hotaks444
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यासिर से ये फरमाइश करते ही मैने विनोद को हाथ से धक्का दे कर पास पड़े हुए सोफे पर गिरा दिया. और खुद आगे को झुकते हुए विनोद के तने हुए सख़्त लंड को अपने मुँह में डाला. और फिर से “शारप शारप” करते हुए अपने नये शौहर के लंड की चुसाइ लगाने लगी थी.
विनोद के लंड को चुसते वक्त इस तरह झुकने से पीछे से मेरी गान्ड हवा में उठ गई.
“ओह आज से पहले ना जाने कितनी दफ़ा मैने अपने हाथों की उंगलियो के साथ छेड़ छाड़ करते हुए तुम्हारी चूत को अपने लंड के लिए तैयार किया है, मगर आज पहली बार में अपनी ही बीवी की चूत को चाट चाट कर इसे एक दूसरे मर्द के लौडे के लिए तैयार करूँगा आआआआआ” में ज्यों ही ये बात कहते हुए सोफे पर नीम दराज लेटे हुए विनोद के लंड को सक करने में मसरूफ़ हुई.
तो मेरी बात सुनते ही यासिर एक फर्माबरदार शौहर की तरह मेरी बात पर अमल करते हुए मेरे पीछे आ कर हवा में उठी हुई मेरी गान्ड की चौड़ी पहाड़ियों को पीछे से अपने एक हाथ में दबोचते हुए अपने दूसरे हाथ को मेरी फूली हुई चूत के होंठों के दरमियाँ रखा.और इस के साथ ही पानी पानी होती मेरी फुद्दि के साथ अपने हाथ के अंगूठे से खेलने लगा था.
मेरी चूत के दाने को अपने अंगूठे से सहलाते सहलाते यासिर ने पीछे से ज्यों ही अपने हाथ ही दो उंगलियाँ मेरी गरम और प्यासी चूत के सूराख में दाखिल कीं. तो मज़े की शिद्दत से मैने तड़पते हुए में अपने दाँत अपने आगे पड़े नये शौहर विनोद के तने हुए लौडे के उपर गाढ दिए.
“उफफफफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ लगता है कि मेरे लौडे को चुसते चुसते आज तो तुम मेरे लंड को जैसे काट कर पूरा खा ही जाओगी सायराआआआ” ज्यों ही मैने जोश में आते हुए विनोद के लंड पर अपने दाँतों से काटा. तो मेरी तरह मज़े की शिद्दत से बे हाल होते हुए विनोद भी चिल्ला उठा.
इधर में जोश और मस्ती से बे काबू होते हुए विनोद के मोटे अनकट लंड को दीवाना वार चूसने में मसरूफ़ थी.
तो दूसरी तार यासिर की मोटी उंगलियाँ मेरी चूत के अंदर अपना कम जारी रखे हुए थे.
जिस की वजह से में मेरी चूत का नम्कीम पानी मेरी फुद्दि से बैठे हुए मेरी गुदाज रानों के दरमियाँ से होते हुए नीचे फर्श को भी गीला करने में मसरूफ़ था.
“ओह तूमम्म कितने अच्छे और समझदार शौहर हो यासिर, जो अपनी बीवी की खुशी के लिए आज सब कुछ करने को तैयार हो चुको हो, चलूऊऊऊओ जल्दी करूऊऊ और मेरी फुद्दि में ज़ुबान डाल कर इसे विनोद के मोटे लौडे के लिए मज़ीद गरम कर दो, ताकि जब विनोद तुम्हारी बीवी की इस फुद्दि में अपना लंड डाले, तो उस का मोटा,लंबा और सख़्त लंड बिना किसी दिक्कत के मेरी चूत की बच्चे दानी तक जा पहुँचे मेरी ज़ाआाआ” यासिर की बात और फिर अपनी चूत की गहराई में फिरने वाली अपने पहले शौहर की उंगलियों की मस्तियों से बे हाल होते हुए मैने यासिर से कहा. और इस के साथ ही में जल्दी से अपने सारे कपड़े उतार के मुकमल नंगी हो गई.
