hotaks444
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अंकल मैने आपसे पहले भी बोला था कि झगड़ा मैने शुरू नही किया था,,ये तो आपके बेटे मिलकर सुमित को
मार रहे थे मैं तो बस बचाने गया था सुमित को,,,,सुमित क्या अगर उसकी जगह कॉलेज का कोई भी
लकड़ा होता और अपने अमित और सुरेश की जगह भी कोई और उसको मारता तो मैं ऐसा ही करता,,,,,ना तो सुमित
मेरे मामा का लड़का है और ना ही मेरी कोई दुश्मनी है अमित और सुरेश के साथ,,,,,,
हां हां मैं जानता हूँ सन्नी बेटा,,,तुम अच्छे लड़के को ,,तुमने जो भी किया अच्छा किया,,,,मुझे
तुमसे कोई शिकायत नही है,,,,,,अमित के बाप बड़े प्यार से चापलूसी वाली बातें कर रहा था और मैं
समझ भी रहा था,,,,,
देखो बेटा तुमने कुछ नही किया मैं जानता हूँ और सुरेश ने भी यही बोला कि तुम नही थे उस दिन
जब कुछ लोगो ने उस पर हमला किया था वो लोग कोई और थे ,,वो सुमित के दोस्त थे,,,,अब सुमित ने सुरेश
को मारा है तो हमे एक बार तो सुमित से बात करनी ही होगी ना की आख़िर क्या वजह थी जो उसने सुरेश को
और उसके बाकी दोस्तो को इतनी बुरी तरह से मारा,,,,,आख़िर बात क्या है कुछ तो पता चले,,,,
तभी अमित मेरे लिए जूस लेके आया,,,,लेकिन वो बड़े घर का बेटा खुद नही लाया जूस मेरे लिए ,,,वो तो
एक नोकर को साथ लेके आया था,,,,,उसने नोकर को जूस मुझे देने को बोला और जैसे ही मैने जूस का
ग्लास पकड़ा उसने नोकर को वापिस रूम से बाहर जाने का इशारा किया,,,वो बाहर चला गया और जाते जाते
दरवाजा बंद कर गया.,,,,,,
मैने जूस का एक घूँट पिया और ग्लास को टेबल पर रख दिया,,,,,,,,,वजह कुछ नही थी अंकल जी,,,मुझे
कुछ भी नही पता,,,,कुछ दिन पहले तक तो सुमित आपके बेटे अमित और सुरेश का अच्छा दोस्त था फिर पता
नही इन लोगो ने उसको क्यूँ मारा,,,,और मुझे कुछ लेना देना नही इस बात से कि इन लोगो ने सुमित को क्यूँ
मारा ,,,,लेकिीन उस दिन सुमित का हाथ टूटा हुआ था ये लोग फिर भी उसको मार रहे थे,,,मेरे से देखा
नही गया तो मैं उसको बचाने के लिए आगे हो गया लेकिन इन लोगो ने मेरे से ही झगड़ा करना शुरू कर
दिया,,,,,,,,,,,,,,,शायद यही वजह होगी कि सुमित ने अपने दोस्तो से मिलकर सुरेश को मारा होगा और उस दिन
मैने सुमित की हेल्प की थी इसलिए वो मेरा दोस्त बन गया,,इस से ज़्यादा मुझे भी नही पता,,,,
हां हां मैं जानता हूँ बेटा,,,,वो पहला अमित और सुरेश का दोस्त ही था,,,,,लेकिन किसी बात पर इन लोगो
का झगड़ा हो गया था,,,,,
तभी अमित बीच मे बोल पड़ा,,,,नही डॅड वो मेरा दोस्त नही था साला मेरा चमचा था,,,पैसे लेता
था मेरे से नशा करने के लिए और एक दिन जब मैने पैसे देने से मना किया तो गाली देने लगा मुझे
इसलिए मैने उसको मारा था,,,,
तभी अमित का बाप गुस्से मे बोला,,,,,,,,तू अपनी बकवास बंद कर ,,जब मैं बोल रहा हूँ तो तुझे
बीच मे बोलने को किसने कहा,,,अमित अपने बाप की बात सुनकर थोड़ा डर गया और चुप हो गया,,,
