Hindi Sex Kahaniya छोटी सी जान चूतो का तूफान - Page 11 - SexBaba
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Hindi Sex Kahaniya छोटी सी जान चूतो का तूफान

कुलवंत: (रवि की ओर देख कर मुस्कुराते हुए) देखो हम दोनो ने कुछ फैंसला किया है….वही सब को बताना चाहते थे….हमारा काम अब काफ़ी बढ़ गया है….और दिन ब दिन भैंसो के आने जाने की गिनती बढ़ती जा रही है…पीछे के बने कमरो में अब जगह कम पड़ने लगी है…. इसीलिए मेने और रवि ने अपने लिए एक नया घर पसंद किया है….

साहिल: (नये घर के बारे में सुन कर उत्सक होते हुए) कहाँ पर पापा…

कुलवंत: बाहर तुम्हारे स्कूल की तरफ जो नया मकान बना है ना ? वही.

साहिल: जिस पर वो येल्लो कलर का पैंट हुआ है..

कुलवंत: हां…वही तुमने देख है नेहा….

नेहा: जी मेने कभी ध्यान नही किया..

कुलवंत: और पायल तुम ने ?

पायल: जी भी मेने भी कभी गोर नही किया….

कुलवंत: चलो कल चल कर देख लेना….भले ही वो 300 गज में है…पर दो मंज़िला बना हुआ है….और जैसे मकान सहर में होते है…ठीक वैसे ही बना हुआ है…सारे फरश मार्बल लगा हुआ है…सफेद रंग का…तीन मास्टर बेड रूम है…जिनके साथ में अतेच बाथरूम है….दो मास्टर बेडरूम ऊपेर और एक नीचे है…नीचे एक हाल और एक सिंपल बेड रूम और भी है…और साथ में किचन और एक बाथरूम अलग से भी है….ऊपेर भी एक किचन है….

नेहा: सुनिए जी फिर तो बहुत महँगा होगा ना….

कुलवंत: हां महँगा तो है,…पर जितना उस मकान का मालिक पैसा माँग रहा है…मकान देखने के बाद लगता है कि कम माँग रहा है… मुझे तो ये सोदा बहुत पसंद है….आप लोग भी एक बार जाकर देख लेना…घर की चाभियाँ में ले आया हूँ…जिसका मकान है वो मंडी के पास ही रहता है. अगर तुम सब को ठीक लगे तो, फोन कर देना…में वही से पेमेंट करके, मकान के कागजात हम दोनो भाइयो के नाम करवा लूँगा…और फिर आप घर की सॉफ-सफाई कर लेना….

क्रमशः....................
 
छोटी सी जान चूतो का तूफान--29

सब काफ़ी देर तक बाते करते रहे…अगले दिन साहिल स्कूल चला गया…नेहा और पायल साहिल के आने का इंतजार कर रहे थे….और फिर जब साहिल आया तो नेहा और पायल साहिल को साथ लेकर नया घर देखने लगी…. घर सच में काफ़ी अच्छा बना हुआ था…गाओं में पली बड़ी- नेहा और पायल घर को देख कर बहुत खुस हुई….

पायल: दीदी में कहती हूँ कि आप ये राइट साइड वाला रूम ले लो…और मुझे लेफ्ट वाला रूम दे दो…

नेहा: पर पायल ऊपेर दो बेड रूम में ही बाथरूम अतेच है..में सोच रही थी कि, में अपने साथ वाला रूम साहिल को दूं….

पायल: फिर मेरा रूम कॉन सा होगा..

नेहा: नीचे भी तो एक मास्टर बेडरूम है…वो ले लो…

पायल: दीदी देखो ना कितना बड़ा घर है….कितना कमरे है…आप ऊपेर और में नीचे रहूंगी….तो कितना खाली-2 सा लगेगा…वैसे भी

नेहा: वैसे भी क्या…?

पायल: (नेहा को साहिल से ज़रा दूर लेजा कर) वैसे भी दीदी अब हम तीनो एक ही रूम में सोया करेंगे….तो क्या फरक पड़ता है…आप ही बताए… अकेले नीचे रहने से मुझे अजीब सा लगेगा…

नेहा: हट गस्ति तुझे कुछ और नही सूझता…

फिर दोनो हसने लगी….फिर नेहा ने साहिल को घर जाने के लिए कहा…

नेहा: बेटा जा जल्दी से घर जाकर अपने पापा को फोन कर दे. कि हम सब को घर बहुत पसन्द आया है…और आप ये घर खरीद ले….और वपीस आते हुए झाड़ू बाल्टी और पोछा भी ले आना आज ही घर के सफाई भी कर देते है.. साहिल ये सुन कर ख़ुसी से दौड़ता हुआ बाहर चला जाता है..और कुलवंत को फोन पर सब बता कर फिर सारा समान लेकर अपने नये घर चला जाता है…शाम तक तीनो मिल कर सारे घर की सफाई कर लेते है…फिर घर आकर नेहा और पायल दोनो मिल कर खाना तैयार करती है…शाम को कुलवंत और रवि मिठाई के डिब्बो के साथ घर में दाखिल होते है…

खूब हँसी मज़ाक के बीच सब खाना खा कर सो जाते है….कुलवंत ने सुबह ही एक ट्रक वाले को बुला लिया था ताकि वो अपने घर का सारा समान वहाँ शिफ्ट कर सके…दो चारपायों कुछ बर्तनो और कुछ बिस्तरो को छोड़ कर सारा समान अगले दिन नये घर में सिफ्ट कर दिया गया…साहिल तो स्कूल चला गया…और उसके पीछे नये घर में सारा समान सेट कर दिया गया….अब साहिल के पास खुद का अपना रूम भी था….

कुलवंत ने साहिल के रूम में भी एक सिंगल बेड और स्टडी टेबल वेघरा लगवा दिया था….शाम को पायल के मयके से भी सभी लोग साहिल के नये घर आ गए…शाम को खूब दावत हुई…..कमला का सारा परिवार भी इस दावत में शामिल था…उस रात कुलवंत और रवि अपने नये घर में ही सोए. पायल और नेहा अपने नये घर को लेकर बहुत उत्सक थी… कुछ दिनो में नेहा और पायल ने अपने नये घर को तरह-2 की चीज़ो से भर कर सज़ा दिया….उनका नया घर पूरे गाओं में चर्चा का विषय बन गया था..

कुलवंत और रवि की मेहनत देख कर सारे गाओं वाले उन्हे एक मिशल के तोर पर देखने लगे थे…पर कुलवंत और रवि इस दौरान अपने काम मे और बिज़ी रहने लगे थे…नेहा भी अब साहिल को अपने जिस्म के अन्द्रूनि अंग दिखा कर उसे पटाने के चक्कर में थी…पर साहिल अपने दोनो के बीच में रिस्ते को लेकर चुप था…और आगे नही बढ़ा था….

नॉवमबर शुरू होते-2 सर्दिया शुरू हो गई थी…इस दौरान पायल भी चूत की आग के कारण जलने लगी….सर्द रातो में रज़ाई के अंदर करवटें बदलती रहती..और नेहा का भी यही हाल था…कुछ दिन और इसी तरह बीत चुके थे….और इस दौरान साहिल ने हफ्ते में एक दो बार मूठ मारना शुरू कर दिया था…क्योंकि पायल भी अब उससे दूरी बना कर रखती थी….इस दौरान साहिल के लंड से वीर्य भी निकलने लगा था…जिसके बारे में उसको सारी जानकारी दोस्तो से मिली थी…

सनडे का दिन था….पायल छत पर वंश की मालिश कर रही थी…धूप खिली हुई थी….और साहिल ऊपेर आ गया…नेहा नीचे काम कर रही थी.

साहिल पायल के पास जाकर चटाई पर बैठ गया….पर वो कुछ बोल नही रहा था…पायल उसकी तरफ देख कर मुस्करा रही थी…

पायल: साहिल एक बात पूछूँ…?

साहिल: हां चाची पूछिए ना….

पायल: साहिल तुम्हे याद है तुम जब पहली बार हमारे घर में आए थी.
 
साहिल: (साहिल अभी भी कुछ भूला नही था…क्योंकि जब साहिल बेसहारा था. तब *** साल का था…आम तोर पर इस उम्र की सारी यादें दिमाग़ में बनी रहती है….) हां याद है…

पायल: अच्छा पहले तुम कहाँ रहते थे…

साहिल: ठीक से याद नही पर में शायद एक ढाबे पर रहता था…पर आज अचानक आप सब कुछ क्यों पूछ रही है…

पायल: नही ऐसे ही…

साहिल थोड़ा परेशान हो गया था पायल के इन सवालो से….पायल उसकी हालत समझ गई इसीलिए उसने साहिल को अपने सीने से लगाते हुए, उसके होंठो पर अपने होंठ रख दिए…थोड़ी देर तक किस करने के बाद पायल ने अपने होंठो को साहिल के होंठो से अलग किया….

