hotaks444
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तभी माँ और शोभा कॉफी लेके आ गयी अंदर,,,,,हम लोगो को हंसता देख माँ बोली,,,किस बात
पर इतनी हँसी आ रही है सब लोगो को,,,,
तो भुआ बोली,,,कुछ नही दीदी सन्नी को शोभा की शादी की बात किसी ने नही बताई ना ही
ख़ान भाई ने बताई और ना ही सोनिया और कविता ने,,,,,
इस बात से माँ भी हँसने लगी और शोभा अपनी शादी की बात से शरमा गयी,,,
अरे इन लोगो ने नही बताया तो आप तो बता सकती थी ना माँ मुझे,,अच्छा चलो नही बताया तो
कोई बात नही लेकिन अब अगर कोई काम हुआ तो अपने बेटे को ज़रूर बताना डॅड,,,,क्यूँ बताओगे
ना डॅड,,,,
हां हां बेटा तुझे नही तो किसको बताउन्गा,,,,वैसे मुझे तेरे से माफी भी माँगनी थी
सन्नी बेटा,,,,मुझे माफ़ कर्दे मैने तेरे से सारी बात छुपाई और तुझे कुछ नही बताया
सीमा के बारे मे,,,,
तभी मैं बीच मे बोल पड़ा,,ये कैसी बात कर रहे हो आप डॅड ,,मुझसे माफी माँग कर
आप मुझे शर्मिंदा कर रहे हो,,,,और क्या नही बताया अपने मुझे,,,,कॉन सीमा कैसी सीमा
,,मैं किसी सीमा को नही जानता,,,,मेरे लिए आप मेरे डॅड और ये मेरी माँ है,,,मुझे और
किसी की ज़रूरत नही,,,,आप दोनो ही मेरे माँ-बाप हो बस,,,,,तभी डॅड और माँ ने मुझे
गले लगा लिया,,,,
ठीक है बेटा आज के बाद कोई नाम नही लेगा सीमा का,,,,अब खुश,,,,
मैं खुश नही था,,,,आख़िर सीमा मेरी माँ थी ,,ये बात और है कि उसकी मजबूरी थी जो
वो मुझे और सोनिया को अपने साथ नही रख सकती थी,,,लेकिन उसके बारे मे बात करके मैं
अपने माँ पापा को उदास नही कर सकता था,,,,,
तभी मेरी नज़र गयी सोनिया की तरफ़ उसकी आँखें थोड़ी नम हो गयी थी सीमा का नाम सुनके
लेकिन फिर शोभा की शादी की बातें शुरू हो गयी और शोभा शरमाने लगी तो कविता के साथ
मिलकर सोनिया उसको तंग करने लगी,,,,,,ऐसे ही हँसी मज़ाक करते हुए थोड़ा टाइम बीत गया
फिर हम लोग सोने की तैयारी करने लगे,,,,,
मैने देखा कि वहाँ 4 रूम थे,,,एक रूम मे अशोक और सरिता चले गये,,,एक मे भुआ,,और
एक मे शोभा कविता और सोनिया,,,,बाकी बचा एक रूम जिसमे मैं चला गया,,,,मैने आज नोट
किया कि आज माँ भुआ और शोभा मे से कोई मेरी तरफ ज़्यादा देख नही रहा था,,शायद सोनिया
साथ आई थी और कविता भी इसलिए सब नौरमल था,,,,,मैं भी कुछ करने के मूड मे नही
था क्यूकी सोनिया और कविता की वजह से मेरा दिल ही नही कर रहा था कुछ ग़लत सोचने को
या कुछ ग़लत करने को माँ भुआ और शोभा के साथ,,,,,
रात आराम से सोया मैं और सुबह नाश्ता करके हम लोग वहाँ से चल पड़े,,,जब घर वापिस
पहुँचे तो कॉलेज का टाइम निकल चुका था,,,इसलिए कविता और सोनिया भी कॉलेज नही गयी
