Hindi Porn Story कहीं वो सब सपना तो नही - Page 46 - SexBaba
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Hindi Porn Story कहीं वो सब सपना तो नही

तभी माँ और शोभा कॉफी लेके आ गयी अंदर,,,,,हम लोगो को हंसता देख माँ बोली,,,किस बात
पर इतनी हँसी आ रही है सब लोगो को,,,,



तो भुआ बोली,,,कुछ नही दीदी सन्नी को शोभा की शादी की बात किसी ने नही बताई ना ही
ख़ान भाई ने बताई और ना ही सोनिया और कविता ने,,,,,



इस बात से माँ भी हँसने लगी और शोभा अपनी शादी की बात से शरमा गयी,,,



अरे इन लोगो ने नही बताया तो आप तो बता सकती थी ना माँ मुझे,,अच्छा चलो नही बताया तो
कोई बात नही लेकिन अब अगर कोई काम हुआ तो अपने बेटे को ज़रूर बताना डॅड,,,,क्यूँ बताओगे
ना डॅड,,,,



हां हां बेटा तुझे नही तो किसको बताउन्गा,,,,वैसे मुझे तेरे से माफी भी माँगनी थी
सन्नी बेटा,,,,मुझे माफ़ कर्दे मैने तेरे से सारी बात छुपाई और तुझे कुछ नही बताया
सीमा के बारे मे,,,,



तभी मैं बीच मे बोल पड़ा,,ये कैसी बात कर रहे हो आप डॅड ,,मुझसे माफी माँग कर 
आप मुझे शर्मिंदा कर रहे हो,,,,और क्या नही बताया अपने मुझे,,,,कॉन सीमा कैसी सीमा
,,मैं किसी सीमा को नही जानता,,,,मेरे लिए आप मेरे डॅड और ये मेरी माँ है,,,मुझे और
किसी की ज़रूरत नही,,,,आप दोनो ही मेरे माँ-बाप हो बस,,,,,तभी डॅड और माँ ने मुझे
गले लगा लिया,,,,




ठीक है बेटा आज के बाद कोई नाम नही लेगा सीमा का,,,,अब खुश,,,,




मैं खुश नही था,,,,आख़िर सीमा मेरी माँ थी ,,ये बात और है कि उसकी मजबूरी थी जो
वो मुझे और सोनिया को अपने साथ नही रख सकती थी,,,लेकिन उसके बारे मे बात करके मैं
अपने माँ पापा को उदास नही कर सकता था,,,,,



तभी मेरी नज़र गयी सोनिया की तरफ़ उसकी आँखें थोड़ी नम हो गयी थी सीमा का नाम सुनके




लेकिन फिर शोभा की शादी की बातें शुरू हो गयी और शोभा शरमाने लगी तो कविता के साथ
मिलकर सोनिया उसको तंग करने लगी,,,,,,ऐसे ही हँसी मज़ाक करते हुए थोड़ा टाइम बीत गया
फिर हम लोग सोने की तैयारी करने लगे,,,,,



मैने देखा कि वहाँ 4 रूम थे,,,एक रूम मे अशोक और सरिता चले गये,,,एक मे भुआ,,और
एक मे शोभा कविता और सोनिया,,,,बाकी बचा एक रूम जिसमे मैं चला गया,,,,मैने आज नोट
किया कि आज माँ भुआ और शोभा मे से कोई मेरी तरफ ज़्यादा देख नही रहा था,,शायद सोनिया
साथ आई थी और कविता भी इसलिए सब नौरमल था,,,,,मैं भी कुछ करने के मूड मे नही
था क्यूकी सोनिया और कविता की वजह से मेरा दिल ही नही कर रहा था कुछ ग़लत सोचने को
या कुछ ग़लत करने को माँ भुआ और शोभा के साथ,,,,,



रात आराम से सोया मैं और सुबह नाश्ता करके हम लोग वहाँ से चल पड़े,,,जब घर वापिस
पहुँचे तो कॉलेज का टाइम निकल चुका था,,,इसलिए कविता और सोनिया भी कॉलेज नही गयी
और मैं भी टीवी देखने लगा,,,,,



कुछ टाइम बाद कविता और सोनिया उपर के फ्लोर की सफाई करने लगी और मुझे भी साथ हेल्प
करने को बोला और मैं भी चलने लगा उनकी हेल्प करने तभी मेरे फोन की रिंग बजी मैने
देखा कि मधु का मेसेज ,,उसने कोई अड्रेस लिखकर भेजा था और लिखा था 2 बजे मिलने
को,,,,मैने टाइम देखा तो 11 बज रहे थे और पता था काफ़ी दूर का,,,,ये पता उसी जगह
के आस पास का था जहाँ पायल भाभी का फार्म हाउस था,,,,जहाँ मैं सोनिया और कविता को
पार्टी पर लेके गया था,,,,




क्या हुआ सन्नी किसका फोन है,,,,कविता ने पूछा,,,,




कुछ नही कविता,,कोई ज़रूरी काम आन पड़ा है तुम लोग सफाई करो मैं चला,,,शाम को
वापिस आउन्गा मैं,,,इतना बोलकर मैने रूम मे जाके कपड़े चेंज किए और पेन ड्राइव मे वो
वीडियोस भी डाल ली और चल पड़ा मधु के घर की तरफ,,,,,





1 बजे के करीब मैं उसके घर पहुँच गया,,,ये घर नही फार्म हाउस था और पायल के 
फार्महाउस से कोई 4-5 किलोमीटर आगे थे ये फार्म हाउस,,,,मैने गेट पर जाके हॉरेन बजाया और
गेट खुल गया मैं कार को फार्म हाउस के अंदर ले गया,,,,फिर कार से निकल कर दरवाजे के
पास चला गया, 

दरवाजे पर नॉक करने ही वाला था कि दरवाजा खुला और सामने जो खड़ा था उसको देखकर
मैं दंग रह गया,,,,,,

सामने खड़ी हुई थी मधु,,,,,जिसने एक ब्लॅक कलर की शॉर्ट स्कर्ट जो उसके घुटनो से काफ़ी
उपर थी और साथ मे था वाइट कलर का टॉप जो उसकी नाभि से 3-4 इंच उपर था या आप कह
सकते हो वो टॉप उसके बूब्स से बस थोड़ा सा नीचे था,,,उसने अभी लिप्स पर गहरे लाल रंग
की लिपस्टिक लगाई हुई थी,,,,उसके बूब्स ज़्यादा बड़े नही थे लेकिन छोटे भी नही थे,
रंग एक दम गोरा था,,,मैने उसको देखा तो देखता ही रह गया ,,,,मेरी नज़र उसके जिस्म को
उपर से नीचे तक देखती जा रही थी,,मैं उसके एक एक अंग का मुआयना कर रहा था ये बात
उसको भी पता थी,,,,लेकिन फिर भी मैं उसको उपर से नीचे तक देखता जा रहा था बार
बार,,,,,,


तभी वो बोली,,,,बाहर ही खड़े रहोगे या अंदर भी आओगे सन्नी,,,,



मैं उसकी बात से नींद से जाग गया और उसके कहने पर अंदर चला गया,,,,मैं दरवाजे से
निकल कर अंदर चला गया जबकि वो दरवाजा बंद कर रही थी ,,,,मैं अंदर जाके भी उसकी
तरफ पलट गया और दरवाजा बंद करते हुए उसकी नंगी पीठ और नंगी टाँगों को देखने लगा
लेकिन खास कर मेरा ध्यान था उसकी गान्ड पर जो टाइट स्कर्ट मे काफ़ी मस्त लग रही थी,,,



उसने पलट कर मुझे उसकी गान्ड देखते हुए पकड़ लिया और मुस्कुराने लगी,,,,



ऐसे क्या देख रहे हो सन्नी,,,,पहले किसी को स्कर्ट और टॉप मे नही देखा क्या,,,




देखा है मधु मेडम,,,,लेकिन आपके जितनी खूबसूरत कोई नही देखी स्कर्ट टॉप मे,,लेकिन
सबसे बड़ी हैरानी तो इस बात की है कि मैं तो आप को पहचान ही नही सका,,,ऑफीस मे
आपको साड़ी मे देखा था तब आप बिल्कुल सिंपल लग रही थी और यहाँ आके आपको इन कपड़ो मे
देखा तो यकीन नही हुआ,,,,,,




वो पार्टी ऑफीस है सन्नी,,,वहाँ बैठकर लोगो की मुश्किले सुनती हूँ इसलिए सिंपल बनके
रहती हूँ वहाँ ज़रा सोचो अगर टॉप स्कर्ट मे बैठ गयी तो उन लोगो की मुस्किल क्या सुन-नी 
मैं तो खुद मुश्किल मे फँस जाउन्गी,,,,वहाँ साड़ी मे ही बैठना पड़ता है,.,,,और वैसे
भी वो मेरी जॉब लाइफ है और ये पार्सनल लाइफ है,,,,,ज़रूरी नही मैं ऑफीस मे जैसे रहती
हूँ वैसे ही घर पर रहूं,,,,



ये बात तो सही है मेडम,,,,लेकिन फिर भी आपको देख कर कुछ पल के लिए हैरान हो गया
था मैं,,,,,,



समझ सकती हूँ मैं सन्नी,,,,,तुम मुझे देखकर हैरत मे पड़ गये थे चलो अब जो तुम
लेके आए हो वो मुझे दिखाओ और मुझे हैरात मे डालो,,,,,इतना बोलकर वो हँसने लगी


मैं कुछ समझा नही मधु मेडम,,,,,,



अरे बाबा जो सबूत लेके आए हो दिखाओ मुझे,,,,लेके भी आए हो या नही,,,,,



जी जी लेके आया हूँ,,,,,तभी मैने पॉकेट से पेनड्राइव निकाली और उसको दिखने लगा,,,



वो जल्दी से अपने रूम मे गयी और लॅपटॉप लेके आई और सोफे पर बैठ गयी और मुझे भी अपने
साथ बैठने को बोला,,,,,



मैं उसके साथ सोफे पर बैठ गया ,,उसने लॅपटॉप सामने टेबल पर रख दिया और ऑन कर दिया
,,मैने भी पेनड्राइव लगा दी और वीडियो प्ले करदी,,,,
 
पहले मैने वो वीडियो प्ले की जिसमे अमित,,सुरेश और उसके दोस्त एक लड़की के साथ ज़बरदस्ती
कर रहे थे ,,उसने कुछ देर वीडियो देखी और हैरान हो गयी फिर बोली,,,,,,,बंद करो इसको
सन्नी मुझसे नही देखा जाता ये सब,,,,,वो थोड़ी उदास हो गयी थी,,,,,और गुस्से मे भी आ
गयी थी



तभी मैने दूसरी वीडियो प्ले की जो मुझे कविता ने दी थी जिसमे सुरेश और अमित अपने जुर्म
क़बूल कर रहे थे,,,,,,वो बड़ा ध्यान लगा कर वो वीडियो देखने लगी और उन लोगो की बातें
सुन-ने लगी,,,,,,,जब वीडियो ख़तम हुई तो वो गुस्से से बोली,,,,,




इन लोगो को मैं नही छोड़ने वाली,,,,,जैसा बाप वैसा बेटा,,,,,इन लोगो को फाँसी की सज़ा
दिलवाउंगी मैं सन्नी,.,,,,,और इनके बाप की तो ऐसी हालत करूँगी कि रास्ते पर भीख माँगने
पर मजबूर हो जाएँगे वो लोग,,,,,,



इतना बोलकर मधु ने अपना फोन लिया और किसी को कॉल करने लगी,,,,,,मैं ज़्यादा तो नही 
सुन सका लेकिन इतना पता चल गया कि वो मंत्री जी से बात कर रही थी,,,,,,कुछ देर बात
करने के बाद वो मेरे पास आ गयी,,,,,,,




मेरी मंत्री जी से बात हो गयी है सन्नी,,,,,वो सारा इंतेज़ाम कर देंगे,,मैने उनको सब
बता दिया और ये भी बता दिया कि मैने वो वीडियोस देख ली है,,,,उन्होने भी किसी जज का
बंदोबस्त कर लिया है जो इस केस की सुनवाई करेगा,,,,,,



मैने जब जज का नाम सुना तो खुश हो गया क्यूकी ये जज बहुत अच्छा आदमी था कभी कोई
ग़लत फेंसला नही सुनाया था कभी,,,इसकी फेंसले को तो सुप्रीम कोर्ट और हाइ कोर्ट भी मना
नही कर सकती थी,,,,,



अब बस सन्नी तुमको और ख़ान को अपना काम करना है और सेठी के बेटे और उसके दोस्तो को कोर्ट
रूम तक लेके आना है,,,बाकी आगे का काम हम लोग संभाल लेंगे,,,,,अब उन लोगो को कोर्ट
रूम तक कैसे लेके आना है ये तुम जानते हो या ख़ान जानता है,,,



जी मैं समझ गया ,,,,हम लोग जल्दी ही अपना काम शुरू कर देते है उन लोगो को कोर्टरूम
तक लेके आने का,,



अच्छा मधु मेडम अब मैं चलता हूँ ,,,मैने लॅपटॉप से पेनड्राइव निकाली और पॉकेट मे डाल
ली क्यूकी मैं पेनड्राइव मधु को नही दे सकता था,,,,जो भी था ये मेरी हेल्प कर रही थी
लेकिन फिर भी मैं इसका यकीन नही कर सकता था,,,



