hotaks444
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बाहर रमेश खड़े हो कर सब सुन रहा था।
पर क्या करे ये सिचुएशन तो उसने ही खड़ी की थी।
तो अब देखना और सहना भी उसे ही पडेगा।
अभी बात ही चल रही थी की
दरवाजा पे ड़ोरबेल बजती है।
सरला: अब कौन आ गया।
और बाहर आकर रमेश को देखते हुए दरवाजा खोलती है और सामने उसकी माँ और भाई खड़े थे।
और सरला
मा आप इतनी जल्दी।
सरिता: क्यों नहीं आ सकती।
सरला: नहीं माँ अंदर आओ आप ही का घर है।
अंदर आ कर।
रमेश सरला के भाई और माँ को देख कर खुश हो जाता है की अब सरला और अरुन क्या करेंगे।
तभी अरुन परी और प्रीति भी बाहर आ जाते है।
और उनको देख कर उदास हो जाते है।
खास कर प्रीति और परी क्यों की अरुन को तो पता था की सरिता को सब पता है।
सभी के होने से दिन में कुछ नहीं हो पाया ।
पर सरला ने सरिता से मिल कर सारी बात बता दी ।
प्रीति और परी के बारे में
सरला और सरिता छत पे
सरला: माँ अब भाई के होते हुए कैसे होगा ।
सरिता: इन सब की ज़रूरत क्या है बेटी।
कहिं ऐसा न हो इस सब के बाद अरुन तुमसे दुर हो जाए।
सरला: नहीं माँ ऐसा नहीं होगा और इसमें अरुन की भलाई हैं।
सरिता: क्यु
सरला: क्योंकी माँ उसकी सेक्स पावर बहुत है वो मुझ अकेले से सम्हाल नहीं रहा जब भी वो मेरे साथ सेक्स करता है मेरी हालत ख़राब कर देता है।
मै उसे ठण्डा नहीं कर पाती।
और उस बजह से मुझे डर है की वो मुझ से दुर न हो जाये ।वो दुर हो उससे अच्छा है जो भी हो मेरे सामने हो और मैं उसे अपने हिसाब से कण्ट्रोल कर सकु।
सरिता: देख ले अपनी समझदारी से ।
मै क्या हेल्प करूँ तेरी । वो बता।
सरला: मेरी तो समझ में कुछ नहीं आ रहा है।
सरिता: अच्छा बेटी ये बता जब भी मैं तुझ से बात करती हु तो तू अरुन की बहुत तारीफ करती है । क्या
अरुन की सेक्स स्टैमिना इतना है की तुझ जैसे दो बच्चो की माँ भी उसे सटिस्फ़ाई नहीं कर पा रही।
सरला: हाँ माँ सच बोल रही हु।
मुझे अपने तीनो जगह ले कर उसका पानी निकलवाना पड़ता है ।
सरिता: मतलब ।
सरला: माँ समझा करो।
सरिता: एक जगह तो मुझे पता है पर तीन जगह कौन से है।
सरला: माँ आप भी न इतनी बड़ी हो गई हो और आप को नहीं पता।
सरिता: सच मुझे नहीं पता तेरे पापा कौन से मरद है
बस ग़ुस्सा के अलावा क्या है बस सेक्स किया और सो गये। अपना काम होना चाहिए बस ।
मै भी तेरी तरह तडपी हु बेटी।
बस तेरी खुशकिस्मती की तुझे अरुन मिल गया और मैं इतनी हिम्मत नहीं कर पाई और कर लेती तो क्या होता
तेरी भाभी भी परेसान है तेरा भाई भी तेरे पापा की तरह है।
सरला: माँ हम लोगो की किस्मत इतनी ख़राब क्यों है।
सरिता: छोड़ बेटी।
सरला: माँ तीन जगह मतलब
मुह चुत और गाँड।
सरिता: चौकते हुए पागल है।
मुह और गाण्ड में कौन लेता है
सरला: मैं और कौन अरुन ने ही सिखाया है मुझे ।
सरिता: हे भगवान इस नए जमाने को क्या हो गया है।
सरला: कुछ नहीं हुआ माँ बस हमें पता नहीं थी था क्यों की हमारे पति किसी काम के नहीं थे।
और अरुन सब जनता है।
सरिता: तभी तो लँगड़ा कर चल रही है।
सरला: आप भी न माँ ।और शरमा जाती है।
सरिता: कितनी भोली है मेरी बेटी जो अपनी माँ से शरमा रही है।
