hotaks444
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वो मेरी बात सुनके हँसने लगी,,,मैं सब जानती हूँ भाई तूने कोई तैयारी नही करनी बस जब मोबाइल से थक जाना था
तो सो जाना था तूने,,,,
उसकी बात से मैं भी हँसने लगा,,,,
चलो मेरे साथ उपर भाई मैं आपको क्वेस्चन्स की एक लिस्ट बना देती हूँ आप उस पर ध्यान देना तो कल पक्का
आपका एग्ज़ॅम बहुत अच्छा होगा,,,,
तभी मैं थोड़ा गुस्से से,,,,मुझे नही जाना उपर ,,जो लिस्ट बना कर देनी है यहीं देदे मुझे,,,
वो थोड़ा सहम गई मेरे गुस्से से,,,,भाई मुझे डर लगता है,,,
डर लगता है ,,,किस से,,,,मेरे से डर लगता है क्या,,,,मैने थोड़ा घबरा कर पूछा उस से,,,,
उसने कुछ नही बोला बस सर को झुका कर ना मे हिला दिया,,,,और बता दिया उसको मेरे से डर नही लगता,,
तो फिर किस से डर लगता है तुझे,,,,
मुझे अकेले उपर रहने से डर लगता है भाई,,,,उपर वाला सारा फ्लोर खाली है ना इसलिए,,,
तो इसमे क्या है,,,पहले भी तो अक्सर तू अकेली ही सोती थी ना उपर कुछ दिनो से,,,
तब कोई ना कोई होता था भाई घर मे उपर,,,, भुआ और शोभा दीदी होती थी ना,,,,,लेकिन आज तो बस मैं हूँ घर
पर और आप हो,,,,और आप नीचे सो रहे हो तू मुझे डर लगता है अकेले उपर रहने मे ,,,,आप चलो ना मेरे साथ
उपर भाई प्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़
नही मुझे नही जाना उपर तेरे रूम मे मैं यहीं ठीक हूँ,,,,मैं फिर थोड़ा गुस्से मे बोला,,,,
मैं उपर जाने को बोल रही हूँ भाई लेकिन अपने रूम मे नही,,,,उसने इतना बोला और शरमा कर सर को झुका
लिया,,,
मैं उसकी इस बात से थोड़ा शर्मसार हो गया,,,,
आप उपर चलो भाई और शोभा दीदी के रूम मे रहना ,,आपके वहाँ होने से मुझे डर नही लगेगा,,,,,
मैं थोड़ा अजीब फील करने लगा था,,,उसने उपर जाने को बोला लेकिन मुझे लगा वो अपने रूम मे जाने को बोल
रही थी,,,,,लेकिन मैं ग़लत था और मेरी इस बात से वो शरमा गई थी और मैं तो पानी पानी हो गया था शरम से
ठीक है तुम चलो मैं आता हूँ,,,,
वो उपर चली गई और मैं उसके थोड़ी देर बाद उपर चला गया,,,,,मैं उसके रूम के पास जाके डोर पर नॉक किया
तो उसने दरवाजा खोला ,,,,,मैने देखा रूम की लाइट ऑफ थी बस एक नाइट लॅंप चल रहा था जो सोनिया और मेरे
बेड के बीच मे पड़े हुए टेबल पर पड़ा था,,,,रूम मे हल्की रोशनी थी उस लॅंप की,,,,,
सोनिया ने दरवाजा खोला और मुझे एक पेपर पकड़ा दिया,,,,भाई इसमे कुछ ज़रूरी क्वेस्चन्स लिखे हुआ है आप बस
एक बार ध्यान से इन क्वेस्चन्स को देख लेना ,,,कल के एग्ज़ॅम मे बहुत हेल्प हो जाएगी आपकी,,,,
मैं वहाँ से जाने लगा तो सोनिया बोली,,,,भाई कोई हेल्प की ज़रूरत पड़ी तो पूछ लेना,,,,
