hotaks444
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वो चारों भयंकर चुदाई मे जुटे हुए में देख रही थी की सभी झड़ने की कगार पर थे, तभी सन्नी जोरों से चिल्ला पड़ा, "ऊवू राअज ओह राआज."
"ठीक है सन्नी घबराव मत, झाड़ जाने दो तुम्हारे लंड को हम सभी का छूटने वाला है." राज ने सन्नी से कहा.
"ऊवू मेराा चूऊओटने वाअला हाई ओह चूओता." सन्नी जोरों से चिल्ला पड़ा.
सन्नी का शरीर आकड़ा और उसके लंड रश्मि की गंद वीर्य उगल दिया. सन्नी उत्तेजित हो जोरों के धक्के लगा रहा था. उसके धक्कों की वजह से राज के लंड ने सन्नी की गंद मे वीर्य छोड़ दिया. रश्मि का इस दौरान कितनी बार पानी छूटा पता नही पर वो निढाल होकर रवि की सीने पर पड़ गयी जब रवि के लंड ने उसकी चूत को अपने पानी से भर दिया.
"मुबारक हो सन्नी पहले तुम मेरे मुँह मे झाडे और अब मेरी गंद मे." रश्मि ने उससे कहा.
"हे भगवान, इतनी भयंकर चुदाई मेने अपनी जिंदगी मे पहेले कभी नही की. तुम सही कहते थे राज में बड़ी आसानी से रश्मि मे झाड़ गया और मुझे मज़ा भी बहोत आया." सन्नी खुश होते हुए बोला.
"ठीक है हम थोड़ी देर आराम करते है और एक दूसरे के शरीर सिर्फ़ खेलेंगे. फिर मे चाहता हूँ कि इसके बाद तुम अकेले रश्मि के साथ चुदाई करो. मेरा मतलब है की तुम दोनो अकेले तीसरा कोई नही. या तो रश्मि तुम्हारा लंड चूसेगी या तुम रश्मि की गंद एक बार फिर मारोगे, बिना कोई लंड अपनी गंद मे लिए." राज ने उससे कहा.
"सन्नी यहाँ मेरे पास आओ. में चाहती हूँ कि तुम मेरी चुचियाँ से खेलो. में चाहती हूँ कि तुम इन्हे चूसो और मेरे निपल को अपनी उंगलियों ले भींचो." रश्मि ने उसे सिखाते हुए कहा.
सन्नी रश्मि के पास आ गया और उसकी चुचियों से खेलने लगा. जिस तरह रश्मि ने उसे समझाया था ठीक उसी तरह वो उन्हे मसल्ने लगा, और अपनी उंगली और अंगूठे से उसके निपल को भींचने लगा. फिर रश्मि के बताए अनुसार वो उन्हे चूमने और चूसने लगा.
"सन्नी मेरे निपल्स को अपने मुँह मे लेकर इस तरह चूसो जैसे कि वो छोटा सा लंड हो." रश्मि ने सन्नी से कहा.
सन्नी रश्मि की बाते मानता गया और ठीक वैसे ही करने लगा जैसा रश्मि कहती जाती. अपने बेटे सन्नी को रश्मि के साथ देखते हुए बबिता अपनी उंगली अपनी चूत मे डाल अंदर बाहर कर रही थी. मैं खुद अपना हाथ अपनी पॅंटी मे डाल अपनी चूत को मसल रही थी. लड़कों के लंड भी एक बार फिर खड़े हो गये थे.
"तुम क्या लेना चाहोगे सन्नी? मेरे मुँह को या मेरी गंद को?" रश्मि ने सन्नी से पूछा.
"तुम्हारी गंद लेकिन तुम एक बार फिर उसी तरह रवि के लंड को अपनी चूत मे ले लो." सन्नी ने अपनी इच्छा बताई.