मेरी इस हरकत से वो थोड़ी खुश हो गयी,,,,,,अरे अरे इतनी भी क्या जल्दी है बैठो कुछ
देर,,,,और वैसे भी तुमने मुझे मेरा इनाम नही दिया अभी तक तुम्हारी हेल्प करने का,,,


इनाम कैसा इनाम,,,,,मैं कुछ समझा नही मधु मेडम,,,,,



मैं तुम्हारी हेल्प करूँगी तो मुझे भी इनाम मिलना चाहिए ना बदले मे,,,,अब तुम अमित को
सज़ा दिलवा दोगे तो तुम्हारा फ़ायदा होगा लेकिन इस सब मे मेरा फ़ायदा कहाँ होगा,,,,


आपका भी तो फ़ायदा है ना इसमे मधु मेडम,,,,,सेठी की कुर्सी गयी तो नेक्स्ट एलेक्षन मे आपकी
पार्टी जीत जाएगी वैसे भी एलेक्षन नज़दीक है,,,,आपके मंत्री जी को कुर्सी मिल जाएगी तो
आपको भी फ़ायदा होगा ना,,,,,



वो तो पार्टी का फ़ायदा होगा सन्नी इसमे मेरा क्या फ़ायदा,,,,मुझे तो कुछ और ही फ़ायदा करना है
उसने इतना बोला और हँसने लगी,,,,,



मैं कुछ नही समझ आ रहा आप क्या बोल रही हो मधु मेडम,,,,



अरे बुद्धू मुझे वो फ़ायदा चाहिए जो फ़ायदा तूने पायल को बार के मेन'स टाय्लेट मे दिया था
और उसके बाद उसके फार्महाउस पर,,,,,



मधु के मुँह से पायल का नाम सुनके मैं थोड़ा हैरान हो गया,,,,आप कैसे जानती हो पायल
भाभी को,,,,,




मैं पायल को अच्छी तरह जानती हूँ ,,,हम दोनो कॉलेज की फ्रेंड है,,,,जब मैने उसको
ख़ान के फोन के बारे मे बताया तो उसने भी मुझे ख़ान की हेल्प करने को बोला लेकिन जैसे
ही मैने तुम्हारा नाम लिया वो खुश हो गयी,,,,फिर उसने मुझे सब कुछ बता दिया,,कैसे
तुम उसके फूफा जी की बेटी रितिका की शादी करवाई अपने दोस्त करण के साथ और कैसे तुमने
उसको खुश किया मेन,स टाय्लेट मे और फिर उसके फार्म हाउस पर,,,,अब मुझे भी वही सब
चाहिए जो तुमने पायल को दिया है,,,,,तभी मेरा कुछ फ़ायदा होगा तुम्हारी हेल्प करने का




लेकिन मैं वो,,,,मैं,,,,,मैने अभी बोलना ही शुरू किया कि उसने अपने टॉप को एक ही झटके
मे अपने जिस्म से अलग कर दिया,,,,,मैं तो देखकर हैरान रह गया,,,उसने नीचे ब्रा नही
पहनी हुई थी लेकिन फिर भी उसके बूब्स एक दम टाइट थे और ज़रा भी धल्के नही थे



मुझे अपने बूब्स की तरफ घूरते देख वो बोली,,,,,,,,,,अब दूर से देखते ही रहोगे या
कुछ करोगे भी,,,,,,मैं कुछ नही बोला बस उसके बूब्स को देखता गया उसने जल्दी से मेरा
हाथ पकड़ा और मुझे सोफे पर खींच लिया और मेरे बैठते ही उसने जल्दी से मेरी पेंट की
ज़िप खोल दी और खुद को घुटनो के बल सोफे पर बिठा कर अपने सर को मेरे लंड के उपर कर
लिया,,,,मेरा लंड जो अभी आधा खड़ा हो गया था उसके बूब्स देख कर वो एक ही पल मे उसके
हाथ के टच से झटके मारने लगा,,,,,



ओह्ह्ह माइयैयीई गूवूऊवाय्ड्ड्ड,,,,,,,,पायल ठीक कहती थी,,,तेरा मूसल इंसान का नही किसी 
घोड़े या गधे का लगता है,,,,,आज तो मेरी चाँदी हो गयी,,,आज तक कभी इतना बड़ा मूसल
नही देखा रियल मे,,,,,इतना बोलकर उसने एक ही बार मे मेरे 3 इंच लंड को मुँह मे भर लिया
मैं इस सब क लिए तैयार नही था,,,,उसने सब कुछ बड़ी जल्दी जल्दी किया था लेकिन अब जब
मेरा लंड उसके मुँह मे चला गया और उसने अपने सर को उपर नीचे करके मेरे लंड को चूसना
शुरू कर दिया तो मेरे से भी रहा नही गया,,,,मेरा हाथ भी उसकी पीठ पर चला गया और
मैने उसकी पीठ को सहलाना शुरू कर दिया,,,लेकिन तभी उसने मेरा हाथ पकड़ा और अपनी
चूत के करीब कर दिया,,,,मैने भी अपने हाथ से उसकी चूत को सहलाना शुरू कर दिया



उसकी चूत अब तक बहुत गीली हो चुकी थी और मेरा हाथ उसकी चूत के पानी से भीगने लगा
था ,,,मैने अपने हाथ की उंगलियों को उसके चूत के पानी से लपलप भीगो लिया और जल्दी
से 2 उंगलियाँ उसकी चूत मे घुसा दी और हल्के हल्के उसकी चूत को चोदने लगा,,,,



वो सोफे पर घुटनो के बल झुक कर अपने गान्ड को हवा मे उठा कर अपने सर को मेरे लंड 
पर झुका कर मेरे लंड को चूस रही थी और मेरा हाथ उसकी चूत पर था और मैं उसकी 
चूत को अपनी 2 उंगलियों से चोद रहा था,,,,,उसको लंड चूसने का बहुत तजुर्बा था क्यूकी
वो मेरे आधे से भी ज़्यादा लंड को मुँह मे लेके चूस रही थी,,,,उसके मुँह से थूक निकल
कर मेरे लंड से बहता हुआ मेरी पेंट पर गिरने लगा इस से पहले पेंट गीली होती मैने 
अपने एक हाथ से पेंट का बटन खोल दिया और अपनी गान्ड को सोफे से उठाकर पेंट को नीचे 
करके अपने घुटनो के करीब कर दिया,,,,उसने भी मेरा साथ दिया और मेरी पेंट को नीचे कर
दिया जिस से मेरी पेंट मेरे पैरो के पास ज़मीन पर इकट्ठा हो गयी,,,,मैने अपने पैर हिला
हिला कर अपने जूते निकाल दिए जिस से मेरी पेंट भी निकल गयी और मेरा नीचे का जिस्म नंगा 
हो गया,,,,,,



काफ़ी टाइम वो मेरे लंड को चुस्ती रही और मैं उसकी चूत मे उंगली करता रहा,,,फिर वो उठी
और अपनी चूत को मेरे पास करके चेहरे दूसरी तरफ कर लिया,,,मैने भी कोई देर नही की
और जल्दी से सोफे से उठकर ज़मीन पर खड़ा हो गया और अपने लंड को पकड़ कर उसकी चूत
पर रखा और एक ही झटके मे अपना पूरा लंड घुसा दिया उसकी चूत मे,,,,अहह हयी
रीई कित्न्नाअ बाद्दा हाई तीराअ सिईध्हा बच्चेदानी फिर चोत्त कार्रत्ता हाईईईईई



मेरा लंड उसकी चूत मे एक ही बार मे पूरा घुस गया था,,,काफ़ी खुली चूत थी उसकी,लगता
है काफ़ी लंड लेती होगी,,,,,,
 
मैने उसको उसकी कमर से पकड़ा और झटके लगाने शुरू कर दिए,,,वो बिना किसी परेशानी के
मेरा पूरा लंड ले रही थी अपनी चूत मे,,,,एक बार भी चीखी या चिल्लाई नही थी,आज
तक कभी ऐसा नही हुआ था कि किसी चूत मे मेरा लंड गया हो और उसी चीख ना निकली
हो,,,,,तभी मेरी नज़र पड़ी उसकी गान्ड पर जो मस्ती मे खुलती बंद होती जा रही थी,मैने'
अपने हाथ की 2 उंगलियों उसकी गान्ड मे घुसा दी लेकिन उसकी गान्ड काफ़ी खुली हुई थी,,,मैने
तीसरी उंगली भी घुसा दी तब भी जगह बाकी थी उसकी गान्ड मे,,,मेरे से अब रहा नही गया
और मैने अपने लंड को उसकी चूत से निकाल लिया,,,जैसे ही मेरा लंड उसकी चूत से निकला उसने
भी जल्दी से पीछे मूड कर मुझे देखा और मेरा लंड हाथ मे पकड़ लिया और अपनी गान्ड पर टिका
दिया,,,,,मैं उसकी इस हरकत से खुश हो गया क्यूकी मैं भी उसकी गान्ड मारना चाहता था और
वो भी यही चाहती थी,,,,उसको भी गान्ड मरवाने की जल्दी थी,,,,



उसने लंड को गान्ड के होल पर रखा और मैने भी जल्दी से झटका लगा दिया ,,लंड एक बार
मे आधा अंदर चला गया,,,मैने लंड को पीछे किया और तेज़ी से झटका मारा तो लंड पूरा 
अंदर तक घुस गया,,,,,,अहह आअज्जजज्ज आय्यामाजज़जा गान्ड्द्द मररव्ान्नी काा
ठीक्क क़हहट्ती टहीी पाय्याल्ल गान्ड्द मी तररा मूसाल्ल लीक्की भ्हुत्त माज्जा आत्ता
हाईईईई,,,,अहह एब्ब टीज्जिई सीए छ्छूड्द मेररीि गाणन्दड़ कूओ सुउन्नयी रुउउक्कणना
नाहि अग्गार्र मीर्रा प्पान्नीी बहिि नीककल्ल ग्यया तू बहीी नाहहिईिइ रुउक्कणना,,,



मैने उसकी बात सुनी और तेज़ी से उसकी गान्ड मारने लगा,,,उसकी गान्ड भी काफ़ी खुली हुई थी
लेकिन एक अलग ही मज़ा आ रहा था उसकी खुली गान्ड मारने का,,,,मैं पूरी तेज़ी से उसकी 
गान्ड मार रहा था और वो खुध अपनी चोट को सहला रही थी,,,,मैने भी आगे बड़के उसकी पेत
पर झुक कर अपने हाथ उसके बूब्स पर रख दिए और ज़ोर ज़ोर से बूब्स को दबाने लगा,,,उसके
बूब्स काफ़ी हार्ड थे,,,मैं ज़ोर ज़ोर से उनको मसलता हुआ उसकी गान्ड मार रहा था और वो खुद
अपनी चूत पर उंगली कर रही थी,,,,करीब 5-8 मिनिट बाद वो तेज़ी से चीखने लगी और
उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया,,,उसकी चूत से निकला हुआ पानी मेरी टाँगों पर भी गिरने
लगा और वहाँ से होता हुआ ज़मीन पर गिरने लगा,,,,,



उसका पानी निकल गया लेकिन मैं फिर भी नही रुका और उसकी गान्ड मारता रहा,,,क्यूकी उसने
खुद कहा था कि पानी निकलने पर भी नही रुकना,,,वैसे भी मेरा पानी नही निकला था अभी
तक और मुझे उसकी गान्ड मार कर बहुत मज़ा आ रहा था,,,,,मैं तेज़ी से उसकी गान्ड मारता रहा
और करीब 8-10 मिनिट बाद मैं भी झड़ने वाला हो गया इसलिए मैने भी आहें भरना शुरू
कर दिया वो समझ गयी मैं झड़ने वाला हूँ उसने पीछे मूड कर मेरी कमर पर हाथ मारा और
बता दिया कि उसका अभी नही हुआ इसलिए मैने स्पीड स्लो करदी और पानी के निकलने पर थोड़ा
कंट्रोल करने लगा,,,,उसने जल्दी से अपने हाथ से अपनी चूत को सहलाना शुरू कर दिया वो
भी तेज़ी से,,,मैं समझ गया ये मेरे साथ झड़ना चाहती है इसलिए जैसे ही कुछ देर बाद
उसकी आवाज़ तेज हुई मैं समझ गया ये झड़ने वाली है तो मैने फिर से अपनी स्पीड तेज करदी
और कोई 2-3 मिनिट बाद तेज़ी से आहे भरते हुए मैने उसकी गान्ड मे अपना पानी निकाल दिया
और उसकी चूत ने भी पानी का फव्वारा चला दिया.,,,,,



मैं सोफे पर गिर गया और वो भी सोफे पर एक तरफ गिर गयी,,,,,,,




कुछ देर बाद जब थोड़ा आराम मिला उसको वो बोल पड़ी,,,,,,,बड़ा मज़ा देता है तेरा ये मूसल
सन्नी,,,,पायल ने सच ही बोला था,,,,,वो तेरी गुलाम हो गयी थी तेरे से चुदने के बाद



