले से नीचे उतर गया था ,,इधर मैं भाभी
की चूत को चूस रहा था मेरे साथ ही शोबा भी भाभी की टाँगों के बीच मे लेट गई ऑर अपने
लिप्स को भाभी की चूत के पास कर दिया ऑर मेरे साथ साथ खुद भी भाभी की चूत को चूसने लगी

बीच बीच मे कभी कभी शोबा मेरे लिप्स पर किस करने लग जाती तो कभी कभी भाभी की चूत
के लिप्स को मूह मे भर लेती,,,मैं भी कभी कभी शोबा को किस करता तो कभी भाभी की चूत
को मूह मे भर लेता,,,ऑर कभी हम दोनो भाभी की चूत को चूस्ते ,,ऐसा करीब 12-15 मिनट तक
हुआ ऑर फिर भाभी के हाथ जो मेरी कमर पर थे भाभी ने उस से मुझे तेज़ी से हिलाना शुरू कर
दिया मैं समझ गया कि भाभी अब झड़ने वाली है तो मैने भी अपनी स्पीड तेज करदी ऑर कुछ ही पल
मे भाभी की चूत ने पानी बहाना शुरू कर दिया ,,जैसे ही भाभी की चूत से पानी निकला शोबा ने
मेरे सर को भाभी की चूत से दूर कर दिया ऑर खुद भाभी की चूत पर अपना मूह लगा कर '
भाभी की चूत से निकलने वाले पानी को पीने लगी,,तभी मैं अपनी कमर को तेज़ी से हिलाता हुआ शोबा
की तरफ देखने लगा तो उसका बदन भी झटके मारने लगा था मतलब वो भी पानी बहा रही थी ,,ऑर
इधर मेरा भी पानी निकलने वाला हो गया 2-2 चूत के पानी को देख कर ऑर मैने तेज़ी से अपनी कमर को
हिलाते हुए भाभी के गले से अंदर तक अपना लंड घुसा दिया ओर तभी लंड ने पिचकारी मारना शुरू
कर दिया ऑर मेरा पानी भाभी के गले से अंदर तक चला गया,,,

हम तीनो का पानी निकल गया ऑर मैं बेड से नीचे होके ज़मीन पर लेट गया ,,शोबा भी बेड पर
गिर गई ऑर भाभी भी ऐसे ही लेटी हुई तेज़ी से साँसे लेने लगी,,,,


हम सब थक गये थे लेकिन नही,,शायद कोई था जो अभी नही थका था,,,क्यूकी ज़मीन पर लेटे हुए
मुझे अपने लंड पर किसी के हाथ का एहसास हुआ,,,मैने देखा तो ये शोबा थी,,जो मेरे लंड पर
लगे हुए स्पर्म को चाटने के लिए नीचे आई थी,,,,उसने मेरे लंड को पकड़ा ऑर मूह मे भर लिया ऑर '
उससे स्पर्म को चाटने लगी जो भाभी के मूह मे जाने से बच गया था,,,मैं आराम से लेटा रहा ऑर
उसको स्पर्म चाट कर सॉफ करने दिया ,, लेकिन उसका दिल कुछ ऑर ही कर रहा था उसने स्पर्म चाट कर
सॉफ करने के बाद भी लंड को मूह से नही निकाला ऑर चुस्ती रही,,,मैं समझ गया कि अब ये चुदाई
करवाना चाहती है ऑर ऐसा ही हुआ उसने लंड को फिर से मूह मे पूरा घुसा लिया ,,मेरा लंड अभी
तक ठीक से सिकुडा भी नही था कि फिर से ओकात मे आने लगा ऑर हार्ड होने लगा,,,जिसको हार्ड होने मे
2 मिनट भी नही लगे,,क्यूकी शोबा का लंड चूसने का अंदाज़ ही बड़ा मस्त था जो सोते हुए लंड
को भी कुछ पल मे भी पूरा हार्ड कर देती थी,,,,,,

लंड हार्ड होते ही शोबा जल्दी से मेरे उपर चढ़ गई ऑर बिना देर किए अपनी टाँगे खोल कर मेरे उपर
आ गई फिर हाथ पर थोड़ा थूक लिया ऑर उसको अपनी चूत पर या गान्ड पर लगा लिया ,,मुझे नही
पता चला कहाँ लगाया पता तभी चलना था जब लंड अंदर घुसना था ऑर तभी लंड एक टाइट होल
'मे घुस्स गया तो मैं समझ गया शोबा ने थूक गान्ड पर लगाया था,,,गान्ड के होल पर लंड रखते
ही शोबा नीचे की तरफ बैठने लगी जिस से लंड गान्ड मे घुस गया,,लंड पर भी थूक लगा था ऑर
गान्ड पर भी इसलिए एक बार मे ही लंड पूरा अंदर चला गया,,,,ऑर तभी शोबा ने अपने हाथ मेरी
चेस्ट पर रखे ऑर लंड को गान्ड मे लेके उपर नीचे उछलने लगी,,,वो तेज़ी से ऑर पूरा लंड गान्ड
मे लेके उछल रही थी,,ऑर उसकी सिसकियाँ भी शुरू हो गई थी,,,,भाभी अभी तक बेड पर लेटी हुई खुद
पर क़ाबू करने की कोशिश कर रही थी लेकिन शोबा की आवाज़ सुनके भाभी का ध्यान शोबा ऑर मेरी
तरफ आया तो भाभी हैरान रह गई थी क्यूकी अभी तो मैं झडा था ऑर अभी फिर से मैं शोबा की
चुदाई करने लग गया था ,,,भाभी को मेरे झड़ने का तो पता लग गया था लेकिन शोबा का पता नही
चला था,,,,शोबा की सिसकियाँ सुनकर भाभी उठकर बैठ गई और हम दोनो की तरफ देखने लगी,,,

शोबा की सिसकियों ने भाभी पर भी असर कर दिया ऑर भाभी का हाथ उनके बूब्स पर चला गया ऑर
भाभी अपने हाथों से अपने बूब्स मसल्ने लगी,,,शोबा की सिसकियाँ थी ही इतनी तेज जिसने भाभी को
फिर से मस्त कर दिया था,,,,,,
 
