hotaks444
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अध्याय दूसरा......
पिछले अध्याय में आपने राज का आईने तक पहुंचने का संघर्ष पढ़ा था। वहीं बीच बीच मे राज से जुड़े कुछ मनोरंजनात्मक दृश्य भी पढ़ने को मिले। अब आने वाले अध्याय में राज के शेष जीवन और आईने की शक्तियों के बारे में पढ़ेंगे।
अध्याय - 2
राज अपने पिता के साथ गाड़ी से नीचे उतरता है और अपना सारा सामान भी साथ ले आता है। गिरधारी घर के दरवाजे की बेल बजाता है। बेल बजने के कुछ ही समय बाद सरिता दरवाजा खोल कर गिरधारी और राज का स्वागत करती है।
राज भी घर आकर और अपनी माँ सरिता से मिलकर खुश था। तभी अंदर से सोनिया और रानी भी दरवाजे के पास आकर खड़ी हो जाती है।
गिरधारी: लो लाड़साहब को ले आया हूँ । अपनी नानी के आंचल मैं छिपा बैठा था। राज अपने पापा की ऐसी बात सुन कर थोड़ा सा नाराज हो जाता है। वो पहले से ही उदास था क्योंकि उसे बिना अपने दोस्तों से मिले ही लौटना पड़ा। राज पेर पटकता हुआ अपने कमरे में चला जाता है।
राज के घर के अंदर जाते ही सरिता गिरधारी की तरफ आंख निकाल कर डांटती है। और घूम कर किचन की तरफ चली जाती है। वहीं रानी और सोनिया दोनो एक दूसरे को ताली देते हुए हंसने लगती है। तभी गिरधारी उन दोनो की तरफ सीरियस देखता है तो रानी और सोनिया दोनो सीरियस हो जाते है । तभी तीनों एक दूसरे की आंखों में झांक कर देखते है और फिर हँसने लग जातें है। तभी रानी अपने होंठों पर उंगली रख कर उन्हें शांत होने का इशारा करती है जिसे देख कर सब धीमे धीमे हँसने लगते है।
करीब 15 मिनट बाद राज की माँ सरिता राज को खाने के लिए आवाज देती है। राज अपने बाथरूम में था। राज अपना हाथ मुह धो कर बाहर आने ही वाला था कि राज को पेशाब लगने लगता है। जिसके लिए वो वापस से बाथरूम में चल जाता है। ठीक उसी वक़्त सरिता राज को आवाज देती है। लेकिन वो आवाज इतनी मध्यम थी कि राज को सुनाई ही नही दी।
राज अपने कपड़े बदल कर शार्ट और टी-शर्ट पहन चुका था। राज पेशाब करने के लिए जैसे ही अपना शार्ट नीचे करता है राज चोंक जाता है। उसका लन्ड पिछले कई दिनों से ज्यादा बड़ा लग रहा था। और मोटा भी अच्छा खासा था।
यहाँ तक कि उसका लन्ड खड़ा ना भी हो तो हमेशा ऐसा दिखता था जैसे सेमी इरेक्ट (हल्का कड़ा) हो। राज उसे जैसे ही हाथ मे लेता है राज के पूरे बदन में झुरझुरी दौड़ जाती है।
राज के सुपडे में भयंकर दर्द हो रहा था और वो हल्का हल्का सूजा हुआ भी था। फिर राज को वो लम्हा याद आता है जब वो लता के साथ सेक्स कर रहा था।
राज के चेहरे पर एक हल्की मुस्कान आ जाती है। फिर राज अपने लन्ड को कमोड की तरफ करके पेशाब करने लगता है। पेशाब करते करते राज को बार बार लता और सेक्स याद आ रहा था। राज आंखें बंद करके वो लम्हा याद कर रहा था जब उसने लता के साथ सेक्स किया था। राज अभी पेशाब करने के बाद अपने लन्ड को आगे पीछे करके पेशाब की आखिरी बून्द भी बाहर निकाल रहा था और लता को याद करके मुस्कुरा ही रह था की अचानक से उसके ख्वाबों में लता की जगह रानी आ जाती है।