मैने वो पेपर पकड़ा और अपनी बुक लेके शोभा के रूम मे चला गया और जाके बेड पर बैठकर स्टडी करने लगा
,,,मैं खुद के ध्यान को पूरी तरह बुक पर लगा रहा था ताकि मेरे दिमाग़ मे सोनिया का ख्याल तक नही आए
और ऐसा ही हुआ,,मैं स्टडी मे इतना खो गया था कि कब रात के 2 बज गये पता ही नही चला,,,और मुझे नींद भी
नही आ रही थी,,,,तभी स्टडी करते हुए मैं एक क्वेस्चन मे थोड़ा उलझ गया,,मुझे उसका जवाब नही मिल रहा
था ,,,,मैने सोचा सोनिया से पूछ लेता हूँ क्यूकी वो भी स्टडी कर रही होगी और अब तक जाग ही रही होगी,,
मैं शोभा के रूम से निकला और सोनिया के रूम मे चला गया,,,,मैने दरवाजे खोला और अंदर देखा तो रूम
मे लॅंप जल रहा था,,,,सोनिया बेड की बॅक से पीठ लगाकर बैठी हुई थी उसकी टाँगें बेड पर बिछि हुई थी और
उसने अपनी बुक को अपनी टाँगों पर रखा हुआ था,,उसका एक हाथ उसी बुक पर था जबकि दूसरा हाथ अपने बेड
पर था,,,मुझे लगा वो स्टडी कर रही है लेकिन जब मैं उसके पास गया तो देखा कि उसका सर झुका हुआ था ,,गर्दन
नीचे की तरफ मूडी हुई थी,,,,वो स्टडी करते करते ऐसी ही हालत मे सो गई थी,,,पहले तो मुझे उस पर हँसी
आने लगी लेकिन फिर मुझे उसकी मासूमियत पर प्यार आने लगा,,,,
मैने देखा कि उसने अपनी टाँगों पर कंबल को घुटनो तक ओढ़ रखा था ,,और घुटनो के पास ही उसकी बुक
पड़ी हुई थी,,,,उसका एक हाथ बुक के उपर पड़ा हुआ था,,,,मैने हिम्मत करके उसके हाथ को पकड़ा और बुक से
उठा दिया फिर बुक को बंद करके साइड के टेबल पर रख दिया,,,,,,मुझे ऐसा करते हुए डर तो लग रहा था लेकिन
फिर भी मैं हिम्मत करके उसको लिटाना चाहता था,,क्यूकी जिस हालत मे वो सो रही थी उस से लग रहा था कि वो कभी
भी बेड पर गिर सकती है,,,इसलिए उसके बेड पर गिरने से पहले ही मैं उसको लेटा देना चाहता था,,,
मैने बुक को बंद करके साइड टेबल पर रखा और फिर हिम्मत करके अपने एक हाथ को उसकी गर्दन के पीछे
रखा और दूसरे हाथ को उसकी टाँगों के नीचे घुटनो के पास रखा और उसको बेड से हल्का सा उपर उठा लिया ,,मेरे
ऐसे करते ही उसकी टाँगों पर जो कंबल था वो नीचे गिर गया और उसकी गोरी मखमली नंगी टाँगें मेरे सामने
आ गई,,,,मेरा कुछ ग़लत इरादा नही था मैं तो जितना हो सके उस से दूर रहने की कोशिश कर रहा था,,,लेकिन
कंबल नीचे होने से उसकी गोरी-गोरी टाँगें देखकर मुझे कुछ होने लगा और फिर मुझे अपने हाथ पर उसकी
टाँग का सपर्श भी मस्त करने लगा,,,,मैने उसको बेड से 2 फीट तक उपर उठा लिया था अब उसका जिस्म मेरी बाहों
मे था,,,,मेरा एक हाथ उसकी नंगी टाँगों पर था क्यूकी उसने एक निक्केर पहनी हुई थी,,लेकिन पहले तो इसने एक