और मैं भी टीवी देखने लगा,,,,,
कुछ टाइम बाद कविता और सोनिया उपर के फ्लोर की सफाई करने लगी और मुझे भी साथ हेल्प
करने को बोला और मैं भी चलने लगा उनकी हेल्प करने तभी मेरे फोन की रिंग बजी मैने
देखा कि मधु का मेसेज ,,उसने कोई अड्रेस लिखकर भेजा था और लिखा था 2 बजे मिलने
को,,,,मैने टाइम देखा तो 11 बज रहे थे और पता था काफ़ी दूर का,,,,ये पता उसी जगह
के आस पास का था जहाँ पायल भाभी का फार्म हाउस था,,,,जहाँ मैं सोनिया और कविता को
पार्टी पर लेके गया था,,,,
क्या हुआ सन्नी किसका फोन है,,,,कविता ने पूछा,,,,
कुछ नही कविता,,कोई ज़रूरी काम आन पड़ा है तुम लोग सफाई करो मैं चला,,,शाम को
वापिस आउन्गा मैं,,,इतना बोलकर मैने रूम मे जाके कपड़े चेंज किए और पेन ड्राइव मे वो
वीडियोस भी डाल ली और चल पड़ा मधु के घर की तरफ,,,,,
1 बजे के करीब मैं उसके घर पहुँच गया,,,ये घर नही फार्म हाउस था और पायल के
फार्महाउस से कोई 4-5 किलोमीटर आगे थे ये फार्म हाउस,,,,मैने गेट पर जाके हॉरेन बजाया और
गेट खुल गया मैं कार को फार्म हाउस के अंदर ले गया,,,,फिर कार से निकल कर दरवाजे के
पास चला गया,
दरवाजे पर नॉक करने ही वाला था कि दरवाजा खुला और सामने जो खड़ा था उसको देखकर
मैं दंग रह गया,,,,,,
सामने खड़ी हुई थी मधु,,,,,जिसने एक ब्लॅक कलर की शॉर्ट स्कर्ट जो उसके घुटनो से काफ़ी
उपर थी और साथ मे था वाइट कलर का टॉप जो उसकी नाभि से 3-4 इंच उपर था या आप कह
सकते हो वो टॉप उसके बूब्स से बस थोड़ा सा नीचे था,,,उसने अभी लिप्स पर गहरे लाल रंग
की लिपस्टिक लगाई हुई थी,,,,उसके बूब्स ज़्यादा बड़े नही थे लेकिन छोटे भी नही थे,
रंग एक दम गोरा था,,,मैने उसको देखा तो देखता ही रह गया ,,,,मेरी नज़र उसके जिस्म को
उपर से नीचे तक देखती जा रही थी,,मैं उसके एक एक अंग का मुआयना कर रहा था ये बात
उसको भी पता थी,,,,लेकिन फिर भी मैं उसको उपर से नीचे तक देखता जा रहा था बार
बार,,,,,,
तभी वो बोली,,,,बाहर ही खड़े रहोगे या अंदर भी आओगे सन्नी,,,,
मैं उसकी बात से नींद से जाग गया और उसके कहने पर अंदर चला गया,,,,मैं दरवाजे से
निकल कर अंदर चला गया जबकि वो दरवाजा बंद कर रही थी ,,,,मैं अंदर जाके भी उसकी
तरफ पलट गया और दरवाजा बंद करते हुए उसकी नंगी पीठ और नंगी टाँगों को देखने लगा
लेकिन खास कर मेरा ध्यान था उसकी गान्ड पर जो टाइट स्कर्ट मे काफ़ी मस्त लग रही थी,,,
उसने पलट कर मुझे उसकी गान्ड देखते हुए पकड़ लिया और मुस्कुराने लगी,,,,
ऐसे क्या देख रहे हो सन्नी,,,,पहले किसी को स्कर्ट और टॉप मे नही देखा क्या,,,
देखा है मधु मेडम,,,,लेकिन आपके जितनी खूबसूरत कोई नही देखी स्कर्ट टॉप मे,,लेकिन
