hotaks444
New member
- Joined
- Nov 15, 2016
- Messages
- 54,521
रवि का लंड एक दम से डॉली की चूत के छेद पर जा लगा….डॉली के बदन मे मस्ती की लहर दौड़ गयी….उसकी चूत के छेद मे सरसराहट होने लगी…डॉली ने अपने होंठो को दाँतों मे भिचते हुए, एक मादक सिसकारी छोड़ कर रवि को ये जतला दिया, कि वो फिर से उसका लंड अपनी चूत मे लेने के लिए तड़प रही है….
रवि ने डॉली को अपनी बाहों मे भरते हुए, धीरे-2 अपने लंड को डॉली की चूत के छेद के अंदर घुसाना चालू कर दिया…जैसे ही रवि के लंड का सुपाडा डॉली की चूत के छेद के अंदर गया…डॉली मस्ती और वासना मे एक दम तड़प उठी, और उसने अपनी चूत को पीछे की ओर रवि के लंड पर दबाना चालू कर दिया….डॉली की गीली रस से भरी चूत मे रवि के लंड का सुपाडा उसकी चूत की दीवारों से रगड़ ख़ाता हुआ धीरे-2 अंदर घुसने लगा……
जैसे ही रवि का आधा लंड डॉली की चूत मे घुसा…..डॉली के होंठो पर वासना से भरी हुई मुस्कान फैल गयी…उसकी आँखे बंद हो गयी….और उसने अपनी चूत को पीछे की ओर दबाना बंद कर दिया…
डॉली: (मस्ती से भरी काँपती हुई आवाज़ मे) रवि धीरीईए करना साहिल उठ ना जाए….
रवि ने हां मे सर हिलाते हुए, डॉली की चूत मे अपने लंड को और अंदर करना चालू कर दिया…धीरे- 2 रवि के लंड का सुपाडा डॉली की बच्चेदानी के मुँह पर जा लगा. और डॉली रवि के मोटे लंड को अपनी चूत मे फँसा हुआ महसूस करके, एक दम गरम हो गयी….
रवि ने डॉली की चिन को पकड़ कर उसके फेस को अपनी तरफ घुमाया….डॉली ने अपनी आँखों को खोल कर देखा…डॉली की आँखों मे वासना और मदहोशी का नशा भरा हुआ था….उसकी आँखों मे मस्ती के लाल डोरे तैर रहे थे….
रवि ने डॉली की आँखों मे झाँकते हुए, अपने होंठो को उसके होंठो की तरफ बढ़ाना चालू कर दिया…जैसे-2 डॉली के होंठो के नज़दीक रवि के होन्ट पहुँच रहे थे… डॉली की आँखों की पलकें धीरे-2 बंद होने लगी….रवि ने डॉली के होंठो को अपने होंठो मे भर कर चूसना चालू कर दिया…डॉली ने भी अपने होंठो को खोल लिया, और रवि से अपने गुलाबी रसीले होंठो को मस्त होकर चुसवाने लगी…..
डॉली की वासना अब उसकी हरकतों मे सॉफ झलक रही थी….वो धीरे -2 पीछे के और अपनी कमर हिला कर, रवि के लंड को अपनी चूत के अंदर बाहर करने लगी…रवि के लंड का सुपाडा डॉली की चूत के दीवारों से घिसता हुआ अंदर बाहर हो रहा था, और डॉली के दिल की धड़कन तेज और तेज होती जा रही थी….
रवि का लंड डॉली की चूत से निकल रहे काम रस से भीग कर एक दम चिकना हो गया था, जो अब आसानी से डॉली की चूत के अंदर बाहर हो रहा था….काफ़ी देर से शांत पड़ा रवि नये जोश से भर गया….और अपने एक हाथ से डॉली के कूल्हे को पकड़ कर, तेज़ी से अपने लंड को उसकी चूत के अंदर बाहर करते हुए चोदने लगा….
