hotaks444
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हाँ दीदी आप सही कह रही हैं हम चिल्ला देंगे" शीला ने भी कंचन का साथ देते हुए कहा।
"तो चिल्लाओ किसने रोका है" विजय ने आगे बढ़कर कंचन की नाइटी को पकडकर ज़ोर से खींचते हुए कहा। । कंचन की नाइटी बुहत पतली थी विजय के ज़ोर देने पर वह फटकर कंचन के जिस्म से अलग हो गई ।
"देखो भाई मैं सच कह रही हूँ । मैं चिल्ला दूंगी मुझे छोड दो" कंचन ने अपने हाथों से अपनी बड़ी बड़ी चुचियों को छुपाते हुए कहा । कंचन की नाइटी उतरने के बाद उसकी बड़ी बड़ी चुचियाँ उसकी ब्रा में ही आधी नंगी होकर विजय और नरेश के सामने आ गयी थी। जिन्हें वह अपने हाथों से ढकने की कोशिश कर रही थी।
"नरेश यह सिर्फ धमकियाँ दे रही हैं कुछ नहीं करेंगी। आप भी शीला दीदी की नाइटी को उतारो। साले ऐसे क्या मेरी दीदी के जिस्म को घूर रहे हो" विजय ने नरेश को चुपचाप खडे कंचन को घूरता हुआ देखकर उसे टोकते हुए कहा।
"हाँ भैया अभी उतारता हूँ" नरेश ने विजय की बात सुनकर अपनी नज़रों को कंचन के जिस्म से हटाते हुए कहा ।
"नही भैया मेरी नाइटी को मत फाड़ना। मेरे पास एक ही है" शीला ने नरेश को अपनी तरफ आता हुआ देखकर चिल्लाते हुए कहा।
"दीदी फिर क्या हुआ वैसे भी अब आपको हर रात नंगा ही सोना पडेगा" नरेश ने शीला की तरफ बढते हुए मुसकुराकर कहक़।
"भइया एक मिनट रुको।इसे मैं खुद उतार देती हूँ" अचानक शीला ने नरेश से कहा ।
"दीदी आप क्या कह रही हो" कंचन ने शीला की तरफ गुस्से से देखते हुए कहा।
"दीदी हमारे पास और कोई रास्ता नहीं है" शीला ने कंचन की तरफ देखते हुए कहा।
"दीदी यह हुयी न बात आप कंचन से ज्यादा चालाक है" विजय ने शीला की तारीफ करते हुए कहा।
"विजय तुम्हें तो मैं देख लूंग़ी" कंचन ने विजय की तरफ गुस्से से देखते हुए कहा।
"दीदी आप गुस्से में कितनी अच्छी लगती हो। मैं भी तो आपको देखने दिखाने आया हूँ" विजय ने अपनी बहन की बात सुनकर हँसते हुए कहा ।
"दीदी आप अपनी नाइटी जल्दी से उतार दो। यह दोनों बहन भाई आपस में ऐसे ही प्यार करते है" नरेश ने शीला को चुप खडा देखकर कहा । शीला नरेश की बात सुनकर अपनी नाइटी को उतारने लगी।
"तो चिल्लाओ किसने रोका है" विजय ने आगे बढ़कर कंचन की नाइटी को पकडकर ज़ोर से खींचते हुए कहा। । कंचन की नाइटी बुहत पतली थी विजय के ज़ोर देने पर वह फटकर कंचन के जिस्म से अलग हो गई ।
"देखो भाई मैं सच कह रही हूँ । मैं चिल्ला दूंगी मुझे छोड दो" कंचन ने अपने हाथों से अपनी बड़ी बड़ी चुचियों को छुपाते हुए कहा । कंचन की नाइटी उतरने के बाद उसकी बड़ी बड़ी चुचियाँ उसकी ब्रा में ही आधी नंगी होकर विजय और नरेश के सामने आ गयी थी। जिन्हें वह अपने हाथों से ढकने की कोशिश कर रही थी।
"नरेश यह सिर्फ धमकियाँ दे रही हैं कुछ नहीं करेंगी। आप भी शीला दीदी की नाइटी को उतारो। साले ऐसे क्या मेरी दीदी के जिस्म को घूर रहे हो" विजय ने नरेश को चुपचाप खडे कंचन को घूरता हुआ देखकर उसे टोकते हुए कहा।
"हाँ भैया अभी उतारता हूँ" नरेश ने विजय की बात सुनकर अपनी नज़रों को कंचन के जिस्म से हटाते हुए कहा ।
"नही भैया मेरी नाइटी को मत फाड़ना। मेरे पास एक ही है" शीला ने नरेश को अपनी तरफ आता हुआ देखकर चिल्लाते हुए कहा।
"दीदी फिर क्या हुआ वैसे भी अब आपको हर रात नंगा ही सोना पडेगा" नरेश ने शीला की तरफ बढते हुए मुसकुराकर कहक़।
"भइया एक मिनट रुको।इसे मैं खुद उतार देती हूँ" अचानक शीला ने नरेश से कहा ।
"दीदी आप क्या कह रही हो" कंचन ने शीला की तरफ गुस्से से देखते हुए कहा।
"दीदी हमारे पास और कोई रास्ता नहीं है" शीला ने कंचन की तरफ देखते हुए कहा।
"दीदी यह हुयी न बात आप कंचन से ज्यादा चालाक है" विजय ने शीला की तारीफ करते हुए कहा।
"विजय तुम्हें तो मैं देख लूंग़ी" कंचन ने विजय की तरफ गुस्से से देखते हुए कहा।
"दीदी आप गुस्से में कितनी अच्छी लगती हो। मैं भी तो आपको देखने दिखाने आया हूँ" विजय ने अपनी बहन की बात सुनकर हँसते हुए कहा ।
"दीदी आप अपनी नाइटी जल्दी से उतार दो। यह दोनों बहन भाई आपस में ऐसे ही प्यार करते है" नरेश ने शीला को चुप खडा देखकर कहा । शीला नरेश की बात सुनकर अपनी नाइटी को उतारने लगी।