तो क्या आप मेरी गुलाम नही हुई मधु मेडम,,,,,क्या आपको मेरा मूसल अच्छा नही लगा,,,



अच्छा लगा सन्नी,,बहुत अच्छा लगा,,,,लेकिन तूने तो देख ही लिया होगा कि मेरी चूत और मेरी 
गान्ड बहुत खुली हुई है,,,मेरे पति का लंड वैसे तो 6 इंच का है लेकिन मोटा इतना है 
है जितना तुम्हारा है,,,,,,वो चुदाई भी खूब जमके करता है,,,,तुम कहीं ये मत सोचना
मेरी खुली चूत और गान्ड देख कर कि मैं कोई रंडी हूँ,,,मैने आज तक सिर्फ़ 3 लंड ही 
लिए है,,,,,2 कॉलेज टाइम अपने बाय्फ्रेंड के और शादी के बाद अपने पति का,,,,शादी के बाद
तुम पहले मर्द हो जिसका लंड लिया है मैने,,,वैसे भी कभी ज़रूरत ही नही पड़ी अपने
पति को छोड़ कर किसी और से चुदवाने की क्यूकी मेरा पति काफ़ी मस्त चुदाई करता है लेकिन
जब पायल से पता चला कि तुम्हारा लंड बहुत बड़ा है तो मैं खुद को रोक नही पाई इसलिए
तो तुमको यहाँ फार्महाउस पर बुलाया ताकि देख सकूँ जो पायल कहती थी तुम्हारे बारे मे वो
कितना सच है,,,,,,



तो बोलो मधु मेडम कितना सच है,,,,,



बहुत बड़ा सच है सन्नी,,,,घोड़े के मूसल जीतन बड़ा सच,,,,मधु ने इतना बोला और हँसने
लगी,,,,,,फिर हम कुछ देर ऐसे ही बैठे रहे और बातें करते रहे साथ साथ हल्की हल्की
किस करते रहे,,,,



मैं उसके घर से करीब 7 बजे निकला और घर की तरफ चल पड़ा,,,,,इस दौरान मैने उसकी
3 बार चुदाई की थी,,,,,,




उसके घर से निकलकर अपने घर की तरफ ही जा रहा था तभी ख़ान भाई का फोन आया और 
मैं उनको मिलने चला गया,,,,
मधु के घर से निकल कर मैं ख़ान भाई को मिलने चला गया,,,,,




ख़ान भाई ने मुझे पिज़्ज़ा शॉप पर मिलने बुलाया था,,,,,,ख़ान भाई से मैने वो सारी बात
करली जो अभी मधु के घर करके आया था,,,,,हम लोगो का प्लान कल सुमित को बाहर लेके आने
का था,,,,,,,हम लोगो ने प्लान के बारे मे सारी बात की और फिर मैं वहाँ से चल पड़ा अपने
घर की तरफ,,,,,,जाते टाइम मैं 2 लार्ज पिज़्ज़ा ले गया कविता और सोनिया के लिए क्यूकी उन दोनो
को पिज़्ज़ा बहुत पसंद था,,,,,,



घर पहुँच कर मैने कार अंदर की और पिज़्ज़ा हाथ मे लेके दरवाजे पर गया और बेल बजा दी
लेकिन 2 मिनिट तक किसी ने दरवाजा नही खोला ,,,,मैने फिर बेल बजाई तो दरवाजा नही
खुला,,,मुझे कुछ टेन्षन होने लगी,,मैने जल्दी से अपनी पॉकेट से घर की चाबी निकाली
और दरवाजा खोलकर अंदर गया तो देखा टीवी चल रहा था ,, कविता बड़े सोफे पर गिरी हुई
थी और बेसूध थी जबकि सोनिया छोटे सोफे पर बैठी बैठी सो रही थी,,,उसकी टाँगे 
सामने पड़े हुए टेबल पर रखी हुई थी,,,,,मैने पिज़्ज़ा बॉक्स को ज़ोर से टेबल पर गिरा दिया
जिस से शोर हुआ और दोनो एक दम से जाग गयी,,,,,,




घोड़े बेच कर सो रही हो क्या तुम दोनो,,,,कब्से बेल बजा रहा था सुनाई नही दिया क्या




तभी दोनो उठकर अपनी आँखें मलने लगी,,,,,सोनिया की आँखें खुली और उसका ध्यान टेबल
पर पड़े हुए पिज़्ज़ा पर गया तो वो जल्दी उठकर मेरे गले लग गयी,,,,,




ओह थॅंक यू थॅंक यू थॅंक यू सन्नी तू पिज़्ज़ा ले आया हमे बहुत भूक लगी थी ,,,,वो पिज़्ज़ा 
देखकर इतनी खुश थी कि भूल गयी थी कि वो मेरे गले लगी हुई है,,लेकिन जैसे ही उसको
अपनी ग़लती का एहसास हुआ वो जल्दी से पीछे हटके सोफे पर बैठ गयी,,,,,मैने हँसके उसकी
तरफ देखा तो उसने अपना ध्यान टीवी की तरफ कर लिया,,,,




ओह्ह्ह थॅंक्स्क्स्क्स सन्नी तू पिज़्ज़ा ले आया,,,,हम दोनो घर की सफाई करके इतना थक गयी थी कि
खाना बनाने की हिम्मत ही नही थी हम दोनो मे,,,,कब्से तेरा फोन ट्राइ कर रही थी हम
ताकि तुझे बोल दे कि बाहर से कुछ खाने को ले आना ,,,,,लेकिन तूने फोन उठाया ही नही




तभी मैने पॉकेट से फोन निकाला तो देखा 12 मिस कॉल थी ,,,,,,मैने ख़ान भाई से 
बात करते टाइम फोन की आवाज़ बंद करदी थी,,,,,




चलो अब तो पिज़्ज़ा आ गया है,,,,अब तो खाना शुरू करो,,,,,,मैने इतना बोला और पिज़्ज़ा
का बॉक्स खोल दिया,,,,



तुम शुरू करो मैं कोल्ड ड्रिंक्स लेके आती हूँ,,,,कविता ने इतना बोला और चलके किचन मे
चली गयी,,,,,मेरा दिल नही था कोल्ड ड्रिंक पीने का मैं बहुत थका हुआ था इसलिए कॉफी
पीने का दिल था मेरा,,,ये बोलने के लिए मैं किचन मे कविता के पास चला गया,,,




मैने कविता को पीछे से जाके पकड़ लिया,,,,,अरे छोड़ मुझे सोनिया आ जाएगी,,,,,




नही आएगी वो पिज़्ज़ा खाने मे बिज़ी हो गयी है,,,,,,




अछा तुम क्यूँ आए हो यहाँ,,,,बोलो,,,,,



मुझे कोल्ड ड्रिंक नही पीनी कॉफी पीनी है,,,,बहुत थक गया हूँ ना,,




थक तो मैं भी बहुत गयी हूँ आज ,,,,उपर वाला फ्लोर सॉफ करते करते,,,,,सारा बदन 
दर्द कर रहा है,,,,,



अच्छा बोलो तो बदन दबा दूं,,,,मैने इतना बोला और उसके शोल्डर्स को हल्के से दबाने लगा
,,एक तो दर्द की वजह से और दूसरा मस्ती की वजह से उसके मुँह से अह्ह्ह्ह आह की आवाज़ निकलने
लगी,,,,मैने उसको पलट कर अपनी तरफ मोड़ दिया और उसको किस करने लगा उसने भी किस
का रेस्पॉन्स देने मे ज़्यादा देर नही की,,,,,हम दोनो किचन मे खड़े होके किस कर रहे थे
तभी सोनिया किचन मे आ गयी,,,,



ये किचन है बेडरूम नही ये सब हरकते करनी है तो बेडरूम मे चले जाओ,,,,सोनिया
ने इतना बोला और पलटी लेके बाहर चली गयी,,,,,,



देखा मरवा दिया ना तूने सन्नी,,,,,अब फिर उसकी बातें सुन-नी पड़ेगी मुझे,,तू समझता
क्यूँ नही,,,,जब देखो मस्ती करता रहता है,,,,,चल बाहर जा मैं कॉफी लेके आती हूँ
 
मैं उदास होके किचन से बाहर आ गया और सोफे पर बैठकर पिज़्ज़ा खाने लगा,,मैने सोनिया
की तरफ ध्यान नही किया और टीवी देखने लगा लेकिन जब भी मेरा ध्यान उसकी तरफ जाता वो
हँसने लगती और हंस कर टीवी देखने लग जाती,,,



कुछ देर मे कविता कॉफी ले आई ,,,हम लोगो ने ज़्यादा बात नही की और पिज़्ज़ा खाने लगे,,



पिज़्ज़ा ख़ाके सोनिया और कविता अपने रूम मे चली गयी और मैं भुआ के रूम मे जाके सो गया
मेरा दिल तो कर रहा था कविता के साथ मस्ती करने को लेकिन वो बहुत ज़्यादा थक गयी थी 
और मैं भी थक गया था आज मधु की चुदाई करके इसलिए सो गया,,,,,




सुबह उठा और फ्रेश होके नीचे आ गया ,,,वो दोनो नाश्ता कर रही थी,,,,



चल जल्दी नाश्ता कर सन्नी कॉलेज के लिए लेट हो गये है हम लोग,,,,तभी मैं बोल 
पड़ा,,,,,



आज तुम दोनो कॉलेज नही जाओगी,,,,,,



मेरी बात सुनके सोनिया बोल पड़ी,,,,क्यूँ नही जाएँगी हम कॉलेज,,कल भी नही गयी हम लोग
और आज भी तू मना कर रहा है,,,,,नही मुझे आज कॉलेज जाना है,,,तुम चाहो तो कविता
को रोक लो लेकिन मैं नही रुकने वाली,,,,,



तभी मैं थोड़ा गुस्से मे बोला,,,,,मैने कहा ना तुम दोनो आज कॉलेज नही जाओगी,,,,मैं
गुस्से मे बोला तो सोनिया और कविता डर गयी,,,,,



लेकिन सन्नी,,,कविता अभी बोलने ही लगी कि मैने उसको चुप करवा दिया,,,,,



सौरी कविता,,अभी कुछ मत बोलो,,,,,मैं जब घर आउन्गा तो बता दूँगा कि तुम लोगो को आज
कॉलेज जाने से क्यूँ रोका मैने,,,लेकिन अभी कुछ मत बोलना प्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़



कविता चुप हो गयी और सोनिया नाश्ता बीच मे छोड़ कर उपर अपने रूम की तरफ भाग गयी



कविता भी उसके पीछे जाने लगी,,,,,,रूको कविता,,दरवाजा लॉक कर्लो मैं कॉलेज जा रहा
हूँ और जब तक मैं नही आता दरवाजा मत खोलना और बाहर भी मत जाना,,,,मैने इतना बोला
और वहाँ से चला गया,,,,



आज सुमित को बाहर लाने का प्लान था मेरा और ख़ान भाई का इसलिए मैने सोनिया और कविता को
कॉलेज जाने से रोका क्यूकी हमने सुमित को कॉलेज लेके आना था और वहाँ कोई भी पंगा हो
सकता था,,,,



मैं कॉलेज जाके कॅंटीन मे बैठ गया,,,और तभी सुमित का फोन आया,,,,,


हेलो सन्नी भाई मैं सुमित बोल रहा हूँ ,,,,,,कहाँ हो तुम,,,,


आबे तुझे बाहर निकाल दिया उन लोगो ने,,,,,


हां भाई आज ही निकाला अभी कुछ देर पहले,,,,आप कहाँ हो सन्नी भाई,,,,


मैं कॉलेज मे हूँ सुमित,,,,तू भी आजा यहाँ,,,,,


नही नही भाई वहाँ तो अमित होगा उसने मुझे देख लिया तो मार डालेगा मुझे,,,


अबे तू डरता क्यूँ है मैं हूँ ना,,,,और वैसे भी कॉलेज अभी अभी शुरू हुए है अभी
इतनी जल्दी नही आने वाले वो लोग कॉलेज ,,,,वो तो 10-15 दिन बाद आएँगे कॉलेज,,,चल
आजा मैं तेरा वेट कर रहा हूँ,,,,
 
तभी मैने कॅंटीन वाले को अपने पास बुलाया ,,,,



मेरा एक काम करेगा,,,,



जी भाई एक क्या मैं 2 काम करूँगा,,,,,



अच्छा तो ऐसा कर सुरेश और अमित के पास जा और उनको बोल कि आज सुमित कॉलेज आने वाला है
अगर पूछे कि तुझे कैसे पता चला तो बोलना तूने किसी को फोन पर बात करते सुना है



लेकिन भाई आपको कैसे पता कि वो आज कॉलेज आने वाला है,,,,



तभी मैने उसको आँख मार दी और वो समझ गया और चला गया अमित के पास उसको बताने की आज
सुमित कॉलेज आने वाला है,,,,,,



कुछ देर बाद कॅंटीन वाला वापिस आ गया और आते ही 500000 रुपय टेबल पर मेरे सामने रख
दिए,,,,,



अबे ये क्या है,,,,,,मैने हैरान होके पूछा,,,,,



भाई सुमित की बात बताने पर अमित ने अपनी कॅंटीन का बिल पे कर दिया और बोला बाकी के
ज़मा करले अकाउंट मे,,,,ये पैसे आप रखलो वैसे भी मैने आपसे पैसे उधार लिए हुए 
है,,,,,



