hotaks444
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मेने उसकी चूचियों को धीरे धीरे सहलाते हुए उसके होंठो को चूमा बोला,
"शुमैला तुम्हारी चूचियाँ बहुत प्यारी है."
वह मुस्काराई और मेरे हाथो पर अपना हाथ रख दबाव ज़्यादा करते हुए बोली,
"भाई जान मेरी चूचियाँ आपके लिए है. लीजिए मज़ा अपनी बहन की चूचियों
का, दबा दबाकर भाई जान."
मेने उसकी चूचियों को 6-7 मिनट तक दबाया और वह बराबर मुझे देखती
रही. फिर वह मेरा हाथ पकड़ बोली, "भाई जान अब बस भी करिए."
"हाई बहुत अच्छा लग रहा है."
"अब फिर दबा लीजिएगा, अब ज़रा इनको मुँह मे लेकर चूसिए ना."
"तुमको चुसवाना अच्छा लगता है?"
"हां भाई जान बहुत मज़ा आया था दिन मे."
"ठीक है जब मन हो तब चुस्वा लिया करना."
फिर झुककर उसकी एक चूची को जीभ से चाटने लगा. कुच्छ देर बाद दूसरी को
भी चाटा और फिर एक को मुँह मे लेकर चूसने लगा. 4-5 मिनट बाद दूसरी को
भी खूब चूसा. वह अब आँखें बंद कर सिसकते हुए मेरा सर अपनी चूचियों
पर दबा रही थी. कुच्छ देर बाद उसके निपल को मुँह मे लेकर जब पीना शुरू
किया तो वह एकदम मस्त हो हाई हाई करने लगी. अब वह अपनी चूचियों को अपने
हाथ से दबा दबा मुझे पिला रही थी.
"हाई भाई जान हाई मेरे प्यारे भाई जान और और हाई बहुत मज़ा है पिलाने मे,
पियो सारा रस पी जाओ."
10 मिनट तक दोनो निपल चूसे फिर मुँह अलग कर उसकी बगल मे लेट गया.
थोड़ी देर मस्ती की लौ मे रहने के बाद उसने आँखे खोल मुझे देखा और
मुस्कराते हुए बोली, "शुक्रिया भाई जान."
"मज़ा आया ना?"
"बहुत हाई आपको मज़ा आया मेरी चूचियों का रस पीने मे?"
"अरे यार तुझे मालूम नही कि जब बच्चा होता है तभी इनमे रस होता है."
"ओह्ह भाई जान मुझे नही पता था. तो क्या आपको मज़ा नही आया?"
"अरे यार मुझे तो बहुत मज़ा आया, मे तो रस के बारे मे बता रहा था,
हां अभी तुम्हारी चूत मे रस ज़रूर होता है, अगर तुम मुझे अपनी चूत का
रस पिला दो तो मुझे मज़ा आ जाए."
वह मुझे देखने लगी फिर चुप हो गयी और कुच्छ सोचने लगी. कुच्छ देर बाद
उसने मुझे देखा और मुस्काराकार बोली, "ठीक है भाई जान आप आज अपनी बहन की
चूत चाट कर दिखाइए उसमे कितना मज़ा है."
मे खुश हो गया और उसे चूम नीचे उसकी कमर के पास गया. फिर धीरे धीरे
उसकी पैंटी को उतारने लगा. उसने चूतर उठा पैंटी अलग करवाई तो उसकी चूत
देख मस्त हो गया. एकदम चिकनी लग रही थी. शायद अभी क्रीम से थोड़े बहुत
रोएँ भी सॉफ कर आई थी. मेने उसे बेड पर टेक लगा बिठाया और उसकी गांद
के नीचे तकिया रख दिया जिससे उसकी चूत उभर आई. फिर उसकी टाँगो के बीच
लेटा और उसकी चूत के दोनो फाँक उंगली से खोल देख कर मुस्काराया तो वह भी
मुस्करा दी.
"भाई जान क्या देख रहे हो?"
"देख रहा हूँ कितनी प्यारी है हाई इसको तो बस चाटने का मन कर रहा है."
"तो चाटिये ना भाई जान अब किस बात की देर है? लो चाटो."
उसने अपनी कमर उचकाई तो मेने उसकी चूत पर हाथ फिराया. चूत पर हाथ
रखते ही मेरे बदन मे सनसनी दौड़ गयी. वह भी मचल सी गयी. उसके मुँह
से एक आह निकल गयी. मे उसकी चूत को हाथ लगा मस्त हो गया. मम्मी की चूत
से कहीं ज़्यादा खूबसूरत चूत थी शुमैला की. मन तो कर रहा था कि हाथ
रखे चूत को देखता रहूं.