जब यासिर ने यूँ मुझे अपना लहंगा उतार कर अपनी और विनोद की नज़रों के सामने नंगा होते देखा.
तो यासिर को भी एक दम जोश आया और मेरी देखा देखी वो भी सपने सारे कपड़े उतार कर आज पहली बार अपने दोस्त और मेरे नये शौहर विनोद की नज़रों के सामने पूरे का पूरा नंगा हो गया था.
अपने कपड़े उतार के में एक बार फिर सोफे पर बैठे अपने नये शौहर विनोद की तरफ मतवूज हुई. और फिर विनोद के जिस्म के उपर झुकते हुए विनोद के मुँह में अपना मुँह डाल कर विनोद को किस करने लगी.
जब कि इस दौरान मेरे पहले शौहर यासिर ने मेरी गान्ड की पहाड़ियों में अपने मुँह को डाल कर पीछे से निकली हुई मेरी चूत को अपनी ज़ुबान और मुँह से सक करना शुरू कर दिया.
थोड़ी देर पीछे से मेरी चूत की फांको को अपनी ज़ुबान से चोदने के बाद यासिर ने मेरी चूत से अपना मुँह हटाया और मुझ से कहने लगा “ज़ाआाआआआं अब अगर तुम ज़रा सीधी हो कर लेटो तो में सही तरीके से तुम्हारी चूत को चाट कर विनोद की चुदाई के लिए रेडी कर दूं”.
“हां ये सही रहे गा, क्यों कि इस तरह से तुम नीचे से मेरी चूत को चाटो गे, तो उपर से मुझे अपने जानू विनोद के लंड की पूजा करने का सही मोका मॉयसर हो सके गाआआआआआ” यासिर की बात सुनते ही करवट बदल कर में सीधी हुई. और सोफे पर बैठे विनोद के शेष नाग लंड को एक बार फिर अपने मुँह में भर लिया.
जब कि मेरा पहला शौहर यासिर ने मेरी टाँगों के दरमियाँ फर्श पर बैठ कर मेरी खुली टाँगों के दरमियाँ में से मेरी फूली हुई चूत पर अपने गरम मुँह को चिस्पान कर दिया.
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विनोद के लंड को चुसते वक्त इस तरह झुकने से पीछे से मेरी गान्ड हवा में उठ गई.
“ओह आज से पहले ना जाने कितनी दफ़ा मैने अपने हाथों की उंगलियो के साथ छेड़ छाड़ करते हुए तुम्हारी चूत को अपने लंड के लिए तैयार किया है, मगर आज पहली बार में अपनी ही बीवी की चूत को चाट चाट कर इसे एक दूसरे मर्द के लौडे के लिए तैयार करूँगा आआआआआ” में ज्यों ही ये बात कहते हुए सोफे पर नीम दराज लेटे हुए विनोद के लंड को सक करने में मसरूफ़ हुई.
तो मेरी बात सुनते ही यासिर एक फर्माबरदार शौहर की तरह मेरी बात पर अमल करते हुए मेरे पीछे आ कर हवा में उठी हुई मेरी गान्ड की चौड़ी पहाड़ियों को पीछे से अपने एक हाथ में दबोचते हुए अपने दूसरे हाथ को मेरी फूली हुई चूत के होंठों के दरमियाँ रखा.और इस के साथ ही पानी पानी होती मेरी फुद्दि के साथ अपने हाथ के अंगूठे से खेलने लगा था.
मेरी चूत के दाने को अपने अंगूठे से सहलाते सहलाते यासिर ने पीछे से ज्यों ही अपने हाथ ही दो उंगलियाँ मेरी गरम और प्यासी चूत के सूराख में दाखिल कीं. तो मज़े की शिद्दत से मैने तड़पते हुए में अपने दाँत अपने आगे पड़े नये शौहर विनोद के तने हुए लौडे के उपर गाढ दिए.
“उफफफफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ लगता है कि मेरे लौडे को चुसते चुसते आज तो तुम मेरे लंड को जैसे काट कर पूरा खा ही जाओगी सायराआआआ” ज्यों ही मैने जोश में आते हुए विनोद के लंड पर अपने दाँतों से काटा. तो मेरी तरह मज़े की शिद्दत से बे हाल होते हुए विनोद भी चिल्ला उठा.
इधर में जोश और मस्ती से बे काबू होते हुए विनोद के मोटे अनकट लंड को दीवाना वार चूसने में मसरूफ़ थी.
तो दूसरी तार यासिर की मोटी उंगलियाँ मेरी चूत के अंदर अपना कम जारी रखे हुए थे.
जिस की वजह से में मेरी चूत का नम्कीम पानी मेरी फुद्दि से बैठे हुए मेरी गुदाज रानों के दरमियाँ से होते हुए नीचे फर्श को भी गीला करने में मसरूफ़ था.
“ओह तूमम्म कितने अच्छे और समझदार शौहर हो यासिर, जो अपनी बीवी की खुशी के लिए आज सब कुछ करने को तैयार हो चुको हो, चलूऊऊऊओ जल्दी करूऊऊ और मेरी फुद्दि में ज़ुबान डाल कर इसे विनोद के मोटे लौडे के लिए मज़ीद गरम कर दो, ताकि जब विनोद तुम्हारी बीवी की इस फुद्दि में अपना लंड डाले, तो उस का मोटा,लंबा और सख़्त लंड बिना किसी दिक्कत के मेरी चूत की बच्चे दानी तक जा पहुँचे मेरी ज़ाआाआ” यासिर की बात और फिर अपनी चूत की गहराई में फिरने वाली अपने पहले शौहर की उंगलियों की मस्तियों से बे हाल होते हुए मैने यासिर से कहा. और इस के साथ ही में जल्दी से अपने सारे कपड़े उतार के मुकमल नंगी हो गई.
जब यासिर ने यूँ मुझे अपना लहंगा उतार कर अपनी और विनोद की नज़रों के सामने नंगा होते देखा.
तो यासिर को भी एक दम जोश आया और मेरी देखा देखी वो भी सपने सारे कपड़े उतार कर आज पहली बार अपने दोस्त और मेरे नये शौहर विनोद की नज़रों के सामने पूरे का पूरा नंगा हो गया था.
अपने कपड़े उतार के में एक बार फिर सोफे पर बैठे अपने नये शौहर विनोद की तरफ मतवूज हुई. और फिर विनोद के जिस्म के उपर झुकते हुए विनोद के मुँह में अपना मुँह डाल कर विनोद को किस करने लगी.
जब कि इस दौरान मेरे पहले शौहर यासिर ने मेरी गान्ड की पहाड़ियों में अपने मुँह को डाल कर पीछे से निकली हुई मेरी चूत को अपनी ज़ुबान और मुँह से सक करना शुरू कर दिया.
थोड़ी देर पीछे से मेरी चूत की फांको को अपनी ज़ुबान से चोदने के बाद यासिर ने मेरी चूत से अपना मुँह हटाया और मुझ से कहने लगा “ज़ाआाआआआं अब अगर तुम ज़रा सीधी हो कर लेटो तो में सही तरीके से तुम्हारी चूत को चाट कर विनोद की चुदाई के लिए रेडी कर दूं”.
“हां ये सही रहे गा, क्यों कि इस तरह से तुम नीचे से मेरी चूत को चाटो गे, तो उपर से मुझे अपने जानू विनोद के लंड की पूजा करने का सही मोका मॉयसर हो सके गाआआआआआ” यासिर की बात सुनते ही करवट बदल कर में सीधी हुई. और सोफे पर बैठे विनोद के शेष नाग लंड को एक बार फिर अपने मुँह में भर लिया.
जब कि मेरा पहला शौहर यासिर ने मेरी टाँगों के दरमियाँ फर्श पर बैठ कर मेरी खुली टाँगों के दरमियाँ में से मेरी फूली हुई चूत पर अपने गरम मुँह को चिस्पान कर दिया.
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