Hindi Sex Kahaniya छोटी सी जान चूतो का तूफान - Page 4 - SexBaba
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Hindi Sex Kahaniya छोटी सी जान चूतो का तूफान

छोटी सी जान चूतो का तूफान--10

अगली सुबह साहिल और गीता को स्कूल जाना था….इसीलिए पायल ने जल्दी उठ कर नाश्ता तैयार कर लिया…साहिल और गीता भी स्कूल जाने के लिए रेडी थे… गीता नाश्ता कर चुकी थी…पर अभी साहिल नाश्ता कर रहा था, और गीता उसका इंतजार कर रही थी…तभी बाहर से सिमरन अपने स्कूल बॅग के साथ अंदर आई, और गीता को कहने लगी….

सिमरन: चल गीता स्कूल चलते है….

गीता: साहिल को नाश्ता कर लेने दो…फिर साथ में चलते है…

सिमरन: अर्रे चल ना वो बाद में आ जाएगा….रोज तो अपने दोस्तो के साथ जाता है.,..आज भी चला जाएगा…

गीता: यार 2 मिनिट सबर तो कर..

सिमरन: यार समझा कर ना….वो सोनू इंतजार कर रहा होगा….

गीता: तेरा कुछ नही हो सकता….चल.

सिमरन और गीता दोनो स्कूल के लिए निकल जाती है.साहिल जल्दी से नाश्ता करके अपना स्कूल बॅग कंधे पर टांगते हुए पायल को कहता है….

साहिल: चाची में भी जा रहा हूँ…

पायल: (किचन के अंदर से) अर्रे सुन तो यहाँ आ…

साहिल: (किचन में जाकर) हां चाची जल्दी बोलो…मुझे लेट हो रहा है..

पायल: एक मिनिट रुक तो,

फिर पायल अपने कमीज़ के गॅल में ऊपेर से हाथ डालती है…और फिर अपना पर्स निकाल कर 10 का नोट साहिल की तरफ बढ़ाते हुए कहती है..

पायल: ये ले, कुछ खा लेना…

साहिल: (पैसे लेते हुए) थॅंक्स चाची…अब में जाउ….

पायल: (मुस्कराते हुए) अच्छा मेरे बात सुन जो हम ने रात को किया, उसका जिकर भूल कर भी किसी से नही करना.अगर तेरे चाचा को पता चला तो, वो मुझे घर से निकाल देंगे..समझे…

साहिल: मैं नही बताता किसी को…मा कसम…

पायल साहिल की बात सुन कर मुस्कराने लगी. फिर किचन के डोर पास जाकर बाहर देखते हुए बोलती है……”दूध पीएगा”

साहिल: वो मुझे देर हो रही है…

पायल: एक मिनिट के लिए…

फिर वो साहिल के जवाब का इंतजार किए बिना साहिल के पास आकर अपनी कमीज़ को ऊपेर उठा कर अपनी ब्रा के कप्स से अपना एक मम्मे को बाहर निकाल कर साहिल से कहती है…”चल जल्दी से पी ले.फिर चले जाना” साहिल ने चाची के पास जाकर जल्दी से उसके काले मोटे निपल को मूह में भर लिया, और दो चार बार ज़ोर ज़ोर से चूसने के बाद मम्मे से मूह हटा लिया…

साहिल: चाची में लेट हो रहा हूँ….

पायल: (अपनी ब्रा और कमीज़ ठीक करते हुए) अच्छा चल ठीक है जा. सीधा घर आ जाना….

साहिल स्कूल के लिए चला गया…पायल घर के काम निपटने लगी..रह रह कर उसे साहिल की याद सता रही थी…फिर उसके दिमाग़ में आया क्यों ना साहिल के स्कूल जाकर उसे छुट्टी दिलवा दूं..और फिर कुछ समय मिल जाएगा. जब वो साहिल के साथ घर अकेली होगी…

ये सोचते हुए, वो जल्दी से अपना काम ख़तम कर बाथरूम में तैयार होने के लिए घुसती ही है कि, बाहर डोर पर नॉक होती है…पायल ने जब बाहर जाकर गेट खोला तो, सामने नेहा पायल की मा नीलम और भाभी तीनो खड़े थी…पायल का ये प्लान भी धरा का धरा रह जाता है….वो सब के साथ अंदर अत्ती है…और उनके लिए जल्दी से चाइ बना के ले आई…
 
नेहा: (चाइ पीते हुए) साहिल स्कूल चला गया ना ?

पायल: हां दीदी अभी थोड़ी देर पहले गया है…आप सूनाओ आपके बाबा कैसे है, सब ठीक है ना….

नेहा: हां सब ठीक है….

पायल: भाभी तुम्हारे बाबा कैसे है….

पूनम: पहले से बेहतर है….कल हॉस्पिटल से डिसचार्ज हुए है…

नीलम: गीता भी स्कूल चली गई होगी ना.

पायल: हां में वो भी गई है…

नीलम: ठीक है जाते हुए उसे बता देंगे, ताकि वो इधर ना चली आए. ये सोच कर कि पता नही मा और भाभी आए है या नही…

नेहा: तो क्या हुआ काकी….ये भी तो उसका ही घर है…

थोड़ी देर सब इधर उधर के बातें करते है, और फिर नीलम अपनी बहू पूनम के साथ घर चली जाती है.रास्ते में स्कूल में रुक कर नीलम गीता को मिलकर बता देती है कि वो सीधा घर आ जाए…

गीता मन ही मन सोचती है, अगर मा और भाभी दो चार दिन और वही रुक जाते तो, कितना अच्छा होता….शायद उसे साहिल के साथ कोई मोका मिल जाता…पर ना तो गीता को मोका मिल पा रहा था…और ना ही पायल को. दोनो के जिस्म में वासना की आग लगी हुई थी..

ख़ासतोर पर पायल के जिस्म में….जबसे वंश पैदा हुआ था…रवि ने पायल की तरफ ध्यान देना कम कर दिया था.दूसरा काम का बोझ इतना था कि, वो रात को देर से घर आता…कई बार भैंसो लेजाने और लाने के लिए पैदल ही भैंसो के साथ कई-2 किमी चलना पड़ता…और जब रवि थका हारा घर आता. खाना खाते ही सो जाता…

पर पायल इस बात को नही समझ रही थी कि, उसका पति कितना मेहनत कर रहा था पैसे के लिए…पायल को तो ऐसा लग रहा था कि, उसका बाहर किसी औरत के साथ चक्कर है..इसलिए रवि उस पर ध्यान नही देता….पायल ने इस बारे मे कभी रवि से बात करने की भी ज़रूरत नही समझी, अब जब कि साहिल में उसे अपनी चूत की आग ठंडी करने का ज़रिया नज़र आ रहा था… उसने भी रवि के बारे में सोचना छोड़ दिया था…

दूसरी तरफ जवानी गीता के बदन पर कहर ढा रही थी….जहाँ से भी वो गुजरती, लोग अपने दिल पर हाथ रख कर ठंडी आहहे भरने लगते…पर गीता अपनी मा और भाई विजय से बहुत डरती थी…और गाओं में तो ऐसी बातें जंगल की आग की तरह फैलती है….ये जानते हुए आज तक गीता ने किसी की तरफ आँखे उठा कर नही देखा था…

पर साहिल उसे अपनी अंदर की आग को शांत करने का सबसे आसान रास्ता लगता था….क्योंकि वो बेरोक टोक उनके घर आ जा सकता था….और छोटे होने के कारण उसकी मा भी गीता या साहिल पर शक नही कर सकती थी….इसीलिए वो साहिल के पीछे पड़ चुकी थी….

और साहिल तो जैसे सपनो की दुनाया में पहुच गया था..हर तरफ ऐश ही ऐश थी उसकी, सुबह स्कूल जाते वक़्त उसकी मा तो पैसे देती ही थी, पर साथ में चाची भी अब खुल कर साहिल पर मेहरबान थी….ऊपेर स्कूल में भी गीता भी कुछ ना कुछ साहिल को खाने के लिए देती रहती…

दोपहर को पायल और नेहा ने मिल कर खाना बनाया….और फिर कुलवंत सिंग अपने भाई रवि के साथ दोपहर को घर पहुँच गया…दोनो बेहद थके हुए थे….

