hotaks444
New member
- Joined
- Nov 15, 2016
- Messages
- 54,521
मॉय टर्न नॉव... मैं भी तेरा मूत चखने के लिये बेकरार हैं... कम-ऑन यू बिच... पिस इन माय माऊथ...” नजीबा बेसब्री से बोली।
राम भी
शाजिया भी नशे में चूर थी। इसलिये उठने की बजाय वो नजीबा के पेशाब से तरबतर फर्श पर घिसट कर नजीबा के पास आयी और उसके सिर के दोनों तरफ अपने हाई-हील सैंडलों वाले पैर रख कर उसकी टाँगों की तरफ मुँह करके उकडू बैठ गयी। शाजिया की चूत ठीक नजीबा के चेहरे के ऊपर थी। शाजिया की फूल कर बाहर उभरी हुई क्लिट लगभग आधे इंच के छोटे से लंड जैसी दिख रही थी। इतनी ऊंची हील की सैंडलों में उकडू बैठी हुई शाजिया नशे में डगमगा रही थी और अपनी गाँड स्थिर नहीं रख पा रही थी।
अब मूतेगी भी... चुदैल रॅड...?” शाजिया के चूतड़ों पर जोर से चपत जमा कर नजीबा बेसब्री होकर दहाड़ी, “लैट मी ड्रिक योर पिस!” ।
।
“ओके-ओके... ये ले... हेअर इट कम्स... यू फकिंग स्लट' कहते हुए शाजिया ने अपनी एक अंगुली अपनी क्लिट पर रख कर इस तरह ऊपर खींची कि उसकी मूत्र-नली खुल कर उघड़ गयी और अचानक ‘हिस्स्स्स्स ’ सुसकारती हुई उसके तीक्षण-गंधित पेशाब की सुनहरी तेज़ धार फूट पड़ी। वो धार नजीबा के पूरे चेहरे पर टकरायी और उसके गालों और गर्दन से नीचे बह कर उसके लंबे बालों को भिगोने लगी।
नजीबा ने मुँह खोला ताकि वो अपनी सहेली के मूत की धार का स्वाद ले सके। उसे गरम और नमकीन पेशाब का तीखा स्वाद अच्छा लगा। तीक्ष्ण दैहीक महक और स्वाद नजीबा की वासना भड़काने लगे। नजीबा ने अपना मुँह शाजिया की बरसती चूत पर चिपका दिया और अपने दोनों हाथ ऊपर शाजिया के चूतड़ों और कमर पर फिराते हुए गरम मूत गटकने लगी। उसकी नाक शाजिया की गाँद के छेद पर घिस रही थी।
राम भी
शाजिया भी नशे में चूर थी। इसलिये उठने की बजाय वो नजीबा के पेशाब से तरबतर फर्श पर घिसट कर नजीबा के पास आयी और उसके सिर के दोनों तरफ अपने हाई-हील सैंडलों वाले पैर रख कर उसकी टाँगों की तरफ मुँह करके उकडू बैठ गयी। शाजिया की चूत ठीक नजीबा के चेहरे के ऊपर थी। शाजिया की फूल कर बाहर उभरी हुई क्लिट लगभग आधे इंच के छोटे से लंड जैसी दिख रही थी। इतनी ऊंची हील की सैंडलों में उकडू बैठी हुई शाजिया नशे में डगमगा रही थी और अपनी गाँड स्थिर नहीं रख पा रही थी।
अब मूतेगी भी... चुदैल रॅड...?” शाजिया के चूतड़ों पर जोर से चपत जमा कर नजीबा बेसब्री होकर दहाड़ी, “लैट मी ड्रिक योर पिस!” ।
।
“ओके-ओके... ये ले... हेअर इट कम्स... यू फकिंग स्लट' कहते हुए शाजिया ने अपनी एक अंगुली अपनी क्लिट पर रख कर इस तरह ऊपर खींची कि उसकी मूत्र-नली खुल कर उघड़ गयी और अचानक ‘हिस्स्स्स्स ’ सुसकारती हुई उसके तीक्षण-गंधित पेशाब की सुनहरी तेज़ धार फूट पड़ी। वो धार नजीबा के पूरे चेहरे पर टकरायी और उसके गालों और गर्दन से नीचे बह कर उसके लंबे बालों को भिगोने लगी।
नजीबा ने मुँह खोला ताकि वो अपनी सहेली के मूत की धार का स्वाद ले सके। उसे गरम और नमकीन पेशाब का तीखा स्वाद अच्छा लगा। तीक्ष्ण दैहीक महक और स्वाद नजीबा की वासना भड़काने लगे। नजीबा ने अपना मुँह शाजिया की बरसती चूत पर चिपका दिया और अपने दोनों हाथ ऊपर शाजिया के चूतड़ों और कमर पर फिराते हुए गरम मूत गटकने लगी। उसकी नाक शाजिया की गाँद के छेद पर घिस रही थी।