hotaks444
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"वो डार्लिंग अब क्या कहुँ तुमसे" मुकेश ने अपना कन्धा झुकाते हुए अपनी बेटी के साथ होने वाला सीन अपनी पत्नी को बता दिया।
"च तो यह बात है मैं भी कहुँ आज मेरे पतिदेव को क्या हो गया है" रेखा ने अपने पति की बात सुनकर उसे टोकते हुए कहा।
"डारलिंग मगर वह सब इतफ़ाक़ से हुआ था" मुकेश ने अपनी सफायी देते हुए कहा ।
"हाँ हुआ तो इतफ़ाक़ से ही था मगर आपका दिल तो इसे हकीकत में भी करना चाहता है" रेखा ने मुकेश की आँखों में देखते हुए कहा।
"नही डार्लिंग मेरा ऐसा कोई ख़याल नही" मुकेश ने अपनी पत्नी के सामने शर्म से अपना कन्धा झुकाते हुए कहा।
"झूठ मत कहो अगर तुम कंचन का मजा लेना चाहो तो मुझे कोई ऐतराज़ नहीं क्योंकी मैं भी तो अपने बेटे से मजा ले चुकी हुँ" रेखा ने मुकेश के बिलकुल क़रीब जाते हुए कहा ।
डारलिंग सच कहुँ तो मेरा दिल तो बुहत करता है मगर डर लगता है" मुकेश ने अखिरकार अपनी पत्नी के सामने खुलते हुए कहा।
"ह्म्मम्म डर किस बात का। तुम अपनी बेटी के साथ फुल मजा ले सकते हो क्योंकी वह नरेश और विजय दोनों से चुदवा चुकी है। इसीलिए अगर वह नखरा करे तो तुम उसे कह देना की तुम्हें सब कुछ पता है" रेखा ने अपने पति को आईडिया देते हुए कहा ।
"क्या कहा डार्लिंग तुमने मेरे दिल की बात छीन ली" मुकेश ने अपनी पत्नी की बात सुनकर उसके होंठो पे एक किस करते हुए कहा।
"मैं चाय बनाने जा रही हूँ और तुम्हारे पास तुम्हारी बेटी कंचन ही चाय लेकर आएगी" रेखा ने मुस्कराते हुए कहा और अपने पति से दूर होते हुए वहां से बाहर चलि गयी ।
रेखा के जाते ही मुकेश बाथरूम में घुस गया और फ्रेश होने के बाद सोफ़े पर बैठकर अपनी बेटी का इंतज़ार करने लगा । मुकेश का लंड आज उसकी पेण्ट में ही बुहत ज़ोर से उछल रहा था क्योंकी उसे अपनी बेटी का जवान और ख़ूबसूरत जिस्म से खेलने की इजाज़त मिल गयी थी ।
रेखा बाहर निकलने के बाद सीधा अपनी बेटी कंचन के कमरे में जाने लगी । रेखा जैसे ही कंचन के कमरे के बाहर पुहंची दरवाज़ा अंदर से बंद था रेखा ने दरवाज़े को नॉक किया कुछ ही देर में कंचन ने आँखें मलते हुए दरवाज़ा खोला।
"बेटी फ्रेश होकर किचन में आ जाओ। मैं चाए बना रही हूँ और हाँ सब को उठा देना" रेखा ने कंचन से कहा और खुद किचन में जाकर चाए बनाने लगी ।
"च तो यह बात है मैं भी कहुँ आज मेरे पतिदेव को क्या हो गया है" रेखा ने अपने पति की बात सुनकर उसे टोकते हुए कहा।
"डारलिंग मगर वह सब इतफ़ाक़ से हुआ था" मुकेश ने अपनी सफायी देते हुए कहा ।
"हाँ हुआ तो इतफ़ाक़ से ही था मगर आपका दिल तो इसे हकीकत में भी करना चाहता है" रेखा ने मुकेश की आँखों में देखते हुए कहा।
"नही डार्लिंग मेरा ऐसा कोई ख़याल नही" मुकेश ने अपनी पत्नी के सामने शर्म से अपना कन्धा झुकाते हुए कहा।
"झूठ मत कहो अगर तुम कंचन का मजा लेना चाहो तो मुझे कोई ऐतराज़ नहीं क्योंकी मैं भी तो अपने बेटे से मजा ले चुकी हुँ" रेखा ने मुकेश के बिलकुल क़रीब जाते हुए कहा ।
डारलिंग सच कहुँ तो मेरा दिल तो बुहत करता है मगर डर लगता है" मुकेश ने अखिरकार अपनी पत्नी के सामने खुलते हुए कहा।
"ह्म्मम्म डर किस बात का। तुम अपनी बेटी के साथ फुल मजा ले सकते हो क्योंकी वह नरेश और विजय दोनों से चुदवा चुकी है। इसीलिए अगर वह नखरा करे तो तुम उसे कह देना की तुम्हें सब कुछ पता है" रेखा ने अपने पति को आईडिया देते हुए कहा ।
"क्या कहा डार्लिंग तुमने मेरे दिल की बात छीन ली" मुकेश ने अपनी पत्नी की बात सुनकर उसके होंठो पे एक किस करते हुए कहा।
"मैं चाय बनाने जा रही हूँ और तुम्हारे पास तुम्हारी बेटी कंचन ही चाय लेकर आएगी" रेखा ने मुस्कराते हुए कहा और अपने पति से दूर होते हुए वहां से बाहर चलि गयी ।
रेखा के जाते ही मुकेश बाथरूम में घुस गया और फ्रेश होने के बाद सोफ़े पर बैठकर अपनी बेटी का इंतज़ार करने लगा । मुकेश का लंड आज उसकी पेण्ट में ही बुहत ज़ोर से उछल रहा था क्योंकी उसे अपनी बेटी का जवान और ख़ूबसूरत जिस्म से खेलने की इजाज़त मिल गयी थी ।
रेखा बाहर निकलने के बाद सीधा अपनी बेटी कंचन के कमरे में जाने लगी । रेखा जैसे ही कंचन के कमरे के बाहर पुहंची दरवाज़ा अंदर से बंद था रेखा ने दरवाज़े को नॉक किया कुछ ही देर में कंचन ने आँखें मलते हुए दरवाज़ा खोला।
"बेटी फ्रेश होकर किचन में आ जाओ। मैं चाए बना रही हूँ और हाँ सब को उठा देना" रेखा ने कंचन से कहा और खुद किचन में जाकर चाए बनाने लगी ।