कुलवंत सिंग: रवि तुम खाना खा कर आराम कर लो, आज शाम फिर से मंडी जाना है. में भी भैंसो को चारा डाल कर आराम कर लेता हूँ…

रवि: नही भाई आप आराम कीजिए….आप ने दो दिन से सही से आराम नही किया. में भैंसो को चारा डाल देता हूँ…..

खाना खाने के बाद रवि भैंसो को चारा डाल कर अपने रूम में आ गया.पायल वंश के साथ लेटी हुई थी….रवि प्यार से वंश पर हाथ फेरने लगा….”आराम से अभी सोया है.कच्ची नींद में होगा”

रवि: यार थकान से जान निकली जा रही है…

पायल: (मूह बनाते हुए) तो फिर ऐसा काम करते ही क्यों हो…कोई और काम कर लो…

रवि: पागल हो क्या….पता है कल कितना मुनाफ़ा हुआ है…

पायल: (खुस होते हुए) कितना जानू..

रवि: (हंसते हुए) अच्छा पैसो का नाम आते ही, जनाब के मिज़ाज बदल गये..

पायल: जी बताओ ना…

रवि: कल हमारी 8 भैंसे बिक गई….हर भैंस से 5000 -2 मुनाफ़ा हुआ है. कुल मिला कर 40000 का मुनाफ़ा हुआ है….

फिर रवि अपनी जेब से 15000 रुपये निकाल कर पायल को देता है, और कहता है..

रवि: ये लो मुनाफ़े के 15 हज़ार.

पायल: और बाकी के 5 हज़ार…

रवि: वो मेरे पास है.मॅंडी में कभी भी ज़रूरत पड़ जाती है…

पायल: अच्छा ठीक है….

रवि: आज 10 भैंसे और खरीदी है…बस उनके अच्छे पैसे मिल जाए तो इस मंडी से बल्ले बल्ले हो जाएगे….
 
पायल उठ कर अलमारी में पैसे रख कर वापिस बेड पर आकर लेट गई… रवि भी आँखें बंद किए लेटा हुआ था….

पायल: जी सो गए क्या ?

रवि: ह्म्म यार बहुत नींद आ रही है.शाम होते ही फिर से जाना है..थोड़ा आराम करने दो….

थोड़ी देर बाद रवि घोड़े बेच कर सो जाता है….पायल की अभी आँख लगी ही थी, कि नेहा डोर पर दस्तक देती है….

पायल: अर्रे भाभी आओ ना अंदर..

नेहा: वो तुम्हारी मा का फोन आया है…आकर बात कर लो…..पायल उठ कर नेहा के साथ उसके रूम में आ गई….वहाँ कुलवंत सिंग और साहिल बेड पर सो रहे थी….पायल ने रेसिवेर कान पर लगाया और कहा…..

पायल: हां बोलो मा क्या बात है…

नीलम: (दूसरी तरफ फोन पर) बेटा तुम्हारे मामा का फोन आया था.

पायल: हां क्या कह रहे थे मामा जी…

नीलम: तेरे भाई (पायल के मामा का लड़का) मोहित के लिए लड़की देखी,है उनकी मँगनी पर बुला रहे है….हम सब जा रहे है, तू भी चल साथ में..

पायल: नही मा में नही जा पाउन्गि..आपको तो पता है ना मा घर पर कितना काम होता है…

नीलम: हां जानती हू. मुझे पता था, तू मना कर देगी….अच्छा सुन एक काम तो कर दे मेरा…

पायल: हां बोलो मा….

नीलम: बेटा हम तो सब जा रहे है…पीछे घर पर कोई नही रहेगा. तो तू शाम को इधर आ जाना.भैंसो को पानी और चारा डाल देना…और हां रात को यही सो जाना….तुझे तो पता है..आज कल कितनी चोरियाँ हो रही है…

पायल: ठीक है मा..में उधर आ जाउन्गि…

जैसे ही पायल की मा ने उसे अपने यहाँ रात को रुकने के लिए कहा… पायल का शैतानी दिमाग़ कार की स्पीड पर दौड़ने लगा. फिर उसके होंठो पर लंबी मुस्कान फेल गई…नेहा बेड पर बैठी पायल को देख रही थी…

नेहा: क्या बात है, किस बात पर खुस हो रही हो…..

पायल: वो दीदी मेरे मामा के लड़के की मँगनी है सब वहाँ जा रहे है..

नेहा: अच्छा ये तो बहुत खुशी की खबर है….तू भी जाएगी साथ में..

पायल: नही दीदी में नही जा रही…

नेहा: अर्रे क्यों ?

पायल: देखो ना दीदी इतनी गरमी है, और तुम्हे तो पता है वंश गरमी में कितना तंग करता है.वहाँ पर भीड़ भाड़ होगी, तो और तंग करेगा..

नेहा: हां वो तो है..

पायल: हां वो मा बोल रही थी कि, रात को में उनके यहाँ चली जाउ. और रात को वही सो जाउ क्यों कि आज कल बहुत चोरियाँ हो रही है….

नेहा: हां तो चली जाना ना.वैसे भी इन दोनो भाइयों ने तो, शाम को ही निकल जाना है….

पायल: पर दीदी में वहाँ अकेली, नही मुझे डर लगता है अकेले….

नेहा: अर्रे तो क्या हुआ…साहिल को साथ में लेजा….

नेहा की ये बात सुनते ही पायल के दिल के सितार झंझणा उठे….नेहा ने तो खुद उसकी मन की मुराद पूरी कर दी थी….पर फिर भी वो ऐसे दिखा रही थी..जैसे उसको नेहा की बहुत चिंता हो….

पायल: पर दीदी आप भी तो घर में अकेली हो जाओगी….

नेहा: अर्रे मेरी छोड़ वैसे भी में माला को बुला लूँगी यहाँ सोने के लिए.

पायल: ठीक है दीदी….में शाम को साहिल के साथ चली जाउन्गि…

उसके बाद पायल अपने रूम में आ जाती है.आज पायल मन ही मन बहुत खुस थी..रात के बारे में सोच कर अभी से उसकी चूत में कुलबुलाहट हो रही थी….दूसरी तरफ नेहा भी बहुत खुस थी क्योकि आज माला उसके साथ सोने वाली थी….माला का घर उनके पड़ोस में ही था….उसका पति हर समय नशे में डूबा रहता था…

और माला भी अपनी चूत की आग को लेकर परेशान थी….इसीलिए माला अपने दिल का बोझ हलका करने के लिए नेहा के पास आ जाती थी…फिर माला और नेहा एक दूसरे की आग शांत करने का ज़रिया बन गई…दोनो एक दूसरे की चूत को खूब चुस्ती, उंगली करती….और अपने तन की आग ठंडा करती..

इसीलिए नेहा भी बहुत खुस थी….क्योंकि कुलवंत की हालत भी अपने भाई जैसी हो गई थी….पहले कुलवंत सिंग कुछ और काम करता था…पर दो साल पहले जब उसका काम बंद हो गया तो, वो अपने भाई के साथ भैंसो के व्यापार करने लगा था….तब से नेहा भी पायल की तरह चुदासी हो गई थी.पर पायल को इस बात की भनक नही थी कि नेहा और माला के बीच ऐसा कुछ है….

शाम के 4 बजे कुलवंत सिंग और रवि जाने की तैयारी करने लगे….पायल और नेहा ने मिल कर खाना बनाया..और कुलवंत सिंग और रवि खाना खा कर मंडी के लिए सहर निकल गए…जैसे ही दोनो मर्द घर से बाहर गए. पायल रात के बारे में सोच सोच कर मचलने लगी…और जल्दी -2 काम निपटा कर अपनी मा के घर जाने की तैयारी करने लगी…
 
पर साहिल का कोई अता पता नही था….वो पहले ही स्कूल के ग्राउंड में जा चुका था….पायल तैयार होकर अपने साथ कुछ समान ले लिया. और नेहा के रूम में आकर साहिल के बारे में पूछने लगी…

पायल: दीदी साहिल कहाँ है…

नेहा: खेलने गया होगा….कुछ काम था क्या…

नेहा जब पायल की तरफ देखती है…वो जाने के लिए तैयार खड़ी थी….

