Indian Sex Kahani चूत लंड की राजनीति - Page 8 - SexBaba
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Indian Sex Kahani चूत लंड की राजनीति

शमित: “तो मुझे अब क्या करना चाहिए ज़रा बताओ डीटेल मे”

डॉली: “तुम अपना लंड … अपनी मम्मी के अंदर डाल दो .. और अपनी मम्मी को चोदने की तमन्ना पूरी कर लो”

शमित: “मम्मी को तो मेरी उंगली से चुदने मे ही मज़ा आ रहा लगता हैं.”

ज्योति: “मुझे चोद कर अपनी नफ़रत ज्योति ले, क्यू तिल तिल कर तडपा रहा हैं”

शमित: “मैं इतने सालो तडपा हूँ मम्मी, आपको तो कुच्छ ही मिनिट्स हुए हैं तड़पते हुए”

शमित ने थोड़ी देर और अपनी उंगली ज्योति की चूत मे की और ज्योति की आहें निकालता रहा. फिर फाइनली उसने अपनी उंगली को ज्योति की चूत से बाहर निकाला. ज्योति की चूत ने अपना काफ़ी जूस छोड़ दिया था. शमित की उंगली सफेद गाड़े जूस से लिपट गयी थी.

शमित: “मैने मम्मी की चूत का दूध निकाल दिया. अब मैं मम्मी को चोदुन्गा”

शमित घुटनो के बल खड़ा हो गया और ज्योति की दोनो चौड़ी टाँगो के बीच आ गया. वो ज्योति को चोदने को तैयार था. शमित ने अपने लंड की टोपी को ज्योति की चूत के बाहर घुमाया. फिर अपना लंड पीछे खींच लिया.

शमित: “अया .. मम्मी की चूत के बाल काँटे की तरह मेरे लंड को चुभ रहे हैं”

शमित ने एक बार फिर से अपने लंड की टोपी को ज्योति की चूत की दरार पर रगड़ा और ज्योति की हल्की हल्की आहें निकल ने लगी.

शमित: “मम्मी तो चुदने के लिए तड़प रही हैं. एक दिन इन्होने खुद मुझे इस चूत से बाहर निकाला था, और आज मेरे शरीर को अपनी चूत मे फिर से डालना चाह रही हैं. बोलो मम्मी चोद दूं आपको?”

शमित अपने लंड की टोपी को ज्योति की चूत की दरार पर फेरता रहा. लंड को थोड़ी टोपी चूत की दीवार के अंदर भी गयी. ज्योति की हल्की हल्की सिसकिया चालू ही थी.

शमित: “मम्मी की चूत के बाल देखकर चोदने की इक्षा नही हो रही हैं. मेरा मूड खराब हो गया हैं. डॉली चलो रेज़र लाओ और हमारी मम्मी की चूत के बाल सॉफ कर दो”

डॉली थोड़ी सकपकाई. शमित ने उसको इशारा किया तो डॉली एक रेज़र ले आई और चौड़ी टांगे किए बैठी अपनी मम्मी ज्योति की चूत के बाल सॉफ करने लगी.

शमित लगातार डॉली को बता रहा था की कहाँ से बाल सॉफ करने हैं और कैसे करने हैं. डॉली का दिल नही मान रहा था पर फिर भी ज्योति की चूत के बाल सॉफ करती रही. डॉली ने ज्योति की चूत के सारे बाल सफाचट करे दिए.

शमित: “ज़रा अपनी मम्मी की चूत चाट कर देखो, कोई बाल रह तो नही गये जो चुभ रहे हो”

डॉली: “तुम्हे जो करना हाँ वो करो, मैं ऐसा नही कर सकती”

शमित: “तुम मुझे मना कर रही हो?”

शमित ने घूर कर डॉली की आँखों मे देखा. डॉली ने भी शमित की आँखों मे देखा. फिर डॉली ने अपनी नज़रे हटाई और फिर से नीचे बैठ कर अपना सर ज्योति की दोनो टॅंगो के बीच घुसा कर ज्योति की चूत को चूमा और फिर पीछे हट गयी.

शमित: “वेलडन! बहुत अच्छी सफाई की हैं. अब आप उठ जाओ मम्मी. बालो वाली चूत ज़्यादा सेक्सी लग रही थी, यह सॉफ सुधरी चूत चोदने मे मज़ा नही आएगा”

शमित वहाँ से हट गया. ज्योति उठ बैठी. डॉली को भी आश्चर्य हुआ. शमित ने अपने कपड़े पहनना शुरू कर दिया. ज्योति ने भी अपने कपड़े पहन लिए. ज्योति अपने कपड़े पहन पाती उसके पहले ही शमित ने अपने कपड़े पहन लिए.

