hotaks444
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कृष्णा राधिका के करीब जाता हैं और नीचे गिरा उसका दुपट्टा उठाकर उसके सर पर उढा देता हैं. अब इस बार राधिका को झटका लगता हैं. उसने तो कभी नही सोचा था कि उसके भैया उसके रेस्पॉन्स का ऐसे जवाब उसे देंगे.
कृष्णा- मुझे माफ़ कर दे राधिका मैं बहक गया था. अब मैं तेरे साथ वो सब नही कर सकता......
राधिका के आँखों से आँसू निकल पड़ते हैं..........................
राधिका- क्या कहूँ भैया इसे अपना नसीब या मेरी बदक़िस्मती. कितनी हैरानी की बात हैं ना भैया की इतने सालों से आप मुझे पाना चाहते थे तो मैं आपको हमेशा रोकती रही और आज मैने अपने आप को आपके हवाले करना चाहती हूँ तो आप भी मुझसे मूह फेर रहें हैं.
कृष्णा- मैं तो बस अपना फ़र्ज़ निभा रहा हूँ ........ये ग़लत हैं.......
राधिका- किस फ़र्ज़ की बात करते हो आप. वो फ़र्ज़ जो आपको बहुत पहले निभाना चाहिए था. उसे तो आपने कभी निभाया नहीं. कम से कम मुझे तो अपना भाई का फ़र्ज़ निभाने से मत रोको. आज ऐसा क्या हुआ है भैया कि आपको ये सब ग़लत लग रहा हैं. मैं आज जमाना पीछे छोड़कर बस आपके पास आई हूँ. आज मुझे ना ही इस दुनिया की फिक्र हैं ना ही इस दुनिया की परवाह. अब मुझे कोई फ़र्क नही पड़ता कि ये दुनिया हमारे इस रिस्ते को क्या कहेगी. और वैसे भी कोई आप पर उंगली नही उठाएगा. जो कुछ भी लोग कहेगे वो मुझे कहेंगे. और मुझे इस बात की कोई परवाह नही हैं.
कृष्णा- ये तू कैसी बहकी बहकी बातें कर रही हैं. हां मैं मानता हूँ कि मैं तेरे लिए दिन रात हमेशा बेचैन रहता था. मुझे बस तेरे जिस्म की भूक थी. मगर आज मैं भाई बेहन के इस रिश्ते को पहली बार महसूस किया हैं. और अब मैं तेरे साथ वो सब नही कर सकता. अब मैं जान चुका हूँ कि ये रिश्ता कितना पवित्र होता हैं.
राधिका- भैया मुझे तो लगता हैं कि बात कुछ और हैं. कल तक जो आदमी मेरे बदन को पाने के लिए दिन रात बेचैन रहता था आज मैं खुद उसके सामने अपना बदन को सौप रहीं हूँ तो आज आप मना कर रहे हैं. आख़िर क्या बुराई हैं मुझ में.
कृष्णा- राधिका प्लीज़ अब तुम इस बारे में मुझसे कोई भी बात ना ही करो तो बेहतर हैं. मैं अब इस बारे में कोई बात नहीं करना चाहता.
राधिका- आप ऐसे नही कर सकते भैया. आप आपने कदम बढ़कर वापस नही खीच सकते. मुझे इस वक़्त सबसे ज़्यादा आपकी ज़रूरत हैं.
कृष्णा- होश में आओ राधिका. कल को तुम्हारी शादी होने वाली हैं राहुल से. आज उसे इस बात की भनक भी लग गयी तो तुम्हारी ज़िंदगी तबाह हो जाएगी. राहुल तुम्हें कभी नही आपनाएगा.
राधिका- मैने कहाँ ना मुझे दुनिया की कोई फिक्र नही हैं. मैं आपसे आखरी बार पूछती हूँ कि आप मेरे साथ सेक्स करेंगे या नहीं.
कृष्णा कुछ देर सोचकर - नही राधिका मैं अब तुम्हारे साथ सेक्स नही कर सकता. ये मेरा आखरी फ़ैसला हैं..
कृष्णा के मूह से ऐसा जवाब सुनकर राधिका का चेहरा गुस्से से एक दम लाल हो जाता हैं
राधिका- फिर ठीक हैं तो यही आपका फ़ैसला हैं तो अब मेरा फ़ैसला भी सुन लीजिए. अब मैं राहुल से शादी नही कर सकती. अब मैं उस बिहारी से ही शादी करूँगी. अगर वो मुझे अपनी बीवी बनाए तो ठीक ,नही तो मैं उसकी रखैल बनने को भी तैयार हूँ. कम से कम बीवी ना सही उसकी रंडी तो बनूँगी ही...........................
कृष्णा एक दम गुस्से से पागल हो जाता हैं और एक ज़ोरदार थप्पड़ राधिका के गाल पर जड़ देता हैं. थप्पड़ इतना ज़ोरदार था कि राधिका का सिर घूम जाता हैं और उसके आँखों से आँसू छलक पड़ते हैं.
आज पहली बार कृष्णा ने राधिका के उपर अपना हाथ उठाया था. वो किसी भी सूरत में नही चाहता था कि वो उसपर हाथ उठाए. मगर आज राधिका ने उसके सामने ऐसी बात कर दी थी कि वो अपना सब कुछ भूल गया था.. कमरे में बस राधिका के सिसकने की आवाज़ आ रही थी. कृष्णा का भी मूड खराब हो गया था. वो भी वहाँ से तुरंत घर से बाहर निकल जाता हैं..
