hotaks444
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प्रीति अपनी सिर्फ़ पॅंटी और टी-शर्ट मे किचन मे घुसी..उसके खड़े निपल कोटन की टी-शर्ट से झलक रहे थे... "गुड मॉर्निंग मम्मी" प्रीति ने अपनी मा वासू से कहा जो डाइनिंग टेबल पर बैठी नाश्ता कर रही थी..
"गुड मॉर्निंग बेटा.. " वासू ने कहा और उसकी निगाह अपनी बेटी के आध नंगे बदन पर घूमने लगी.. उसके खड़े निपल देख उसकी चूत मे हलचल होने लगी... प्रीति जब घूम कर फ्रिड्ज से जूस की बॉटल निकालने लगी तो वासू की निगाह उसके कुल्हों पर ठहर गयी जहाँ उसकी गुलाबी रंग की पॅंटी मे छुपी उसकी गंद सॉफ दीखाई दे रही थी... उसने देखा तो नही था लेकिन उसे ये एहसास था कि उसकी बेटी अपने भाई से चुदवाति है.. राज का ख़याल आते ही उसकी चूत मे और खुजली मच उठी.. उसका दिल किया कि वो अभी प्रीति की चुचियों को अपनी मुट्ठी मे भर ले.. उन्हे अपने होठों से लगा चूस ले...
जूस पीने के बाद प्रीति ने स्वीटी को फोन लगाया और उसे अपने साथ शॉपिंग पर चलने को कहा.. "क्या खरीदने जा रही हो?" वासू ने अपनी बेटी से पूछा..
"वो क्या है ना मम्मी मुझे अपने लिए कुछ नई पॅंटी ख़रीदनी है" प्रीति ने कहा.
"पॅंटी तो मुझे भी ख़रीदनी है.. अगर तुम कहो तो में भी तुम दोनो के साथ चलूं" वासू ने कहा...
"हां मम्मी क्यों नही वैसे भी आपके साथ शॉपिंग पर गये बहुत दिन हो गये है" प्रीति ने खुश होते हुए कहा. वसुंधरा और प्रीति पहेले स्वीटी के घर गये और फिर वहाँ से तीनो शॉपिंग के लिए निकल गये..
"तो कहाँ चलना पसंद करोगे तुम दोनो?" वासू ने दोनो लड़कियों से पूछा.
"मुझे तो टॉप और स्कर्ट खरीदना है" स्वीटी ने प्रीति की ओर देखते हुए कहा..
"हां मम्मी मैं भी एक स्कर्ट खरीद लूँगी.. पॅंटी बाद मे ले लेंगे" प्रीति ने कहा.
तीनो गाड़ी को पार्किंग मे पार्क कर एक शॉपिंग माल मे घुस गये और अपनी पसंद की दुकान मे आ गये.. तीनो अपने अपने लिए ड्रेस खरीद चेंज रूम मे चेंज करने चल दिए.. लेकिन माल मे भीड़ काफ़ी होने से उन्हे एक ही चेंज रूम मे कपड़े ट्राइ करने पड़ रहे थे.. स्वीटी की तो हालत खराब होती जा रही थी. जब भी वो अपनी बेहन और आंटी को कपड़े उतारते देखती तो उसकी चूत मे चिंतियाँ रेग्ने लगती.. चूत मे खुजली बढ़ती जा रही थी.. उसकी आँखे तो अपनी ताई के मम्मो पर से हटाए नही हट रही थी. उसका दिल कर रहा था की अभी यहीं चेंज रूम मे वो अपनी ताई की चुचि को मुँह मे ले चूसने लगे...
वासू भी अपनी भतीजी की आँखों से अंजान नही थी.. उसकी चूत मे तो पहले से ही आग लग रही थी.. वो दोनो के नंगे बदन को देखते हुए कपड़े ट्राइ करने लगी.. उसने देखा की स्वीटी ने ब्रा नही पहन रखी थी. और उसकी छोटी लेकिन कठोर चुचि ने वासू के मुँह मे पानी ला दिया.. वो उन नारंगियों का स्वाद चखना चाहती थी.. तीनो एक दूसरे के साथ सेक्स करना चाहते थे. लेकिन तीनो ने अपने अपने कपड़े पसंद किया और दूसरी दुकान मे घुस गये.. दुकान मे घुस तीनो अपने अपने लिए पॅंटी पसंद करने लगे.. और साथ ब्रा और पॅंटी के सेट भी देखने लगे... तीनो फिर चेंज रूम मे जाकर ब्रा और पॅंटी ट्राइ करने लगे.. स्वीटी ने अपने लिए एक काले रंग की पॅंटी और उससे मिलती ब्रा पसंद की और चेंज रूम मे घुस गयी..