शुमैला की चूत को 4-5 बार सहलाया तो वह बोली, "भाई जान अच्छा लग रहा
है."
"हाई बहुत प्यारी चूत है, हेया छ्होटी सी फाँक वाली गुलाबी गुलाबी." और फिर
उंगली से दोनो फाँक खोलकर देखा तो च्छेद देख बोला, "और दोनो फाँक कितने
मस्त है और हाई कितना प्यारा च्छेद है, हाई शुमैला मेरी जान ऐसी चूत तो
बस रात भर चाटने के लिए होती है."
"भाई जान हाई आपकी बहन आपके सामने ऐसे ही चूत खोले लेटी है और आप
चाट क्यों नही रहे?"
"चाटुन्गा चाटुन्गा यार हाई देखने से ही इतना मज़ा आ रहा है."
फिर चेहरे को उसकी चूत पर झुकाया और नाक को उसकी चूत पर सून्घ्ता हुआ
बोला, "हाई आहह कितनी प्यारी, नशीली खुश्बू आ रही है तेरी चूत से, आहह
हाई तुम्हारी पैंटी की खुश्बू से ज़्यादा मस्त खुश्बू चूत मे है."
वह मुझे अपनी चूत की खुश्बू सूंघते देख खुश हो गयी और मेरे सर पर
हाथ लगा धीरे से बोली, "ओह भाई जान हाई आप कितने अच्छे हैं, आप अपनी बहन
को कितना प्यार करते हैं हाई और प्यार करिए अपनी बहन को आपकी बहन अब
आपकी दीवानी हो गयी है."
कुच्छ देर तक चूत की खुश्बू लेने के बाद उसकी चूत को चूमा तो वह एकदम से
फडक गयी और उसकी गांद तकिये से उछल गयी और वह मेरा सर अपनी चूत पर
दबाते हाई हाई करती बोली, "ओह्ह हाई आहह ब्ब्भ्ह्ह्हाऐज्जाआन उुउऊहह भाई जान
हां हां और और ऐसे ही करिए हाई बहुत अच्छा."
क्रमशः………………………..
"शुमैला तुम्हारी चूचियाँ बहुत प्यारी है."
वह मुस्काराई और मेरे हाथो पर अपना हाथ रख दबाव ज़्यादा करते हुए बोली,
"भाई जान मेरी चूचियाँ आपके लिए है. लीजिए मज़ा अपनी बहन की चूचियों
का, दबा दबाकर भाई जान."
मेने उसकी चूचियों को 6-7 मिनट तक दबाया और वह बराबर मुझे देखती
रही. फिर वह मेरा हाथ पकड़ बोली, "भाई जान अब बस भी करिए."
"हाई बहुत अच्छा लग रहा है."
"अब फिर दबा लीजिएगा, अब ज़रा इनको मुँह मे लेकर चूसिए ना."
"तुमको चुसवाना अच्छा लगता है?"
"हां भाई जान बहुत मज़ा आया था दिन मे."
"ठीक है जब मन हो तब चुस्वा लिया करना."
फिर झुककर उसकी एक चूची को जीभ से चाटने लगा. कुच्छ देर बाद दूसरी को
भी चाटा और फिर एक को मुँह मे लेकर चूसने लगा. 4-5 मिनट बाद दूसरी को
भी खूब चूसा. वह अब आँखें बंद कर सिसकते हुए मेरा सर अपनी चूचियों
पर दबा रही थी. कुच्छ देर बाद उसके निपल को मुँह मे लेकर जब पीना शुरू
किया तो वह एकदम मस्त हो हाई हाई करने लगी. अब वह अपनी चूचियों को अपने
हाथ से दबा दबा मुझे पिला रही थी.
"हाई भाई जान हाई मेरे प्यारे भाई जान और और हाई बहुत मज़ा है पिलाने मे,
पियो सारा रस पी जाओ."
10 मिनट तक दोनो निपल चूसे फिर मुँह अलग कर उसकी बगल मे लेट गया.
थोड़ी देर मस्ती की लौ मे रहने के बाद उसने आँखे खोल मुझे देखा और
मुस्कराते हुए बोली, "शुक्रिया भाई जान."
"मज़ा आया ना?"
"बहुत हाई आपको मज़ा आया मेरी चूचियों का रस पीने मे?"