ज्योति: ” शमित, मैं मानती हूँ की तू मुझसे नफ़रत करता हैं. अपनी भडास निकालने के लिए तूने जो बोला मैने करने दिया. अब मेरी बात सुन, मुझे माफ़ कर दे और मेरी ज़िंदगी मे फिर से आजा”

शमित: “अभी मेरी नफ़रत ख़त्म नही हुई हैं”

ज्योति: “तू मुझे चोदना चाहता हैं तो चोद ले. और क्या चाहिए?”

शमित: “चोदना होता तो अब तक चोद चुका होता”

ज्योति आवाज़ लगाती रह गयी और शमित वहाँ से निकल गया. ज्योति ने बाद मे कपड़े पहने और और वो भी वहाँ से चली गयी.
डॉली खुश थी की शमित ने ज्योति को नही चोदा पर दुखी भी थी जिस तरह से उसने ज्योति को अपमानित किया था. एक ही सांतवना थी की उसको अब शमित मिल जाएगा.

अगले एपिसोड मे पढ़िए शमित क्या चाहता था.

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अब तक आपने पढ़ा की ज्योति के पहले नाजायज़ बच्चे शमित ने उसको नंगा कर खूब मज़े लिए और बिना चोदे ही चला गया.
अब आगे…

उसके बाद शमित अचानक से गायब ही हो गया. डॉली ने शमित को ढूँडने की कोशिश की पर वो नही मिला. कुच्छ दीनो बाद खुद शमित ने डॉली को फोन लगाया जो कोई इंटरनॅशनल नंबर था.

डॉली: “अर्रे तुम हो कहा? अपनी मा की चूत के मज़े लेकर गायब ही हो गये!”

शमित: “मुझे पता था तेरी चूत भी मेरे लंड के लिए तड़प रही होगी, इसलिए फोन किया. मैं तुमसे बहुत दूर आ गया हूँ”

डॉली: “तुमने अपनी मम्मी के साथ जो भी किया वो ठीक नही था. जैसी भी हैं, वो तुम्हारी मा हैं, वो मजबूर थी. उनको इस तरह जॅलील नही करना चाहिए था. वो अगर तुमसे प्यार नही करती तो तुम्हे अपने साथ इतनी ज़्यादती नही करने देती”

शमित: “तुम्हे बड़ा प्यार आ रहा हैं मेरी मम्मी पर”

डॉली: “भले ही उन्होने मुझे जनम नही दिया हैं पर उन्होने मुझे पाला हैं और मैं उनको अपनी मा मानती हूँ. एक बेटा अपनी मा को कैसे चोद सकता हैं!”

शमित: “वो मेरी मा नही हैं”

डॉली: “तुमने उनकी कोख से जनम लिया हैं और यह बात कोई नही बदल सकता हैं”

शमित: “मैने जितना सोचा नही था तुम उस से ज़्यादा बेवकूफ़ निकली. लड़के अपने लंड से सोचते हैं यह सुना था पर तुम्हे देखकर यकीन हुआ की लड़किया भी चूत से सोचती हैं. सिर्फ़ मेरा नाम शमित हैं यह सुनकर तुमने यह डिसाइड कर लिया की मेरे मा बाप का नाम शांतनु और ज्योति हैं!”

डॉली: “क्या मतलब?“

शमित: “मुझे तो पता भी नही था की तुम्हारी मम्मी ज्योति की कोई नाजायज़ औलाद भी थी जिसको उन्होने बचपन मे ही छोड़ दिया था. तुमने खुद मुझे वो स्टोरी सुनाई, यह समझ कर की मैं ही उनका खोया हुआ बेटा हूँ. क्या मैने एक भी बार कहा की मेरे पापा और मम्मी का नाम शांतनु और ज्योति हैं?”

डॉली: “तो फिर तुमने मेरी हा मे हा क्यू मिलाई?”

शमित: “मैं तो तुम्हे सबक सिखाने आया था.”

डॉली: “कैसा सबक! कौन हो तुम?”

शमित: “सुहानी याद हैं या भूल गयी?”

डॉली: “तुम सुहानी को कैसे जानते हो?”

शमित: “सुहानी तुम्हारे पति कौशल की बहन थी, फिर भी तुमने उसके साथ इतना बुरा सलूक किया. मैं सुहानी का बाय्फ्रेंड हूँ. तुमने उसके साथ जो भी किया उस से वो डिप्रेशन मे चली गयी. उसी का बदला तुमसे लेने आया था”

डॉली: “क्या! तो फिर तुमने मेरी मा को बीच मे क्यू घसीटा”

शमित: “यह मा बेटे वाला आंगल तुमने मुझे बोनस मे दे दिया तो मैने भी सोचा थोड़ा फ़ायदा उठा लिया जाए. मेरा असली प्लान तो कुच्छ और ही था”

डॉली: “तुम्हे पता भी हैं उस सुहानी के बाप आरके ने मेरे परिवार के साथ क्या किया था?”