अहह ससुउउन्न्ञनयी ऊररर त्टीज्जज्ज्ज आहह त्तीज्ज्जीई ससीई चहूओद्दड़ आपपनन्िईीईई
ब्बीहानन्न ककूऊऊओ हहयइीई माआ क्कीत्त्न्नईए डििईन्न्णणन् ससीए ताद्दाप्प्प राहहिि त्तिी
तीर्रीए इसस्स मूआसस्स्स्स्साल्ल्ल सीसी ल्लीइयईीई हहयइीई माआआआ आहह उऊहह
आब्ब्बब ज्जाकक्क़ीए ईीीइसस्स गाअन्नद्द्द्दद्ड कककूऊ आर्राआंम्म्म आय्या हहाइईईईईईई उउउहह
म्म्म्मा आआआआअ हहयइईईई ऊरर टीज्जििइई ससी काररर म्मेरेरी ब्बाहहिईिइ शोबा की मस्ती
भरी आवाज़ सुनकर मेरी कमर ज़मीन से उपर उठने लगी ऑर मैं कमर उठा उठा कर शोबा की
गान्ड मे लंड पेलने लगा,,,शोबा मेरे उपर झुक गई ऑर खुद हिलाना बंद कर दिया क्यूकी उसकी स्पीड
से कहीं ज़्यादा तेज हो गई थी मेरी स्पीड,,,उसको पता था वो हिलती रही तो मुझे स्पीड बरकरार रखने
मे दिक्कत होगी इसलिए वो रुक गई ऑर मेरे उपर झुक गई ऑर मुझे किस करते हुए सिसकियाँ लेने लगी,,
जैसे जैसे मेरी स्पीड तेज हुई वैसे वैसे उसकी आवाज़ भी तेज हो गई,,,,,आहह म्मेरेरीई
प्ययारीई बभहाइईईई ऊरर टीज़्जज छ्छूओद्द आपपननन्िईिइ बीहानं ककूऊव र टीज़्जज्ज गाणनदडड़
माआररर आपपनन्ी ब्बीहान्णन्न् क्क्कीईईईईई आहहूरर त्टीज्जज छ्छूओद्द मेरेरी बाहहिईिइ
आहह शोबा की आवाज़ सुनके भाभी बेड से नीचे आ गई ऑर हम दोनो के पास बैठ गई ऑर
शोबा की पीठ पर हाथ फिराने लगी तभी शोबा ने भाभी की तरफ देखा ऑर भाभी को किस करने
लगी लेकिन एक ही पल बाद वो उठी ओर बाहर भाग गई ,,,मैं ऑर भाभी कुछ नही समझ सके कि वो
भाग कर क्यूँ गई ऑर जल्दी ही वो वापिस आ गई ऑर उसके हाथ मे था एक नकली लंड उसने नकली लंड को
भाभी के हाथ मे दिया ऑर पलट कर मेरे उपर चढ़ गई लेकिन पहले वो पेट के बल मेरे उपर चढ़ि
थी लेकिन इस बार पीठ पर बल,,,,उसने अपने टाँगों को खोला ऑर मेरे उपर आ गई ऑर गान्ड को मेरे
लंड के उपर कर लिया मैने भी लंड को हाथ मे पकड़ा ऑर उसकी गान्ड के होल पर रखा तो उसने
नीचे होके लंड को गान्ड मे घुसा लिया ऑर आपने दोनो हाथों को ज़मीन पर रख दिया जिस से
उसको सहारा मिल गया ,,फिर वो मेरे लंड पर उछलने लगी ,,उधर भाभी ने अपने हाथ मे पकड़े हुए
नकली लंड को मूह मे भर लिया ऑर अच्छी तरह चूस कर थूक लगा दिया ऑर फिर उस लंड को शोबा
की चूत मे घुसा दिया,,,शोबा भी अपनी माँ की तरह चुड़क्कड़ हो गई थी एक लंड से खुशी नही
मिलती थी अब उसको इसलिए नकली लंड भी चूत मे लेने क लिए साथ मे लेके आई थी,,,उसको पता था मैं
यहाँ अकेला हूँ ऑर एक लंड से उसका क्या होगा,,,,


गान्ड मे मेरा लंड ऑर चूत मे भाभी का नकली लंड लेके शोबा की सिसकियाँ पूरे घर मे गूंजने
लगी थी,,,,,,,आहह बभब्भहिि ीसससी हहिईिइ प्पूउर्राा ल्लुउन्न्ड्ड़ ग्घुउऊस्स्साअ द्दूव
म्मेरेइईइ चूत्त म्मी ऊओरर टीज्जिि ससीए ब्बाहभहिी प्पूउर्रा उउन्नड़दीर्रर ताआक्कककककक
डाअल्ल्ल द्दूऊव र फाड्दड़ दूओ म्मेरेइईइ छ्छूवततत कककूऊऊओ स्साल्ल्लीी ज़्जबब्ब्ब द्डेक्खूओ
ल्ल्लुउउन्न्ञदड़ कककक ल्लीइयईी त्तार्रास्स्त्तीी रीहहत्तिीई हहाइईइ आजज्ज साररीि त्टाद्दाप्प्प ममीताआ द्दूव
ईसस्ककीईईई आहह उउउहह ब्बाहहिईिइ तुउुउउ बभिि टीज़्जजििइई ससी गाणन्ँदडड़
म्माआररर आप्प्पननन्ी बीहान्णन्न् क्कीईईईई ग्घहुऊऊस्साअ दीए प्पूउर्रा म्मूस्सालल्ल्ल म्मेरेयिइ
गगाणन्ंदड़ क्क्कीी जाद्दद्ड त्टाकककक ऊररर प्फ़ादद द्दी मेरेयिइ हहारममि गाणन्ंदड़ कक्कूव आहह
उउउहह माआआ क्कीिट्त्न्ना माज्जाअ आर्राहहा हहाइईईई हयीईई आहह
क्कीिट्त्न्ना बाद्दा ल्लुउउन्न्ड्ड़ हहाइईइ मेरेरीए बब्भ्ाइईईई क्कााअ क्कीिट्त्न्ना ंमाज़्जा द्दीतत्तता
हहाइईइ आप्प्पनन्ी बीहानन्न क्कूव गाणन्ंदड़ क्कू ऊरर टीज़्ज बभहाइईइ ऊरर तीज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज


नीचे से मैं शोबा की गान्ड को तेज़ी से चोद रहा था ऑर सामने से भाभी तेज़ी से अपना हाथ हिला कर
नकली लंड को शोबा की चूत मे घुसा रही थी,,,शोबा पागलो की तरह सिसकिया ले रही थी ऑर ज़ोर ज़ोर
से चिल्ला रही थी वो पहले भी झड़के हटी थी इसलिए मैं जनता था इश्स बार वो जल्दी नही झड़ने वाली
थी लेकिन 2 तरफ़ा हमले से उसकी हालत खराब हो गई थी ऑर सिसकियाँ ये बता रही थी कि वो झड़ने वाली
है ऑर ऐसा ही हुआ करीन 5-8 मिनट बाद शोबा की सिसकियाँ इतनी तेज हो गई कि उसकी चूत ऑर गान्ड
दोनो ने पानी भरना शुरू कर दिया ,,,पानी निकलने के बाद उसने भाभी के हाथ को हटा दिया लेकिन
जब मेरे उपर से उठने लगी तो मैने उसको कस्के पकड़ लिया क्यूकी मेरा अभी तक नही हुआ था,,,मैं
भी पहले पानी निकाल चुका था इसलिए मुझे भी अब काफ़ी टाइम लगने वाला था इसलिए मैने शोबा को
कस्के पकड़ लिया लेकिन तभी भाभी ने आगे बढ़ कर मेरे लिप्स पर किस करना शुरू कर दिया ऑर मैने
भी भाभी को किस का रेस्पॉन्स देना शुरू कर दिया साथ ही भाभी का हाथ शोबा की गान्ड पर जाते हुए
मेरे लंड पर चला गया ऑर भाभी ने हाथ मे पकड़ कर मेरे लंड को सहलाना शुरू कर दिया मैं
समझ गया कि भाभी ऐसा क्यू कर रही थी वो शोबा को मेरे से दूर करने की कोशिश कर रही थी
ताकि मैं शोबा को छोड़ दूँ मैने भी शोबा को छोड़ दिया ऑर शोभा के डोर हटते ही मैने
भाभी को ज़मीन पर लेटा लिया ऑर जल्दी से भाभी के उपर चढ़ गया ऑर भाभी की चूत मे लंड
घुसा दिया,,,,,मैं इतनी ज़्यादा मस्ती मे भाभी के उपर चढ़ा था ऑर इतनी जल्दी मे भाभी की चूत
मे लंड घुसाया था कि लंड एक ही बार मे पूरा अंदर तक चला गया ऑर झटके से जाके बच्चेदानी पर
लगा तो भाभी को एक तेज चीख निकल गई लेकिन मैं मस्ती मे पागल हो गया था उस भाभी की परवाह
किए बिना तेज़ी से भाभी को चूत मारने लगा,,मेरा हर एक झटका तेज ऑर पूरी रफ़्तार पर था भाभी
लगातार चिल्ला राही थी तो मैने भाभी के लिप्स को अपने लिप्स मे जकड कर भाभी की आवाज़ को दबा
दिया ऑर वैसे ही पागलो की तरफ भाभी को चोदता रहा,,,भाभी के हाथ मेरी पीठ पर थे जिस से
भाभी मेरी पीठ को नाखूनो से कुरेद रही थी लेकिन मेरे पर इसका कोई फ़र्क नही पड़ रहा था
मैं उसी तेज़ी से भाभी को चोद रहा था ऑर पागलो की तरह उनको किस कर रहा था,,मेरे घुटने
ज़मीन पर लगे हुए थे जिस से मुझे थोड़ी तकलीफ़ हो रही थी इसलिए मैने एक पल के लिए स्पीड
कम की ऑर रुक कर भाभी को अपनी गोद मे उठा लिया ऑर ऐसे ही लंड को भाभी की चूत मे रखते
हुए भाभी को बेड पर ले गया ऑर जाके बेड पर लेटा दिया,,लेकिन अपने लंड को भाभी की चूत से
निकलने नही दिया ऑर बेड पर जाते ही फिर उसी तेज़ी से भाभी की चूत मारने लगा,,,,
 