पायल: साहिल पिछली बातो को भूल जाओ…तुम्हे पता है ना हम सब तुमसे कितना प्यार करते है….

पायल की बात सुन कर साहिल के मन को थोड़ी तसली हुई…और फिर वो नीचे आ गई…पायल सीधा किचन में चली गई…और नेहा को ऊपेर हुई सारी बात बता दी…..नेहा को भी ये जान कर ख़ुसी हुई, के साहिल अपने अतीत को नही भुला है..और अगर नेहा उसे चुदवाने के लिए कुछ ग़लत भी करती है. तो साहिल को इतना भी बुरा नही लगेगा कि, उसकी मा ने ऐसा कुछ किया…

साहिल कभी अपने रूम में सो जाता था…और कभी कभार वो नेहा के रूम में ही उसके साथ सोता था…इस लिए नेहा ने भी सोच लिया था, कि वो अब जल्द से जल्द साहिल को जाल में फाँस कर रहेगी…पायल से भी चूत ना मिलने के कारण साहिल चूत के लिए तरस गया था..इस बात का अंदाज़ा नेहा और पायल दोनो को था….

इसीलिए नेहा अब घर पर बहुत डीप कट नेक की कमीज़ पहनने लगी… जिससे उसकी चुचियाँ सॉफ झलकती रहती….साहिल भी अब नेहा की चुचियों को घूर कर अपने मन को तसल्ली देने लगा था….जब कभी साहिल नेहा की चुचियों को घूर रहा होता तो, नेहा उसकी तरफ मुस्करा कर देखती. जैसे वो अपने दिल हाल उसके तक पहुँचाने की कॉसिश कर रही हो….

साहिल को भी लगने लगा था कि, नेहा भी उससे चुदवाना चाहती है.. पर ना तो नेहा ही आगे बढ़ पा रही थी….और ना साहिल….दोनो के बीच बस ऐसे ही आँख मे ही बात चल रही थी…सर्दी अब पूरे सबाब पर थी. रातें और दिन बेहद सर्द होने लगी थी…दिसंबर का महीना चल रहा था.. साहिल के इंटर्नल एग्ज़ॅम 20 दिसंबर को ख़तम हो चुके थे….और अब 2 जनवरी को स्कूल को खुलना था…

21 दिसंबर की रात को नेहा पायल और साहिल की जिंदगी में नया मोड़ आया…कुलवंत और रवि हमेशा की तरह दिन भर घर में सोते रहे…ज़्यादा काम ना होने की वजह से नेहा पायल और साहिल ने भी ज़्यादातर ऊपेर छत पर धूप में सोते हुए गुज़ारा…

रात को कुलवंत और रवि दोनो खाना खा कर मंडी के लिए चले गए….क्योंकि मंडी सहर में थी….इसीलिए वो भैंसो को रात 10 बजे के बाद सहर पैदल चल कर ले जाते थे….और मंडी सुबे 6 बजे से 10 बजे तक लगती थी….कुलवंत और रवि के जाने के बाद सब अपने अपने रूम में लेटे हुए थे…तीनो तरफ आग बराबर लगी हुई थी….साहिल अपने रूम में सिर्फ़ अंडरवेर में रज़ाई ओढ़े लेटा हुआ अपने लंड को मसल रहा था….

सर्द रात में नेहा के बदन में मानो जैसे आग लगी हुई थी…पिछले 2 महीनो से वो साहिल को पटाने की कॉसिश कर रही थी…पर अपने बीच के रिस्ते के कारण वो आगे बढ़ने में सकॉंच कर रही थी….पर आज वो अपने रूम में सिर्फ़ ब्रा और नाइटी में लेटी हुई थी….उसने अपने ऊपेर रज़ाई ओढ़ रखी थी…रूम में 0 वॉट के बल्ब जल रहा था…जिससे कि रोशनी पूरे रूम में फैल रही थी…

अपने एक हाथ को अपनी वी शेप पैंटी के अंदर डाल कर अपनी चूत के दाने को मसल कर अपनी चूत की आग को ठंडा करने के कॉसिश कर रही थी…तभी उसे बाहर से किचन के डोर की खुलने की आवाज़ आई…नेहा ने घड़ी की तरफ देखा तो, रात के 12 बज रहे थे…वो अपने बेड से उठ कर डोर के पास आई, और धीरे से अपने रूम का डोर खोल कर किचन के तरफ देखा… किचन में साहिल सिर्फ़ अंडरवेर में खड़ा था…शायद पानी पीने आया था.
 
साहिल को देख अचानक ही नेहा के दिमाग़ की घंटी बजी…वो अभी भी सिर्फ़ ब्रा और पेंटी में थी….उसने अपने रूम के डोर को पूरा खोल दिया…और बेड पर जाकर राज़ाई के अंदर लेट गई…और साहिल का अपने रूम के डोर से आगे से गुजरने का इंतजार करने लगी…जब साहिल पानी पीने के बाद जैसे ही नेहा के डोर के सामने से गुज़रा तो, नेहा ने उसे आवाज़ दी..

नेहा: साहिल बेटा तुम हो..कुछ चाहिए क्या….(नेहा ने बेड पर लेटे हुए साहिल से पूछा…क्योंकि नेहा ने रज़ाई ऊपेर ली हुई थी…इसीलिए साहिल को पता नही चला कि, नेहा सिर्फ़ ब्रा और पेंटी में लेटी हुई है…नेहा ने अपनी गर्दन तक रज़ाई ओढ़ रखी थी….)

साहिल: नही मम्मी वो में पानी पीने आया था….

नेहा: अर्रे पानी पीने आया था…तो कम से कम कपड़े पहन लेता…सर्दी लग जाएगी बाहर ठंड बहुत है…..

साहिल: वो मा में रज़ाई में लेटा था…इसीलिए गरमी लगने लग गई..इसीलिए कपड़े उतार दिए थे….

नेहा: चल कोई बात नही….चल इधर आजा आज मेरे पास ही सो जा…

साहिल भी यही चाहता था…भले ही उसे ये उम्मीद ना थी कि, वो अपनी मा नेहा को चोद पाएगा या नही….पर नेहा के साथ जुड़ कर सोने का लुफ्त और उसके बदन की गरमी को महसूस करने का सुख तो मिल ही सकता था… इसीलिए वो जैसे ही नेहा के रूम में दाखिल हुआ…नेहा बोल पड़ी….

नेहा: बेटा डोर भी लॉक कर दे….

साहिल नेबिना कुछ बोले डोर लॉक कर दिया….और बेड की तरफ बढ़ने लगा… “साहिल ये लाइट भी बंद कर दे….रोशनी की वजह से नींद नही आ रही. “ साहिल वापिस मुड़ा और रूम में जल रहे 0 वात के बल्ब को भी बंद कर दिया..और फिर अंदाज़े से बेड की तरफ बढ़ने लगा…

साहिल धीरे-2 बेड पर पहुँचा…..नेहा को जैसे ही महसूस हुआ. कि साहिल बेड पर चढ़ने लगा है…नेहा थोड़ी पीछे खिसक गई..और साहिल को लेटने की जगह दी….साहिल जैसे ही रज़ाई के अंदर आकर लेटा…तो उसका पूरा बदन झनझणा गया….उसे नेहा का नंगा बदन अपने बदन के साथ सॉफ महसूस हो रहा था…उसे समझते देर ना लगी कि, नेहा सिर्फ़ ब्रा और पैंटी में लेटी हुई है…..वो एक दम से घबरा गया…और पीछे खिसक कर बेड के किनारे पर आ गया…

नेहा: क्या हुआ बेटा ?

साहिल: मा वो मा वो आप के कपड़े ?

नेहा: वो बेटा मुझे भी रजनी में गरमी लग रही थी….पर तू क्यों घबरा रहा है…में अपने बेटे के साथ तो हूँ…चल आजा..किनारे पर मत लेट वरना नीचे गिर जाएगा…

ये कहते हुए नेहा ने उसका हाथ पकड़ कर अपनी तरफ खेंचते हुए अपने से सटा लिया…और उसके हाथ को पकड़ कर अपनी कमर पर रखते हुए, खुद अपने एक हाथ को साहिल की कमर पर रख कर अपनी तरफ दबाया…”उफ़फ्फ़ साहिल की तो जैसे जान ही निकल गई हो….नेहा का बदन इतनी सर्दी में आग के शोलो के तरह दहक रहा था….