शमित: “तुम्हारे परिवार के साथ जो भी बुरा हुआ वो आरके ने किया, पर सज़ा तुमने बेकसूर सुहानी को भी दी”

डॉली: “मैने सुहानी को मोहरा बना कर आरके को दर्द दिया था”

शमित: “ठीक वैसे ही तुमको दुख पहुचाने के लिए मैने तुम्हारी मा ज्योति का इस्तेमाल किया. याद हैं तुमने सुहानी को उसके बाप के सामने चुदने को मजबूर किया, फिर आरके को उसकी बेटी सुहानी की चूत चाटने पर मजबूर किया था”
 
डॉली: “माना मैने सुहानी के साथ ग़लत किया पर तुमने जो किया वो भी सही नही हैं. मैं तुम्हे छोड़ूँगी नही. अगर मैने बेवकूफी कर तुम्हे मेरी मम्मी के बिछड़े बेटे के बारे मे नही बताती तो तुम मेरा कुच्छ नही बिगाड़ सकते थे”

शमित: “मैने कहा ना, वो तो सिर्फ़ बोनस था. तुम्हे बर्बाद करने का खेल तो मैने पहले ही खेल लिया था. बहुत जल्दी तुम्हारे सामने आ जाएगा”

डॉली: “कैसा खेल … हेलो … हेलो ..”

उसके बाद डॉली फिर से शमित से बात नही कर पाई. मगर शमित ने उसको टेन्षन दे दी थी की उसने ऐसा कौनसा खेल खेला हैं जिस से डॉली बर्बाद हो जाएगी.

डॉली ने शमित को भूलने मे ही भलाई समझी. इस शमित को पाने के लिए उसने ना सिर्फ़ राज से कुतिया बन कर चुदवा लिया था बल्कि एक मासूम लड़की पायल को फसा कर राज से चुदवा लिया था और अपनी मा ज्योति को शमित से जॅलील करवाया.

डॉली को ज्योति के लिए बहुत बुरा लग रहा था. डॉली की वजह से ज्योति को यह लगा की उसके खुद के बेटे शमित ने उसके साथ इतनी ज़्यादती की थी. डॉली को समझ नही आ रहा था की वो किस मूह से ज्योति से माफी माँगे.

अगले ही दिन डॉली ज्योति के घर गयी. ताकि उसको शमित का सच बता सके और माफी भी माँग ले.

सेक्यूरिटी गौरड़स तो डॉली को जानते ही थे तो उसको अंदर जाने दिया. नौकर चाकर तो अब इतने रहे नही थे, सिर्फ़ दिन मे 2 बार सुबह शाम ही आते थे. दरवाजा खुला देखकर डॉली सीधा अंदर चली गयी.

डॉली ने ज्योति के बेडरूम का दरवाजा थोड़ा खुला देखा और सीधा दरवाजे के पास पहुचि. वहाँ का नज़ारा देखकर उसका खून जम गया. ज्योति और जय एक दूसरे के होंठो को चूम रहे थे. चूसने से चप्प चप्प की आवाज़े डॉली के कानो मे आ रही थी.

चूमते हुए जय की नज़रे डॉली पर पड़ी और उसने अपना चेहरा अपनी मम्मी ज्योति से दूर किया. डॉली की मौजूदगी से अंजान ज्योति की आँखें बंद ही थी और उसने अपने होंठ आगे बढ़ाए और जय के होंठो को फिर से अपने होंठ मे दबा लिया.

जय ने ज्योति के बाजू को पकड़ कर थोड़ा दबाया और दूर किया. ज्योति की फिर आँखें खुली और उसने जय की नज़रो को फॉलो किया जो दूसरी तरफ घूमी हुई दिखी तो उसने भी सर घुमा कर डॉली को देखा तो चौंक गयी.

ज्योति: “डॉली, तुम यहा! तुम यहा क्यू आई हो अब!”

