hotaks444
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राधिका- अगर अब तुमने भी मुझे आटम बॉम्ब बोला ना ..तो मैं अभी यहाँ से चली जाउन्गि. फिर हाथ मलते रहना.
राहुल- नही हाथ तो नही मगर कुछ और ही मलना पड़ेगा. राधिका राहुल की बात समझते ही उसे ज़ोर से पिंच कर देती हैं.
राधिका- देख रही हूँ की तुम बहुत बिगड़ गये हो.
राहुल भी उसे अपनी बाहों में ले लेता हैं और अपने होंठ उसके होंठ पर रखकर धीरे धीरे उसे चूसने लगता हैं. राधिका भी अपनी आँखें बंद कर लेती हैं और वो अपना हाथ उसके सर पर रख देती हैं.
कुछ देर तक दोनो ऐसे ही एक दूसरे के होंठ चूस्ते हैं फिर राहुल अपने हाथ धीरे धीरे बढ़ाते हुए उसके सीने पर रख देता हैं और दूसरा हाथ उसके गान्ड पर रखकर धीरे धीरे मसलना शुरू कर देता है.
राधिका- प्लीज़ राहुल, मैं बहुत प्यासी हूँ, मेरी आग आज ठंडी कर दो ना.
राहुल- तो बताओ ना तुम्हारी आग को मैं कैसे ठंडा करू. कहों तो पानी ले कर आऊ.
राधिका- घूर कर देखते हुए. जाओ मैं तुमसे बात नहीं करती.
राहुल- अरे मेरी जान नाराज़ क्यों होती हो, बताओगि नही तो मैं तुम्हारे आग का इलाज़ कैसे करूँगा.
राधिका भी समझ चुकी थी कि राहुल उससे क्या कहलवाना चाहता हैं. लेकिन राधिका को अभी भी ये सब बोलने में झिझक हो रही थी.
राधिका- राहुल मुझे शरम आती हैं वो सब बात करने में. प्लीज़ ऐसे ही कर लो ना आज. ज़रूरी हैं क्या हर बात बोलना.
राहुल- क्यों खाना खाती हो तो पानी नही पीती क्या. वैसे ही ये भी ज़रूरी हैं. अगर नही कहोगी तो मैं भी आज कुछ नही करने वाला.
राहुल - बोलो ना जान. मुझसे कैसी शरम आज मैं तुम्हारी बेशर्मी देखना चाहता हूँ. क्या तुम मेरे लिए इतना भी नही कर सकती.
राधिका- पहले से ही बेशरम बना दिया हैं मुझे, और अब क्या बाकी रह गया हैं.
राहुल- तो फिर देर किस बात की है, चलो शुरू हो जाओ.
राधिका- ठीक हैं राहुल अगर तुम्हें ये सब से खुशी मिलती हैं तो ये ही सही. आज मैं तुम्हें अपनी पूरी बेशर्मी दिखाउंगी अगर सच में अगर तुम ना शरमा गये तो मेरा नाम भी राधिका नहीं.
राहुल- तो देख लेते हैं कि किसमे कितना दम हैं.
राधिका- अब बातें भी करोगे या कुछ शुरू भी करोगे.
राहुल- मैं नही कुछ करने वाला आज जो भी करोगी तुम करोगी. समझ लो कि मैं नया हूँ और तुम मुझे आज सब कुछ सिखा रही हो.
राधिका- अच्छा, ये क्या बात हुई. जाओ .......मैं........... ये नही कर सकती.
राहुल- फिर ठीक हैं मैं भी अब जाता हूँ.
राधिका तुरंत राहुल का हाथ पकड़ लेती हैं और उसका हाथ अपने राइट बूब्स पर रखकर ज़ोर से मसल देती हैं.
राधिका- आओ ना राहुल, मैं तुमसे चुदवाना चाहती हूँ. आओ और अपने राधिका को अच्छे से , अपने लंड को मेरी चूत में रगड़ कर चोदो.
अब चौकने की बारी राहुल की थी. उसने कभी सपने में भी राधिका से ऐसी उम्मीद नही की थी. और उसका बड़ा सा मूह खुल जाता हैं.
राधिका- ऐसे क्या देख रहे हो मैने कुछ ग़लत तो नही कहा ना. जो तुम चाहते थे वही तो बोला हैं.