सबसे बड़ी हैरानी तो इस बात की है कि मैं तो आप को पहचान ही नही सका,,,ऑफीस मे
आपको साड़ी मे देखा था तब आप बिल्कुल सिंपल लग रही थी और यहाँ आके आपको इन कपड़ो मे
देखा तो यकीन नही हुआ,,,,,,
वो पार्टी ऑफीस है सन्नी,,,वहाँ बैठकर लोगो की मुश्किले सुनती हूँ इसलिए सिंपल बनके
रहती हूँ वहाँ ज़रा सोचो अगर टॉप स्कर्ट मे बैठ गयी तो उन लोगो की मुस्किल क्या सुन-नी
मैं तो खुद मुश्किल मे फँस जाउन्गी,,,,वहाँ साड़ी मे ही बैठना पड़ता है,.,,,और वैसे
भी वो मेरी जॉब लाइफ है और ये पार्सनल लाइफ है,,,,,ज़रूरी नही मैं ऑफीस मे जैसे रहती
हूँ वैसे ही घर पर रहूं,,,,
ये बात तो सही है मेडम,,,,लेकिन फिर भी आपको देख कर कुछ पल के लिए हैरान हो गया
था मैं,,,,,,
समझ सकती हूँ मैं सन्नी,,,,,तुम मुझे देखकर हैरत मे पड़ गये थे चलो अब जो तुम
लेके आए हो वो मुझे दिखाओ और मुझे हैरात मे डालो,,,,,इतना बोलकर वो हँसने लगी
मैं कुछ समझा नही मधु मेडम,,,,,,
अरे बाबा जो सबूत लेके आए हो दिखाओ मुझे,,,,लेके भी आए हो या नही,,,,,
जी जी लेके आया हूँ,,,,,तभी मैने पॉकेट से पेनड्राइव निकाली और उसको दिखने लगा,,,
वो जल्दी से अपने रूम मे गयी और लॅपटॉप लेके आई और सोफे पर बैठ गयी और मुझे भी अपने
साथ बैठने को बोला,,,,,
मैं उसके साथ सोफे पर बैठ गया ,,उसने लॅपटॉप सामने टेबल पर रख दिया और ऑन कर दिया
,,मैने भी पेनड्राइव लगा दी और वीडियो प्ले करदी,,,,
पर इतनी हँसी आ रही है सब लोगो को,,,,
तो भुआ बोली,,,कुछ नही दीदी सन्नी को शोभा की शादी की बात किसी ने नही बताई ना ही
ख़ान भाई ने बताई और ना ही सोनिया और कविता ने,,,,,
इस बात से माँ भी हँसने लगी और शोभा अपनी शादी की बात से शरमा गयी,,,
अरे इन लोगो ने नही बताया तो आप तो बता सकती थी ना माँ मुझे,,अच्छा चलो नही बताया तो
कोई बात नही लेकिन अब अगर कोई काम हुआ तो अपने बेटे को ज़रूर बताना डॅड,,,,क्यूँ बताओगे
ना डॅड,,,,
हां हां बेटा तुझे नही तो किसको बताउन्गा,,,,वैसे मुझे तेरे से माफी भी माँगनी थी
सन्नी बेटा,,,,मुझे माफ़ कर्दे मैने तेरे से सारी बात छुपाई और तुझे कुछ नही बताया
सीमा के बारे मे,,,,
तभी मैं बीच मे बोल पड़ा,,ये कैसी बात कर रहे हो आप डॅड ,,मुझसे माफी माँग कर
आप मुझे शर्मिंदा कर रहे हो,,,,और क्या नही बताया अपने मुझे,,,,कॉन सीमा कैसी सीमा
,,मैं किसी सीमा को नही जानता,,,,मेरे लिए आप मेरे डॅड और ये मेरी माँ है,,,मुझे और
किसी की ज़रूरत नही,,,,आप दोनो ही मेरे माँ-बाप हो बस,,,,,तभी डॅड और माँ ने मुझे
गले लगा लिया,,,,
ठीक है बेटा आज के बाद कोई नाम नही लेगा सीमा का,,,,अब खुश,,,,
मैं खुश नही था,,,,आख़िर सीमा मेरी माँ थी ,,ये बात और है कि उसकी मजबूरी थी जो
