Maa Sex Kahani माँ की अधूरी इच्छा - Page 22 - SexBaba
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Maa Sex Kahani माँ की अधूरी इच्छा

बाहर रमेश खड़े हो कर सब सुन रहा था।
पर क्या करे ये सिचुएशन तो उसने ही खड़ी की थी।
तो अब देखना और सहना भी उसे ही पडेगा।
अभी बात ही चल रही थी की
दरवाजा पे ड़ोरबेल बजती है।
सरला: अब कौन आ गया।
और बाहर आकर रमेश को देखते हुए दरवाजा खोलती है और सामने उसकी माँ और भाई खड़े थे।
और सरला
मा आप इतनी जल्दी।

सरिता: क्यों नहीं आ सकती।
सरला: नहीं माँ अंदर आओ आप ही का घर है।
अंदर आ कर।
रमेश सरला के भाई और माँ को देख कर खुश हो जाता है की अब सरला और अरुन क्या करेंगे।
तभी अरुन परी और प्रीति भी बाहर आ जाते है।
और उनको देख कर उदास हो जाते है।
खास कर प्रीति और परी क्यों की अरुन को तो पता था की सरिता को सब पता है।
सभी के होने से दिन में कुछ नहीं हो पाया ।
पर सरला ने सरिता से मिल कर सारी बात बता दी ।
प्रीति और परी के बारे में
सरला और सरिता छत पे

सरला: माँ अब भाई के होते हुए कैसे होगा ।
सरिता: इन सब की ज़रूरत क्या है बेटी।
कहिं ऐसा न हो इस सब के बाद अरुन तुमसे दुर हो जाए।
सरला: नहीं माँ ऐसा नहीं होगा और इसमें अरुन की भलाई हैं।
सरिता: क्यु
सरला: क्योंकी माँ उसकी सेक्स पावर बहुत है वो मुझ अकेले से सम्हाल नहीं रहा जब भी वो मेरे साथ सेक्स करता है मेरी हालत ख़राब कर देता है।
मै उसे ठण्डा नहीं कर पाती।
और उस बजह से मुझे डर है की वो मुझ से दुर न हो जाये ।वो दुर हो उससे अच्छा है जो भी हो मेरे सामने हो और मैं उसे अपने हिसाब से कण्ट्रोल कर सकु।
सरिता: देख ले अपनी समझदारी से ।
मै क्या हेल्प करूँ तेरी । वो बता।
सरला: मेरी तो समझ में कुछ नहीं आ रहा है।

सरिता: अच्छा बेटी ये बता जब भी मैं तुझ से बात करती हु तो तू अरुन की बहुत तारीफ करती है । क्या
अरुन की सेक्स स्टैमिना इतना है की तुझ जैसे दो बच्चो की माँ भी उसे सटिस्फ़ाई नहीं कर पा रही।
सरला: हाँ माँ सच बोल रही हु।
मुझे अपने तीनो जगह ले कर उसका पानी निकलवाना पड़ता है ।
सरिता: मतलब ।
सरला: माँ समझा करो।
सरिता: एक जगह तो मुझे पता है पर तीन जगह कौन से है।
सरला: माँ आप भी न इतनी बड़ी हो गई हो और आप को नहीं पता।
सरिता: सच मुझे नहीं पता तेरे पापा कौन से मरद है
बस ग़ुस्सा के अलावा क्या है बस सेक्स किया और सो गये। अपना काम होना चाहिए बस ।
मै भी तेरी तरह तडपी हु बेटी।
बस तेरी खुशकिस्मती की तुझे अरुन मिल गया और मैं इतनी हिम्मत नहीं कर पाई और कर लेती तो क्या होता
तेरी भाभी भी परेसान है तेरा भाई भी तेरे पापा की तरह है।
सरला: माँ हम लोगो की किस्मत इतनी ख़राब क्यों है।
सरिता: छोड़ बेटी।
सरला: माँ तीन जगह मतलब
मुह चुत और गाँड।
सरिता: चौकते हुए पागल है।
मुह और गाण्ड में कौन लेता है
सरला: मैं और कौन अरुन ने ही सिखाया है मुझे ।
सरिता: हे भगवान इस नए जमाने को क्या हो गया है।
सरला: कुछ नहीं हुआ माँ बस हमें पता नहीं थी था क्यों की हमारे पति किसी काम के नहीं थे।
और अरुन सब जनता है।
सरिता: तभी तो लँगड़ा कर चल रही है।
सरला: आप भी न माँ ।और शरमा जाती है।
सरिता: कितनी भोली है मेरी बेटी जो अपनी माँ से शरमा रही है।
जीसे सब कुछ बता रखा है।
 