पयज़ामा पहना हुआ था ये निक्केर कब पहन ली,,,हो सकता है मेरे जाने के बाद इसने चेंज किया होगा,,
वो बेड से उपर मेरी बाहों मे थी,,,उसका सर नीचे झुका हुआ था और उसकी सुराही जैसी गर्दन जो हल्की लाइट मे
भी चमक रही थी,,,उसकी मखमली टाँगें जो मेरा दिमाग़ खराब करने लगी थी,,,गोद मे होने की वजह से उसके
बदन की तेज खुश्बू मिलने लगी थी मुझे,,वो मुझे पागल करने लगी थी लेकिन फिर भी ना जाने कैसे मैने खुद
को क़ाबू मे किया हुआ था,,,,मैने खुद पर कंट्रोल करते हुए उसको बेड पर ठीक तरह से लेटा दिया फिर हल्के
से उसके सर को उपर उठा कर उसके सर के नीचे एक पिल्लो रखा और उसके बदन पर गर्दन तक कंबल ओढ़ा दिया
अब बस उसका क्यूट सा फेस ही कम्बल से बाहर था,,,
मैं उसके फेस मे इतना खो गया था कि जितना मैं उसके नंगे जिस्म मे भी नही खो सकता था,,वो सोती हुई किसी
छोटी बच्ची जैसी क्यूट लग रही थी,,,नींद मे भी मासूम फेस पर एक क्यूट सी स्माइल थी,,,,मैं इतना खो गया उसको
देखने मे की अपने बेड पर बैठ गया और उसके खूबसूरत क्यूट फेस को देखने लगा,,,,पता नही कितने टाइम से
मैं उसको देख रहा था ,,शायद मैने पलक भी नही झपकाई थी ,,,तभी सोनिया हल्की सी हिली और उसने आँखें
खोलकर मेरी तरफ देखा,,वो थोड़ा डर गई थी शायद,,,,,लेकिन जब उसने अपने बदन को कंबल मे पाया तो थोड़ी
खुश हो गई,,,,फिर लेटे लेटे ही बोली,,,,
तुम यहाँ क्या कर रहे हो भाई,,,,
तो सो जाना था तूने,,,,
उसकी बात से मैं भी हँसने लगा,,,,
चलो मेरे साथ उपर भाई मैं आपको क्वेस्चन्स की एक लिस्ट बना देती हूँ आप उस पर ध्यान देना तो कल पक्का
आपका एग्ज़ॅम बहुत अच्छा होगा,,,,
तभी मैं थोड़ा गुस्से से,,,,मुझे नही जाना उपर ,,जो लिस्ट बना कर देनी है यहीं देदे मुझे,,,
वो थोड़ा सहम गई मेरे गुस्से से,,,,भाई मुझे डर लगता है,,,
डर लगता है ,,,किस से,,,,मेरे से डर लगता है क्या,,,,मैने थोड़ा घबरा कर पूछा उस से,,,,
उसने कुछ नही बोला बस सर को झुका कर ना मे हिला दिया,,,,और बता दिया उसको मेरे से डर नही लगता,,
तो फिर किस से डर लगता है तुझे,,,,
मुझे अकेले उपर रहने से डर लगता है भाई,,,,उपर वाला सारा फ्लोर खाली है ना इसलिए,,,
तो इसमे क्या है,,,पहले भी तो अक्सर तू अकेली ही सोती थी ना उपर कुछ दिनो से,,,
तब कोई ना कोई होता था भाई घर मे उपर,,,, भुआ और शोभा दीदी होती थी ना,,,,,लेकिन आज तो बस मैं हूँ घर
पर और आप हो,,,,और आप नीचे सो रहे हो तू मुझे डर लगता है अकेले उपर रहने मे ,,,,आप चलो ना मेरे साथ
उपर भाई प्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़
नही मुझे नही जाना उपर तेरे रूम मे मैं यहीं ठीक हूँ,,,,मैं फिर थोड़ा गुस्से मे बोला,,,,