नेहा: ओह्ह में तो ही भूल ही गई…मैने साहिल को बताया ही नही कि, उसे तुम्हारे साथ जाना है….

पायल: पर गया कहाँ है ?

नेहा: तू बैठ में जाकर देखती हूँ…

नेहा बाहर आकर गॅली में देखने लगी.बाहर कुछ बच्चे खेल रहे थी…नेहा ने उन्हे आवाज़ लगाई तो एक लड़का नेहा के पास आया…

लड़का: जी आंटी….

नेहा: तुमने साहिल को देखा है ?

लड़का: हां थोड़ी देर पहले बॅट पकड़ कर स्कूल की तरफ जा रहा था..

नेहा: जा उसे बुला ला जाएगा बुलाने..

लड़का: जी आंटी अभी बुला कर लाता हूँ..

नेहा: कहना कि उससे मम्मी बुला रही है…ज़रूरी काम है जल्दी साथ में ले आना…

वो लड़का दौड़ता हुआ ग्राउंड की तरफ चला गया..नेहा अंदर आकर अपने रूम में आ गई…जहाँ पायल बैठी हुई थी…

पायल: कहाँ है दीदी साहिल… ?

नेहा: ग्राउंड में गया है…पड़ोसी के लड़के को भेजा है बुलाने के लिए…

तभी बाहर अचानक तेज हवा चलने लगती है…नेहा दौड़ कर छत पर चली गई….पायल भी वंश को बेड पर लेटा कर नेहा के साथ ऊपेर आ गई, और कपड़े उतारने लगी….हवा तेज होते हुए आँधी का रूप ले चुकी थी. दूर आसमान में काले बदल उमड़ रहे थे…और उसी तरफ आ रहे थे…

नेहा: लगता है बारिश होने वाली है…

पायल: हां दीदी.पर अब में कैसे जाउन्गि…..

नेहा: चल पहले नीचे चलते है.ये साहिल भी अभी तक नही आया..

जैसे ही दोनो नीचे आए, साहिल गेट से अंदर दाखिल हुआ , और नेहा के पास आकर बोलने लगा…..

साहिल: क्या हुआ मा क्यों बुलाया….

नेहा: अर्रे में तुझे बताना भूल गई कि, तुझे चाची के साथ उनके मायके जाना था…उनके घर पर कोई नही है….तुम दोनो रात को वही सो जाना….

पायल: पर भाभी बाहर तो बारिश शुरू हो गई है….अब कैसे जाएँगे…

नेहा: थोड़ा इंतजार कर ले, बारिश रुक जाएगी…

पायल: (मन ही मन बुदबुदाते हुए)पता नही कब रुकेगी…और मेरी फुद्दि पर कब सावन बरसेगा….

शाम के 7 बजे तक बारिश होती रही….बादल होने के कारण अंधेरा भी जल्दी घिर आया था…और थोड़ी देर बाद बारिश धीरे-2 रुक गई….पायल तो तब से बाहर नज़रे जमाए हुए थी….जैसे ही बारिश बंद हुई, पायल वंश को गोद में उठा कर खड़ी हो गई

पायल: दीदी बारिश रुक गई है..अब मुझे चलना चाहिए..

नेहा: अच्छा ठीक है ध्यान से जाना.अंधेरा हो गया है…

पायल: ठीक है दीदी….

फिर पायल और साहिल घर से निकल कर आगे बढ़ने लगे…साहिल का स्कूल उन दोनो गाओं के बीच में था…वो लगभग आधा रास्ता तय कर चुके थे…पर बारिश फिर से शुरू हो गयी. पहले हल्की सी फुँहार पड़ती रही और फिर अचानक से बारिश तेज हो गई….

पायल ने अपने साथ छाता ले लिया था…और छाता खोल कर वंश के ऊपेर कर दिया…बारिश इतनी जोरदार थी, कि वो ना तो खुद को और ना ही वंश को भीगने से बचा पे….दोनो तेज कदमो से चलते हुए, किसी तरह पायल के मायके पहुच गई….पायल की मा ने उसे बताया था कि वो घर की चाबी अपनी पड़ोसन को पकड़ा कर जाएँगी….

पायल ने पड़ोस के घर का डोर नॉक किया, थोड़ी देर बाद औरत ने डोर खोला, और उसे अंदर आने को कहा…पर अब पायल बहुत जल्दी में थी.. इसीलिए उसने अंदर जाने से मना कर दिया.थोड़ी देर बाद वो घर की चाबियाँ ले आई…पायल ने चाबियाँ ली, और गेट खोल कर साहिल के साथ अंदर आ गई.

पायल: (साहिल को तल (लॉक) पकड़ाते हुए ) साहिल इसे लगा दे….

साहिल ने लॉक लगाया….और फिर अंदर आकर पायल ने उस रूम को खोलने को कहा….जहाँ पर उसकी मा सोती थी…साहिल ने जल्दी से डोर खोला, और पायल ने अंदर आते ही वंश को साहिल की बाहों में पकड़ा दिया…फिर जल्दी से बॅग खोल कर वंश के कपड़े निकाल कर दूसरे कपड़े पहना दिए..

बच्चे अक्सर पेशाब कर कपड़े गीले कर देते है.इसीलिए पायल उसके 5 सूट साथ लेकर आई थी….कपड़े पहनाने के बाद उसने बेड पर वंश को लेटा दिया…वंश को जैसे ही थोड़ी से गर्माहट मिली…वैसे ही वो सो गया.. पर साहिल और पायल दोनो भीगे हुए थे.वो तो बेड पर बैठ कर बेड भी नही गीला करने चाहते थे…

पायल ने रूम में इधर उधर देखा तो उसकी नज़र सामने पड़े टेबल पर रखे टवल पर पड़ी..” तू साहिल कपड़े उतार कर वो टवल लपेट ले..”

साहिल: पर चाची मुझे बहुत ज़ोर से पेशाब लगी है.टवल भी गीला हो जाएगा. अगर बाहर गया तो….

पायल: तो जा ना पहले जाकर पेशाब कर आ….

साहिल: (बाहर कड़कती हुई बिजली को देख कर) नही मुझे बहुत डर लग रहा है..

पायल: (हंसते हुए) क्या डरता है इतना बड़ा हो गया और डरता है…

साहिल: कहाँ बड़ा हो गया हूँ…अभी तो छोटा हूँ…ये देखो..

साहिल अपने कंधे को चाची के कंधो तक ऊपेर करने की कॉसिश करता है… पर पायल का क़द भी गीता की तरफ लंबा था….वो गीता से क़द में सिर्फ़ एक इंच कम थी….इसीलिए साहिल महज उसके कंधो तक ही था…

पायल: (होंठो पर कातिल मुस्कान लाते हुए) पर तेरा वो तो अभी से खड़ा होने लग गया है…

साहिल चाची की बात सुन कर झेंप जाता है, और अपना सर झुका लेता है…

पायल: हाए ओये सदके जावां साडा साहिल शरमाता भी है….चल तेनू मूत करवा के लेऔनि..

फिर पायल साहिल का हाथ पकड़ कर बाथरूम की तरफ जाने लगी…बाथरूम में पहुच कर साहिल को कहते है “चल निकाल अपनी लुल्ली और मूत ले”

साहिल: पहले तुम उधर मूह करो…

पायल: (मुस्कराते हुए) क्यों मुझसे शरम आ रही है…

साहिल: हां…

पायल: अच्छा पुत्तर जब मेरे मम्मे चूस्ता है तब शरम नही आती.चल कर जल्दी नही तो मैं तेरा निक्कर उतारू…..

साहिल: नही रहने दो में खुद कर लेता हूँ….

