hotaks444
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नंदोई के साथ
मैं नीला 22 साल की खूबसूरत महिला हूँ। अभी दो साल पहले मेरी शादी जयपूर निवासी शरद से हुई है। मैं देल्ही के ग्रीन पार्क में रहती थी मेरी एक ननद रेशमा भी कारोल बाघ में रहती है। उनके पति राज कुमार ठाकुर का स्पेयर पार्ट का बिज़नेस है। रेशमा दीदी बहुत ही हँसमुख महिला हैं। राज जी मुझे अक्सर गहरी नजरों से। घूरते रहते थे मगर मैंने नजर अंदाज किया।
मैं बहुत सेक्सी लड़की थी। मेरे कालेज में काफी चाहने वाले थे मगर मैंने सिर्फ दो लड़कों को ही लिफ्ट दी थी। लेकिन मैंने किसी को अपना बदन छूने नहीं दिया। मैं चाहती थी की सुहागरात को ही मैं अपना बदन अपने पति के हवाले करूँ। मगर मुझे क्या पता था की मैं शादी से पहले ही सामूहिक संभोग का शिकार हो जाऊँगी। और वो भी ऐसे आदमी से जो मुझे सारी जिंदगी रौंदता रहेगा।
रेशमा दीदी ही मेरे घर उनके देवर का रिश्ता लेकर आई थी। शरद का परिवार काफी पैसे वाला था। शरद भी देखने में काफी हैंडसम है। मैं तो बस एक ही नजर में उनपर मर मिटी। सगाई और शादी के बीच आठ महीने
का गैप रहा। इस दौरान शरद अक्सर किसी ना किसी बहाने से मुझसे मिलने आ जाता। हम दोनों अंतरंग प्रेमी की तरह घूमते फिरते थे। शरद ने इस दौरान मुझसे कई बार सेक्स के लिए आग्रह किया था। मगर मैं बड़ी । सफाई से उन्हें कुछ दिन और सब्र करने के लिए राजी कर लेती थी। हाँ लिपटना चूमना तो सब चलता ही रहता था।
शादी की सारी बातचीत रेशमा दीदी ही कर रही थी इसलिए अक्सर उनके घर आना जाना लगा रहता था। कभीकभी मैं सारे दिन वहीं रुक जाती थी। मेरे घर वाले इसमें किसी प्रकार का कोई संदेह नहीं करते थे। एक बार तो रात में भी वहीं रुकना पड़ा था। मेरे घर वालों के लिए भी ये नार्मल बात हो गई थी। वो मुझे वहाँ जाने से कभी नहीं रोकते थे।
मैं नीला 22 साल की खूबसूरत महिला हूँ। अभी दो साल पहले मेरी शादी जयपूर निवासी शरद से हुई है। मैं देल्ही के ग्रीन पार्क में रहती थी मेरी एक ननद रेशमा भी कारोल बाघ में रहती है। उनके पति राज कुमार ठाकुर का स्पेयर पार्ट का बिज़नेस है। रेशमा दीदी बहुत ही हँसमुख महिला हैं। राज जी मुझे अक्सर गहरी नजरों से। घूरते रहते थे मगर मैंने नजर अंदाज किया।
मैं बहुत सेक्सी लड़की थी। मेरे कालेज में काफी चाहने वाले थे मगर मैंने सिर्फ दो लड़कों को ही लिफ्ट दी थी। लेकिन मैंने किसी को अपना बदन छूने नहीं दिया। मैं चाहती थी की सुहागरात को ही मैं अपना बदन अपने पति के हवाले करूँ। मगर मुझे क्या पता था की मैं शादी से पहले ही सामूहिक संभोग का शिकार हो जाऊँगी। और वो भी ऐसे आदमी से जो मुझे सारी जिंदगी रौंदता रहेगा।
रेशमा दीदी ही मेरे घर उनके देवर का रिश्ता लेकर आई थी। शरद का परिवार काफी पैसे वाला था। शरद भी देखने में काफी हैंडसम है। मैं तो बस एक ही नजर में उनपर मर मिटी। सगाई और शादी के बीच आठ महीने
का गैप रहा। इस दौरान शरद अक्सर किसी ना किसी बहाने से मुझसे मिलने आ जाता। हम दोनों अंतरंग प्रेमी की तरह घूमते फिरते थे। शरद ने इस दौरान मुझसे कई बार सेक्स के लिए आग्रह किया था। मगर मैं बड़ी । सफाई से उन्हें कुछ दिन और सब्र करने के लिए राजी कर लेती थी। हाँ लिपटना चूमना तो सब चलता ही रहता था।
शादी की सारी बातचीत रेशमा दीदी ही कर रही थी इसलिए अक्सर उनके घर आना जाना लगा रहता था। कभीकभी मैं सारे दिन वहीं रुक जाती थी। मेरे घर वाले इसमें किसी प्रकार का कोई संदेह नहीं करते थे। एक बार तो रात में भी वहीं रुकना पड़ा था। मेरे घर वालों के लिए भी ये नार्मल बात हो गई थी। वो मुझे वहाँ जाने से कभी नहीं रोकते थे।