डॉली: (रवि के होंठो से अपने होंठो को हटा कर अपना फेस आगे करते हुए) आह आह ओह्ह्ह्ह रवीिइ धीरीई साहिल ओह्ह्ह्ह ओह धीरीईए करो उम्ह्ह्ह्ह्ह सीयी ओह्ह्ह्ह ब्बास उफ़फ्फ़ उम्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह सीईईईईईई अहह
रवि का लंड डॉली की चूत के अंदर फॅक -2 की आवाज़ करता हुआ अंदर बाहर हो रहा था. और डॉली भी पीछे की तरफ अपनी गान्ड को धकेल-2 कर अपनी चूत को रवि के लंड पर पटक रही थी…..
रवि: (तेज़ी से डॉली की चूत मे लंड को अंदर बाहर करते हुए) दीदी आह में जिंदगी भर आप को रोज इसी तरहा चोदना चाहता हूँ…आह आपकी चूत बहुत टाइट है.. बोलो ना रोज चुदवाओगी मुझसे……
डॉली अब पूरी तरहा मस्त हो चुकी थी…..और उसकी चूत का ज्वालामुखी फिर से फूटन को तैयार था…..आज कई महीनो बाद डॉली झड़ी थी…वो अब तक तीन बार झड चुकी थी….पर वासना का असर उस पर इस्कदर हावी हो गया था, कि अगर रवि सारी रात उसे चोदता रहता, तो वो अपनी चूत को रवि के लंड पर पटक-2 कर सुजवा लेती…..
डॉली: अह्ह्ह्ह यूमह्ष सीईईईईईई रवि चोद्द्द्द लएनाअ रोज चोदना मुझे जितना मर्ज़ी अपनी दीदी को चोद लेना ओह रवीीईई…….
फिर अचानक से डॉली की चूत मे सैलाब उमड़ने लगा….दोनो के काम रस का संगम डॉली की चूत के अंदर होने लगा….डॉली रवि के गरम वीर्य को अपनी चूत की दीवारों पर बहता हुआ महसूस करके एक दम संतुष्टक हो गयी….दोनो निढाल होकर वैसे ही बेड पर लेटे रहे….थोड़ी देर बाद रवि का लंड ढीला पड़ कर डॉली की चूत से बाहर आ गया….रवि ने डॉली को अपनी तरफ घुमा लिया…..
डॉली अपनी आँखों को शरम के मारे खोल नही पा रही थी….रवि ने डॉली के होंठो को अपने होंठो मे भर लिया, और दोनो किस करने लगी….जब दोनो काफ़ी थक गये…तो दोनो अलग हो गये….
डॉली पीठ के बल सीधी लेट गयी, और अपनी नाइटी को अपने हाथों से जाँघो तक नीचे कर लिया….
अब डॉली की आँखों मे नींद नही थी….रवि भी पीठ के बल लेटा हुआ, छत की तरफ देख रहा था….थोड़ी देर बाद डॉली उठ कर बातरूम के तरफ जाने लगी…रवि पीछे से डॉली के मटकती हुई गान्ड को देख रहा था….उसका लंड फिर से खड़ा होने लगा,,,,डॉली बाथरूम मे घुस गयी…रवि भी जल्दी से बेड से खड़ा हुआ, और बाथरूम के डोर के पास आकर खड़ा हो गया….
डॉली ने बाथरूम के डोर को बंद नही किया था…बाहर खड़ा रवि डॉली के मूतने की आवाज़ सुन कर एक दम मस्त हो गया….डॉली ने पेशाब करने के बाद अपने हाथों को धोया, और बाहर आने लगी…पर रवि ने उसे डोर पर ही रोक लिया….
डॉली: (अपनी आँखों को झुकाए हुए) अब क्या है….मुझ जाने दो….रात बहुत हो गयी है..
रवि: (डॉली को अपनी बाहों मे भरते हुए) तो क्या हुआ…..अभी मेरा दिल नही भरा है..