देखा सन्नी बेटा,,ये बात थी,,,,,,सुमित मेरे बेटे से पैसे लेता था नशे के लिए लेकिन एक दिन इसने मना
किया तो वो गाली देने लगा ,,और भला आज कल के टाइम मे गाली कॉन सुनता है,,,,जवान खून था हो गया
झगड़ा,,,,,,अब तो हमे सब कुछ ठीक करना है इन लोगो के बीच मे ,,,,बस तू इतना बता दे मुझे कि
सुमित कहाँ है,,,,ताकि हम उस से मिलके सारी बात सॉल्व कर सके,,,,,मैं अमित के बाप की बात समझ
गया,,,,,साला कितनी मीठी छुरी चला रहा था,,,,,,,पॉलिटीशियन जो ठहरा,,,,,,
सॉरी अंकल जी मुझे कुछ नही पता कसम से,,,,,अगर पता होता तो बता देता,,,,,शायद कॉलेज मे किसी
को पता हो,,,,,,
अच्छा चलो तुमको नही पता,,,,लेकिन क्या तुमसे सुमित ने कोई बात की कभी सुरेश से झगड़ा करने के
बाद या उस से पहले कि वो क्या करने वाला है,,,क्या तुमको पता था वो सुरेश से झगड़ा करने वाला है
क्यूकी तुम्हारा तो अच्छा दोस्त बन गया था वो ,,,,तुम पर यकीन करने लगा था,,,,,शायद तुमको कुछ
बताया हो उसने ,,,,,,,,,,,,,
नही अंकल जी,,,,अगर मुझे पता होता कि झगड़ा होने वाला है तो मैं उसको ऐसा नही कारने देता,,,अमित
और सुरेश ने उसको मारा था तो मैं बीच बचाव मे आ गया था और अगर मुझे पता होता वो
सुरेश और अमित से झगड़ा करने वाला है तो भी मैं बीच बचाव मे ज़रूर आता,,,,,,,और उस दिन भी
मैं उन लोगो के पीछे भागा था जो लोग सुरेश को मार रहे थे ,,,मैं बस थोड़ा लेट हो गया और वो
लोग एक ब्लॅक कलर की कार मे बैठ कर वहाँ से चले गये,,,,,,,वो लोग कोई 8-10 लोग थे और वो किसी
पिक-अप ट्रक जैसी कार मे भाग गये थे ,,सुमित भी था उनके साथ मे,,,
अच्छा ,,और क्या देखा तूने,,,,और कुछ सुना क्या उनके बारे मे किसी से,,,,,
नही अंकल जी मैने कुछ नही सुना,,,,लेकिन हां उस दिन जब वो लोग भाग गये तो मैं वापिस सुरेश और
बाकी लोगो के पास वापिस आया तो मैने सुना कि कॉलेज के कुछ लोग सीडीज़ की बात कर रहे थे,,,मेरे
मुँह से सीडीज़ लफ़्ज सुनकर अमित का मुँह खुला का खुला रह गया,,,,साथ मे अमित के बाप और सुरेश के बाप
का भी,,,,,,,मतलब पक्का था कि वो लोग भी अमित और सुरेश की हरकतों से वाकिफ़ थे,,,,,,,,,
सीडीज़ कैसी सीडीज़ ,,,,,,,,,,,अमित के बाप ने बड़ी उत्सुकता से पूछा,,,,,,,,,,
मुझे नही पता अंकल जी,,,,एक बार मैने भी सुना था सुमित के मुँह से जब अमित और इसके दोस्तो ने उसको
मारा था,,,तब सुमित भी कोई सीडीज़ की बात कर रहा था,,,,,,,,,
अमित गुस्से से,,,,,,,,तुझे पता है वो सीडीज़ कहाँ है,,,,,अमित गुस्से से मेरी तरफ बढ़ा,,,,,
तभी अमित का बाप उठा और उसने मेरे सामने अमित को कस्के थप्पड़ मारा और अमित को वापिस बैठने को
बोलने लगा वो भी गुस्से से,,,,,,,,,,,,,
घर आए मेहमान से ऐसे बात करते है,,,,,तुझे इतनी भी अक़ल नही है क्या,,,,,,जा दफ़ा होज़ा यहाँ से,,,
सॉरी डॅड वो मैं,,,,,,,,,,,,अमित थोड़ा शर्मिंदा हो गया था...
