hotaks444
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प्रीति ने कुछ कहा नही और अपने गर्दन जीत की ओर घुमा दी, जैसे
कोई अनोखा आकर्षण था जीत की आँखों में कि प्रीति ने झुक कर
अपने गरम होठ जीत की होंठो पर रख दिए. जीत ने भी जोरों से
उसके होंठो को चूस्ते हुए अपनी ज़ुबान उसके मुँह मे डाल दी और उसकी
ज़ुबान को चूसने लगा.
जीतने एक हाथ से प्रीति के मम्मे दबाते हुए उसे अपनी बाहों में भींच
लिया. प्रीति ने भी अपनी बाहें फेला जीत को आगोश में ले लिया.
प्रीति ने अपने गर्दन घुमा दूसरे सोफे की ओर देखा तो पाया कि
रश्मि राज की गोदी में उसकी ओर मुँह किए बैठी है. राज उसका टॉप
उतार उसके मम्मे चूस रहा था.
जीत ने जैसे ही प्रीति को सोफे पर लिटाया प्रीति फिर जीत को देखने
लगी. जीत मुस्कुराते हुए उसके ब्लाउस के बटन खोलने लगा. जीत ने
उसकी आँखों में झाँकते हुए उसकी ब्रा का हुक खोल दिया. जैसे ही
जीत नेउसके निपल की ओर अपना चेहरा बढ़ाया प्रीति ने उसकी आँखों
में प्यार झलकते पाया.
प्रीति ने अपने शरीर में एक अजीब ही सरसरी महसूस की जैसे ही
जीत उसके पूरे निपल को मुँह में ले चूसने लगा. जीत का एक हाथ
साथ ही साथ उसके मम्मे दबाता जा रहा था. प्रीति ने ज़ोर की सांस ली
और उसे अपनी चूत गीली होती हुई लगी.
उसके दोनो निपल चूसने के बाद जीत खड़ा हो अपनी शर्ट उतारने
लगा. प्रीति को उसकी चौड़ी छाती और भारी कंधे बहोत ही अच्छे लग
रहे थे.
जीत उसके पावं के बीच बैठ अपने दोनो हाथों से उसकी जीन्स के
बटन खोलने लगा जैसे कोई बच्चा अपने जनमदिन का उपहार खोलता
है. प्रीति ने मुस्कुराते हुए अपने कूल्हे थोड़े उठा दिए.
जीत ने उसकी जीन्स के साथ साथ उसकी पॅंटी भी उतार दी. जीत उसकी
जांघों के अन्द्रुनि हिस्से को चूमते हुए उपर की ओर बढ़ा. प्रीति ने
अपनी आँखें बंद कर अपनी टाँगे और फैला दी और जीत की जीब का
आनंद लेने लगी.
जीती उपर की ओर बढ़ा अब उसकी चूत के बाहरी हिस्से पर अपनी ज़ुबान
हिला रहा था. जीत सही में इस मामले में किसी एक्सपर्ट से कम नही
था. वो अपनी ज़ुबान को चूत के चारों और घुमा चूत की पंखुड़ियों
पर अपने जीब मसल देता.
प्रीति आनंद के नशे में खोई हुई थी, कमरे में सिसकारियों की
आवाज़ गूँज रही तो जो टीवी से आ रही थी.
प्रीति ने अपनी चूत थोड़ा सा उपर उठा दी, उसके इशारे को समझ
जीत अब उसकी चूत को चूस रहा था. साथ ही साथ उसने एक हाथ से
उसकी चूत को फैला अपनी एक उंगली उसकी चूत में डाल दी. अब वो अपनी
उंगली को भी अंदर बाहर कर रहा था और जीब से चूस भी रहा था.
प्रीति के मुँह से वैसी ही सिसकारिया निकल रही थी जैसी टीवी से आ
रही थी, "ऊऊऊऊः जीईईट चूऊवस्ते जाऊ ओह हाआअँ
आईीईसीई और ज़ोर से चूऊऊऊसो ना"
जीत और ज़ोर से उसकी चूत को चूसने लगा. प्रीति का शरीर आकड़ा
और उसकी चूत ने जीत के मुँह में अपना पानी छोड़ दिया. जीत उपर
उठा और प्रीति के होंठो को ज़ोर से चूमता हुए प्रीति की ही चूत का
पानी उसके मुँह मे डाल दिया. प्रीति भी अपनी चूत के पानी का स्वाद
लेने लगी.
"मुझे तुम्हारी चूत का स्वाद अछा लगा." जीत उसके सामने खड़े होते
कहा.
प्रीति ने अपनी नज़र उसके खड़े लंड पर गढ़ा दी जो उसकी जीन्स में
तंबू बनाए हुए था. प्रीति घुटनो के बल बैठ उसकी जीन्स के बटन
खोलने लगी. उसकी जीन्स को नीचे खिसका उसने अंडरवेर भी नीचे कर
दी. जीत का खड़ा लंड एकदम साँप की तरह फूंकर मार रहा था.
प्रीति उसके लंड को अपने हाथों से पकड़ ऊपर से नीचे तक चाटने
लगी. फिर उसने उसके लंड के सूपदे दो चूमते हुए अपने मुँह में
लिया. जीत के पूरे लंड को अपने मुँह में ले चूस्ते हुए आधा लंड
बाहर निकालती और फिर पूरे लंड को अपने मुँह में ले लेती.
उधर राज रश्मि को घोड़ी बना पीछे से उसे चोद रहा था. दोनो के
मुँह से मादक सिसकारिया फुट रही थी.