नेहा की बड़ी-2 चुचियाँ, उसके रेड कलर की नेट वाली ब्रा में से साहिल की छाती में धँस गई…और साहिल का तना हुआ लंड अंडरवेर के अंदर से नेहा की पैंटी के ऊपेर से उसकी चूत पर जा टिका…नेहा भी एक दम से मचल उठी. “सीइश्ह्ह्ह” की आवाज़ से सिसकते हुए, उसने साहिल को अपनी बाहों में और कस के भींच लिया…

साहिल भी नेहा के इस तरह के रव्यए से अपने काबू में नही रहा….उसने अपने हाथ से नेहा की कमर को धीरे-2 सहलाना शुरू कर दिया…नेहा साहिल की इस हरकत से मन ही मन खुस हो गई..और उसने साहिल के चेहरे को अपनी चुचियों पर दबा दिया….जैसे ही साहिल के होंठ नेहा की चुचियों के खुले हिस्से से रगड़ खाए…नेहा फिर से सिसक उठी..और उसने सिसकते हुए, अपनी एक टाँग उठा कर साहिल की जाँघो पर रख दी…..

अब साहिल का लंड नेहा की चूत पर पैंटी के ऊपेर से धँस गया था… साहिल के लंड के सख्ती और गरमी को महसूस करके नेहा का पूरा बदन झटका खा गया…और साहिल का लंड पर उसकी पैंटी के अंदर से ही रगड़ खा गई….:अह्ह्ह्ह साहिल…. नेहा के मुँह से फिर से मदहोसी भरी आवाज़ निकली.

और उसने अपनी टाँग को जो साहिल के ऊपेर थी…उसे और ऊपेर उठा कर, साहिले की कमर पर चढ़ा लिया….

अब नेहा की दोनो टांगो के बीच बहुत गॅप बन गया था..जिसके कारण साहिल का लंड सीधा नेहा की पैंटी के ऊपेर से उसकी चूत पर सटा हुआ था…नेहा मदहोशी के आलम में खोती जा रही थी…उसकी तेज चलती सांसो को साहिल सॉफ महसूसस कर पा रहा था…नेहा से अब सबर नही हो रहा था….उसने अपनी कमर को थोड़ा सा पीछे किया…जिससे उसकी चूत साहिल के लंड से अलग हो गई…और फिर नेहा ने अपना एक हाथ नीचे लेजा कर, अपनी वीशेप पैंटी की पतली सी पट्टी को अपनी चूत के आगे से हटा कर एक साइड में कर लिया..

और फिर से अपनी कमर को आगे की तरफ सरकाते हुए, अपनी चूत को साहिल के अंडरवेर के ऊपेर से उसके लंड पर सटा दिया….साहिल एक दम से काँप गया. उसे अब नेहा की चूत से उठ रही गरमी. और उसकी चूत का गीला पन सॉफ महसूस हो रहा था…साहिल को लगा कि शायद नेहा ने अपनी पैंटी उतार डी है….इसीलिए उसने धीरे से अपना हाथ नीचे लेजा कर अपने लंड पर रखा…और अगले ही पल उसका उल्टा हाथ नेहा के गीली दहक रही चूत पर लगा…साहिल के बदन में बिजली कोंध गई….

अब साहिल के मन में किसी तरह का शक नही बचा था…कि नेहा भी उसे चुदवाना छाती है…साहिल नेहा की कमर को आगे पीछे हिलाते हुए साफ महसूस कर रहा था….जिससे नेहा की चूत अंडरवेर के ऊपेर से उसके मुन्सल लंड पर रगड़ खा रही थी….नेहा एक दम गरम हो चुकी थी…पर इससे आगे बढ़ने की हिम्मत नही हो रही थी….वो अब साहिल के रिक्षन का इंतजार कर रही थी…और साहिल ने उसे ज़्यादा इंतजार नही करवाया…..साहिल ने कुछ पलो के लिए अपनी कमर को पीछे किया और उस ने अपने लंड को धीरे से अंडरवेर में बने हुए होल से बाहर निकाल लिया…जिसे अक्सर पेशाब करने के लिए अंडरवेर में बनाया जाता है…..

फिर साहिल ने अपने लंड को जड़ से हाथ में पकड़ते हुए, अपनी कमर को आगे की तरफ खिसका दिया….नेहा के पूरे बदन में करेंट सा झटका लगा…साहिल के लंड का सुपडा अब सीधा नेहा की चूत के छेद पर जा लगा था..जिसे महसूस करके नेहा एक दम से मचल उठी…और उसने साहिल को अपने बदन से चिपकाते हुए, अपनी कमर को आगे की तरफ धकेला…

साहिल के लंड का मोटा फूला हुआ सुपडा नेहा की चूत की फांको फेलाता हुआ, चूत के छेद पर जा लगा…..दोनो के मुँह से मस्ती भरी आह निकल गई…. साहिल नेहा की गीली दहाकति हुई चूत को महसूस करके और जोश में आ गया….ऊपेर से नेहा भी बिना कुछ बोले लेटी हुई थी….नेहा की तो और बुरी हालत थी….जिस लंड को वो कई बार देख चुकी थी….आज वो उसे अपनी चूत के छेद पर दस्तक देता हुआ महसूस हो रहा था…
 
नेहा का पूरा बदन मस्ती में काँप रहा था….उसे अपनी चूत के फांके बुरी तरह फैली हुई महसूस हो रही थी….आज तक कुलवंत के लंड ने भी उसकी चूत की फांको को इतना नही फैलाया था….उसकी चूत का छेद सिकुड और फेल रहा था…जैसे साहिल के लंड के टोप्पे को चूम रहा हो….साहिल के लिए सहन करना अब मुस्किल हो रहा था….उसने अपनी कमर को आगे की तरफ पुश किया….पर साहिल का लंड नेहा की चूत के फांको रगड़ ख़ाता हुआ ऊपेर की ओर चला गया….

नेहा साहिल के लंड के सुपाडे की जबरदस्त रगड़ को अपनी चूत के दाने पर महसूस करके सिसक उठी…और उसने साहिल को अपने से भीचते हुए अपनी टाँग को साहिल की कमर पर और ऊपेर लप्पेट लिया….साहिल ने फिर से अपने लंड के सुपाडे को नेहा की चूत के छेद पर लगाने की कॉसिश की…पर कई बार कॉसिश करने के बाद भी साहिल सही जगह निशाना नही लगा पाया… बेतुकी पोज़िशन में बिना हाथो के सहारे लंड को चूत में डालना मुस्किल था….साहिल के लंड का सुपाडा बार-2 नेहा की चूत के दाने पर रगड़ खा जाता

नेहा अब बुरी तरह मचल उठी थी…अब उसे और बर्दास्त नही हो रहा था. आख़िर हार कर वो अपना एक हाथ नीचे ले गई…और साहिल के लंड को पकड़ कर लंड के सुपाडे को अपनी चूत के छेद पर लगा दिया….और फिर अपना हाथ साहिल के लंड से हटाते हुए, धीरे-2 अपनी चूत को साहिल के लंड पर दबाने लगी….साहिल के लंड का सुपाडा नेहा की चूत के छेद को फेलता हुआ, अंदर घुसने लगा….नेहा साहिल के दहकेते हुए सुपाडे को अपनी चूत के अंदर जाते हुए महसूस करके एक दम मस्त हो गई….उसने साहिल को अपनी बाहों में भरते हुए, अपने ऊपेर खेंचना शुरू कर दिया…और खुद पीठ के बल धीरे-2 सीधी लेटने लगी….साहिल भी खुद धीरे-2 नेहा के ऊपेर आ गया….

जैसे ही साहिल नेहा के ऊपेर आया…..साहिल के वजन के कारण उसके लंड का सुपडा नेहा की चूत के छेद फेलाता हुआ अंदर घुस गया….नेहा को ऐसा लग रहा था कि, जैसे वो पहली बार अपनी चूत में लंड ले रही है… साहिल के लंड ने ही नेहा की चूत को पूरा खोल दिया था…. उसे अपनी चूत साहिल के लंड पर बुरी तरह कसी हुई महसूस हो रही थी…

नेहा के बदन के रोम-2 में मस्ती के लहरे दौड़ने लगी…साहिल ने बिना रुके-2 धीरे-2 अपने लंड के सुपाडे को नेहा की चूत में अंदर करना शुरू कर दिया था…जैसे-2 साहिल के लंड का मोटा सुपडा नेहा की चूत के अंदर जाता, वैसे -2 नेहा को अपनी चूत के दीवारे फेलति हुई महसूस होती…नेहा की चूत से पानी निकल कर चिकनाहट पैदा कर रहा था….जिससे साहिल का लंड बिना रुके अंदर जा रहा था…..

