hotaks444
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माँ बेटा ओर बहन-10
गतान्क से आगे…………………
शुमैला को मे आज मम्मी के सामने छू रहा था. उसे बेहद मज़ा आने लगा और
मम्मी ने मेरे हार्ड लंड को अपने हाथो मे ले लिया और फिर थोड़ा सा झुक कर
लंड पे किस्सिंग करनी शुरू कर दी. मुझे मम्मी की गर्म गर्म साँसे पागल कर
रही थीं और मेरी आँखे बंद हो गईं. उधेर शुमैला मेरे और नज़दीक हो
कर मेरे दोनो हाथो से अपनी चूचियों को मसलवा रही थी और आँखे बंद
कर के लंबी लंबी साँसे ले रही थी. उस का दिल ज़ोर ज़ोर से धड़क रहा था.
तभी मम्मी ने मुँह खोल कर मेरा आधे से ज़ियादा लंड अपने अंदर ले लिया और
चूसने लगी. मेरा बदन अकड़ने लगा. मम्मी ने दो तीन बार ही चूसा कि फॉरन
ही मेरा फोव्वारा मम्मी के मुँह मे ही छूट गया. मम्मी को मेरा नमकीन पानी
अपने मुँह मे आते महसूस हुआ लेकिन मम्मी ने मेरा लंड बाहर नही निकाला. वो
वैसे ही उसे चूस्ति रही, अंदर बाहर करती रही और मेरे कम का फुल लोड मम्मी
मुँह मे भर गया.
"आह्ह्ह्ह! गंदे! इतनी जल्दी." मम्मी ने अपने दुपट्टे से अपना मुँह सॉफ करते हुए
कहा तो शुमैला ने भी आँखे खोल कर मम्मी की तरफ देखा. उसे नही पता
चल सका कि ये क्या हुआ है.
"मम्मी आज पता नही क्या हुआ." मैने धीरे से कहा.
"हां मुझे पता है. आज तेरे हाथों मे बहन की चूचियाँ जो हैं. कैसा
लगा?" मम्मी ने कहा.
"बोहुत ही अच्छा मम्मी बड़ा मज़ा आया." मेने मस्ती से भरी आवाज़ मे कहा और
ज़ोर शुमैला की चूचियाँ को दबा दिया.
शुमैला ने बड़ी मुश्किल से अपनी चीख रोकी और बोली, "क्या केरते हो भाईजान
दर्द होता है यहाँ, आहिस्ता पकडो ना." शुमैला ने
मेरे चेहरे पे हाथ फेरते हुए कहा.
"ओह! सॉरी शुमैला मे दरअसल झाड़ गया था ना पता ही नही चला."
"चलो अब तुम ज़रा शुमैला को भी वो मज़ा दो मे तुम्हे दोबारा हार्ड केरती
हूँ." मम्मी ने कहा तो मेने शुमैला को बेड पे सीधा लिटा दिया और उस की
टाँगे ज़रा सी खोल कर करवट के बल उस के उप्पेर आ गया और शुमैला के
होंठो पे किस्सिंग केरने लगा तो मम्मी मेरे सेमी एरेक्टेड लंड के पास लेट गई
और मेरे लंड पे ज़ुबान फैरने लगी जिस से लंड फिर से हार्ड होने लगा.
शुमैला ने पहले तो अपने होंठ कस के बंद किए हुए थे लेकिन उसे जब मज़ा
आने लगा मेरे चूमने का तो वो भी रेस्पॉन्स देने लगी उस ने अपने होंठ खोल
दिए. अब मेरे और शुमैला की ज़ुबाने ऐक दूसरे से खैलने लगीं. ऐसी
किस्सिंग का शुमैला को बोहत मज़ा आता था. मम्मी ने चूम के चाट के चूस के
मेरा लंड फिर से हार्ड कर दिया था और वो मुसलसल मेरा लंड उपर
से नीचे तक चाट रही थी और फिर वो मेरे लंड के नीचे थैली मे बंद बॉल्स
को ज़ुबान से चाटने लगी. मेरे साथ ये पहली बार
हो रहा था. मेरे बदन मे लहरे सी उठने लगीं और ऐक नया सा सरूर
आने लगा और मेरी किस्सिंग मे जोश सा आ गया और मेने शुमैला के पूरे
चहरे को चूमना शुरू कर दिया. फिर उस के कानो पे आया और गर्दन पे और फिर
दोनो हाथ मे शुमैला की चूचियाँ पकड़ लीं और उस के लेफ्ट निपल को मुँह
मे ले कर चूसने लगा और ज़ुबान उस पे फैरने लगा. शुमैला के दोनो निपल्स
हार्ड हो कर खड़े हो गये थे. मेरी ज़ुबान उस के निपल के गिर्द गोल गोल घूम
रही थी और वो मज़े की दुनियाँ मे आँखे बंद किए उड़ रही थी. मे
दीवानो की तरह अब उस की चूचियों को चूस रहा था, काट रहा था और दोनो
हाथो से ज़ोर ज़ोर से सहला भी रहा था.