भाभी चिल्लाती रही लेकिन मैं उसी स्पीड से चुदाई करता हुआ भाभी के लिप्स पर किस करता रहा जिस से
भाभी की आवाज़ कुछ कम हो जाती लेकिन भाभी फिर भी चिल्ला रही थी,,,,मेरा झटका काफ़ी तेज था
ऑर स्पीड भी काफ़ी तेज थी,,मैं जल्दी झड़ने वाला भी नही था अब,,तभी मैं भाभी के उपर से
उठा ऑर भाभी की टाँगों के बीच मे बैठ गया,,भाभी बेड पर लेटी हुई थी जबकि मैं भाभी
की टाँगों के बीच मे बैठा हुआ था,,मैने अपने लंड को हाथ मे पकड़ा ऑर भाभी की चूत मे
घुसा दिया ऑर भाभी की टाँगों को अपने शोल्डर पर रख लिया ऑर दोनो तरफ से हाथ घुमा
कर भाभी के बूब्स पर रख दिए,,जिस से मुझे अच्छी ख़ासी पकड़ मिल गई ऑर मैं तेज़ी से भाभी
की चुदाई करने लाग,,,,अब भाभी के लिप्स मेरे लिप्स से आज़ाद थे इसलिए भाभी की सिसकियाँ ऑर चिल्लाना
शुरू हो गया,,,,,,,


हईीई री क्काममिन्न्नी जानं क्क्ययउउू नीईकाल्ल राहहा हहाइी आरामम्म ससीए कच्छूड्द ल्ली
मायन्न्न क्कोन्न्न्स्सा क़ाहहिन्न भ्ागगीइ जेया राहहिि हहूऊवंन्न हहयईए माआआ क्कीिट्त्न्ना
ब्बुउराअ छ्छूओद्द राहहा हाइी तुउउउ सुउन्नयययी कककुउक्च्छ ट्टू ररीहामम्म कार्ररर आपपंनी
बभ्ब्भिि पीरररर आहह उउउहह हमम्म्ममममममममममम
म्माआअ माआररर गगयइिीईईईईईईईईई आर्रामम्म ससी क्काररल्लीए क्काममिन्नीईई बभभिईीईईई
हूऊवंन्न ट्तीररीई क्कूविइ रर्रांन्दडीईईई न्ंहिईीईईईईईई ज्जूऊ ईट्त्न्निईिइ जजूर्र ज्जोर्र ससीए ककूट्त
राहहा हहाइईइ मेररीईई चहूवतत ककूऊऊओ म्म्माईआआअ हयीईईईईईई


भाभी तेज़ी से चिल्ला रही थी जबकि मैं तेज़ी से चुदाई कर रहा था उधर शोबा की हालत ठीक हुई तो
वो भाभी की हालत देख कर ऑर मेरी तरफ देख कर हँसने लगी,,,,,तभी उसने ज़मीन पर पड़ा हुआ
नकली लंड उठा लिया ऑर जल्दी से भाभी के पास आ गई ऑर नकली लंड को अपने मूह मे भर लिया ऑर
चूसने लगी ऑर कुछ देर बाद उस लंड को भाभी के मूह मे घुसा दिया ,,भाभी लंड नही चूस
रही थी तो शोबा ने खुद ही लंड को उनके मूह मे अंदर बाहर करना शुरू कार दिया,,फिर कुछ देर
बाद वो मेरे पास आई ऑर मुझे किस करते हुए भाभी को पलट कर लेटने को बोलने लगी,,मैने भी
जल्दी से भाभी की टाँगों को अपने शोल्डर से नीचे उतारा ओर भाभी को बेड पर एक तरफ करवट लेके
लेटा दिया ऑर खुद उनके पीछे चला गया,,,तभी शोबा ने भाभी की एक टाँग को पकड़ा ऑर उपर हवा
मे उठा कर मेरे हाथ मे पकड़ा दिया फिर नीचे होके मेरे लंड को मूह मे भर लिया ओर चूस
कर भाभी की गान्ड पर रखा ओर गान्ड पर तोड़ा थूक लगा दिया,,मैं भी एक ही पल मे भाभी
की गान्ड मे लंड घुसा दिया,,,लेकिन भाभी की गान्ड शोबा की गान्ड से काफ़ी टाइट थी इसलिए मुझे
8-10 तेज तेज झटके मारने पड़े तो जाके लंड पूरा घुसा भाभी की गान्ड मे ,,लेकिन इतने झटको मे
भाभी की हालत खराब हो गई ऑर वो तेज़ी से चिुल्लती रही,,,उनका चिल्लाना कम करने के लिए शोबा ने
नकली लंड को उनके मूह मे घुसा दिया ऑर उनकी आवाज़ को बंद कर दिया ,,फिर शोबा सामने की तरफ
भाभी के साथ लेट गई ऑर नकली लंड को भाभी के मूह से बाहर निकाल लिया ऑर भाभी की चूत
मे घुसा दिया भाभी इस के लिए तैयार नही थी इसलिए हिलने जुलने लगी लेकिन भाभी की एक टाँग मेरे
हाथ मे थी जिस से मैने भाभी को क़ाबू किया हुआ था ऑर सामने से शोबा ने भाभी को क़ाबू
कर लिया था,,शोबा ने अपने लिप्स से भाभी के लिप्स पर किस करना शुरू कर दिया ऑर साथ ही भाभी
की चूत मे नकली लंड को पेलना शुरू कर दिया,,,,,ऑर एक हाथ से शोबा ने भाभी के एक बूब को
पकड़ कर सहलाना शुरू कर दिया,,


गान्ड मे मेरा मूसल लेके भाभी को तकलीफ़ हो रही थी लेकिन नकली लंड से भाभी को चूत मे
मस्ती चढ़ने लगी जिस से भाभी को आराम मिलने लगा ऑर अब लिप्स पर शोबा का किस करना ऑर बूब्स को
मसलना ,,ये सब काफ़ी था भाभी का दर्द कम करने के लिए ऑर उनको मस्त करने के लिए,,,शोबा का हाथ
बड़ी नज़ाकत से भाभी की चूत मे नकली लंड घुसा रहा था ऑर दूसरा हाथ भाभी के बूब्स को
मसल रहा था लेकिन मैं उसी स्पीड ओर जोरदार धक्के से भाभी की गान्ड मार रहा था,,दिल कर रहा
था भाभी को किस करने का इसलिए भाभी की गर्दन के पास ऑर शोल्डर के पास के मास को मूह मे
भरके चूसने लगा ऑर हल्के हल्के काटने लगा,,,जहाँ जहाँ काट रहा था वहाँ निशान पड़ता जा रहा
था लेकिन मुझे इसकी कोई टेन्षन नही थी,,,मैं तो मस्ती मे बहुत ज़्यादा पागल हो गया था,,,,भाभी
की चूत तो नही लेकिन गान्ड ने मुझे ज़्यादा पागल कर दिया था क्यूकी उनकी गान्ड इतनी ज्याद टाइट
थी अभी तक कि मुझे ऐसा लग रहा था जैसे मैं दोनो हाथों से कस्के अपने लंड को पकड़ कर
मूठ मार रहा हूँ,,,इसी मस्ती मे स्पीड तेज की तेज बरकरार थी मेरी ऑर भाभी भी अब मस्त
हो गई थी शोबा की वजह से,,चूत मे जाते हुए नकली लंड की मस्ती से भाभी की गान्ड आगे पीछे
हिलने लगी थी जिस वजह से मेरा लंड भी थोड़ी ज़्यादा तेज़ी से अंदर बाहर होने लगा था भाभी की
गान्ड मे ,,,शोबा ने अपने हाथ की स्पीड को तेज कर दिया ऑर भाभी की चूत मे तेज़ी से नकली लंड
आगे पीछे करने लगी ऑर भाभी ने भी अपने हाथों से शोबा को कस्के अपनी बाहों मे भर लिया
ऑर शोबा को किस करती हुई शोबा की पीठ पर हाथ घुमाने लगी,,भाभी मस्ती मे जोददार
सिसकियाँ लेने लगी थी ,,शोबा को किस कर रही थी फिर भी उसकी आवाज़ बहुत तेज थी,,,इधर मैं भी
झड़ने वाला था ऑर भाभी भी 2-3 तरफ़ा वार ज़्यादा देर तक नही झेल सकती थी इसलिए भाभी के
बदन ने झटके मारने शुरू कार दिए थे ऑर मैने भी स्पीड स्लो करते हुए झटका तेज ऑर ज़्यादा
ज़ोर से मारना शुरू कर दिया था जिस से हर बार लंड गान्ड की गहराई तक घुसता चला जाता ऑर मेरे
स्पर्म निकलने की उम्मीद ज़्यादा होने लगती ऑर ऐसा ही हुआ जब तक भाभी की चूत ने पानी बहाना शुरू
किया मेरे भी लंड ने भाभी की गान्ड मे जड़ तक घुस कर पिचकारियाँ मारना शुरू कर दिया था,
जब मैं झड गया तो अपने लंड को भाभी की गान्ड से निकाल कर पीछे हटके लेट गया ऑर जब भाभी
की चूत से पानी बह चुका था तो शोबा ने भी भाभी को छोड़ दिया ऑर पीछे हट गई,,,,

