hotaks444
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बाहर कुछ फुसफुसाहट शुरू हुई और मैं जानती थी कि मुझे कुछ करना था. मैं खड़ी हुई और टाय्लेट पेपर से अपनी चूत सॉफ करने के बाद अपनी स्कर्ट को नीचे किया. अपनी चड्डी मैने अपने पर्स मे रखी और मैं बाहर आने को तय्यार हो गई. मेरे मन ने मुझसे कहा कि घबराने की कोई बात नही है जूली! सब जो बाहर खड़ी हैं, उन सब के पास चूत है, उनमे बहुत सारी या सब वो ज़रूर करती होगी जो मैने अभी अभी किया है.
मैने दरवाजा खोला, एक लंबी साँस ली और बाहर कदम रखा. बाहर सब की सब जैसे सकते मे खड़ी थी. सब की सब मेरी तरफ देख रही थी, मुझे निहार रही थी. किसी ने भी अपने मूह से कोई आवाज़ नही निकाली, कुछ नही बोली. मैने और एक लंबी साँस ली और आगे बढ़ी.
मैं वॉश बेसिन तक आई और अपने काँपते हुए हाथ धोने लगी. मेरा चेहरा शर्म से लाल हो रहा था और साँसे तेज होने की वजह से मेरी चुचियाँ उपर नीचे हो रही थी. सब की सब मुझे देखे जा रही थी और अपने मन मे कहीं ना कहीं मैं अपने आप को उन सब से बड़ी, सब से लंबी सब से महान समझ रही थी.
एक औरत जो करीब 50 साल की थी और मेरी बगल मे खड़ी थी. मैं जब अपने हाथ धोने के बाद उनको सुखाने की लिए टिश्यू पेपर लेने को अपना हाथ बढ़ाया तो वो औरत मुझे जैसे सूंघने लगी. वो मेरे बदन की खुश्बू लेने लगी. लगा कि कोई कुछ कहना चाहती है मगर बोल नही पा रही है.
मैं अब तक अपने आप पर काबू पा चुकी थी.
अचानक वो औरत बोली ” मुझे लगता है जो तुम ने किया है, उसकी तुम को बहुत ज़रूरत थी. तुम ने कुछ ग़लत नही किया.” वो मुस्कराते हुए कहती जा रही थी ” इस मे घबराने या शरमाने की क्या बात है डियर! हम सब ने ये किया है जो तुम ने किया है. ये हमारी ज़रूरत है और इसमे मज़ा भी तो बहुत आता है. मुझे पूरा यकीन है कि तुम को भी बहुत मज़ा आया होगा. मुझे तो सोच कर ही मज़ा आ रहा है.”
और उसने सब की तरफ देखा. सब की सब मुस्करा रही थी. फिर सब की सब एक साथ हंस पड़ी. सारा तनाव ख़तम हो गया.
एक सेक्सी सी लड़की ने ताली बजाई तो उसके पीछे पीछे सब ने तालियाँ बजा कर मेरा स्वागत किया जैसे मैने वो काम किया है, और खास करके वहाँ किया है जहाँ वो सोच भी नही सकती.
मैं तो शर्म से और लाल हो गई. मैने उस औरत के गाल पर एक प्यारी सी पप्पी धन्यवाद के रूप मे दी. उस ने भी जवाब मे मेरे गाल पर धन्यवाद दिया.
फिर वो बोली ” जवानी मे मैं भी तुम्हारी तरह थी.” उसने मेरे पर्स से झाँकति हुई चड्डी की तरफ इशारा किया और बोली “क्या तुम अपनी ये प्यार की निशानी मुझे दे सकती हो? मैं अपने किटी क्लब की सहेलियों को ये दिखा कर बताना चाहती हूँ कि ऐसा सही मे हुआ है.”
वो मेरे पर्स से बाहर झाँकति हुई, गीला दाग लगी हुई, मेरी चूत का रस लगी हुई चड्डी को लगातार देखे जा रही थी. मैने अपना पर्स खोला और अपनी चड्डी उस औरत को दे कर दरवाजे की तरफ बढ़ी.
मुझे बराबर याद नही है, पर मैं शायद वॉश रूम से निकल कर भागती हुई पार्किंग मे अपनी कार तक आई थी.
बाहर आने के बाद मैं एक दम शांत थी. अपनी कार मे बैठ कर मैने फिर एक लंबी साँस ली और अपने घर की तरफ रवाना हुई.
मैं अपने आप को बहुत संतुष्ट महसूस कर रही थी.