और ये कहते हुए रवि ने डॉली के होंठो को अपने होंठो मे भर लिया…और डॉली के चुतड़ों को उसकी नाइटी के ऊपेर से मसलते हुए, उसके होंठो का रस पान करने लगा…डॉली के बदन मे फिर से मस्ती की लहर दौड़ गयी…और कामुकता के कारण उसने भी अपनी बाहों को रवि की पीठ पर कस लिया….दोनो पागलों की तरहा एक दूसरे के होंठो को चूस रहे थे…फिर अचानक से रवि ने डॉली की नाइटी को दोनो तरफ से पकड़ कर ऊपेर उठ कर निकाल दिया…
डॉली एक दम से शरमा गयी….और वो दीवार की तरफ घूम गयी….रवि पीछे से डॉली के कटाव दार बदन को देख कर पागल हो गया…उसका लंड फिर से पूरे ताव मे आ चुका था…उसने डॉली को पीछे से अपनी बाहों मे भर कर अपने होंठो को डॉली की नंगी पीठ पर टिका दिया…डॉली के बदन मे मस्ती की लहर दौड़ गयी… रवि का तना हुआ लंड डॉली की गान्ड की दर्रार मे रगड़ खा रहा था……
और डॉली भी पीछे की ओर अपनी गान्ड को रवि के लंड पर दबा कर उसने अपने चुतड़ों की दर्रार मे महसूस करके मस्त हो रही थी….रवि ने अपने लंड को पकड़ कर अपने घुटनो को थोड़ा सा मोड़ लिया, और अपने लंड के सुपाडे को डॉली की चूत के छेद पर टिकाने की कॉसिश करने लगा….डॉली ने भी मस्ती मे आकर अपनी जाँघो को थोड़ा सा खोल दिया…और दीवार पर अपनी हथेलियों को जमा कर पीछे से अपनी गान्ड को थोड़ा सा बाहर निकाल लिया…डॉली लगभर सीधी खड़ी थी…इसीलिए रवि का लंड डॉली की चूत के छेद के अंदर नही जा पा रहा था….
फिर डॉली ने अपने चुतड़ों से थोड़ा ऊपेर की कमर के हिस्से को अंदर की तरफ कर लिया….जिस से उसकी चूत पीछे से बाहर की तरफ आ गयी….रवि ने अपने एक हाथ से अपने लंड को पकड़ कर, डॉली की चूत के छेद पर लगा दिया…डॉली के मुँह से मस्ती से भरी हुई आह निकल गयी…उसने अपने होंठो को दाँतों मे भीच लिया…रवि ने डॉली की कोहानियों को दोनो तरफ से पकड़ कर एक जोरदार धक्का मारा…रवि का लंड डॉली की चूत की दीवारों को फैलाता हुआ अंदर जा घुसा….
डॉली: अहह उम्ह्ह्ह्ह्ह्ह रवि पूरा अंदर डालो…….ओह रवि…
रवि ने एक के बाद एक तीन चार धक्के लगा कर अपने लंड को जड तक डॉली की चूत मे घुसा दिया….और रवि ने फिर अपने हाथों को कोहानियों से हटा कर डॉली के हाथों के पास दीवार पर लगा दिया…और तेज़ी से डॉली की चूत मे लंड को अंदर बाहर करते हुए. उसे चोदने लगा…डॉली भी मस्ती होकर रवि का पूरा साथ दे रही थी, और अपनी चूत को पीछे रवि के लंड पर पटक-2 कर चुदवा रही थी…..
डॉली: अह्ह्ह्ह रवि और ज़ोर से चोद मुझ अहह अहह अहह और तेज जल्दी कर अह्ह्ह्ह ओह रवि उम्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह
रवि भी डॉली की बातों को सुन कर और जोश मे आ गया…और तेज़ी से डॉली की चूत मे अपना लंड पेलने लगा….रवि की जांघे डॉली के मोटे चुतड़ों पर छु करके थप-2 की आवाज़ कर रही थी…और डॉली इन आवाज़ों को सुन कर और गरम हो रही थी… रवि 10 मिनट लगातार ऐसे ही डॉली की चूत मे अपने लंड को अंदर बाहर करता रहा.