भाभी काफ़ी टाइम तक अपनी सांसो पर क़ाबू करने की कोशिश करती रही जबकि शोबा मेरे लंड पर
लगे स्पर्म को चाट कर सॉफ करने लगी,,,,,


उस दिन डिन्नर तक हम लोगो ने एक बार ऑर चुदाई की ऑर रात को तो पता नही किसकी चूत से या किसके
लंड से कितना पानी निकला ,,रात भर इतना थक गये थे कि जब आँख खुली तो नून टाइम के 12 बज रहे
थे,,,,,,शायद हम लोग सुबह 5-6 बजे सोए थे,,,,,
 
उठकर फ्रेश होके तैयार हो गये घर जाने के लिए,,,,,शोबा मुझे गेट तक छोड़ने आई,,,

दीदी तुमको आज बुटीक पर नही जाना क्या,,,,,

नही सन्नी आज शिखा भी नही आने वाली,,,अभी बोल रही थी 1-2 दिन घर रहके भाई ऑर माँ के साथ
मस्ती करना चाहती है वो,,,,तूने अच्छा किया जो उन लोगो की प्रोबलम सॉल्व करदी,,,

हाँ दीदी ,,ये बहुत ज़रूरी था करण ऑर शिखा के लिए,,,,ओर अब उनकी माँ के लिए भी,,,,तो ठीक है दीदी मैं
चलता हूँ रात को वापिस आउन्गा,,,,अगर सूरज भाई वापिस नही आए तो मुझे कॉल कर देना,,

ठीक है सन्नी ,,,,घर पर बोलना मत कि मैं यहाँ हूँ,,, बोलना कि मैं किसी सहेली के घर
पर हूँ ,,,,

ठीक है दीदी आप भी मत बोलना किसी को,,,,

मैने ऑर दीदी ने किसी को नही बताया था भाभी के बारे मे ,,

मैं वहाँ से घर की तरफ चल पड़ा,,2 दिन से इतनी चुदाई कर रहा था कि थक गया था,,अब दिल नही
था ऑर चुदाई करने का,,,,अगर दिल होता तो भाभी को छोड़ कर क्यू जाता ऑर चाहता तो करण के घर
अलका आंटी ऑर शिखा के पास चला जाता लेकिन अब दिल नही था चुदाई का ऑर घर जाके अपने सर्प्राइज़
यानी कि न्यू कार पर ड्राइव करना चाहता था,,,,,इसलिए खुशी खुशी घर की तरफ चल पड़ा,,,,

घर पहुँच कर गेट खोला ऑर बाइक अंदर करदी,,,तभी न्यू कार देख कर दिल खुश हो गया,,एक बार
करीब जा कर को टच किया ,,आगे पीछे से अच्छी तरह देखा,,,,ये वही कार थी जिसके बारे मे मैने डॅड
को बोला था,,,,तो क्या डॅड घर वापिस आ गये थे,,,नही उन्होने तो आज कल मे आना था ,लेकिन ये कार को
आए तो 2-3 दिन हो गये थे,,,,क्यूकी 2 दिन पहले कविता ने सर्प्राइज़ के बारे मे बोला था कॉलेज मे,,

चलो अंदर चलके माँ से पूछ लेते है,,,,यही सोच कर सन्नी बेल बजाने लगा लेकिन काफ़ी टाइम तक
दरवाजा खोलने कोई नही आया,,,सन्नी समझ गया,,,,डॅड ऑर भुआ नही थे,,शोबा भाभी के घर पर थी
ऑर सोनिया कविता के साथ थी,,,,यानी घर पर माँ ओर मामा थे इसलिए इतना टाइम लग रहा था दरवाजा
खोलने मे,,,,


तभी कुछ देर बाद माँ ने आके दरवाजा खोला ऑर सन्नी ने माँ को देखा तो समझ गया कि जो वो
सोच रहा था वो सही था,,,क्यूकी उसकी माँ ने अभी भी नाइटी पहनी हुई थी,,,,

क्या माँ इतना टाइम क्यू लगा दिया,,,कब्से बेल बजा रहा हूँ,,,सन्नी इतना बोला लेकिन उसकी माँ ने उसकी
बात को अनसुना कर दिया ऑर जल्दी से उसको अपनी बाहों मे भर लिया,,

आ गया मेरा बेटा,,,,तुझे नही पता कितनी बैसब्रि से तेरा इंतेज़ार कर रही थी मैं,,,,कल कहाँ चला
गया था एक दम से मुझे गेट पर छोड़ कर,,,पता है कितना तड़प रही थी मैं ,,,कहाँ रहा रात
भर,,,

अरे माँ छोड़ो ना बताता हूँ,,,,,,माँ दूर हुई तो सन्नी बोलने लगा,,,,मैं रात को अपने दोस्त के
घर पर था,,,,,

किसके घर पर,,,करण के ,,,,,अलका के साथ मस्ती को इतना दिल कर रहा था कि माँ को अकेली छोड़ कर
वापिस उसके घर चला गया,,,,,

नही माँ करण के घर पर नही ,,उसके घर जाना होता तो वहाँ से आता ही क्यूँ,,,,ऑर आपको क्या है,,आपके
पास तो मामा है ना तभी तो इतना टाइम लगा दिया दरवाजा खोलने मे,,,,

अभी सन्नी माँ से बात कर ही रहा था तभी किचन के अंदर से आवाज़ आई,,,,,सरिता दीदी दाल बन गई
है कुक्कर की सीटी बजने लगी है गॅस बंद कर्दू क्या,,,,सन्नी को आवाज़ जानी पहचानी लगी ऑर सन्नी
एक दम से चोंक गया वो आवाज़ सुनके,,

तभी उसकी माँ किचन की तरफ जाने लगी,,,,ऑर सन्नी भी अपनी मा के पीछे-पीछे किचन मे चला
गया,,ऑर वहाँ जाके देखा तो दंग रह गया,,,,किचन मे गीता भुआ थी,,,,

दीदी दाल बन गई है गॅस बंद कर दिया है,,,आटा गुंथना है तो बोलो,,,,,

सन्नी को यकीन नही हो रहा था गीता ऑर सरिता एक किचन मे,,,,वो भी बातें कर रही थी,,गीता
उसकी माँ को दीदी बोल रही थी ऑर काम पूछ रही थी,,,,सन्नी अपनी आँखों मे मुक्के दे दे कर अपनी
आँखों को मल्ता है उसको यकीन नही हो रहा जो वो देख रहा है क्या वो सच है,,,,फिर सन्नी
का सर चकराने लगता है तो वो ज़ोर से अपने सर पर हाथ मारता है,,,,