डॉली: “मैं तो आपको यह बताने आई थी की वो शमित आपक बेटा नही हैं. वो सुहानी का बाय्फ्रेंड निकला और मुझे धोखे मे रखकर बदला ले रहा था और आपके साथ भी ज़्यादती की थी”

ज्योति ने अपने गीले होंठ पोंच्छ डाले और भारी आँखो के साथ अपना माथा ना मे हिलाते हुए चीखी.
ज्योति: “उसने मुझसे इतना बड़ा गुनाह करवा दिया, अपने ही बेटे के साथ इतना घिनोना काम करवाया”

डॉली: “मगर शमित तो आपका बेटा हैं ही नही…”

ज्योति बिना कुच्छ और सुने वहाँ से रोती हुई भाग कर दूसरे रूम मे चली गयी. डॉली को यह पहेली समझ नही आई और उसने छोटे भाई जय की तरफ सवालिया नज़रो से देखा.

जय: “उस शमित ने मम्मी को 3 दिन पहले फोन करके बोला की मम्मी उसको साबित करके बताए की वो शमित को मुझसे भी पहले अपना बेटा मानेगी. यह साबित करने के लिए उसने शर्त रखी की मम्मी 2 दिन के अंदर मेरे साथ चुदवाये और उसका वीडियो उसको सबूत के तौर पर भेज दे”

डॉली: “और मम्मी मान गयी!”

जय: “3 दिन से मम्मी रो रही थी, वो मेरे साथ नही करना चाहती थी. उनकी परेशानी देखकर मैने ही उनको कहा की 1 बार की ही बात हैं, इसलिए ना चाहते हुए भी कल रात मैने मम्मी को चोदा. मम्मी पूरी चुदाई मे रोती रही.”

डॉली: “अभी तुम दोनो जो किस कर रहे थे वो?”

जय: “मम्मी ने चुदाई का वो वीडियो शमित को दिखाया, पर उसने बोला की किस भी करना पड़ेगा. इसलिए हम अभी एक दूसरे को चूम रहे थे”
जय ने अपनी गर्दन झुका ली.

डॉली: “साला शमित हरामी कही का. मुझे मिल गया तो उसका लंड काट कर उसके हाथ मे दे दूँगी”

जय और डॉली ज्योति के पास गये जो रो रही थी, क्यू की उसको बेवजह अपने ही बेटे के साथ चुदवाना और किस करना पड़ा.

डॉली: “सॉरी मम्मी, यह सब मेरी वजह से हुआ हैं. हो सके आप दोनो मुझे माफ़ कर देना”

जय ने अपनी मम्मी और डॉली को सांत्वना दी की जो भी हुआ भूल जाए. डॉली दुखी होकर वहाँ से चली गयी.

थोड़े दिन निकल गये और फिर एक दिन ड्राइवर राजेश और उसकी बीवी शांति दोनो डॉली से मिलने आए. वो दोनो थोड़ा परेशान दिख रहे थे.
 
शांति: “बेटी, तुम्हे हमारी मदद करनी होगी. तुम्हारी छोटी बहन के साथ किसी ने ग़लत काम किया हैं और उसको प्रेग्नेंट कर दिया हैं”

डॉली: “क्या!! कौन हैं वो बताओ मुझे. उसके खिलाफ कंप्लेन करके उसको जैल मे सड़ा दूँगी मैं”

राजेश: “मगर तुम्हारी बहन तो उसी आदमी से शादी करना चाहती हैं और बच्चा गिराने से भी मान बोल दिया उसने. वो आदमी ज़्यादा उम्र का हैं और पहले से ही शादी शुदा हैं. उस आदमी ने मेरी भोली बेटी को अपने जाल मे फसा दिया हैं”

डॉली: “आप चिंता मत करो, मैं आपके घर चलती हूँ और खुद उसको मिलकर समझाती हूँ”

राजेश: “नही नही. तुम क्या बोलॉगी की तुम कौन हो! हमने अपने दोनो बच्चो को नही बताया की तुम भी हमारी बच्ची हो”

डॉली: “मैं समझती हूँ, और मैं भी उसको नही बताउन्गी की मैं उसकी बहन हूँ. मैं एक नेता की तरह मिलूंगी. ”

डॉली फिर अपने असली मा बाप के साथ उनकी बस्ती के घर मे आई. राजेश और शांति बाहर ही खड़े रहे और डॉली अपनी छोटी बहन से मिलने अंदर गयी.

डॉली अंदर गयी और अपनी छोटी बहन को देखकर दंग रह गयी. वहाँ पर पायल बैठी थी. वोही पायल जिसको चोरी के इल्ज़ाम मे फसा कर राज से चुदवाया था ताकि शमित के रास्ते से उसको हटा पाए.

डॉली: “तुम यहा?”

पायल: “यह तो मेरा घर हैं. मगर आप यहा?”

डॉली ने अपना माथा पकड़ लिया और वही बैठ गयी. माथे पर पसीना आने लगा.

पायल: “आपको क्या हुआ?”