कोई अनोखा आकर्षण था जीत की आँखों में कि प्रीति ने झुक कर
अपने गरम होठ जीत की होंठो पर रख दिए. जीत ने भी जोरों से
उसके होंठो को चूस्ते हुए अपनी ज़ुबान उसके मुँह मे डाल दी और उसकी
ज़ुबान को चूसने लगा.
जीतने एक हाथ से प्रीति के मम्मे दबाते हुए उसे अपनी बाहों में भींच
लिया. प्रीति ने भी अपनी बाहें फेला जीत को आगोश में ले लिया.
प्रीति ने अपने गर्दन घुमा दूसरे सोफे की ओर देखा तो पाया कि
रश्मि राज की गोदी में उसकी ओर मुँह किए बैठी है. राज उसका टॉप
उतार उसके मम्मे चूस रहा था.
जीत ने जैसे ही प्रीति को सोफे पर लिटाया प्रीति फिर जीत को देखने
लगी. जीत मुस्कुराते हुए उसके ब्लाउस के बटन खोलने लगा. जीत ने
उसकी आँखों में झाँकते हुए उसकी ब्रा का हुक खोल दिया. जैसे ही
जीत नेउसके निपल की ओर अपना चेहरा बढ़ाया प्रीति ने उसकी आँखों
में प्यार झलकते पाया.
प्रीति ने अपने शरीर में एक अजीब ही सरसरी महसूस की जैसे ही
जीत उसके पूरे निपल को मुँह में ले चूसने लगा. जीत का एक हाथ
साथ ही साथ उसके मम्मे दबाता जा रहा था. प्रीति ने ज़ोर की सांस ली
और उसे अपनी चूत गीली होती हुई लगी.
उसके दोनो निपल चूसने के बाद जीत खड़ा हो अपनी शर्ट उतारने
लगा. प्रीति को उसकी चौड़ी छाती और भारी कंधे बहोत ही अच्छे लग
रहे थे.
जीत उसके पावं के बीच बैठ अपने दोनो हाथों से उसकी जीन्स के
बटन खोलने लगा जैसे कोई बच्चा अपने जनमदिन का उपहार खोलता
है. प्रीति ने मुस्कुराते हुए अपने कूल्हे थोड़े उठा दिए.
जीत ने उसकी जीन्स के साथ साथ उसकी पॅंटी भी उतार दी. जीत उसकी
जांघों के अन्द्रुनि हिस्से को चूमते हुए उपर की ओर बढ़ा. प्रीति ने
अपनी आँखें बंद कर अपनी टाँगे और फैला दी और जीत की जीब का
आनंद लेने लगी.
जीती उपर की ओर बढ़ा अब उसकी चूत के बाहरी हिस्से पर अपनी ज़ुबान
हिला रहा था. जीत सही में इस मामले में किसी एक्सपर्ट से कम नही
था. वो अपनी ज़ुबान को चूत के चारों और घुमा चूत की पंखुड़ियों
पर अपने जीब मसल देता.
प्रीति आनंद के नशे में खोई हुई थी, कमरे में सिसकारियों की
आवाज़ गूँज रही तो जो टीवी से आ रही थी.
प्रीति ने अपनी चूत थोड़ा सा उपर उठा दी, उसके इशारे को समझ
जीत अब उसकी चूत को चूस रहा था. साथ ही साथ उसने एक हाथ से
उसकी चूत को फैला अपनी एक उंगली उसकी चूत में डाल दी. अब वो अपनी
उंगली को भी अंदर बाहर कर रहा था और जीब से चूस भी रहा था.
प्रीति के मुँह से वैसी ही सिसकारिया निकल रही थी जैसी टीवी से आ
रही थी, "ऊऊऊऊः जीईईट चूऊवस्ते जाऊ ओह हाआअँ
आईीईसीई और ज़ोर से चूऊऊऊसो ना"
जीत और ज़ोर से उसकी चूत को चूसने लगा. प्रीति का शरीर आकड़ा
और उसकी चूत ने जीत के मुँह में अपना पानी छोड़ दिया. जीत उपर
उठा और प्रीति के होंठो को ज़ोर से चूमता हुए प्रीति की ही चूत का
पानी उसके मुँह मे डाल दिया. प्रीति भी अपनी चूत के पानी का स्वाद
लेने लगी.
"मुझे तुम्हारी चूत का स्वाद अछा लगा." जीत उसके सामने खड़े होते
कहा.
प्रीति ने अपनी नज़र उसके खड़े लंड पर गढ़ा दी जो उसकी जीन्स में
तंबू बनाए हुए था. प्रीति घुटनो के बल बैठ उसकी जीन्स के बटन
खोलने लगी. उसकी जीन्स को नीचे खिसका उसने अंडरवेर भी नीचे कर
दी. जीत का खड़ा लंड एकदम साँप की तरह फूंकर मार रहा था.
प्रीति उसके लंड को अपने हाथों से पकड़ ऊपर से नीचे तक चाटने
लगी. फिर उसने उसके लंड के सूपदे दो चूमते हुए अपने मुँह में
लिया. जीत के पूरे लंड को अपने मुँह में ले चूस्ते हुए आधा लंड
बाहर निकालती और फिर पूरे लंड को अपने मुँह में ले लेती.
उधर राज रश्मि को घोड़ी बना पीछे से उसे चोद रहा था. दोनो के
मुँह से मादक सिसकारिया फुट रही थी.