पायल के मायके के घर में जो बाथरूम था….उसके अंदर टाय्लेट नही था… उसके घर के लोग बाथरूम को सिर्फ़ नहाने के लिए यूज़ करते थे.. टाय्लेट में गेट के पास बना हुआ था….और साहिल और पायल बाथरूम में थे.. पायल को अपने ऊपेर पड़ती बारिश के बूंदे आज और भड़का रही थी.. उसकी चूत में कुलबुलाहट और बढ़ चुकी थी….

बाथरूम के ऊपेर छत की जगह पुराने डोर रखे हुए थे..जिससे बाथरूम की आधी छत ही कवर हो पा रही थी….और आधी छत से बारिश की मोटी-2 बूंदे नीचे गिर रही थी….

क्रमशः........................
 
छोटी सी जान चूतो का तूफान--11

पायल अंधेरा होने के कारण सॉफ नही देख पा रही थी…ऊपेर से बाथरूम में लाइट का कोई इंतज़ाम नही था…फिर पायल के कानो में साहिल के मूत के फर्श पर गिरने की आवाज़ आई तो, पायल शरारती अंदाज़ में आगे बढ़ कर साहिल के साथ जाकर खड़ी हो गई….

साहिल: चाची…उधर देखो ना…

पायल: (नीचे पंजो के बल बैठते हुए)_क्यों रे मुझसे क्यों शरमा रहा है…

ये कहते हुए, पायलने अपना हाथ आगे बढ़ा कर साहिल के लंड को मुट्ठी में भर लिया और हल्के-2 सहलाते हुए बोली “अच्छा अगर तुम्हे शरम आती है तो ये क्यों खड़ा कर रखा है”

साहिल चाची की ये बात सुन कर झेंप गया…..साहिल अब पेशाब कर चुका था…पायल ने उसे अपनी तरफ घूमाते हुए अपने से चिपका लिया….साहिल का तना हुआ लंड पायल की कमीज़ के ऊपेर से उसकी चुचियो के बीच रगड़ खाने लगा….

पायल: (साहिल की पीठ पर हाथ फेरते हुए उसके गालो को चूमते हुए बोली) आज पीयगा दूध मेरा….

साहिल ने पायल के चेहरे की तरफ देखा…जो अंधेरा होने के कारण सही से दिख नही रहा था…पायल का चेहरा वासना के कारण लाल होकर दहक रहा था..साहिल ने हां में गर्दन हिला दी….पायल झट से खड़ी हो गई…और साहिल के देखते ही देखते, उसने अपनी कमीज़ को उतार कर फेंक दिया. फिर अगले ही पल पायल के दोनो हाथ पीठ पर ब्रा के हुक्स खोल रहे थे…फिर ब्रा भी कमीज़ के पास नीचे बाथरूम के फरश पर पड़ी थी..

तभी अचानक बिजली चमक उठी…जिससे कुछ पलों के लिए चारो और रोशनी फेल गई….और पायल चाची का गोरा बदन बिजली की रोशनी में साहिल की आँखों के सामने आ गया…पायल का गदराया हुआ बदन ऊपेर से बारिश की बूंदे पायल के बदन पर ऐसी लग रही थी.जैसे किसी संगेमरमर के मूर्ति पर ऑस के बूंदे हों….

पायल ऊपेर से पूरी तरह नंगी हो चुकी थी….बार-2 बिजली भी चमकती और उसकी रोशनी में पायल का दूध सा बदन चमक उठता. साहिल आज अपनी चाची की खूबसूरती को पहली बार देख रहा था…अगर कोई ब्रह्मचारी साधु भी पायल को ऐसे देख लेता….तो वो अपना दीन धर्म सब कुछ भूल जाता….पायल के मम्मे एक दम तने हुए थी…ऐसा लग रहा था कि रब्बर के हों…कई महीनो से वो वंश को दूध पिला रही थी.. पर उसकी चुचियो में आज भी ऐसा कसाव था कि, कुँवारी मॉडेल्स भी जल जाएँ…पायल ने साहिल को इशारे से पास आने को कहा….

साहिल काँपते हुए चलता हुआ पायल के पास जाकर खड़ा हो गया.. पायल ने फिर अपने को थोड़ा सा झुकाते हुए, साहिल के कान में कहा…

पायल: तेनू मेरे मम्मे सोने लगदे है ना ?

साहिल ने हां में सर हिल दिया…ये देख पायल ने साहिल के सर को अपने हाथों में पकड़ कर अपनी चुचियों में दबा लिया “ओह्ह्ह साहिल मेरे मम्मे चूस ले पुत्तर…आज तेरी चाची नू खुस कर दे”

साहिल: पर चाची मुझे यहाँ ठंड लग रही है….

पायल: (साहिल के फेस को अपने हाथों में भर कर उसके गाल चूमते हुए ) पर पुत्तर मेरे तां आग लगी होये आ….आज मेरी आग ठंडी कर दे….

साहिल अभी ऐसे बातों को समझ नही पाता था..इसीलिए वो भोलेपन में बोल पड़ा “आग किथे लगी है”

पायल : (पायल ने साहिल का हाथ एक हाथ से पकड़ कर दूसरा हाथ अपनी सलवार के जबरन को खेंचते हुए साहिल का हाथ अंदर डाल कर अपनी चूत पर रख दिया…जैसे ही साहिल का हाथ पायल की झांतो से भरी चूत पर लगा…पायल एक दम सिसक उठी “उम्ह्ह्ह्ह साहिल इत्थे लगी है आग”

साहिल को ऐसा लग रहा था….जैसे उसका हाथ किसी गरम भट्टी पर चला गया हो…उसका लंड जो अभी भी बाहर था तन कर और अकड़ गया….अब पायल एक पल भी जाया नही करना चाहती थी…उसने साहिल के हाथ को अपनी सलवार से बाहर निकाला और उसकी तरफ देखते हुए बोली…..तू अंदर जाकर कपड़े उतार कर वो टवल लप्पेट लये….में अभी अत्ती हूँ.

साहिल तेज़ी से भागता हुआ अंदर जा घुसा…और अंदर जाकर अपने कपड़े उतारने लगा…जैसे ही उसने अपने सारे कपड़े उतारे उससे पीछे से कदमो की आहट सुनाई दी…साहिल जल्दी से टवल उठा कर अपनी कमर लपेटने लगा. और फिर टवल बाँध कर वो जैसे ही पलटा….उसके दिल की धड़कने बंद हो गई..सामने पायल डोर पर खड़ी थी…..एक दम नंगी…ट्यूब लाइट के रोशनी में उसका भीगा हुआ बदन साहिल पर कहर बरसा रहा था….

साहिल अपने सामने खड़ी सेक्स की मूर्ति को देख रहा था…बड़े-2 मम्मे जो उसके साँस लेने से ऊपेर नीचे हो रहे थे….थोड़ी सी मोटी कमर , और पीछे और बाहर की तरफ निकले हुए खुले, और आख़िर में उसकी मोटी-2 मांसल जांघे…जो एक दम सॉफ और चिकनी थी….
 
जब साहिल ने पायल को इस हालत में देखा तो, वो अपनी पलके अपना झपकाना भी भूल गया…पायल ने मुस्कराते हुए उसकी ओर देखा, और फिर एक तरफ पड़े बिस्तर को उठाने लगी…साहिल किसी बुत की तरह खड़ा ये सब देख रहा था…पायल ने बिस्तर उठा कर डोर के बिल्कुल बीच में बिछा दिया…रूम की छत रूम से थोड़ा ज़्यादा आगे तक बनाई गई थी…जिसके कारण बारिश तो अंदर नही आ रही थी…..