धन्यवाद आंजेलीना! मेरी प्यारी चुदाई की साथी. मुझे लगता है मैने तुम्हारा दिया चॅलॅंज अच्छी तरह से पूरा किया है.
मेरी चंचल चूत को मैं खुद ही बाज़ार मे चोद कर आ रही थी.
क्रमशः................................
मैने दरवाजा खोला, एक लंबी साँस ली और बाहर कदम रखा. बाहर सब की सब जैसे सकते मे खड़ी थी. सब की सब मेरी तरफ देख रही थी, मुझे निहार रही थी. किसी ने भी अपने मूह से कोई आवाज़ नही निकाली, कुछ नही बोली. मैने और एक लंबी साँस ली और आगे बढ़ी.
मैं वॉश बेसिन तक आई और अपने काँपते हुए हाथ धोने लगी. मेरा चेहरा शर्म से लाल हो रहा था और साँसे तेज होने की वजह से मेरी चुचियाँ उपर नीचे हो रही थी. सब की सब मुझे देखे जा रही थी और अपने मन मे कहीं ना कहीं मैं अपने आप को उन सब से बड़ी, सब से लंबी सब से महान समझ रही थी.
एक औरत जो करीब 50 साल की थी और मेरी बगल मे खड़ी थी. मैं जब अपने हाथ धोने के बाद उनको सुखाने की लिए टिश्यू पेपर लेने को अपना हाथ बढ़ाया तो वो औरत मुझे जैसे सूंघने लगी. वो मेरे बदन की खुश्बू लेने लगी. लगा कि कोई कुछ कहना चाहती है मगर बोल नही पा रही है.
मैं अब तक अपने आप पर काबू पा चुकी थी.
अचानक वो औरत बोली ” मुझे लगता है जो तुम ने किया है, उसकी तुम को बहुत ज़रूरत थी. तुम ने कुछ ग़लत नही किया.” वो मुस्कराते हुए कहती जा रही थी ” इस मे घबराने या शरमाने की क्या बात है डियर! हम सब ने ये किया है जो तुम ने किया है. ये हमारी ज़रूरत है और इसमे मज़ा भी तो बहुत आता है. मुझे पूरा यकीन है कि तुम को भी बहुत मज़ा आया होगा. मुझे तो सोच कर ही मज़ा आ रहा है.”
और उसने सब की तरफ देखा. सब की सब मुस्करा रही थी. फिर सब की सब एक साथ हंस पड़ी. सारा तनाव ख़तम हो गया.
एक सेक्सी सी लड़की ने ताली बजाई तो उसके पीछे पीछे सब ने तालियाँ बजा कर मेरा स्वागत किया जैसे मैने वो काम किया है, और खास करके वहाँ किया है जहाँ वो सोच भी नही सकती.
मैं तो शर्म से और लाल हो गई. मैने उस औरत के गाल पर एक प्यारी सी पप्पी धन्यवाद के रूप मे दी. उस ने भी जवाब मे मेरे गाल पर धन्यवाद दिया.
फिर वो बोली ” जवानी मे मैं भी तुम्हारी तरह थी.” उसने मेरे पर्स से झाँकति हुई चड्डी की तरफ इशारा किया और बोली “क्या तुम अपनी ये प्यार की निशानी मुझे दे सकती हो? मैं अपने किटी क्लब की सहेलियों को ये दिखा कर बताना चाहती हूँ कि ऐसा सही मे हुआ है.”
वो मेरे पर्स से बाहर झाँकति हुई, गीला दाग लगी हुई, मेरी चूत का रस लगी हुई चड्डी को लगातार देखे जा रही थी. मैने अपना पर्स खोला और अपनी चड्डी उस औरत को दे कर दरवाजे की तरफ बढ़ी.
मुझे बराबर याद नही है, पर मैं शायद वॉश रूम से निकल कर भागती हुई पार्किंग मे अपनी कार तक आई थी.
बाहर आने के बाद मैं एक दम शांत थी. अपनी कार मे बैठ कर मैने फिर एक लंबी साँस ली और अपने घर की तरफ रवाना हुई.
मैं अपने आप को बहुत संतुष्ट महसूस कर रही थी.
धन्यवाद आंजेलीना! मेरी प्यारी चुदाई की साथी. मुझे लगता है मैने तुम्हारा दिया चॅलॅंज अच्छी तरह से पूरा किया है.
मेरी चंचल चूत को मैं खुद ही बाज़ार मे चोद कर आ रही थी.
क्रमशः................................