जीसे सब कुछ बता रखा है।
पर क्या करे ये सिचुएशन तो उसने ही खड़ी की थी।
तो अब देखना और सहना भी उसे ही पडेगा।
अभी बात ही चल रही थी की
दरवाजा पे ड़ोरबेल बजती है।
सरला: अब कौन आ गया।
और बाहर आकर रमेश को देखते हुए दरवाजा खोलती है और सामने उसकी माँ और भाई खड़े थे।
और सरला
मा आप इतनी जल्दी।
सरिता: क्यों नहीं आ सकती।
सरला: नहीं माँ अंदर आओ आप ही का घर है।
अंदर आ कर।
रमेश सरला के भाई और माँ को देख कर खुश हो जाता है की अब सरला और अरुन क्या करेंगे।
तभी अरुन परी और प्रीति भी बाहर आ जाते है।
और उनको देख कर उदास हो जाते है।
खास कर प्रीति और परी क्यों की अरुन को तो पता था की सरिता को सब पता है।
सभी के होने से दिन में कुछ नहीं हो पाया ।
पर सरला ने सरिता से मिल कर सारी बात बता दी ।
प्रीति और परी के बारे में
सरला और सरिता छत पे
सरला: माँ अब भाई के होते हुए कैसे होगा ।
सरिता: इन सब की ज़रूरत क्या है बेटी।
कहिं ऐसा न हो इस सब के बाद अरुन तुमसे दुर हो जाए।
सरला: नहीं माँ ऐसा नहीं होगा और इसमें अरुन की भलाई हैं।
सरिता: क्यु
सरला: क्योंकी माँ उसकी सेक्स पावर बहुत है वो मुझ अकेले से सम्हाल नहीं रहा जब भी वो मेरे साथ सेक्स करता है मेरी हालत ख़राब कर देता है।
मै उसे ठण्डा नहीं कर पाती।
और उस बजह से मुझे डर है की वो मुझ से दुर न हो जाये ।वो दुर हो उससे अच्छा है जो भी हो मेरे सामने हो और मैं उसे अपने हिसाब से कण्ट्रोल कर सकु।
सरिता: देख ले अपनी समझदारी से ।
मै क्या हेल्प करूँ तेरी । वो बता।
सरला: मेरी तो समझ में कुछ नहीं आ रहा है।
सरिता: अच्छा बेटी ये बता जब भी मैं तुझ से बात करती हु तो तू अरुन की बहुत तारीफ करती है । क्या
अरुन की सेक्स स्टैमिना इतना है की तुझ जैसे दो बच्चो की माँ भी उसे सटिस्फ़ाई नहीं कर पा रही।
सरला: हाँ माँ सच बोल रही हु।
मुझे अपने तीनो जगह ले कर उसका पानी निकलवाना पड़ता है ।
सरिता: मतलब ।
सरला: माँ समझा करो।
सरिता: एक जगह तो मुझे पता है पर तीन जगह कौन से है।
सरला: माँ आप भी न इतनी बड़ी हो गई हो और आप को नहीं पता।
सरिता: सच मुझे नहीं पता तेरे पापा कौन से मरद है
बस ग़ुस्सा के अलावा क्या है बस सेक्स किया और सो गये। अपना काम होना चाहिए बस ।
मै भी तेरी तरह तडपी हु बेटी।
बस तेरी खुशकिस्मती की तुझे अरुन मिल गया और मैं इतनी हिम्मत नहीं कर पाई और कर लेती तो क्या होता
तेरी भाभी भी परेसान है तेरा भाई भी तेरे पापा की तरह है।
सरला: माँ हम लोगो की किस्मत इतनी ख़राब क्यों है।
सरिता: छोड़ बेटी।
सरला: माँ तीन जगह मतलब
मुह चुत और गाँड।
सरिता: चौकते हुए पागल है।
मुह और गाण्ड में कौन लेता है
सरला: मैं और कौन अरुन ने ही सिखाया है मुझे ।
सरिता: हे भगवान इस नए जमाने को क्या हो गया है।
सरला: कुछ नहीं हुआ माँ बस हमें पता नहीं थी था क्यों की हमारे पति किसी काम के नहीं थे।
और अरुन सब जनता है।
सरिता: तभी तो लँगड़ा कर चल रही है।
सरला: आप भी न माँ ।और शरमा जाती है।
सरिता: कितनी भोली है मेरी बेटी जो अपनी माँ से शरमा रही है।
जीसे सब कुछ बता रखा है।