अब अपनी बकवास बंद करके चुप चाप बैठ जा ,,,नही तो दफ़ा होज़ा रूम से,,,,,अमित का बाप पूरे
गुस्से मे बोला अमित को,,,,,,तभी सुरेश के बाप ने भी अमित को चुप रहने का इशारा किया,,,,
सन्नी बेटा इसकी तरफ से मैं माफी माँगता हूँ,,,,,जवान खून है ,,,,अमित का बाप बड़े प्यार से बोल
रहा था,.,,,,,,
इट्स ओके अंकल जी,,,,,मैं जानता हूँ ये सुरेश की वजह से परेशान है,,,और जवानी की गर्मी मे गर्म खून
को जोश आ ही जाता है,,,,ये बात भला मेरे से बेहतर कॉन समझ सकता है,,,,,,मैने भी अपनी बात से
सबको बता दिया कि मैं भी किसी से कम नही,,,,,,,,,,,
अच्छा बेटा छोड़ो ये बेकार की बातें ये बताओ कि सुमित ने तुमसे कभी सीडीज़ के बारे मे बात की,,और क्या
तुमको पता है वो सीडीज़ कहाँ है,,,,,
नही अंकल जी,,,ना तो मैने कभी पूछा सुमित से और ना ही उसने कभी बताया मुझे,,,हम दोनो मे बहुत
कम बात होती थी,,,,,,और ना ही मुझे पता है उन सीडीज़ मे क्या है,,,,,,,,,,,,,,वैसे अंकल जी उन सीडीज़ मे है
क्या जिसस वजह से आप इतना परेशान हो गये हो और ये अमित भी,,,,,
मार रहे थे मैं तो बस बचाने गया था सुमित को,,,,सुमित क्या अगर उसकी जगह कॉलेज का कोई भी
लकड़ा होता और अपने अमित और सुरेश की जगह भी कोई और उसको मारता तो मैं ऐसा ही करता,,,,,ना तो सुमित
मेरे मामा का लड़का है और ना ही मेरी कोई दुश्मनी है अमित और सुरेश के साथ,,,,,,
हां हां मैं जानता हूँ सन्नी बेटा,,,तुम अच्छे लड़के को ,,तुमने जो भी किया अच्छा किया,,,,मुझे
तुमसे कोई शिकायत नही है,,,,,,अमित के बाप बड़े प्यार से चापलूसी वाली बातें कर रहा था और मैं
समझ भी रहा था,,,,,
देखो बेटा तुमने कुछ नही किया मैं जानता हूँ और सुरेश ने भी यही बोला कि तुम नही थे उस दिन
जब कुछ लोगो ने उस पर हमला किया था वो लोग कोई और थे ,,वो सुमित के दोस्त थे,,,,अब सुमित ने सुरेश
को मारा है तो हमे एक बार तो सुमित से बात करनी ही होगी ना की आख़िर क्या वजह थी जो उसने सुरेश को
और उसके बाकी दोस्तो को इतनी बुरी तरह से मारा,,,,,आख़िर बात क्या है कुछ तो पता चले,,,,
तभी अमित मेरे लिए जूस लेके आया,,,,लेकिन वो बड़े घर का बेटा खुद नही लाया जूस मेरे लिए ,,,वो तो
एक नोकर को साथ लेके आया था,,,,,उसने नोकर को जूस मुझे देने को बोला और जैसे ही मैने जूस का
ग्लास पकड़ा उसने नोकर को वापिस रूम से बाहर जाने का इशारा किया,,,वो बाहर चला गया और जाते जाते
दरवाजा बंद कर गया.,,,,,,
मैने जूस का एक घूँट पिया और ग्लास को टेबल पर रख दिया,,,,,,,,,वजह कुछ नही थी अंकल जी,,,मुझे