पर तेज हवा चलने के कारण पानी की ठंडी फुहार हवा के साथ आकर डोर के पास गिर रही थी…पायल ने वैसे ही वहाँ लेटे हुए साहिल की तरफ देखते हुए कहा…”पुत्तर लाइट बंद कर के 0 वाट दा बल्ब जगा दे…

साहिल को जैसे होश सा आया पायल की आवाज़ सुन कर, वो काँपते हुए लाइट के स्विच के पास गया…और ट्यूब लाइट ऑफ करके, 0 वाट का बल्ब जला कर पायल के पास आकर खड़ा हो गया…0 वॉट के बल्ब से रेड कलर की रोशनी निकल कर पूरे कमरे में फेल चुकी थी….पायल ने अपनी बाहों को उठा कर साहिल को अपने पास आने के लिए कहा…

साहिल बिस्तर पर बैठते हुए, पायल की बाहों में जाने लगा…जैसे ही साहिल पायल की बाहों की पहुच में पहुचा, पायल ने थोड़ा सा उठते हुए साहिल को अपनी बाहों में भर कर अपने ऊपेर खेंच कर अपने से चिपका लिया. और बेतहासा साहिल के गालो और गर्दन को चूमते हुए चाटने लगी…क्योंकि साहिल भी ऊपेर से नंगा था.जैसे ही साहिल के बदन और चाची पायल के बदन आपस में सटे…पायल को मस्ती की खुमारी सी छाने लगी….उसने साहिल को सिसकते हुए कहा…

पायल: पुत्तर मेरी लेनी है….

साहिल: (काँपति आवाज़ में)की चाची…

पायल: मेरे फुद्दि लेंगा….

साहिल ने हां में सर हिला दिया….पायल ने अपनी बाँहो को साहिल की नंगी पीठ पर कसते हुए कहा “पुत्तर अपनी चाची दे माममे खाली कर दे आज” देख किन्ना दूध बचा के रखया है तेरे लाये “ साहिल तो जैसे इस पल के इंतजार में था….उसने झुक कर पायल के राइट मम्मे को मूह में भर कर चूसना शुरू कर दिया…..पायल अपने निपल पर साहिल के होंठो के दबाव को महसूस करते सिसक उठी….”ओह्ह्ह साहिल पुत्तर हां चूस ले उंह सीईइ हइई”

साहिल अपनी चाची के नंगे जिस्म के ऊपेर था….भले ही पायल का जिस्म पानी से भीगा हुआ था…पर उसके बदन से उठ रही गरमी को साहिल सॉफ-2 महसूस कर पा रहा था….और जब तेज हवा के साथ बारिश के पानी की फुँहार पायल के बदन पर पड़ती….तो वो साहिल को अपने से और ज़ोर से चिपका लेती…..

साहिल पूरे जोश में आकर पायल चाची की निपल को चूस रहा था… पायल के मम्मे से गरम-2 दूध निकल कर साहिल के मूह में जा रहा था. “हाईए हां पी ले….मेरीए शेर आह जोर्र से चूस मेरे शेर पुत्तर” पायल के हाथ तेज़ी से साहिल की पीठ पर घूम रहे थे…पायल इतनी चुदास से भर चुकी थी कि, वो उसी पल साहिल के लंड को अपनी चूत में ले लेना चाहती थी….पर आज पायल जी भर कर इस रात का मज़ा लेने के मूड में थी…

इसीलिए पायल बीच-2 में अपने हाथों को साहिल की पीठ से हटा कर, उसके सर को अपने दोनो हाथों में पकड़ ऊपेर उठा देती…और उसका तना हुआ आधे इंच का निपल पक की आवाज़ से साहिल के मूह से बाहर आ जाता.. और फिर अपनी मदमस्त हो चुकी आँखों से साहिल की ओर देखते हुए कहती…

पायल: (मदहोशी भरी लड़खड़ाती आवाज़ में) साहिल्ल ओह्ह्ह तेनू किद्दा लग रहा है.मज़ा आ रहा है ना….

साहिल बिना कुछ बोले हां में सर हिला देता…और पायल फिर से उसके होंठो को अपने निपल पर लगा देती…साहिल भी बिना एक पल रुके उसके मम्मे को मूह में भर लेता “आह ओह्ह्ह्ह साहिल चुस्स्स पुत्तर हां पूरा खा जा अपनी चाची दे मम्मे….सीईईई हाईए ओईए तू तां बहुत वाडया मम्मा चूस्दा है” पायल की सिसकारियाँ पूरे रूम में गूंजने लगी थी…

अब पायल से बर्दास्त करना मुस्किल होता जा रहा था….उसकी चूत ने भी अपने प्यार के मोतियों को चूत के छेद पर ला दिया था…पायल ने फिर से अपने हाथों में साहिल के सर को पकड़ कर ऊपेर उठाया…पायल के मम्मे का निपल खिंचते हुए पक की आवाज़ से साहिल के मूह से बाहर आ गया…

पायल: (सिसकारियाँ लेते हुए) साहिल मेरी लेनी है…

इस बार साहिल को अपनी चाची की बात का मतलब पता था…..उसने भी काँपते हुए अपने सर को हां में हिला दिया….पायल के होंठो पर वासना से भरी मुस्कान फेल गई…उसने अपने हाथों को नीचे लेजा कर साहिल की कमर से टवल को हटा कर रूम के अंदर की तरफ फेंक दिया….

फिर पायल ने अपनी टाँगों को पूरा खोल कर फेला दिया और साहिल के कंधो पर हाथ रखते हुए, उसे पीछे की ओर उठाते हुए, उसे घुटनो के बल बैठा दिया….साहिल अपनी आँखों को फाडे, चाची की जाँघो के बीच उस चीज़ को देख रहा था….जिसे देखने की ललक उसके मन में कब से थी…

एक दम काले और घने बालो से भरी हुई चूत…साहिल का तो देख कर ही बुरा हाल था…अजीब सी उत्सकता के कारण उसके हाथ पैर काँप रहे थे.. पायल ने साहिल की तरफ देख कर मुस्कराते हुए कहा….”अपनी चाची दी फुददी मारेंगा….” साहिल ने अपनी नज़रे चाची की चूत से हटा कर पायल के फेस की तरफ देख कर हां में सर हिला दिया….

पायल: आजा मेरे शेर पुत्तर…मार ले अपनी चाची दी फुद्दि…

पर साहिल को क्या पता कि, छूट कैसे मारी जाती है…..साहिल वैसे ही बुत बने हुए बैठा था…पायल भी इस बात से अंजान ना थी…उसने मुस्कराते हुए, अपनी टाँगों को घुटनो से मोड़ कर ऊपेर उठाया, और फिर अपनी जाँघो को दोनो ओर फेला दिया….जिससे पायल की चूत की फांके जो पहले आपस में सटी हुई थी…एक दम से खुल गई….और साहिल की फांको के अंदर गुलाबी भाग दिखाई देने लगा…

पायल जानती थी, कि साहिल ऐसा पहली बार कर रहा है….इसीलिए वो अपने आप कुछ नही कर पाएगा…उसने साहिल की ओर देखते हुए अपने दोनो हाथों को अपनी चूत की फांको पर ले आए, और अपनी चूत की फांको को फेलाते हुए, अपनी चूत का गुलाबी छेद साहिल की आँखों के सामने कर दिया…

पायल की चूत का छेद पायल की चूत से निकले कामरस से लबलबा रहा था. और कभी सिकुरता और कभी फैलता…जिससे उसके कामरस की ओस की बूंदे चूत के छेद से बाहर बहने लगती..”आ देख पुत्तर तेरे चाची दी फुद्दि. तेनू इस्स्दे विच छेद दिखाई दे रहा है ना” साहिल की नज़रे चाची की चूत पर थी….और कान चाची की बातों को सुन रहे थे….

साहिल ने हां में सर हिला दिया “बस फेर पा डी अपना लंड मेरी फुद्दि छ फाड़ दे अपनी चाची दी फुद्दि…” साहिल चाची की बातों को सुन कर पूरे जोश में आ चुका था…उसने अपने लंड को हाथ में पकड़ और थोड़ा आगे सरकते हुए, अपने लंड के सुपाडे को चाची की चूत के छेद पर लगा दिया..
 