तभी अरुन आ जाता है।
अरुण: हाय नानी जी कैसी हो। क्या हो रहा है।
सरिता: अच्छी हूँ।
पर तेरी शिकायत कर रही है मेरी बेटी की तो इसे बहुत परेसान करता है ।
अरुण: ऐसा नहीं है नानी जी मैं तो माँ को बहुत प्यार करता हूँ।
पर ये परेसान हो जाती है तो मैं क्या करूँ।
सरिता: तो तू कुछ नहीं करता।
अरुण:हाँ नानी मैं तो वही करता हु जो माँ बोलति है ।
सरिता: क्यों सरला तू मेरे बच्चे को वैसे ही बदनाम कर रही है।
सरला: माँ ये झूठ बोल रहा है अगर आप को मुझ पे यकीन न हो तो आप खुद देख लेना रात को ।
और चुप हो जाती है।
सोचती है क्या बोल दिया।
पर
सरिता: तू सच बोल रही है मैं देखु क्या।
सरला सरिता को देखति है जैसे पूछ रही हो सच में देखना चाहती हो।
सरिता कुछ नहीं बोलती।
अरुण: हाँ नानी जी आप खुद देख लेना।
सरिता: तुझे कोई प्रॉब्लम नही।
अरुण: मुझे क्या प्रॉब्लम होगी माँ से पूछ लो।
सरला: माँ आप।
अरुण: देखा नानी। अब माँ मना कर रही है इसका मतलब आप समझ जाओ की माँ झूठ बोल रही है।
सरला: ऐसा नहीं है माँ मैं सच बोल रही हु और अगर आप को यकीन नहीं है तो आज रात को देख लेना
और अरुन को देख कर हॅसने लगती है।

थोड़ी देर बाद तीनो निचे आ जाते है।
रमेश का ध्यान सिर्फ सरला और अरुन पे था की ये क्या प्लान कर रहे है।
पर वो दोनों इस मामले में उसके बाप थे तभी तो सरिता को अपने प्लान में शामील किया।
सभी खाना खाते है और खाना खाने के बाद ।
प्रीति और परी का मूड सरला की माँ और भाई के आने के कारन ख़राब हो गया था क्या करे कुछ समझ नहीं आ रहा था।
सोने की सेटिंग।
 
सरला: भाई और नीतू के पापा ड्राइंग रूम में सो जाएंगे
और प्रीति दी परी और नीतू अरुन के रूम में
और मैं माँ और अरुन मेरे रूम में।
रमेश: अरुन भी हमारे साथ सो जाएगा।
सरिता: नहीं दामाद जी मुझे अरुन और सरला से बात करनी है इस लिए वो मेरे साथ सो जाएंगे।
तभी नीतू सरला से।
नीतू: मैं भी आप के साथ सोउंगी।
सरला: बेटा क्या फायदा माँ के होते हुए कुछ होना तो है नही।
फिर क्या फायदा।
नीतू: हाँ ये भी ठीक है।
और यहि सवाल प्रीति ने किया तो सरला ने उसको भी यहि जवाब दिया।
और रमेश भी खुश था की आज कुछ नहीं होगा क्यों की सरला की माँ उनके साथ सोयेगी।
और सब अपने अपने रूम में।
सरला: माँ चेंज करोगी ।
सरिता: रहने दे क्या चेंज करूँ।
सरला: नाइटी पहन लो।
सरिता: दे दो बेटी।
और बाथरूम में चलि जाती है।
और मोका पा कर अरुन सरला के मम्मे मसल देता है।
सरला: आआआह ।
और सरिता देवी सरला की सिसकारी सुन लेती है।
सरिता: क्या हुआ सरला।
सरला: माँ तुम्हारा अरुन है।
सरिता: क्या किया।
सरला: वो कुछ नही।
और अरुन को बाँहों में ले कर।
सरला: आज क्या पहनूँ जान।
अरुण: बात मानोगी।
सरला: कभी मना किया है।
अरुण: तो फिर वनली थोंग और ब्लैक वाली ब्रा।
सरला: बोल दो नंगी रहो उनको भी पहनने का क्या फायदा।
अरुण: वो तो और भी अछि बात है।
तभी सरिता बाहर आ जाती है।