मैं उपर जाने को बोल रही हूँ भाई लेकिन अपने रूम मे नही,,,,उसने इतना बोला और शरमा कर सर को झुका
लिया,,,
मैं उसकी इस बात से थोड़ा शर्मसार हो गया,,,,
आप उपर चलो भाई और शोभा दीदी के रूम मे रहना ,,आपके वहाँ होने से मुझे डर नही लगेगा,,,,,
मैं थोड़ा अजीब फील करने लगा था,,,उसने उपर जाने को बोला लेकिन मुझे लगा वो अपने रूम मे जाने को बोल
रही थी,,,,,लेकिन मैं ग़लत था और मेरी इस बात से वो शरमा गई थी और मैं तो पानी पानी हो गया था शरम से
ठीक है तुम चलो मैं आता हूँ,,,,
वो उपर चली गई और मैं उसके थोड़ी देर बाद उपर चला गया,,,,,मैं उसके रूम के पास जाके डोर पर नॉक किया
तो उसने दरवाजा खोला ,,,,,मैने देखा रूम की लाइट ऑफ थी बस एक नाइट लॅंप चल रहा था जो सोनिया और मेरे
बेड के बीच मे पड़े हुए टेबल पर पड़ा था,,,,रूम मे हल्की रोशनी थी उस लॅंप की,,,,,
सोनिया ने दरवाजा खोला और मुझे एक पेपर पकड़ा दिया,,,,भाई इसमे कुछ ज़रूरी क्वेस्चन्स लिखे हुआ है आप बस
एक बार ध्यान से इन क्वेस्चन्स को देख लेना ,,,कल के एग्ज़ॅम मे बहुत हेल्प हो जाएगी आपकी,,,,
मैं वहाँ से जाने लगा तो सोनिया बोली,,,,भाई कोई हेल्प की ज़रूरत पड़ी तो पूछ लेना,,,,
मैने वो पेपर पकड़ा और अपनी बुक लेके शोभा के रूम मे चला गया और जाके बेड पर बैठकर स्टडी करने लगा
,,,मैं खुद के ध्यान को पूरी तरह बुक पर लगा रहा था ताकि मेरे दिमाग़ मे सोनिया का ख्याल तक नही आए
और ऐसा ही हुआ,,मैं स्टडी मे इतना खो गया था कि कब रात के 2 बज गये पता ही नही चला,,,और मुझे नींद भी
नही आ रही थी,,,,तभी स्टडी करते हुए मैं एक क्वेस्चन मे थोड़ा उलझ गया,,मुझे उसका जवाब नही मिल रहा
था ,,,,मैने सोचा सोनिया से पूछ लेता हूँ क्यूकी वो भी स्टडी कर रही होगी और अब तक जाग ही रही होगी,,
मैं शोभा के रूम से निकला और सोनिया के रूम मे चला गया,,,,मैने दरवाजे खोला और अंदर देखा तो रूम
मे लॅंप जल रहा था,,,,सोनिया बेड की बॅक से पीठ लगाकर बैठी हुई थी उसकी टाँगें बेड पर बिछि हुई थी और
उसने अपनी बुक को अपनी टाँगों पर रखा हुआ था,,उसका एक हाथ उसी बुक पर था जबकि दूसरा हाथ अपने बेड
पर था,,,मुझे लगा वो स्टडी कर रही है लेकिन जब मैं उसके पास गया तो देखा कि उसका सर झुका हुआ था ,,गर्दन
नीचे की तरफ मूडी हुई थी,,,,वो स्टडी करते करते ऐसी ही हालत मे सो गई थी,,,पहले तो मुझे उस पर हँसी
आने लगी लेकिन फिर मुझे उसकी मासूमियत पर प्यार आने लगा,,,,
मैने देखा कि उसने अपनी टाँगों पर कंबल को घुटनो तक ओढ़ रखा था ,,और घुटनो के पास ही उसकी बुक
पड़ी हुई थी,,,,उसका एक हाथ बुक के उपर पड़ा हुआ था,,,,मैने हिम्मत करके उसके हाथ को पकड़ा और बुक से
