hotaks444
New member
- Joined
- Nov 15, 2016
- Messages
- 54,521
नही नही सन्नी,,,हम दोनो मे से कोई ऐसा नही चाहता ,,,,कविता और मैं दोनो बचपन से
तुझे प्यार करती आई है और इस बात से हम दोनो को कोई परेशानी नही थी,,,अब इसमे हम
दोनो की क्या ग़लती थी कि हम दोनो एक ही लड़के से प्यार करती है ,,लेकिन इस बात से हम
दोनो को कभी परेशानी नही हुई,,,,,लेकिन अब तूने हम दोनो को परेशान कर दिया सन्नी
,,,क्यूँ अब क्या कर दिया मैने जो तुम दोनो परेशान हो गयी,,,,मैने बड़ी हैरत से पूछा
सीमा की वजह से सन्नी,,,,तेरा सीमा के करीब जाना हम दोनो को गंवारा नही था,,,
पहली बात मैं उसके करीब नही जा रहा था तुम दोनो पागल कान खोल कर सुन लो,,,और अगर
हल्का करीब जाके हँसी मज़ाक कर भी लिया तो क्या बुरा किया,,,कुछ ग़लत तो नही किया और
हँसी मज़ाक तो मैं किसी से भी कर लेता हूँ तो भला सीमा की बात पर तुम दोनो को
इतनी परेशानी क्यूँ होने लगी,,,,
तभी सोनिया और कविता दोनो चुप करके एक दूसरे की तरफ देखने लगी,,,सोनिया मेरे पास
खड़ी हुई थी जबकि कविता को मैने हाथ से पकड़ कर खुद के करीब रोका हुआ था
बोलो ना बोलती क्यूँ नही तुम दोनो,,,सीमा मे ऐसी क्या बात है,,मैने कयि बार देखा
है'जब भी मैं सीमा मामी से हँसी माजक करता तुम दोनो मुझे गुस्से से घूर्ने लग जाती
थी,,,,क्या बात है ऐसी सीमा मामी मे जो तुम दोनो इतनी परेशान हो गयी मेरे और सीमा मामी
को लेके,,,,,,
तभी कविता बोल पड़ी,,,,,क्यूकी वो तुम्हारी मामी नही है सन्नी,,,,वो तुम्हारी माँ है,,
सोनिया की माँ है,,,,तुम दोनो की असली माँ है,,,,कविता ने इतना बोला और फिर दोनो हल्के से
'रोने लगी,,,,,
लेकिन मैं तो रो भी नही सका,,,,मुझे तो साँप ही सूंघ गया था,,,एक दम से पूरा बदन
सुन्न हो गया था मेरा,,,,मेरे हाथ से कविता का हाथ भी छूट गया था,,मुझे कुछ समझ
नही आ रहा था ये सब क्या हो गया,,,,सीमा मेरी असली माँ है,,,तो सरिता,,,,मैं अभी
सोच ही रहा था कि सोनिया मेरे करीब आ गयी और मेरे गले लग गयी,,,,,,
सन्नी मैं नही चाहती थी तुझे ये सब पता चले लकिन तुझे ये सब बताना ज़रूरी था
क्यूकी इस से पहले तू कोई ग़लती कर देता अपनी ही माँ के साथ जिसके बारे मे सोच सोच कर
तुझे सारी ज़िंदगी पछताना पड़ता ,,मैं नही चाहती थी तू वो ग़लती करे,,,जो तूने सरिता
,,गीता भुआ और शोभा के साथ की है और अब भी करता आ रहा है,,,,
सोनिया ने इतना बोला तो मेरी गान्ड ही फॅट गयी,,,अभी एक झटका कम था कि सीमा मेरी असली
माँ है जो सोनिया ने दूसरा झटका भी लगा दिया मुझे,,,इसको कैसे पता सरिता गीता और
शोभा के बारे मे,,,,,
मैं कुछ बोल ही नही पाया और बस चुप चाप से खड़ा रहा जबकि सोनिया इतनी बात बोलके छत
से नीचे भाग गयी,,,,,,,शायद वो भी अब मेरी नज़रो का सामना नही करना चाहती थी मुझे
ये सब बताने के बाद,,,,,मैं चुप चाप से खड़ा हुआ था तभी कविता मेरे पास आ गयी
कविता ने पास आके मुझे गले से लगा लिया,,,,ऐसे चुप मत रहो सन्नी,,,थोड़ा रो लो,,
मन हल्का हो जाएगा,,,,मैं जानती हूँ ये सब बहुत अजीब है हम सबके लिए ,,लेकिन अब
सब ठीक हो जाएगा,,,,प्लज़्ज़्ज़ सन्नी रो लो,,,मेरी खातिर,,,मन हल्का कर लो अपना,,,
मैं अब तक तो सुन्न था बिल्कुल लेकिन कविता की बातें सुनके और उसके गले लग्के मेरे
