hotaks444
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मामी :=ये लडकिया सच में बहोत तेज निकली...जो काम मैं कई सालो से करना चाहती थी वो इन्होंने कुछ दिनों में ही कर लिया। बाबूजी मैंने आपके बहोत किस्से सुने है मालती से माँ जी से। और तब से मैं आप के साथ....जब से माधवी यहाँ आयीं तब सुरु सुरु में मुझे कुछ नहीं लगा। लेकिन बाद में मुझे बहोत गड़बड़ लगी। तब से मैं आप लोगो पे नजर रखे थी। और आज मैंने जब आप लोगो को ये सब करते सुना तो मेरी भी इच्छा होने लगी। प्लीज बाबूजी आज मेरी भी तमन्ना पूरी कर दीजिये।
हम सब मामी की बात सुन के दंग थे। मामी जो बहोत शांत स्वाभाव की थी उनमे इतनी कामुकता भरी पड़ी थी ये मैं सोच भी नहीं सकती थी। जाहिर है नेहा उनपे ही गयी थी शायद इसीलिए वो इतनी कामुक है।
नानाजी:=तुमने तो हमारी जान ही निकाल दी थी। देखो इनके चहरे जरा अभी भी डरी हुई है। और तुम मुझसे क्यू चाहती हो? तुम्हारा पति तुम्हे सुख नहीं देता क्या?
मामी:=नहीं वो तो मुझे बहोत सुख देते है। पर आपकी दमदार चुदाई के किस्से सुन सुन के आपसे एक बार जिंदगी में जरूर चुदवाना चाहती थी।
नानाजी:=अच्छा??ठीक है अगर तुम्हारी यही इच्छा है तो ठीक है।
मामी:= हमारी तरफ देख के मुस्कुरा रही थी। ""ह्म्म्म बेटियां कितनी जल्दी जवान हो जाती है। पता ही नहीं चलता । मैं तुमसे नाराज नहीं हु। बस थोड़ी सी खिंचाई कर रही थी। मुझे पता है जवानी में चुदने की लालसा कुछ भी करवाती है। अब तुम दोनों जाओ नीरज के कमरे में और आज मुझे और बाबूजी को अकेला छोड़ दो।
नानाजी:=अरे सुमन रहने दो इन्हे भी यही। लेकिन अगर तुम्हारा पति उठ गया तो?
मामी:=ह्म्म्म उसे तो मैंने आज नींद की गोलिया खिला दी है इसमे बची हुई।
नानाजी:=ओह्ह्हज अच्छा है।
बहोत ही अजीब लग रहा था। ये कैसेकैसे मोड़ ले रही थी हमारी जिंदगी? पहले पापा मामाजी अब मामी.....और ना जाने क्या क्या होने वाला था। पर अब जो होने वाला था उसके बारे में सोच सोच के मैं स्तब्ध थी.........................!!!!
मुझे बहोत ही अजीब सी फीलिंग आ रही थी। नेहा भी कुछ बोल नहीं पा रही थी। क्यू की हम दोनों ये जानते थे एक बार अगर मामी नानाजी से चुद गयी तो वो उनका पीछा नहीं छोड़ेंगी। इससे हमें बहोत दिक्कत हो जाती। पर हम कुछ भी तो नहीं कर सकते थे शिवाय ये देखने की मामि किस बेशर्मी से हमारे सामने ही नानाजी का लंड लेने वाली थी।मामी:=क्या सोच रही हो तुम दोनों??चुप क्यू हो??नेहा क्या हुआ?
मैं:=कुछ नहीं मामी बहोत अजीब लग रहा है।
मामी हमारे पास आयीं।
मामी:=देखो मैं भी एक औरत हु मैं तुम दोनों की भावना समझ सकती हु। ये शारीरिक सुख की लालसा हमें वो चीजे भी करने पे मजबूर कर देती है जो की समाज के नजरो में गलत होता है। अगर तुम मुझे भी सिर्फ एक औरत की नजर से देखोगी या अपनी दोस्त की तरह देखोगी जो की तुम्हारे नानाजी से सुख पाना चाहती है तो तुम्हे कुछ अजीब नहीं लगेगा। मुझे बताओ अगर तुम्हारी कोई फ्रेंड होती और तुमसे कहती की उसे तुम्हारे नानाजी से चुदवाना है तो क्या तुम उसकी इच्छा पूरी नहीं करते??