तभी शुमैला को महसूस हुआ कि उस की टाँगो के दरमियाँ फँसी हुई छ्होटी सी
चूत से पानी का सैलाब आ गया है. और वो झडने लगी. उस ने अपनी टाँगे और
भी फैला लीं और अपने कुल्हो को ज़रा सा उठा कर अपनी चूत को अपने अप्पर
लेते हुए अपने भाई की पसलियो से लगाया और अच्छी तरह ज़ोर से रगड़ा. मेने
ये हरकत महसूस की और शुमैला की चूचियों से हाथ हटाया और उस की
शलवार उतारने लगा. शुमैला ने गांद को उठा कर मुझे अपनी शलवार उतरने दी.
इस हरकत से मेरा लंड मम्मी क मुँह से निकल गया और वो उठ कर बैठ गई और
देखने लगी क़ि मे शुमैला की शलवार उतार रहा हूँ.
"गुड! अब आए हो ना दोनो तुम पूरे मज़े मे! शाबाश बेटा आज इस को वो मज़ा
देना कि सारी ज़िंदगी याद रखे." मम्मी ने जोश से भरी आवाज़ मे कहा और
मुझे भी जोश आ गया और मेने शुमैला की शलवार उतार कर उस की टांगे
ज़रा सी और फैला दीं और झुक गया शुमैला की छ्होटी सी चूत पर मुँह
रखा.
गतान्क से आगे…………………
शुमैला को मे आज मम्मी के सामने छू रहा था. उसे बेहद मज़ा आने लगा और
मम्मी ने मेरे हार्ड लंड को अपने हाथो मे ले लिया और फिर थोड़ा सा झुक कर
लंड पे किस्सिंग करनी शुरू कर दी. मुझे मम्मी की गर्म गर्म साँसे पागल कर
रही थीं और मेरी आँखे बंद हो गईं. उधेर शुमैला मेरे और नज़दीक हो
कर मेरे दोनो हाथो से अपनी चूचियों को मसलवा रही थी और आँखे बंद
कर के लंबी लंबी साँसे ले रही थी. उस का दिल ज़ोर ज़ोर से धड़क रहा था.
तभी मम्मी ने मुँह खोल कर मेरा आधे से ज़ियादा लंड अपने अंदर ले लिया और
चूसने लगी. मेरा बदन अकड़ने लगा. मम्मी ने दो तीन बार ही चूसा कि फॉरन
ही मेरा फोव्वारा मम्मी के मुँह मे ही छूट गया. मम्मी को मेरा नमकीन पानी
अपने मुँह मे आते महसूस हुआ लेकिन मम्मी ने मेरा लंड बाहर नही निकाला. वो
वैसे ही उसे चूस्ति रही, अंदर बाहर करती रही और मेरे कम का फुल लोड मम्मी
मुँह मे भर गया.
"आह्ह्ह्ह! गंदे! इतनी जल्दी." मम्मी ने अपने दुपट्टे से अपना मुँह सॉफ करते हुए
कहा तो शुमैला ने भी आँखे खोल कर मम्मी की तरफ देखा. उसे नही पता
चल सका कि ये क्या हुआ है.
"मम्मी आज पता नही क्या हुआ." मैने धीरे से कहा.
"हां मुझे पता है. आज तेरे हाथों मे बहन की चूचियाँ जो हैं. कैसा
लगा?" मम्मी ने कहा.
"बोहुत ही अच्छा मम्मी बड़ा मज़ा आया." मेने मस्ती से भरी आवाज़ मे कहा और
ज़ोर शुमैला की चूचियाँ को दबा दिया.