फिर अचानक से डॉली की चूत ने रवि के लंड को अपने अंदर कसना चालू कर दिया… डॉली झड़ने के बिल्कुल करीब थी…वो एक दम मस्त हो चुकी थी…उसने अपने होंठो को रवि के गालों पर रगड़ना चालू कर दिया…ये देख कर रवि और तेज़ी से डॉली को चोदने लगा….कुछ ही पलों मे डॉली का बदन अकडने लागा….और वो पीछे की तरफ तेज़ी से अपनी गान्ड को धकेलने लगी…..
थोड़ी देर बाद दोनो एक साथ झड गये…और रवि झड कर डॉली के कंधे पर अपना सर टिका कर खड़ा हो गया…जब दोनो की साँसें दुरुस्त हुई, रवि ने अपने लंड को डॉली की चूत से बाहर निकाल लिया. उसका आधा तना हुआ लंड, डॉली की चूत से निकले पानी से सना हुआ था….डॉली ने बाहर आकर अपनी नाइटी उठाई…और पहन कर बेड पर लेट गयी….रवि बाथरूम से आने के बाद सीधा स्टोर रूम मे चला गया…और बेड पर लेट गया… दोनो को कब नींद आई….दोनो मे से किसी को पता नही….
अगली सुबह 9 बजे का आलराम बजने पर डॉली उठ गयी….साहिल अभी भी सो रहा था…वो उठ कर बाथरूम मे गयी…और पेशाब करने के लिए बैठ गयी….उसे अपनी चूत मे हल्का -2 दर्द हो रहा था…उसकी चूत मे थोड़ी सूजन भी आ गयी थी….पर उसे ये दर्द बहुत अच्छा लग रहा था…..
फ्रेश होने के बाद वो नीचे आ गयी….जैसे ही वो नीचे आई, तो डोर बेल बजी…उसने जाकर डोर खोला, सामने घर का नौकर खड़ा था…वो अंदर आते ही अपने काम मे लगा गया….डॉली साहिल को लेकर हाल मे सोफे पर बैठी थी….और नौकर नाश्ते की तैयारी कर रहा था….
रवि ने डॉली को अपनी बाहों मे भरते हुए, धीरे-2 अपने लंड को डॉली की चूत के छेद के अंदर घुसाना चालू कर दिया…जैसे ही रवि के लंड का सुपाडा डॉली की चूत के छेद के अंदर गया…डॉली मस्ती और वासना मे एक दम तड़प उठी, और उसने अपनी चूत को पीछे की ओर रवि के लंड पर दबाना चालू कर दिया….डॉली की गीली रस से भरी चूत मे रवि के लंड का सुपाडा उसकी चूत की दीवारों से रगड़ ख़ाता हुआ धीरे-2 अंदर घुसने लगा……
जैसे ही रवि का आधा लंड डॉली की चूत मे घुसा…..डॉली के होंठो पर वासना से भरी हुई मुस्कान फैल गयी…उसकी आँखे बंद हो गयी….और उसने अपनी चूत को पीछे की ओर दबाना बंद कर दिया…
डॉली: (मस्ती से भरी काँपती हुई आवाज़ मे) रवि धीरीईए करना साहिल उठ ना जाए….
रवि ने हां मे सर हिलाते हुए, डॉली की चूत मे अपने लंड को और अंदर करना चालू कर दिया…धीरे- 2 रवि के लंड का सुपाडा डॉली की बच्चेदानी के मुँह पर जा लगा. और डॉली रवि के मोटे लंड को अपनी चूत मे फँसा हुआ महसूस करके, एक दम गरम हो गयी….
रवि ने डॉली की चिन को पकड़ कर उसके फेस को अपनी तरफ घुमाया….डॉली ने अपनी आँखों को खोल कर देखा…डॉली की आँखों मे वासना और मदहोशी का नशा भरा हुआ था….उसकी आँखों मे मस्ती के लाल डोरे तैर रहे थे….