आँसू थम नही सके और मैने फूट फूट कर रोना शुरू कर दिया,,,,
मैं काफ़ी देर तक कविता के गले लग्के रोता रहा,,,उसने भी मुझे चुप नही करवाया बस
मेरे सर पर हल्के हल्के हाथ फिराती रही,,,,जब दिल का दर्द थोड़ा कम हुआ और मेरे आँसू
थमने लगे तो कविता बोलने लगी,,,,,
तेरे और तेरे घर के बारे मे सोनिया सब कुछ जानती है,,,,घर मे जो सब नंगा नाच चल
रहा है उसके बारे मे सोनिया को सब कुछ पता है,,,,और उसने मुझे भी सब कुछ बता दिया
था,,,,घर की ड्यूप्लिकेट चाबी तुम्हारे पास ही नही सोनिया के पास भी है,,लेकिन वो उसका
इस्तेमाल ज़्यादा नही करती थी,,,क्यूकी जब 1-2 बार उसने उस चाबी का इस्तेमाल किया तो उसको
घर पर वो सब कुछ देखने को मिल गया जो वो देखना नही चाहती थी,,,इसलिए तो उसने मुझे
तुम्हारे कारेब आने को बोला ताकि तुम सरिता गीता और शोभा से दूर हो जाओ ,,,लेकिन तेरा तो
हमेशा ध्यान ही उनकी तरफ रहता था,,,मैने बहुत कोशिश की तेरे करीब आने की लेकिन
मेरी भी कुछ परेशानी थी कि मैं तेरे ज़्यादा करीब नही आ सकी,,,सोनिया भी तेरे करीब
आके तुझे उन लोगो से दूर करना चाहती थी लेकिन वो तेरी बेहन थी और इसी रिश्ते ने उसको
बाँध कर रखा हुआ था,,,,,,
सोनिया ने पहले मुझे कुछ नही बताया था लेकिन जब मेरे घर की प्रॉब्लम्स के बारे मे मैने
सोनिया को बता दिया तो सोनिया ने भी मुझे तुम्हारे घर की हर बात बता दी,,,मैने कभी
सोनिया से कुछ नही छुपाया और ना ही उसने मेरे से कुछ छुपाया,,,,
बाकी सब तो सोनिया को घर से पता चल गया था लेकिन सीमा वाली बात उसको तेरी चाची जी
ने बताई थी,,,क्यूकी अब उनके लिए इस राज को अपने दिल मे दबा कर रखा मुश्किल हो
गया था,,इसलिए उन्होने सोनिया को सब बता दिया,,,,,,
तुझे प्यार करती आई है और इस बात से हम दोनो को कोई परेशानी नही थी,,,अब इसमे हम
दोनो की क्या ग़लती थी कि हम दोनो एक ही लड़के से प्यार करती है ,,लेकिन इस बात से हम
दोनो को कभी परेशानी नही हुई,,,,,लेकिन अब तूने हम दोनो को परेशान कर दिया सन्नी
,,,क्यूँ अब क्या कर दिया मैने जो तुम दोनो परेशान हो गयी,,,,मैने बड़ी हैरत से पूछा
सीमा की वजह से सन्नी,,,,तेरा सीमा के करीब जाना हम दोनो को गंवारा नही था,,,
पहली बात मैं उसके करीब नही जा रहा था तुम दोनो पागल कान खोल कर सुन लो,,,और अगर
हल्का करीब जाके हँसी मज़ाक कर भी लिया तो क्या बुरा किया,,,कुछ ग़लत तो नही किया और
हँसी मज़ाक तो मैं किसी से भी कर लेता हूँ तो भला सीमा की बात पर तुम दोनो को
इतनी परेशानी क्यूँ होने लगी,,,,
तभी सोनिया और कविता दोनो चुप करके एक दूसरे की तरफ देखने लगी,,,सोनिया मेरे पास
खड़ी हुई थी जबकि कविता को मैने हाथ से पकड़ कर खुद के करीब रोका हुआ था
बोलो ना बोलती क्यूँ नही तुम दोनो,,,सीमा मे ऐसी क्या बात है,,मैने कयि बार देखा
है'जब भी मैं सीमा मामी से हँसी माजक करता तुम दोनो मुझे गुस्से से घूर्ने लग जाती
थी,,,,क्या बात है ऐसी सीमा मामी मे जो तुम दोनो इतनी परेशान हो गयी मेरे और सीमा मामी
को लेके,,,,,,
तभी कविता बोल पड़ी,,,,,क्यूकी वो तुम्हारी मामी नही है सन्नी,,,,वो तुम्हारी माँ है,,
सोनिया की माँ है,,,,तुम दोनो की असली माँ है,,,,कविता ने इतना बोला और फिर दोनो हल्के से
'रोने लगी,,,,,