शुमैला ने बड़ी मुश्किल से अपनी चीख रोकी और बोली, "क्या केरते हो भाईजान
दर्द होता है यहाँ, आहिस्ता पकडो ना." शुमैला ने
मेरे चेहरे पे हाथ फेरते हुए कहा.
"ओह! सॉरी शुमैला मे दरअसल झाड़ गया था ना पता ही नही चला."
"चलो अब तुम ज़रा शुमैला को भी वो मज़ा दो मे तुम्हे दोबारा हार्ड केरती
हूँ." मम्मी ने कहा तो मेने शुमैला को बेड पे सीधा लिटा दिया और उस की
टाँगे ज़रा सी खोल कर करवट के बल उस के उप्पेर आ गया और शुमैला के
होंठो पे किस्सिंग केरने लगा तो मम्मी मेरे सेमी एरेक्टेड लंड के पास लेट गई
और मेरे लंड पे ज़ुबान फैरने लगी जिस से लंड फिर से हार्ड होने लगा.
शुमैला ने पहले तो अपने होंठ कस के बंद किए हुए थे लेकिन उसे जब मज़ा
आने लगा मेरे चूमने का तो वो भी रेस्पॉन्स देने लगी उस ने अपने होंठ खोल
दिए. अब मेरे और शुमैला की ज़ुबाने ऐक दूसरे से खैलने लगीं. ऐसी
किस्सिंग का शुमैला को बोहत मज़ा आता था. मम्मी ने चूम के चाट के चूस के
मेरा लंड फिर से हार्ड कर दिया था और वो मुसलसल मेरा लंड उपर
से नीचे तक चाट रही थी और फिर वो मेरे लंड के नीचे थैली मे बंद बॉल्स
को ज़ुबान से चाटने लगी. मेरे साथ ये पहली बार
हो रहा था. मेरे बदन मे लहरे सी उठने लगीं और ऐक नया सा सरूर
आने लगा और मेरी किस्सिंग मे जोश सा आ गया और मेने शुमैला के पूरे
चहरे को चूमना शुरू कर दिया. फिर उस के कानो पे आया और गर्दन पे और फिर
दोनो हाथ मे शुमैला की चूचियाँ पकड़ लीं और उस के लेफ्ट निपल को मुँह
मे ले कर चूसने लगा और ज़ुबान उस पे फैरने लगा. शुमैला के दोनो निपल्स
हार्ड हो कर खड़े हो गये थे. मेरी ज़ुबान उस के निपल के गिर्द गोल गोल घूम
रही थी और वो मज़े की दुनियाँ मे आँखे बंद किए उड़ रही थी. मे
दीवानो की तरह अब उस की चूचियों को चूस रहा था, काट रहा था और दोनो
हाथो से ज़ोर ज़ोर से सहला भी रहा था.
तभी शुमैला को महसूस हुआ कि उस की टाँगो के दरमियाँ फँसी हुई छ्होटी सी
चूत से पानी का सैलाब आ गया है. और वो झडने लगी. उस ने अपनी टाँगे और
भी फैला लीं और अपने कुल्हो को ज़रा सा उठा कर अपनी चूत को अपने अप्पर
लेते हुए अपने भाई की पसलियो से लगाया और अच्छी तरह ज़ोर से रगड़ा. मेने
ये हरकत महसूस की और शुमैला की चूचियों से हाथ हटाया और उस की
शलवार उतारने लगा. शुमैला ने गांद को उठा कर मुझे अपनी शलवार उतरने दी.
इस हरकत से मेरा लंड मम्मी क मुँह से निकल गया और वो उठ कर बैठ गई और
देखने लगी क़ि मे शुमैला की शलवार उतार रहा हूँ.
"गुड! अब आए हो ना दोनो तुम पूरे मज़े मे! शाबाश बेटा आज इस को वो मज़ा
देना कि सारी ज़िंदगी याद रखे." मम्मी ने जोश से भरी आवाज़ मे कहा और
मुझे भी जोश आ गया और मेने शुमैला की शलवार उतार कर उस की टांगे
ज़रा सी और फैला दीं और झुक गया शुमैला की छ्होटी सी चूत पर मुँह
रखा.