वो तूने तब लिए थे जब तुझे ज़रूरत थी,,,अब जब मुझे ज़रूरत हुई मैं खुद माँग
लूँगा तेरे से,,,अभी ये पैसे अपने पास रख तू,,,,




लेकिन भाई,,,,,वो कुछ बोलने ही लगा तो मैं बोल पड़ा,,,,अब अगर ज़िद्द की तो तेरी कॅंटीन
मे आना बंद कर दूँगा समझा,,,,



उसने हँसके पैसे अपने पास रख लिए,,,,और वहाँ से चला गया


मैं वहाँ बैठकर सुमित का वेट करने लगा,,,


मेरा और ख़ान भाई का प्लान था सुमित को कॉलेज लेके आना ,,फिर अमित ने सुमित को देखना था
तो उनका पंगा शुरू हो जाना था ,,उन लोगो ने सुमित को मारना शुरू कर देना था और तभी
ख़ान भाई ने आके उन सबको गिरफ्तार कर लेना था,,,,,क्यूकी ख़ान भाई अपनी टीम के साथ अभी
इस कॉलेज के बाहर ही घूम रहे थे,,,,,ख़ान भाई के लोगो ने सुमित के बॅग मे वो सीडीज़
भी डाल दी थी जिसमे सारी वीडियोस थी ,,,उस सीडी पर हर जगह सुमित के ही फिंगरप्रिंट्स 
थे,,,जब ख़ान भाई ने सबको गिरफ्तार करना था तो सुमित के बॅग से वो सीडीज़ मिल जानी थी
और अमित और उसके दोस्तो के खिलाफ एफआइआर दर्ज हो जानी थी,,,,हम लोगो का प्लान अमित और उसके दोस्तो
को गिरफ्तार करना था,,,,और फिर कोर्टरूम मे पेश करना था,,,बाकी का काम मधु और उसके
मंत्री जी का था,,,,उन्होने सब तैयारी की हुई थी,,,,ख़ान भाई के वकील ने भी तैयारी की हुई 
थी कि अमित का बाप उसकी जमानत नही करवा सके,,,,



अब बस सब लोगो को सुमित का इंतजार था,,,,और फिर वो घड़ी आ गयी जब सुमित चलता हुआ
कॉलेज गेट से अंदर दाखिल हो रहा था,,,इधर अमित और सुरेश अपने दोस्तो के साथ तैयार
थे सुमित को मारने के लिए,,,,जैसे ही अमित और सुरेश की नज़र पड़ी सुमित पर वो उसकी 
तरफ भागे ,,,सुरेश और बाकी लड़को को अपनी तरफ आता देख सुमित गेट से बाहर रोड की
तरफ भागा ,,,,मैने भी उनके पीछे भागा ,,,तभी मैने देखा कि अमित सुमित के पीछे 
नही बल्कि अपनी कार की तरफ भाग रहा था,,,,और कुछ ही देर मे अमित की कार मेरे करीब
से बड़ी तेज़ी से गुजरती हुई सुमित की तरफ जा रही थी,,,,,सुमित रोड पर भाग रहा था
पीछे से सुरेश और उसके दोस्त,और उनके पीछे था मैं और कुछ और भी लड़के थे जो कॉलेज 
के बाहर आ गये थे ये देखने के लिए की क्या हो रहा है,,,,कॅंटीन वाला भी बाहर आ गया
था,,,,,तभी सब लोग हैरान हो गये,,,अमित अपनी कार को तेज़ी से भगाता हुआ मेरे करीब से
तो निकल गया और फिर सुरेश और अपने दोस्तो के करीब से भी निकल गया,,,,फिर उसने कार को
सुमित के पीछे दौड़ाना शुरू किया और कुछ ही देर मे उसने सुमित को कार से टक्कर मार दी और
सुमित को कुचलता हुआ आगे रोड पर भाग गया कार लेके,,,,



इतने मे लोग ज़मा हो गये सुमित के पास,,,,भीड़ के बीच मे से ख़ान भाई सुमित के पास आए
उन्होने सुमित का हाथ पकड़ कर नब्ज देखी तो पता चला सुमित मर गया था,,,तभी ख़ान 
भाई के इशारे पर एक पोलीस की कार अमित की कार का पीछे करने लगी,,,,उन्होने आगे जाके
अमित को रोक लिया था और उसको गिरफ्तार कर लिया था,,



कुछ लोग सुरेश और दूसरे लड़को की तरफ गये तो उन्होने भी भागने की कोशिश की लेकिन वो
भी पकड़े गये लेकिन सुरेश बचके निकल गया और भाग गया वहाँ से,,,,,बहुत लोगो ने देखा
था अमित की कार को सुमित को टक्कर मारते हुए ,,,कुछ लोग गवाही को भी तैयार हो गये,,उन
लोगो मे वो लड़के भी थे जिनको अमित के बाप ने सुरेश को आंब्युलेन्स मे ना डालने के लिए 
पोलीस के हवाले किया था और पोलीस को उनकी खातिरदारी करने को बोला था लेकिन मैने ख़ान
भाई को बोलके उनको बचा लिया था,,,,अब वो लोग मेरी और ख़ान भाई की वजह से गवाही देने
को तैयार थे बदले मे ख़ान भाई ने उनकी सेफ्टी का वादा किया था उनसे,,,,



कुछ देर मे आंब्युलेन्स आ गयी और सुमित की लाश को ले गयी,,,,अमित भी पकड़ा गया और उसके
कुछ दोस्त भी लेकिन सुरेश बचके भाग गया था,,,,,



माना की अमित की कार को बहुत लोगो ने देखा था,,,कुछ गवाही को भी तैयार हो गये थे लेकिन
हम लोगो को पक्का सबूत चाहिए था,,तभी मेरा ध्यान पड़ा कॉलेज के करीब एक बॅंक एटीएम
पर,,,,जिसके बाहर एक सीसीटीवी कॅमरा लगा हुआ था,,,,मैने ख़ान भाई को इशारा किया तो वो जल्दी
से एटीएम के अंदर गये और वहाँ की वीडियो चेक की तो हम लोगो को वो वीडियो मिल गयी जिसकी हम
लोगो को ज़रूरत थी,,,,,उस वीडियो मे अमित की कार और उसका चेहरा सॉफ नज़र आ रहे थे और
वो सब नजारा वीडियो मे क़ैद हो गया जब अमित ने सुमित को कार से टक्कर मारी थी,,,ये भी एक
पक्का सबूत बन गया था अमित के खिलाफ,,,,



मैं और ख़ान भाई बहुत खुश थे ,,अमित पकड़ा गया था,सुमित के पास से वो बॅग भी पकड़ा 
गया जिसमे सीडीज़ थी,,,,अमित के दोस्त भी पकड़े गये सुरेश को छोड़ कर,,,,हालाकी हम लोगो 
ने कभी सोचा नही था कि सुमित मारा जाएगा लेकिन उसके मरने का अफ़सोस भी नही था 
क्यूकी वो भी कहीं ना कहीं अमित जितना ही क़सूरवार था,,,,,




हम सब लोग बहुत खुश थे और कॉलेज मे भी लोग काफ़ी खुश दिख रहे थे,,,,कॅंटीन 
वाला भी बहुत खुश था,,,और हंसते हुए मुझे देख रहा था,,,वो समझ गया था कि ये सब
मेरी वजह से हुआ है लेकिन वो बोला कुछ नही बस मेरे गले लग्के मुझे शुक्रिया बोला और वापिस
कॅंटीन मे चला गया,,,,



ख़ान भाई भी पोलीस स्टेशन चले गये अब उनको बहुत काम था,,,,मैं भी खुशी खुशी
कॅंटीन मे बैठकर कॉफी पीने लगा,,,,तभी प्रिन्सिपल अपनी कार मे बैठकर कॉलेज से
निकल गया,,ये भी पक्का पोलीस स्टेशन गया होगा,,,,कॉलेज मे सब लोग बहुत खुश थे 
जैसे कि आज कॉलेज मे कोई पार्टी हो,,,,,



अमित का बाप अमित की ज़मानत की कोशिश करेगा लेकिन ख़ान भाई और उनके वकील लोगो ने
सारा इंतेज़ाम पहले ही किया हुआ था,,,अब तो एफआइआर दर्ज करके उसको कोर्ट मे पेश करना था,


कुछ देर कॉलेज मे टाइम बिताकर मैं घर की तरफ चल पड़ा,,,,,घर पहुँचा तो सोनिया
और कविता अभी टीवी देख रही थी,,, मैं भी जाके उनके पास बैठ गया,,
कविता तो ठीक थी लेकिन सोनिया गुस्से मे थी,,,,



तभी कविता बोली,,,,,क्या बात थी तूने आज हमको कॉलेज क्यूँ नही जाने दिया,,,



अरे मैं कॉलेज से आया हूँ ना चाइ ना कॉफी सीधा सवाल करना शुरू ,,,,,



तभी सोनिया बोल पड़ी,,,,,चाइ कॉफी बाद मे जल्दी बता कॉलेज क्यूँ नही जाने दिया मुझे
वो थोड़ी गुस्से मे बोली,,,



तभी मैने उन लोगो को सारी बात बता दी,,,,जो भी आज कॉलेज मे हुआ,,,,



तभी कविता उठी और सोनिया के सामने मेरे गले लग गयी और मुझे गालों पर किस करने लगी



ओह्ह सन्नी तुझे नही पता तूने कितनी अच्छी खबर सुनाई है आज,,,अच्छा हुआ वो कमीना अमित
पकड़ा गया,,,,अब पूरे कलाज को चैन की सांस मिलेगी,,,पूरा कॉलेज बहुत खुश होगा आज



हां हां बहुत खुश थे सब लोग,,,ऐसा लग रहा था आज कॉलेज मे कोई पार्टी हो जैसे,



तभी सोनिया बोल पड़ी,,,,,,,ओह्ह्ह ये सब मिस हो गया,,,,काश हम भी कॉलेज गयी होती,,कितना
अच्छा लगता उस सूअर के बच्चे अमित को गिरफ्तार होते देख कर,,,,,सोनिया खुश होके बोली और
फिर उदास होके मेरी तरफ देखने लगी,,,



क्या हुआ तुझे एक पल खुश हुई और अब उदास क्यूँ हो गयी,,,,,



तूने हम लोगो को कॉलेज क्यूँ नही जाने दिया,,,,तेरी वजह से सब मिस हो गया,,,,सोनिया 
थोड़ा गुस्सा करते हुए बोली,,,,



कविता अभी तक मेरे गले लगी हुई थी,,,तभी मैने सोनिया के सामने कविता को गोद मे बिठा
लिया कविता थोड़ा शर्मा रही थी और दूर जाने की कोशिश कर रही थी लेकिन मैने उसको
पकड़ा हुआ था,,,,,



क्यूकी मैं तुम लोगो को बहुत प्यार करता हूँ ,,,मैं नही चाहता था कॉलेज मे कोई पंगा
हो और तुम लोगो को कोई नुकसान हो इसलिए मैने तुम लोगो को घर पर रहने को बोला था,,




मैने इतना बोला तो कविता ने मुझे एक किस और की गालों पर,,,,हाइ कितना ख्याल है तुझे
हम लोगो का,,,,,फिर वो उठी और सामने वाले सोफे पर जाके सोनिया के पास बैठ गयी,,,,



तभी सोनिया फिर हल्के गुस्से मे,,,अब क्यूँ आ गयी यहाँ मेरे पास,,,,जा जाके बैठ उसकी 
गोद मे,,,,,
 
सोनिया की बात से कविता थोड़ी शरमा गयी और जल्दी से किचन मे चली गयी,,,



शायद मेरे लिए चाइ कॉफी लेने गयी होगी,,,,,



तुझे क्यूँ इतनी जलन होती है कविता को ऐसे मेरे साथ देख कर,,,,मैने सोनिया से पूछा




मुझे क्यूँ जलने होने लगी,,,,बस मुझसे ये सब बेशर्मी देखी नही जाती,,,अगर इतना ही दिल
कर रहा है बेशरम होने का तो जाओ बेडरूम मे चले जाओ,,,यहाँ बाहर बेशर्मी मत 
दिखाओ अपनी,,,,सोनिया ने भी इतना बोला और कविता के पीछे पीछे किचन मे चली गयी



मैं वहीं बैठ कर टीवी देखता रहा,,,,आज मैं बहुत खुश था,,,,मेरा और ख़ान भाई का प्लान
काम कर रहा था,,,,हालाकी हमने सुमित की मौत के बारे मे नही सोचा था लेकिन उसकी मौत
का गम भी नही था हम लोगो को,,,,वो बेचारा बलि का बकरा बन गया,,



कुछ देर बाद कविता और सोनिया किचन से कॉफी लेके आ गयी,,,,हम लोग बैठकर कॉफी 
पीट हुए टीवी देखने लगे,,,,तभी बाहर बेल बजी,,,,,



सोनिया ने जाके दरवाजा खोला तो सामने भुआ और शोभा थी,,,,सोनिया उनके गले लग्के मिली फिर
वो अंदर आ गयी,,,,मैं भी भुआ और शोभा को मिला फिर कविता भी मिली उन दोनो को,,