राहुल- राधिका , मुझे तो अब भी यकीन नही हो रहा कि तुम इतनी बिंदास होकर ऐसे बातें कैसे बोल सकती हो.
राहुल- नही हाथ तो नही मगर कुछ और ही मलना पड़ेगा. राधिका राहुल की बात समझते ही उसे ज़ोर से पिंच कर देती हैं.
राधिका- देख रही हूँ की तुम बहुत बिगड़ गये हो.
राहुल भी उसे अपनी बाहों में ले लेता हैं और अपने होंठ उसके होंठ पर रखकर धीरे धीरे उसे चूसने लगता हैं. राधिका भी अपनी आँखें बंद कर लेती हैं और वो अपना हाथ उसके सर पर रख देती हैं.
कुछ देर तक दोनो ऐसे ही एक दूसरे के होंठ चूस्ते हैं फिर राहुल अपने हाथ धीरे धीरे बढ़ाते हुए उसके सीने पर रख देता हैं और दूसरा हाथ उसके गान्ड पर रखकर धीरे धीरे मसलना शुरू कर देता है.
राधिका- प्लीज़ राहुल, मैं बहुत प्यासी हूँ, मेरी आग आज ठंडी कर दो ना.
राहुल- तो बताओ ना तुम्हारी आग को मैं कैसे ठंडा करू. कहों तो पानी ले कर आऊ.
राधिका- घूर कर देखते हुए. जाओ मैं तुमसे बात नहीं करती.
राहुल- अरे मेरी जान नाराज़ क्यों होती हो, बताओगि नही तो मैं तुम्हारे आग का इलाज़ कैसे करूँगा.
राधिका भी समझ चुकी थी कि राहुल उससे क्या कहलवाना चाहता हैं. लेकिन राधिका को अभी भी ये सब बोलने में झिझक हो रही थी.
राधिका- राहुल मुझे शरम आती हैं वो सब बात करने में. प्लीज़ ऐसे ही कर लो ना आज. ज़रूरी हैं क्या हर बात बोलना.
राहुल- क्यों खाना खाती हो तो पानी नही पीती क्या. वैसे ही ये भी ज़रूरी हैं. अगर नही कहोगी तो मैं भी आज कुछ नही करने वाला.
राहुल - बोलो ना जान. मुझसे कैसी शरम आज मैं तुम्हारी बेशर्मी देखना चाहता हूँ. क्या तुम मेरे लिए इतना भी नही कर सकती.
राधिका- पहले से ही बेशरम बना दिया हैं मुझे, और अब क्या बाकी रह गया हैं.
राहुल- तो फिर देर किस बात की है, चलो शुरू हो जाओ.
राधिका- ठीक हैं राहुल अगर तुम्हें ये सब से खुशी मिलती हैं तो ये ही सही. आज मैं तुम्हें अपनी पूरी बेशर्मी दिखाउंगी अगर सच में अगर तुम ना शरमा गये तो मेरा नाम भी राधिका नहीं.
राहुल- तो देख लेते हैं कि किसमे कितना दम हैं.
राधिका- अब बातें भी करोगे या कुछ शुरू भी करोगे.
राहुल- मैं नही कुछ करने वाला आज जो भी करोगी तुम करोगी. समझ लो कि मैं नया हूँ और तुम मुझे आज सब कुछ सिखा रही हो.
राधिका- अच्छा, ये क्या बात हुई. जाओ .......मैं........... ये नही कर सकती.
राहुल- फिर ठीक हैं मैं भी अब जाता हूँ.
राधिका तुरंत राहुल का हाथ पकड़ लेती हैं और उसका हाथ अपने राइट बूब्स पर रखकर ज़ोर से मसल देती हैं.
राधिका- आओ ना राहुल, मैं तुमसे चुदवाना चाहती हूँ. आओ और अपने राधिका को अच्छे से , अपने लंड को मेरी चूत में रगड़ कर चोदो.
अब चौकने की बारी राहुल की थी. उसने कभी सपने में भी राधिका से ऐसी उम्मीद नही की थी. और उसका बड़ा सा मूह खुल जाता हैं.
राधिका- ऐसे क्या देख रहे हो मैने कुछ ग़लत तो नही कहा ना. जो तुम चाहते थे वही तो बोला हैं.
राहुल- राधिका , मुझे तो अब भी यकीन नही हो रहा कि तुम इतनी बिंदास होकर ऐसे बातें कैसे बोल सकती हो.