डॉली: “तुम यह बताओ, तुम्हे प्रेग्नेंट किसने किया?”

पायल: “राज ने, मगर इसमे मेरी भी मरजी थी. मुझे उनसे कोई शिकायत नही, उन्होने तो मेरी मदद की थी चोरी की सज़ा से बचाने के लिए”

डॉली: “तुम यह बच्चा गिरा दो. वो राज अच्छा आदमी नही हैं. तुम उसके खिलाफ कंप्लेंट करो और उसको मैं जैल पहुचाउंगी”

पायल: “आप कौन होती हैं मुझे ऑर्डर देने वाली! आपने ही तो मुझ पर चोरी का इल्ज़ाम लगाया था. और आप यहा क्यू आई?”

डॉली को उसके असली मा बाप राजेश और शांति ने असलियत बताने से मना किया था.

डॉली: “तुम समझ नही रही की उस राज ने तुमको फसाया हैं”

पायल: “उन्होने मेरी मुसीबत मे बहुत मदद की हैं. मैं अब उन्हे पसंद करती हूँ और उन्होने मुझसे शादी का वादा भी किया हैं ”

डॉली वहाँ से निकली और राज को फोन लगाया.

राज: “मुझे पता था तुम फोन ज़रूर करोगी”

डॉली: “यह सब क्या हैं राज? तुमने मेरी छोटी बहन को प्रेग्नेंट कर दिया और अपने जाल मे फसा दिया. शादी का झूठा वादा कर उसको बेवकूफ़ मत बनाओ. तुझको मैं छोड़ूँगी नही”

राज: “तुमने जब मुझे कुत्ते की तरह मार पीट कर अपने घर से निकाला था, तभी से तुमसे बदला लेना था. फिर मुझे याद आया की तुम्हारी दुखती नस को दबाना होगा. तुम्हारे असली बाप ड्राइवर राजेश का एक और लड़का अमर और लड़की पायल भी हैं जिनको यह राज नही पता की तुम उनकी बहन हो”

डॉली: “तुमने मुझसे बदला लेने को मेरी बहन को फसाया?”

राज: “मैने तुम्हारे ड्राइव बाप के घर का पता किया. मालूम चला की तुम्हारी छोटी बहन नौकरी ढूँढ रही हैं. उसको नौकरी दिलाने का झांसा देकर दोस्ती कर ली. मगर मेरी किस्मत देखो, तुमसे बदला लेने शमित भी आ गया और हमने हाथ मिला लिए. उस दिन तुमने मुझे पायल और शमित के साथ देख लिया, वो सब मेरा और शमित का प्लान था”

डॉली को अब समझ मे आया की शांति उस दिन जो प्लान की बात कर राह था वो दरअसल पायल के बारे मे कह रहा था. ज्योति के मज़े लेना तो बस उसके लिए बोनस था ताकि डॉली को और बुरा लगे.

राज: “मेरा प्लान तो यह था की तुम्हारी बहन के नाम पर तुम्हे ब्लॅकमेल कर चोदुन्गा. मगर तुम खुद अपना प्लान लेकर आ गयी. तुम्हे कुतिया बना कर चोदने की तमन्ना तो पूरी की ही साथ में तुम्हारी छोटी बहन को भी अपने प्रेम के जाल मे फसा कर प्रेग्नेंट कर दिया”

डॉली: “वो शमित तो विदेश भाग गया, पर तुझ हरामी को मैं नही छोड़ूँगी”

राज: “क्या बोलेगी अपनी बहन को! तूने खुद जाल बुनकर अपनी ही बहन को चुदने के लिए फसाया था. तेरे मा बाप को सुनकर कैसा लगेगा?”

डॉली ने फोन रख दिया. उसके हाथ पैर गुस्से से काँप रहे थे. अपने मतलब के लिए उसने अपनी छोटी बहन की ज़िंदगी खराब कर दी थी. उसको समझ नही आ रहा था की अब वो क्या करे. यह बात वो अपने मा बाप और बहन को भी नही बता साकलतीी थी क्यूकी वो खुद गुनहगार थी.

नेक्स्ट एपिसोड मे पढ़िए बुरी तरह फँस चुकी डॉली अब क्या पश्चाताप करेगी!
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अब तक आपने पढ़ा की शमित ज्योति का बेटा नही था बल्कि डॉली को धोखा देकर उसको सबक सीखा रहा था. डॉली को पता लगा की अंजाने मे अपनी ही बहन पायल को राज से चुदवा लिया था.
अब आगे…

डॉली ने कुच्छ दिन तक बहुत सोचा और फिर उसने फ़ैसला किया की वो सब कुच्छ सच बता देगी. डॉली अपने असली मा बाप ड्राइवर राजेश और शांति के घर पहुचि.

