hotaks444
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हम लोग ऊपर आ गए। ऐसेही इधर उधर की बाते करते हुए सोने लगे। मैं उठी पानी पिने के लिए लेकिन पानी नहीं था सो निचे जाने लगी...मैं किचन में पहोची और पानी लेने लगी। तभी किचन का लाइट बंद हो गया...मुझे लगा लाइट चली गयी...मैं थोडा घबरा गयी...लेकिन पलट के जब देखा तो बाकि घर की लाइट जल रही थी...तभी सामने से कोई आता दिखा...मैंने गोर से देखा वो मामा थे। मेरा दिल जोर से धक् किया।
मैं:- क..को...कोन है?
मामा:- मैं हु माधवी...
मैं:- ओह्ह्ह आप हो...लाइट क्यू चली गयी यहाँ की?
मामा मेरी तरफ बढ़ रहे थे...मेरे एकदम करीब आ गए...वो मैंने बंद कर दी...
मैं समझ गयी की मामा का इरादा क्या है...
मैं:- क्यू??
मामा:- क्या क्यू?? वो मेरे पास आके मुझे कमर से पकड़ के अपनी और खीचा ....माधवी जब से उस दिन तुम्हारे साथ वो सब किया है उस दिन से बस तुम्हारे बारे में सोच रहा हु...स्स्स्स इन चुचियो को दबाया है इस चूत का रस पिया है और....
मामा कुछ बोल पाते उसके आगे मैं बोल पड़ी ....
मैं:- जब से मैंने आपका लंड चूसा है स्स्स्स्स् यही ना....
मामा:- हा माधवी उफ्फ्फ्फ़ आज एक बार फिर मेरा लंड इन प्यारे होटो से चूस लो.... और मुझे तुम्हारी गुलाबी चूत का रस पिला दो स्सस्सस्स
मैं:-अह्ह्ह्ह्ह स्स्स्स मामा उम्म्म लेकिन आप उसके बाद चोदने की जिद्द करने लगते हो....मैं जान बुज के उनको उकसा रही थी लंड चुदाई जैसे वर्ड इस्तमाल करके...मैं तो चाहती ही थी की आज मामा मेरी चुदाई कर दे और मुझे किसी बात का डर भी नहीं था क्यू की अगर कोई देख भी लेता तो क्या करता....सब एक ही डाल के पंछी थे।
मामा:-स्स्स्स नही करूँगा माधवी ...मामा मेरी चूत पे अपना लंड रगड़ रहे थे ।
मैं:- स्स्स्स अह्ह्ह्ह झूठ ...देखो अभी कैसे मेरी चूत पे लंड रगड़ रहे हो उम्म्म्म्म
मामा:- स्स्स्स तुम भी तो मजे से टांगे फैला के खड़ी हो ताकि मेरे लंड का मजा ले सको स्स्स्स।
मैं:- स्सस्सस्स मैं तो बस ऐसेही खड़ी हु....मैं अपने होठ उनके ओठो के पास ले जाके धीरे से एकदम सेक्सी अंदाज से बोली....आप ही तो निशाना लगा के मेरी चूत पे लंड घिस रहे हो स्सस्सस्स कपडे है वरना स्स्स्स्स् अह्ह्ह्ह्ह अब तक तो आप मुझे चोद चुके होते....
मामा:- स्स्सस्सस्सह्ह्ह्ह् उम्म्म अगर चोदना ही होता तो कब का चोद देता...लेकिन जबरदस्ती में मजा नहीं...मामा मेरे और नजदीक अपने ओठ लेके आते हुए कहा।
मैं:- अह्ह्ह्ह स्स्स्स तो फिर कैसे आता है मजा ??
मैं मामा के सर में बालो में हाथ घूमते हुए उनकी आँखों में देखते हुए कहा..
मैं:- क..को...कोन है?
मामा:- मैं हु माधवी...
मैं:- ओह्ह्ह आप हो...लाइट क्यू चली गयी यहाँ की?
मामा मेरी तरफ बढ़ रहे थे...मेरे एकदम करीब आ गए...वो मैंने बंद कर दी...
मैं समझ गयी की मामा का इरादा क्या है...
मैं:- क्यू??
मामा:- क्या क्यू?? वो मेरे पास आके मुझे कमर से पकड़ के अपनी और खीचा ....माधवी जब से उस दिन तुम्हारे साथ वो सब किया है उस दिन से बस तुम्हारे बारे में सोच रहा हु...स्स्स्स इन चुचियो को दबाया है इस चूत का रस पिया है और....
मामा कुछ बोल पाते उसके आगे मैं बोल पड़ी ....
मैं:- जब से मैंने आपका लंड चूसा है स्स्स्स्स् यही ना....
मामा:- हा माधवी उफ्फ्फ्फ़ आज एक बार फिर मेरा लंड इन प्यारे होटो से चूस लो.... और मुझे तुम्हारी गुलाबी चूत का रस पिला दो स्सस्सस्स
मैं:-अह्ह्ह्ह्ह स्स्स्स मामा उम्म्म लेकिन आप उसके बाद चोदने की जिद्द करने लगते हो....मैं जान बुज के उनको उकसा रही थी लंड चुदाई जैसे वर्ड इस्तमाल करके...मैं तो चाहती ही थी की आज मामा मेरी चुदाई कर दे और मुझे किसी बात का डर भी नहीं था क्यू की अगर कोई देख भी लेता तो क्या करता....सब एक ही डाल के पंछी थे।
मामा:-स्स्स्स नही करूँगा माधवी ...मामा मेरी चूत पे अपना लंड रगड़ रहे थे ।
मैं:- स्स्स्स अह्ह्ह्ह झूठ ...देखो अभी कैसे मेरी चूत पे लंड रगड़ रहे हो उम्म्म्म्म
मामा:- स्स्स्स तुम भी तो मजे से टांगे फैला के खड़ी हो ताकि मेरे लंड का मजा ले सको स्स्स्स।
मैं:- स्सस्सस्स मैं तो बस ऐसेही खड़ी हु....मैं अपने होठ उनके ओठो के पास ले जाके धीरे से एकदम सेक्सी अंदाज से बोली....आप ही तो निशाना लगा के मेरी चूत पे लंड घिस रहे हो स्सस्सस्स कपडे है वरना स्स्स्स्स् अह्ह्ह्ह्ह अब तक तो आप मुझे चोद चुके होते....
मामा:- स्स्सस्सस्सह्ह्ह्ह् उम्म्म अगर चोदना ही होता तो कब का चोद देता...लेकिन जबरदस्ती में मजा नहीं...मामा मेरे और नजदीक अपने ओठ लेके आते हुए कहा।
मैं:- अह्ह्ह्ह स्स्स्स तो फिर कैसे आता है मजा ??
मैं मामा के सर में बालो में हाथ घूमते हुए उनकी आँखों में देखते हुए कहा..