कुछ भी नही पता,,,,कुछ दिन पहले तक तो सुमित आपके बेटे अमित और सुरेश का अच्छा दोस्त था फिर पता
नही इन लोगो ने उसको क्यूँ मारा,,,,और मुझे कुछ लेना देना नही इस बात से कि इन लोगो ने सुमित को क्यूँ
मारा ,,,,लेकिीन उस दिन सुमित का हाथ टूटा हुआ था ये लोग फिर भी उसको मार रहे थे,,,मेरे से देखा
नही गया तो मैं उसको बचाने के लिए आगे हो गया लेकिन इन लोगो ने मेरे से ही झगड़ा करना शुरू कर
दिया,,,,,,,,,,,,,,,शायद यही वजह होगी कि सुमित ने अपने दोस्तो से मिलकर सुरेश को मारा होगा और उस दिन
मैने सुमित की हेल्प की थी इसलिए वो मेरा दोस्त बन गया,,इस से ज़्यादा मुझे भी नही पता,,,,
हां हां मैं जानता हूँ बेटा,,,,वो पहला अमित और सुरेश का दोस्त ही था,,,,,लेकिन किसी बात पर इन लोगो
का झगड़ा हो गया था,,,,,
तभी अमित बीच मे बोल पड़ा,,,,नही डॅड वो मेरा दोस्त नही था साला मेरा चमचा था,,,पैसे लेता
था मेरे से नशा करने के लिए और एक दिन जब मैने पैसे देने से मना किया तो गाली देने लगा मुझे
इसलिए मैने उसको मारा था,,,,
तभी अमित का बाप गुस्से मे बोला,,,,,,,,तू अपनी बकवास बंद कर ,,जब मैं बोल रहा हूँ तो तुझे
बीच मे बोलने को किसने कहा,,,अमित अपने बाप की बात सुनकर थोड़ा डर गया और चुप हो गया,,,
देखा सन्नी बेटा,,ये बात थी,,,,,,सुमित मेरे बेटे से पैसे लेता था नशे के लिए लेकिन एक दिन इसने मना
किया तो वो गाली देने लगा ,,और भला आज कल के टाइम मे गाली कॉन सुनता है,,,,जवान खून था हो गया
झगड़ा,,,,,,अब तो हमे सब कुछ ठीक करना है इन लोगो के बीच मे ,,,,बस तू इतना बता दे मुझे कि
सुमित कहाँ है,,,,ताकि हम उस से मिलके सारी बात सॉल्व कर सके,,,,,मैं अमित के बाप की बात समझ
गया,,,,,साला कितनी मीठी छुरी चला रहा था,,,,,,,पॉलिटीशियन जो ठहरा,,,,,,
सॉरी अंकल जी मुझे कुछ नही पता कसम से,,,,,अगर पता होता तो बता देता,,,,,शायद कॉलेज मे किसी
को पता हो,,,,,,
अच्छा चलो तुमको नही पता,,,,लेकिन क्या तुमसे सुमित ने कोई बात की कभी सुरेश से झगड़ा करने के
बाद या उस से पहले कि वो क्या करने वाला है,,,क्या तुमको पता था वो सुरेश से झगड़ा करने वाला है
क्यूकी तुम्हारा तो अच्छा दोस्त बन गया था वो ,,,,तुम पर यकीन करने लगा था,,,,,शायद तुमको कुछ
बताया हो उसने ,,,,,,,,,,,,,
नही अंकल जी,,,,अगर मुझे पता होता कि झगड़ा होने वाला है तो मैं उसको ऐसा नही कारने देता,,,अमित
और सुरेश ने उसको मारा था तो मैं बीच बचाव मे आ गया था और अगर मुझे पता होता वो
सुरेश और अमित से झगड़ा करने वाला है तो भी मैं बीच बचाव मे ज़रूर आता,,,,,,,और उस दिन भी