सरिता: क्या बात हो रही है माँ बेटे में।
सरला क्या पहनू रात में वही डिस्कस हो रहा था।
सरिता: इसमें डिसकस करने की क्या बात है।
कुछ भी पहन लो।
सरला: नहीं माँ जो भी पहनती हु इनकी मर्ज़ी से पहनती हूँ।
दिन या रात।
सरिता: तो क्या डीसाइड हुआ।
और सरला अलमीरा में से वही ब्रा पेंटी निकाल कर सरिता को दिखाती है।
सरिता: ये क्या है।
सरला: मेरे बेटे की फेवरेट ड्रेस जिस में वो आज रात मुझे देखना चाहता है।
सरिता: अरुन ये क्या है।
अरुण: क्या नानी।
सरिता: यही जो सरला के हाथों में है।
अरुण: मैंने कुछ नहीं बोला माँ खुद पहनना चाहती है।
सरिता: सरला अरुन क्या बोल रहा है।
अरून सरला को देख कर मुस्कुरा रहा होता है जैसे उसे चिढा रहा हो।
सरिता: समझ जाती है।
ठिक है बाबा जिसका जो मन हो पहन लो मुझे कोई प्रॉब्लम नहीं है और बेड पे लेट जाती है।

सरला अपने कपडे यानि ब्रा और पेंटी ले कर बाथरूम जा रही होती है।
अरुण: यही चेंज कर लो।
सरला: चुप कर बदमाश माँ लेटी है।
सरिता मुस्कुरा देती है।
अरुण: देखो नानी भी है बोल दूँ।
और अपनी नानी के पास आ कर बैठ जाता है बेड पे।
सरला मुस्कुराते हुए पहले अपनी साड़ी उतारती है फिर अपना ब्लाउज।
अरुण: वाओ माँ यु लूकिंग होट।
सरिता: अरुन माँ से ऐसे नहीं बोलते।
अरुण: नानी हॉट को तो हॉट ही बोलेंगे।
और फिर सरला धीरे से अरुन की तरफ पीठ कर के अपना पेटीकोट उतार देती है।
इस वक़्त सरला सिर्फ ब्रा पेंटी में खड़ी थी।
सरिता: अरुन बेटा जो सरला ने पहने है वही उसे चेंज करने के लिए बोल रहे हो।
अरुण: नानी उसमे और इनमे बहुत फ़र्क़ है ।
और जब सरला की तरफ देखते है दोनों तब तक सरला ब्रा और पेंटी भी उतार चुकी थी।
अरुण: नानी देखो माँ कितनी सेक्सी लग रही है इस ड्रेस में।
सरिता: उसने तो कुछ नहीं पहना।
अरुण: वही तो इस ड्रेस में माँ एकदम हॉट एंड सेक्सी लगती है।
सरला: देखा माँ इसको मैं एकदम नंगी अच्छी लगती हूँ।
और ये ब्रा पेंटी पहन रही हु इसकी मर्ज़ी से ।
इसे भी बेड पे पहुचते ही दो मिनट में उतार देगा।
सरिता: तो रहने दे न क्यों पहन रही है।
सरला: नहीं माँ मैं अरुन की कोई बात टाल नहीं सकती।
सरिता: तो जो मन करे वो करो।
और सरला ब्रा पेंटी पहन कर बेड पे आ जाती है।
 
सरला ब्रा पेंटी में सरिता नाइटी में और अरुन अपने अंडरवियर में।
और सरला अरुन को बीच में लेटने को बोलती है।
सरिता: रोज ऐसे ही सोते हो।
सरला: हाँ माँ जैसा ये बोले ।
और अरुन सरला की तरफ करवट लेता है और सरला के मम्मे मसलने लगता है।
सरला: आज रहने दो न माँ है।
अरुण: मैंने थोड़े कहा था उनसे ।आप ने कहा था
और सरला की ब्रा को उपर करके निप्पल चुसने लगता है।
और सरला अरुन को अपने सिने से लगा कर उसके सर पे हाथ फेरती है।