हालाकी साहिल का लंड सिर्फ़ 5 इंच ही लंबा था, और पतला सा था….पर फिर भी उसका सुपाडा गरम होकर दहक रहा था…जैसे ही साहिल के लंड का सुपाडा चाची की ऊट के छेद पर लगा…पायल एक दम से सिसक उठी “उंह अह्ह्ह्ह साहिल मार दे ले लयी मेरी आजाअ आह उंह हाईए साहिल जल्दी अंदर कर दे पुत्तर” साहिल ने अपने लंड के सुपाडे को धीरे-2 पायल की चूत के छेद पर दबाना शुरू कर दिया…..

और उसके लंड का सुपाडा पायल की गीली चूत के अंदर चूत की दीवारो को फेलाता हुआ अंदर घुसने लगा….”वंश के जनम के समय कुछ कॉंप्लिकेशन्स आ गई थी…इसीलिए वंश के जनम के दिन पायल का ऑपरेशन करवाना पड़ा था….इसीलिए वंश उसकी चूत से नही निकाला था… पायल की चूत अभी भी टाइट थी….और ऊपेर से शादी के बाद रवि बहुत कम बार पायल को चोद पाया था…

जब शादी के 1 महीने बाद ही पायल और रवि को ये पता चला कि, पायल अब पेट से है, तो उसके बाद से लेकर आज तक उन दोनो के बीच कोई जिस्मानी रिस्ता नही बना था…इसीलिए पायल की चूत अभी तक टाइट थी….साहिल के लंड का सुपाडा पायल की चूत के अंदर जा चुका था…पायल की आँखें मस्ती में बंद होने लगी थी…उसने अपनी बंद होती आँखों से साहिल की तरफ देखते हुए कहा….

पायल: उंह साहिल ज़ोर नाल धक्का मार…

साहिल ने अपने दोनो हाथों को पायल की कमर पर रखा, और अपनी कमर को पूरी ताक़त के साथ आगे की तरफ झटका दिया..साहिल का पतला सा लंड सरसराता हुआ, पायल की चूत में जा घुसा…पायल के पूरे बदन में मस्ती की लहर दौड़ गई….और उसका पूरा बदन मस्ती में काँप गया…साहिल वैसे ही बैठे हुए, अपनी चाची के फेस को देख रहा था…

पायल अपनी आँखें बंद किए हुए, अपने नीचले होंठ को दांतो में दबा रखा था….और पायल अपने नथुनो से गहरी साँसे ले रही थी…थोड़ी देर बाद पायल ने अपनी आँखे खोल कर साहिल की तरफ देखा….पायल की आँखो में आँसू की बूंदे देख कर साहिल थोड़ा सा घबरा गया…

साहिल: चाची की हुआ दर्द हो रहा है ?

पायल: (अपनी आँखों को सॉफ करते हुए अपने होंठो पर कातिल मुस्कान ले आई और अपनी बाहों को फेला कर साहिल को अपनी बाहों में आने के इशारा किया) नही साहिल आजा मेरा शेरा

साहिल अपनी चाची के ऊपेर झुक गया…पायल ने दोनो हाथों से साहिल के कंधो को पकड़ कर अपने बदन से चिपका लिया…”साहिल में तो वो कुछ ज़्यादा ही खुस हो गई थी…इसीलिए मेरी आँखो से ख़ुसी के आँसू आ गए तू फिकर ना कर “ फिर चाची ने साहिल के फेस को अपनी हाथों में लेकर बेतहासा चूमना शुरू कर दिया….

साहिल के गाल पायल के थूक से गीले हो गए….पर साहिल को इसकी कोई परवाह नही थी….थोड़ी ही देर में पायल की चूत की दीवारों ने साहिल के लंड को अपने अंदर दबाना शुरू कर दिया….पायल की चूत तो कब से बेताब थी…जिस चीज़ के लिए वो वंश के जनम से पहले से तरस रही थी..आज साहिल उसे वो ख़ुसी दे रहा था…

पायल ने उसके गालो को चूमते हुए, एक पल के लिए रुकी, फिर एक दम से साहिल के होंठो को अपने होंठो में भर लिया….बाहर आसमान में फिर से बिजली कोंध गई…पूरा आसमान बिजली के कोंधने की आवाज़ से गड़गड़ा उठा. और नीचे पायल और साहिल के होंठो के मिलन में भी वैसी ही उन्मक्ता थी…जैसे ही पायल ने साहिल के होंठो को अपने होंठो में लेकर चूमा…

साहिल को अपना पहला किस याद आ गया….जब उसने और गीता ने बहुत देर तक एक दूसरे के होंठो को चूसा था…साहिल ने उसी ख्यालो में खोए हुए, पायल के नीचले होंठ को अपने होंठो में भर लिया, और ज़ोर-2 से उसके होंठो को चूस्ते हुए उसके होंठो का रस पीने लगा…साहिल की इस हरकत से पायल एक दम से हैरान रह गई….पर उसने साहिल को बिना कुछ कहे अपने होंठो को रस पीने के लिए खुली आज़ादी दे दी…

साहिल पायल के निचले होंठ को बड़े ज़ोर-2 से चूस रहा था…पायल को इस बात का अंदाज़ा नही था कि, साहिल उसके होंठो को इतने जबरदस्त तरीके से चूस सकता है..पर साहिल के इस तरह होंठ चूसने से उसके जिस्म में वासना की खुमारी और बढ़ गई थी….पायल की चूत साहिल के लंड को अंदर ही अंदर कस के दबाती तो कभी ढीला छोड़ देती….

पायल के मूह से घुटि हुई सिसकारियाँ लगातार निकल रही थी…और पायल अपने दोनो हाथों से साहिल के सर को सहलाते हुए, अपने होंठो को चूसा कर निहाल हो रही थी….पायल की चूत अब आग उगलने लगी थी….और अब उससे सबर नही हो रहा था…उसने नीचे से अपनी गांद को धीरे-2 ऊपेर की तरफ उठाना शुरू किया…पर साहिल वैसे ही लेटा हुआ चाची के होंठो को चूस रहा था….

जब पायल ने नीचे से अपनी गांद को हिलाना शुरू किया तो, पायल की चूत की दीवारे साहिल के लंड पर रगड़ खाने लगी…..एक अजीब से सरसराहट साहिल के लंड में दौड़ गई….उसने पायल के होंठो से अपने होंठो को अलग किया, और पायल के फेस की तरफ देखने लगा….पायल ने अपनी आँखो को खोल कर साहिल की तरफ देखा…उसने अपनी कमर नीचे से हिलानी बंद कर दी….

जैसे ही पायल ने अपनी आँखों को खोला….साहिल फिर से पायल के होंठो पर झुक गया, और इस बार पायल के ऊपेर वाले होंठ को अपने होंठो में भर कर चूसना शुरू कर दिया….पायल के लिए ये एक और चौंका देने वाला था. वो समझ नही पा रही थी कि, उसने इस तरह किस करना कैसे सीखा होगा..

पर इस समाए पायल ना तो कुछ बोलने के मूड में थी, और ना ही कुछ पूछने के, वो तो अपनी चूत की आग को बुझाने के मूड में थी. उसने फिर से अपनी आँखें बंद कर ली, पायल के होंठ खुले हुए थे....फिर अचानक साहिल ने अपनी जीभ पायल के मूह में डाल दी, पायल को एक के बाद एक शॉक पर शॉक लग रहे थे….
 
उसे यकीन नही हो रहा था…..जिस साहिल के अभी झांट के बाल नही उगे, वो इतनी सी उमर में इतना सब कैसे सीख गया….पर जो भी था….पायल को साहिल की हर हरक़त मस्त कर देती….और पायल अपनी गांद को धीरे-2 ऊपेर उछालने लगी….मस्ती में आकर आख़िर जब उससे बर्दास्त नही हुआ, तो उसने साहिल के कान में काँपति हुई आवाज़ में कहा…..

पायल: साहिल पुत्तर मार ना मेरी….

साहिल: (अपने होंठो को पायल के होंठो से हटाते हुए) कैसे चाची ?

पायल : ओह्ह साहिल अपना लंड मेरे फुददी दे अंदर बाहर कर…..