"अरे यार तुझे मालूम नही कि जब बच्चा होता है तभी इनमे रस होता है."
"ओह्ह भाई जान मुझे नही पता था. तो क्या आपको मज़ा नही आया?"
"अरे यार मुझे तो बहुत मज़ा आया, मे तो रस के बारे मे बता रहा था,
हां अभी तुम्हारी चूत मे रस ज़रूर होता है, अगर तुम मुझे अपनी चूत का
रस पिला दो तो मुझे मज़ा आ जाए."
वह मुझे देखने लगी फिर चुप हो गयी और कुच्छ सोचने लगी. कुच्छ देर बाद
उसने मुझे देखा और मुस्काराकार बोली, "ठीक है भाई जान आप आज अपनी बहन की
चूत चाट कर दिखाइए उसमे कितना मज़ा है."
मे खुश हो गया और उसे चूम नीचे उसकी कमर के पास गया. फिर धीरे धीरे
उसकी पैंटी को उतारने लगा. उसने चूतर उठा पैंटी अलग करवाई तो उसकी चूत
देख मस्त हो गया. एकदम चिकनी लग रही थी. शायद अभी क्रीम से थोड़े बहुत
रोएँ भी सॉफ कर आई थी. मेने उसे बेड पर टेक लगा बिठाया और उसकी गांद
के नीचे तकिया रख दिया जिससे उसकी चूत उभर आई. फिर उसकी टाँगो के बीच
लेटा और उसकी चूत के दोनो फाँक उंगली से खोल देख कर मुस्काराया तो वह भी
मुस्करा दी.
"भाई जान क्या देख रहे हो?"
"देख रहा हूँ कितनी प्यारी है हाई इसको तो बस चाटने का मन कर रहा है."
"तो चाटिये ना भाई जान अब किस बात की देर है? लो चाटो."
उसने अपनी कमर उचकाई तो मेने उसकी चूत पर हाथ फिराया. चूत पर हाथ
रखते ही मेरे बदन मे सनसनी दौड़ गयी. वह भी मचल सी गयी. उसके मुँह
से एक आह निकल गयी. मे उसकी चूत को हाथ लगा मस्त हो गया. मम्मी की चूत
से कहीं ज़्यादा खूबसूरत चूत थी शुमैला की. मन तो कर रहा था कि हाथ
रखे चूत को देखता रहूं.
शुमैला की चूत को 4-5 बार सहलाया तो वह बोली, "भाई जान अच्छा लग रहा
है."
"हाई बहुत प्यारी चूत है, हेया छ्होटी सी फाँक वाली गुलाबी गुलाबी." और फिर
उंगली से दोनो फाँक खोलकर देखा तो च्छेद देख बोला, "और दोनो फाँक कितने
मस्त है और हाई कितना प्यारा च्छेद है, हाई शुमैला मेरी जान ऐसी चूत तो
बस रात भर चाटने के लिए होती है."
"भाई जान हाई आपकी बहन आपके सामने ऐसे ही चूत खोले लेटी है और आप
चाट क्यों नही रहे?"
"चाटुन्गा चाटुन्गा यार हाई देखने से ही इतना मज़ा आ रहा है."
फिर चेहरे को उसकी चूत पर झुकाया और नाक को उसकी चूत पर सून्घ्ता हुआ
बोला, "हाई आहह कितनी प्यारी, नशीली खुश्बू आ रही है तेरी चूत से, आहह
हाई तुम्हारी पैंटी की खुश्बू से ज़्यादा मस्त खुश्बू चूत मे है."
वह मुझे अपनी चूत की खुश्बू सूंघते देख खुश हो गयी और मेरे सर पर
हाथ लगा धीरे से बोली, "ओह भाई जान हाई आप कितने अच्छे हैं, आप अपनी बहन
को कितना प्यार करते हैं हाई और प्यार करिए अपनी बहन को आपकी बहन अब
आपकी दीवानी हो गयी है."
कुच्छ देर तक चूत की खुश्बू लेने के बाद उसकी चूत को चूमा तो वह एकदम से
फडक गयी और उसकी गांद तकिये से उछल गयी और वह मेरा सर अपनी चूत पर
दबाते हाई हाई करती बोली, "ओह्ह हाई आहह ब्ब्भ्ह्ह्हाऐज्जाआन उुउऊहह भाई जान
हां हां और और ऐसे ही करिए हाई बहुत अच्छा."
क्रमशः………………………..