hotaks444
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"हां भैया बहुत मज़ेदार है आपका लंड....पेल डालो पूरा मेरी चूत में....हाई माआआ!!!" कमरा चुदाई के मधुर संगीत से गूँज रहा था. चुदाई का आनंद ऐसा होता है मैने सपने में भी नहीं सोचा था. रीमा हुचक हुचक कर चुदवा रही थी और मैं धक्के पे धक्का मार रहा था. हां फाड़ दे भाई, डाल दो इसे मेरी चूत मे, इसी का तो इंतेज़ार था सारी उमर. मेरी चूत ही इसकी सही जगह है, आपके लंड की डेस्टिनेशन यही है फाड़ दे भाई, चोदो अपनी रानी को, मैने इस दिन का अपने बचपन से ले कर अब तक बोहत इंतेज़ार किया है. अब मुझ से और इंतेज़ार नही हो रहा. प्लीज़ और ना तड़पाओ अपनी जानू को."
"मुझे प्यार करो भैया, मुझे चोदो मेरे राजा, डाल दो अपना लंड पूरा मेरी चूत मैं, ज़्यादा देर तक टिक ना पाउन्गि मेरे भैया....मेरी चूत पानी छोड़ रही है आपके लंड पर चोद डालो मुझे...चोद डालो अपनी बेहन ...अपनी बीवी को चोद डालो राजा!!!!".
मैं भी जोश में आ कर ज़ोरदार धक्के मारने लगा. मुझे भी लग रहा था कि मैं झरने वाला हूँ.
" ओह राज भाई, तुम बेहन्चोद बन चुके हो, हाआआं चोदो अपनी बेहन को , अपनी बीवी को चोदो, अहह, जितना दिल चाहे मुझे चोदो, तुम मेरे सब कुछ हो, मेरे राजा भैया, मेरा प्यार आपके लिए है. ऐसी चुदाई मेरी ज़िंदगी भर करना, चोद दो मुझे और बना लो मुझे अपने बच्चे की मा, भाई ओह लगता है मैं छूटने वाली हूँ, आपके लंड से पिघल रही है मेरी चूत, ज़ोर से धक्के लगाओ भैया!!!!!!!!!!!!."
मुझे अपने लंड से रस की धारा निकलती हुई महसूस हुई और मैं पागलों की तरह चोदने लगा. "ओह रीमा मेरी जान, मेरा रस निकल रहा है....मैं तुझे सारी ज़िंदगी ऐसे ही चोदुन्गा मेरी रानी, तेरी चूत मुझे पागल कर रही है, मैं छूटने लगा हूँ तुम्हारी चूत के अंदर, मेरी रानी!!!" इसके साथ ही मेरा फव्वारा छूट पड़ा.
"मैं भी झरी भैय्ाआअ....ओह मेरो चूत छूट रही है भाई....ओह्ह्ह्ह मा मैं गयी....मैं गयी भयियैययाया!!!" रीमा का जिस्म ऐसे काँप रहा था जैसे उसको तेज़ बुखार हो लेकिन वो तो चुदाई के आनंद में झूम रही थी. लंड छूट गया चूत छूट गयी और मैं निढाल हो कर अपनी बेहन बनी पत्नी के उपर लेट गया.
इसके बाद मैं माँ और बहन के साथ जयपुर मे शिफ्ट हो गया अब रीमा मेरी पत्नी है और मेरे दो बच्चे भी हो गये है
जिंदगी मज़े से चल रही है . दोस्तो आपको ये कहानी कैसी लगी ज़रूर बताना .
समाप्त
दा एंड........
"मुझे प्यार करो भैया, मुझे चोदो मेरे राजा, डाल दो अपना लंड पूरा मेरी चूत मैं, ज़्यादा देर तक टिक ना पाउन्गि मेरे भैया....मेरी चूत पानी छोड़ रही है आपके लंड पर चोद डालो मुझे...चोद डालो अपनी बेहन ...अपनी बीवी को चोद डालो राजा!!!!".
मैं भी जोश में आ कर ज़ोरदार धक्के मारने लगा. मुझे भी लग रहा था कि मैं झरने वाला हूँ.
" ओह राज भाई, तुम बेहन्चोद बन चुके हो, हाआआं चोदो अपनी बेहन को , अपनी बीवी को चोदो, अहह, जितना दिल चाहे मुझे चोदो, तुम मेरे सब कुछ हो, मेरे राजा भैया, मेरा प्यार आपके लिए है. ऐसी चुदाई मेरी ज़िंदगी भर करना, चोद दो मुझे और बना लो मुझे अपने बच्चे की मा, भाई ओह लगता है मैं छूटने वाली हूँ, आपके लंड से पिघल रही है मेरी चूत, ज़ोर से धक्के लगाओ भैया!!!!!!!!!!!!."
मुझे अपने लंड से रस की धारा निकलती हुई महसूस हुई और मैं पागलों की तरह चोदने लगा. "ओह रीमा मेरी जान, मेरा रस निकल रहा है....मैं तुझे सारी ज़िंदगी ऐसे ही चोदुन्गा मेरी रानी, तेरी चूत मुझे पागल कर रही है, मैं छूटने लगा हूँ तुम्हारी चूत के अंदर, मेरी रानी!!!" इसके साथ ही मेरा फव्वारा छूट पड़ा.
"मैं भी झरी भैय्ाआअ....ओह मेरो चूत छूट रही है भाई....ओह्ह्ह्ह मा मैं गयी....मैं गयी भयियैययाया!!!" रीमा का जिस्म ऐसे काँप रहा था जैसे उसको तेज़ बुखार हो लेकिन वो तो चुदाई के आनंद में झूम रही थी. लंड छूट गया चूत छूट गयी और मैं निढाल हो कर अपनी बेहन बनी पत्नी के उपर लेट गया.
इसके बाद मैं माँ और बहन के साथ जयपुर मे शिफ्ट हो गया अब रीमा मेरी पत्नी है और मेरे दो बच्चे भी हो गये है
जिंदगी मज़े से चल रही है . दोस्तो आपको ये कहानी कैसी लगी ज़रूर बताना .
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