अरे सन्नी बेटा क्या हुआ,,सर पर इतनी ज़ोर से क्यूँ मार रहा है,,,,इतना बोलकर गीता उसके पास आती है ऑर
उसके सर पर हाथ फिराने लगती है ऑर उसको गले से लगा लेती है,,,,गीता भी अभी नाइटी मे थी,,

कहाँ था इतने दिन से,,पता है कितना मिस कर रही थी तुझे,,,इतना बोलकर गीता सन्नी को गाल पर ऑर
माथे पर किस करने लगती है,,,,कितना तड़प रही थी तेरे से मिलने को,,,,कहाँ गएब थे इतने दिन से
,,,,सन्नी के होश गुम थे उसको कुछ समझ नही आ रहा था ,,,एक दूसरे की जान लेने वाली जानी दुश्मन
आज एक दूसरे की हेल्प कर रही थी किचन मे,,,,

क्या हुआ सुनी बेटा कहाँ खो गये,,,,,सन्नी ,,सन्नी,,,,,क्या हुआ बेटा,,,,

कुछ नही भुआ,,,,यही सोच रहा हूँ कि मैं अपने ही घर मे आया हूँ या ग़लती से किसी ग़लत घर
मे आ गया हूँ,,,,

सन्नी की बात सुनके भुआ ऑर उसकी माँ हँसने लगी,,,,सन्नी हैरत मे था ऑर वो दोनो हँस रही थी,,तभी
सन्नी की हैरत ऑर भी ज़्यादा बढ़ गई जब पीछे से आवाज़ आई,,,,

तुम सही समय पर घर मे आए हो सन्नी,,पीछे से आती आवाज़ से सन्नी भी पीछे पलट कर देखता है तो सामने
विशाल खड़ा हुआ था,,,,सन्नी हैरत मे तो था लेकिन अपने भाई के आने की खुशी से पागल होके वो
तेज़ी से भागता हुआ अपने भाई के गले लग जाता है,,,,

भैया,,,,इतना बोलकर सन्नी भाई के गले लगता है ऑर उसकी आँखें भी हल्की नम हो जाती है,,,,

विशाल भी उसको गले से लगा लेता है,,,,अरे पगले आँखें क्यू नम कर रहा है ,,मेरे वापिस आने पर
खुशी नही हुई क्या,,,,

ऐसा मत बोलो भाई,,,मैं बहुत खुश हूँ आपको देख कर,,,ये तो खुशी के आँसू है,,,ऑर मुझे ये
वाला सर्प्राइज़ बाहर वाले सर्प्राइज़ से अच्छा लगा,,,,,

गीता हैरान होते हुए,,,,कहाँ देखा तूने सर्प्राइज़,,,,बाहर कहाँ,,,,

अरे बाहर ही तो है ना,,न्यू कार ,,,मेरा सर्प्राइज़,,,,,

मेरी बात सुनके सब हँसने लगे,,,,भुआ माँ ऑर विशाल,,,,,,ऑर मैं चुप करके सबको देखने लगा,,

वो भी तेरा सर्प्राइज़ है सन्नी बेटा,,लेकिन तेरा एक सर्प्राइज़ विशाल भी तो है,,विशाल को देख कर तुझे
खुशी नही हुई क्या,,,,

बहुत खुशी हुई भुआ,,,आख़िर मेरा भाई है ये,,,ऑर वो तो सिर्फ़ एक कार है,,,,,

अच्छा 2 सर्प्राइज़ देख कर इतनी खुशी हुई तो सोच तीसरा देख कर कितनी खुशी होगी,,,,विशाल हँसते
हुए बोला,,,,

टेसरा सर्प्राइज़ ,,कॉन्सा,,,,,,,,,वैसे विशाल भाई तीन सर्प्राइज़ तो हो चुके,,,,पहले आप,,फिर कार,,ऑर फिर
माँ ऑर भुआ का आपस मे बातें करना भी तो सर्प्राइज़ है,,,मेरी बात सुनके विशाल हँसने लगा,,,

हाँ ये भी सर्प्राइज़ है लेकिन अभी सबसे बढ़िया सर्प्राइज़ बचा कर रखा है तेरे लिए,,जो कब्से तेरा
इंतेज़ार कर रहा है,,,,,

अच्छा क्या है वो,,,,बताओ मुझे,,,,,,

बताना नही बेटा दिखाना है,,,,,,इतना बोलकर भुआ ने मेरा हाथ पकड़ा ऑर मुझे उपर की तरफ लेके
चली ,,,,,,,,पीछे पीछे माँ ऑर विशाल भी आ गये,,,
 
सन्नी जैसे जैसे सीढ़ियाँ चढ़ता जा रहा था उसको उपर से सिसकियों की तेज आवाज़ सुनाई दे रही थी,,,जैसे
जैसे वो उपर वाले ड्रॉयिंग रूम के नज़दीक जा रहा था वैसे वैसे आवाज़ तेज होती जा रही थी,,,ऑर जैसे
ही वो भुआ के साथ ड्रॉयिंग रूम मे एंटर हुआ तो सामने का नजारा उसके लिए सबसे बड़ा सर्प्राइज़ ही
था,,,,

सामने ज़मीन पर लगे मॅट्रेस पर रेखा थी ,,जो बिल्कुल नंगी थी ऑर झुक कर कुतिया बनी हुई थी,,
पीछे से मामा उसकी गान्ड मे लंड डालके उसको चोद रहा था जबकि सामने से उसका बाप अशोक अपने
छोटे लेकिन मोटे लंड को रेखा के मूह मे अंदर बाहर कर रहा था,,,सन्नी देख कर दन्ग रह गया
उसको कुछ समझ नही आ रहा था ऑर इस से पहले सन्नी आगे बढ़ता उसने एक नज़र पीछे मूड के माँ
ऑर भुआ की तरफ देखा तो उसके फिर से होश उड़ गये,,,पीछे विशाल ,,भुआ ऑर उसकी माँ किस कर रहे
थे,,विशाल के हाथ भुआ ऑर माँ की पीठ पर थे ऑर उसने दोनो को अपने करीब कर लिया था,,


कभी विशाल भुआ को किस करता तो कभी माँ को ऑर कभी उसकी माँ ऑर भुआ दोनो आपस मे किस करती
सन्नी को कुछ समझ नही आ रहा था ये सब क्या हुआ ,,कैसे हुआ,,कब हुआ,,,,सन्नी को झटके पे
झटका लग रहे थे,,उसका सर घूम रहा था ऑर तभी पीछे से किसी ने उसके शोल्डर पर हाथ रखा
ऑर सन्नी को अपनी तरफ घुमा लिया,,सन्नी जैसे ही पलटा उसके पास रेखा खड़ी हुई थी जिसने पल भर की
देर किए बिना सन्नी के लिप्स को अपने लिप्स मे जाकड़ लिया ऑर एक ही पल मे सन्नी के लिप्स को खा जाने वाले
अंदाज़ मे चूस कर किस करने लगी,,,सन्नी बेसूध था उसको कुछ समझ नही आ रहा था इसलिए वो
किस का रेस्पॉन्स भी नही दे पा रहा था लेकिन रेखा उसके लिप्स को अच्छी तरह से चूस रही थी उसके
मूह मे ज़ुबान डालके इधर उधर घुमा रही थी,,,वो कभी सन्नी के उपर वाले लिप्स को अपने मूह मे
भर लेती तो कभी नीचे वाले लिप्स को ऑर कभी सन्नी के मूह मे अपनी ज़ुबान घुसा देती तो कभी सन्नी
की ज़ुबान को अपने मूह मे खींच कर चूसने लगती,,,,सन्नी उसकी किसी भी हरकत का कोई जवाब नही
दे रहा था हालाकी वो नंगी थी लेकिन सन्नी फिर भी उसको टच नही कर रहा था कहीं भी,,ऑर तभी
रेखा ने जल्दी से पॅंट के उपर से सन्नी के लंड को पकड़ लिया जो सोया हुआ था,,सन्नी को खुद को
भी हैरत हो रही थी कि रूम मे चुदाई की महफ़िल लगी हुई है ऑर रेखा नंगी उसके पास खड़ी उसको
किस कर रही है फिर भी उसका दीन दयाल नींद से नही जागा अभी तक,,,,,लेकिन रेखा भी कम नही
थी उसने सन्नी को किस करते हुए उसके लंड को हाथ मे पकड़ा ऑर हल्के हल्के दबाने लगी जिस से लंड
मे खून हल्के हल्के पंप होने लगा ऑर लंड की नसों मे आई हुई सुस्ती दूर होने लगी ऑर नसों
मे बहने वाले खून की रवानी से लंड ने अंगड़ाई लेना शुरू कर दिया ऑर तभी रेखा ने अपने दोनो
हाथों से सन्नी की पॅंट को खोल दिया ऑर अपने हाथों से पॅंट को नीचे की तरफ सन्नी के घुटनो तक
उतार दिया ऑर बाकी की पॅंट को अपने पैर से नीचे कर दिया ऑर सन्नी को किस करती हुई सन्नी के लंड
को हाथ मे लेके जो अब सर उठाने लगा था उसको हाथ मे लेके उपर से नीचे तक आगे से पीछे तक
सहलाने लगी,,,