पिछले अध्याय में आपने राज का आईने तक पहुंचने का संघर्ष पढ़ा था। वहीं बीच बीच मे राज से जुड़े कुछ मनोरंजनात्मक दृश्य भी पढ़ने को मिले। अब आने वाले अध्याय में राज के शेष जीवन और आईने की शक्तियों के बारे में पढ़ेंगे।
अध्याय - 2
राज अपने पिता के साथ गाड़ी से नीचे उतरता है और अपना सारा सामान भी साथ ले आता है। गिरधारी घर के दरवाजे की बेल बजाता है। बेल बजने के कुछ ही समय बाद सरिता दरवाजा खोल कर गिरधारी और राज का स्वागत करती है।
राज भी घर आकर और अपनी माँ सरिता से मिलकर खुश था। तभी अंदर से सोनिया और रानी भी दरवाजे के पास आकर खड़ी हो जाती है।
गिरधारी: लो लाड़साहब को ले आया हूँ । अपनी नानी के आंचल मैं छिपा बैठा था। राज अपने पापा की ऐसी बात सुन कर थोड़ा सा नाराज हो जाता है। वो पहले से ही उदास था क्योंकि उसे बिना अपने दोस्तों से मिले ही लौटना पड़ा। राज पेर पटकता हुआ अपने कमरे में चला जाता है।
राज के घर के अंदर जाते ही सरिता गिरधारी की तरफ आंख निकाल कर डांटती है। और घूम कर किचन की तरफ चली जाती है। वहीं रानी और सोनिया दोनो एक दूसरे को ताली देते हुए हंसने लगती है। तभी गिरधारी उन दोनो की तरफ सीरियस देखता है तो रानी और सोनिया दोनो सीरियस हो जाते है । तभी तीनों एक दूसरे की आंखों में झांक कर देखते है और फिर हँसने लग जातें है। तभी रानी अपने होंठों पर उंगली रख कर उन्हें शांत होने का इशारा करती है जिसे देख कर सब धीमे धीमे हँसने लगते है।
करीब 15 मिनट बाद राज की माँ सरिता राज को खाने के लिए आवाज देती है। राज अपने बाथरूम में था। राज अपना हाथ मुह धो कर बाहर आने ही वाला था कि राज को पेशाब लगने लगता है। जिसके लिए वो वापस से बाथरूम में चल जाता है। ठीक उसी वक़्त सरिता राज को आवाज देती है। लेकिन वो आवाज इतनी मध्यम थी कि राज को सुनाई ही नही दी।
राज अपने कपड़े बदल कर शार्ट और टी-शर्ट पहन चुका था। राज पेशाब करने के लिए जैसे ही अपना शार्ट नीचे करता है राज चोंक जाता है। उसका लन्ड पिछले कई दिनों से ज्यादा बड़ा लग रहा था। और मोटा भी अच्छा खासा था।
यहाँ तक कि उसका लन्ड खड़ा ना भी हो तो हमेशा ऐसा दिखता था जैसे सेमी इरेक्ट (हल्का कड़ा) हो। राज उसे जैसे ही हाथ मे लेता है राज के पूरे बदन में झुरझुरी दौड़ जाती है।
राज के सुपडे में भयंकर दर्द हो रहा था और वो हल्का हल्का सूजा हुआ भी था। फिर राज को वो लम्हा याद आता है जब वो लता के साथ सेक्स कर रहा था।
राज के चेहरे पर एक हल्की मुस्कान आ जाती है। फिर राज अपने लन्ड को कमोड की तरफ करके पेशाब करने लगता है। पेशाब करते करते राज को बार बार लता और सेक्स याद आ रहा था। राज आंखें बंद करके वो लम्हा याद कर रहा था जब उसने लता के साथ सेक्स किया था। राज अभी पेशाब करने के बाद अपने लन्ड को आगे पीछे करके पेशाब की आखिरी बून्द भी बाहर निकाल रहा था और लता को याद करके मुस्कुरा ही रह था की अचानक से उसके ख्वाबों में लता की जगह रानी आ जाती है।