एक बार फिर रश्मि रवि के लंड पर चढ़ गयी और उसके लंड को अपनी चूत के अंदर ले लिया. राज ने अपना लंड उसके मुँह के सामने किया जिसे रश्मि ने अंदर लेकर चूसना शुरू कर दिया.
सन्नी अब उसके पीछे आ गया और अपना लंड उसकी गंद के अंदर डाल धक्के लगाने लगा. वो चारों फिर एक बार चुदाई मे लग गये.
"अब में ज़्यादा नही देख सकती मुझे अपनी चूत की खुजली किसी तरह मिटानी होगी." बबिता ने कहा.
बबिता और में अपनी छुपने वाली जगह से बाहर आए भाग कर मेरे कमरे मे पहुँचे. एक बार कमरे मे आते ही हम दोनो ने अपनी पॅंटी उत्तर दी. बबिता बिस्तर पर लेट गयी और में 69 अवस्था मे उसके उपर लेट गयी. हम दोनो ने एक दूसरे की चूत चूसना शुरू कर दिया. एक बार हमारा पानी छूट गया तो हमने बाकी के भी कपड़े उतार दिए और फिर से एक दूसरे के साथ प्यार करने लगे. थोड़ी देर बाद हम दोनो नकली लंड अपनी चूत मे घुसा एक दूसरे का पानी छुड़ाने लगे.
जब हम थक कर लेटे हुए थे, में उन चारों के बारे मे सोच रही थी. मुझे विश्वास था कि अभी भी वो चारों चुदाई मे लगे हुए होंगे और सन्नी दूसरी बार रश्मि की गंद मे झदेगा.
थोड़ी देर बाद बबिता और मेने खुद को सॉफ किया और कपड़े पहन बाहर आ गये. हम दोनो इस तरह आए कि किसी को ये लगे की हम शॉपिंग कर के आ रहे है.
वो चारों अभी भी कमरे मे ही थे. में और बबिता हॉल मे कुछ खाने पीने का इंतज़ाम करने लगे. थोड़ी देर बाद वो चारों भी आ गये और हमारे साथ चाइ नाश्ता करने लगे.
थोड़ी देर इधर उधर की बातें करने के बाद हम सब नहाने और तय्यार होने चले गये. प्रशांत करीब एक घंटे मे काम से वापस आने वाला था, हम उसके आने से पहले रात के खाने के लिए तय्यार हो जाना चाहते थे.
प्रशांत हम सब को रात के खाने के लिए बाहर ले गया. हम सब ने वो रात नाचते गाते खाते पीते गुज़री. जब सब थक गये तो हम सब घर की ओर चल पड़े.
एक बार घर पहुँचते सब सो जाना चाहते थे. एक बार फिर जोड़े बने, हमेशा की तरह प्रशांत ने रश्मि को चूना. रवि बबिता के साथ चला गया और में आकेली कमरे मे आ गयी. पर थोड़ी देर बाद राज और सन्नी मेरे कमरे मे आ गये. उस रात मैने बेटे और भतीजे ने मिलकर मुझे दोहरी चुदाई का मज़ा दिया.
गुरुवार: सन्नी का काम ज्ञान और बढ़ा
दूसरे दिन मेरी आँख खुली तो राज और सन्नी मेरे बिस्तर मे ही थे. एक बार फिर दोनो ने मेरे साथ साथ चुदाई की. चुदाई के बाद हम सबने स्नान किया और नीचे नाश्ते के लिए आ गये. जब हम नीचे की और बढ़ रहे थे तो मुझे प्रशांत के कमरे से मादक आवाज़ें सुनाई दी, और हम उसके कमरे मे झाँकने से अपने आपको नही रोक पाए.
बबिता पीठ के बल लेटी हुई थी और उसकी टाँगे रवि के कंधो पर रखी हुई थी. रवि उसकी टाँगो को पकड़ जोरों से उसकी चूत चोद रहा था. उसके हर धक्के के साथ उसकी टाँगे उसकी छाती से चिपेट जाती और उसका लंड जड़ तक बबिता की चूत मे घुस जाता. बबिता की चूत पानी पर पानी छोड़ रही थी, आख़िर थक कर उसने उसे रुकने को कहा.