वो मुझे और सोनिया को अपने साथ नही रख सकती थी,,,लेकिन उसके बारे मे बात करके मैं
अपने माँ पापा को उदास नही कर सकता था,,,,,
तभी मेरी नज़र गयी सोनिया की तरफ़ उसकी आँखें थोड़ी नम हो गयी थी सीमा का नाम सुनके
लेकिन फिर शोभा की शादी की बातें शुरू हो गयी और शोभा शरमाने लगी तो कविता के साथ
मिलकर सोनिया उसको तंग करने लगी,,,,,,ऐसे ही हँसी मज़ाक करते हुए थोड़ा टाइम बीत गया
फिर हम लोग सोने की तैयारी करने लगे,,,,,
मैने देखा कि वहाँ 4 रूम थे,,,एक रूम मे अशोक और सरिता चले गये,,,एक मे भुआ,,और
एक मे शोभा कविता और सोनिया,,,,बाकी बचा एक रूम जिसमे मैं चला गया,,,,मैने आज नोट
किया कि आज माँ भुआ और शोभा मे से कोई मेरी तरफ ज़्यादा देख नही रहा था,,शायद सोनिया
साथ आई थी और कविता भी इसलिए सब नौरमल था,,,,,मैं भी कुछ करने के मूड मे नही
था क्यूकी सोनिया और कविता की वजह से मेरा दिल ही नही कर रहा था कुछ ग़लत सोचने को
या कुछ ग़लत करने को माँ भुआ और शोभा के साथ,,,,,
रात आराम से सोया मैं और सुबह नाश्ता करके हम लोग वहाँ से चल पड़े,,,जब घर वापिस
पहुँचे तो कॉलेज का टाइम निकल चुका था,,,इसलिए कविता और सोनिया भी कॉलेज नही गयी
और मैं भी टीवी देखने लगा,,,,,
कुछ टाइम बाद कविता और सोनिया उपर के फ्लोर की सफाई करने लगी और मुझे भी साथ हेल्प
करने को बोला और मैं भी चलने लगा उनकी हेल्प करने तभी मेरे फोन की रिंग बजी मैने
देखा कि मधु का मेसेज ,,उसने कोई अड्रेस लिखकर भेजा था और लिखा था 2 बजे मिलने
को,,,,मैने टाइम देखा तो 11 बज रहे थे और पता था काफ़ी दूर का,,,,ये पता उसी जगह
के आस पास का था जहाँ पायल भाभी का फार्म हाउस था,,,,जहाँ मैं सोनिया और कविता को
पार्टी पर लेके गया था,,,,
क्या हुआ सन्नी किसका फोन है,,,,कविता ने पूछा,,,,
कुछ नही कविता,,कोई ज़रूरी काम आन पड़ा है तुम लोग सफाई करो मैं चला,,,शाम को
वापिस आउन्गा मैं,,,इतना बोलकर मैने रूम मे जाके कपड़े चेंज किए और पेन ड्राइव मे वो
वीडियोस भी डाल ली और चल पड़ा मधु के घर की तरफ,,,,,
1 बजे के करीब मैं उसके घर पहुँच गया,,,ये घर नही फार्म हाउस था और पायल के
फार्महाउस से कोई 4-5 किलोमीटर आगे थे ये फार्म हाउस,,,,मैने गेट पर जाके हॉरेन बजाया और
गेट खुल गया मैं कार को फार्म हाउस के अंदर ले गया,,,,फिर कार से निकल कर दरवाजे के
पास चला गया,
दरवाजे पर नॉक करने ही वाला था कि दरवाजा खुला और सामने जो खड़ा था उसको देखकर
मैं दंग रह गया,,,,,,
सामने खड़ी हुई थी मधु,,,,,जिसने एक ब्लॅक कलर की शॉर्ट स्कर्ट जो उसके घुटनो से काफ़ी
उपर थी और साथ मे था वाइट कलर का टॉप जो उसकी नाभि से 3-4 इंच उपर था या आप कह