आख़िर कार साहिल का 8 इंच लंबा और 4 इंच मोटा लंड नेहा की चूत के गहराईयो में उतर गया….नेहा के होंठो पर सकून और सन्तुस्ति से भरी मुस्कान फेल गई….जिसे साहिल अंधेरे में नही दे सकता था….पर वो नेहा की गान्ड को ऊपर उठाए हुए सॉफ महसूस कर पा रहा था..नेहा की राने साहिल रानो से एक दम सटी हुई थी….और नेहा की बाहें साहिल की पीठ पर कसी हुई थी…

धीरे-2 नेहा की गान्ड नीचे बिस्तर पर लग गई…उसने अपनी टाँगो को घुटनो से मोड़ कर ऊपेर उठाते हुए, फेला लिया…साहिल ने अपने होंठो को नेहा की ब्रा के ऊपेर से उसकी चुचियों पर रगड़ते हुए, अपने लंड को धीरे-2 सुपाडे तक बाहर निकाला…और फिर से एक झटके के साथ अंदर धकेल दिया… नेहा के मुँह से मस्ती भरी सिसकारी निकल गई….उसने साहिल की कमर से अपनी बाहों को हटाया…..और अपने बेटे साहिल के दिल के बात समझते हुए, अपने कंधो से ब्रा के स्ट्रॅप्स सरका कर बाहों से निकाल दिए….और फिर अपनी पीठ के पीछे हाथ ले जाते हुए ब्रा के हुक्स खोल कर अलग कर दिए…

साहिल भले ही अंधेर में देख नही पा रहा था…पर वो जान चुका था कि, नेहा ने अपनी ब्रा अपने बदन से अलग कर दी है…इसीलिए उसने बिना देर किए झुक कर नेहा की राइट चुचि को मुँह में भर लिया….नेहा का बदन ने एक तेज झटका खाया…और उसने साहिल के सर को अपनी बाहों में भरते हुए अपनी चुचियों पर दबा दिया…”ओह्ह्ह्ह उंह सीईईईईई”

नेहा की मस्ती भरी सिसकारी, सुन कर साहिल ने अपने लंड को धीरे-2 अंदर बाहर करना शुरू कर दिया…साहिल के हर शॉट के साथ नेहा भी अपनी गान्ड ऊपेर उठा देती….और साहिल के लंड को अपनी चूत के गहराईयो में लेने के लिए तड़प उठी….धीरे-2 साहिल अपनी रफतार बढ़ा रहा था…और नेहा भी पागल होती जा रही थी….साहिल का लंड नेहा की चूत की दीवारो से पूरी तरह से कसा हुआ था…..

साहिल कभी नेहा की एक चुचि को चूस्ता और कभी दूसरी चुचि को चूस्ता. नेहा साहिल के ऐसा करने से मदहोश हो चुकी थी…और अपनी गान्ड को ऊपेर की ओर उछालते हुए, साहिल का लंड अपनी चूत की गहराईयो में ले रही थी….नेहा की मस्ती का कोई ठिकाना नही था….वो अब झड़ने के बेहद करीब थी….उसने भी अपनी गान्ड को तेज़ी से ऊपेर की ओर उछालना शुरू कर दिया…साहिल को समझते देर ना लगी कि, अब नेहा झड़ने वाली है…

उसने भी नेहा की चुचियों को छोड़ तेज़ी से अपनी लंड को अंदर बाहर करते हुए जबरदस्त धक्के लगाने शुरू कर दिए….नेहा ने सिसकते हुए, साहिल के चेहरे को अपने हाथों में भर लिया…और अपनी चूत को साहिल के लंड पर पटकते हुए, अपने होंठो को साहिल के होंठो पर लगा दिया….नेहा के सिसकियाँ साहिल और नेहा के मुँह में घुट कर रह गई….फिर मस्ती की वो लहर जिसके लिए नेहा कब से तरस रही थी…वो उसके बदन को थरथराने लगी. और उसकी चूत ने पानी का सैलाब बहा दिया….

साहिल भी नेहा की चूत से निकल रहे गरम पानी को महसूस करके नेहा की चूत में ही झड़ने लगा…थोड़ी देर पहले आया तूफान अब शांत पड़ चुका था….दोनो के होंठ अब अलग हो चुके थे…साहिल नेहा की चुचियों पर सर रख कर गहरी साँसे लेने लगा….और नेहा अपनी चूत की आग भुजा कर एक दम सन्तुस्त हो चुकी थी….और वो बड़े-2 प्यार से अपने नरम हाथों से साहिल की पीठ को सहला रही थी…

साहिल का लंड सिकुड कर धीरे-2 बाहर आ गया…रज़ाई और नेहा के नंगे बदन की गर्माहट महसूस करते हुए, नेहा के ऊपेर लेटे-2 साहिल को नींद आने लगी….और उसे पता नही चला कब उसे नींद ने घेर लिया….

क्रमशः............................
 
छोटी सी जान चूतो का तूफान--30

नेहा को जब अहसास हुआ, कि साहिल सो चुका है…तो उसने साहिल को अपने ऊपेर से धीरे उतार कर अपनी बगल में लेटा दिया…नेहा तो चाहती थी कि, साहिल सारी रात उसकी चूत को चोद-2 कर सूजा दे…पर उसने अब साहिल को जगाना ठीक नही समझा…वो थोड़ी देर वैसे ही लेटी रही..फिर उसने उठ कर 0 वात का बल्ब ऑन किया, और बेड पर पड़ी, अपनी ब्रा और पैंटी पकड़ कर उठाई….पेंटी और ब्रा पहनने के बाद नेहा धीरे से डोर खोल कर किचन की तरफ चली गई….ठीक उसी वक़्त पायल भी अपने रूम से बाहर आई, और जब उसने नेहा को इस हालत में किचन की तरफ जाते हुए, देखा वो एक दम से हैरान रह गई….

नेहा के किचन में जाने बाद पायल भी दबे-2 पाँव किचन में आ गई….नेहा की पीठ पायल की तरफ थी…इसीलिए वो पायल को देख नही पाई…और पायल ने पीछे से जाकर नेहा को अपनी बाहों में जाकड़ लिया. नेहा एक दम से घबरा गई…”का का कॉन है…” जब नेहा ने पीछे फेस को घुमा कर देखा तो उसने राहत की साँस ली….और अपने आप को पायल की बाहों से अलग करते हुए बोली….”कंजरये डरा दिया मुझे….”

पायल: (हंसते हुए) हहा हा दीदी खैर तो है….इतनी ठंड में इस तरह ब्रा और कछि में घूम रही हो ?

नेहा: (पायल की बात सुन कर शरमाते हुए) चुप कर गस्ति….

पायल: हाए हाए….कैसे नयी दुल्हन के तरह शरमा रही हो….कही साहिल के साअथ्ह्ह्ह…..क्या सच में…..(जब नेहा ने हां में सर हिलाया तो पायल के होंठो पर ख़ुसी से भरी मुस्कान फेल गई….) कब दीदी….?

नेहा: (होंठो पर कातिल मुस्कान लाते हुए) अभी…..

पायल: अभी ?

नेहा: हां साहिल मेरे रूम में सो रहा है….

फिर पायल ने नेहा के पास आकर नेहा के कान मे धीरे -2 से कुछ कहा.. पर नेहा ने उसे धक्का देते हुए ना में सर हिला दिया…”प्लीज़ दीदी इससे अच्छा मोका नही मिलेगा….प्लीज़ प्लीज़ प्लेआसी….”

नेहा: पर क्या ये ठीक होगा….?

पायल: जब इतना कुछ हो गया है…तो फिर आगे क्यों डरना…यही तो हम दोनो चाहती थी क्यों है ना….?

नेहा ने मुस्कुराते हुए हां में सर हिला दिया…और फिर दोनो नेहा के रूम में आ गई….0 वाट बल्ब की रोशनी पूरे रूम में फेली हुई थी…रूम में आकर नेहा ने पायल की तरफ देखा….और फिर अपनी ब्रा और पैंटी उतार कर नीचे फेंक दी..पायल ने भी अपनी नाइटी गले से निकाल कर नीचे फेंक दी….और फिर ब्रा और पैंटी भी उसके जिस्म से अलग होकर फरश की धूल चाट रही थी…पायल ने एक बार नेहा की तरफ देखा….फिर धीरे-2 से बेड पर चढ़ गई….और साहिल के ऊपेर से रज़ाई हटा कर उसकी जाँघो तक सरका डी..साहिल एक दम नंगा लेटा सो रहा था…

पायल ने एक बार साहिल के सिकुडे हुए लंड पर नज़र डाली, और फिर नेहा की तरफ शरारत भरी मुस्कान से देखते हुए साहिल के लंड को हाथ में ले लिया… और नेहा की ओर देखते हुए उसने धीरे-2 झुक कर साहिल के लंड को मुँह में भर लिया…पायल साहिल के लंड को लोलीपोप की तरह चूसने लगी…भले ही साहिल नींद में था…पर पायल के लंड चूसने की वजह से साहिल के लंड में तनाव आने लगा….और कुछ ही पालो में साहिल का लंड का फिर तन कर 8 इंच लंबा और इंच मोटा हो गया…

पायल ने साहिल के लंड को मुँह से बाहर निकाला..जो उसके थूक से गीला होकर चमक रहा था….पायल ने नेहा को इशारा किया….और नेहा भी धीरे से बेड पर चढ़ गई….साहिल के एक तरफ पायल थी….और दूसरी तरफ नेहा घुटनो के बल बैठी हुई थी….दोनो कुछ बोल नही रही थी…बस आँखो-2 में बातें हो रही थी….साहिल के लंड को देख कर दोनो की साँसे फूलने लगी…पायल ने साहिल के लंड को थामे हुए, अपनी जांघे फेला कर अपना एक हाथ अपनी चूत पर ले गई…और अपनी चूत में दो उंगलियों को डाल कर तीन चार बार अंदर किया….