रवि ने डॉली की आँखों मे झाँकते हुए, अपने होंठो को उसके होंठो की तरफ बढ़ाना चालू कर दिया…जैसे-2 डॉली के होंठो के नज़दीक रवि के होन्ट पहुँच रहे थे… डॉली की आँखों की पलकें धीरे-2 बंद होने लगी….रवि ने डॉली के होंठो को अपने होंठो मे भर कर चूसना चालू कर दिया…डॉली ने भी अपने होंठो को खोल लिया, और रवि से अपने गुलाबी रसीले होंठो को मस्त होकर चुसवाने लगी…..
डॉली की वासना अब उसकी हरकतों मे सॉफ झलक रही थी….वो धीरे -2 पीछे के और अपनी कमर हिला कर, रवि के लंड को अपनी चूत के अंदर बाहर करने लगी…रवि के लंड का सुपाडा डॉली की चूत के दीवारों से घिसता हुआ अंदर बाहर हो रहा था, और डॉली के दिल की धड़कन तेज और तेज होती जा रही थी….
रवि का लंड डॉली की चूत से निकल रहे काम रस से भीग कर एक दम चिकना हो गया था, जो अब आसानी से डॉली की चूत के अंदर बाहर हो रहा था….काफ़ी देर से शांत पड़ा रवि नये जोश से भर गया….और अपने एक हाथ से डॉली के कूल्हे को पकड़ कर, तेज़ी से अपने लंड को उसकी चूत के अंदर बाहर करते हुए चोदने लगा….
डॉली: (रवि के होंठो से अपने होंठो को हटा कर अपना फेस आगे करते हुए) आह आह ओह्ह्ह्ह रवीिइ धीरीई साहिल ओह्ह्ह्ह ओह धीरीईए करो उम्ह्ह्ह्ह्ह सीयी ओह्ह्ह्ह ब्बास उफ़फ्फ़ उम्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह सीईईईईईई अहह
रवि का लंड डॉली की चूत के अंदर फॅक -2 की आवाज़ करता हुआ अंदर बाहर हो रहा था. और डॉली भी पीछे की तरफ अपनी गान्ड को धकेल-2 कर अपनी चूत को रवि के लंड पर पटक रही थी…..
रवि: (तेज़ी से डॉली की चूत मे लंड को अंदर बाहर करते हुए) दीदी आह में जिंदगी भर आप को रोज इसी तरहा चोदना चाहता हूँ…आह आपकी चूत बहुत टाइट है.. बोलो ना रोज चुदवाओगी मुझसे……
डॉली अब पूरी तरहा मस्त हो चुकी थी…..और उसकी चूत का ज्वालामुखी फिर से फूटन को तैयार था…..आज कई महीनो बाद डॉली झड़ी थी…वो अब तक तीन बार झड चुकी थी….पर वासना का असर उस पर इस्कदर हावी हो गया था, कि अगर रवि सारी रात उसे चोदता रहता, तो वो अपनी चूत को रवि के लंड पर पटक-2 कर सुजवा लेती…..
डॉली: अह्ह्ह्ह यूमह्ष सीईईईईईई रवि चोद्द्द्द लएनाअ रोज चोदना मुझे जितना मर्ज़ी अपनी दीदी को चोद लेना ओह रवीीईई…….
फिर अचानक से डॉली की चूत मे सैलाब उमड़ने लगा….दोनो के काम रस का संगम डॉली की चूत के अंदर होने लगा….डॉली रवि के गरम वीर्य को अपनी चूत की दीवारों पर बहता हुआ महसूस करके एक दम संतुष्टक हो गयी….दोनो निढाल होकर वैसे ही बेड पर लेटे रहे….थोड़ी देर बाद रवि का लंड ढीला पड़ कर डॉली की चूत से बाहर आ गया….रवि ने डॉली को अपनी तरफ घुमा लिया…..