सकते हो वो टॉप उसके बूब्स से बस थोड़ा सा नीचे था,,,उसने अभी लिप्स पर गहरे लाल रंग
की लिपस्टिक लगाई हुई थी,,,,उसके बूब्स ज़्यादा बड़े नही थे लेकिन छोटे भी नही थे,
रंग एक दम गोरा था,,,मैने उसको देखा तो देखता ही रह गया ,,,,मेरी नज़र उसके जिस्म को
उपर से नीचे तक देखती जा रही थी,,मैं उसके एक एक अंग का मुआयना कर रहा था ये बात
उसको भी पता थी,,,,लेकिन फिर भी मैं उसको उपर से नीचे तक देखता जा रहा था बार
बार,,,,,,
तभी वो बोली,,,,बाहर ही खड़े रहोगे या अंदर भी आओगे सन्नी,,,,
मैं उसकी बात से नींद से जाग गया और उसके कहने पर अंदर चला गया,,,,मैं दरवाजे से
निकल कर अंदर चला गया जबकि वो दरवाजा बंद कर रही थी ,,,,मैं अंदर जाके भी उसकी
तरफ पलट गया और दरवाजा बंद करते हुए उसकी नंगी पीठ और नंगी टाँगों को देखने लगा
लेकिन खास कर मेरा ध्यान था उसकी गान्ड पर जो टाइट स्कर्ट मे काफ़ी मस्त लग रही थी,,,
उसने पलट कर मुझे उसकी गान्ड देखते हुए पकड़ लिया और मुस्कुराने लगी,,,,
ऐसे क्या देख रहे हो सन्नी,,,,पहले किसी को स्कर्ट और टॉप मे नही देखा क्या,,,
देखा है मधु मेडम,,,,लेकिन आपके जितनी खूबसूरत कोई नही देखी स्कर्ट टॉप मे,,लेकिन
सबसे बड़ी हैरानी तो इस बात की है कि मैं तो आप को पहचान ही नही सका,,,ऑफीस मे
आपको साड़ी मे देखा था तब आप बिल्कुल सिंपल लग रही थी और यहाँ आके आपको इन कपड़ो मे
देखा तो यकीन नही हुआ,,,,,,
वो पार्टी ऑफीस है सन्नी,,,वहाँ बैठकर लोगो की मुश्किले सुनती हूँ इसलिए सिंपल बनके
रहती हूँ वहाँ ज़रा सोचो अगर टॉप स्कर्ट मे बैठ गयी तो उन लोगो की मुस्किल क्या सुन-नी
मैं तो खुद मुश्किल मे फँस जाउन्गी,,,,वहाँ साड़ी मे ही बैठना पड़ता है,.,,,और वैसे
भी वो मेरी जॉब लाइफ है और ये पार्सनल लाइफ है,,,,,ज़रूरी नही मैं ऑफीस मे जैसे रहती
हूँ वैसे ही घर पर रहूं,,,,
ये बात तो सही है मेडम,,,,लेकिन फिर भी आपको देख कर कुछ पल के लिए हैरान हो गया
था मैं,,,,,,
समझ सकती हूँ मैं सन्नी,,,,,तुम मुझे देखकर हैरत मे पड़ गये थे चलो अब जो तुम
लेके आए हो वो मुझे दिखाओ और मुझे हैरात मे डालो,,,,,इतना बोलकर वो हँसने लगी
मैं कुछ समझा नही मधु मेडम,,,,,,
अरे बाबा जो सबूत लेके आए हो दिखाओ मुझे,,,,लेके भी आए हो या नही,,,,,
जी जी लेके आया हूँ,,,,,तभी मैने पॉकेट से पेनड्राइव निकाली और उसको दिखने लगा,,,
वो जल्दी से अपने रूम मे गयी और लॅपटॉप लेके आई और सोफे पर बैठ गयी और मुझे भी अपने
साथ बैठने को बोला,,,,,
मैं उसके साथ सोफे पर बैठ गया ,,उसने लॅपटॉप सामने टेबल पर रख दिया और ऑन कर दिया
,,मैने भी पेनड्राइव लगा दी और वीडियो प्ले करदी,,,,