ब्रा और पॅंटी पहनने के बाद स्वीटी ने अपनी आंटी को चेंज रूम मे बुलाया जिससे उनकी राई ले सके.. "क्यों आंटी कैसी लग रही है?" स्वीटी ने पूछा..
"एक मिनिट ज़रा देखने दो.. " कहकर वासू ने अपनी भतीजी की दोनो चुचियों को अपनी मुट्ठी मे भर लिया जैसे कि ब्रा की गोलाइयाँ माप रही हो..
"ये स्ट्रॅप कुछ टाइट नही है" वासू ने उसकी चुचियों को मसल्ते हुए कहा..
स्वीटी के बदन मे तो जैसे 440 वॉट का करेंट दौड़ गया... उसकी चूत गीली हो गयी लेकिन फिर भी उसने अपने आप को संभाल लिया..
वासू ने उसके लिए वो सेट पसंद कर लिया और फिर वो खुद अपने लिए ट्राइ करने लगी.. जब वासू ने ब्रा पहन अपनी बेटी और भतीजी को बुला कर दिखाया... तो प्रीति को चहक पड़ी.. "ओह मम्मी क्या ब्रा है ?"
"ज़रा में भी तो देखूं" स्वीटी ने कहा तो वासू घूम गयी.. अब उसकी पीठ प्रीति की ओर थी और चेहरा स्वीटी के सामने. वासू को तो अंदाज़ा भी नही था कि उसकी भतीजी कुछ ऐसा करेगी..
स्वीटी ने उसकी ब्रा के उपर से अपनी ताई के निप्पके को पकड़ा थोड़ा मसला और फिर ब्रा के उपर से चुचि को थोड़ा सहलाया जैसे कि चुचि को ब्रा मे अड्जस्ट कर रही हो. "हां अब अच्छी लग रही है" स्वीटी ने मुस्कुराते हुए कहा..
"मुझे नही पता था कि आज की नई फॅशन की ब्रा को कैसे अड्जस्ट किया जाता है.." कहकर वासू ने स्वीटी की चुचियों को भी ठीक उसकी तरह मसला और भींचा जैसे कि उसने उसके साथ किया था..
"गुड मॉर्निंग बेटा.. " वासू ने कहा और उसकी निगाह अपनी बेटी के आध नंगे बदन पर घूमने लगी.. उसके खड़े निपल देख उसकी चूत मे हलचल होने लगी... प्रीति जब घूम कर फ्रिड्ज से जूस की बॉटल निकालने लगी तो वासू की निगाह उसके कुल्हों पर ठहर गयी जहाँ उसकी गुलाबी रंग की पॅंटी मे छुपी उसकी गंद सॉफ दीखाई दे रही थी... उसने देखा तो नही था लेकिन उसे ये एहसास था कि उसकी बेटी अपने भाई से चुदवाति है.. राज का ख़याल आते ही उसकी चूत मे और खुजली मच उठी.. उसका दिल किया कि वो अभी प्रीति की चुचियों को अपनी मुट्ठी मे भर ले.. उन्हे अपने होठों से लगा चूस ले...
जूस पीने के बाद प्रीति ने स्वीटी को फोन लगाया और उसे अपने साथ शॉपिंग पर चलने को कहा.. "क्या खरीदने जा रही हो?" वासू ने अपनी बेटी से पूछा..
"वो क्या है ना मम्मी मुझे अपने लिए कुछ नई पॅंटी ख़रीदनी है" प्रीति ने कहा.
"पॅंटी तो मुझे भी ख़रीदनी है.. अगर तुम कहो तो में भी तुम दोनो के साथ चलूं" वासू ने कहा...
"हां मम्मी क्यों नही वैसे भी आपके साथ शॉपिंग पर गये बहुत दिन हो गये है" प्रीति ने खुश होते हुए कहा. वसुंधरा और प्रीति पहेले स्वीटी के घर गये और फिर वहाँ से तीनो शॉपिंग के लिए निकल गये..
"तो कहाँ चलना पसंद करोगे तुम दोनो?" वासू ने दोनो लड़कियों से पूछा.
"मुझे तो टॉप और स्कर्ट खरीदना है" स्वीटी ने प्रीति की ओर देखते हुए कहा..