डॉली अपनी आँखों को शरम के मारे खोल नही पा रही थी….रवि ने डॉली के होंठो को अपने होंठो मे भर लिया, और दोनो किस करने लगी….जब दोनो काफ़ी थक गये…तो दोनो अलग हो गये….
डॉली पीठ के बल सीधी लेट गयी, और अपनी नाइटी को अपने हाथों से जाँघो तक नीचे कर लिया….
अब डॉली की आँखों मे नींद नही थी….रवि भी पीठ के बल लेटा हुआ, छत की तरफ देख रहा था….थोड़ी देर बाद डॉली उठ कर बातरूम के तरफ जाने लगी…रवि पीछे से डॉली के मटकती हुई गान्ड को देख रहा था….उसका लंड फिर से खड़ा होने लगा,,,,डॉली बाथरूम मे घुस गयी…रवि भी जल्दी से बेड से खड़ा हुआ, और बाथरूम के डोर के पास आकर खड़ा हो गया….
डॉली ने बाथरूम के डोर को बंद नही किया था…बाहर खड़ा रवि डॉली के मूतने की आवाज़ सुन कर एक दम मस्त हो गया….डॉली ने पेशाब करने के बाद अपने हाथों को धोया, और बाहर आने लगी…पर रवि ने उसे डोर पर ही रोक लिया….
डॉली: (अपनी आँखों को झुकाए हुए) अब क्या है….मुझ जाने दो….रात बहुत हो गयी है..
रवि: (डॉली को अपनी बाहों मे भरते हुए) तो क्या हुआ…..अभी मेरा दिल नही भरा है..
और ये कहते हुए रवि ने डॉली के होंठो को अपने होंठो मे भर लिया…और डॉली के चुतड़ों को उसकी नाइटी के ऊपेर से मसलते हुए, उसके होंठो का रस पान करने लगा…डॉली के बदन मे फिर से मस्ती की लहर दौड़ गयी…और कामुकता के कारण उसने भी अपनी बाहों को रवि की पीठ पर कस लिया….दोनो पागलों की तरहा एक दूसरे के होंठो को चूस रहे थे…फिर अचानक से रवि ने डॉली की नाइटी को दोनो तरफ से पकड़ कर ऊपेर उठ कर निकाल दिया…
डॉली एक दम से शरमा गयी….और वो दीवार की तरफ घूम गयी….रवि पीछे से डॉली के कटाव दार बदन को देख कर पागल हो गया…उसका लंड फिर से पूरे ताव मे आ चुका था…उसने डॉली को पीछे से अपनी बाहों मे भर कर अपने होंठो को डॉली की नंगी पीठ पर टिका दिया…डॉली के बदन मे मस्ती की लहर दौड़ गयी… रवि का तना हुआ लंड डॉली की गान्ड की दर्रार मे रगड़ खा रहा था……
और डॉली भी पीछे की ओर अपनी गान्ड को रवि के लंड पर दबा कर उसने अपने चुतड़ों की दर्रार मे महसूस करके मस्त हो रही थी….रवि ने अपने लंड को पकड़ कर अपने घुटनो को थोड़ा सा मोड़ लिया, और अपने लंड के सुपाडे को डॉली की चूत के छेद पर टिकाने की कॉसिश करने लगा….डॉली ने भी मस्ती मे आकर अपनी जाँघो को थोड़ा सा खोल दिया…और दीवार पर अपनी हथेलियों को जमा कर पीछे से अपनी गान्ड को थोड़ा सा बाहर निकाल लिया…डॉली लगभर सीधी खड़ी थी…इसीलिए रवि का लंड डॉली की चूत के छेद के अंदर नही जा पा रहा था….