तभी सोनिया खुशी खुशी भुआ और शोभा को कॉलेज वाली बात बताने लगी,,,भुआ और खांसकार
शोभा बहुत खुश हुई सारी बात सुनके ,,,उसको भी बड़ी खुशी थी अमित के गिरफ्तार होने
से,,,,क्यूकी शोभा जानती थी उसी ने शिखा दीदी की वीडियो बनाई थी,,,,,



सब लोग ऐसे बातें करने लगे फिर भुआ बोली ,,,चलो सब तैयार हो जाओ,,,,,शॉपिंग करने 
जाना है,,,,,,5 दिन बाद शोभा की शादी है,,,,,




भुआ मैं क्या करूँगा साथ जाके तुम सोनिया और कविता को ले जाओ मैं वैसे भी बहुत थका
हुआ हूँ,,,,




भुआ कुछ नही बोली ,,,सोनिया और कविता को साथ ले गयी,,,मैने नोट किया कि आज कल भुआ
शोभा मे से कोई भी मेरी तरफ ध्यान नही दे रहा था,,,,वैसे मेरा भी ध्यान नही जाता
था उनकी तरफ सोनिया और कविता की वजह से लेकिन भुआ और शोभा को क्या हो गया था,,,शोभा
शायद शादी की वजह से ऐसा कर रही थी लेकिन भुआ को क्या हुआ ,,,,,




भुआ ने बताया कि ख़ान भाई ने किसी दोस्त को बुलाया है जो कोर्ट मे शादी करवाता है,
शादी ख़ान भाई के घर पर होगी क्यूकी लड़के वालो का घर करीब है लेकिन रिसेप्षन की
पार्टी यहाँ हमारे घर मे होगी शादी के कुछ दिन बाद,,,,,




खैर,,,वो लोग चली गयी और मैं टीवी देखता रहा,,,,,




शाम करीब 7 बजे सोनिया और कविता आ गयी,,,,अंदर आके फ्रेश होके वो दोनो किचन मे रात
के खाने की तैयारी करने लगी और मैं टीवी ही देखता रहा,,,,,,जब खाना तैयार हो गया हम लोगो
ने मिकलर खाना खाया ,,,,सोनिया और कविता शॉपिंग की बातें करती रही लेकिन मैं चुप 
करके खाना ख़ाता रहा,,,,फिर हम लोग उपर अपने रूम मे चले गये,,,मैं भुआ के रूम मे
जाने लगा तो कविता बोली,,,,,,,सन्नी तुम भी यहीं सो जाओ हम लोगो के साथ,,,,




तभी मैने कविता को इशारा किया सोनिया की तरफ जो मुझे गुस्से से देख रही थी,,नही
मैं यहाँ नही सो सकता वैसे भी 2 ही बेड है यहा,,,,,



तो क्या हुआ,,,मैं और सोनिया एक साथ सो जाती है तुम अपने बेड पर सो जाओ,,,,,लेकिन तभी
सोनिया बोल पड़ी,,,,,,नही नही यहाँ नही,,,,तुम मेरे साथ नही सो सकती,,,,,और ये सन्नी भी
यहाँ नही सो सकता,,,,




सोनिया समझ कर इसको यहाँ सोने दे,,,,हम एक साथ सो जाती है एक बेड पर,,पहले भी तो हम
सब ऐसे ही सोते थे,,,,



नही पहले बात कुछ और थी अब नही,,,,अब ये हम लोगो के साथ नही सो सकता इसको दूसरे
रूम मे जाने दो,,,,,



मैं सोनिया की बात समझ गया,,,,,वो डर रही थी मेरे यहाँ सोने से,,,,,,रहने दो कविता
किसी को मेरे यहाँ सोने से डर लगता है,,,मैं दूसरे रूम मे ही सो जाता हूँ,,इतना
बोलकर मैने हँसके सोनिया की तरफ देखा तो कविता भी हँसने लगी,,,,सोनिया ने हल्के से एक
थप्पड़ मारा उसके सरपे तो वो चुप हो गयी,,,,मैं वहाँ से हंसता हुआ भुआ के रूम मे आके
लेट गया,,,,



मैं बेड पर लेटा हुआ था तभी करीब 30-35 मिनिट बाद मेरे रूम का दरवाजा खुला और
कविता अंदर आ गयी,,,,



तुम यहाँ क्या कर रही हो कविता,,



सोनिया सो गयी है,,,,मेरा दिल कर रहा था तुम्हारे साथ सोने को इसलिए तो तुमको उसी रूम
मे सोने को बोल रही थी,,,,बट तुम नही माने तो मैं यहाँ आ गयी,,,,इतना बोलते ही वो 
मेरे साथ मेरे बेड पर लेट गयी,,,,,,मेरे और सोनिया के रूम मे 2 बेड थे वहीं भुआ के 
रूम मे एक ही बेड था,,,,कविता मेरे साथ आके मेरे करीब लेट गयी और अपना सर मेरे
शोल्डर पर रख दिया,,,



क्या बात है आज बड़ा प्यार आ रहा है मेरे पर,,,,सोनिया का डर भी नही ,,,,दिन मे भी 
उसके सामने मुझे गालों पर किस कर दिया और अब मेरे साथ सोने भी आ गयी,,,,



तो क्या करूँ,,,प्यार करती हूँ तेरे से,,,,जब तू कॉलेज के सामने मुझे अपनी बाहूं मे 
भर सकता है तो क्या मैं सोनिया के सामने तुझे किस नही कर सकती तेरे पास आके सो न्ही
सकती,,,



अच्छा अगर सोनिया के सामने किस कर सकती हो तो अकेले मे क्या क्या कर सकती हो,,,मैने इतना 
बोला ही था कि कविता मुझे होंठों पर किस करने लगी,,,,मैने भी ज़्यादा देर नही की और
उसको किस का रेस्पॉन्स देते हुए उसको होंठों को चूसना शुरू कर दिया,,,,



उसने अभी वाइट कलर का नाइट सूट पहना हुआ था,,,,वाइट पयज़ामी साथ मे वाइट कुर्ता
वो खुद भी एक दम गौरी चिट्टी थी ,,,,किस करते हुए वो अपनी टाँगों को मेरे दोनो तरफ
करके मेरे उपर बैठ गयी और अपने घुटनो को बेड से लगा कर अपनी गान्ड उपर उठाकर मेरे
उपर चढ़ के मुझे किस करने लगी,,,,मैं अभी टी-शर्ट और निक्कर मे था,,,उसने किस करते
हुए मेरी टी-शर्ट को पकड़ा और उपर उठाने लगी,,मैने भी उसका साथ देते हुए अपनी टी-शर्ट 
निकालने मे उसकी हेल्प की,,,मेरी टी-शर्ट उतर गयी और तभी उसने भी अपना कुर्ता निकाल दिया




उसने ब्रा नही पहनी हुई थी इसलिए उसका उपर का जिस्म कुर्ता निकल जाने से नंगा हो गया और
मैने भी टी-शर्ट के नीचे बनियान नही पहनी थी इसलिए मेरा भी उपर का जिस्म नंगा हो
गया था,,उसके छोटे छोटे बूब्स जो अब मेरी मेहनत की वजह से थोड़ा आकार लेने लग गये
थे वो बूब्स मेरी छाती पर टच कर रहे थे,,और मुझे बड़ा सॉफ्ट सॉफ्ट एहसास मिल रहा
था उसके बूब्स का ,,,,उसके हाथ मेरे सर को प्यार से सहला रहे थे जबकि मेरे हाथ उसकी
नंगी पीठ पर थिरकने लगे थे,,उसकी मखमली पीठ पर मेरे हाथ खुद-ब-खुद फिसलते
जा रहे थे,,मैं बड़े प्यार से अपने दोनो हाथों से उसकी पीठ को सहला रहा था और वो भी
मेरे सर को सहला रही थी,,,हम दोनो करीब 10-15 मिनिट ऐसे ही किस करते रहे,,,




फिर मैने उसको अपने उपर से उठाकर बेड पर लिटा दिया और खुद उसके उपर आ गया,,उसके 
उपर आते ही उसने फिर से मुझे किस करने की कोशिश की लेकिन मैने उसके बूब्स की तरफ
बढ़ गया और उसके बूब्स को किस करते हुए चूसने और काटने लगा,,साथ ही दूसरे बूब को
हाथ मे पकड़ कर दबाने लगा,,,,,बूब्स को चूस्ता और दबाता हुआ मैं उसके पेट पर किस
करने लगा,,जैसे जैसे मैं उसके पेट पर किस करता हुआ नीचे की तरफ बढ़ रहा था
वैसे वैसे उसका बदन तेज तेज झटके मारने लगा था,,उसकी पेट भी तेज़ी से उपर नीचे हो
रहा था वो समझ गयी थी मैं उसकी चूत की तरफ़ बढ़ रहा हूँ,,,मैने नीचे बढ़ते हुए
उसके पाजामे को पकड़ा और नीचे खिसकाने लगा उसने भी कोई ज़ोर नही लगाया और एक ही पल मे
अपनी रज़ामंदी दिखा कर अपनी गान्ड को बेड से उपर उठा दिया जिस से मुझे आसानी हो गयी
उसकी पयज़ामी उतारने मे,,,,,उसकी पजामि उतरती गयी और उसकी गुलाबी चूत मेरे सामने नंगी 
होती गयी,,,आज वो शरमा नही रही थी,,घबरा नही रही थी बस मेरा साथ दे रही थी
इसलिए मुझे बहुत खुशी हो रही थी,,,




पयज़ामी उतरते ही वो पूरी नंगी हो गयी क्यूकी उसने पेंटी भी नही पहनी हुई थी,,वो गोरे
रंग की लड़की मेरे सामने बिल्कुल नंगी थी,,,,उसके छोटे छोटे बूब्स जो अब इतने छोटे भी
नही रह गये थे,,,,उसकी गुलाबी चूत जिसपे कोई बाल नही था,,,,पयज़ामी उतरते ही मुझे
लगा था ये अपनी चूत को मेरे से छुपा लेगी लेकिन मैं ग़लत था,,उसने तो अपनी दोनो 
टाँगे खोल कर मुझे चूत के पूरे दर्शन करवा दिए थे,,,,शायद आज वो भी पूरी
मस्ती मे थी,,,,मैने भी अच्छा मौका देखा और उसकी चूत की तरफ बढ़ गया,,उसकी चूत को
मैने अपने दोनो हाथों से दोनो तरफ खोल दिया और उसकी चूत के अंदर के गहरे गुलाबी
हिस्से को अपनी ज़ुबान से चाटने लगा,,,मैं कभी उसकी चूत को ज़ुबान से चाट-ता कभी
उसकी चूत के छोटे छोटे होंठों को अपने होंठों मे भरके चूसने लग जाता कभी हल्के से
काट देता,,,,कभी उंगली से उसकी चूत को चोदता और साथ ही अपनी ज़ुबान से चूत के उपरी
हिस्से को चाटने लग जाता वो बस लेटी हुई सिसकियाँ ले रही थी,,आअहीईन्न्न्न भर रही थी
 
अहह उहह हहयययययययययईईईई वो सिसकियाँ लेती हुई अपने सर को
बेड पर इधर उधर हिला रही थी,,,,तड़प रही थी मचल रही थी,,,वो पूरी गर्म थी
कुछ देर चूत को चाटने और चूसने के बाद मैं उठकर खड़ा हुआ बेड पर और अपनी निक्केर
उतारने लगा अभी मेरी निक्केर पूरी तरह से उतरी नही थी कि कविता ने मेरे लंड को अपने
हाथों मे पकड़ लिया और मेरे लंड पर हल्की हल्की किस करने लगी,,,मैने उसकी तरफ 
देखा तो वो शरमा गयी,,फिर आँखें बंद करके अपने मुँह को खोला और लंड को मुँह मे लेने
लगी,,,,उसका मुँह बहुत छोटा और क्यूट था ,,,उसका मुँह इतना नही खुल रहा था कि मेरा लंड
अंदर जा सके लेकिन वो कोशिश कर रही थी और कामयाब भी हो गयी थी,,,कुछ देर मे मेरा
3 इंच लंड उसके मुँह मे था,,उसको मुश्किल हो रही थी इसलिए उसने अपनी ज़ुबान को मुँह से
बाहर निकाल लिया जिस से ज़्यादा जगह बन गयी उसके मुँह मे और उसको लंड मुँह मे भरने मे
आसानी होने लगी,,,,वो मेरा 3-4 इंच लंड मुँह मे लेके चूस रही थी और मैं बेड पर खड़ा
हुआ उसकी तरफ देख रहा था,,,,उसकी आँखें बंद थी,,,





फिर उसने अपनी आँखें खोली और जब मुझे अपनी तरफ देखते हुए पाया तो जल्दी से आँखें 
बंद करली,,,मैं उसकी इस हरकत से खुश हो गया,,,,,,वो करीब 5-7 मिनिट मेरा लंड 
चुस्ती रही फिर मेरा हाथ पकड़ कर मुझे बेड पर लेटा दिया और खुद मेरे उपर आ गयी
और मेरे उपर आते ही मेरे लंड को पकड़ कर अपनी चूत पर रखा और मेरे लंड पर बैठने
लगी जिस से मेरा लंड उसकी चूत मे घुस गया,,,,उसने अपने दोनो हाथ मेरी छाती पर
रखे और अपनी कमर को हल्के हल्के उपर नीचे करने लगी और मेरे लंड पर उपर नीचे होके
अपनी चुदाई करवाने लगी,,,,मैने भी अपने हाथ उसके बूब्स पर रख दिए और हल्के हल्के
मसल्ने लगा,,,,,,