"हां मम्मी मैं भी एक स्कर्ट खरीद लूँगी.. पॅंटी बाद मे ले लेंगे" प्रीति ने कहा.
तीनो गाड़ी को पार्किंग मे पार्क कर एक शॉपिंग माल मे घुस गये और अपनी पसंद की दुकान मे आ गये.. तीनो अपने अपने लिए ड्रेस खरीद चेंज रूम मे चेंज करने चल दिए.. लेकिन माल मे भीड़ काफ़ी होने से उन्हे एक ही चेंज रूम मे कपड़े ट्राइ करने पड़ रहे थे.. स्वीटी की तो हालत खराब होती जा रही थी. जब भी वो अपनी बेहन और आंटी को कपड़े उतारते देखती तो उसकी चूत मे चिंतियाँ रेग्ने लगती.. चूत मे खुजली बढ़ती जा रही थी.. उसकी आँखे तो अपनी ताई के मम्मो पर से हटाए नही हट रही थी. उसका दिल कर रहा था की अभी यहीं चेंज रूम मे वो अपनी ताई की चुचि को मुँह मे ले चूसने लगे...
वासू भी अपनी भतीजी की आँखों से अंजान नही थी.. उसकी चूत मे तो पहले से ही आग लग रही थी.. वो दोनो के नंगे बदन को देखते हुए कपड़े ट्राइ करने लगी.. उसने देखा की स्वीटी ने ब्रा नही पहन रखी थी. और उसकी छोटी लेकिन कठोर चुचि ने वासू के मुँह मे पानी ला दिया.. वो उन नारंगियों का स्वाद चखना चाहती थी.. तीनो एक दूसरे के साथ सेक्स करना चाहते थे. लेकिन तीनो ने अपने अपने कपड़े पसंद किया और दूसरी दुकान मे घुस गये.. दुकान मे घुस तीनो अपने अपने लिए पॅंटी पसंद करने लगे.. और साथ ब्रा और पॅंटी के सेट भी देखने लगे... तीनो फिर चेंज रूम मे जाकर ब्रा और पॅंटी ट्राइ करने लगे.. स्वीटी ने अपने लिए एक काले रंग की पॅंटी और उससे मिलती ब्रा पसंद की और चेंज रूम मे घुस गयी..
ब्रा और पॅंटी पहनने के बाद स्वीटी ने अपनी आंटी को चेंज रूम मे बुलाया जिससे उनकी राई ले सके.. "क्यों आंटी कैसी लग रही है?" स्वीटी ने पूछा..
"एक मिनिट ज़रा देखने दो.. " कहकर वासू ने अपनी भतीजी की दोनो चुचियों को अपनी मुट्ठी मे भर लिया जैसे कि ब्रा की गोलाइयाँ माप रही हो..
"ये स्ट्रॅप कुछ टाइट नही है" वासू ने उसकी चुचियों को मसल्ते हुए कहा..
स्वीटी के बदन मे तो जैसे 440 वॉट का करेंट दौड़ गया... उसकी चूत गीली हो गयी लेकिन फिर भी उसने अपने आप को संभाल लिया..
वासू ने उसके लिए वो सेट पसंद कर लिया और फिर वो खुद अपने लिए ट्राइ करने लगी.. जब वासू ने ब्रा पहन अपनी बेटी और भतीजी को बुला कर दिखाया... तो प्रीति को चहक पड़ी.. "ओह मम्मी क्या ब्रा है ?"
"ज़रा में भी तो देखूं" स्वीटी ने कहा तो वासू घूम गयी.. अब उसकी पीठ प्रीति की ओर थी और चेहरा स्वीटी के सामने. वासू को तो अंदाज़ा भी नही था कि उसकी भतीजी कुछ ऐसा करेगी..
स्वीटी ने उसकी ब्रा के उपर से अपनी ताई के निप्पके को पकड़ा थोड़ा मसला और फिर ब्रा के उपर से चुचि को थोड़ा सहलाया जैसे कि चुचि को ब्रा मे अड्जस्ट कर रही हो. "हां अब अच्छी लग रही है" स्वीटी ने मुस्कुराते हुए कहा..
"मुझे नही पता था कि आज की नई फॅशन की ब्रा को कैसे अड्जस्ट किया जाता है.." कहकर वासू ने स्वीटी की चुचियों को भी ठीक उसकी तरह मसला और भींचा जैसे कि उसने उसके साथ किया था..