और फिर अपनी उंगलयों को चूत से बाहर निकाल कर नेहा की आँखों के सामने ले गई…नेहा ने देखा कि, पायल की उंगलियाँ उसकी चूत के लैस्दार पानी से एक दम सनी हुई थी…फिर पायल ने अपनी उंगलियो पर लगे लैस्दार गाढ़े पानी को साहिल के लंड के फूले हुए टोप्पे पर मलना शुरू कर दिया,.

जिससे साहिल के लंड का सुपाडा एक दम चिकना हो गया…..फिर पायल साहिल की जाँघो के ऊपेर आई….पर उसने अपना वजन साहिल के ऊपेर नही डाला..और फिर अपने दोनो घुटनो को साहिल की कमर के दोनो तरफ बेड पर टिका दिया…

अब साहिल का लंड ठीक पायल की चूत के नीचे फूँकार रहा था…पर साहिल अभी भी सो रहा था….पायल ने नेहा की तरफ देखा…जो आँखे फाडे ये सब देख रही थी…”पकड़ कर डालो ना दीदी…मेरी फुद्दि में देखो ना कैसे पानी छोड़ रही है….” पायल ने धीरे से फुसफुसाते हुए कहा.. नेहा ने डरते हुए काँपते हुए हाथ से साहिल के लंड को पकड़ा और, साहिल के चेहरे की ओर देखते हुए, उसके लंड के सुपाडे को पायल की चूत के छेद पर टिका दिया….
 
[font="lucida grande", "trebuchet ms", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]पायल धीरे-2 अपनी चूत के छेद को साहिल के लंड के सुपाडे पर दबाने लगी. और साहिल के लंड का सुपडा पायल की चूत को फेलाता हुआ अंदर घुस गया…धीरे-2 नेहा की आँखो के सामने साहिल का मुन्सल जैसे लंड पायल की चूत की गहराईयो में समा गया…नेहा पायल के ठीक पीछे बैठी हुए ये सब देख कर गरम हो रही थी…उसकी चूत में फिर से कुलबुलाहट होने लगी थी…..[/font]

[font="lucida grande", "trebuchet ms", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]उसने जब साहिल के टॅटू को देखा तो उसका दिल और जोरो से धड़कने लगा.. उसके टटटे एक दम भरे हुए और कसे हुए थी…नेहा ये सब देख अपने आप को रोक ना पाई….और उसने झुक कर साहिल टट्टो को मुँह में भर कर चूसना शुरू कर दिया…पायल ने जब पीछे फेस घुमा कर देखा तो, उससे भी रहा नही गया…और वो आगे की तरफ झुकी, और अपने दोनो हाथों को साहिल के कंधो की साइड पर बिस्तर पर टिका दिया….[/font]

[font="lucida grande", "trebuchet ms", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]आगे की ओर झुकने की वजह से पायल की गान्ड का छेद नेहा की आँखो के सामने आ गया…नेहा ने अपने एक हाथ की उंगते से पायल के गान्ड के छेद को कुरेदा….”आह सीईइ दीदी……” पायल ने सिसकते हुए वासना से भरी आँखो से पीछे नेहा की तरफ देखा…और धीरे-2 साहिल के लंड पर ऊपेर नीचे होने लगी….नेहा अपने उंगुठे को लगतार पायल की गान्ड के छेद पर दबा रही थी….और साथ-2 में साहिल के टट्टो को जीभ निकाल कर चाट रही थी…[/font]

[font="lucida grande", "trebuchet ms", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]अचानक से साहिल की नींद टूट गई….जब उसने अपनी आँखे खोल कर देखा तो उसे अपने ऊपेर पायल बैठी हुई नज़र आई…कुछ पॅलो के लिए तो उसे समझ में नही आया कि, आख़िर हो क्या रहा है…अभी साहिल ने बोलने के लिए मुँह खोला ही था कि, पायल ने उसके होंठो पर उंगली रखते हुए कहा “शियीयियीयियी” और फिर साहिल के लंड पर ऊपेर नीचे होने लगी…साहिल ने फिर बोलने के लिए मुँह खोला…”मा….” बस साहिल इतना ही बोल पाया….और पायल ने फिर से उसके होंठो पर उंगली रख कर चुप रहने का इशारा किया…[/font]

[font="lucida grande", "trebuchet ms", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]साहिल लेटा हुआ था…जैसे ही, पायल अपनी गान्ड ऊपेर उठाती…उसकी चूत के पानी से सना हुआ लंड करीब 3 इंच पायल की चूत से बाहर आता..और फिर से उसकी चूत के गहराईयो में समा जाता…दोनो बदन मानो जैसे आपस में मिल जाते…साहिल को अपने टट्टो पर तेज सनसनी सी महसूस हो रही थी…पर उसे समझ में नही आ रहा था कि, आख़िर हो क्या रहा है….बार-2 साहिल का लंड पायल की चूत से बाहर आता. और फिर से अंदर समा जाता….[/font]

[font="lucida grande", "trebuchet ms", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]आख़िर कार अब साहिल से ये सब बर्दास्त नही हुआ, उसने चुप्पी तोड़ते हुए कहा…”चाची पर मा कहाँ है…” क्योंकि नेहा पायल के पीछे थी. इस लिए साहिल उसे देख नही पा रहा था…पायल को लगा यही सही वक़्त है…वो एक पल के लिए साहिल पर रुक कर बैठ गई और उसने नेहा को आवाज़ डी.” दीदी” और फिर उसके टट्टो से वो सनसनाहट ख़तम हुई, और अगले पल पायल के ठीक पीछे उसे नेहा का चेहरा नज़र आया…[/font]

[font="lucida grande", "trebuchet ms", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]नेहा ने पायल की बगलो में से हाथ निकाल कर उसकी चुचियों को पकड़ कर उस से पीछे से चिपक गई…”साहिल हैरान और परेशानी से कभी पायल को देखता….तो कभी नेहा के चेहरे को….” दोनो भी साहिल के चेहरे को देख कर मुस्करा रही थी…फिर नेहा ने एक हाथ पायल की चुचि से हटाया. और पायल के चेहरे को पीछे की ओर घूमाते हुए, उसके होंठो पर अपने होंठ रख दिए….ये सब देख कर साहिल हैरत में पड़ गया…[/font]

[font="lucida grande", "trebuchet ms", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]उसके सामने उसकी मा जिसने उसे गोद लिया था…और चाची बैठी हुई थी.. जो एक दूसरे को पॅसीयनली स्मूच कर रही थी…पायल ने अपने होंठो को चुस्वाते हुए धीरे-2 ऊपेर नीचे होना शुरू कर दिया…और फिर नेहा ने अपने होंठो को पायल के होंठो से अलग किया…और उठ कर आगे आकर साहिल की बगल में अध लेटी हालत में बैठ गई…[/font]

[font="lucida grande", "trebuchet ms", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]साहिल को एक और बड़ा झटका लगा….जब उसने देखा कि, नेहा भी एक दम नंगी उसके सामने है…इससे पहले कि साहिल कुछ बोलता…नेहा ने उसके होंठो पर उंगली रखते हुए, उसे चुप रहने को कहा….और धीरे से उसके कान में कहा….”बच्चे चुप रहो….और मज़े लूटो..” हम दोनो की फुद्दियो को तुम्हारे लंड के ज़रूरत है…”[/font]

[font="lucida grande", "trebuchet ms", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]फिर नेहा उठी, और बेड पर खड़ी हो गई…उसने अपने दोनो पैर को साहिल की छाती के दोनो तरफ बेड रखा….और फिर अपनी गान्ड को फेलाते हुए धीरे-2 बैठने लगी….अब नेहा की चूत का छेद जो उसके पानी से भीगा हुआ था. ठीक साहिल के आँखो के सामने आ गया….नेहा ने अपनी चूत की फांको को फेलाते हुए, अपनी चूत का छेद साहिल के होंठो के सामने ला दिया..और फिर एक हाथ से साहिल के बालो को सहलाते हुए सिसकते हुए बोली….”चूस ना बेटा मेरी फुद्दि….देख तेरे लंड को देख कर कैसे पानी छोड़ रही है कंजरी…[size=large]पायल धीरे-2 अपनी चूत के छेद को साहिल के लंड के सुपाडे पर दबाने लगी. और साहिल के लंड का सुपडा पायल की चूत को फेलाता हुआ अंदर घुस गया…धीरे-2 नेहा की आँखो के सामने साहिल का मुन्सल जैसे लंड पायल की चूत की गहराईयो में समा गया…नेहा पायल के ठीक पीछे बैठी हुए ये सब देख कर गरम हो रही थी…उसकी चूत में फिर से कुलबुलाहट होने लगी थी…..
[/font][/size]


