hotaks444
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अंजुम बेटे से चुदवाते हुए काँप उठ रही थी...उसका बुखार कम हो गया था....उसने कस कर बेटे के लंड को आगे पीछे होने से जकड़ा तो बेटे को अपना लंड किसी सख़्त चीज़ में जकड़ा भीतर माँ की चूत की गहराइयो में महसूस हुआ...."आआआआअहह"........माँ जैसे झड उठ रही थी...लेकिन उसी बीच फ़च्छ से जैसे पानी का फवारा अंजुम ने गहराई से उगला हो...उसकी चूत में फसा लंड के इर्द गिर्द से वो फवारा निकल गया जो चादर को गीला कर गया...
आदम मुस्कुराया....माँ की चूत में बड़ी आग लगी हुई थी....फवारा छूटते ही पेशाब का माँ पश्त पड़ गयी...बेटा गीली चूत को अब और भी तेज़ी से चोदने लगा....माँ की चूत एकदम गीली और चिकनी हो सी गयी थी...
आदम ने एक करारा धक्का मारा...तो अंजुम चीख उठी उसने कस कर बेटे की पीठ पे अपने नाख़ून गढ़ा दिए और उससे लिपट गयी....बेटे ने धक्के पेलते हुए टांगे बिस्तर से उतरते हुए फर्श पे रखा और माँ को कमर से थामे उसकी चूत में धक्के पेलता रहा...."आहह आहह मैं गयी न्हइ आहह".......माँ दर्द से जैसे बिलबिला उठी और चूत की सख्ती ढील में परिवार्तन होते ही बेटे ने लंड बाहर निकाला
पेशाब की एक मोटी धार माँ की चूत से फिर बह निकली....इस बार बेटे के पेट और लंड को गीला करते हुए माँ की चूत ने अपने पेशाब से...उसे जैसे तरबतर कर दिया....इससे माँ की दोनो टांगे काँप उठी...आदम ने दोनो टांगे कंधो पे रखके अपने और फिर चूत के भीतर एक ही झटके में लंड को घुसा दिया...
वो फिर ताबड़तोड़ धक्के लगाने लगा.....इस बीच आदम को अहसास हुआ कि फर्श पे उसके पाओ में लग रही माँ की चूत का पानी जैसे गरम गरम लग रहा था चारो ओर जैसे पेशाब की गंध सी उसे महसूस हुई जो माँ की चूत ने उगली थी...वो माँ के छेद को चौड़ा किए धक्को पे धक्का स्पीड से मारता गया....माँ पसीने पसीने हो चुकी थी...
माँ : आजा बेटे कब तक खड़ा रहेगा पैर दुख जाएँगे तेरी सस्सस्स (माँ ने चुदते हुए कहा)
आदम माँ पे जैसे ढेर हो गया और उसे चूमते हुए उसके उपर नीचे होने लगा...अंजुम पश्त पड़ गयी...जब आदम से रहा ना गया तो वो उठा उसने चूत से लंड बाहर खीचा माँ को उल्टा लिटाया फिर एक टाँग अपने उपर रखी माँ की...फिर उसकी गान्ड की गहराइयो में अपना लंड उतार दिया....छेद खुला हुआ था पहले तो सिकुडा फिर उसने लंड को भीतर जगह बनाने के लिए धीरे धीरे अपना द्वार ढीला किया...गहराइयो तक आते ही माँ को बेटे के लंड की सख़्त चुभन महसूस हुई जो उसे रह रहके गढ़ रहा था...
आदम माँ की गान्ड मारता रहा...उसके हर स्ट्रोक से नितंब बाउन्स हो जाते...माँ के कूल्हें रह रहके उचक रहे थे उनको हाथो से दबाए मज़बूती से आदम उनकी गान्ड फाड़ने लगा...."आहह आहह".........बाहर पिता जी और आदम की पत्नी निशा दोनो गहरी नींद में बेख़बर सोए ये भी ना जाने कि इस कमरे में क्या चल रहा था?
गनीमत थी कि अगर कोई जगा होता तो फ़ौरन भाँप जाता कि कमरे में आहों की आवाज़ें सुनाई दे रही है....चाँद बादलो से हट गया...और इस बीच कमरे मे माँ की गान्ड घिस्सते हुए अपने अंडकोषो से बेटा उसे अपने उपर नीचे करे उसकी गान्ड की गहराइयो को चोद रहा था...
कुछ ही पल में उसने माँ के जिस्म को कस कर जकड़ा छातियो को मसल डाला और अपने गरम गरम वीर्य की धार उसकी गान्ड के भीतर ही उडेलने लगा...बेटे को कांपता देख भीतर वीर्य के गरम गरम अहसास को पाता देख....माँ मुस्कुराइ...बेटा जब हान्फ्ते हुए अपनी पकड़ माँ से ढीली किया तो माँ भी उस पर जैसे ढेर हो गयी....