और अपनी माँ को देखती है।
जैसे पूछ रही हो ।
सरिता: कुछ नहीं बोलती बस हँस देती है।
अरून सरला की ब्रा उतार देता है और उसे बिठा कर उसकी गोदी में सर रख कर उसके निप्पल चूसने लगता है।
सरला: आआआअह्ह धीरे अरुण।
पर वो कुछ नहीं सुनता और दूसरे हाथ से दुसरे निप्पल को मसलने लगता है।
सरला: आह स माँ आह स
देख रही हो न माँ कैसे बेहरमी से मसल रहा है जैसे मुझे दर्द नहीं होता।
सरिता: अरुन बेटा माँ है तेरी धीरे से चूस न ।
सरला: मा। आप कुछ मत बोलो वरना चुसना छोड़ देगा।
और अरुन और बेहरमी से चुसने लगता है।जिससे चूचक कड़े हो जाते है।जिसे अरुण अपने दाँतों से काटने लगता है।
सरला: आअअअअअरुन अअअअअअअअ धीरे से बेटा माँ हु तेरी कोई रंडी नही।
सरिता: क्या बोल रही है तू सरला।
सरला कोई जवाब नहीं देती।
और अपना हाथ अरुन के अंडरवियर में डाल कर उसके लंड को मसलने लगती है।
सरला: आआआअह्ह मेरे राजा ऐसे ही चूस बड़े तने रहते है निकाल दे इनके अकड को।
और अरुन के सर को अपने मम्मे पे दबाती है।
लंड को मसलने से वो अकड जाता है ।
और सरला अरुन के अंडरवियर को उतार देती है।
जिससे अरुन का लंड एकदम से खड़ा हो जाता है।
और सरिता की नज़र उसपे पडती है।
सरिता: सरला ये क्या है बेटी।
 
सरला:आआह्ह्ह्हह्ह मा आ यहि तो है जिस की मैं और मेरी बेटी दीवानी है और जो भी इसको देख लेगा दीवानी हो जायेगी।
सरिता: तू सही बोल रही है अब मुझे पता चला की तू लँगड़ाती क्यों है।
सरला: देखा माँ सही कही थी न मैंने।
सरिता: हाँ एकदम सही थी तु।
तभी अरुन सरला को छोड़ कर खड़ा हो जाता है और सरला के मुह पे अपना लंड रगडने लगता है।
और सरल धीरे से अपनी जीभ निकाल कर लंड के टोपे को चाटने लगती है।
सरिता: ये क्या कर रही है ये गन्दा होता है।
सरला: नहीं माँ मैं भी यही समझती थी पर ये बड़ा टेस्टी है और लंड को मुह में ले कर चुसने लगती है।
अरुण: आह क्या बात है माँ।कितना गरम मुँह है तेरा।
अरुण:देखा नानी मैं तो नहीं कहा खुद ले लि मुँह में।
सरिता: हाँ देख लिया दोनों में से कोई कम नहीं हो
करना दोनों चाहते हो पर बोलता कोई नही।

तभी अरुन सरला के मुह से लंड निकाल कर।
अरुण: बोलो कहा डालूँ।
सरला: गाण्ड में । चुत में तो माँ को पता है गाण्ड में नहीं देखा।
क्यूं मा।
सरिता: हाँ।
और अरुन सरला को कुतिया बनाता है और।
सरला: एक मिनट अरुण।
माँ जरा ड्रावर से के वाई जेली ले आओ।
सरिता:ये क्या है।
सरला: लेके आओ न नहीं तो सुखा घुसा देगा।
सरिता जेली लाती है।
सरला: लगा दो माँ ये खुद नहीं लगायेगा।
सरिता: पर मैं कैसे।
सरला: लगा दो माँ जल्दी।
और सरिता देवी जेली निकाल कर अरुन के लंड पे कांम्पते हाथों से लगाने लगती है।
एकदम गरम और लोहे की तरह सख्त लण्ड था
और जेली लगते ही अरुन पूरा का पूरा लंड सरला की गाण्ड में पेल देता है।
 