उठा दिया फिर बुक को बंद करके साइड के टेबल पर रख दिया,,,,,,मुझे ऐसा करते हुए डर तो लग रहा था लेकिन
फिर भी मैं हिम्मत करके उसको लिटाना चाहता था,,क्यूकी जिस हालत मे वो सो रही थी उस से लग रहा था कि वो कभी
भी बेड पर गिर सकती है,,,इसलिए उसके बेड पर गिरने से पहले ही मैं उसको लेटा देना चाहता था,,,
मैने बुक को बंद करके साइड टेबल पर रखा और फिर हिम्मत करके अपने एक हाथ को उसकी गर्दन के पीछे
रखा और दूसरे हाथ को उसकी टाँगों के नीचे घुटनो के पास रखा और उसको बेड से हल्का सा उपर उठा लिया ,,मेरे
ऐसे करते ही उसकी टाँगों पर जो कंबल था वो नीचे गिर गया और उसकी गोरी मखमली नंगी टाँगें मेरे सामने
आ गई,,,,मेरा कुछ ग़लत इरादा नही था मैं तो जितना हो सके उस से दूर रहने की कोशिश कर रहा था,,,लेकिन
कंबल नीचे होने से उसकी गोरी-गोरी टाँगें देखकर मुझे कुछ होने लगा और फिर मुझे अपने हाथ पर उसकी
टाँग का सपर्श भी मस्त करने लगा,,,,मैने उसको बेड से 2 फीट तक उपर उठा लिया था अब उसका जिस्म मेरी बाहों
मे था,,,,मेरा एक हाथ उसकी नंगी टाँगों पर था क्यूकी उसने एक निक्केर पहनी हुई थी,,लेकिन पहले तो इसने एक
पयज़ामा पहना हुआ था ये निक्केर कब पहन ली,,,हो सकता है मेरे जाने के बाद इसने चेंज किया होगा,,
वो बेड से उपर मेरी बाहों मे थी,,,उसका सर नीचे झुका हुआ था और उसकी सुराही जैसी गर्दन जो हल्की लाइट मे
भी चमक रही थी,,,उसकी मखमली टाँगें जो मेरा दिमाग़ खराब करने लगी थी,,,गोद मे होने की वजह से उसके
बदन की तेज खुश्बू मिलने लगी थी मुझे,,वो मुझे पागल करने लगी थी लेकिन फिर भी ना जाने कैसे मैने खुद
को क़ाबू मे किया हुआ था,,,,मैने खुद पर कंट्रोल करते हुए उसको बेड पर ठीक तरह से लेटा दिया फिर हल्के
से उसके सर को उपर उठा कर उसके सर के नीचे एक पिल्लो रखा और उसके बदन पर गर्दन तक कंबल ओढ़ा दिया
अब बस उसका क्यूट सा फेस ही कम्बल से बाहर था,,,
मैं उसके फेस मे इतना खो गया था कि जितना मैं उसके नंगे जिस्म मे भी नही खो सकता था,,वो सोती हुई किसी
छोटी बच्ची जैसी क्यूट लग रही थी,,,नींद मे भी मासूम फेस पर एक क्यूट सी स्माइल थी,,,,मैं इतना खो गया उसको
देखने मे की अपने बेड पर बैठ गया और उसके खूबसूरत क्यूट फेस को देखने लगा,,,,पता नही कितने टाइम से
मैं उसको देख रहा था ,,शायद मैने पलक भी नही झपकाई थी ,,,तभी सोनिया हल्की सी हिली और उसने आँखें
खोलकर मेरी तरफ देखा,,वो थोड़ा डर गई थी शायद,,,,,लेकिन जब उसने अपने बदन को कंबल मे पाया तो थोड़ी
खुश हो गई,,,,फिर लेटे लेटे ही बोली,,,,
तुम यहाँ क्या कर रहे हो भाई,,,,