क्या हुआ आज बड़ी मस्ती मे हो कविता,,,,,,,,





पत्ता नाहहिि सुउन्नयी बॉयाड्डया डिल्ल्ल्ल कारर राहहा था मस्स्त्तीी कररननी कूओ इसलिए
टूऊ तुुझहही आपपंनी सात्तह सुउल्ला रहहीी त्ीईिइ,,अहह उहह
हययइईईईईईई पपाटता नाहहिईिइ ससुउबबाहह सीईए भ्हुत्त् डिल्ल्ल्ल त्ााआआअ
मीर्राआ आहह तुउउउ कूल्लग्ग्गी कच्छाल्ला ग्ययाअ औरर्र मैईन्न्न घहाआरररर पर
बूर्री होत्तीीई रहहिईिइ तुऊउ घहररर पीईएर हूत्ताअ तूओ सुउबब्बहह हिी मास्स्त्तिीई
कारर्र लेटटीीई टीररी सात्तह,,,,,,,ऊऊऊओह हहयइईईईईई क्कीिट्त्न्ना
माज्ज़जा र्रहहा हहाईईईई सुउन्न्ञनययययी अहह भ्हुत्त् ंमाज़्ज़जा आ र्राहहा हाीइ




सच मे मज़ा आ रहा है कविता,,,,,





हान्ं सुउन्न्णी भ्हुत्त्त माज्जा आ राहहा हाईईइ,,,तुंमहराअ ये भूत्त् बड्डा हाईईइ
भ्हुत्त्त मज्ज़जा डेटताअ हाई,,दर्रद्द भीइ देत्ता हाीइ लेकिन्न्न्न् एब्ब नाहहिि पहल्लीए
पहल्ली भ्हुत्त् दर्द्दद्ड देत्त्ता था ,,आब्ब्ब तूओ सिर्रफ़्फ़ माअज़्जा देत्ता हाीइ,,,,,




अच्छा अब मज़ा देता है,,कितना मज़ा देता है अब,,,,,





बहुत मज़ा देता हाइईइ सुउन्नयययी,,,प्लज़्ज़्ज़ आब बूल्ल्ल मॅट मज्जा दीए मुुझहही ,,अहह
ऊओह हयइईईईईईईईईई





मैने उसकी बात सुनी और जल्दी से उसकी बेड पर पीछे की तरफ झुका दिया और खुद उसकी 
टाँगों के बीच मे बैठ गया,,,,,वो बेड पर लेट गयी और मैं उसकी टाँगों के बीच बैठ
कर उसके बूब्स पर हाथ रखकर उसकी चुदाई करने लगा,,,,कुछ देर ऐसे ही चुदाई करने
के बाद मैने उसको बेड पर झुका कर कुतिया बना दिया और खुद पीछे से उसकी चुदाई करने
लगा,,,,कुछ देर चूत मारने के बाद मैने लंड बाहर निकाला और उसकी गान्ड पर रखा ,,,




नही यहाँ मत्त्त्त्त्त्त्त्त्त्त काररू दार्र्द्द हूटता हाीइ ,,,,,




मैने लंड को वापिस उसकी चूत मे डाल दिया क्यूकी मैं उसको दर्द नही देना चाहता था,प्यार
करता था उसको,,,इसलिए जैसा उसको मंजूर वैसा मुझे मंजूर,,,,




मैं पीछे से उसकी चूत मार रहा था और वो सिसकियाँ ले रही थी,,,,,अहह ऊहह
हयीईईईईईईईई ऊऊओह म्हममम्म्ममममममममममममम




वो सिसकियाँ लेती हुई मेरी पीठ पीछे दरवाजे की तरफ देख रही थी,,,,मैने भी उसकी 
नज़र का पीछा किया और पीछे दरवाजे की तरफ देखा तो परेशान हो गया,,,,,वहाँ सोनिया 
खड़ी हुई थी दरवाजे पर,,,,वो बस आँखें फाड़ फाड़ कर मुझे और कविता को देख रही थी,
मैं डर गया और रुक गया तभी कविता ने जल्दी से मुझे बेड पर लिटा दिया और मेरे उपर
आ गयी,,,,मेरा ध्यान सोनिया की तरफ था,,,,वो बस हम लोगो को देख रही थी,,,,ना तो वो
अपनी चूत को सहला रही थी ना बूब्स को,,,बस हम लोगो को देख रही थी,,,मैं तो डर के
रुक गया था लेकिन कविता नही रुकी,,,मुझे बेड पर लेटा कर वो मेरे उपर आके खुद अपनी
चुदाई करवाने लगी,,,,




सोनिया मेरी तरफ देख रही थी मेरी आँखों मे और मैं उसकी आँखों मे देख रहा था,और
कविता खुद अपनी चुदाई करवा रही थी,,,तभी कुछ देर बाद मेरे लंड ने पानी छोड़ना 
शुरू कर दिया,,,कितने टाइम बाद ये तो पता नही क्यूकी मेरा ध्यान अब चुदाई पर नही 
सोनिया की तरफ था,,,,,मेरे लंड ने पानी छोड़ना शुरू किया तो कविता मेरे उपर से उतर
गयी और साइड पर लेट गयी,,शायद उसका भी पानी निकल गया था,,,,,जैसे ही कविता मेरे जिस्म
से नीचे उतरी सोनिया वहाँ से चली गयी,,,,,
 
कुछ देर बाद कविता की हालत ठीक हुई तो वो मुझे किस करने लगी,,,,,,मैं उसको किस
का रेस्पॉन्स नही दे रहा था क्यूकी मैं थोड़ा परेशान था,,,,,,





सॉरी सन्नी,,,ये सब सोनिया का प्लान था,,,,वो तेरे साथ कुछ कर तो नही सकती थी लेकिन
अब वो तेरी तरफ आकर्षित होने लगी थी इसलिए तुझे ये सब करते देखना चाहती थी,तभी
तो मैं तुझे हम लोगो के साथ सोने को बोल रही थी लेकिन उसने मना कर दिया,,फिर उसी ने
मुझे यहाँ आने को बोला था इस रूम मे,,,,,




उसने बोला था,,, तो क्या तेरा दिल नही कर रहा था यहाँ आने को,,,,




मेरा भी दिल कर रहा था बुद्धू ,,लेकिन जब उसने बोला तो मुझे और भी अच्छा लगा क्यूकी मैने
उसको बता दिया था मेरा बहुत दिल कर रहा है इसलिए उसने बोला कि मैं तेरे पास जा सकती
हूँ लेकिन एक शर्त पर,,उसको हम लोगो को ये सब करते देखना है,,,मुझे कोई प्राब्लम 
नही थी तो मैं मान गयी,,,,,




वो ये सब देख सकती है तो करने से क्यूँ डरती है,,,,


सन्नी वो तेरी बहन है,,,तू समझा कर,,,,एक तो वो तेरी और तेरी फॅमिली की वो सब बातों 
को भुला नही सकी अभी तक,,,उसको गुस्सा आता है जब भी तुझे सरिता शोभा और गीता के
साथ एक ही बेड पर सोचती है,,,वो परेशान है उसको खुद पता नही चल रहा वो क्या करे
तू भी प्लज़्ज़्ज़ समझा कर उसकी बात को,,,,




अब तो मैं वो सब नही करता ना,,,अब तो मैं सबसे दूर रहता हूँ,,,बस तुम दोनो के
करीब हूँ,,फिर उसको क्या प्राब्लम है,,,,,




वो तेरी बहन है यही उसकी प्राब्लम है सन्नी,,,




तो शोभा भी मेरी बहन थी,,,,फिर भी तो मैने उसके साथ ये सब किया ना,,,,तो सोनिया को
क्या प्राब्लम है ,,,,




उनके साथ जो तूने किया उसमे तुम सब की रज़ामंदी थी,,,लेकिन सोनिया की रज़ामंदी नही है
तेरे साथ कुछ करने की,,,,जिस दिन उसकी रज़ामंदी होगी शायद वो भी तैयार हो जाए,,लेकिन
तब तक तू कुछ नही करेगा समझा,,,,,उसको कुछ टाइम दे इस सब से उभरने मे,,,





मैं कविता की बात समझ गया,,,,,फिर कविता उठी और कपड़े पहन कर वहाँ से सोनिया के
पास चली गयी,,,मैं ऐसे ही नंगा सो गया ,,,,,लेकिन नींद कहाँ थी आँखों मे मुझे तो
बस सोनिया की वो 2 आँखें नज़र आ रही थी जो मुझे और कविता को देख रही थी,,,,जब वो
देख सकती है तो कर क्यूँ नही सकती,,,वैसे कविता की एक बात सही थी,,जो भी मेरे और
मेरी फॅमिली के बीच हुआ उसमे सब की रज़ामंदी थी,,,,मुझे सोनिया की रज़ामंदी का इंतजार
करना चाहिए,,,,,लेकिन वो डरती है,,,,अगर कभी उसकी रज़ामंदी ना हुई तो,,,,,क्या मैं
बस दूर दूर से ही उसको प्यार करता रहूँगा,,,,क्या कभी मैं उसको पूरी तरह से हाँसिल
भी कर पाउन्गा या नही,,,,,यही सब सोचते हुए मुझे नींद आ गयी

सुबह उठा और फ्रेश होके नीचे गया तो सोनिया और कविता नाश्ता कर रही थी मैं भी जाके
नाश्ता करने लगा,,,कविता बहुत खुश लग रही थी लेकिन जैसे ही मैने सोनिया की तरफ
देखा उसने जल्दी से अपना चेहरा झुका लिया और नाश्ता करने लगी,,,वो मेरे से नज़रे मिलाने
से डर रही थी,,,वैसे मैं भी डर रहा था क्यूकी उसने रात मुझे कविता के साथ उस 
हालत मे जो देख लिया था,,,,लेकिन वो वहाँ से गयी नही जब तक कि मेरा और कविता का काम
पूरा नही हो गया था,,,,बुत उसकी एक बात मुझे समझ नही आई,,वो कविता और मुझे सेक्स करते
हुए देख रही थी दरवाजे के पास खड़ी होके लेकिन वो खुद कुछ नही कर रही थी,,,,ना
तो अपने जिस्म से खेल रही थी और ना ही अपने बूब्स और चूत को सहला रही थी बस एक
नज़र टिका कर मुझे और कविता को देख रही थी,,,,क्या उसको वो सब अच्छा नही लग रहा था
लेकिन अगर अच्छा नही लग रहा था तो फिर वो इतनी देर तक रुकी क्यूँ रही ,,अपने कमरे मे
वापिस क्यूँ नही चली गयी,,



यही सब सोचते हुए नाश्ता ख़तम हो गया और हम सब कॉलेज की तरफ चल पड़े,,,कविता 
मेरे साथ आगे बैठी हुई थी जबकि सोनिया पीछे की सीट पर थी,,,,मैं मिरर मे उसकी
तरफ देख रहा था ,,जब भी उसकी और मेरी नज़रे आपस मे टकराती वो ध्यान कार से बाहर की
तरफ कर लेती लेकिन मैं उसकी तरफ़ देखता जाता,,,,फिर कविता ने मेरे हाथ पर अपना हाथ
मारा और जब मैने कविता की तरफ देखा तो उसने मुझे सोनिया को घूर्ने से मना कर दिया,,




हम लोग कॉलेज पहुँच गये,,सोनिया और कविता जल्दी से कार से उतर कर एक लड़कियों के
ग्रूप की तरफ चली गयी,,,,,वहाँ जाके वो दोनो हँस हँस के बातें कर रही थी,,मैं
भी कार से उतर कर कॅंटीन की तरफ जाने लगा ,,,आज कॉलेज मे सब लोग बहुत खुश थे
हर तरफ सुरेश और अमित की बात हो रही थी,,,





मैं जाके कॅंटीन मे बैठ गया,,,कॉलेज मे पार्टी का महॉल था,, लगता नही था आज कोई
स्टडी के मूड मे है,,,,,कॅंटीन भी फुल थी आज,,,,मैं कॅंटीन मे बैठा हुआ था तभी
कॅंटीन वाला मेरे पास आया,,,,उसके साथ एक लड़की थी,,,




कॅंटीन वाले ने लड़की को मेरे से मिलवाया,,,,,,ये है सन्नी ,,लो मिल लो सन्नी को,,,



उस लड़की ने मुझे नमस्ते बोला,,,,,नमस्ते सन्नी भैया,,,





मैने भी उसको नमस्ते बोला,,,,पता चला वो लड़की कॅंटीन वाले की बहन थी,,,अमित की
वजह से जो एक लड़की मरी थी वो कॅंटीन वाले की बहन की अच्छी दोस्त थी,,,लेकिन ग़रीब
घर को होने की वजह से और अमित के बाप की पॉवर की वजह से उसको इंसाफ़ नही मिल सका
था,,,,अब कॅंटीन वाले ने उसको बता दिया था कि अमित मेरी वजह से पकड़ा गया है तो उसकी
बहन मुझे थॅंक्स्क्स्क्स बोलने आई थी,,,,