वहाँ पर पायल के साथ ही उसका भाई अमर भी था. इसी अमर के साथ कभी डॉली प्रेग्नेंट हुई थी. तब उसको पता नही था की अमर उसका जुड़वा भाई हैं.

डॉली: “अमर और पायल, मुझे तुम्हे कुच्छ सच्चाई बतानी हैं”

राजेश: “नही, इसकी ज़रूरत नही हैं”

डॉली: “अब च्छुपाने से कोई मतलब नही हैं. अमर और पायल मैं तुम्हारी रियल सिस्टर हूँ और बचपन मे ही मुझे सतीश और ज्योति जी ने गोद ले लिया था. मुझे भी कुच्छ समय पहले ही पता चला.”

अमर और पायल आसचर्यचकित रह गये और अपने मा बाप की शकल देखने लगे जिन्होने हा मे सर हिलाया.

डॉली: “दूसरा सच जो आप मे से किसी को नही पता हैं की पायल के साथ जो भी हुआ उसकी ज़िम्मेदार मैं हूँ. मुझे पता नही था की पायल ही मेरी वो छोटी बहन हैं. अपने मतलब के लिए राज के साथ मिलकर इसको ब्लॅकमेल किया और राज के साथ ग़लत काम करवाया. वो राज धोखेबाज हैं पायल, उस से अब दूर ही रहना”

यह सुनकर डॉली के सब घर वाले गुस्से मे भर गये. डॉली को बहुत कुच्छ सुनना पड़ा. डॉली ने अंजाने मे की ग़लती की माफी माँगी और रोते हुए वहाँ से जाने लगी. अमर ने डॉली का रास्ता रोक लिया.

अमर: “इसकी वजह से मेरी बहन पायल की इज़्ज़त गयी हैं, मैं इसका बदला इसकी इज़्ज़त लेकर लूँगा”

शांति: “यह क्या बोल रहा हैं, वो भी तेरी बहन ही हैं”

अमर: “मैं इस डॉली को अपनी बहन नही मानता. यह तो मेरे साथ पहले भी चुदवा चुकी हैं. आज मैं फिर से इसको चोदुन्गा और पायल का बदला लूँगा”

पायल: “इसको छोड़ना मत भैया, मेरा बदला लो इस से”

राजेश: “मैं भी आज से डॉली को अपनी बेटी नही मानता. अमर लेकर चल इसको अंदर कमरे मे”

शांति: “यह क्या कह रहे हो आप, वो आपकी बेटी हैं. आप उसके साथ कोई गंदा काम नही करोगे”

अमर ने डॉली का हाथ पकड़ लिया और खिचने लगा.

डॉली: “अगर मुझे चोदने से मेरे पाप धूल जाएँगे तो मैं खुद ही तैयार हूँ अपने बाप और भाई से चुदने के लिए”

डॉली खुद ही कमरे मे जाने लगी. उसके पीछे अमर और राजेश भी कमरे मे गये और दरवाजा बंद कर लिया.

अंदर कमरे मे अमर ने डॉली को नंगा कर दिया था. राजेश भी गुस्से की आग मे था. अमर और राजेश दोनो ने अपने भी कपड़े निकाले और नंगे हो गये.

डॉली को बिस्तर पर लेटा कर राजेश ने डॉली को चोदना शुरू किया. अमर खड़ा खड़ा सब देखता रहा की एक बाप उसी की बेटी को चोद रहा हैं. डॉली को चोदते हुए राजेश की गान्ड उपर नीचे कूद रही थी.

डॉली की रह रह कर चीख निकल रही थी और सिसकिया लगातार चालू थी. राजेश का सीना डॉली के गोरे बड़े बूब्स को दबाते हुए रगड़ रहा था. दोनो की जांघे आपस मे घिस रही थी, एक तरफ राजेश की बालो से लदी सावली जांघे तो नीचे डॉली की चिकनी गोरी जांघे.

डॉली के दोनो हाथ राजेश ने सर के उपर कर के बिस्तर पर दबा कर पकड़ लिए. डॉली की कांख के नीचे चूमते हुए राजेश ने अपने होंठ डॉली की गर्दन और गालो की तरफ चूमने को मोड़ दिए.
 
डॉली का गौरा दुबला बदन अब राजेश के भारी शरीर के नीचे कुचल रहा था. डॉली आहें भरते हुए चुदवाती रही और अपने पाप का पश्चाताप करती रही. राजेश ने डॉली के होंठो को भी चूमना चाहा पर डॉली ने अपने होंठ टाइट बंद कर लिए.