"रुक जाओ रवि, अब में और नही सह सकती."
रवि ने अपना लंड उसकी चूत से बाहर निकाला और उसे मुठियाने लगा. थोड़ी देर मुठियाते ही उसके लंड ने ज़ोर की पिचकारी छोड़ दी. लंड से वीर्य बबीता के पेट और छाती पर गिर रहा था. रवि के वीर्य ने बबिता को उसके सिर से लेकर उसकी चूत तक भिगो दिया था और बबिता बड़े प्यार से उस वीर्य को अपने शरीर पर मलने लगी.
सन्नी ने कभी अपने माता पिता को चुदाई करते नही देखा था, और ना ही उसे उम्मीद थी कि वो रवि को अपनी मा को चोद्ते देखेगा. उसके मुँह से आवाज़ नही निकल रही थी. वो अजीब नज़रों से अपनी मा को देख रहा था जो रवि के वीर्य को अपनी उंगली मे ले चाट रही थी.
जैसे ही हम तीनो दरवाज़े से हटने लगे रवि और बबिता की नज़रें हम पर पड़ गयी.
"पिताजी कहाँ है?" सन्नी ने अजीब से आवाज़ मे अपनी मा से पूछा.
"लगता है वो अभी तक मेरी पत्नी को चोद रहे है." राज ने जवाब दिया.
"हहे भगवान ये क्या हो रहा है. इसका मतलब है कि तुम सब आपस मे चुदाई करते हो? मेरी मा और पिताजी भी इसमे शामिल है." सन्नी ने चौंकते हुए कहा.
तभी रश्मि और प्रशांत अपने कमरे से बाहर आए, "ये इंसान तो सही मे पूरा गान्डू है. इसे गांद मारने के अलावा कुछ सुझाई ही नही देता. ऐसा नही है कि मुझे गंद मरवाना पसंद नही है, पर मेरी चूत को भी तो लंड की ज़रूरत है." रश्मि ने कहा.
"ठीक है सन्नी घबराव मत, झाड़ जाने दो तुम्हारे लंड को हम सभी का छूटने वाला है." राज ने सन्नी से कहा.
"ऊवू मेराा चूऊओटने वाअला हाई ओह चूओता." सन्नी जोरों से चिल्ला पड़ा.
सन्नी का शरीर आकड़ा और उसके लंड रश्मि की गंद वीर्य उगल दिया. सन्नी उत्तेजित हो जोरों के धक्के लगा रहा था. उसके धक्कों की वजह से राज के लंड ने सन्नी की गंद मे वीर्य छोड़ दिया. रश्मि का इस दौरान कितनी बार पानी छूटा पता नही पर वो निढाल होकर रवि की सीने पर पड़ गयी जब रवि के लंड ने उसकी चूत को अपने पानी से भर दिया.
"मुबारक हो सन्नी पहले तुम मेरे मुँह मे झाडे और अब मेरी गंद मे." रश्मि ने उससे कहा.
"हे भगवान, इतनी भयंकर चुदाई मेने अपनी जिंदगी मे पहेले कभी नही की. तुम सही कहते थे राज में बड़ी आसानी से रश्मि मे झाड़ गया और मुझे मज़ा भी बहोत आया." सन्नी खुश होते हुए बोला.
"ठीक है हम थोड़ी देर आराम करते है और एक दूसरे के शरीर सिर्फ़ खेलेंगे. फिर मे चाहता हूँ कि इसके बाद तुम अकेले रश्मि के साथ चुदाई करो. मेरा मतलब है की तुम दोनो अकेले तीसरा कोई नही. या तो रश्मि तुम्हारा लंड चूसेगी या तुम रश्मि की गंद एक बार फिर मारोगे, बिना कोई लंड अपनी गंद मे लिए." राज ने उससे कहा.