थॅंक्स्क्स्क्स सन्नी भैया,,,,वो बोलने ही लगी थी कि कॅंटीन वाला उसको इशारा करते हुए बोलने
लगा,,,,,,थोड़ा आराम से बात कर छोटी कोई सुन ना ले,,,किसी को पता नही चलना चाहिए
इस सब के पीछे सन्नी भाई का हाथ है,,,समझी,,,,




लड़की ने हां मे सर हिला दिया और फिर धीरे आवाज़ मे बोली,,,थॅंक्स्क्स्क्स सन्नी भैया आपकी
वजह से अमित और सुरेश पकड़े गये,,,हम कॉलेज की लड़कियाँ बहुत तंग आ गयी थी उन दोनो
से ,,मैने कई बार भाई से भी शिकायत की थी उनकी लेकिन भाई कुछ नही कर सका,,लेकिन
अब आपकी वजह से वो दोनो कामीने इस कॉलेज से दूर चले गये है आपको नही पता कॉलेज
के सभी लोग कितने खुश है,,,,अगर उन लोगो को पता चल गया कि सब आपकी वजह से हुआ
है तो सब लोगो ने आपको सर पे उठा लेना है,,,




नही नही,,,,किसी को पता नही चलना चाहिए,,,तुम किसी को नही बताना,,,,




कैसे बताएगी सन्नी भाई,,मेरी बहन है,,,,,




मैं किसी को नही बताउन्गी सन्नी भाई,,,,आप बेफ़िक्र रहिए,,,आपने मेरी फ्रेंड को इंसाफ़
दिलवाया है भला मैं किसी को आपके बारे मे क्यूँ बताउन्गी,,,,




अभी इंसाफ़ मिला नही है,,,,अभी तो अमित गिरफ्तार हुआ है,,,,सुरेश अभी फरार है लेकिन
जल्दी ही पकड़ा जाएगा वो,,,,दुआ करना कि वो पकड़ा जाए और सबके साथ इंसाफ़ हो,,,




मैं तो दुआ करूँगी भाई उन सबको फाँसी हो,,,,,अगर उपर वाला भी इंसाफ़ करेगा तो उनको
फाँसी से कम सज़ा नही होगी,,,,इतना बोलके वो वहाँ से चली गयी,,,,




उसके जाते ही कॅंटीन वाला 3 कॉफी लेके आ गया मेरे टेबल पर,,,,मैने हैरान होके देखा
कि मैं तो अकेला हूँ फिर कॉफी 3 क्यूँ,,,तभी देखा मेरे पिछले टेबल से उठकर सोनिया
और कविता भी मेरे साथ बैठ गयी,,,,उन लोगो ने सब सुन लिया था,,जो भी मेरी बात हुई
कॅंटीन वाले की बहन के साथ,,,,



खैर जैसे तैसे कॉलेज का टाइम ख़तम हुआ और हम लोग वापिस घर आ गये,,,रास्ते भर
कविता और सोनिया बहुत खुश थी,,,,कविता बार बार मुझे थॅंक्स्क्स्क्स बोल रही थी कि मेरी
वजह से कॉलेज को अमित और सुरेश से छुटकारा मिल गया था,,,,



हम लोग घर आए ,,,, खाने का टाइम हो गया था लेकिन हम लोग कॅंटीन से कहके आए थे
इसलिए बैठकर टीवी देखने लगे,,,,लेकिन कविता उठी और सोनिया को लेके किचन मे चली
गयी,,,,




चल उठ किचन मे जाके रात के खाने की तैयारी कर लेते है,,फिर पूरा दिन कोई काम नही
होगा आराम से टीवी देख लेंगे,,,,




वो दोनो किचन मे चली गयी,,,मैं टीवी देखता रहा,,,,कुछ देर बाद कविता का फोन बजने
लगा,,,,ये कामिनी भाभी का फोन था,,,कविता फोन पर बात करने लगी,,मुझे प्यास लगी
तो मैं किचन मे चला गया,,,,मैने देखा सोनिया आटा गूँथ रही थी,,,,मैं फ्रिड्ज
खोलकर पानी पीने लगा,,,उसने मेरी तरफ देखा और फिर वापिस अपना काम करने लगी,,वो मेरे
से नज़रे मिलाने से डर रही थी,,,




मैं पानी पीक बाहर आने लगा तभी वो बोली,,,,,,थॅंक्स्क्स्क्स सन्नी,,जो कुछ भी तूने किया 
अमित और सुरेश को पकड़वाने के लिए,,,,तुझे नही पता सब लड़कियाँ कितनी खुश थी,




वो मेरी तरफ नही देख रही थी ,,,,बस ऐसे ही पीठ करके बोल रही थी,,,,




बाकी लड़कियाँ खुश है कॉलेज की तू खुश नही है क्या,,,मैने सोनिया को बोला




नही भाई मैं भी खुश हूँ कि वो दोनो पकड़े गये,,,,वो फिर पीठ करके ही बोल रही थी




अगर खुश है तो मेरी तरफ देखकर बोल ना,,,,मुझे भी तो पता चले कितनी खुशी है
तुझे,,,



सन्नी मैं वो,,,वू मैं,,,,मैं,,,





मैं वो मैं वो क्या कर रही थी,,,अभी आँख मिलाने से डर रही है लेकिन रात को तो पलके
भी नही झपका रही थी,,बस एक नज़र मेरी और कविता की तरफ ही देख रही थी,,,,
 
मेरी बात से वो डर गयी,,उसको कुछ सूझ ही नही रहा था क्या बोले वो,,,




क्यूँ सही बोल रहा हूँ ना मैं,,,,इतना बोलकर मैं उसके पास जाके खड़ा हो गया,,मैं उसकी
लेफ्ट साइड पर खड़ा हो गया तो वो राइट साइड घूम गयी,,,मैं जाके राइट साइड खड़ा हो गया
तो वो लेफ्ट साइड घूमने लगी,लेकिन मैने उसका हाथ पकड़ लिया,,,



मुझसे नज़रे घूमा कर तू मेरे से बच नही सकती ,,मेरे से पीछा नही च्छुड़वा सकती ,मेरे
से दूर नही जा सकती,,,मैं तेरी परच्छाई हूँ भूल मत,,,,



वो सन्नी मैं,,,,,,,,वो कुछ बोलने लगी तो मैने उसके मुँह पर हाथ रख दिया,,श्ह्ह्ह्ह्ह्ह
कुछ मत बोल,,,मैं तेरी हालत समझ सकता हूँ,,,,क्यूकी जो तेरी हालत है वहीं मेरी
हालत है,,,,जैसे मैं तेरे से दूर नही रह सकता तू भी मेरे से दूर नही रह सकती,
जैसे तू मजबूर है अपने रिश्ते को लेके मैं मजबूर हूँ तेरी रज़ामंदी को लेके,,जब
तक तू इस रिश्ते को भूल कर रज़ामंदी ब्यान नही करेगी तब तक मैं तेरे करीब नही 
आउन्गा,,,




इतना बोलते टाइम अभी तक मेरा हाथ उसके मुँह पर था ,,,वो बड़ी बड़ी आँखों से मुझे देख
रही थी और मेरी बातें सुन रही थी,,,



मैं जानता हूँ तू वो सब भूल नही सकी अभी तक जो भी तूने इस घर मे देखा,,,लेकिन
उसमे मेरा कोई क़सूर नही था,,मैं मजबूर था,,मेरी उमर ही ऐसी थी,,,और जब मैने भी
घर मे वो सब देख लिया तो मेरे से भी रहा नही गया,,,पहले पहले मुझे ग़लत लगा लेकिन
जवानी के जोश मे मैं खुद पर क़ाबू नही कर सका,,,,और जो कुछ भी हुआ उसमे हम सब
लोगो की रज़ामंदी थी,,जैसे मैने उनके साथ रज़ामंदी से वो सब किया वैसे ही तेरी भी
रज़ामंदी का इंतजार करूँगा मैं,,,और तेरी हालत देखकर मुझे लगता नही कि तुझे ज़्यादा
टाइम लगेगा राज़ी होने मे,,,,



मैने ऐसा इसलिए बोला था क्यूकी अभी मेरा हाथ उसके मुँह पर था ,,,इतने भर से ही उसकी
हालत खराब हो गयी थी,,,,हालाकी वो मेरी बातें सुन रही थी लेकिन उसके दिल की धड़कन
और साँसे बहुत तेज़ी से चल रही थी,,,,,



मैने इतनी बात की और अपना हाथ उसके मुँह से उठा लिया और अपने होंठों उसके होंठों की 
तरफ ले गया ,,उसने हल्के से अपनी आँखें बंद करली वो समझ गयी अब क्या होने वाला है 
लेकिन उसने मुझे रोका नही,,,मैने अपने होंठ उसके होंठों पर रखे और हल्के से किस
करदी ,,,उसने भी अपने होंठों को हल्के से खोल दिया और मुझे किस करने लगी,,लेकिन 
ज़्यादा देर तक नही,,,,वो किस कुछ पल लिए थी ,उसने मेरे छाती पर अपने हाथ रखे और
मुझे पीछे होने को बोला,,मैं भी पीछे हट गया,,,,



पीछे हटके मैं उसकी तरफ देखने लगा,,,,वो कुछ पल मे इतनी ज़्यादा मदहोश हो गयी की
उसकी साँसे उखाड़ने लगी थी,,वो खुद पर क़ाबू करने की कोशिश कर रही थी,,उसकी आँखें
अभी भी बंद थी,,,,,फिर उसने आँखें खोलकर मुझे देखा और अपने हाथ से अपने होंठों 
पर लगे हुए मेरे थूक को सॉफ करने लगी,,,,ऐसा करते हुए उसका हाथ से थोड़ा आटा उसके
लिप्स पर लग गया,,,,,तभी उसका ध्यान गया किचन के बाहर जहाँ कविता खड़ी हुई थी


सोनिया ने कविता को देखा और जल्दी से वहाँ से भाग गयी,,,,,




कविता मेरे पास आई और मेरी टी-शर्ट पर लगे हुए आटे को सॉफ करने लगी,,,,ये तब लगा
जब सोनिया ने मुझे खुद से दूर किया,,,उसने ज़्यादा ज़ोर नही लगाया बस हल्के से मुझे पीछे
होने का इशारा किया,,,मैने भी कोई जल्दबाज़ी या ज़बरदस्ती नही की और एक ही पल मे उस
से दूर हट गया,,,,



कविता मेरी टी-शर्ट सॉफ करते हुए बोली,,,,,,,,,,,क्यूँ तंग कर रहा है उसको सन्नी,वो तो
पहले से बहुत परेशान है,,,,,मत तंग कर उसको ,,,,थोड़ा टाइम दे उसको,,,,प्ल्ज़्ज़



मैं कविता की बात समझ गया और हां मे सर हिला कर उसको बता दिया कि मैं समझ गया
,,,,उसने हँसके मुझे हल्की किस की लिप्स पर,,,,,,



चल जा बाहर जाके बैठ मुझे काम ख़तम करने दे,,,,मैने उसकी बात सुनी और बाहर आके
टीवी देखने लगा,,,,,सोनिया वहाँ नही थी,,,शायद वो अपने रूम मे चली गयी थी,,



अपना काम ख़तम करके कविता भी उपर सोनिया के पास चली गयी थी,,



रात डिन्नर करके मैं टीवी देखता रहा,,,,टीवी देखते देखते मैं सोफे पर ही सो गया,,सर्दी
का मौसम था मुझे सर्दी लग रही थी ,,,तभी मैने देखा कोई मेरे पास था और मेरे
जिस्म पर कोई कपड़ा ओढ़ा रहा था,,मैने आँखें खोल कर देखा तो वो सोनिया थी,,,,



वो मेरे पर कंबल ओढ़ा कर बोली,,,,सर्दी बहुत है भाई,,,,जाके रूम मे आराम से सोजा,



इतना बोलकर वो जाने लगी तो मैने उठकर उसका हाथ पकड़ लिया,,,,वो वहीं रुक गयी और मेरी
तरफ देखने लगी,,,,




सन्नी जाने दे मुझे प्लज़्ज़्ज़ ,,उसने बड़े प्यार से बोला,,,ज़ोर भी नही लगाया अपना हाथ मेरे 
से च्छुड़वाने क लिए,,,लेकिन उसके प्यार मे उसके ज़ोर से ज़्यादा ताक़त थी मैने उसके कहते
ही उसका हाथ छोड़ दिया,,,वो मेरी इस हरकत से हँसके मुझे देखती हुई वहाँ से चली 
गयी,,,,,