[font="lucida grande", "trebuchet ms", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif][size=large]उसने जब साहिल के टॅटू को देखा तो उसका दिल और जोरो से धड़कने लगा.. उसके टटटे एक दम भरे हुए और कसे हुए थी…नेहा ये सब देख अपने आप को रोक ना पाई….और उसने झुक कर साहिल टट्टो को मुँह में भर कर चूसना शुरू कर दिया…पायल ने जब पीछे फेस घुमा कर देखा तो, उससे भी रहा नही गया…और वो आगे की तरफ झुकी, और अपने दोनो हाथों को साहिल के कंधो की साइड पर बिस्तर पर टिका दिया….[/font][/size]

[font="lucida grande", "trebuchet ms", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif][size=large]आगे की ओर झुकने की वजह से पायल की गान्ड का छेद नेहा की आँखो के सामने आ गया…नेहा ने अपने एक हाथ की उंगते से पायल के गान्ड के छेद को कुरेदा….”आह सीईइ दीदी……” पायल ने सिसकते हुए वासना से भरी आँखो से पीछे नेहा की तरफ देखा…और धीरे-2 साहिल के लंड पर ऊपेर नीचे होने लगी….नेहा अपने उंगुठे को लगतार पायल की गान्ड के छेद पर दबा रही थी….और साथ-2 में साहिल के टट्टो को जीभ निकाल कर चाट रही थी…[/font][/size]

[font="lucida grande", "trebuchet ms", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif][size=large]अचानक से साहिल की नींद टूट गई….जब उसने अपनी आँखे खोल कर देखा तो उसे अपने ऊपेर पायल बैठी हुई नज़र आई…कुछ पॅलो के लिए तो उसे समझ में नही आया कि, आख़िर हो क्या रहा है…अभी साहिल ने बोलने के लिए मुँह खोला ही था कि, पायल ने उसके होंठो पर उंगली रखते हुए कहा “शियीयियीयियी” और फिर साहिल के लंड पर ऊपेर नीचे होने लगी…साहिल ने फिर बोलने के लिए मुँह खोला…”मा….” बस साहिल इतना ही बोल पाया….और पायल ने फिर से उसके होंठो पर उंगली रख कर चुप रहने का इशारा किया…[/font][/size]

[font="lucida grande", "trebuchet ms", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif][size=large]साहिल लेटा हुआ था…जैसे ही, पायल अपनी गान्ड ऊपेर उठाती…उसकी चूत के पानी से सना हुआ लंड करीब 3 इंच पायल की चूत से बाहर आता..और फिर से उसकी चूत के गहराईयो में समा जाता…दोनो बदन मानो जैसे आपस में मिल जाते…साहिल को अपने टट्टो पर तेज सनसनी सी महसूस हो रही थी…पर उसे समझ में नही आ रहा था कि, आख़िर हो क्या रहा है….बार-2 साहिल का लंड पायल की चूत से बाहर आता. और फिर से अंदर समा जाता….[/font][/size]

[font="lucida grande", "trebuchet ms", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif][size=large]आख़िर कार अब साहिल से ये सब बर्दास्त नही हुआ, उसने चुप्पी तोड़ते हुए कहा…”चाची पर मा कहाँ है…” क्योंकि नेहा पायल के पीछे थी. इस लिए साहिल उसे देख नही पा रहा था…पायल को लगा यही सही वक़्त है…वो एक पल के लिए साहिल पर रुक कर बैठ गई और उसने नेहा को आवाज़ डी.” दीदी” और फिर उसके टट्टो से वो सनसनाहट ख़तम हुई, और अगले पल पायल के ठीक पीछे उसे नेहा का चेहरा नज़र आया…[/font][/size]

[font="lucida grande", "trebuchet ms", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif][size=large]नेहा ने पायल की बगलो में से हाथ निकाल कर उसकी चुचियों को पकड़ कर उस से पीछे से चिपक गई…”साहिल हैरान और परेशानी से कभी पायल को देखता….तो कभी नेहा के चेहरे को….” दोनो भी साहिल के चेहरे को देख कर मुस्करा रही थी…फिर नेहा ने एक हाथ पायल की चुचि से हटाया. और पायल के चेहरे को पीछे की ओर घूमाते हुए, उसके होंठो पर अपने होंठ रख दिए….ये सब देख कर साहिल हैरत में पड़ गया…[/font][/size]

[font="lucida grande", "trebuchet ms", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif][size=large]उसके सामने उसकी मा जिसने उसे गोद लिया था…और चाची बैठी हुई थी.. जो एक दूसरे को पॅसीयनली स्मूच कर रही थी…पायल ने अपने होंठो को चुस्वाते हुए धीरे-2 ऊपेर नीचे होना शुरू कर दिया…और फिर नेहा ने अपने होंठो को पायल के होंठो से अलग किया…और उठ कर आगे आकर साहिल की बगल में अध लेटी हालत में बैठ गई…[/font][/size]

[font="lucida grande", "trebuchet ms", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif][size=large]साहिल को एक और बड़ा झटका लगा….जब उसने देखा कि, नेहा भी एक दम नंगी उसके सामने है…इससे पहले कि साहिल कुछ बोलता…नेहा ने उसके होंठो पर उंगली रखते हुए, उसे चुप रहने को कहा….और धीरे से उसके कान में कहा….”बच्चे चुप रहो….और मज़े लूटो..” हम दोनो की फुद्दियो को तुम्हारे लंड के ज़रूरत है…”[/font][/size]

[font="lucida grande", "trebuchet ms", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif][size=large]फिर नेहा उठी, और बेड पर खड़ी हो गई…उसने अपने दोनो पैर को साहिल की छाती के दोनो तरफ बेड रखा….और फिर अपनी गान्ड को फेलाते हुए धीरे-2 बैठने लगी….अब नेहा की चूत का छेद जो उसके पानी से भीगा हुआ था. ठीक साहिल के आँखो के सामने आ गया….नेहा ने अपनी चूत की फांको को फेलाते हुए, अपनी चूत का छेद साहिल के होंठो के सामने ला दिया..और फिर एक हाथ से साहिल के बालो को सहलाते हुए सिसकते हुए बोली….”चूस ना बेटा मेरी फुद्दि….देख तेरे लंड को देख कर कैसे पानी छोड़ रही है कंजरी…[/font][/size]
 
साहिल घबराते हुए, अपने दोनो हाथो को नेहा की गान्ड के नीचे ले गया…और गान्ड को दबाते हुए चूत को ठीक अपने होंठो के ऊपेर ले आया. नेहा आँखे बंद किए हुए आने वाले पल का इंतजार करने लगी…”आह साहिल पुत्तर उंह सीयी सीईईईई अहह चाट चाट चाट चुस्स बेटा मेरी फुद्दि चुस्स ले…आह साहिल…..”

साहिल ने भी मन में सोच लिया था, कि अगर ये दोनो इससे खुस है तो आज इन दोनो को खुस कर देना है….उसने अपनी जीभ निकाल कर नेहा की चूत का चटाना शुरू कर दिया,…कभी वो नेहा की चूत की फांको को मुँह में लेकर चूस्ता….नेहा हाइईईईईईईईईईईईईईईईईईई अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह मररर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर गैिईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह उम्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह सीईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई करते हुए सिस्क रही थी…और पीछे से पायल नेहा की चुचियों को मसलते हुए, साहिल के लंड पर उछल-2 कर चुदवा रही थी….नेहा की कमर मस्ती में आकर झटके खाने लगी..देखने से लगता कि, जैसे नेहा साहिल के मुँह पर अपनी चूत रगड़ रही हो…..

पायल भी अब पूरी रफ़्तार से अपनी गान्ड को ऊपेर उठाती, और फिर पूरी रफ़्तार से अपनी गान्ड को नीचे की और लेजाते हुए धडाम से अपनी फुद्दि साहिल के लंड पर पटकती…पायल भी मस्ती में सिसकारियाँ भर रही थी…दोनो किसी रंडी की तरह अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह सीईईईईईईईईईईईईईईईई कर रही थी…पायल की चूत से अब सैलाब बहने लगा था…और वो झाड़ कर एक तरफ लूड़क गई….