दोनो हान्फ्ते हुए एकदुसरे के बदन से लिपट गये....बेटे ने रज़ाई अपने और माँ के उपर ओढ़ ली...अंजुम ने बेटे के पसीने भरे माथे को चूमा फिर होंठो को फिर उससे लिपटके सो गयी वो रात जैसे दो बिछड़ी आत्माओ के मिलन जैसा था
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आदम मुस्कुराया....माँ की चूत में बड़ी आग लगी हुई थी....फवारा छूटते ही पेशाब का माँ पश्त पड़ गयी...बेटा गीली चूत को अब और भी तेज़ी से चोदने लगा....माँ की चूत एकदम गीली और चिकनी हो सी गयी थी...
आदम ने एक करारा धक्का मारा...तो अंजुम चीख उठी उसने कस कर बेटे की पीठ पे अपने नाख़ून गढ़ा दिए और उससे लिपट गयी....बेटे ने धक्के पेलते हुए टांगे बिस्तर से उतरते हुए फर्श पे रखा और माँ को कमर से थामे उसकी चूत में धक्के पेलता रहा...."आहह आहह मैं गयी न्हइ आहह".......माँ दर्द से जैसे बिलबिला उठी और चूत की सख्ती ढील में परिवार्तन होते ही बेटे ने लंड बाहर निकाला
पेशाब की एक मोटी धार माँ की चूत से फिर बह निकली....इस बार बेटे के पेट और लंड को गीला करते हुए माँ की चूत ने अपने पेशाब से...उसे जैसे तरबतर कर दिया....इससे माँ की दोनो टांगे काँप उठी...आदम ने दोनो टांगे कंधो पे रखके अपने और फिर चूत के भीतर एक ही झटके में लंड को घुसा दिया...
वो फिर ताबड़तोड़ धक्के लगाने लगा.....इस बीच आदम को अहसास हुआ कि फर्श पे उसके पाओ में लग रही माँ की चूत का पानी जैसे गरम गरम लग रहा था चारो ओर जैसे पेशाब की गंध सी उसे महसूस हुई जो माँ की चूत ने उगली थी...वो माँ के छेद को चौड़ा किए धक्को पे धक्का स्पीड से मारता गया....माँ पसीने पसीने हो चुकी थी...
माँ : आजा बेटे कब तक खड़ा रहेगा पैर दुख जाएँगे तेरी सस्सस्स (माँ ने चुदते हुए कहा)
आदम माँ पे जैसे ढेर हो गया और उसे चूमते हुए उसके उपर नीचे होने लगा...अंजुम पश्त पड़ गयी...जब आदम से रहा ना गया तो वो उठा उसने चूत से लंड बाहर खीचा माँ को उल्टा लिटाया फिर एक टाँग अपने उपर रखी माँ की...फिर उसकी गान्ड की गहराइयो में अपना लंड उतार दिया....छेद खुला हुआ था पहले तो सिकुडा फिर उसने लंड को भीतर जगह बनाने के लिए धीरे धीरे अपना द्वार ढीला किया...गहराइयो तक आते ही माँ को बेटे के लंड की सख़्त चुभन महसूस हुई जो उसे रह रहके गढ़ रहा था...
आदम माँ की गान्ड मारता रहा...उसके हर स्ट्रोक से नितंब बाउन्स हो जाते...माँ के कूल्हें रह रहके उचक रहे थे उनको हाथो से दबाए मज़बूती से आदम उनकी गान्ड फाड़ने लगा...."आहह आहह".........बाहर पिता जी और आदम की पत्नी निशा दोनो गहरी नींद में बेख़बर सोए ये भी ना जाने कि इस कमरे में क्या चल रहा था?
गनीमत थी कि अगर कोई जगा होता तो फ़ौरन भाँप जाता कि कमरे में आहों की आवाज़ें सुनाई दे रही है....चाँद बादलो से हट गया...और इस बीच कमरे मे माँ की गान्ड घिस्सते हुए अपने अंडकोषो से बेटा उसे अपने उपर नीचे करे उसकी गान्ड की गहराइयो को चोद रहा था...
कुछ ही पल में उसने माँ के जिस्म को कस कर जकड़ा छातियो को मसल डाला और अपने गरम गरम वीर्य की धार उसकी गान्ड के भीतर ही उडेलने लगा...बेटे को कांपता देख भीतर वीर्य के गरम गरम अहसास को पाता देख....माँ मुस्कुराइ...बेटा जब हान्फ्ते हुए अपनी पकड़ माँ से ढीली किया तो माँ भी उस पर जैसे ढेर हो गयी....
दोनो हान्फ्ते हुए एकदुसरे के बदन से लिपट गये....बेटे ने रज़ाई अपने और माँ के उपर ओढ़ ली...अंजुम ने बेटे के पसीने भरे माथे को चूमा फिर होंठो को फिर उससे लिपटके सो गयी वो रात जैसे दो बिछड़ी आत्माओ के मिलन जैसा था
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