मैं उन लोगो के पीछे भागा था जो लोग सुरेश को मार रहे थे ,,,मैं बस थोड़ा लेट हो गया और वो
लोग एक ब्लॅक कलर की कार मे बैठ कर वहाँ से चले गये,,,,,,,वो लोग कोई 8-10 लोग थे और वो किसी
पिक-अप ट्रक जैसी कार मे भाग गये थे ,,सुमित भी था उनके साथ मे,,,
अच्छा ,,और क्या देखा तूने,,,,और कुछ सुना क्या उनके बारे मे किसी से,,,,,
नही अंकल जी मैने कुछ नही सुना,,,,लेकिन हां उस दिन जब वो लोग भाग गये तो मैं वापिस सुरेश और
बाकी लोगो के पास वापिस आया तो मैने सुना कि कॉलेज के कुछ लोग सीडीज़ की बात कर रहे थे,,,मेरे
मुँह से सीडीज़ लफ़्ज सुनकर अमित का मुँह खुला का खुला रह गया,,,,साथ मे अमित के बाप और सुरेश के बाप
का भी,,,,,,,मतलब पक्का था कि वो लोग भी अमित और सुरेश की हरकतों से वाकिफ़ थे,,,,,,,,,
सीडीज़ कैसी सीडीज़ ,,,,,,,,,,,अमित के बाप ने बड़ी उत्सुकता से पूछा,,,,,,,,,,
मुझे नही पता अंकल जी,,,,एक बार मैने भी सुना था सुमित के मुँह से जब अमित और इसके दोस्तो ने उसको
मारा था,,,तब सुमित भी कोई सीडीज़ की बात कर रहा था,,,,,,,,,
अमित गुस्से से,,,,,,,,तुझे पता है वो सीडीज़ कहाँ है,,,,,अमित गुस्से से मेरी तरफ बढ़ा,,,,,
तभी अमित का बाप उठा और उसने मेरे सामने अमित को कस्के थप्पड़ मारा और अमित को वापिस बैठने को
बोलने लगा वो भी गुस्से से,,,,,,,,,,,,,
घर आए मेहमान से ऐसे बात करते है,,,,,तुझे इतनी भी अक़ल नही है क्या,,,,,,जा दफ़ा होज़ा यहाँ से,,,
सॉरी डॅड वो मैं,,,,,,,,,,,,अमित थोड़ा शर्मिंदा हो गया था...
अब अपनी बकवास बंद करके चुप चाप बैठ जा ,,,नही तो दफ़ा होज़ा रूम से,,,,,अमित का बाप पूरे
गुस्से मे बोला अमित को,,,,,,तभी सुरेश के बाप ने भी अमित को चुप रहने का इशारा किया,,,,
सन्नी बेटा इसकी तरफ से मैं माफी माँगता हूँ,,,,,जवान खून है ,,,,अमित का बाप बड़े प्यार से बोल
रहा था,.,,,,,,
इट्स ओके अंकल जी,,,,,मैं जानता हूँ ये सुरेश की वजह से परेशान है,,,और जवानी की गर्मी मे गर्म खून
को जोश आ ही जाता है,,,,ये बात भला मेरे से बेहतर कॉन समझ सकता है,,,,,,मैने भी अपनी बात से
सबको बता दिया कि मैं भी किसी से कम नही,,,,,,,,,,,
अच्छा बेटा छोड़ो ये बेकार की बातें ये बताओ कि सुमित ने तुमसे कभी सीडीज़ के बारे मे बात की,,और क्या
तुमको पता है वो सीडीज़ कहाँ है,,,,,
नही अंकल जी,,,ना तो मैने कभी पूछा सुमित से और ना ही उसने कभी बताया मुझे,,,हम दोनो मे बहुत
कम बात होती थी,,,,,,और ना ही मुझे पता है उन सीडीज़ मे क्या है,,,,,,,,,,,,,,वैसे अंकल जी उन सीडीज़ मे है
क्या जिसस वजह से आप इतना परेशान हो गये हो और ये अमित भी,,,,,