फिर कुछ देर तक राधिका यू ही रोती रहती हैं और फिर बेडरूम में आकर बिस्तेर पर लेट जाती हैं. आज वाकई में राधिका बदल गयी थी.. ये बात कृष्णा ने भी नोटीस किया था. मगर वो राधिका के ऐसे बदलाव की वजह नही जान पा रहा था.
कृष्णा- मुझे माफ़ कर दे राधिका मैं बहक गया था. अब मैं तेरे साथ वो सब नही कर सकता......
राधिका के आँखों से आँसू निकल पड़ते हैं..........................
राधिका- क्या कहूँ भैया इसे अपना नसीब या मेरी बदक़िस्मती. कितनी हैरानी की बात हैं ना भैया की इतने सालों से आप मुझे पाना चाहते थे तो मैं आपको हमेशा रोकती रही और आज मैने अपने आप को आपके हवाले करना चाहती हूँ तो आप भी मुझसे मूह फेर रहें हैं.
कृष्णा- मैं तो बस अपना फ़र्ज़ निभा रहा हूँ ........ये ग़लत हैं.......
राधिका- किस फ़र्ज़ की बात करते हो आप. वो फ़र्ज़ जो आपको बहुत पहले निभाना चाहिए था. उसे तो आपने कभी निभाया नहीं. कम से कम मुझे तो अपना भाई का फ़र्ज़ निभाने से मत रोको. आज ऐसा क्या हुआ है भैया कि आपको ये सब ग़लत लग रहा हैं. मैं आज जमाना पीछे छोड़कर बस आपके पास आई हूँ. आज मुझे ना ही इस दुनिया की फिक्र हैं ना ही इस दुनिया की परवाह. अब मुझे कोई फ़र्क नही पड़ता कि ये दुनिया हमारे इस रिस्ते को क्या कहेगी. और वैसे भी कोई आप पर उंगली नही उठाएगा. जो कुछ भी लोग कहेगे वो मुझे कहेंगे. और मुझे इस बात की कोई परवाह नही हैं.
कृष्णा- ये तू कैसी बहकी बहकी बातें कर रही हैं. हां मैं मानता हूँ कि मैं तेरे लिए दिन रात हमेशा बेचैन रहता था. मुझे बस तेरे जिस्म की भूक थी. मगर आज मैं भाई बेहन के इस रिश्ते को पहली बार महसूस किया हैं. और अब मैं तेरे साथ वो सब नही कर सकता. अब मैं जान चुका हूँ कि ये रिश्ता कितना पवित्र होता हैं.
राधिका- भैया मुझे तो लगता हैं कि बात कुछ और हैं. कल तक जो आदमी मेरे बदन को पाने के लिए दिन रात बेचैन रहता था आज मैं खुद उसके सामने अपना बदन को सौप रहीं हूँ तो आज आप मना कर रहे हैं. आख़िर क्या बुराई हैं मुझ में.
कृष्णा- राधिका प्लीज़ अब तुम इस बारे में मुझसे कोई भी बात ना ही करो तो बेहतर हैं. मैं अब इस बारे में कोई बात नहीं करना चाहता.
राधिका- आप ऐसे नही कर सकते भैया. आप आपने कदम बढ़कर वापस नही खीच सकते. मुझे इस वक़्त सबसे ज़्यादा आपकी ज़रूरत हैं.
कृष्णा- होश में आओ राधिका. कल को तुम्हारी शादी होने वाली हैं राहुल से. आज उसे इस बात की भनक भी लग गयी तो तुम्हारी ज़िंदगी तबाह हो जाएगी. राहुल तुम्हें कभी नही आपनाएगा.
राधिका- मैने कहाँ ना मुझे दुनिया की कोई फिक्र नही हैं. मैं आपसे आखरी बार पूछती हूँ कि आप मेरे साथ सेक्स करेंगे या नहीं.
कृष्णा कुछ देर सोचकर - नही राधिका मैं अब तुम्हारे साथ सेक्स नही कर सकता. ये मेरा आखरी फ़ैसला हैं..
कृष्णा के मूह से ऐसा जवाब सुनकर राधिका का चेहरा गुस्से से एक दम लाल हो जाता हैं
राधिका- फिर ठीक हैं तो यही आपका फ़ैसला हैं तो अब मेरा फ़ैसला भी सुन लीजिए. अब मैं राहुल से शादी नही कर सकती. अब मैं उस बिहारी से ही शादी करूँगी. अगर वो मुझे अपनी बीवी बनाए तो ठीक ,नही तो मैं उसकी रखैल बनने को भी तैयार हूँ. कम से कम बीवी ना सही उसकी रंडी तो बनूँगी ही...........................
कृष्णा एक दम गुस्से से पागल हो जाता हैं और एक ज़ोरदार थप्पड़ राधिका के गाल पर जड़ देता हैं. थप्पड़ इतना ज़ोरदार था कि राधिका का सिर घूम जाता हैं और उसके आँखों से आँसू छलक पड़ते हैं.
आज पहली बार कृष्णा ने राधिका के उपर अपना हाथ उठाया था. वो किसी भी सूरत में नही चाहता था कि वो उसपर हाथ उठाए. मगर आज राधिका ने उसके सामने ऐसी बात कर दी थी कि वो अपना सब कुछ भूल गया था.. कमरे में बस राधिका के सिसकने की आवाज़ आ रही थी. कृष्णा का भी मूड खराब हो गया था. वो भी वहाँ से तुरंत घर से बाहर निकल जाता हैं..
फिर कुछ देर तक राधिका यू ही रोती रहती हैं और फिर बेडरूम में आकर बिस्तेर पर लेट जाती हैं. आज वाकई में राधिका बदल गयी थी.. ये बात कृष्णा ने भी नोटीस किया था. मगर वो राधिका के ऐसे बदलाव की वजह नही जान पा रहा था.