सरिता को शायद शक़ हो गया था इसलिए सरला की चीख निकलने से पहले सरिता ने सरला के मुह पे अपना हाथ रख दिया जिस की बजह से सरला की चीख मुह में दबी रह गई।
और अरुन ने बेतहासा धक्के मारने शुरु कर दिया।
जब सरिता को लगा की सरला अब थोड़ी नार्मल हो गई है तो उसके मुह से अपना हाथ हटाया।
और अरुन से।
सरिता: बेटा तेरी माँ है ये इतनी बेरहमी से करोगे तो क्या होगा इसका ।
सरला: आआआअह्ह उउउउउउउह माआआआआ आआह्ह्ह्हह्ह सीईईई आआआ कुक्कक्कक्सः माआत बोओओओओळो। अरुण से माआआआआ करने दो जो कर रहा है।
आआआअह्ह ऐसे ही चोदता है ये और अब मुझे भी इसी बेहरमी से चुदने में ही मजा आता है।
और अरुन सरला के मम्मे पकड़ कर तेज़ तेज़ धक्के मारने लगता है।
सरला: उउउउउउउह माआआआआ आआह्ह्ह्हह्ह सीईईई आआआ माआआआआ आआह्ह्ह्हह्ह सीईईई और तेज मेरे राजा माहाआर।
आआआआपिनी माआ की गाण्ड का बनादे इसका
माआआआआ आआह्ह्ह्हह्ह सीईईई आआआ
सरिता चुपचाप देखती रही थी की क्या हो रहा है
क्या चुदाई ऐसे भी होती है।
करीब 30 मिनट की गाण्ड चुदाई के बाद।
सरला: आआआअह्ह अरुन थक गई ऐसे। अब जरा चुत का भोसड़ा भी बना दे।
और अरुन सरला को अपनी गोदी में उठा कर चोदने लगता है।
इस पोजीशन को भी सरिता ने पहली बार देखा था।
सरिता: सरला ये क्या है।
सरल:माँ ये स्टाइल भी अरुन ने सिखाया है इस तरह इसकी गोदी में चुदने से इसका पूरा लंड मेरी चुत में जड़ तक घुसाता है।
और सरला अरुन के लंड पे अपनी चुत को पटकती रहती है।
सरला: माआ देखाआअ कैसे चोदता है मेरा राजा बेटा
मज़ा आ जाता है।
बताओ अगर इस चुदाई के लिए अगर रमेश को छोड दिया तो क्या गलत किया।
सरिता: सही किया बेटी इस लंड के लिए और चुदाई के लिए तो मैं भी तेरे पापा को छोड़ दूँ।
और सोचती है की क्या बोल दिया ।
सरला: माँ क्या तुम अरुन से चुदोगी।
 
सरला:नहीं मैं तो बोल रही थी इस तरह की चुदाई के लिए तो कोई भी औरत अपने पति को छोड़ दे।
सरला: बोलो न माँ चुदोगी अरुन से।
सरिता:नहीं सरला मेरे कहने का मतलब ये नहीं था।
सरला: देख अरुन तेरी नानी के मुह से सच निकल गया पर अब मुकर रही है।
अरुण: पहले बेटी को चोद दू फिर माँ को देखता हूँ।

सरिता: नहीं अरुन तेरी माँ झूठ बोल रही है।
अरुण: वो बाद में देखेंगै
और सरला को बेड पे लीटा के उसको चोदने लगता है
सरला: आआह्ह्ह्हह्ह सीईईई आआआ माआआआआ मरररररररर डाआआआआआ हआ धीरे कर
देख तेरे लिए एक और चुत का इन्तज़ाम कर दी हूँ।
अब तो रहम कर
अरुण: अअअअअ रहम तो मैं करता नहीं चाहे बेटी हो या माँ।
और सरिता को देख कर बेरहमी से सरला को पेलने लगता है।
अरुण: माआआआआ तुम्हारी माआआआआ भी कम नही है।
उमर ही तो ५६ है पर दिल अभी बच्चे का है।
आज तो इनकी बजा के रहूँगा ।
सरिता: नहीं सरला अरुन को समझा मैं इसे झेल नहीं पाउँगी।
सरला: मैं भी तो वही बोल रही हु अरुन माँ चुदना तो चाहती है पर तेरे मुसल से डर रही है।
अरुण: कोई बात नहीं माँ तुम हो न अपनी माँ को रास्ता दिखाने वाली और उनकी मदद करने वाली ।
मुझे यकीन है की तुम अपनी माँ को दर्द नहीं होने दोगी
ओर मैं भी आराम आराम से चोदूँगा।
और सरला की चुत में झड जाता है।