कुछ देर मे सन्नी का लंड काफ़ी हार्ड हो गया ऑर सन्नी को भी मस्ती चढ़ने लगी ऑर सन्नी ने रेखा
को किस का रेस्पॉन्स देना शुरू कर दिया रेखा ने जल्दी से सन्नी की इस हरकत से खुश होके मोका देखा
ऑर सन्नी के दोनो हाथ पकड़ कर अपने बूब्स पर रख दिए ऑर सन्नी ने भी उनको बड़े प्यार से अपने
हाथों मे पकड़ कर सहलाना शुरू कर दिया,,,,रेखा के बूब्स सन्नी की माँ ऑर अलका आंटी से भी
कहीं ज़्यादा बड़े थे जो सन्नी को बड़े अच्छे लगते थे,,इसलिए सन्नी ने एक ही पल मे बूब्स को ज़ोर
ज़ोर से मसलना शुरू कर दिया था,,,कुछ देर बाद रेखा ने सन्नी के लिप्स को अपने लिप्स से आज़ाद किया ,,

कहाँ था ज़ालिम इतने दिन से ,,,पता है कितना याद किया मैने तुझे ऑर मेरे से ज़्यादा मेरे इस जिस्म
ने ,,इन बड़े बड़े उरोजो ने,,इस चूत ने मस्त गान्ड ने जो तेरे मूसल के लिए इतना तड़प रही थी,
रेखा खुद सन्नी को अपने जिस्म पर हाथ फिराते हुए अपना जिस्म दिखा रही थी ऑर बता रही थी,तभी'
वो जल्दी से नीचे बैठ गई,,,,,,,,जितना मुझे तडपाया है तूने उतना ही मैं मज़ा दूँगी तुझे आज इतना
बोलकर रेखा ने जल्दी से सन्नी के लंड को मूह मे भर लिया ऑर एक ही बार मे पूरा गले से अंदर
तक ले गई ओर फिर पूरा बाहर निकाल दिया ऑर वापिस मूह मे भर लिया ऑर गले तक ले गई,,,सन्नी एक दम
से मस्ती के आसमान पर पहुँच गया था ऑर उसके जिस्म मे रुक रुक कर एक झटका लग रहा था मस्ती
का,,,,रेखा सन्नी के लंड को इतनी मस्ती से चूस रही थी कि सन्नी पूरी ओकात मे आ गया था ऑर उसका
लंड भी,,,,,सन्नी ने रेखा के सर को दोनो हाथों से पकड़ा ओर कमर हिला हिला कर लंड को उसके
मूह मे पेलने लगा ,,,पहले तो सन्नी की कमर स्लो स्पीड मे आगे पीछे हो रही थी लेकिन रेखा के
सर की स्पीड सन्नी के लंड पर काफ़ी तेज थी इसलिए सन्नी ने भी अपनी कमर की स्पीड को तेज कर दिया ऑर
ज़्यादा से ज़्यादा लंड रेखा के मूह मे घुसा कर उसके मूह को चोदने लगा,,,ऐसा करते हुए सन्नी
का ध्यान गया सामने की तरफ अपने बाप ऑर मामा पर जो अपने हाथों मे अपने अपने लंड पकड़ कर
सहला रहे थे,,सन्नी के आने की वजह से रेखा उन दोनो को बीच मजधार मे छोड़ कर सन्नी
के पास जो आ गई थी,,इसलिए दोनो को हाथ से काम चलाना पड़ रहा था लेकिन तभी विशाल ,,भुआ ऑर
माँ आगे बढ़ कर सन्नी ऑर रेखा के करीब से गुजर कर अशोक ऑर मामा के पास चले गये,,,,अब तक
माँ भुआ ऑर विशाल नंगे हो चुके थे......सन्नी का ध्यान उन लोगो की तरफ था,,,

भुआ आगे बढ़ कर डॅड को किस करने लगी जबकि माँ ने आगे बढ़ कर मामा के लंड को हाथ मे लिया ऑर
ज़मीन पर बैठ गई ऑर लंड को मूह मे भर लिया लेकिन तभी विशाल ने माँ को पकड़ा ऑर उनको
कुतिया की तरह झुका दिया ओर खुद माँ के पीछे चला गया ऑर अपने लंड पर थूक लगाने लगा ऑर
तभी गीता उसके पास आई ऑर उसके लंड को मूह मे भर लिया ऑर चूस चूस कर थूक से सराबोर
कर दिया फिर अपने मूह से थोड़ा थूक निकाल कर माँ की गान्ड पर लगा दिया ऑर आपने हाथ से विशाल
के लंड को पकड़ कर माँ की गान्ड पर रख दिया ,,विशाल ने भी एक झटके मे पूरा लंड उतार दिया
अपनी माँ की गान्ड मे ऑर माँ को कमर से पकड़ कर तेज़ी से उनकी गान्ड मारने लगा,,सामने से मामा
नीचे बैठ गया जिस से उसका लंड फिर से माँ के मूह के सामने आ गया ऑर माँ ने बिना देर किए लंड
को मूह मे भर लिया ,,,,विशाल के झटके के साथ माँ का जिस्म हिलने लगा ऑर खुद-ब-खुद मामा के
लंड पर माँ का सर आगे पीछे होने लगा लेकिन मामा को इतने से आराम नही मिलने वाला था इसलिए
उसने माँ, को सर से पकड़ा ओर अपनी कमर हिला हिला कर तेज़ी से पूरा लंड माँ के गले से नीचे तक
उतारने लगा,,,पीछे से विशाल भी अपना लंड माँ की गान्ड मे जड़ तक घुसा रहा था,,उसकी माँ
कुतिया की तरह झुकी हुई थी जिस वजह से उसकी माँ के बूब्स हवा मे लटक रहे थे ऑर विशाल के
हर झटके के साथ वो हवा मे लहरा रहे थे,,,,उनके पीछे डॅड ऑर भुआ फिर से किस करने लगे
थे ऑर डॅड भी अपने हाथों से भुआ के बूब्स को सहला रहे थे ऑर भुआ भी अपने हाथ से डॅड
के लंड को मसल रही थी,,,
 
कुछ देर बाद डॅड ने भुआ को माँ के साथ ही नीचे उनकी बगल मे लेटा
दिया ऑर उनकी टाँगें खोल कर अपने सर को उनकी चूत तक ले गये ऑर भुआ की चूत को मूह मे भर
लिया भुआ ने भी एक ही पल मे अपने हाथ डॅड के सर पर रख दिए ऑर डॅड के सर को अपनी चूत से
चिपका लिया,,,,डॅड अपनी ज़ुबान निकाल कर बड़ी तेज़ी से भुआ की चूत को उपर से नीचे तक चाटने
लगे थे ऑर भुआ ने जब डॅड के सर को चूत पर दबाया तो डॅड ने भुआ की चूत के लिप्स को अपने
मूह मे भर लिया ऑर चूसने लगे,,,,,