राजेश के होंठो ने ऐसे ही डॉली के बंद होंठो को थोड़ा रगड़ा पर चूमने चूसने वाला मज़ा नही आ पाया. राजेश ने गुस्से मे डॉली की चूत मे अपने लंड से झटके मारना शुरू किया. डॉली की चीखें निकलने लगी.

बाहर खड़ी पायल इन चीखो को सुनकर खुश हो रही थी पर उसकी मा शांति को यह सब ग़लत लग रहा था. उसकी एक बेटी की इज़्ज़त का बदला दूसरी बेटी से लिया जा रहा था.

डॉली का चुदते चुदते चूत का पानी निकलने लगा था. डॉली की चूत ने फ़चक फ़चाक की आवाज़े निकलनी शुरू की तो राजेश को जोश बढ़ा और उसने चूत पर पड़ते झटके और गहरे और तेज कर दिए.

डॉली: “आआआः … धीरीए … छोड़ो … आाईए. आअहह अयाया … उम्म्म्म …. ऊऊई .. उम्म्म अया आह हाहह”

राजेश: “नही छ्चोड़ूँगा तुझे ….. यह ले … आआआआः … और ज़ोर से ले …… उहह …. एक और ले ….. आआअहह …”

डॉली: “आआआः … धीरे … उम्म्म्म … ऊऊयईई”

राजेश: “चुप कर …. पायल भी ऐसे ही तडपी होगी ….. अब तू भी तड़प ….यह ले …. ईईहह … उम्म्म्म .. ऑश ऑश .. आआहह ”

डॉली: “ओह माआ … ध्ीएरए …. अब बाहर निकालो अपना लंड …. मैं प्रेग्नेंट हो जाउन्गी पापा….. आाआए … ऊऊओ .. चोदना ही हैं तो कॉंडम लगा कर चोद दो मुझे पापा .. प्लीज़ पापा”

डॉली के मूह से पापा शब्द सुनकर अमर से अब देखा नही गया की उसके पिता राजेश गुस्से मे अपने आपे से बाहर जा रहे हैं. अमर ने ज़ोर लगा कर राजेश को धक्का देकर डॉली के उपर से दूर किया. राजेश दूसरी तरफ गिर पड़ा.

अमर: “बस करो पापा, इसको मा बनाओगे क्या! इसको जो सज़ा मिलनी थी वो मिल चुकी. बाहर मम्मी भी रो रही हैं”

राजेश:”इसको तो और सज़ा मिलनी चाहिए. अमर तू भी इसको चोद तब पता चलेगा”

डॉली: “तुम भी चोद लो मुझे अमर”

अमर: “डॉली अपने कपड़े पहन और निकल यहा से”

डॉली: “नही तुम भी मुझे चोद लो, पर मुझे माफी चाहिए”

राजेश: “तुझको तो हम कभी नही अपनाएँगे. चुप चाप कपड़े पहन ले नही तो अभी तुझे चोद कर अपने बच्चे की मा बना दूँगा”

डॉली सहम गयी और उठ कर अपने कपड़े पहनने लगी. तब तक राजेश और अमर ने भी कपड़े पहन लिए. दोनो ने कपड़े पहन लिए और बाहर आए. शांति अपनी बेटी डॉली के लिए दुखी थी.

डॉली: “अब तो आप लोगो ने मुझे माफ़ कर दिया ना!”

राजेश: “यहा अब आने की ज़रूरत नही, चली जा यहा से. जा….”

राजेश की चीख सुनकर डॉली वहाँ से उदास होकर चली गयी. ड्राइवर राजेश और उसके परिवार ने डॉली के साथ कोई भी रिश्ता रखने से इनकार कर दिया. पायल ने राज और डॉली के खिलाफ केस कर दिया.

डॉली को अपनी कुर्सी से रिज़ाइन करना पड़ा. राज ने सोचा नही था की वो इस तरह खुद फँस जाएगा. पायल ने अबॉर्षन करवा लिया. डॉली के साथ ना तो उसके असली मा बाप थे और ना ही उसको पालने वाला परिवार.

डॉली को लग गया की उसका साथ कोई नही देगा और वो जैल मे ही रहेगी. मगर जल्दी ही उसको पता चला की उसके खिलाफ केस को पायल ने वापिस ले लिया हैं. जब डॉली जैल से बाहर आई तो पता चला की जय और पायल की शादी होने वाली हैं.

डॉली को बहुत बड़ा धक्का लगा. जिस जय से वो प्यार करती थी और शादी करना चाहती थी मगर ज्योति ने उसको रोक दिया यह बोलकर की दुनिया की नज़रो मे जय और डॉली भाई बहन हैं. मगर आज वोही जय जिस लड़की पायल से शादी कर रहा था वो डॉली की रियल सिस्टर हैं.

