hotaks444
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आशा ने जगदीश राय को साफ मना कर दिया था चूत चोदने के लिए।इसलिए वो आशा की गांड में थूक लगाकर धीरे धीरे ऊँगली पेलने लगे।
उनका कठोर लंड आशा की चूत पे टकरा रहा था….
जगदीश राय आशा की चुचिया मसलते हुए उसके होठो को चुम रहे थे…..
जगदीश राय का लंड आशा की गाँड में घुसने के लिए….. बेक़रार था ।
उन्होंने आशा की टाँगे फैला कर …
अपना लंड आशा की गाँड में पेल दिया
आशा के मुह से सिसकी निकल गयी ।वह सिसियाने लगी ।
हाआआयय्य्य्य्य्य उफ्फ्फ्फ्फ़ स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स
जगदीश राय का पूरा लंड अंदर घुसने के बाद उन्होंने धक्के लगाने शुरू किये
आशा पापा के हर धक्के को कमर उचका कर जवाब देने लगी ।
जगदीश राय: लगता है बेटी तुमको पहले जैसा दर्द नहीं हो रहा ।
आशा: नहीं पापा … अब दर्द नहीं हो रहा … बहोत मजा आ रहा है .... और तेज करिये ना …...
जगदीश राय ने अपनी स्पीड बढ़ा दी ….
कुछ देर धक्के मारने के बाद वो रुके ....
उन्होंने आशा को उठाया ……
और खुद निचे लेटे … अब उनका वो फौलादी लंड कुतुबमीनार की तरह खड़ा था
जगदीश राय: आओ.... बेटी .... बैठो अपनी सवारी पर……
आशा उनकी दोनों ओर पैर रख कर खड़ी हुयी ……
एक हाथ से पकड़कर उनका लंड अपनी गाँड पर अड्जस्ट करके धीरे धीरे निचे बैठने लगी …...
अब उनका वो मोटा लंड पूरी तरह से आशा की टाइट गांड में कैद हो गया था ….
आशा पापा का लंड अंदर लेते लेते थक गयी थी
सो लंड पूरा अंदर जाने के बाद में बैठे बैठे हांपने लगी
आशा को आराम से बैठा देख उसके पापा बोले
आशा बेटी .... सिर्फ बैठना नहीं है… जरा ऊपर निचे करो …मेरे लंड पर
फिर देखना कैसा जन्नत का मजा आता है
फिर आशा थोडी सी ऊपर हुयी … और निचे भी ….
धीरे धीरे उसकी स्पीड बढ़ती गयी
उसके बाल बार बार चहरे पर आ रहे थे
जगदीश राय ने उन बालो की लट को ठीक किया ….
उनका कठोर लंड आशा की चूत पे टकरा रहा था….
जगदीश राय आशा की चुचिया मसलते हुए उसके होठो को चुम रहे थे…..
जगदीश राय का लंड आशा की गाँड में घुसने के लिए….. बेक़रार था ।
उन्होंने आशा की टाँगे फैला कर …
अपना लंड आशा की गाँड में पेल दिया
आशा के मुह से सिसकी निकल गयी ।वह सिसियाने लगी ।
हाआआयय्य्य्य्य्य उफ्फ्फ्फ्फ़ स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स
जगदीश राय का पूरा लंड अंदर घुसने के बाद उन्होंने धक्के लगाने शुरू किये
आशा पापा के हर धक्के को कमर उचका कर जवाब देने लगी ।
जगदीश राय: लगता है बेटी तुमको पहले जैसा दर्द नहीं हो रहा ।
आशा: नहीं पापा … अब दर्द नहीं हो रहा … बहोत मजा आ रहा है .... और तेज करिये ना …...
जगदीश राय ने अपनी स्पीड बढ़ा दी ….
कुछ देर धक्के मारने के बाद वो रुके ....
उन्होंने आशा को उठाया ……
और खुद निचे लेटे … अब उनका वो फौलादी लंड कुतुबमीनार की तरह खड़ा था
जगदीश राय: आओ.... बेटी .... बैठो अपनी सवारी पर……
आशा उनकी दोनों ओर पैर रख कर खड़ी हुयी ……
एक हाथ से पकड़कर उनका लंड अपनी गाँड पर अड्जस्ट करके धीरे धीरे निचे बैठने लगी …...
अब उनका वो मोटा लंड पूरी तरह से आशा की टाइट गांड में कैद हो गया था ….
आशा पापा का लंड अंदर लेते लेते थक गयी थी
सो लंड पूरा अंदर जाने के बाद में बैठे बैठे हांपने लगी
आशा को आराम से बैठा देख उसके पापा बोले
आशा बेटी .... सिर्फ बैठना नहीं है… जरा ऊपर निचे करो …मेरे लंड पर
फिर देखना कैसा जन्नत का मजा आता है
फिर आशा थोडी सी ऊपर हुयी … और निचे भी ….
धीरे धीरे उसकी स्पीड बढ़ती गयी
उसके बाल बार बार चहरे पर आ रहे थे
जगदीश राय ने उन बालो की लट को ठीक किया ….