अभी वो 4 कदम आगे ही गयी थी कि फिर से वापिस आ गयी और आके मेरे पास खड़ी हो गयी,
मैं हैरत से उसकी तरफ देख रहा था ,,फिर उसके झुक कर मेरी एक टाँग पर हाथ
मारा और मुझे टाँग साइड करने को बोला,,,मैने भी अपनी टाँग साइड करदी और सोफे पर
थोड़ी जगह बन गयी,,,,वो सोफे पर मेरी कमर के पास बैठ गयी,,,,उसकी इस हरकत से
मैं थोड़ा परेशान हो गया था,,,,,फिर उसने अपने हाथ को मेरे सर पर रखा और मेरे सर
को प्यार से सहलाने लगी,,,मेरे बलों मे उंगलियाँ घुमाने लगी,,,,लेकिन उसके दिमाग़ मे
कोई गंदगी नही थी,,,उसका मेरे सर को सहलाना कोई वासना से भरा खेल नही था,,वो मुझे
एक बहन होने के नाते बड़े प्यार से सहला रही थी और मेरी आँखों मे देख रही थी,,,,उसकी
आँखों मे भी प्यार था,,,वासना की हवस नही थी,,,एक बहन का प्यार था,,,,जो अपने भाई
से बहुत प्यार करती थी,,बहुत केर करती थी,,,,



मुझे भी उसका मेरे सर को सहलाना अच्छा लग रहा था,,,लेकिन मेरे दिमाग़ मे भी कोई गंदगी 
नही थी,,,मुझे भी अब वो पल याद आ रहे थे जब अक्सर मैं सोनिया के बेड पर लेट
जाता तो वो मेरे सर को अपनी गोद मे रखकर प्यार से सहलाने लगती,,,,,मुझे बड़ी जल्दी ही
नींद आ जाती थी,,,,लेकिन ये सब उस टाइम की बात थी जब तक मेरे दिल और दिमाग़ पर
सेक्स और वासना हावी नही हुए थे,,,



वो बड़े प्यार से मेरे सर को सहलाने लगी और मुझे नींद आने लगी,,,मेरी आँखें बंद होने 
लगी,,,,जैसे ही मेरी आँखें बंद हुई उसने मुझे हल्के से फोरहेड पर किस की और मुझे
गुड नाइट बोलकर वहाँ से चली गयी,,,,,उसने 2-3 मिनिट ही मेरे सर को सहलाया था लेकिन
उस 2-3 मिनिट की वजह से पूरी रात बहुत अच्छी नींद आई थी मुझे,,




नेक्स्ट डे कॉलेज जाने लगा तभी ख़ान भाई का फोन आ गया,,,,उन्होने बताया कि आज अमित
के केस की सुनवाई है कोर्ट मे,,,मैं कोर्ट मे तो नही जा सकता था क्यूकी मैं नही
चाहता था कि कोई मुझे वहाँ देख ले,,,वैसे भी ख़ान भाई ने बताया था कि बड़े लोगो का
केस है इसलिए बस केस से जुड़े लोग ही आ सकते है कोर्टरूम मे,,,,बाकी की खबर
ख़ान भाई ने बाद मे बताने को बोला और फोन काट दिया,,,,




कॉलेज से वापिस आए तो खाना ख़ाके कविता और सोनिया स्टडी करने लगी और मैं गेम खेलने 
लगा,,,करीब 3 बजे का टाइम था तो ख़ान भाई का वापिस फोन आ गया,,,,वो बहुत खुश थे




अमित के केस की सुनवाई हो गयी थी,,,सब तैयारी पहले से की हुई थी इसलिए पहली सुनवाई 
मे ही सारे सबूत कोर्ट मे पेश कर दिए गये थे,,,सबूत पक्के थे इसलिए अमित को 10
दिन की पोलीस रिमॅंड पर भेज दिया था क्यूकी पहली बार मे केस की सुनवाई पर फेंसला
नही हो सकता था,,,,अमित के बाप के वकील ने भी सीडीज़ की जाँच के लिए अर्जी दी थी कोर्ट
मे,,,,हालाकी कुछ हो नही सकता था लेकिन फिर भी कोर्ट ने 10 दिन का टाइम दिया था,,वैसे
ख़ान भाई ने बता दिया था कि अमित की सज़ा पक्की है,,,,,




मैं भी बहुत खुश हुआ ख़ान भाई की बात सुनके,,,मैने जाके ये बात कविता और सोनिया को
बताई तो वो दोनो भी बहुत खुश हो गयी,,,,दोनो जल्दी से अपने मोबाइल से अपने कॉलेज की
फ्रेंड्स को कॉल करके ये खबर बताने लगी,,,,,,,




मैं वापिस आके गेम खेलने लगा,,तभी मोबाइल की रिंग बजी तो देखा मोबाइल की बेटरी लो 
होने वाली थी,,,,,मैने उसको मामा के रूम मे चार्जिंग पर लगा दिया,,,
 
जब कुछ टाइम बाद दोनो फ्री हुई तो मेरे पास आ गयी और आके दोनो ही मेरे गले लग गयी,
ओह्ह सन्नी कितनी अच्छी खराब सुनाई तूने ,,,आज तो पार्टी होनी चाहिए,,,,,और पार्टी मैं
करूँगी,,,ये बात बोली कविता ने और जल्दी से अपने मोबाइल से कॉल की और पिज़्ज़ा ओरडर कर
दिया,,,,,



कुछ देर मे पिज़्ज़ा आ गया हम लोग पिज़्ज़ा एंजाय करने लगे,,,,हम लोग बहुत खुश थे और
पिज़्ज़ा खा रहे थे,,,,साथ मे हल्का हल्का हँसी मज़ाक भी चल रहा था,,अमित के नाम
पर जोक्स सुनाए जा रहे थे,,,,,तभी बाहर बेल बजी,,,,,



साला पिज़्ज़ा तो कबका आ गया था लेकिन अब बाहर कॉन आ गया,यही सोच कर मैं बाहर दरवाजे
पर गया,,,,,




बाहर का गेट भी बंद था,,,, जैसे ही मैने बाहर का गेट खोला तो सामने सुरेश खड़ा हुआ था 
हाथ मे पिस्टल लेके,,,,मैं कुछ बोलता या कुछ करता इस से पहले वो गुस्से से बोला,,,,


चल चल अंदर चल जल्दी,,,उसने पिस्टल को मेरी तरफ़ तान रखा था,,,मैं गेट से थोड़ा
पीछे हट गया वो भी गेट से आगे बढ़ कर घर के अंदर आ गया,,,




सुरेश ये क्या कर रहा है मेरे भाई,,,,,ये पिस्टल क्यूँ लेके आया तू ,,,,,



साले बकवास बंद कर अपनी,,,,,अब दोबारा मुँह खोला तो गोली मार दूँगा,,,



सुरेश लेकिन मैने किया क्या है मेरे भाई,,,,,मेरा क़सूर क्या है जो तू पिस्टल से मुझे
डरा रहा है,,,,,



साले हरामी,,,,,डरा नही रहा गोली मारने आया हूँ तुझे,,,,सब तेरी वजह से हुआ ,,,अमित
पकड़ा गया,,,सज़ा भी हो जाएगी शायद उसको,,,,इतनी बड़ी गेम खेली तूने हम लोगो के साथ



तुझे गलतफहमी हो रही है सुरेश,,,,मैने कुछ नही किया,,,कोई गेम नही खेली तुम लोगो
के साथ तुझे कोई ग़लतफहमी हो रही है,,,,,




गलतफहमी पहले थी साले मुझे,,,,लेकिन जब पता चला कि कोर्ट मे आज मेरी और अमित की
कोई वीडियो पेश हुई तो माथा ठनक गया मेरा,,,,वो वीडियो मेरे रूम की थी,,,जहाँ बैठकर
मैं और अमित बात कर रहे थे,,,,उन लोगो को वो वीडियो कहाँ से मिली होगी,,मैं यही सोच
रहा था तब तेरा पूरा प्लान मेरे दिमाग़ मे आ गया,,,,

पहले मुझे थोड़ा शक था तेरे पे,,,लेकिन हम लोगो का आपस मे कोई बैर नही था तो सोचा
कि तू ये सब क्यूँ करेगा,,,,फिर याद आया करण की बहन शिखा के बारे मे जो अमित के साथ
सेट थी,,,,अमित के कहने पर मैने सुमित के घर मे उसकी वीडियो भी बनाई थी लेकिन जब
कॅम चेक किया तो उसमे कोई वीडियो नही थी,,,,ये कैसे हो सकता था,,,हो ना हो वो भी तेरी
और करण की ही करतूत होगी,,,वरना आज तक मैने कॅम सेट किया हो और वीडियो ना बने ऐसा
कैसे हो सकता था,,,





तू ग़लत समझ रहा है ,,,मैने कुछ नही किया सुरेश,,मेरा बात मान मेरे भाई,,,,







मान लेता साले तेरी बात,,,,जैसे सुमित मानता था हम लोगो की बात,,पहले कभी उसकी इतनी
हिम्मत नही थी कि हम लोगो के सामने बोल सके,,,,,साला हमारे घर का कुत्ता था दुम 
हिलाता था हम लोगो के आगे पीछे लेकिन तेरी बातों मे आके हम लोगो को काटना शुरू कर दिया
उसने,,,उसको वीडियोस के बारे मे सब पता था क्यूकी उसके घर ही लड़कियों को लेके जाते थे
हम लोग,,,उसने पहले कभी वीडियो के बारे मे बोलकर हम लोगो को ब्लॅकमेल करने की कोशिश
नही की थी कभी,,,,,और जब उसने हम लोगो को सीडीज़ की धमकी दी थी तो मुझे याद आया उसका 
तब तुम लोगो के साथ उठना बैठना शुरू हो गया था,,,,,हो ना हो तूने ही उसके दिल मे हम
लोगो के खिलाफ जहर भरा होगा,,,,वरना उसकी इतनी हिम्मत कहाँ कि मेरे साथ झगड़ा कर
सके,,,वो सब तेरा ही प्लान था हरामी साले,,,,

उन्ही सीडीज़ की वजह से तूने मेरे बाप को ब्लॅकमेल करके मेरी बहन की शादी उस 2 कोड़ी के
करण के साथ करवा दी,,,,मैं कुछ नही कर सका,,,,,अब तुम लोगो ने मेरी बहन को कहीं
बाहर भेज दिया,,वो भी मेरे बाप की मदद से,,,,मेरे बाप को तो मैं कुछ नही कह सका
लेकिन तेरे से बदला ज़रूर लूँगा,,,,



जब सन्नी काफ़ी देर तक अंदर नही आया तो सोनिया भी बाहर देखने आई कि आख़िर बाहर कॉन आया
है जो सन्नी ने इतना टाइम लगा दिया,,,,

जैसे ही सोनिया की नज़र पड़ी सुरेश पर जो हाथ मे पिस्टल लेके खड़ा हुआ था और पिस्टल का
निशाना था सन्नी की तरफ तो सोनिया भाग कर सन्नी के पास आ गयी और सन्नी के सामने खड़ी
होने लगी,,,,,

सन्नी को पहले से पता था सोनिया ऐसा ही करेगी इसलिए सन्नी ने पहले ही सोनिया को अपने
साइड पर खड़ा कर लिया,,,,और आगे नही आने दिया,,,,

सोनिया के बाहर आते ही कविता भी घर के दरवाजे से बाहर आई और सन्नी के पास आके खड़ी
हो गयी,,,,


वाह भाई वाह,,,,एक तरफ मासूक़ और एक तरफ बहन,,,,सौरी मैं तो भूल गया था,,,बहन 
नही दोनो तरफ ही तेरी माशूक़ है,,,,इतना बोलकर सुरेश हँसने लगा,,,,,

देखा था तुम लोगो को उस दिन माल मे जब तू लोगो के सामने अपनी ही बहन के होंठों को
चूस रहा था,,,,,साले ज़रा भी शरम नही आई अपनी ही बहन को किस कर रहा था या 
फिर मैं बोलूं कि अपनी ही बहन को इतना प्यार कर रहा था कि लोगो को परवाह भी नही रही
तुझे,,,,मान गये,,,,इतना प्यार करता है तू अपनी बहन को,,,,,

अब तेरे से बदला लेने का आइडिया आया,,,,साले तेरी बहन को ही मार देता हूँ,,,यहीं है ना
तेरी जान ,,,,ये मरेगी तो तेरी जान अपने आप निकल जाएगी,,उस दिन भी माल की पार्किंग मे
बच गयी जब मैने इसको अपनी कार से कुचलने की कोशिश की,,,तब भी तू हीरो बनके सामने 
से आ टपका और बचा लिया था इसको,,,लेकिन आज नही,,,,,आज बचके जाने नही दूँगा इसको,


इतना बोलकर सुरेश ने निशाना सोनिया की तरफ कर लिया,,,,


नही सुरेश,,,,तुम ऐसा कुछ नही करोगे,,,,बात तेरी और मेरी है सोनिया को बीच मे मत
लेके आ,,,गोली मारनी है तो मुझे मार ,,,,सोनिया का कोई क़सूर नही इसमे,,,,

साले क़सूर तो रितिका का भी नही था फिर तू उसको बीच मे क्यूँ लेके आया,,,,क्यूँ उसकी शादी
करवाई उस 2 कोड़ी के करण के साथ,,,क्यूँ मेरी बहन को भड़काया मेरे खिलाफ ,,इतना जहर
क्यूँ भरा मेरी बहन के दिल मे मेरे खिलाफ कि उसने मेरी और अमित की वीडियो बना कर तुझे
दे दी थी,,,,,,,क्यूँ दूर किया उसको मेरे से,,,,बोल क्यूँ किया ,,,,,,,,,,अब मैं भी तेरी 
बहन को तेरे से दूर कर दूँगा फिर जाके चैन मिलेगा मुझे,,,,,
 
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