थोड़ी देर अरुन सरला पे लेटा रहता है
और सरिता बगल में बैठी थी।
सरला: अरुन के सर पे हाथ फेरते हुए
अरुण
अरुण: हाँ माँ।
सरला: थक गया
अरुण: अभी कहा माँ अभी तो नानी को भी ठण्डा करना है अपनी बेटी की चुदाई देख कर ये भी गरम हो गई है , देखो कैसे इनके निप्पल तने हुए है नाइटी में से झाक रहे है।
सरिता अपने सिने को देखति है वाकई में उसके बूब्स के निप्पल कठोर हो कर तने हुए थे।
सरला: माँ ये क्या है अपनी बेटी को चुदते देख तुम भी गरम हो गई।
सरिता: क्या करुं बेटी तेरा बेटा चोदता ही ऐसा है की मुझ जैसे बूढीया ने भी पानी छोड दिया।
सरला: क्या कह रही हो माँ तुम भी झड गई बिना चुदे।
सरिता: चुप कर और उठ कर बाथरूम चलि जाती है
बाहर
सरला: अरुन बाथरूम जाना है।
अरुण: पर बाथरूम में नानी है।
सरला: तो क्या हुआ जब वो हमें नंगा देख सकती है तो हम क्यों नही।
और अरुन सरला को अपनी गोदी में उठा कर बाथरूम में आ जाता है।
सरिता: ये क्या है ।
उस टाइम सरिता अपनी चुत को साफ़ कर रही थी।
सरला माँ आप क्या कर रही हो।
सफ़ाई कर रही हूँ और तु।
माँ सुसु आई है और अरुन मुझे ऐसे ही सुसु कराता है
और सरला अरुन के गोदी में से ही सुसु करने लगती है।
सरिता: अरुन तूने अपनी माँ को बिगाड दिया है जो गोडी से ही मूत रही है। सरला कुछ तो सरम कर और हंस्ते हुए वहाँ से बाहर आ जाती है।
थोड़ी देर बाद सरला अरुन भी बाहर आ जाते है।
और दोनों एकदम नंगे।
सरिता: सरला तूने अरुन को अपने जैसा बना लिया है बिलकुल बेशरम।
सरला: माँ मैंने नहीं अरुन ने मुझे बनाया है।
और तीनो बेड पे आ कर लेट जाते है।
अरुण: सरिता की तरफ करवट ले कर लेट जाता है
औरर उनकी ऑंखों में देखता है।
सरिता: क्या हुआ क्या देख रहा है।
अरुण: कुछ नहीं
सरिता: कुछ तो
और अरुन कुछ नहीं बोलता और सरिता की नाइटी के बटन खोल कर उसका एक निप्पल मुह में भर कर चुसने लगता है।
सरिता: सरला देख तेरा बेटा तेरी माँ के साथ क्या कर रहा है।
और अरुन के सर को अपने मम्मे पे दबाती रहती है।
सरला: वही कर रहा है जो अपनी माँ के साथ करता है।
सरिता: आआआअह्ह अरुन धीरे धीरे चूस बेटा।
सरला: माँ अच्छा लग रहा है।
 
सरिता: हाँ बहुत। क्यों की तुम बच्चो के अलावा कभी तुम्हारे पापा ने ऐसा नहीं किया।
पहली बार कोई बड़ा मेरे निप्पल चूस रहा है।
अरुण: निप्पल मुह से निकालते हुए।
नानी मैं और माँ बिलकुल नंगे है और आप ने नाइटी पहनी हुई है।
सरिता: तो उतार दे मैंने कब मना किया।
अरुण: माँ अपनी माँ की नाइटी अपने हाथों से उतार कर।
जरा अपने बेटे को इनका जिस्म दिखाओ।
सरला सरिता की नाइटी उतारने लगती है।
सरिता भी सरला की मदद करती है।
और सरिता देवी भी नंगी हो जाती है।
सरला:अब दोनों माँ बेटा खुश।
अरुण:हाँ और सरिता का शरीर देखने लगता है।
सरिता: ऐसे क्या देख रहा है मुझे शरम आ रही है।
अरुण: जिस ने की शरम उसके फूटे करम ।
मा ने जब शरम छोड़ि तभी मेरा मुसल मिला।
और अगर आप को भी मेरा मुसल चाहिए तो शरम छोडो और मज़े करो अपनी बेटी की तरह और सरिता को बेड पे लिटा कर उसकी चुत पे मुह रख देता है।
सरिता: आआह्ह्ह्हह्ह क्या कर रहा है बेटा छोड मुझे।
अरुण: थोड़ी देर चुसवा लो फिर चोदता हु घबराओ मत
और सरिता के चूत के दाने को मुह में ले कर काटने लगता है।
सरिता: आआआअह्ह बेटी देख तेरा बेटा तेरी माँ के साथ क्या कर रहा है।
सरला: माँ जन्नत के मज़े दे रहा है मेरा बेटा।
सरिता: हाँ अच्छा तो लग रहा है पर तेरे पापा को पता चल गया तो।