"सन्नी यहाँ मेरे पास आओ. में चाहती हूँ कि तुम मेरी चुचियाँ से खेलो. में चाहती हूँ कि तुम इन्हे चूसो और मेरे निपल को अपनी उंगलियों ले भींचो." रश्मि ने उसे सिखाते हुए कहा.
सन्नी रश्मि के पास आ गया और उसकी चुचियों से खेलने लगा. जिस तरह रश्मि ने उसे समझाया था ठीक उसी तरह वो उन्हे मसल्ने लगा, और अपनी उंगली और अंगूठे से उसके निपल को भींचने लगा. फिर रश्मि के बताए अनुसार वो उन्हे चूमने और चूसने लगा.
"सन्नी मेरे निपल्स को अपने मुँह मे लेकर इस तरह चूसो जैसे कि वो छोटा सा लंड हो." रश्मि ने सन्नी से कहा.
सन्नी रश्मि की बाते मानता गया और ठीक वैसे ही करने लगा जैसा रश्मि कहती जाती. अपने बेटे सन्नी को रश्मि के साथ देखते हुए बबिता अपनी उंगली अपनी चूत मे डाल अंदर बाहर कर रही थी. मैं खुद अपना हाथ अपनी पॅंटी मे डाल अपनी चूत को मसल रही थी. लड़कों के लंड भी एक बार फिर खड़े हो गये थे.
"तुम क्या लेना चाहोगे सन्नी? मेरे मुँह को या मेरी गंद को?" रश्मि ने सन्नी से पूछा.
"तुम्हारी गंद लेकिन तुम एक बार फिर उसी तरह रवि के लंड को अपनी चूत मे ले लो." सन्नी ने अपनी इच्छा बताई.
एक बार फिर रश्मि रवि के लंड पर चढ़ गयी और उसके लंड को अपनी चूत के अंदर ले लिया. राज ने अपना लंड उसके मुँह के सामने किया जिसे रश्मि ने अंदर लेकर चूसना शुरू कर दिया.
सन्नी अब उसके पीछे आ गया और अपना लंड उसकी गंद के अंदर डाल धक्के लगाने लगा. वो चारों फिर एक बार चुदाई मे लग गये.
"अब में ज़्यादा नही देख सकती मुझे अपनी चूत की खुजली किसी तरह मिटानी होगी." बबिता ने कहा.
बबिता और में अपनी छुपने वाली जगह से बाहर आए भाग कर मेरे कमरे मे पहुँचे. एक बार कमरे मे आते ही हम दोनो ने अपनी पॅंटी उत्तर दी. बबिता बिस्तर पर लेट गयी और में 69 अवस्था मे उसके उपर लेट गयी. हम दोनो ने एक दूसरे की चूत चूसना शुरू कर दिया. एक बार हमारा पानी छूट गया तो हमने बाकी के भी कपड़े उतार दिए और फिर से एक दूसरे के साथ प्यार करने लगे. थोड़ी देर बाद हम दोनो नकली लंड अपनी चूत मे घुसा एक दूसरे का पानी छुड़ाने लगे.
जब हम थक कर लेटे हुए थे, में उन चारों के बारे मे सोच रही थी. मुझे विश्वास था कि अभी भी वो चारों चुदाई मे लगे हुए होंगे और सन्नी दूसरी बार रश्मि की गंद मे झदेगा.
थोड़ी देर बाद बबिता और मेने खुद को सॉफ किया और कपड़े पहन बाहर आ गये. हम दोनो इस तरह आए कि किसी को ये लगे की हम शॉपिंग कर के आ रहे है.
वो चारों अभी भी कमरे मे ही थे. में और बबिता हॉल मे कुछ खाने पीने का इंतज़ाम करने लगे. थोड़ी देर बाद वो चारों भी आ गये और हमारे साथ चाइ नाश्ता करने लगे.