नेहा ने जब देखा कि पायल झाड़ कर बगल में लेट गई है…नेहा साहिल के मुँह के ऊपेर से थोड़ा सा ऊपेर उठी…और फिर अपनी गान्ड को साहिल के लंड के ठीक सामने लाते हुए, साहिल के लंड को पकड़ कर अपनी चूत के छेद पर लगा दिया…इस बार साहिल ने बाकी का बचा हुआ काम किया…उसने पूरी ताक़त से अपनी कमर को ऊपेर की तरफ झटका दिया…”घप की आवाज़ से साहिल का मुन्सल लंड नेहा की चूत में पूरा का पूरा समा गया…

नेहा: अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह फदद्ड़ दीईईईईईईईईईई रीईईईईईईईईईईईईई…फाड़ दे पुत्तर आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह मेरी फुद्दि जी भर कर मार. सूजा दे अपनी मम्मी की फुद्दि अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह…

नेहा भी पागलो की तरह अपनी चूत को साहिल के लंड पर पटाकने लगी. थोड़ी देर पहले झड़ी पायल ये देख कर फिर से गरमाने लगी. साहिल ने अपने दोनो हाथों से नेहा की चुचियों को दबोच-2 कर मसलना शुरू कर दिया….”अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह सबश्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह मेरी शेर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर आह पाट दे मेरे मम्मे…आह निकाल दे दूध इनके सी…..आह मार और ज़ोर से मार मेरी फुद्दि….अपना पानी छोड़ दे मेरी फुद्दि में अहह अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह….”

ये कहते हुए नेहा और साहिल एक साथ झड़ने लगे….नेहा के होंठो पर सन्तुस्ति भरी मुस्कान फेल गई…उसे अपनी चूत के आख़िरी कोने में साहिल के लंड से निकला वीर्य पहुँचा हुआ महसूस हो रहा था….नेहा ने झुक कर एक बार साहिल के होंठो को चूमा….और फिर साहिल की बगल में दूसरे तरफ लेट गई….

अब साहिल दो जवान औरतों के बीच में जो कि एक दम नंगी थी लेटा हुआ था. तीनो ने अब अपने ऊपेर एक रज़ाई ओढ़ रखी थी…नेहा साहिल के लंड को हाथ में लेकर सहला रही थी….और पायल उसके टट्टो को हाथो में लेकर धीरे -2 मसल रही थी…तीनो चुप थे…कोई कुछ नही बोल रहा था… फिर नेहा ने चुप्पी तोड़ते हुए साहिल से कहा..

नेहा: साहिल बेटा….

साहिल: जी मा जी..

नेहा: बेटा जो कुछ भी आज इस रूम में हुआ….ये इस रूम से बाहर नही जानी चाहिए…वरना हम तीनो कही के नही रहेंगे…

पायल: दीदी हमारा साहिल बहुत होशियार है….किसी को कुछ नही पता चलेगा.

साहिल:जी चाची….

नेहा: साहिल एक बात और सुन लो….तुम तो जानते ही हो….कि मेने तुम्हे जनम नही दिया….पर मेने तुम्हे अपने बेटे की तरह पाला है…अगर तुम सच में मेरे बेटे हुए होते तो शायद में ये काम तुम्हारे साथ करने की सोचती भी नही….अगर तुम्हे ये सब बुरा लगा हो तो मुझे माफ़ कर देना…

साहिल: ऐसे कोई बात नही है…मा…

नेहा: (साहिल के होंठो पर उंगली रख कर उसे चुप करवाते हुए)श्िीीईईईईईईईईईईईई आज तुम मुझे मा नही कहोगे…और सच भी यही है कि हमने तुम्हे गोद लिया है…और रही बात हमारे रिस्ते की…में एक बात सॉफ कर दूं…कि तुम ये बात अपने दिल में कभी नही लाना कि, में तुम्हे प्यार नही करती… में तुम्हे पहले भी अपनी जान से ज़्यादा प्यार करती थी….और अब भी अपनी जान से ज़्यादा करती हूँ….

पर अब जो रिस्ता हमारे बीच बना है…इसीलिए कह रही हूँ…आज कि बाद तुम मुझे मेरे नाम से बुलाया करो….चाहे कुछ भी हो जाए..

साहिल: पर पापा और चाचा के सामने या फिर किसी और के सामने…

नेहा: तब भी वो बोलने के ज़रूरत नही…जितनी बात हो उतनी कह दिया करो. जैसे खाना दे दो..पानी दे दो वाघेरा -2 जब तक बहुत ज़रूरी ना हो.

पायल: साहिल मुझे भी अकेले मे नाम से पुकारा करो…
 
छोटी सी जान चूतो का तूफान--32

साहिल स्कूल 10 दिनो के लिए बंद था. इसीलिए वो अपने रूम में फिर से जाकर सो गया….नेहा भी बाथरूम से आकर फिर से सो गई….करीब 11 बजे सब उठे…तो थोड़ी देर बाद कुलवंत और रवि भी आ गए..कुलवंत और रवि ने फ्रेश होने के बाद नाश्ता किया और सो गए….फिर सब लोग शाम तक सोते रहे….

करीब 5 बजे जाकर पायल ने साहिल को उठाया…साहिल उठ कर कपड़े पहन कर बाहर निकल गया..साहिल के जाने के बाद कुलवंत और रवि शाम को मंडी चले गए..साहिल घूमता हुआ, पायल के मायके में पहुँच गया….गीता उसे देख कर बहुत खुस हुई, और उसे अंदर रूम में सोफे पर बैठाते हुए किचन में चली गई….फिर वहाँ से ग्लास में कोल्ड्रींक लाकर साहिल को देकर साहिल के साथ सोफे पर बैठ गई….

गीता: (बनावटी गुस्सा दिखाते हुए) अब तुम लोग अमीर हो गए हो ना..अब भला हम ग़रीबों की याद कहाँ से आएगी…..

साहिल: नही मौसी ऐसे कोई बात नही…

गीता: हां -2 जानती हूँ तुम हमे अब कहाँ याद करने लगे..

इतने में गीता की भाभी पूनम रूम में दाखिल हुई. उसने एक बार गीता को देखा और फिर मुस्कुराते हुए साहिल के सामने पर सोफे पर बैठ गई. पूनम बड़ी ही अजीब नज़रो से साहिल को देखते हुए मुस्करा रही थी. फिर वो गीता की तरफ देखने लगी…गीता और पूनम की जैसे ही नज़रे मिली, दोनो के होंठो पर मुस्कान फेल गई….साहिल ये सब देख रहा था…वो मन ही मन सोच रहा था, कि आख़िर माजरा क्या है….

साहिल कोल्ड्रिंग का ग्लास ख़तम करते हुए, गीता से कहा….”नानी कहाँ है..” गीता ने साहिल के हाथ से ग्लास लेते हुए कहा….”वो दुकान पर गई है..क्यों कुछ काम था….”

साहिल: नही ऐसे ही पूछ रहा हूँ…

फिर रूम में सन्नाटा सा पसर गया….गीता और पूनम कभी साहिल को तो कभी एक दूसरे को देख कर मुस्कुराती…साहिल को समझ में नही आया कि, आख़िर चल क्या रहा है…उसे थोड़ी सी घबराहट होने लगी थी…वो सोफे से खड़ा हुआ और बोला…”अच्छा अब में चलता हूँ…”

गीता: (साहिल का हाथ पकड़ कर वापिस सोफे पर बैठाते हुए) अर्रे ऐसे कैसे चले जाओगे….इतने दिनो बाद आए हो…थोड़ी देर हम ग़रीबो से भी बात कर लो….

साहिल बेचारा चुप चाप बैठ गया…फिर गीता ने अपनी भाभी पूनम को आँखो आँखो में इशारा किया….और पूनम मसूकुराते हुए उठ कर बाहर चली गई…जैसे ही पूनम बाहर गई…गीता उठ कर साहिल के सामने खड़ी हो गई…फिर उसने एक नज़र बाहर की तरफ डाली. और डोर के पास जाकर दीवार के साथ खड़ी हो गई….उसने साहिल को इशारे से अपने पास बुलाया. तो साहिल उठ कर गीता के पास चला गया….

जैसे ही साहिल उसके पास पहुँचा तो गीता उससे पागलो के तरह लिपट गई. “ओह्ह्ह साहिल मेरे जिस्म में आग लगा कर मुझे भूल गए तुम….पता है मेरी फुद्दि तेरे लंड को याद करके रोज पानी छोड़ती है…बता ना कब मेरी फुद्दि को मार कर मेरी प्यास बुझाएगा….” साहिल गीता की ऐसे बातें सुन कर गरम हो गया था….पर उसे पूनम के घर में होने का डर भी था.

साहिल: वो वो पूनम मामी….

क्योंकि पूनम रिस्ते में वंश की मामी थी…इसीलिए साहिल भी पूनम को मामी कहता था…पर साहिल की पूनम से बहुत कम बात हुई थी. जब से साहिल नेहा और कुलवंत के घर आया था….गीता ने उसे बाहों में भरते हुए अपने तपते होंठो को साहिल के होंठो पर रख दिया. साहिल भी सब भूल कर गीता के होंठो को चूसने लगा….गीता एक दम से गरम हो चुकी थी….उसने अपना एक हाथ नीचे लेजाते हुए पेंट के ऊपेर से जैसे ही साहिल के लंड को छुआ..वो डर कर एक दम से पीछे हो गई….