साहिल ने धीरे-2 अपने लंड को बाहर निकाला…जैसे ही, साहिल का लंड सुपाडे तक पायल की चूत से बाहर आया…पायल एक दम से सिसकते हुए “बस साहिल.. उंह आहह अब फिर से डाल दे पूरा अंदर अह्ह्ह्ह” साहिल ने जैसे ही अपनी कमर को आगे की तरफ दबाया….साहिल का लंड फिर से फिसलता हुआ पायल की गीली चूत में समा गया….

पायल अपनी चूत की दीवारो पर साहिल के लंड की रगड़ को महसूस करते हुए सिसक उठी…उसने भी अपनी जीभ को साहिल के मूह में डाल दिया…और साहिल भी जैसे इस पल का इंतजार कर रहा था….उसने पायल की जीभ को अपने मूह में भर कर चूसना शुरू कर दिया……पायल एक दम से मस्त हो गई.. उसके मूह से उन्घ्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह जैसी घुटि सिसकारियाँ निकलने लगी….

साहिल धीरे-2 अपने लंड को अंदर बाहर करने लगा….पायल तो जैसे सवर्ग में पहुच गई थी….बाहर से जब ठंडी और तेज हवा के साथ बारिश की बोछार आकर पायल के जिस्म से टकराती….पायल एक दम से मस्त होकर साहिल को अपने से और चिपका देती….

पायल भी अपनी गांद को तेज़ी से ऊपेर उछाल कर अपनी चूत को साहिल के लंड पर पटाकने लगी….साहिल ने अपने होंठो को पायल के होंठो से अलग किया…और फिर अपनी कमर को आगे पीछे करते हुए, पायल की चूत के अंदर बाहर करने लगा…..

पायल: ओह्ह्ह्ह ओह्ह्ह साहिल मार ले अपनी चाची दी फुद्दि….आहह मार ज़ोर दे मार फाड़ दे मेरे फुद्दि…

साहिल चाची की बातें सुन कर और जोश में आ गया…और अपनी कमर को और तेज़ी से हिलाने लगा….उसका लंड पायल की चूत में रगड़ ख़ाता हुआ, अंदर बाहर होने लगा….पायल की चूत से निकल रहे पानी से साहिल का लंड एक दम गीला हो गया था…और बिना किसी बाधा के अंदर बाहर हो रहा था….

पायल: आह हां मेरे शेरा ऐसी मार अपनी चाची दी फुदी आह मार ले …..में अपने शेर नू रोज दूँगी अह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह सीईईई माआअ……तू तू आह लेंगी ना मेरी रोज्ज्ज……

साहिल तो जैसे कुछ सुन ही नही रहा था….वो लगतार कमर हिलाते हुए, चाची की चूत में अपना लंड ठोके जा रहा था.तभी अचानक से पायल का बदन अकड़ने लगा….उसने साहिल के कंधो को कस के पकड़ लिया….और तेज़ी से अपनी गांद को ऊपेर की ओर उछालने लगी..”आहह साहिल अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह देख मेरी फुद्दि दा काम होने वाला अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह सी जोर्र नाअलल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल मार अपनी चाची दी फुद्दि…

पायल ने अपनी दोनो टाँगों को साहिल की कमर पर लपेटते हुए, अपनी गांद को पूरी ताक़त से उछलाते हुए अपनी चूत को साहिल के लंड पर पटकना शुरू कर दिया…साहिल बेचारे का तो हिलना भी मुस्किल हो गया….पर अपनी चाची को इस तरह चुदवाते देख साहिल भी मदहोश हो गया….

पायल: अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह साहिल यीईईईईईईईईईईईईईह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह ले में आइईईईईईईईईईईईईई अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह हइईए ओयीईईईईईईईईईईईईईईई मेरीएईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई फुद्दि अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह गई में……

पायल काँपते हुए झड़ने लगी….उसने अपनी बाहों में साहिल को ज़ोर से कस लिया….उसे अपनी चूत के अंदर एक सैलाब सा उमड़ता हुआ महसूस हुआ….पर साहिल तो अभी तक झाड़ा नही था…..

क्रमशः............................................
 
छोटी सी जान चूतो का तूफान--12

पायल बदहवास सी साहिल के नीचे लेटी हुई, उसकी पीठ को अपने हाथों से सलहा रही थी…उससे अपनी चूत में अभी भी साहिल के तने हुए लंड का अहसास हो रहा था…उसने अपनी आँखें खोल कर साहिल के फेस की तरफ देखा. जो उत्सकता के साथ उसकी तरफ देख रहा था….

पायल: (होंठो पर कातिल मुस्कान लाते हुए) हाई ओये सोनिया….तू तां कमाल कर दित्ता…मज़ा आ गया…..तेरा अभी तक नही हुआ ना….चल हट में तेरा पानी निकालती हूँ…

पायल की बात सुन कर साहिल पायल के ऊपेर से हट गया….पायल की चूत के कामरस से सना हुआ साहिल का लंड 0 वॉट बल्ब की रोशनी में चमकने लगा….अपने लंड पर लगे पायल चाची की चूत के पानी को साहिल बड़ी हैरानी से देख रहा था….

पायल: साहिल ये मेरे फुद्दि का प्यार है ……जो उसने तेरे लंड को दिया है…

ये कहते हुए उसने साहिल को नीचे बिस्तर पर पीठ के बल लिटा लिया कहा..साहिल बिस्तर पर पीठ के बल लेट गया….पायल अपने दोनो घुटनो को साहिल की कमर के दोनो तरफ रख कर ऊपेर आ गई….

साहिल: पर चाची ये है क्या ?

पायल: साहिल जब कोई औरत गरम होती है ना…उसकी फुद्दि से ये सब निकलता है…और जब कोई आदमी या लड़का किसी औरत को चोदता है, तो बहुत सारा पानी निकलता है….

ये कहते हुए, पायल ने अपना एक हाथ नीचे ले जाकर साहिल का लंड अपने हाथ में पकड़ लिया….और उसके लंड को अपनी चूत के छेद पर लगा कर धीरे-2 उस पर अपना वजन डालने लगी….साहिल का लंड फिर से फिसलता हुआ चाची की चूत में समा गया….

पायल: ओह्ह साहिल तू कहाँ था अब तक……आह सीईईई मुझी पता हुंदा तां आ में तेरा लंड रोज लेन्दि अह्ह्ह्ह बोल अपनी चाची दी रोज लेआयगे ना….

साहिल: हां चाची…

पायल: हाई मेरा सोना….पुत्तर रोज मारी मेरी हां रोज…..

साहिल चुप चाप अपने चाची के बातें सुन रहा था….पायल ने अपने दोनो हाथों से साहिल के हाथों को पकड़ कर अपनी चुचियों पर रख दिया…और अपने हाथों को साहिल के हाथों पर दबाती हुई बोली….

पायल: आह साहिल पट ना मेरे मम्मे अह्ह्ह्ह

पायल तेज़ी से अपनी गांद को उछालते हुए, साहिल के लंड पर अपनी चूत को पटाकने लगी…साहिल तो जैसे फिर से सातवें आसमान पर था…उसका तना हुआ लंड चाची की चूत की दीवारों से रगड़ ख़ाता हुआ अंदर बाहर हो रहा था…और पायल मस्ती में आकर फिर से सिसकारियाँ भरने लगी…..

पायल:आ हह साहिल तेरा लंड आह छाड़ दे अपना पानी मेरी फुदी विच आहह आह सी हाईए मेरीए फुदी आह कीना मज़ा आ रहा है आह साहिल होर ज़ोर दे दबा मेरे मम्मे अहह ह ह में तेरा लंड रोज लूँगी अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह रोज फुदी मारूँगी अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह अहह आह

पायल एक बार फिर से गरम हो चुकी थी……और पागलो की तरह सिसकारियाँ भरते हुए, अपनी गांद को ऊपेर नीचे उछाल कर साहिल के लंड को अपनी चूत में ले रही थी…..साहिल भी धीरे-2 नीचे से अपनी कमर हिलाने लगा था..और अपनी चाची की लय में लय मिलाने की नाकामयाब कॉसिश कर रहा था.