डॉली से मिलने उसके घर जय आया.

डॉली: “शादी मुबारक हो तुम्हे. बहुत खुश होगे तुम!”

जय: “यह मेरी मजबूरी हैं. हमारी मम्मी ज्योति गयी थी ड्राइवर राजेश अंकल के घर ताकि पायल तुम्हारे खिलाफ केस वापिस ले ले. उन्होने पायल के भविस्य की दुहाई दी की अब उस से कौन शादी करेगा. मम्मी ने वादा कर दिया की वो पायल की शादी मुझसे कर देगी अगर पायल तुम्हारे खिलाफ केस वापिस ले ले”

डॉली: “क्या! इतना सब होने के बाद भी मम्मी ने मुझे बचाने के लिए यह किया! जय, तुम्हे मेरे लिए त्याग करने की ज़रूरत नही हैं. मैं वापिस जैल चली जाउन्गी“

जय: “मैने तो तुम मे ही अपना पार्ट्नर देखा था. मैं भी तुम्हे जैल मे नही देख सकता. किस्मत मे शायद पायल से शादी लिखी थी. शादी भले ही किसी और से हो जाए मगर तुमसे प्यार करते रहने से अब मुझे कोई रोक नही सकता”

जय आगे बढ़ा और डॉली के होंठो को चूम लिया. डॉली ने भी जय के होंठो को चूमना शुरू कर दिया. एक दूसरे की बाहों मे दोनो के बदन एक दूसरे से चिपक चुके थे, और छप छप की आवाज़े करते दोनो के होंठ एक दूसरे का रस चूस रहे थे.

फिर डॉली ने जय को दूर किया.

डॉली: “यह ग़लत हैं. मैं पहले ही अपनी छोटी बहन पायल के साथ ग़लत कर चुकी हूँ और अब उसके पति के साथ यह नही कर सकती”

जय: “मैने तो तुमसे ही प्यार किया हैं और चुदाई भी सिर्फ़ तुम्हारी ही करूँगा ना की पायल की”

जय और पायल की शादी मे हवन कुंड मे अग्नि जल रही थी. दूसरी तरफ शमशान मे आरके की लाश जल रही थी. एकांत मे बिना घर वालो के लावारिस आरके की लाश जल रही थी. यह खबर न्यूज़ पेपर मे भी आई.

सेकड़ो किलोमीटर दूर एक आश्रम मे बढ़ी दाढ़ी के साथ एक युवक अपने फोन मे वो न्यूज़ पढ़ रहा था और कुच्छ सोच रहा था. यह युवक और कोई नही डॉली का पति और आरके का बेटा कौशल था, जिसको सबने कार आक्सिडेंट मे डेड मान लिया था.

उसने फोन लगाया अपनी बहन सुहानी को. जिसको यकीन नही हुआ की उसका भाई अभी भी ज़िंदा हैं. साथ ही बुरी खबर की उनका पिता आरके मार चुका हैं.

कौशल: “सब किस्मत का खेल हैं. एक तरफ अपने कमीने बाप आरके की हरकतों से परेशान तो दूसरी तरफ ऐसी लड़की से शादी की जिसका मकसद सिर्फ़ कुर्सी पाना था. उस दुनिया से बहुत दूर जाना था, सन्यास लेना था”

सुहानी: “मगर वो आक्सिडेंट, उसमे कौन मरा था”

कौशल: “मैने सन्यास ले लिया था इसलिए अपनी वॉच और कार की चाबी एक लड़के को दे दी की कार घर पर पहुचा दे और वॉच खुद के लिए रख ले. उसका आक्सिडेंट हो गया और वो जल मरा. सबको लगा की मैं मारा गया हूँ. मेरे लिए अच्छा था, मुझे वैसे भी उन मतलबी लोगो से कोई लेना देना नही था.”

सुहानी ने फिर अपनी आपबीती कौशल को बताई.

कौशल: “मेरे सर पर अपने कमीने बाप का बुरा साया था, वो अब नही रहा. डॉली को भी सज़ा मिल गयी हैं की उसने क्या पाप किया हैं. अब समय आ गया हैं मेरा फिर से अपने पुराने जीवन मे लौट आने का”

पायल सुहागरात पर अपने पति जय के इंतेजार मे सिसक रही थी तो दूसरी तरफ उसकी बड़ी बहन डॉली भी सिसकिया भर रही थी क्यूकी जय अपनी सुहागरात डॉली को चोद कर मना रहा था.

कहानी का यह सीज़न यही एंड होता हैं. आशा हैं की आपको यह पसंद आया होगा.

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