इधर रेखा का सर मेरे हाथ मे था ऑर मैं तेज़ी से रेखा के मूह मे गले से नीचे तक अपना लंड
घुसा कर अंदर बाहर कर रहा था जितनी तेज़ी से मेरी कमर चल रही रही उतनी तेज़ी से रेखा का सर भी
आगे पीछे हो रहा था ,,रेखा को 5 मिनट हो गये थे मेरा लंड चूस्ते हुए इस दौरान उसने एक
बार भी मेरे लंड को मूह से नही निकाला था जिस वजह से उसका मूह थूक से भर गया था ऑर थूक
उसके मूह से बहता हुआ उसके बूब्स पर गिरने लगा था ,,,,रेखा ने जल्दी से अपने हाथ अपने बूब्स पर
रखे ऑर गिरते हुए थूक को जाया नही करते हुए अपने हाथों से अपने बूब्स पर मलने लगी ,,रेखा
कुछ साँवले रंग की थी लेकिन थूक की वजह से लाइट मे उसके बड़े बड़े बूब्स बहुत ज़्यादा चमक
रहे थे ऑर खुद अपने हाथों से थूक मल्ति हुई अपने बूब्स को सहलाने लगी थी,,सन्नी ये सब से
मस्त हो गया था अब उस से बर्दाश्त नही हो रहा था उसने अपने हाथों से रेखा के सर को छोड़ा
ऑर अपने लंड को रेखा के मूह से बाहर निकाल लिया तभी रेखा ने मूह मे जमा सारा थूक सन्नी
के लंड पर उगल दिया ऑर अपने हाथों से अच्छी तरह मल भी दिया, ऑर जल्दी से सामने पड़े सोफे पर
एक पैर रख कर झुक गई ऑर सन्नी के सामने अपनी मस्त मोटी गान्ड करदी ऑर सन्नी ने भी बिना कोई
देर किए अपना मूसल घुसा दिया रेखा की गान्ड मे तभी रेखा ज़ोर से चिल्ला उठी,,,,,,हईए रे
कामिनीई अर्रामम सीए कार्रररर

रेखा इतना ज़ोर से चिल्लाई कि रूम मे मौजूद सब लोगो का ध्यान उनकी तरफ आ गया,,,माँ ने मामा
के लंड को मूह से निकाल दिया था ऑर डॅड ने अपने सर को भुआ की चूत से उठा लिया था सन्नी ऑर
रेखा की तरफ देखने क लिए,,,लेकिन सन्नी ने उन लोगो की तरफ ज़्यादा ध्यान नही दिया ऑर रेखा को
कमर से पकड़ कर तेज़ी से उसकी गान्ड मारने लगा,,,,,जैसे जैसे सन्नी की स्पीड तेज ऑर धक्का जोरदार
होता गया वैसे वैसे रेखा की मस्ती भरी सिसकियाँ ऑर हल्के दर्द से मिली जुली आवाज़ रूम मे तेज होती
गई,,,,,,आअहह माआआअ जाअंणन्न् ननीईकाल्लीगाआअ क्क्य्या मेरेइईईईईई आहह
हइईए रीईई मारररर गगयइिीईईईईई उऊहह इट्त्न्नईए डििईन्न्न्न् ससीई त्टाद्दाप्प
राहहिईिइ त्तहिईिइ त्तीररीए ल्लुउन्न्ञदड़ सीसी ल्लीइयईी क्कीिई ससुउन्नयी ककबब्ब्बब आयईगगाआअ ओर्र्र्र्ररर
काअब्ब्ब्ब मेरेइईईईई गाणन्दड़ मी म्मूससाअलल्ल्ल्ल ग्घुउस्स्साअ काअररर मम्मूउज़्ज्झहहीए छ्छूड्देगा
ल्लीककिन्न आब्ब्ब्ब मूस्साल्ल ग्घुउस्स्स्सा तटूऊ ससूचहटिीई हूओंन्न द्दूर्र र्रेहहककी वऊू
त्टद्दाप्प हहीी आक्च्छिईीई थ्हीइ इश्स मूसाल्ल सीसी ददार्रद्द क्कीी जज़ग्घाा हयईई रीईई सुउन्नयी
मार डाल्लाअ रीईई रेखा की आवाज़ सुनकर सब थोड़ा हंस रहे थे ख़ासकर माँ ऑर भुआ उनको
भी पता था मैं कैसी चुदाई करता हूँ,,,मैं तेज़ी से उसी स्पीड मे रेखा की गान्ड मारता रहा


उधर डॅड भुआ की चूत से मूह उठा चुके थे अब वो भुआ के उपर लेट कर उनकी चुदाई करने
लगे थे ऑर भुआ माँ के करीब ही थी तभी माँ ने मामा ऑर विशाल को रुकने को बोला ऑर जल्दी से
मामा को ज़मीन पर लिटा दिया ओर खुद माँ के उपर चढ़ गई ऑर मामा के लंड को अपनी चूत मे
घुसा लिया ऑर विशाल फिर पीछे से माँ की गान्ड मारने लगा ,,ऐसे लेट कर माँ थोड़ी साइड की तरफ
हो गई ऑर भुआ को किस करने लगी ,,,,कभी माँ नीचे लेटी हुई भुआ को किस करती ऑर कभी भुआ के
उपर चढ़के उनको चोदने वाले डॅड को किस करने लगती,,,,मुझे रेखा ऑर बाकी सब की टेन्षन नही
थी लेकिन माँ ऑर भुआ कैसे इतनी करीब आ गई यही बात मुझे सता रही थी,,,लेकिन रेखा की गान्ड की
मस्त चुदाई से आने वाली मस्ती ऑर मज़ा मुझे पागल कर रहा था इसलिए मैं उस बात को दिमाग़ से
निकाल कर बस मस्ती की तरफ ध्यान देने लगा था,,,रेखा का एक पैर सोफे पर था जबकि एक पैर अभी
ज़मीन पर था ऑर वो सोफे पर झुकी हुई थी ,उसके बूब्स हवा मे लटक रहे थे जैसे कुछ देर पहले
माँ के बूब्स लटक रहे थे जब वो कुतिया बनके झुकी हुई थी मेरे हाथ रेखा की कमर से उठकर
जल्दी से रेखा के बूब्स पर चले गये जिन पर अभी भी कुछ थूक लगा हुआ था रेखा का,,,मैने जल्दी
से रेखा एक बूब्स को हाथ मे पकड़ा ऑर ज़ोर ज़ोर से मसल्ने लगा,,,,अब तक जो रेखा मूसल के दर्द
से चिल्ला रही थी उसको कुछ राहत मिलने लगी थी ऑर मज़ा भी आने लगा था बूब्स पर हाथ लगते ही
उसकी आवाज़ निकलने लगी लेकिन इस बार वो आवाज़ दर्द की नही बल्कि मस्ती की थी ,,आहह आब्ब्ब्बब
आय्य्ाआअ माज्जाआअ आब्ब्ब्बब ज्जििट्त्न्नीी तीज्जीई ससी छ्छूड्ड़न्ना हाइी छूद्द लीयी मुुझहहीए
ससुउन्नयी बीत्ताआअ ज्जििट्त्न्नाआ ल्लुउन्न्ड्ड़ घहुउस्साआन्नाअ हहाइईइ ग्घुउस्साअ डदीए मेरेइईईईई
गगाणनद्दद्ड मीईए ऊओरर टीज्जििीइ ससी छ्छूओद्द म्मूउज़्झहीईई आहह ह्म्म्म्म मम
हयीईईईई उउउहह माआआआआआआअ ऊरर टीज़्जज काररर ब्बीत्ताआ ऊर्ररर जजूर्र्रर
ससीए म्मास्साल्ल मेरेरीए ब्बाददी बाददीए उूउउर्रूऊवजजज्ज्ज कककूऊऊओ जजूर्र्र ससीई
म्मास्सालल्ल्ल्ल्ल्ल हहययइईईई क्कीिट्त्न्नाअ माज्जाअ द्दीत्ताअ हहाइईइ त्तीर्रा यईी म्मूस्साल्ल
आहह प्पूउर्राा ग्घहूऊस्स्साअ डदीए बीत्ताआ उउन्नड़दीर्ररर ताअक्कककककककक
 