थोड़ी देर इधर उधर की बातें करने के बाद हम सब नहाने और तय्यार होने चले गये. प्रशांत करीब एक घंटे मे काम से वापस आने वाला था, हम उसके आने से पहले रात के खाने के लिए तय्यार हो जाना चाहते थे.
प्रशांत हम सब को रात के खाने के लिए बाहर ले गया. हम सब ने वो रात नाचते गाते खाते पीते गुज़री. जब सब थक गये तो हम सब घर की ओर चल पड़े.
एक बार घर पहुँचते सब सो जाना चाहते थे. एक बार फिर जोड़े बने, हमेशा की तरह प्रशांत ने रश्मि को चूना. रवि बबिता के साथ चला गया और में आकेली कमरे मे आ गयी. पर थोड़ी देर बाद राज और सन्नी मेरे कमरे मे आ गये. उस रात मैने बेटे और भतीजे ने मिलकर मुझे दोहरी चुदाई का मज़ा दिया.
गुरुवार: सन्नी का काम ज्ञान और बढ़ा
दूसरे दिन मेरी आँख खुली तो राज और सन्नी मेरे बिस्तर मे ही थे. एक बार फिर दोनो ने मेरे साथ साथ चुदाई की. चुदाई के बाद हम सबने स्नान किया और नीचे नाश्ते के लिए आ गये. जब हम नीचे की और बढ़ रहे थे तो मुझे प्रशांत के कमरे से मादक आवाज़ें सुनाई दी, और हम उसके कमरे मे झाँकने से अपने आपको नही रोक पाए.
बबिता पीठ के बल लेटी हुई थी और उसकी टाँगे रवि के कंधो पर रखी हुई थी. रवि उसकी टाँगो को पकड़ जोरों से उसकी चूत चोद रहा था. उसके हर धक्के के साथ उसकी टाँगे उसकी छाती से चिपेट जाती और उसका लंड जड़ तक बबिता की चूत मे घुस जाता. बबिता की चूत पानी पर पानी छोड़ रही थी, आख़िर थक कर उसने उसे रुकने को कहा.
"रुक जाओ रवि, अब में और नही सह सकती."
रवि ने अपना लंड उसकी चूत से बाहर निकाला और उसे मुठियाने लगा. थोड़ी देर मुठियाते ही उसके लंड ने ज़ोर की पिचकारी छोड़ दी. लंड से वीर्य बबीता के पेट और छाती पर गिर रहा था. रवि के वीर्य ने बबिता को उसके सिर से लेकर उसकी चूत तक भिगो दिया था और बबिता बड़े प्यार से उस वीर्य को अपने शरीर पर मलने लगी.
सन्नी ने कभी अपने माता पिता को चुदाई करते नही देखा था, और ना ही उसे उम्मीद थी कि वो रवि को अपनी मा को चोद्ते देखेगा. उसके मुँह से आवाज़ नही निकल रही थी. वो अजीब नज़रों से अपनी मा को देख रहा था जो रवि के वीर्य को अपनी उंगली मे ले चाट रही थी.
जैसे ही हम तीनो दरवाज़े से हटने लगे रवि और बबिता की नज़रें हम पर पड़ गयी.
"पिताजी कहाँ है?" सन्नी ने अजीब से आवाज़ मे अपनी मा से पूछा.
"लगता है वो अभी तक मेरी पत्नी को चोद रहे है." राज ने जवाब दिया.
"हहे भगवान ये क्या हो रहा है. इसका मतलब है कि तुम सब आपस मे चुदाई करते हो? मेरी मा और पिताजी भी इसमे शामिल है." सन्नी ने चौंकते हुए कहा.
तभी रश्मि और प्रशांत अपने कमरे से बाहर आए, "ये इंसान तो सही मे पूरा गान्डू है. इसे गांद मारने के अलावा कुछ सुझाई ही नही देता. ऐसा नही है कि मुझे गंद मरवाना पसंद नही है, पर मेरी चूत को भी तो लंड की ज़रूरत है." रश्मि ने कहा.