सरला: कुछ नहीं होगा वो वहाँ है और तुम यहाँ।
मजा करो माँ ऐसा मौका बार बार नहीं मिलता।
अरून और कस कर चूस माँ की चुत मज़े दे मेरी माँ को
जैसे मुझे देता है।
और अरुन सरिता देवी की चुत को अपनी जीभ से चोदने लगता है।
सरिता: अअअअअ माआआआआ आआह्ह्ह्हह्ह सरला रोक इसे ये मेरी चुत के मुह में अपनी जीभ डाल कर चोद रहा है।
सरला कुछ नहीं बोलती।
अरुन और तेज बेटा निकाल दे अपनी नानी का पानी। अपनी जीभ से
और ठण्डा कर दे।
क्या पता डर के मारे तेरा लंड चुत में ले या नहीं ।
कम से काम चूसाई का मजा तो दे दे।
और खुद अपनी माँ के मम्मे मसलने लगती है।
सरिता: मसल क्यों रही है चूस इन्हे बेटी इन्ही का दूध पि कर बड़ी हुई है तू।
और सरला का सर पकड़ कर अपना मम्मा उसके मुह में दे देती है।
सरिता: आआआअह्ह उउउउउउउह माआआआआ क्या माआआआआ कर रहे हो तुम माँ बेटा।
बेटी सरला तेरी तो ऐश है अब ।
सरला: हाँ माँ मेरी तो लाइफ बन गई है आज तुम्हारी भी वनवातीहूँ।
और मोका देख कर अरुण अपनी एक ऊँगली सरिता की गाण्ड में डाल देता है।
 
सरिता चिहुँक पड़ती है।
सरिता: सरला देख अरुन क्या बदमाशी कर रहा है अपनी ऊँगली मेरी गाण्ड में दाल दिया।
सरला: वो ऐसे ही करता है चुपचाप लेती रहो और मज़े लो। चूसाई की।
सच जब चूसाई में इतना मजा है तो चुदाई में कितना होगा।


चुदाई के नाम पे उसकी चुत पानी छोड़ देति है।
जीसे अरुन चाट चाट कर साफ़ कर देता है।
सरिता की साँसे भारी हो जाती है और बेड पर निढाल पड़ जाती है।
सरला: क्या हुआ माँ।
सरिता: कुछ नहीं सालो बाद ऐसे झड़ी हूँ वो भी बिना चुदे।
अरुण: नानी आज तो मैंने ऐसे चूस दी पर कल से झांटो के बाल साफ़ कर लेना ।
सरिता: अच्छा बाबा कर लुंगी।
सरला: अरुन को इशारा करते हुए
सरिता देख लेती है।
अभी रुक जा सरला थोड़ी देर आराम करने दे मेरी उम्र अब तुम्हारी तरह नहीं है ।
और अभी तो मुझे अरुन का मुह में लेना है।
सरला: क्या लेना है।
सरिता: वही जो इसकी टांगो के बीच खड़ा है।
सरला: उसका नाम को होगा ।
सरिता: नाम तो है पर इसे मुसल कहना सही होगा ।
और उठकर अरुन को लिटा कर उसकी टांगो के बीच आ कर अरुण का लंड अपने मुह में लेने की कोशिश करती है पर उसका टोपा उनके मुह में अटक जाता है।
सरला: तुम रहने तो माँ तुम नहीं ले पओगी।
सरिता: गुस्से में सरला को देखति है जैसे कह रही हो रुक जा और पूरा मुह खोल कर ३ इंच लंड मुह में ले लेती है।
और अंदर बाहर करने लगती है
सरला : वाह माँ देखा आ गया है ।
और सरिता अरुन के लंड को चुस्ती रहती है।
अरुण:वाह नानी क्या लंड चूस रही तो अपनी बेटी को फेल कर दी लंड चूसाई में।
सरिता को ऐसी बात सुन के जोश आ जाता है और फिर वो लंड मुह से निकाल कर एक झटके में अंदर ड़ालती है जिसकी बजह से सरिता को खांसी आ जाती है और उसे लंड मुह से निकालना पडता है।
सरला: रहने दो माँ तुम से नहीं होगा।
तूम अब उसे अपने चुत में ले कर उसका भोसड़ा बनवा लो।
और अरुन सरिता को लिटा कर उसकी चुत के मुह पे लंड के टोपे को रखता है ।
सरला: पूरा डाल दे बेटा कोई रहम मत करना ये सोच कर की मेरी माँ है इन्हें भी पता लगना चाहिए मरद का लंड क्या होता है।
अरून तो इसी के इंतज़ार में था और एक झटके में आधा लंड सरिता की बुर में पेल देता है।