रूम मे चुदाई तो सब कर रहे थे लेकिन सबसे ज़्यादा आवाज़ थी रेखा की क्यूकी उसकी चुदाई मैं कर
रहा था,,,,जैसे वो मस्त हो गई थी वैसे मैं भी काफ़ी मस्त हो गया था उसकी भरी हुई गान्ड मार के
मुझे इतना ज़्यादा मज़ा आ रहा था कि मुझे लगा अब मैं झड़ने वाला हूँ लेकिन मैं इतनी मस्ती
ऑर मज़े को इतनी जल्दी ख़तम नही करना चाहता था इसलिए मैं जल्दी से उसकी गान्ड से लंड बाहर
निकाल लिया ऑर उसको पकड़ कर सोफे पर लिटा दिया,,,,मैने सब कुछ जल्दी जल्दी से किया तो रेखा भी
कुछ समझ नही सकी,,,,,मैं उसको सोफे पर लिटा कर उसकी टाँगे खोल दी ऑर जल्दी से खुद ज़मीन'
पर बैठ गया ऑर अपने सर को उसकी टाँगों के बीच मे उसकी चूत पर ले गया ऑर एक ही पल मे उसकी
पूरी चूत को मूह मे भर लिया,,,,जैसे रेखा के बूब्स माँ ऑर अलका आंटी से बड़े थे वैसे ही
उसकी चूत का चमड़ा यानी के चूत के लिप्स भी माँ ऑर अलका आंटी की चूत के लिप्स से काफ़ी बड़े थे
फिर भी मैने उसकी चूत के लिप्स को पूरा का पूरा मूह मे भर लिया ऑर तेज़ी से चूसने लगा ,,,वो एक
दम से सिहर उठी ओर मेरे सर को अपनी चूत पर दबाने लगी मैने भी अपनी ज़ुबान की उसकी चूत
मे घुसा दिया ऑर तेज़ी से ज़ुबान को अंदर बाहर करने लगा ऑर साथ ही बीच बीच मे चूत के
लिप्स को मूह मे भरके चूसना शुरू कर देता,,,,उसके हाथ मेरे सर पर थे इसलिए मेरे हाथ फ्री
थे जिनको मैं जल्दी से उसके बूब्स पर ले गया ऑर उसके बूब्स को ज़ोर से मसल्ने लगा,,,,,

हईीई रीए तूऊ ब्बाद्दा ख्िल्लाददीई हाइईईई सुउन्नयी बीत्ताअ गगाणन्दड़ माररत्ता हहाई टू बही
म्मासत्त कारर दीतता हाइी र जबब्ब्ब छ्छूत्त क्का स्ववाद्द छ्चाकखताअ हहाीइ तूओ डील्ल्ल्ल्ल
ससीए च्चाककत्ता हाईईईईई ज्जििट्त्न्नीी अच्चिईिइ छ्छूत्त तुऊउ च्छुउस्स्टता हाइईइ क्कू नाहहीी छ्छूस्स्ट्ता
आअहह हयइईईई क्कीिट्त्न्ना याद्द क्कीिय्या तुउज़्झहही गाऊंन म्मीई हयीईईई
रीईए ऊरर तेजज्ज़ छ्छूस्स ग्घुस्स्सा द्दी पुउर्रिि ज्जुउब्बाआन्णन्न् मेरेरी छ्छूतततत मीई ऊहह
म्म्मा्आआआ आहह ,,,,,,,,,,,उसकी सिसकियाँ रूम के माहौल को पूरी तरह गर्म
कर चुकी थी बाकी सब लोगो की मस्ती भी अब काफ़ी तेज़ी पकड़ चुकी थी माँ की सिसकियाँ भुआ की सिसकियाँ
सब मिलकर एक अजीब सा मस्ती भरा माहौल पैदा कर रही थी,,,कहीं पच पच की आवाज़ तो कहीं
सिसकियों की आवाज़ ,,इतना मज़ा मुझे भी कभी नही आया था ऑर इतने लोगो के साथ आज तक मैने कभी
चुदाई नही की थी ,,,,,,,


कुछ देर बाद मैने उसकी चूत से मूह हटा लिया ऑर अब तक लंड भी कुछ ठीक हो गया था ,,अब मैं
जल्दी से सोफे पर बैठ गया ऑर रेखा को अपने उपर आने को बोला उसने भी कोई देर नही की ऑर जल्दी से
टाँगे खोल कर मेरे लंड पर बैठ गई लेकिन इस बार उसने लंड को अपने हाथ मे पकड़ कर गान्ड
मे नही बल्कि चूत मे घुसा लिया ,,मैं उसकी इस हरकत से थोड़ा हंस कर उसकी तरफ देखने लगा तो उसने
जल्दी से मेरे लिप्स पर किस करदी ऑर तक तब लंड उसकी चूत की गहराई मे उतर चुका था ,,उसने मुझे
किस करते हुए अपने जिस्म को उपर नीचे उछालना शुरू कर दिया जिस से लंड उसकी चूत की गहराई तक
अंदर बाहर होने लगा ऑर फिर से एक मस्ती भरने लगी पूरे जिस्म मे,,गान्ड की टाइट पकड़ की वजह
से लंड का पानी जल्दी निकलने वाला था लेकिन चूत काफ़ी खुली थी रेखा की अब लंड काफ़ी देर तक मैदान
मे टिका रह सकता था ,,रेखा ने एक बार मेरे लिप्स पर किस की ऑर फिर हंस कर मुझे देखा मैं उसकी
हसी का मतलब समझ गया उसकी गान्ड मे मेरे मूसल की वजह से दर्द होने लगा था तभी तो उसने
लंड को चूत मे घुसाया था,,,,वो तेज़ी से उपर नीचे उछल रही थी ऑर उसके हाथ मेरे शोल्डर्स
पर थे ,,उसके बूब्स भी हवा मे उपर नीचे हो रहे थे जिन पर मेरा ध्यान गया तो मैने अपने
हाथ उसके बूब्स पर रख दिए ऑर ज़ोर ज़ोर से मसल्ने लगा तभी वो आगे की तरफ हो गई ऑर बूब्स की
मेरे फेस के करीब कर दिया मैने भी जल्दी से मूह खोला ऑर एक बूब्स को मूह मे भरके चूसने
लगा जबकि दूसरा बूब जो मेरे हाथ से था उसको ज़ोर ज़ोर से दबाने लगा ,,रेखा के बूब्स बहुत बड़े
थे एक बूब्स जो मूह मे लेके चूस रहा था मैं उसने मेरे पूरे फेस को कवर किया हुआ था अब
मुझे रेखा की शकल भी नज़र नही आ रही थी लेकिन पूरे फेस पर एक मखमली एहसास हो रहा था
उसका बूब जितना बड़ा था उतना ही सॉफ्ट था ,,मैं उसके बूब्स को कभी उसकी कॅप से मूह मे भरता तो
कभी कहीं ऑर से,,,मैं उसके बूब्स को हर जगह से पकड़ पकड़ कर मूह मे भरके चूसने लगा
था ,,उसके बूब पर जगह जगह निशान पड़ने लगे थे तो उसने जल्दी से अपने दूसरे बूब को हाथ मे
पकड़ा ऑर मेरे मूह एक करीब करके हँसने लगी,,,,,मानो बोल रही हो कि इस ग़रीब पर थी थोड़ा करम
कर्दे ज़ालिम,,,,मैं भी हंस कर उसके दूसरे बूब को चूसना शुरू कर दिया,,,,मैं फुल मस्ती मे था
दिल तो कर रहा था कि खुद उसकी चूत मे झटके लगा दूं लेकिन रेखा काफ़ी तेज थी ऑर उसी तरह उसकी
स्पीड भी काफ़ी तेज थी मेरे लंड पर उछलने की,,,,वो तेज़ी से उपर नीचे हो रही थी,,,,,,
 
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