साहिल: आह चाची आह मेरा पेशाब अजहह निकल जाएगा आह रूको…

पायल: (तेज़ी से हान्फ्ते हुए अपनी गंद को ऊपेर नीचे उछालती हुई बोली ) आहह पुत्तर मूत दे आह मेरे फुद्दि विच आह ओदे नाल तां मेरे फुदी दे प्यास बुजेगी….

तभी पायल को साहिल का लंड अपनी चूत में झटके ख़ाता हुआ महसूस हुआ.. साहिल झड़ने लगा था…पर पायल को अपनी चूत में साहिल के वीर्य का अहसास नही हुआ था….पायल ने फिर से धक्के लगाने शुरू कर दिए…और काँपते हुए झड़ने लगी….

पायल: ह ह साहिल ले मेरे भी अह्ह्ह्ह ली में भी आह आ ओह्ह्ह्ह हइई मा…

पायल भी निढाल होकर साहिल के ऊपेर लूड़क गई….दोनो तेज़ी से साँसे ले रहे थी…पायल के होंठो पर सन्तुस्ति से भरी मुस्कान फेली हुई थी…उसने साहिल के होंठो को होंठो को चूम लिया….साहिल का लंड सिकुड कर पायल के चूत से बाहर आ गया….

पायल सीधी हो कर बिस्तर पर पीठ के बल लेट गई…और चेक करने के लिए उसने अपनी चूत में अपनी उंगली घुस्सा कर बाहर निकाल कर गोर से देखने लगी….फिर कुछ देर सोचने के बाद उससे पता चला कि, अभी साहिल की अभी उमेर नही है कि, वो झाड़ते हुए, पानी छोड़ सके….
 
पायल काफ़ी पढ़ी लिखी थी….इसीलिए वो इस बात को जानती थी कि, किस उम्र जाकर लड़को के लंड से पानी निकलता है….”साहिल तुझे मज़ा तो आया ना”

साहिल: हां चाची बहुत मज़ा आया….

पायल: फिर से लेगा मेरी…

साहिल: हां…

पायल: अच्छा बच्चू अभी मन नही भरा क्या ?

ये कहते हुए, उसने साहिल के पेट गुदगुदी करनी शुरू कर दी.साहिल अपने पेट पर से चाची के हाथ हटाने की कॉसिश करते हुए हँसने लगा….साहिल के हँसने की आवाज़ सुनते ही वंश नींद से जाग गया….और रोने लगा….पायल जल्दी से नीचे बिछे बिस्तर से खड़ी हुई, और वैसे ही बेड की तरफ भागी….

साहिल लेटा हुआ पायल की गान्ड को थिरकते हुए देखने लगा….पायल वंश के साथ बेड पर जाकर लेट गई….और वंश को दूध पिलाते हुए बोली…”साहिल ये बिस्तर उठा कर टेबल रख दो….और डोर बंद करके बेड पर ही आ जाओ.

साहिल खड़ा हुआ, बिस्तर समेट कर टेबल पर रखा, और फिर डोर बंद करके पायल के साथ बेड पर आ गया….पायल की पीठ साहिल की तरफ थी…पायल ने फेस घुमा कर साहिल की तरफ देखा, और होंठो पर कामुक मुस्कान लाते हुए, साहिल को पास सरकने का इशारा किया….साहिल सरकता हुआ, पायल के पास आकर करवट के बल लेट गया…

पायल ने साहिल का हाथ पकड़ कर अपने मम्मे पर रखते हुए, साहिल को पीछे से अपने से चिपका लिया “साहिल बस वंश सो जाए…फिर में तुम्हें फिर से दूँगी….साहिल ने पायल की कोई बात का जवाब नही दिया…और पायल के मम्मे को थामे हुए, लेटा रहा….पायल और साहिल पिछली दो रातों को काफ़ी देर से सो रहे थे…इस लिए साहिल को नींद आने लगी….झड़ने के बाद पायल भी बहुत हल्का महसूस कर रही थी….

वंश को दूध पिलाते-2 उसकी भी आँख लग गई….सुबह के 7 बजे पायल की आँख खुली, उसने रूम में चारो तरफ नज़र दौड़ाई…और फिर पास लेटे हुए साहिल को हिला कर जगाया….साहिल पीठ के बल लेटा हुआ था…नींद आ जाने के कारण पायल अपने आप को कोसने लगी…

पायल: (साहिल के ऊपेर झुकते हुए) तुमने मुझे जगाया क्यों नही ?

साहिल: वो चाची मुझे भी नींद आ गई थी…

पायल: (अपने होंठो पर मुस्कान लाते हुए) चल कोई बात नही…

और फिर पायल ने साहिल के होंठो पर अपने होंठो लगा दिए…फिर थोड़ी देर बाद उसने अपने होंठो को साहिल के होंठो से अलग किया…और बोली….”साहिल चल कपड़े पहन ले….बहुत देर हो गई है.तुझे तो स्कूल भी जाना होगा”

साहिल जल्दी से उठा और अपने कपड़े जो अभी तक पूरी तरह सूखे नही थी. पहनने लगा…पायल ने भी अपने कपड़े पहने…और घर को लॉक लगा कर अपने घर वापिस जाने लगी…

पायल: (रास्ते में) साहिल देखो जो कुछ भी हमारे बीच में हुआ. उसका किसी को पता नही चलना चाहिए…वरना तुम्हारे चाचा मुझे घर से निकाल देंगे….

साहिल: नही चाची मैं नही बताउन्गा…

पायल: देख साहिल अगर तू अपनी बात पर रहा है तो, में तुझे इतना मज़ा दूँगी. कि तू सारी उम्र मुझे याद करेगा….

साहिल और पायल थोड़ी देर बाद घर पहुच गए…नेहा ने साहिल को तैयार कर नाश्ता करवाया और फिर उसे स्कूल भेज दिया…पायल आज बहुत खुस थी…आज उसे कई महीनो बाद फिर से अपने जिस्म के आग को ठंडा करके जो सकून मिला था…उसके लिए वो कब से तरश रही थी…

दोपहर को जब स्कूल से साहिल वापिस आया, तो थोड़ी देर बाद गीता उसकी मा और भाभी भी आ गई….उनके साथ पायल के मामा की छोटी बेटी भी थी. जो साहिल की हम उमर थी…उसका नाम काजल था…उसने नीलम से कहा कि बुआ वो कुछ दिन पायल दीदी के साथ रहना चाहती है…और ख़ासतोर पर वंश को देखने के लिए आई थी…

इस लिए वो दो दिन यहाँ रहेगी….उसकी बात नीलम ने मान ली, दूसरी तरफ अपने रूम साहिल बेड पर बैठा नाश्ता कर रहा था कि, गीता उसके रूम आई, और साहिल के पास बैठ गई…थोड़ी देर खामोश रहने के बाद गीता ने धीरे से साहिल को कहा….

गीता: साहिल खाना खा कर ऊपेर छत पर आओ….

साहिल ने गीता की ओर देखा…साहिल खाना खा चुका था….गीता उसकी तरफ देखते हुए मुस्कुराइ, और उठ कर रूम से बाहर जाने लगी..साहिल भी थोड़ी देर बाद बेड से उठा….और रूम से बाहर आ गया…..पर जैसे ही गीता सीढ़ियाँ चढ़ने लगी….पीछे से उसे सिमरन की आवाज़ आई…

सिमरन: हाई गीता….आज स्कूल नही आई ?

गीता: (मन ही मन सिमरन को कोसते हुए) वो यार मामा के घर गई थी…उनके बेटे की मँगनी थी…

सिमरन: अच्छा तो मामा के यहाँ से घूम कर आ रही हो….

गीता: चल आजा छत पर चल कर बातें करते है…

साहिल अपने रूम में चला गया….और गीता और सिमरन छत पर चली आई. कल से बादल अभी भी आसमान में बने हुए थी..इसलिए मौसम ठंडा था. गीता और सिमरन चारपाई पर आकर बैठ गई….
 
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