सरिता चीखने वाली होती है तभी
सरला उसके मुह पे अपना हाथ रख देती है जिस से उसकी चीख उसकी गले में ही घुट जाती है।
और अरुन ताबडतोड़ धक्के मारता रहता है।
सरिता कुछ बोलना चाहती है पर सरला के हाथ की बजह से बोल नहीं पाती।
कुछ देर ऐसे ही धक्के खाने के बाद सरिता अपने मुह से सरला का हाथ हटाती है।
और लम्बी लम्बी साँसे लेती है।
सरिता: बेटी क्या किया एक तो तेरे बेटे ने हालत ख़राब कर रखी है उपर से तुमने मुह बंद कर दिया।
अरून आराम से कर बेटा मना थोड़े ही कर रही हूँ।
अरुण:मैं ऐसे ही चोदता हु मेरी नानी और एक झटके से लंड निकाल कर पूरा का पूरा पेल देता है।

और इस बार सरिता की चीख गूंज उठती है रूम में।
सरला: क्या कर रही हो माँ कोई जग जाएगा।
और वही हुआ जिसका डर था।
दरवाजे पे नॉक होती है।
 
सरिता: कौन होगा बोली थी न धीरे कर पर नहीं ।
सरला: मैं देखती हूँ।
सरिता:पर मैं इस हालत में हूँ।
सरला अरुन को इशारा करती है और अरुन सरिता को उसी पोजीशन में अपनी गोदी में उठा कर बाथरूम में आ जाता है और उसे अपने लंड पे उछालने लगता है।
अरुण: कैसे लगा नानी।
सरिता: बहुत अच्छा ।पर गेट पे कौन होगा।
अरुण: आप मज़े लो। माँ सब सम्हाल लेगी।
बाहर जब सरला दरवाजा खोलती है तो
सामने रमेश खड़ा था।
सरला: क्या हुआ
रमेश: अभी रूम में कोई चीखा था।
सरला: कोई नहीं चीखा। जाओ सो जाओ।
रमेश: नही मुझे चीख सुनाइ दी।
सरला: मेरी चीखे तुम्हारे कानों में बहुत रही है वही तुम सुनते रहते हो।
रमेश: नहीं मैं पागल नहीं हूँ।
तभी अरुन की बाथरूम से आवाज़ आती है ।
कौन है माँ।
रमेश: तुम्हारी माँ कहा है ।
और अरुन सरिता को अपनी गोदी में चढाये हुए बाहर आ जाता है।
अच्छा आप हो ।
सरिता शरमा जाती है।

क्या कर रहा है अरुन अंदर चल पर उतरती नहीं है।
रमेश: अच्छा तो ये सब जो रहा है ।
इसीलिए अपनी माँ को साथ सुलाया ।
सरला: ऐसा नहीं है मैं क्या करुं तुम्हारे बेटे का लंड ही ऐसा है जो देखता है दिवाना हो जाता है।
उधर अरुन ताबतोड़ धक्के मारते हुए सरिता को पेल रहा था।
सरिता: बेटा अब और बरदास्त नहीं होता लिटा के कर जो करना है।
और रमेश तुम अभी जाओ। मैं बाद में बात करती हूँ।
रमेश सरिता को देखता रहता है।
सरिता: जाओ न रमेश बाद में बात करेंगे ।
ओर रमेश।
अगर खड़ा रहू तो।
सरिता: तुम्हारी मर्ज़ी ।अरुन तेज़ तेज़ कर बेटा मेरा निकलने वाला है।
और सरला दरवाजा बंद कर देती है और बेड पे आ कर बैठ जाती है और अरुन सरिता को चोदने लगता है ।
रमेश वही खड़ा रहता है।
सरला: अब मुझे यकीन हो गया तुम बिलकुल पागल हो गये हो ।तूम्हे क्या मजा आता है।
रमेश कुछ नहीं बोलता और पहली बार अपना लंड लोअर से निकाल कर मुट्ठ मारने लगता है।
सरला: क्या कर रहे हो ।
पर वो कुछ नहीं सुनता।
और अरुन सरिता की चुत धक्को से फाड़ देता है और
करीब १० मिनट की जोरदार चुदाई के बाद सरिता की चुत में झड जाता है।
और उनको देखा देखी रमेश भी अपना माल फ़र्श पे गिरा देता है और पेण्ट पहन कर बाहर चला जाता है।
 
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