साहिल: क्या हुआ ?

गीता: ये ये अंदर पेंट में क्या छुपा रखा है….

साहिल: (शरमाते हुए) वो अब मेरा बड़ा हो गया है ना….

गीता: क्या बड़ा हो गया कैसे अच्छा-2 छोड़ो कितना बड़ा हो गया है ?

साहिल: दिखाऊ….

गीता: ( थोड़ा सा घबराए हुए) हां जल्दी करो मम्मी किसी भी वक़्त आ सकती है….

ये कह कर गीता पैरो के बल नीचे बैठ गई….साहिल ने अपनी पेंट खोल कर नीचे सरका डी…नीचे साहिल के अंडरवेर में बने हुए उभार को देख कर मानो गीता की साँसे अटक गई हो…फिर जैसे साहिल ने अपने अंडरवेर को नीचे सरकाया…तो सामने का नज़ारा देख कर गीता की आँखे फटी के फटी रह गई….गीता अपने मुँह पर हाथ रख कर हैरत से कभी साहिल के लंड को देखती, तो कभी साहिल के चेहरे को…

गीता: ये ये इतना बड़ा कैसे….

साहिल: मुझे नही पता बस हो गया….छुओगी नही….

गीता ने अपने गले का थूक गटाकते हुए, अपने हाथ को धीरे -2 से आगे बढ़ाया…..और उसकी उंगलियाँ धीरे-2 साहिल के 8 इंच लंबे और 4 इंच मोटे लंड पर कस्ति चली गई….गीता बहुत हैरानी से साहिल के लंड को देख रही थी…मुट्ठी में भरने के बाद गीता की मुट्ठी भी बंद नही हो रही थी. तभी मेन गेट के बेल बजी…तो गीता जलदी से खड़ी हो गई…साहिल ने अपना अंडरवेर और पेंट ऊपेर करके पहन लिया…..

फिर गीता बाहर गई, और थोड़ी देर बाद गीता की मा नीलम गीता के साथ रूम में आई….साहिल को देख कर खुस होते हुए बोली….”अर्रे बेटा तुम कब आए..”

साहिल: जी काफ़ी देर हो गई में चलता हूँ…

नीलम: अर्रे बैठो तो सही….आज कल तुम बहुत कम आते हो इधर….

साहिल: वो बस घर से निकल नही पाता….अच्छा अब में चलता हूँ…

नीलम: रुक बेटा में भी तेरे साथ चलती हूँ…मेने पायल से कुछ पैसे उधर लिए थे…वो उसे वापिस करने है…और पायल से भी मिल लूँगी..
 
उसके बाद साहिल और नीलम घर से निकल कर घर के तरफ चल पड़े.. गीता सोफे पर हैरान परेशान सी बैठी हुई थी…उसके होंठो पर एक मुस्कान सी फेल रही थी…तभी पूनम अंदर आई, और गीता को देख कर मुस्कुराते हुए बोली….”लगता है मेरी ननद ने प्रोग्राम सेट कर लिया है हहा हा क्यों है ना”

फिर पूनम सामने सिंगल बेड पर जाकर बैठ गई….गीता अभी भी साहिल के लंड के साइज़ को लेकर हैरान थी…पूनम ने शायद गीता के चेहरे को पढ़ लिया था….दोस्तो यहाँ बता दूं कि, जिस दिन गीता ने पहली बार साहिल से चुदवाया था…उस दिन के बाद उसकी चूत की आग और भड़क गई थी. अपनी भाभी पूनम के साथ पायल पहले से बहुत फ्रॅंक थी….पूनम का भी गीता सा हाल था…पति के फौज में होने के कारण. वो रात को अपनी चूत को रगड़ कर अपनी चूत की आग बुझाने की कॉसिश करती थी…

धीरे- 2 पूनम और गीता के बीच लेस्बिन सेक्स होने लगा था. शुरआत में थोड़ी छेड़ छाड़ होती थी….बाद मे जब पूनम ने अपनी हालत के बारे में गीता को बताया तो वो एक दूसरे के जिस्मो सहला कर मसल कर अपनी आग बुझाने की कॉसिश करने लगी थी….इस दौरान गीता ने साहिल और अपने बीच हुए सेक्स के बारे में भी बता दिया था…हर चीज़ जैसे कि साहिल का लंड कितना छोटा है. वागेहरा-2…खैर अब स्टोरी के तरफ चलते है..

गीता को परेशान देख कर पूनम ने उसे पूछा….”क्या बात है मेरी प्यारी ननद किन ख्यालो में खोई हुई है….” तो गीता को जैसे होश सा आया. वो उठ कर पूवूना के साथ बेड पर बैठ गई….पूनम ने लेटते हुए, गीता को भी अपने साथ लेटा लिया….और अपनी बाहों में भरते हुए पूछा.”क्या हुआ….कुछ तो बताओ”

गीता: (पूनम की आँखो में झाँकते हुए) भाभी वो वो साहिल का पहले से बहुत बड़ा हो गया….

पूनम: क्या क्या कहा तुमने….

गीता: भाभी साहिल का लंड पहले से बड़ा हो गया है….

पूनम: तो इसमे परेशान होने वाली क्या बात है…उमर जब बढ़ती है तो आदमी के लंड का साइज़ भी तो बढ़ता है….अब साहिल भी तो ग्रोयिंग एज में है…और ग्रोयिंग आगे में लंड का साइज़ बढ़ाना आम बात है…

गीता: भाभी तुम समझ नही रही हो….

पूनम: अच्छा जी में समझ नही रही..चलो तुम ही समझा दो….

गीता: अच्छा भाभी ये बताओ के एक मेच्यूर आदमी का लंड कितना बड़ा हो सकता है नोर्मली.

पूनाक: उम्म्म शायद 5 से 7 इंच के करीब…

गीता: और साहिल का इस उमर में कितना हो सकता है….

पूनम: मेने कॉन सा देख है….मुझे क्या पता…

गीता: अर्रे गेस तो करो ना…

पूनम: ज़्यादा से ज़्यादा 5 इंच ?

गीता: नही यही तो में बोल रही हूँ….जब मेने उसका लंड आज देखा तो में एक दम से हैरान हो गई…

पूनम: क्यों ऐसा क्या था उसके लंड में ?

गीता: भाभी मुझे लगता है कि साहिल का लंड 8 इंच लंबा है…..

पूनम: नही गीता तुझे ग़लती हो गई हो गी देखने में…

गीता: नही भाभी सच कह रही हूँ…और पता है जब मेने उसके लंड को मुट्ठी में पकड़ा तो मेरे मुट्ठी भी बंद नही हो रही थी.. इतना मोटा मानो जैसे हाथ में कोई मोटी मूली पकड़ ली हो….

पूनम: (गीता के बाते सुन कर उसकी साँसे भी तेज चलाने लगी थी) क्या तू सच कह रही है….

गीता: हां भाभी सच में उसका लंड बहुत मोटा और लंबा हो गया है…

पूनम: (अपने होंठो पर ज़ुबान फेरते हुए) अच्छा है…लंड जितना मोटा और लंबा होता है….फुद्दि को उतना ज़्यादा मज़ा देता है….

गीता: क्यों भाभी कही तुम्हारा दिल भी तो साहिल के लंड को फुद्दि में लेने का तो नही कर रहा….

पूनम: हाए मेरे ऐसे किस्मत कहाँ…जो मुझे मोटा और तगड़ा लंड मिले तू तो ऐश कर….

गीता: अगर आप कहो तो भाभी…आप भी अपनी चूत में साहिल का लंड ले सकती हो..वैसे भी वो पूरी तरह मेरे वश में है…

पूनम: हाई मेरी जान झूठे सपने दिखा कर फुद्दि में आग ना लगा मेरे….वरना मुझसे बर्दास्त नही होगा…..

गीता: सच कह रही हूँ भाभी…..तुम कहो तो में साहिल से बात करूँ..

पूनम: यार वो किसी को बता तो नही देगा….

गीता: मुझे पर यकीन रखो भाभी….आख़िर ननद किसकी हूँ….

दिन इसी तरहा गुजर रहे थे…..साहिल अब स्कूल से घर आकर बाहर बिल्कुल भी नही जाता….अब उसकी दुनिया स्कूल से घर तक सिमट कर रह गई थी. और पायल और नेहा भी बहुत खुस थी….गीता से उसकी मुलाकात स्कूल में हो जाती थी…गीता ने उसे कई बार अपने घर चलने के लिए कहा. पर साहिल को अब गीता में जैसे कोई इंटेरस्ट ही नही रहा था….एक दिन स्कूल में हाफ टाइम में गीता ने साहिल को कहा कि, वो स्कूल के बाद उसके घर चले.. पर साहिल ने उसे मना कर दिया….गीता उदास हो कर रह गई…
 
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