लेकिन मैं तो रो भी नही सका,,,,मुझे तो साँप ही सूंघ गया था,,,एक दम से पूरा बदन
सुन्न हो गया था मेरा,,,,मेरे हाथ से कविता का हाथ भी छूट गया था,,मुझे कुछ समझ
नही आ रहा था ये सब क्या हो गया,,,,सीमा मेरी असली माँ है,,,तो सरिता,,,,मैं अभी
सोच ही रहा था कि सोनिया मेरे करीब आ गयी और मेरे गले लग गयी,,,,,,
सन्नी मैं नही चाहती थी तुझे ये सब पता चले लकिन तुझे ये सब बताना ज़रूरी था
क्यूकी इस से पहले तू कोई ग़लती कर देता अपनी ही माँ के साथ जिसके बारे मे सोच सोच कर
तुझे सारी ज़िंदगी पछताना पड़ता ,,मैं नही चाहती थी तू वो ग़लती करे,,,जो तूने सरिता
,,गीता भुआ और शोभा के साथ की है और अब भी करता आ रहा है,,,,
सोनिया ने इतना बोला तो मेरी गान्ड ही फॅट गयी,,,अभी एक झटका कम था कि सीमा मेरी असली
माँ है जो सोनिया ने दूसरा झटका भी लगा दिया मुझे,,,इसको कैसे पता सरिता गीता और
शोभा के बारे मे,,,,,
मैं कुछ बोल ही नही पाया और बस चुप चाप से खड़ा रहा जबकि सोनिया इतनी बात बोलके छत
से नीचे भाग गयी,,,,,,,शायद वो भी अब मेरी नज़रो का सामना नही करना चाहती थी मुझे
ये सब बताने के बाद,,,,,मैं चुप चाप से खड़ा हुआ था तभी कविता मेरे पास आ गयी
कविता ने पास आके मुझे गले से लगा लिया,,,,ऐसे चुप मत रहो सन्नी,,,थोड़ा रो लो,,
मन हल्का हो जाएगा,,,,मैं जानती हूँ ये सब बहुत अजीब है हम सबके लिए ,,लेकिन अब
सब ठीक हो जाएगा,,,,प्लज़्ज़्ज़ सन्नी रो लो,,,मेरी खातिर,,,मन हल्का कर लो अपना,,,
मैं अब तक तो सुन्न था बिल्कुल लेकिन कविता की बातें सुनके और उसके गले लग्के मेरे
आँसू थम नही सके और मैने फूट फूट कर रोना शुरू कर दिया,,,,
मैं काफ़ी देर तक कविता के गले लग्के रोता रहा,,,उसने भी मुझे चुप नही करवाया बस
मेरे सर पर हल्के हल्के हाथ फिराती रही,,,,जब दिल का दर्द थोड़ा कम हुआ और मेरे आँसू
थमने लगे तो कविता बोलने लगी,,,,,
तेरे और तेरे घर के बारे मे सोनिया सब कुछ जानती है,,,,घर मे जो सब नंगा नाच चल
रहा है उसके बारे मे सोनिया को सब कुछ पता है,,,,और उसने मुझे भी सब कुछ बता दिया
था,,,,घर की ड्यूप्लिकेट चाबी तुम्हारे पास ही नही सोनिया के पास भी है,,लेकिन वो उसका
इस्तेमाल ज़्यादा नही करती थी,,,क्यूकी जब 1-2 बार उसने उस चाबी का इस्तेमाल किया तो उसको
घर पर वो सब कुछ देखने को मिल गया जो वो देखना नही चाहती थी,,,इसलिए तो उसने मुझे
तुम्हारे कारेब आने को बोला ताकि तुम सरिता गीता और शोभा से दूर हो जाओ ,,,लेकिन तेरा तो
हमेशा ध्यान ही उनकी तरफ रहता था,,,मैने बहुत कोशिश की तेरे करीब आने की लेकिन
मेरी भी कुछ परेशानी थी कि मैं तेरे ज़्यादा करीब नही आ सकी,,,सोनिया भी तेरे करीब
आके तुझे उन लोगो से दूर करना चाहती थी लेकिन वो तेरी बेहन थी और इसी रिश्ते ने उसको
बाँध कर रखा हुआ था,,,,,,
सोनिया ने पहले मुझे कुछ नही बताया था लेकिन जब मेरे घर की प्रॉब्लम्स के बारे मे मैने
सोनिया को बता दिया तो सोनिया ने भी मुझे तुम्हारे घर की हर बात बता दी,,,मैने कभी
सोनिया से कुछ नही छुपाया और ना ही उसने मेरे से कुछ छुपाया,,,,
बाकी सब तो सोनिया को घर से पता चल गया था लेकिन सीमा वाली बात उसको तेरी चाची जी
ने बताई थी,,,क्यूकी अब उनके लिए इस राज को अपने दिल मे दबा कर रखा मुश्किल हो
गया था,,इसलिए उन्होने सोनिया को सब बता दिया,,,,,,