hotaks444
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विजय अपनी माँ के चूतडो को उछालता हुआ देखकर अपने लंड को बुहत ज़ोर से अपनी माँ की चूत में अंदर बाहर करने लगा और रेखा भी बुहत ज़ोर से सिसकते हुए अपने चूतडो को उछाल उछाल कर अपने बेटे के लंड को अपनी चूत में लेते हुए चुदवाने लगी । रेखा का पूरा जिस्म अपने बेटे से चुदवाते हुए पसीना पसीना हो गया था और उसका बदन अब अकडने लगा था। वह झरने के बिलकुल क़रीब थी ।
रेखा का बदन अचानक झटके खाने लगा और उसके मूह से ज़ोर की सिसकियां निकलने लगी । रेखा ने अपने दोनों हाथों को अपने बेटे के चूतडों में डालकर उसे अपनी चूत पर दबाने लगी, विजय भी अपनी माँ को इतना उत्तेजित देखकर पूरी ताक़त के साथ उसकी चूत में अपना लंड अंदर बाहर करने लगा ।
"आआह्ह्ह्ह शहहहहह बेटे ओह्ह्ह्हह्ह्" रेखा के मुँह से बस इतना निकला और उसके नाख़ून उसके बेटे के चूतडों में घुस गये।
"उईई माँ" विजय भी अपनी माँ के नाखुनों को अपने चूतड़ों में घूसने से बुहत ज़ोर से चिल्लाते हुए पूरी ताक़त से अपने लंड को अपनी माँ की चूत में पेलने लगा । रेखा झरते हुए हवा में उड़ रही थी । उसे इतना मज़ा पहले कभी नहीं आया था, अपने ससुर से चुदवाते हुए भी उसे इतना मज़ा नही आया था। क्योंकी उसके बेटे का जवान लंड उसकी चूत के हर हिस्से को बुहत ज़ोर और तेज़ी से रगड दे रहा था।
रेखा ने कुछ देर तक झरने के बाद अपने हाथ को अपने बेटे के चूतडो से हटाकर अपनी टांगों को उसकी कमर में फँसा दिया और अपने बेटे को अपनी टांगों से अपनी चूत पर दबाव देते हुए अपने चूतड़ उछालकर चुदवाने लगी । रेखा की आग एक बार झरने के बाद शांत होने की बजाये ज्यादा भडक गयी थी। इसीलिए वह चुदवाते हुए बुहत ज़ोर से सिसक भी रही थी ।
अचानक रेखा ने अपने बेटे को खींचकर अपने ऊपर गिरा दिया और उसे अपने नीचे करते हुए खुद उसके ऊपर आ गयी । रेखा ने यह सब इतनी चालाकी से किया था की उसके बेटे का लंड उसकी चूत में ही पडा रह गया।
रेखा का बदन अचानक झटके खाने लगा और उसके मूह से ज़ोर की सिसकियां निकलने लगी । रेखा ने अपने दोनों हाथों को अपने बेटे के चूतडों में डालकर उसे अपनी चूत पर दबाने लगी, विजय भी अपनी माँ को इतना उत्तेजित देखकर पूरी ताक़त के साथ उसकी चूत में अपना लंड अंदर बाहर करने लगा ।
"आआह्ह्ह्ह शहहहहह बेटे ओह्ह्ह्हह्ह्" रेखा के मुँह से बस इतना निकला और उसके नाख़ून उसके बेटे के चूतडों में घुस गये।
"उईई माँ" विजय भी अपनी माँ के नाखुनों को अपने चूतड़ों में घूसने से बुहत ज़ोर से चिल्लाते हुए पूरी ताक़त से अपने लंड को अपनी माँ की चूत में पेलने लगा । रेखा झरते हुए हवा में उड़ रही थी । उसे इतना मज़ा पहले कभी नहीं आया था, अपने ससुर से चुदवाते हुए भी उसे इतना मज़ा नही आया था। क्योंकी उसके बेटे का जवान लंड उसकी चूत के हर हिस्से को बुहत ज़ोर और तेज़ी से रगड दे रहा था।
रेखा ने कुछ देर तक झरने के बाद अपने हाथ को अपने बेटे के चूतडो से हटाकर अपनी टांगों को उसकी कमर में फँसा दिया और अपने बेटे को अपनी टांगों से अपनी चूत पर दबाव देते हुए अपने चूतड़ उछालकर चुदवाने लगी । रेखा की आग एक बार झरने के बाद शांत होने की बजाये ज्यादा भडक गयी थी। इसीलिए वह चुदवाते हुए बुहत ज़ोर से सिसक भी रही थी ।
अचानक रेखा ने अपने बेटे को खींचकर अपने ऊपर गिरा दिया और उसे अपने नीचे करते हुए खुद उसके ऊपर आ गयी । रेखा ने यह सब इतनी चालाकी से किया था की उसके बेटे का लंड उसकी चूत में ही पडा रह गया।