फिर डॉली ने अपने चुतड़ों से थोड़ा ऊपेर की कमर के हिस्से को अंदर की तरफ कर लिया….जिस से उसकी चूत पीछे से बाहर की तरफ आ गयी….रवि ने अपने एक हाथ से अपने लंड को पकड़ कर, डॉली की चूत के छेद पर लगा दिया…डॉली के मुँह से मस्ती से भरी हुई आह निकल गयी…उसने अपने होंठो को दाँतों मे भीच लिया…रवि ने डॉली की कोहानियों को दोनो तरफ से पकड़ कर एक जोरदार धक्का मारा…रवि का लंड डॉली की चूत की दीवारों को फैलाता हुआ अंदर जा घुसा….
डॉली: अहह उम्ह्ह्ह्ह्ह्ह रवि पूरा अंदर डालो…….ओह रवि…
रवि ने एक के बाद एक तीन चार धक्के लगा कर अपने लंड को जड तक डॉली की चूत मे घुसा दिया….और रवि ने फिर अपने हाथों को कोहानियों से हटा कर डॉली के हाथों के पास दीवार पर लगा दिया…और तेज़ी से डॉली की चूत मे लंड को अंदर बाहर करते हुए. उसे चोदने लगा…डॉली भी मस्ती होकर रवि का पूरा साथ दे रही थी, और अपनी चूत को पीछे रवि के लंड पर पटक-2 कर चुदवा रही थी…..
डॉली: अह्ह्ह्ह रवि और ज़ोर से चोद मुझ अहह अहह अहह और तेज जल्दी कर अह्ह्ह्ह ओह रवि उम्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह
रवि भी डॉली की बातों को सुन कर और जोश मे आ गया…और तेज़ी से डॉली की चूत मे अपना लंड पेलने लगा….रवि की जांघे डॉली के मोटे चुतड़ों पर छु करके थप-2 की आवाज़ कर रही थी…और डॉली इन आवाज़ों को सुन कर और गरम हो रही थी… रवि 10 मिनट लगातार ऐसे ही डॉली की चूत मे अपने लंड को अंदर बाहर करता रहा.
फिर अचानक से डॉली की चूत ने रवि के लंड को अपने अंदर कसना चालू कर दिया… डॉली झड़ने के बिल्कुल करीब थी…वो एक दम मस्त हो चुकी थी…उसने अपने होंठो को रवि के गालों पर रगड़ना चालू कर दिया…ये देख कर रवि और तेज़ी से डॉली को चोदने लगा….कुछ ही पलों मे डॉली का बदन अकडने लागा….और वो पीछे की तरफ तेज़ी से अपनी गान्ड को धकेलने लगी…..
थोड़ी देर बाद दोनो एक साथ झड गये…और रवि झड कर डॉली के कंधे पर अपना सर टिका कर खड़ा हो गया…जब दोनो की साँसें दुरुस्त हुई, रवि ने अपने लंड को डॉली की चूत से बाहर निकाल लिया. उसका आधा तना हुआ लंड, डॉली की चूत से निकले पानी से सना हुआ था….डॉली ने बाहर आकर अपनी नाइटी उठाई…और पहन कर बेड पर लेट गयी….रवि बाथरूम से आने के बाद सीधा स्टोर रूम मे चला गया…और बेड पर लेट गया… दोनो को कब नींद आई….दोनो मे से किसी को पता नही….
अगली सुबह 9 बजे का आलराम बजने पर डॉली उठ गयी….साहिल अभी भी सो रहा था…वो उठ कर बाथरूम मे गयी…और पेशाब करने के लिए बैठ गयी….उसे अपनी चूत मे हल्का -2 दर्द हो रहा था…उसकी चूत मे थोड़ी सूजन भी आ गयी थी….पर उसे ये दर्द बहुत अच्छा लग रहा था…..
फ्रेश होने के बाद वो नीचे आ गयी….जैसे ही वो नीचे आई, तो डोर बेल बजी…उसने जाकर डोर खोला, सामने घर का नौकर खड़ा था…वो अंदर आते ही अपने काम मे लगा गया….डॉली साहिल को लेकर हाल मे सोफे पर बैठी थी….और नौकर नाश्ते की तैयारी कर रहा था….