मैं:=हा मामी आप सच कह रही है।
हम सब मामी की बात सुन के दंग थे। मामी जो बहोत शांत स्वाभाव की थी उनमे इतनी कामुकता भरी पड़ी थी ये मैं सोच भी नहीं सकती थी। जाहिर है नेहा उनपे ही गयी थी शायद इसीलिए वो इतनी कामुक है।
नानाजी:=तुमने तो हमारी जान ही निकाल दी थी। देखो इनके चहरे जरा अभी भी डरी हुई है। और तुम मुझसे क्यू चाहती हो? तुम्हारा पति तुम्हे सुख नहीं देता क्या?
मामी:=नहीं वो तो मुझे बहोत सुख देते है। पर आपकी दमदार चुदाई के किस्से सुन सुन के आपसे एक बार जिंदगी में जरूर चुदवाना चाहती थी।
नानाजी:=अच्छा??ठीक है अगर तुम्हारी यही इच्छा है तो ठीक है।
मामी:= हमारी तरफ देख के मुस्कुरा रही थी। ""ह्म्म्म बेटियां कितनी जल्दी जवान हो जाती है। पता ही नहीं चलता । मैं तुमसे नाराज नहीं हु। बस थोड़ी सी खिंचाई कर रही थी। मुझे पता है जवानी में चुदने की लालसा कुछ भी करवाती है। अब तुम दोनों जाओ नीरज के कमरे में और आज मुझे और बाबूजी को अकेला छोड़ दो।
नानाजी:=अरे सुमन रहने दो इन्हे भी यही। लेकिन अगर तुम्हारा पति उठ गया तो?
मामी:=ह्म्म्म उसे तो मैंने आज नींद की गोलिया खिला दी है इसमे बची हुई।
नानाजी:=ओह्ह्हज अच्छा है।
बहोत ही अजीब लग रहा था। ये कैसेकैसे मोड़ ले रही थी हमारी जिंदगी? पहले पापा मामाजी अब मामी.....और ना जाने क्या क्या होने वाला था। पर अब जो होने वाला था उसके बारे में सोच सोच के मैं स्तब्ध थी.........................!!!!
मुझे बहोत ही अजीब सी फीलिंग आ रही थी। नेहा भी कुछ बोल नहीं पा रही थी। क्यू की हम दोनों ये जानते थे एक बार अगर मामी नानाजी से चुद गयी तो वो उनका पीछा नहीं छोड़ेंगी। इससे हमें बहोत दिक्कत हो जाती। पर हम कुछ भी तो नहीं कर सकते थे शिवाय ये देखने की मामि किस बेशर्मी से हमारे सामने ही नानाजी का लंड लेने वाली थी।मामी:=क्या सोच रही हो तुम दोनों??चुप क्यू हो??नेहा क्या हुआ?
मैं:=कुछ नहीं मामी बहोत अजीब लग रहा है।
मामी हमारे पास आयीं।
मामी:=देखो मैं भी एक औरत हु मैं तुम दोनों की भावना समझ सकती हु। ये शारीरिक सुख की लालसा हमें वो चीजे भी करने पे मजबूर कर देती है जो की समाज के नजरो में गलत होता है। अगर तुम मुझे भी सिर्फ एक औरत की नजर से देखोगी या अपनी दोस्त की तरह देखोगी जो की तुम्हारे नानाजी से सुख पाना चाहती है तो तुम्हे कुछ अजीब नहीं लगेगा। मुझे बताओ अगर तुम्हारी कोई फ्रेंड होती और तुमसे कहती की उसे तुम्हारे नानाजी से चुदवाना है तो क्या तुम उसकी इच्छा पूरी नहीं करते??
मैं:=हा मामी आप सच कह रही है।